हम माला जपने वाले साधु नहीं, चुनाव से पहले चिराग को बड़ा झटका, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरूण कुमार ने छोड़ा LJPR
बिहार: लोकसभा चुनाव 2024 की रणभेड़ी बज चुकी हैं. इस बीच लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व सांसद अरूण कुमार पार्टी छोड़ने का एलान कर दिया हैं. पूर्व सांसद चिराग पासवान पर धोखा देने के साथ कई गंभीर आरोप लगाए है. अरूण कुमार नवादा या जहानाबाद से टिकट चाह रहे थे. लेकिन यह सीट जदयू के खाते में चली गई.

      
   पत्रकारों से बातचीत के दौरान अरूण कुमार ने कहा कि चिराग पासवान को यह समझना चाहिए हमलोग माला जपने वाले हिमालय के साधु नहीं हैं. हम जनता के हक की लड़ाई के लिए 40 साल से राजनीति कर रहे हैं. इसलिए मैनें खुद को उनसे अलग किया. उन्होंनें कहा कि उनका राजनीतिक सफर निर्दलीय विधान पार्षद के रूप में शुरू हुई थी. वहीं अरूण कुमार ने रविवार को पटना में अपने घर मीटिंग बुलाई हैं. अरूण कुमार ने कहा कि  मीटिंग में तय होगा कि वे जहानाबाद से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगें या फिर किसी दल में शामिल होंगें.

  
  बता दें कि बिहार एनडीए में सीट बंटवारे के तहत चिराग पासवान की पार्टी को पांच टिकट दिए गए. इनमें हाजीपुर, वैशाली, जमुई, समस्तीपुर और खगड़िया शामिल हैं. चिराग पासवान ने हाजीपुर से अपनी उम्मीदवारी का एलान कर दिया हैं. सीटिंग सीट जमुई से उन्होंने अपने जीजा अरूण भारती को उतार दिया हैं. समस्तीपुर, खगड़िया और वैशाली पर अभी उम्मीदवारी का एलान नहीं किया गया हैं. इस बीच पार्टी के नेता और चिराग के करीबी ने बताया कि वैशाली के लिए उनका नाम सामने आया. लेकिन कहा गया कि विधानसभा में मौका दिया जाएगा.
लोकसभा चुनाव: बिहार में नेताओं की तकदीर लिखेंगें युवा और महिला वोटर, इन पर चुनाव आयोग का भी फोकस.
बिहार: लोकसभा चुनाव 2024 का रणभेरी बज चुकी हैं. दोनों गठबंधन तैयारियों को अंतिम रूप दे चुके हैं. बिहार में इस बार सत्ता की चाबी युवा और महिला मतदाताओं के पास हैं. लिहाजा अभी राजनीतिक दलों का जोर इन्हीं दो वर्गों के मतदाताओं पर सबसे अधिक हैं. इतना ही नहीं वोट प्रतिशत बढ़ाने के हर संभव प्रयास में लगा चुनाव आयोग भी इन वोटरों को अधिक से अधिक संख्या में बूथ तक पहुंचाने के लिए इन्हीं पर फोकस कर रहा हैं.    
     प्रमंडलवार देखें तो सत्ता की कुर्सी बिहार में उसी के साथ जाएगी, जिसके साथ युवा और महिला वोटरों का हुजुम जाएगा. इस बात को इस तथ्य से समझा जा सकता हैं कि सूबे में कुल वोटरों की संख्या 7.64 करोड़ हैं. इनमें से युवा और महिला मतदाताओं की संख्या 94 फीसदी के आसपास हैं. इसमें युवा मतदाता 46.30 फीसदी और महिला वोटर 47 प्रतिशत हैं.      
     सूबें में सबसे अधिक युवा वोटर तिरहुत प्रमंडल में हैं, जहां 18 से 39 वर्ष के वोटरों की संख्या 73 लाख के करीब हैं. दूसरे स्थान पर पटना हैं, जहां इस आयु के वोटरों की संख्या 46 लाख हैं. तिरहुत में महिला वोटरों की संख्या 70 लाख  को पार कर गई हैं. पटना प्रमंडल में 58 लाख से अधिक महिला वोटर हैं.   
     लोकसभा चुनाव में आयोग का ध्यान भी इसी आयु वर्ग के वोटरों पर सबसे ज्यादा हैं. वोट प्रतिशत का राष्ट्रीय औसत 67.3 फीसदी के आंकड़े को छूने के लिए इन वोटरों का बूथ तक पहुंचना आयोग जिलों को युवा व महिला वोटरों को बूथ तक लाने और उनका मतदान सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया हैं.पिऊले कुछ चुनावों का अनुभव रहा रहा कि युवा मतदाता वोट देने में ज्यादा उत्साहित नहीं रहते हैं .इस बार चुनाव आयोग ने उन्हें वोटर बनाने से लेकर मतदान के प्रति उन्हें उत्साहित करने का अभियान चलाया हैं. तिरहुत प्रमंडल अव्वल हैं तो पटना दूसरे नंबर पर हैं    
       सभी दल युवाओं और  महिला मतदाता से जुड़े मुद्दों और योजनाओं को अपने घोषणा पत्र में शामिल करने में प्राथमिकता देते रहे हैं. भाजपा की ओर से युवा, महिला, किसानों की बात की जा रही है. दूसरी ओर, राजद रोजगार को मुख्य मुद्दा बना रहा हैं.
कितने पढ़े- लिखे हैं चिराग पासवान ? जानिए क्वालिफिकेशन से लेकर डिग्री तक सब कुछ
बिहार: बिहार में लोकसभा चुनाव से पहले लोजपा के मुखिया और सांसद चिराग पासवान लगातार चर्चाओं में बने हुए हैं. चाहे वह हाजीपुर सीट हो या चाचा पशुपति पारस से मतभेद, चिराग पासवान इन दो वजहों से मीडिया में सबसे अधिक सुर्खियां बटोर रहे हैं. पिता राम विलास पासवान की  छत्र छाया में राजनीति शुरू करने वाले चिराग पासवान अब हर तरह से सियासी दांव खेलता सोख गए हैं.


