खूंटी लोकसभा: खूंटी इस बार बना रोमांचक मुकाबला का केंद्र,16 महारथियों के बीच अर्जुन मुंडा का ताज़ कितना है सेफ जानने के लिए पढ़िए पुरी खबर...?
झारखंड डेस्क
झारखंड का खूंटी लोकसभा क्षेत्र इस बार रोमांचक मुकाबला के लिए तैयार है। इस लोकसभा से इस बार् 16 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैँ। मुंडा बहुल क्षेत्र खूंटी लोकसभा क्षेत्र भाजपा का गढ रहा है। वर्तमान मे यहाँ से केंद्रीय मंत्री अर्जून मुंडा सांसद हैँ।
खूंटी लोकसभा की पृष्टभूमि
1962 में खूंटी सीट से झारखंड पार्टी के जयपाल सिंह मुंडा पहली बार सांसद बने थे। 1967 में उन्होंने फिर से इस सीट पर चुनाव जीत लिया था। 1971 में भी यह सीट झारखंड पार्टी के ही खाते में गई थी, लेकिन निरल एनेम होरो यहां से सांसद बने थे।
1977 में जनता पार्टी के करिया मुंडा ने पहली बार यहां से चुनाव जीता था। 1980 में यह सीट फिर से झारखंड पार्टी के खाते में गई थी और निरल एनेम होरो ने यहां से चुनाव जीता था। कांग्रेस पार्टी ने 1984 में पहली बार इस सीट पर जीत दर्ज की थी। सिमोन टिग्गा यहां से चुनाव जीते थे।
इसके बाद 1989, 1991, 1196, 1998, 1999 और 2004 में इस सीट पर बीजेपी ने ही जीत दर्ज की और करिया मुंडा सांसद रहे। 2004 में कांग्रेस की सुशीला केरकेट्टा ने यहां से जीत दर्ज की, लेकिन 2009, 2014 और फिर 2019 में यह सीट फिर से बीजेपी के खाते में चली गई।
2019 में अर्जून मुंडा यहाँ से सांसद बने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के कालीचरण मुंडा को 1445 वोटों के अंतर से हराया था। अर्जुन मुंडा को 2019 के चुनाव में 381193 वोट प्राप्त हुए थे।
खूंटी लोकसभा में आती हैं 6 विधानसभा सीटें
खूंटी लोकसभा सीट में कुल 6 विधानसभा सीटें हैं जिनके नाम हैं- खरसावन, तमाड़, तोड़पा, खूंटी, सिमडेगा और कोलेबीरा का नाम शामिल है। इन 6 विधानसभा सीटों में कुल 5,98,630 पुरुष वोटर हैं। महिला मतदाताओं की संख्या 6,04,032 हैं। 2019 में कुल वोटरों की संख्या 8,32,377 थी। जिनमें से कुल पुरुष मतदाता 4,10,870 और महिला मतदाता 4,19,556 थीं। 2019 में कुल मतदान प्रतिशत 69.21% था।
इस बार होगा कड़ा मुकाबला
यह सीट इस बार काफी रोमांचक चुनावी रण क्षेत्र के रुप में तब्दील हो सकता है। यहां से इस बार चुनावी मैदान में 16 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमाते हुए चुनावी रण में शामिल हो रहे हैं। जिसके कारण वोटों का बटवारा होगा ऐसे हालत में कौन किसका वोट कटेगा और किसके सिर यहाँ का ताज़ सजेगा यह अभी देखना है। क्योंकि अगले चुनाव में बहुत कम अंतर से अर्जुन मुंडा ने कोंग्रेस प्रत्याशी कालीचरण को मात दी थी।
2024 के लोकसभा चुनाव में कौन कौन उम्मीदवारों हैँ मैदान में...?
1: अर्जुन मुंडा : भारतीय जनता पार्टी
2: काली चरण मुंडा : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
3: बबीता कच्छप : भारत आदिवासी पार्टी
4: अर्पणा हंस : झारखंड पार्टी (एनोस गुट)
5: काशीनाथ सांगा : लोकहित अधिकार पार्टी
6: सोमा मुंडा : अबुआ झारखंड पार्टी
7: बसंत कुमार लोंगा : स्वतंत्र
8: आहलाद केरकेट्टा : स्वतंत्र
9: पास्टर संजय तिर्की : स्वतंत्र
10: जयपाल मुंडा : भागीदारी पार्टी (पी)
11: सुबोध पूर्ति : स्वतंत्र
12: सामुएल पूर्ति : आंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया
13: प्यारा मुंडू : झारखंड पार्टी (एन ई होरो गुट)
14: थॉमस डांग : पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक)
15: सावित्री देवी : बहुजन समाज पार्टी
16: समड़ोम गुडिया : आंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया
खूंटी रहा है हमेशा चर्चाओं का केंद्र....!
उल्लेखनीय है कि खूंटी जिला अक्सर सुर्खियों में रहता है।
संयुक्त बिहार में इसे पहला अनुमंडल बनाया गया था।
मुंडा बहुल इस जिला में बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के विरुद्ध उलगुलान किया था।
वर्ष 1890 से लगभग 10 वर्ष तक चले बिरसा आंदोलन का प्रमुख केंद्र खूंटी ही था।
कोयल- कारो बांध का विरोध भी इसी इलाके में हुआ था।
झारखंड गठन के बाद जनआंदोलन होते रहे। मित्तल कंपनी के स्टील प्लांट और सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ हुए आंदोलनों के लिए भी जाना जाता है।
किम्बन्दतियां और प्राचीन इतिहास
खूंटी क्षेत्र का पहले नाम खुंति था, लेकिन बाद में इसे बदलकर खूंटी कर दिया गया है। कहा जाता है कि छोटानागपुर के राजा मदरा मुंडा के बेटे सेतिया के आठ बेटे थे। उन्होंने ही एक खुंटकटी गांव की स्थापना की जिसे उन्होंने खुंति नाम दिया और जो बाद में खूंटी हो गया। कुछ जगहों पर इसे महाभारत की कुंती से भी जोड़ा जाता है। यह क्षेत्र क्रांतिकारी नायक बिरसा मुंडा के लिए भी जाना जाता है। बिरसा मुंडा के नेतृत्व में ब्रिटिशों के खिलाफ लंबे समय तक चले संघर्ष को इतिहास में दर्ज किया गया है। इस क्षेत्र में अंगराबारी का शिव मंदिर धार्मिक रूप से बेहद लोकप्रिय जगह है।
Apr 27 2024, 13:38