गया के जिलाधिकारी ने हीटवेव (लू) से बचाव संबंधित अधिकारियों के साथ किए बैठक, 100 बेड सेपरेट हीटवेव का स्पेशल वार्ड घोषित करने का निर्देश
गया। जिलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में हीटवेव (लू) से बचाव संबंधी समीक्षा बैठक जिला स्तरीय विभिन्न विभागों के पदाधिकारी के साथ समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी भी मौजूद थे।
बैठक में हीटवेव (लू) से बचाव हेतु आपदा विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी का शत प्रतिशत पालन करना सुनिश्चित करेंगे। नगर आयुक्त, गया नगर निगम को निर्देश दिया गया की जहां भी पियाऊ/चापाकाल बंद पड़े हैं, उन्हें यथाशीघ्र चालू करवाना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही रैन बसेरा में कूलर, शुद्ध पेयजल, ओआरएस, इत्यादि पर्याप्त मात्रा में रखना सुनिश्चित करेंगे।
जिलाधिकारी ने नगर आयुक्त, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, नगर पंचायत को निर्देश दिया की नगर निगम, नगर निकाय क्षेत्र के वार्ड पार्षद, मुखिया के साथ हिट वेव से बचाव से संबंधित बैठक करना सुनिश्चित करेंगे ताकि आवश्यकता पड़ने पर त्वरित उपचार किया जा सके।
बैठक में सिविल सर्जन को आदेश दिया गया कि जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर विशेष हिटवेव वार्ड आरक्षित करना सुरक्षित करेंगे, जहां कूलर, पेयजल, ओआरएस, जीवन रक्षक दवाइयां इत्यादि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखेंगे। साथ ही जिले में उपलब्ध सभी एंबुलेंस को सुचारू करते हुए सभी प्रखंडों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया की सभी आशा, एएनएम, सेविका, सहायिका, जीविका दीदी तथा प्रखंड के शिक्षकों को रोस्टरवार हीटवेव से सुरक्षा व बचाव से संबंधित प्रशिक्षण देना सुनिश्चित करेंगे।
हीटवेव समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी ने अधीक्षक मगध मेडिकल अस्पताल को निर्देश दिए कि एयर कंडीशन सहित कम से कम 100 बेड सेपरेट रखते हुए हीटवेव का स्पेशल वार्ड घोषित करें। हीटवेव के अनुरूप स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई एस०ओ०पी० के तहत एक चेक लिस्ट बनाए, उसी के अनुरूप सभी तैयारियां को सुनिश्चित करवाएं। सभी प्रकार की दवाएं एवं उपचार सामग्री मौजूद रखें। डीप फ्रीजर एवं आइसबॉक्स हर हाल में मौजूद रखें।
उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से यह सुनिश्चित कराएं की सभी सरकारी अस्पतालों में हीटवेव संबंधित सभी तैयारियां पूर्ण रखे। आइस बॉक्स, ओ आर एस तथा अन्य महत्वपूर्ण दवाई उपलब्ध रखें।
जिला पदाधिकारी ने जिला पशुपालन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि कैटल टफ को चालू हालत में रखना सुनिश्चित करें ताकि पशुओं को पानी मिल सके।
अग्निकांड के समीक्षा में जिला पदाधिकारी ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी तथा अंचल अधिकारी को निर्देश दिए कि यदि किसी क्षेत्र में अग्निकांड की घटना होती है, तो उसे तुरंत बाद ही पीड़ित लोगों को रहने की व्यवस्था, खाने पीने की व्यवस्था के साथ-साथ पॉलिथीन सीट तथा मुआवजा का वितरण 24 घंटे के अंदर करवाना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने अग्निशमन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि जिले के सभी फायर ब्रिगेड की वाहनों को दुरुस्त रखते हुए कहीं से अगलगी की सूचना आने पर तुरंत रिस्पॉन्ड करेंगे।