     तो आइये इस चुनावी माहौल के बीच आज हम आपलोगों को चिराग पासवान की क्वालिफिकेशन और उनकी डिग्री के बारे में बताएंगे. हम यह भी बताएंगे कि चिराग पासवान का सियासी सफर कैसा रहा हैं.


    
     चिराग पासवान वर्तमान में जमुई से सांसद हैं. उन्होंने बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी इंस्टीच्यूट इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस से बीटेक की डिग्री ले रखी हैं. उन्होंने फैशन डिजाइनिंग का भी कोर्स किया हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंनें साल 2003 में नेशनल इंस्टीच्यूट अॉफ ओपन स्कूलिंग से 10वीं और 12वीं की शिक्षा हासिल की.


    
         चिराग पासवान राजनीति में प्रवेश से पहले बॉलीवुड से किस्मत आजमा चुके हैं. हालांकि, वह इसमें सफल नहीं हो पाए थे.



   
    बता दें कि चिराग पासवान ने हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ने का एलान कर दिया हैं. वहीं उनके चाचा ने भी इस सीट से ही चुनाव लड़ने का एलान किया हैं. बता दें कि हाजीपुर वह सीट हैं जहां से चिराग पासवान के पिता राम विलास पासवान ने रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की थी.
चाचा पारस के साथ आने के सवाल पर क्या बोले चिराग पासवान? पीएम मोदी का भी किया जिक्र?
बिहार: क्या हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर चाचा पारस और भतीजे चिराग पासवान के बीच सुलह होगी? इस सवाल के जवाब खुद चिराग पासवान ने एबीपी न्यूज के साथ एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि साथ आने का फैसला चाचा पशुपति पारस ही लेंगें. चिराग के आगे कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 400 के पार लक्ष्य को पूरा करने के बाद सही मायने में हमलोग होली 4 जून को ही मनाएंगें. उन्होंने कहा एक लंबे के बाद हम लोग पापा ( रामविलास पासवान) के जाने के बाद संभवतः पहली बार पार्टी और परिवार में एक नई खुशियां आईं हैं.

     

      चिराग पासवान ने कहा कि बिहार की सभी 40 लोकसभा सीट और हमारे प्रधानमंत्री जी के 400 पार के लक्ष्य को पूरा करने के बाद सही मायने में होली हम लोग 4 जून को मनाएंगे. उन्होंने कहा कि बिहार की अगर मैं बात करूं तो सौभाग्य से एक लंबे समय के बाद डबल इंजन की सरकार राज्य को मिली हैं और हमेशा इस बात का पक्षधर भी रहा हूं. मैं मानता हूं कि प्रधानमंत्री के सपने को हम लोग तभी पूरा कर पाएंगें जब उनकी सोच वाली सरकार बिहार में होगी.



