बुजुर्ग ने लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को मारी गोली ,पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा

लखनऊ। राजधानी के थाना ठाकुरगंज क्षेत्र में एक बुजुर्ग ने अपनी ही लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मामले की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच में जुट गई है।

मृतक अब्दुल खालिक मालिक (65) पुत्र अब्दुल हफीज बाबा हजारा बाग गढ़ी पीरखान थाना ठाकुरगंज के निवासी थे। बुधवार को सुबह के समय अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर आत्म हत्या कर ली। उनके भांजे जुनैद से मामले की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमाटर्म के लिए भेज दिया। जुनैद की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।

जुनैद ने बताया की उसके मामा बीमारी के चलते काफी परेशान रहते थे। जिसके चलते उन्होंने ऐसा कदम उठाया। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार कर रही है। मृतक की पत्नी का पूर्व में ही देहांत हो चुका है उसकी एक बेटी है जिसका विवाह हो चुका है और वह अपने तीन भांजो के साथ रहता था।

हमीरपुर :हादसे में दूल्हे के चाचा, भतीजा समेत तीन की मौत

लखनऊ । हमीरपुर में कार में सवार दूल्हे के चाचा, भतीजा समेत तीन लोगों की मौत से यहां शादी समारोह में कोहराम मच गया है। जयमाल कार्यक्रम के बाद शादी की सभी रस्में रोक दी गई। हादसे की जानकारी मिलते ही बुधवार को दूल्हा भी शादी का मंडप छोड़ चला गया। जिससे दुल्हन की विदाई नहीं हो सकी।

दुल्हन की नहीं उठ सकी डोली, शादी समारोह में मचा कोहराम

कुरारा कस्बे के भगत तालाब के पास रहने वाले मूलचन्द्र बाल्मीकि की बेटी मधु की शादी कानपुर देहात के बारा जोड़ गांव के जरेला मडैया निवासी राकेश कठेरिया के साथ तय हुई थी। राकेश कठेरिया गांव का सरपंच है। यहां लड़की पक्ष ने शादी के सभी कार्यक्रम कुरारा कस्बे के मां आनंद कृपा गेस्ट हाउस में रखे थे। रात में गांव का सरपंच राकेश कठेरिया बारातियों को लेकर यहां आया था। दुल्हन पक्ष के लोगों ने बारातियों का खूब स्वागत सत्कार किया। शादी के स्टेज पर जयमाल कार्यक्रम हुआ। एक दूसरे को वरमाला पहनाई गई।

चाचा, भतीजा समेत तीन लोगों की मौत पर दूल्हे ने छोड़ा मंडप

इसी बीच बारातियों को लेकर वापस गांव जा रही कार के पलटने से तीन लोगों की मौत होने की खबर से जैसे ही दूल्हे को मिली तो शादी समारोह में कोहराम मच गया। दूल्हा अपने परिजनों और रिश्तेदारों के साथ शादी का मंडप छोड़कर मौके पर चला गया। नगर पंचायत कुरारा के पूर्व चेयरमैन माया बाल्मीकि व उनके पति घनश्याम ने बुधवार शाम बताया कि हादसे में दूल्हे का चाचा, भतीजा और एक अन्य रिश्तेदार की मौके पर मौत हो गई है। कुछ लोग घायल हुए हैं। बताया कि हादसे में तीन मौत से शादी के कार्यक्रम रुक गए हैं।

नारियल के बीच छिपाकर ले जा रहे थे 38 लाख का गांजा, एसटीएफ ने दो को किया गिरफ्तार 

लखनऊ ।  एसटीएफ यूपी को अवैध मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोह के दो सक्रिय सदस्यों को 1.52 कुन्तल गांजा (अनुमानित मूल्य लगभग 38 लाख रुपए) के साथ गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई। गिरफ्तार अभियुक्तों का नाम  राम सिंह पुत्र छेदी लाल सिंह, धर्मवीर सिंह पुत्र हरेन्द्र पाल सिंह है। एसटीएफ को अवैध मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले शातिर तस्करों के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों व टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था।

