49 फ़िल्म हस्तियों और इतिहासकार समेत उस समय के तत्कालीन एसएसपी की बढ़ सकती है मुश्किलेंकोर्ट ने परिवादी से शपथ पत्र लेकर शुरू की पूरे मामले की तहक
मुजफ्फरपुर : 23/07/2019 को परिवादी के द्वारा मामला दर्ज कराया गया था.. इन फिल्मी हस्तियों में शामिल अर्पणा सेन, अदुर गोपाल कृष्णन, शोभा दुग्गल, सोमित चटर्जी, रेवती, कोन्कना सेन, श्याम बेनेगल, मणि रत्नम, रामचन्द्र गुआ एवं अन्य 40 फिल्मी कलाकर एवं इतिहासकार के विरुद्ध दर्ज करवाये थे। घटना दिनांक 23.07.2019 की है। माननीय न्यायालय द्वारा दण्ड प्रकिया की धारा 156 (3) के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आदेश दिया गया था।
न्यायालय के आदेश के आलोक में सदर थाना कांड संख्या-673/2019 इन सभी अभियुक्तों के विरुद्ध नामजद दर्ज किया गया। परन्तु अनुसंधान के कम में अनुसंधानकर्ता के द्वारा मेरे द्वारा दिए गए साक्षियों का बयान केस डायरी में अनुसंधान के कम में दर्ज नहीं कि गयी। नगर पुलिस उपाधिक्षक के द्वारा सुपरवीजन भी नहीं किया गया और वरीय पुलिस अधीक्षक तात्कालीन मनोज कुमार के द्वारा बिना अनुसंधान किये एवं जांच किये असत्य कर सुपरवीजन निकाल दिया गया और अनुसंधानकर्ता के द्वारा न्यायालय में समर्पित की गयी। जिसके विरूद्ध में मेरे द्वारा विरोध-पत्र श्रीमान् के न्यायालय में दाखिल किया गया। उसी आलोक में परिवाद पत्र 322/2021 दर्ज करते हुए जांच में रखा गया है।
मेरे द्वारा उपरोक्त अभियुक्तगण के विरूद्ध परिवाद पत्र में लगाये गये आरोप से सम्बन्धित विरोध पत्र दाखिल कि गयी है, जिसमे गवाह महेश साह, संतोष कुमार, कंगना रनौत, मधुकर मंडाकर का कोई बयान पुलिस द्वारा नहीं ली गयी। अन्य गवाहों का भी बयान अनुसंधान के कम में नहीं लिया गया। प्राथमिकी में वशिष्ट नारायण ओझा को गवाह नहीं बनाया गया था फिर भी पुलिस ने उनका बयान डायरी में दर्ज कर भेजा है।
दर्ज परिवाद पत्र में मैंने आरोप लगाया है कि दिनांक 23.07.2019 को सभी टीवी चैनल एवं अखबारों में देखने एवं पढ़ने का मौका मिला। जिसमें नामित अभियुक्तगण के साथ-साथ 49 फिल्मी कलाकारों के द्वारा एक पत्र प्रधानमंत्री के नाम लिखा गया, जिसमे आरोप लगाया गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासनकाल में दलित असुरक्षित है, मुस्लिम असुरक्षित है और खुलेआम मौब लीचिंग किया जा रहा है। उसी पत्र में यह भी जिक था कि श्रीराम का नारा लगाते हुए इनके राज्य में लोग कानून अपने हाथ में ले रहे है, उक्त पत्र को अभियुक्तगण द्वारा प्रचारित प्रसारित कर देश को खंड-खंड करने, विदेश में बदनाम करने एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि अपने देश में तथा विदेश में खराब करने का कार्य किया जा रहा है। इनके विरूद्ध में 62 फिल्मी कलाकारों ने एक पत्र में प्रधानमंत्री को लिखकर अभियुक्तगण द्वारा लिखे गये पत्रों में आरोप का जोरदार विरोध किया है, जिसका अखबार की छाया प्रति परिवाद पत्र के साथ संलग्न है।
अभियुक्तगण के द्वारा पत्र में इस बात का जिक किया गया कि जय श्रीराम का नारा लगाकर मौब लीचिंग का कार्य किया जा रहा है जिसे पढ़ और सुनकर मेरी भावना आहत हुई एवं धार्मिक भावानओं का ठेस पहुँचा। देश के करोड़ों हिन्दुओं के धार्मिक भावना पर ठेस पहुँचाने का कार्य किया गया। भगवान राम का नाम लेकर बदनाम किया गया।
न्यायालय द्वाराः-
1.मुझे पेपर, न्यूज चाईनल वैगरह से उक्त घटना के सम्बन्ध में जानकारी हुई थी।
2. मुझे नेट एवं बेबसाईट पर पत्र को पढ़ने का मौका मिला था। उक्त पत्र को मैंने दाखिल किया है।
3. मेरे अलावा इस पत्र को महेश साह, संतोष कुमार, अजीत कुमार ने पार अग्नोहत्री, कंगना रनौत, मधुर भंडारकर के संत अभियुक्त के पत्र का खंडन किया गया है. उसे भी पढ़ने का मौका मिला है। जिसकी छाया द्वारा मेरे द्वारा दाखिल किया।
मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी
Apr 25 2024, 20:10