    
       वहीं दूसरी ओर समस्तीपुर से सांसद और
आरएलजेपी नेता प्रिंस राज ने होली के मौके पर बिहार बीजेपी प्रभारी विनोद तावड़े से मुलाकात की और उन्हें होली की बधाई दी. इसकी जानकारी प्रिंस  ने खुद सोशल मीडिया मंच एक्स पर दी हैं. तावड़े और प्रिंस राज के बीच हुई मुलाकात के बाद राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई . कयास लगने लगा कि बीजेपी प्रिंस राज को चिराग पासवान की पार्टी से टिकट दिलाने की कोशिश कर सकती हैं. हालांकि प्रिंस ने इस मुलाकात को लेकर अपने पोस्ट में लिखा हैं कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रभारी बिहार प्रदेश आदरणीय श्री विनोद तावड़े जी से सौहार्दपूर्ण माहौल में मुलाकात किए एवं होली रंगोत्सव की बधाई एवं शुभकामना दिये.


अच्छी खबर: जीविका पुस्ताकलय में 12 वीं पास छात्रों को मिलेगा कैरियर काउंसलिंग.
बिहार: जीविका की ओर से संचालित पुस्तकालय सह कैरियर विकास केन्द्रों में 12 वीं पास विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शन सत्र आयोजित किया जाएगा. इसका आयोजन सूबे के जिलों के 100 प्रखंडों में चल रहे जीविका पुस्तकालय में होगा. इसमें विद्यार्थियों को कैरियर से संबंधित विभिन्न जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. बिहार बोर्ड से संबंधित जानकारी दी जाएगी. सभी पुस्तकालय में अॉनलाइन मोड में सत्र होंगें. इसमें विशेषज्ञ जरूरी सुझाव देंगें. उन्हें कैरियर के बारे में जानकारी आदि देंगें.


प्रवेश परीक्षा की भी तैयारी स्नातक के लिए प्रवेश परीक्षा के लिए  भी पुस्तकालय में तैयारी कराई जायगी. छात्र उपलब्ध किताबों की मदद से भी तैयारी कराई जायगी. विद्या दीदी परीक्षा फॉर्म भरने में करेंगी मदद पुस्तकालय में नि:शुल्क फॉर्म भरने की व्यवस्था भी की गई हैं. सईयूटी यूजी के लिए विद्यार्थी पुस्तकालय में आकर फॉर्म भर सकेंगें.





   पुस्तकालय का प्रबंधन देख रही विद्या दीदीयों को फॉर्म संबंधित जानकारी छात्रों को देने का निर्देश दिया गया हैं. इसके साथ ही किसी को फॉर्म भरने से संबंधित जानकारी छात्रों को देने का निर्देश दिया गया हैं. इसके साथ ही किसी को फॉर्म भरने से संबंधित कोई भी परेशानी हो तो उसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया हैं.


  
  आपको बता दें कि हाल ही में 23 मार्च 2024 में इस साल 87.21 फीसदी छात्रों को सफलता मिली हैं. वहीं प्रथम टॉप-5 में राज्य स्तर पर 24 छात्रों को जगह मिली हैं. बिहार बोर्ड इंटर रिजल्ट में जिसके अंक कम आए हैं उनके लिए 28 मार्च 2024 से स्कूटनी व कपार्टमेंटल परीक्षा के फॉर्म भरे जाएंगें. छात्रों को सलाह हैं इंटर रिजल्ट से जुड़ी जानकारी के लिए बिहार बोर्ड की वेबसाईट व अपने विद्यालय प्रधान से संपर्क कर सकते हैं.अच्छी
नए चेहरों पर NDA और महागठबंधन पर दांव, उत्तर बिहार की 80% सीटों पर नए प्रत्याशियों को मिलेगा मौका.
बिहार: उत्तर बिहार की 80 फीसदी लोकसभा सीटों पर इस बार नया उम्मीदवार होने की संभावना हैं. कहीं एनडीए तो कहीं इंडिया गठबंधन का प्रत्याशी बदला होगा. 2019 की तुलना में इस बार एनडीए और इंडिया गठबंधनों की ओर से प्रत्याशियों की अधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई हैं. शिवहर, सीतामढ़ी, हाजीपुर, समस्तीपुर में एनडीए का नया चेहरा होना तय हैं. वहीं इंडिया गठबंधन में मुजफ्फरपुर, वैशाली, दरभंगा, बेतिया, उजियारपुर, में नया प्रत्याशी संभव हैं.