*एसटीएफ को काफी दिनों से थी इनकी तलाश*

उक्त निर्देश के क्रम में शैलेश प्रताप सिंह, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ फील्ड इकाई, प्रयागराज के पर्यवेक्षण में जानकारी एकत्र की जा रही थी। इसी क्रम में टीम को  ज्ञात हुआ कि अवैध मादक पदार्थों की व्यापक स्तर पर तस्करी करने वाले गिरोह के सक्रिय सदस्य उड़ीसा से डीसीएम अशोक लीलैण्ड नंबर यूके 4 सीसी 0626 में अवैध मादक पदार्थ (गांजा) लोड करके मीरजापुर होते हुए कानपुर नगर जाने वाले है। इस सूचना पर उपनिरीक्षक रणेन्द्र कुमार सिंहके नेतृत्व में टीम द्वारा सोनभद्र-वाराणसी हाईवे पर अहरौरा टोल प्लाजा, थाना क्षेत्र अहरौरा जनपद मीरजापुर के पास उक्त ट्रक को रोककर तलाशी ली गयी तो नारियल के बीच में भारी मात्रा में अवैध मादक पदार्थ (गांजा) छिपाकर रखा हुआ पाया गया, जिस पर दोनों तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया।

*उड़ीसा से गांजा लाकर यूपी के विभिन्न जनपदों में करते थे सप्लाई*

गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ पर बताया कि उनका अवैध मादक पदार्थ तस्करी का सक्रिय गिरोह है, जो अपने आर्थिक व भौतिक लाभ के लिये रायगढ़ा (उड़ीसा) राज्य से गांजा लाकर यूपी के विभिन्न जनपदों में ऊँचें दामों में बेचता है। इस गिरोह में कानपुर नगर निवासी शिशुपाल सिंह भी शामिल है, जिसके साथ मिलकर यह लोग कई वर्षों से अवैध गांजे की तस्करी करते है। इस काम में जो भी मुनाफा होता है वह आपस में बांट लेते है। यह लोग कुछ दिन पहले कानपुर नगर से ट्रान्सपोर्टेशन का सामान लेकर उड़ीसा गये थे और वहां से कानपुर के किसी व्यापारी का नारियल लोड किये थे। इसके पूर्व भी इनके द्वारा कई बार उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड में गाँजा सप्लाई किया जा चुका है। गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध थाना अहरौरा, जनपद मिजार्पुर में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
लोकसभा चुनाव : दूसरे चरण की दो सीटों पर 40 साल पहले जीती थी कांग्रेस
लखनऊ। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर मतदान होगा। दूसरे चरण की जिन चार सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है, उनमें से दो सीटों पर उसे आखिरी बार 40 साल पहले जीत मिली थी। वहीं शेष दो में से एक सीट पर उसका अब तक खाता नहीं खुला, और एक पर उसे 20 साल पहले जीत नसीब हुई थी। उल्लेखनीय है कि, सपा-कांग्रेस का इस चुनाव में गठबंधन है। कांग्रेस कुल 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

*दूसरे चरण में कांग्रेस के हिस्से की सीटें,अमरोहा 40 साल पहले जीती कांग्रेस*

प्रदेश में दूसरे चरण में अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलन्दशहर (सु0), अलीगढ़, मथुरा लोकसभा क्षेत्र में मतदान होगा। इनमें से अमरोहा, गाजियाबाद, बुलन्दशहर (सु0) और मथुरा कांग्रेस के खाते में हैं। शेष सीटों पर सपा के प्रत्याशी मैदान में हैं। इस चरण के सभी आठ सीटों पर कांग्रेस का पिछला प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि आकड़े बया कर रहे है। पश्चिम उत्तर प्रदेश की अहम अमरोहा सीट पर कांग्रेस की आखिरी जीत 40 साल पहले 1984 के आम चुनाव में हुई थी। उसके बाद कांग्रेस का यहां खाता नहीं खुला। 1957 में इस सीट पर हुए पहले चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। 1962 के चुनाव में कांग्रेस का कब्जा बरकरार रहा। 1967 और 1971 में सीपीआई ने यहां से जीती। 1977 में भारतीय लोकदल और 1980 में यहां से जनता पार्टी सेक्यूलर को सफलता हासिल हुई। 2014 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और 2019 के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) यहां जीती। समाजवादी पार्टी (सपा) का इस सीट पर अब तक खाता नहीं खुला है।

*बुलंदशहर में आखिरी जीत 1984 के चुनाव में मिली,गाजियाबाद में अब तक खाता नहीं खुला*

