तीसरे दिन पोखरे में डूबे युवक का शव मिला,पुलिस और एसडीआरएफ टीम ने बरामद किया

खजनी गोरखपुर।थाने की उनवल चौकी क्षेत्र के भिउरी गांव के कोटिया पोखरे में होली के दिन अपराह्न डूबे युवक का शव तीसरे दिन बरामद हुआ।मिली जानकारी के अनुसार गोरसैरा विश्वनाथपुर का निवासी लालू अपने दर्जन भर साथियों के साथ होली खेलने के बाद पोखरे में नहाने गया था। जहां गहरे पानी में डूब गया। देर शाम तक घर वापस नहीं लौटने पर उसे तलाश किया गया लेकिन कहीं पता नहीं चला। घटना की सूचना मिलने पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने गोताखोरों की मदद से देर तक तलाश की लेकिन युवक का शव बरामद नहीं हुआ।

आज सबेरे पानी में शव फूलने के बाद उसका चेहरा पोखरे की सतह पर नजर आया तो पुलिस को सूचना दी गई। चौकी इंचार्ज सोनेंद्र सिंह ने ग्रामीणों और एसडीआरएफ के गोताखोरों की मदद से शव को बाहर निकाल कर पंचनामे के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।बताया गया कि मृतक लालू तीन भाइयों में सबसे छोटा था।मेहनत मजदूरी करने वाला लालू मिलनसार और व्यवहारिक था।मझले भाई ननकू ने बताया कि अभी 15 दिन पहले ही वह पिता बना था, जिसे लेकर वह बेहद उत्साहित था। युवक की आकस्मिक मौत से परिवारजन सदमे में हैं।

पारंपरिक रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई होली

खजनी गोरखपुर।क्षेत्र में होली का पर्व पारंपरिक रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।सभी ने अपने घरों में पकवान बना कर एक दूसरे को खिलाए। अबीर गुलाल और रंग लगा कर होली मनाई। गांवों ढोल नगाड़ों के साथ पारंपरिक लोक गीत फगुआ और कबीरा तथा पारंपरिक होली गीत गाते हुए सभी गांवों कस्बों में होली मनाई गई। गांवों में होली का हुड़दंग सबेरे से लगायत पूरे दिन चलता रहा।

वहीं सोशल मीडिया के जरिए होली का बधाई संदेश तथा फोटो वीडियो बना कर संबंधियों मित्रों को भेजने का ‌‌‌‌‌‌‌‌‌सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। क्षेत्र में कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हुई स्थानीय प्रशासन शांति सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में सक्रिय रहा।

अल्लाह की इबादत में गुजरा 15वां रोज़ा

गोरखपुर। मग़फिरत यानी गुनाहों से माफ़ी का अशरा चल रहा है। अल्लाह के बंदे इबादत कर रो-रो कर अपने गुनाहों की माफ़ी मांग रहे हैं। अल्लाह के फ़ज़ल व करम से 15वां रोजा खैर के साथ गुजर गया। अल्लाह के बंदे सदका, जकात व खैरात जरुरतमंदों तक पहुंचा रहे हैं। मस्जिदों में नमाज़ियों की कतारें नज़र आ रही हैं। घरों में भी इबादत का दौर जारी है। मुकद्दस कुरआन-ए-पाक की तिलावत हो रही है।

रमज़ान में अल्लाह की रहमत रूपी बारिश इंसान को पाक-साफ कर देती है : हाफिज सैफ

मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर के शिक्षक हाफिज सैफ अली इस्माईली ने बताया कि जिस तरह बारिश के मौसम में आसमान से गिरने वाली बूंदें एकजुट होकर तमाम गंदगी और कूड़े-करकट को किनारे लगा देती हैं, वैसे ही रमज़ान के महीने में अल्लाह की रहमत रूपी बारिश इंसान को पाक-साफ कर देती है। रमज़ान के पाक महीने में अल्लाह अपने बंदों पर खूब रहमतों की बारिश करता है। रमज़ान में 30 दिन तक इस बात की मश्क़ (अभ्यास) करायी जाती है कि जो काम तुम्हारे लिए जायज़ है, उसके लिए भी तुम खुद को रोक लो। तब इंसान यह महसूस करने लगता है कि जब मैं हलाल कमाई से हासिल किया गया खाना और पानी इस्तेमाल करने से खुद को रोक सकता हूं तो गलत काम करने से क्यों नहीं रोक सकता हूं। इंसान अक्सर यह सोचता है कि वह चाहकर भी खुद को गुनाह करने से रोक नहीं पाता, मगर यह उसकी गलतफहमी है। रमज़ान उसे इसका एहसास कराता है।

एनीमा लगवाने से रोज़ा टूट जाता है : उलमा किराम

उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर मंगलवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए। उलमा किराम ने क़ुरआन व हदीस की रोशनी में जवाब दिया।

1. सवाल : नमाज़े इशा से पहले तरावीह पढ़ना कैसा? (नवाज, जाफरा बाजार)