    

    पिछले लोकसभा चुनाव में शिवहर सीट से भाजपा की रमा देवी चुनाव जीती थी. इस बार यह सीट जदयू के खाते में यह सीट चली गई. यहां से अब लवली आनंद के जदयू प्रत्याशी होने की चर्चा हैं. सीतामढ़ी सीट पर 2019 में भाजपा के होने की चर्चा हैं. सीतामढ़ी सीट पर 2019 में भाजपा से जदयू की सदस्यता लेकर चुनाव लड़ें सुनील कुमार पिंटू विजयी हुए थे. उनके नाम की घोषणा अभी नहीं हुई हैं. हाजीपुर में लोजपा के टिकट पर पूर्व मंत्री पशुपति कुमार पारस विजयी हुए थे. लोजपा( रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी हैं. ऐसे में यहां भी प्रत्याशी बदल जाएगा.

    

    समस्तीपुर सीट से पिछले चुनाव में लोजपा के रामचंद्र पासवान विजयी हुए थे. उनके निधन के बाद उपचुनाव में लोजपा के ही प्रिंस राज जीते. लोजपा में फूट पड़ने पर वे पशुपति कुमार पारस खेमे में चले गए  थे. यह सीट चिराग के खाते में गई हैं. चर्चा हैं कि वे प्रिंस राज को उम्मीदवार बनाने के पक्ष में नहीं हैं.


      
      वीआईपी के डॉ राजभूषण चौधरी को भाजपा के अजय निषाद ने हराया था. बोचहां विस उपचुनाव के समय डॉ राजभूषण चौधरी भाजपा में शामिल हो गए थे. वीआईपी अभी एनडीए या इंडिया गठबंधन में शामिल नहीं हैं. इस बार सीट कांग्रेस के खाते में जाने की चर्चा हैं. वैशाली से पिछली बार राजद से रघुवंश प्रसाद सिंह ने चुनाव लड़ा था. उनके निधन के बाद यहां भी नया प्रत्याशी होना तय हैं.

  
   दरभंगा में राजद के टिकट पर अब्दुल बारी सिद्दीकी चुनाव लड़ें थे. यहां पर राजद उम्मीदवार बदल सकता हैं. . उजियारपुर के उपेन्द्र कुशवाहा ने चुनाव लड़ा था पर भाजपा के नित्यानंद राय से हार गए. उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी अभी एनडीए गठबंधन में हैं. उजियारपुर से राजद के आलोक मेहता प्रत्याशी होंगें.
UGC online course: अब घर बैंठें कर सकेंगें ये 18 कोर्स, मेडिकल- इंजिनियरिंग समेत , 18 कार्यक्रम की लिस्ट जारी.
बिहार: ऑनलाइन एवं दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से इंजीनियरिंग, मेडिकल सहित विभिन्न 18 कोर्स  नहीं कराएं जाएंगें. इसके अलावा किसी भी पीएचडी प्रोग्राम की पढ़ाई भी ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा मोड़ से नहीं करायी जा सकती हैं.

    
     इसमें इंजीनियरिंग, मेडिकल, ला, पारा मेडिकल, डेंटल, एग्रीकल्चर, फार्मेसी, नर्सिंग, अॉक्यूपेशनल, थेरेपी एंड अदर पैरा मेडिकल डिस्पलीन, आर्किटेक्ट, हार्टिकल्चर, कैटरिंग, एविएशन, विजुअल आर्ट एवं स्पोर्ट्स, एयरक्राफ्ट मेंटीनेंस, कैटरिंग टेक्नोल. जी, होटल मैनेजमेंट, पाकशास्त्र, भौतिक चिकित्सा की पढ़ाई अॉनलाइन और ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग माध्यम से नहीं हो सकती हैं.

      
   इसके अलावा स्नातक और स्नात्तकोत्तर में योग, टूरिज्म एंड हॉस्पिटलिटी मैंनेजमेंट प्रोग्राम की अॉनलाइन माध्यम से पढ़ाई पर भी रोक लगाई गई हैं. इस संबंध में यूजीसी ने नोटिस वेबसाईट पर जारी कर दिया हैं.