बुलंदशहर सीट 1952 में अस्तित्व में आई। 1952 से लेकर 1971 के कुल पांच चुनाव में यहां कांग्रेस ने लगातार जीत दर्ज की। 1977 के चुनाव में भारतीय लोकदल ने कांग्रेस की जीत का सिलसिला तोड़ा। 1980 में जनता पार्टी सेक्यूलर ने यहां जीत हासिल की। 1984 में कांग्रेस ने यहां जीत का झंडा गाड़ा। ये कांग्रेस की इस सीट पर आखिरी जीत थी। पिछले 40 सालों से इस सीट पर कांग्रेस जीत का सूखा झेल रही है। 1991 से लेकर 2004 तक लगातार पांच चुनाव यहां भाजपा ने जीते। 2009 में यहां सपा की साइकिल दौड़ी। 2014 से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। इस सीट पर अब तक हुए 17 में से 7 चुनाव भाजपा ने जीते। बसपा का तो यहां अब तक खाता ही नहीं खुला।
उत्तर प्रदेश के वीआईपी सीटों में शुमार गाजियाबाद सीट 2009 में अस्तित्व में आई थी। इस सीट पर कांग्रेस का खाता अब तक नहीं खुला। इस सीट पर हुए पहले चुनाव में भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने कमल खिलाया था। 2014 में भाजपा प्रत्याशी वीके सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर को हराया था। जीत का अंतर 5 लाख 67 हजार 260 वोट के बड़े अंतर से पटखनी दी थी। इस चुनाव में बसपा और सपा क्रमश: तीसरे और चौथे स्थान पर रहे। 2019 के आम चुनाव में भाजपा उम्मीदवार वीके सिंह ने जीत का सिलसिला जारी रखा। वीके सिंह ने सपा प्रत्याशी सुरेश बंसल को 5 लाख 1 हजार 500 मतों के अंतर से हराया था। कांग्रेस प्रत्याशी डॉली शर्मा 111,944 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रही।

*मथुरा में जीत का दो दशकों से इंतजार,सबसे ज्यादा 6 बार भाजपा ने जीत दर्ज की*

श्रीकृष्ण नगरी मथुरा की संसदीय सीट पर 1952 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के कृष्ण चन्द्रा जीते थे। 1957 में हुए चुनाव में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा। 1962 में उसने जीत के साथ वापसी की। लेकिन 1967 के चुनाव में उसे हार मिली। 1971 में कांग्रेस के चक्रेश्वर सिंह यहां से जीते। 1977 और 1980 के चुनाव में कांग्रेस से जीत दूर ही रही। 1984 के आम चुनाव में मानवेंद्र सिंह ने कांग्रेस की जीता का सूखा खत्म किया। लेकिन इसके बाद उसे जीत के लिए दो दशकों को लंबा इंतजार करना पड़ा। 2004 में कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह आखिरी बार यहां से जीते। 2014 और 2019 के आम चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हेमामालिनी ने जीत हासिल की। 2014 में कांग्रेस-रालोद का गठबंधन था। इस सीट से रालोद प्रमुख जयंत चौधरी को भाजपा उम्मीदवार हेमामालिनी ने करीब ढाई लाख वोटों के अंतर से हराया था। 2019 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हेमामालिनी ने रालोद प्रत्याशी को तकरीबन तीन लाख वोटों के बड़े अंतर से शिकस्त दी थी। कांग्रेस प्रत्याशी मात्र 28 हजार वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहा। इस सीट पर कुल 17 संसदीय चुनाव हुए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 6 बार भाजपा ने जीत दर्ज की है।
बसपा ने तीन सीटों पर घोषित किए प्रत्याशी, बदली गई भीम राजभर की सीट

लखनऊ । बसपा ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर का टिकट बदल दिया है। वह आजमगढ़ की जगह अब सलेमपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। वहीं, पार्टी ने भदोही से इरफान अहमद (बबलू) और हमीरपुर से निर्दोष कुमार दीक्षित को लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया है।

दरअसल, पार्टी ने अपनी रणनीति में अहम बदलाव करते हुए विधानसभा उपचुनाव में भी प्रत्याशी उतारा है। पार्टी ने शाहजहांपुर की ददरौल सीट पर होने वाले उपचुनाव में सर्वेश चंद्र मिश्रा को टिकट दिया है। गौरतलब है कि बसपा उपचुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं उतारती रही है। लोकसभा व विधानसभा के तमाम उपचुनाव के दौरान बसपा ने अपने प्रत्याशी बीते कई वर्षों के दौरान नहीं उतारे हैं।