जवाब : इशा की फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ने के बाद ही तरावीह का वक्त होता है बगैर फर्ज़-ए-इशा पढ़े तरावीह पढ़ना दुरुस्त नहीं अगर किसी शख़्स की नमाज़े इशा छूट गई हो तो पहले इशा की फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ ले फिर तरावीह में शरीक हो और आखिर में तरावीह की जो रकातें छूटी हों उन्हें खुद से पढ़ कर बीस रकअतें पूरा कर ले। (मुफ्ती अख्तर)

2. सवाल : क्या एनीमा लगवाने से रोजा टूट जाता है? (महमूद, बक्शीपुर)

जवाब : हां। एनीमा लगवाने से रोज़ा टूट जाता है। (मुफ्ती मो. अजहर)

3. सवाल : औरतों का रोज़े की हालत में लिपस्टिक लगाना कैसा? (यासमीन, बसंतपुर)

जवाब : जायज है बशर्ते कि उसके जर्रात मुंह में न जाएं। इसी तरह चेहरे या होंठों पर कोई लोशन या क्रीम से भी रोज़े पर कोई असर नहीं पड़ता। ताहम बचना बेहतर है। (मुफ्ती मेराज)

4. सवाल : क्या रोज़े की हालत में आंखों में लेंस लगवा सकते हैं? (अतीक, रेती)

जवाब : हां लगवा सकते हैं इससे रोज़े पर कोई असर नहीं पड़ेगा। (मौलाना जहांगीर)

शोक-संताप में नहीं, उत्साह और उमंग में विश्वास करता है सनातन धर्म : सीएम योगी

गोरखपुर। गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सनातन धर्म शोक-संताप में नहीं बल्कि उमंग और उत्साह में विश्वास करता है। होली का पर्व इसी का संदेश देता है।

इस पर्व में समरस समाज की स्थापना का भाव निहित है तो साथ ही यह संदेश भी है कि सनातन धर्म सह अस्तित्व में, वसुधैव कुटुम्बकम और सर्वे संतु निरामया में विश्वास करता है।

सीएम योगी मंगलवार को होली के पवित्र पर्व पर घंटाघर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व श्री होलिकोत्सव समिति की ओर से निकलने वाली "भगवान नरसिंह की रंगभरी शोभायात्रा" के शुभारंभ अवसर पर उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।

सभी नागरिकों को होली की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि होली का पर्व उत्साह और उमंग का है। उत्साह और उमंग सुरक्षित, सुखी और समृद्ध समाज में होता है। हमारा समाज सुरक्षित और समृद्ध है, इसीलिए हम सभी उत्साह और उमंग से होली की हजारों वर्षों पुरानी परम्परा को मनाने के साथ अपनी इस विरासत के प्रति कृतज्ञता भी व्यक्त कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सनातन धर्म पर जब भी कोई संकट आया, समाज में दुष्प्रवृत्तियां बढ़ीं तो कोई ना कोई ईश्वरीय अवतार भी हुआ है और दुष्प्रवृत्तियों को दूर कर समाज आगे बढ़ता रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि होली का त्यौहार समतामूलक और समरस समाज की स्थापना का भी संदेश है। आपसी वैरभाव को समाप्त कर, सत्य-न्याय के मार्ग पर चलकर ही हम समाज को शक्तिशाली बना सकते हैं। जहां विभाजन होगा वहां समाज शक्तिशाली नहीं हो सकता।

सीएम योगी ने कहा कि इस बार की होली पर उत्साह और उमंग एक नई ऊंचाई पर है। अयोध्या में 495 वर्ष बाद रामलला ने भी होली खेली और आशीर्वाद व कृपा लोगों पर बरसाई। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि बीमार व्यक्तियों को और जो मना करे, उसे रंग न लगाएं। साथ ही नब्बे वर्ष से अधिक समय से निकलने वाली भगवान नरसिंह की रंगभरी शोभायात्रा के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तारीफ की।

सीएम ने उतारी भगवान नरसिंह की आरती, जमकर खेली होली

लोगों को होली की बधाई देने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान नरसिंह की विधि विधान से आरती उतारी। उन्हें नारियल, गुझिया के साथ फूल, रंग, अबीर, गुलाल अर्पित किया। भगवान नरसिंह की पूजा करने के बाद योगी पूरी तरह होलीयाना मूड में आ गए। उन्होंने लोगों के ऊपर जमकर फूल की पंखुड़ियां, अबीर, गुलाल पंखुड़ियां उड़ाईं। देखते ही देखते योगी समेत समूचा जनमानस रंगों में सराबोर हो गया। इस दौरान जय श्रीराम के नारों के बीच उत्सवी उल्लास आसमान पर था।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक डॉ महेंद्र अग्रवाल, प्रांत प्रचारक रमेश जी, सांसद रविकिशन शुक्ल, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ओम जालान, सुरजीत, आत्मा जी, श्री होलिकोत्सव समिति के अध्यक्ष मनोज जालान, काशी से आए महामंडलेश्वर संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास आदि भी मौजूद रहे।