    
    यूजीसी ने कहा कि स्नातक और स्नात्तकोत्तर के सभी डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई अॉनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग मोड के माध्यम से नहीं की जा सकती हैं.
छात्रों को विश्वविद्यालय, कॉलेज और उच्च शिक्षण संस्थानों में नामांकन लेने से पहले यूजीसी की वेबसाईट पर संबंधित संस्थान, कोर्स और प्रोग्राम की मान्यता जांच कर लेनी होगी.

   
   इसके अलावा वे संबंधित संस्थान की वेबसाईट पर भी कोर्स और प्रोग्राम की मान्यता की जांच कर सकते हैं. छात्र यूजीसी से ईमेल के माध्यम से भी जानकारी मांग सकते हैं.


यूजीसी ने सभी अन्य उच्च संस्थान को सभी डिग्री प्रोग्राम, कोर्स माध्यम ( रेगुलर, अॉनलाइन और ओपन एंड डिस्टेंस) की जानकारी वेबसाईट पर अपलोड करने का निर्देश दिया हैं. इसके अलावा सभी विश्वविद्यालयों को इसकी सूचना यूजीसी को भेजनी होगी. यदि कोई विवि नियमों का उल्लंघन करता हैं तो उस पर कार्रवाई की जाएंगी.
Bihar Board 12 th Result update: इंतजार खत्म, आज जारी होगा बिहार बोर्ड 12 वीं का रिजल्ट, ऐसे करे चेक.
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति इंटर वार्षिक परीक्षा 2024 का रिजल्ट शनिवार को जारी करेगा. परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि रिजल्ट दोपहर 1:30 बजे समिति कार्यालय में जारी किया जाएगा.

   
छात्र रिजल्ट bsebihar.org और http:// biharboardonline.com पर देख सकते हैं.

   
   इंटर परीक्षा एक से 12 फरवरी तक आयोजित की गयी थी. परीक्षा में 13,04,352 परीक्षार्थी शामिल हुए. जिसमें 6,74,921 छात्र, जबकि 6,26,431 छात्राएं शामिल हुई थी.

     
परीक्षा 38 जिलों में 1,523 परीक्षा केन्द्रो पर आयोजित हुई थी. उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन समाप्त होने के 19 वां दिन रिजल्ट जारी किया जा रहा हैं.
Bihardiwas 2024: कब से मनाया जा रहा हैं बिहार दिवस? क्यूं हैं खास? जानिए
बिहार: लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में लागू आचार संहिता के कारण इस साल 22 मार्च को बिहार दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम नहीं होंगें. हालांकि बिहार दिवस पर सभी जिलों में स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देश के अनुसार कार्यक्रम होंगें. साथ ही विभाग अपने स्तर पर आयोजन करेगा. बता दें कि सभागारों में अन्य कार्यक्रम होते रहे हैं. इस राजकीय कार्यक्रम में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कलाकारों की प्रस्तुति भी होती रही हैं. राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी कार्यक्रम में भाग लेते रहे है. साथ ही जिला, प्रखंड और पंचायत के स्तर भी अलग-अलग आयोजन होते रहे हैं.

    
     गौरतलब हैं कि बिहार दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन वर्ष  2010 से शुरू हुआ और हर साल होता रहा हैं. वहीं वर्ष 2012 में बिहार शताब्दी दिवस मनाया गया था. बता दें कि शिक्षा विभाग इस समारोह का नोडल हैं जबकि सरकार के अन्य विभागों की भी इसमें भागीदारी होती रही हैं.


      
     मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार दिवस पर प्रदेश एवं देशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने आशा व्यक्त की है कि बिहार की निरंतर प्रगति और समृद्धि बनायें रखेंगें. हम सब मिलकर बिहार को प्रगति की नई ऊंचाई पर पहुंचाएंगे तथा बिहार के गौरव को और आगे बढ़ाएंगे.


    
   बता दें कि बिहार महापुरूषों और सूफी संतों की धरती रही हैं. बिहार का इतिहास काफी गौरवशाली हैं. महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति और निर्वाण यहीं हुआ. सिखों के दसवें गुरू गोविंद सिंह जी महाराज का 350वां प्रकाश पर्व का आयोजन प्रति वर्ष किया जाता हैं.