पार्टी की रणनीति में हुए इस बदलाव के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। जानकारों के मुताबिक बसपा के उपचुनाव में उतरने से ददरौल सीट पर अन्य दलों के प्रत्याशियों के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है। बता दें कि ददरौल सीट पर भाजपा ने अपने दिवंगत विधायक मानवेंद्र सिंह के बेटे अरविंद सिंह को प्रत्याशी बनाया है। वहीं इंडिया गठबंधन ने अवधेश वर्मा को टिकट दिया है।
भीषण गर्मी को देखते हुए कक्षा एक से आठ के परिषदीय व मान्यता प्राप्त विद्यालयों का समय बदला


लखनऊ । प्रदेश में कक्षा एक से आठ के परिषदीय व मान्यता प्राप्त विद्यालयों का समय बदल दिया गया है। इसके अनुसार सभी विद्यालय सुबह 7.30 बजे से दोपहर एक बजे तक चलेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव यतींद्र कुमार ने बेसिक शिक्षा निदेशक को भेजे पत्र में इसका अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा है।

अभी विद्यालयों का समय सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक का है। भीषण गर्मी को देखते हुए शिक्षक व अभिभावक विद्यालयों का समय बदलने की मांग कर रहे थे। पूर्व में कुछ जिलों में बीएसए ने अपने स्तर से इसमें बदलाव भी किया था। किंतु उसे निरस्त कर दिया गया था। दोपहर में विद्यालयों का समय एक घंटा कम होने से बच्चों को काफी राहत मिलेगी।
यूपी में थम गया दूसरे चरण के प्रचार का शोर

लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश की आठ लोकसभा सीटों पर बुधवार की शाम प्रचार का शोर थम गया। दूसरे चरण में आठ लोकसभा सीटों पर कुल 1,67,77,198 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे।



उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण में कुल 91 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होना है। जिसमें गौतमबुद्ध नगर में 15 प्रत्याशी, मथुरा सीट में 15 प्रत्याशी, बुलंदशहर में 6 प्रत्याशी, अमरोहा में 12 प्रत्याशी, मेरठ में 8 प्रत्याशी, बागपत में 7 प्रत्याशी, गाजियाबाद में 14 प्रत्याशी और अलीगढ़ में 14 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। इन लोकसभा सीटों पर 26 अप्रैल की सुबह से बूथों पर मतदान होना है।

निर्वाचन आयोग की टीमों ने मतदान कराने के लिए अपनी पूरी तैयारी कर ली है। वहीं विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी अपने प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित कराने के लिए अपने बूथ एजेंटों से अंतिम दौर की बातचीत शुरू कर दी है। मतदान दिवस पर मतदाताओं को घरों से बाहर निकालने और मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग की टीमें और सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाएं अपील कर रही है।

मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए आयोग की ओर से वोटर के बूथ की जानकारी आनलाइन एप के माध्यम से दी जा रही है। वहीं बूथ तक पहुंचने के लिए भी बूथ लोकेशन के नाम से मोबाइल ऐप की सुविधा दी गयी है।
मौलाना अब्दुल अलीम फारुकी का लंबी बीमारी के बाद इंतकाल

लखनऊ । जमीयत उलमा ए हिन्द के उपाध्यक्ष और जुलूसे मदहे सहाबा के सरपरस्त मौलाना अब्दुल अलीम फारुकी का बुधवार को लंबी बीमारी के बाद सुबह इंतकाल हो गया। उनके जनाजे की नमाज नदवा में अस्र की नमाज के बाद होगी। इसके बाद ऐशबाग कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द ए खाक किया जाएगा।

मौलाना अलीम फारूकी के इंतेकाल की खबर से उनके चाहने वालों में गम की लहर दौड़ गई और लोग चौधरी गढ़ैया स्थित उनके आवास पर पहुंचना शुरू हो गए। करीब 76 वर्षीय मौलाना काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। मौलाना फारूकी अपने पीछे तीन बेटे और बेटी को छोड़ गए हैं।

लखनऊ: सीवर में गिरने से आठ साल के मासूम की मौत, तीन घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन फिर भी नहीं बचा पाएं जान