जिलाधिकारी ने अपर समाहर्ता (आपदा) तथा प्रभारी पदाधिकारी, आपदा को निर्देश दिया की हीटवेव (लू) से बचाव हेतु "क्या करें, क्या न करें" से संबंधित पैंपलेट का वितरण पंचायत स्तर पर करवाना सुनिश्चित करेंगे।
ज़िलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम ने गया जिलावासियों से अपील किया है कि आपदा विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी तथा नीचे बताए गए उपायों का पालन कर गर्म हवाओं/लू के बुरे प्रभाव से बचे। बिना जरूरी कार्यों के घर से बाहर ना निकले। धूप में निकलने के दौरान अपने माथे पर तौलिया या टोपी अनिवार्य रूप से पहने।
गर्म हवाएं एवं लू से सुरक्षा के उपाय
क्या करें:-
● जितनी बार हो सके पानी पियें, बार-बार पानी पियें।
● सफर में अपने साथ पीने का पानी हमेशा रखें।
● जब भी बाहर धूप में जायें यथा संभव हल्के रंग के ढीले ढाले एवं सूती कपड़े पहने। धूप के चश्मे का इस्तेमाल करें। गमछे या टोपी से अपने सिर को ढक के रखें व हमेशा जूता या चप्पल पहने।
● हल्का भोजन करें, अधिक पानी की मात्रा वाले मौसमी फल जैसे- तरबूज, खीरा, ककड़ी, खरबूजा, संतरा आदि का अधिक से अधिक सेवन करें।
● घर में बने पेय पदार्थ जैसे लस्सी, नमक-चीनी का घोल, छाछ, नींबू-पानी, आम का पन्ना इत्यादि का नियमित सेवन करें।
● अपने दैनिक भोजन में कच्चा प्याज, सत्तू, पुदीना, सौंफ तथा खस को भी शामिल करें।
● स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान और आगामी तापमान के परिवर्तन के बारे में विभिन्न विश्वसनीय सूत्रों से लगातार जानकारियां लेते रहें।
● अगर तबीयत ठीक न लगे या चक्कर आये तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
क्या न करें
● जहां तक संभव हो कड़ी धूप में बाहर न निकलें।
● अधिक तापमान में बहुत अधिक शारीरिक श्रम न करें।
● चाय, कॉफी जैसे गर्म पेय तथा जर्दा तंबाकू आदि मादक पदार्थों का सेवन कम से कम अथवा न करें।
● ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन जैसे- मांस, अंडा व सूखे मेवे, जो शारीरिक ताप को बढ़ाते है, का सेवन कम करें अथवा न करें।
● यदि व्यक्ति गर्मी यां लू के कारण उल्टियां करें या बेहोश हो तो उसे कुछ भी खाने-पीने को न दें।
● बच्चों को बंद वाहनों में अकेला न छोड़ें।
लू लगने पर क्या करें
● लू लगे व्यक्ति को छांव में लिटा दें। अगर उसके शरीर पर तंग कपड़े हो तो उन्हें ढीला कर दें अथवा हटा दें।
● लू लगे व्यक्ति का शरीर ठंडे गीले कपड़े से पोछे या ठंडे पानी से नहलाएं।
● उसके शरीर के तापमान को कम करने के लिए कूलर, पंखे आदि का प्रयोग करें।
● उसके गर्दन, पेट एवं सिर पर बार-बार गीला तथा ठंडा कपड़ा रखें।
● उस व्यक्ति को ओ.आर. एस./नींबू-पानी, नमक चीनी का घोल, छाछ या शरबत पीने को दें, जो शरीर में जल की मात्रा को बढ़ा सके।
● लू लगे व्यक्ति की हालत में यदि एक घंटे तक सुधार न हो तो उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं।
बैठक में उप विकास आयुक्त, नगर आयुक्त, एडीएम (राजस्व, आपदा), सिविल सर्जन, विशेष कार्य पदाधिकारी, वरीय उप समाहर्ता, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, जिला जन संपर्क पदाधिकारी सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।
Apr 27 2024, 14:37