   
    बिहार सूफी संतों की भी कर्मभूमि रही हैं. मनेर शरीफ, खानकाह मूजीनिया, मित्तन घाट सूफी संतों की भूमि रही हैं. बिहार सबसे पौराणिक स्थल हैं. यह चंद्रगुप्त मौर्य, चाणक्य, सम्राट अशोक, आर्यभट्ट की भूमि रही हैं. महान विभूतियों के नाम पर हमलोगों ने  ने चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान , सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र, चाणक्य विधि विधि विवि और आर्यभट्ट ज्ञान विवि की स्थापना करायी गयी. विश्व प्रसिद्ध नालंदा विवि को फिर से शुरू कराया गया .बिहार म्यूजियम अंतरराष्ट्रीय स्तर का बिहार में बना हैं. बिहार म्यूजियम को पटना म्यूजियम से अंडरग्राउंड से जोड़ा जा रहा हैं.
लोकसभा चुनाव 2024: वैशाली से मुन्ना शुक्ला को RJD देगी टिकट? लालू तेजस्वी से क्या हुई डील, जाने
वैशाली: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर महागठबंधन में सीट शेयरिंग फाइनल होने से पहले राजद ने अपने प्रत्याशियों के बीच टिकटों का बंटवारा शुरू कर दिया हैं. कांग्रेस की आपत्ति के बाद भी गया, जहानाबाद, जमुई, औरंगाबाद के लिए राजद के उम्मीदवारों के नाम सामने आए हैं. इस बीच बिहार की महत्वपूर्ण वैशाली लोकसभा सीट पर लालगंज के पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला के चुनाव लड़ने की बात सामने आ रही हैं. आरजेडी सूत्रों के अनुसार सब कुछ फाइनल हैं सिर्फ आधिकारिक घोषणा बाकी हैं. हालांकि पार्टी की ओर से शर्त रखी गई हैं.

       
    पार्टी के एक नेता के नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि लालू यादव और तेजस्वी से उनकी बात हुई हैं. पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने उन्हें क्षेत्र में तैयारी करने का आदेश दे दिया हैं. देवघर स्थित बाबा बद्यनाथ की पूजा-आराधना के साथ मुन्ना शुक्ला ने अपना अभियान शुरू कर दिया हैं. सोशल मीडिया पर भी राजद के स्थानीय कार्यकर्ता और मुन्ना शुक्ला के समर्थक उनके पक्ष में कैंपेन चला रहे हैं.

     
     दरअसल मुन्ना शुक्ला को वैशाली सीट पर उतारने के लिए राजद ने एक शर्त रखी हैं. वहां एनडीए के कैंडिडेट की घोषणा का इंतजार किया जा रहा हैं. भाजपा ने वैशाली की सीट चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के खाते में डाला हैं जहां से वीणा देवी निर्वतमान संसाद हैं. वह दिल्ली में टिकट के लिए कैंप कर रही हैं. इस बीच पार्टी के अन्य नेता संजय सिंह और बिहार के चर्चित व्यवसायी और कांग्रेस नेता स्व. रघुनाथ पांडे की बहु विनीता विजय भी फिल्डिंग कर रही हैं. लोजपा से टिकट की रेस में अरूण कुमार सिंह का नाम भी आ रहा है.

     
      पार्टी सूत्रों ने बताया है कि एलजेपी रामविलास अगर वैशाली की सीट पर राजपूत कैंडिडेट उतारती हैं तो भूमिहार समाज से ताल्लुक रखने वाले मुन्ना शुक्ला का टिकट फिक्स हैं. लोजपा के टिकट के दावेदार वीणा देवी और संजय सिंह राजपूत बिरादरी से हैं वहीं विनीता विजय और अरूण सिंह या वीणा देवी को अपना उम्मीदवार बनाते हैं तो मुन्ना शुक्ला को आरजेडी पूरे दमखम के साथ वैशाली के मैदान में उतारेगी.

     
    मुन्ना शुक्ला वैशाली से पहले भी लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं.2009 में उन्होंने राजद उम्मीदवार रघुवंश प्रसाद सिंह को कांटे की टक्कर दी थी. हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा. उनकी पत्नी अनु शुक्ला 2014 में इसी सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना भाग्य आजमाया था इससे पहले मुन्ना शुक्ला और उनकी पत्नी अनु शुक्ला वैशाली की लालगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रहे.