लखनऊ। जानकीपुरम थाना क्षेत्र में एपीजे अब्दुल कलाम विवि के पास मंगलवार को भंडारे से प्रसाद लेकर बहन और अन्य साथियों के साथ लौट रहा आठ का बच्चा खुले सीवर में गिर गया। सूचना पर पहुंची एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, नगर निगम की टीम ने रेस्क्यू करके उसे बाहर निकालकर ट्रामा सेंटर भिजवाया, जहां उसकी मौत हो गई।

मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि ये घटना दोपहर करीब ढाई बजे की है। लगभग तीन घंटे तक चलाए गए रेस्क्यू आॅपरेशन में सीवर से बच्चे को बाहर निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। सीवर की गहराई 18 फीट थी और बच्चा छोटा था, जिससे उसकी मौत हो गई। बच्चे की पहचान सीतापुर के अकबरपुर का रहने वाला आठ साल के शाहरुख खान के रूप में हुई है। बच्चा अपने परिवार के साथ जानकीपुरम सेक्टर सात में रहता था। घटना की जानकारी पर पहुंचे नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि यहां पर काम करने वाली फर्म के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

एसटीएफ ने सात जालसाजों को किया गिरफ्तार ,फर्जी दस्तावेज पर जमानत कराते थे,काम के बदले में चालीस हजार रुपये लेते थे

लखनऊ । एसटीएफ ने सात जालसालों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में पता चला कि वे फर्जी दस्तावेज तैयार कर कोर्ट में अपराधियों की जमानत कराते थे। एसटीएफ अब उनसे पूछताछ कर रही है। आरोपी अश्चनी से पूछताछ में सामने आया कि जेल में बंद आरोपियों की जमातन के लिए तीस से चालीस हजार रुपये लेता था। इसके बाद फर्जी रूप से जमानतदार लगाकर लोगों को जमानत दिलाता था।

फर्जी दस्तावेज में आधार कार्ड, खतौनी थाने और तहसील की रिपोर्ट लगाई जाती थी। मेराज हुसैन फर्जी जमानतदार लाता था। अश्वनी फोटो, नाम पता, थाने और तहसील की रिपोर्ट देता था। इसके बाद मेराज हुसैन अपने लैपटाप से कूटरचित दस्तावेज बनाकर अश्वनी को देता था। बंटी उर्फ उमाशंकर और प्रहलाद कुमार फर्जी जमानती बनने पर पांच सौ रुपये और खाने-पीने को मिलता था। मोहित गुप्ता ने पूछताछ में बताया कि अश्वनी कागज पर नाम पता लिखकर दे देता था, जिसे मंयक गुप्ता से सुनील से मोहरे तैयार कराकर अश्वनी को देता था।

अश्वनी ने पूछताछ में बताया कि हरीओम निवासी फतेहाबाद आगरा, कमल निवासी शिव निकुंज कालोनी, आगरा, आशोक निवासी थाना एत्मादौला, आगरा और ममता पत्नी जीवनमंडी आगरा फर्जी नाम पता से जमानत देते हैं। कुछ दिनों पहले गैंगस्टर एक्ट थाना सदरबाजार आगरा बनाम अजय निवासी मामले में भी फर्जी तरीके से जमानत करा दी थी। जमानत के आधार कार्ड में कमल और हरीओम के फोटो लगाई गई। इसके अलावा वकील राजू तिवारी, वकील चमन प्रकाश माहौर द्वारा भी फर्जी दस्तावेज से जमानत कराने का मामला सामने आया है। वहीं आरोपी अश्वनी के खिलाफ आगरा के थानों में दो मुकदमा दर्ज है।

आरोपियों के पास 129 फर्जी आधारकार्ड, 24 मोहर, 35 वर्क रजिस्ट्रेशन और बीमा, एक लैपटाप, प्रिंटर, पैन कार्ड, आईडी कार्ड, आधार कार्ड, थाने, तहसील और बैंक के आठ दस्तावेज, 21 खतौनी, 49 बीमा और फर्जी खतौनी, नौ एटीएफ और क्रेडिट कार्ड, दस मोबाइल, तीन मोटरसाइकिल और 26 हजार रुपये नकद बरामद हुए हैं। एसटीफ ने कमलानगर, आगरा के रहने वाले मयंक गुप्ता, सुनील कुमार, मोहित गुप्ता, प्रहलाद कुमार और ताजगंज, आगरा के रहने वाले बंटी, मेराज हुसैन को गिरफ्तार किया है, जबकि अश्वनी कुमार निवासी भरतपुर राजस्थान को गिरफ्तार किया गया है।