रमज़ान सब्र, भलाई, रहमत व बरकत का महीना


गोरखपुर। माह-ए-रमज़ान सब्र, भलाई, रहमत और बरकत का महीना है। रमज़ान में मुसलमान गरीब, असहाय और जरूरतमंदों का ख्याल रख कर उनकी मदद कर रहे हैं। रमज़ान में अल्लाह अपने बंदों के गुनाहों को माफ कर उन्हें जहन्नम से आजादी का परवाना अता करता है। माह-ए-रमज़ान की सुबह-शाम खैर व बरकत में गुजर रही है। अल्लाह के करम से शनिवार को 12वां रोजा मुकम्मल हो गया। तरावीह की नमाज़ का सिलसिला जारी है। कई मस्जिदों में तरावीह नमाज़ के दौरान एक कुरआन-ए-पाक मुकम्मल हो चुका है। मस्जिदों में रमज़ान का विशेष दर्स जारी है। पूरी दुनिया में अमनो अमान की दुआ मांगी जा रही है। रमज़ान का मुबारक महीना और फिजा में घुली रूहानियत से दुनिया सराबोर हो रही है, ऐसा लगता है कि चारों तरफ नूर की बारिश हो रही हो। साढ़े छह गली नखास में इत्र व टोपी की खूब बिक्री हो रही है। अख्तर आलम ने बताया कि रमज़ान में उनके यहां तमाम तरह के इत्र व अलग-अलग किस्म की टोपियां बिक रही हैं।

नेक राह पर चलने का मौका देता है रमज़ान : हाफिज रहमत

सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाजार के इमाम हाफिज रहमत अली निजामी ने कहा कि आज हम एक ऐसे दौर से गुज़र रहे हैं जहां इंसानियत दम तोड़ती नज़र आ रही है लोगों पर खुदगर्ज़ी हावी होती जा रही है ऐसे में रमज़ान खुद की खामियों को दूर कर नेक राह पर चलने का मौका देता है। रमज़ान में चाहे दीन हो या फिर दुनिया दोनों संवरती है। रोज़ेदार अपनी आदतों की विपरीत अल्लाह के हुक्म का पूरी तरह पाबंद हो जाता है। समय पर सहरी और इफ्तार करता है। अल्लाह को राज़ी करने के लिए रोज़े की हालत में भूख और प्यास बर्दाश्त करना मुसलमानों को सब्र सिखाता है। इंसान जब भूखा प्यासा होता है तो उसका नफ़्स सुस्त और कमज़ोर होकर गुनाहों से बचा रहता है। उसे इबादत में लुत्फ आने लगता है। जब अल्लाह की बारगाह में इबादत कुबूल होती है तो बंदों की दुआ भी कुबूल होने लगती है। रोज़े की हालत में अपने शरीर के हर हिस्से जैसे आँख, जुबान, कान और दिल की हिफाज़त करता है। रमज़ान बंदों को अच्छाई का अभ्यास कराता है, ताकि ग्यारह माह भी इसी तरह गुजर जाए।

अल्लाह को राज़ी करने का महीना है रमज़ान : मोहम्मद अहमद

गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर के इमाम मौलाना मोहम्मद अहमद निजामी ने कहा कि इस्लामी बारह महीनों में रमज़ान को सबसे ज़्यादा अहमियत हासिल है, क्योंकि अल्लाह ने अपने बंदों के लिए रमज़ान में बेपनाह बरकत और रहमत अता की है। रमज़ान हर ऐतबार से खास है कि बंदा परहेज़गार बन जाए। तक़वा अख़्तियार कर ले, क्योंकि जब इंसान के अंदर डर पैदा हो जाता है तो वह हलाल व हराम की तमीज़ करने लगता है। रमज़ान में कोई शख्स किसी नेकी के साथ अल्लाह का करीबी बनना चाहे तो उसको इस क़दर सवाब मिलता है गोया उसने फ़र्ज़ अदा किया। जिसने रमज़ान में फ़र्ज़ अदा किया उसको सवाब इस क़दर है गोया उसने रमज़ान के अलावा दूसरे महीनों में सत्तर फ़र्ज़ अदा किए। यह एक ऐसा महीना है कि जिसमें मोमिन का रिज्क बढ़ा दिया जाता है। जो इसमें किसी रोजेदार को इफ्तार कराए तो उसके गुनाह माफ कर दिए जाते हैं और उसकी गर्दन जहन्नम की आग से आज़ाद कर दी जाती है। यह महीना बंदे को तमाम बुराइयों से दूर रखकर अल्लाह के करीब होने का मौका देता है। इस माह में रोज़ा रखकर रोजेदार न केवल खाने-पीने कि चीजों से परहेज करते हैं बल्कि तमाम बुराइयों से भी परहेज कर अल्लाह की इबादत करते हैं।

नमाज़े तरावीह औरतों के लिए भी लाज़िम है : उलमा किराम

उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर शनिवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए।

1. सवाल : क्या नमाजे तरावीह औरतों के लिए भी लाज़िम है? (अफरोज, सैयद आरिफपुर)

जवाब : जी हां। नमाज़े तरावीह औरतों के लिए भी सुन्नते मुअक्कदा (लाज़िम) है। (मौलाना मोहम्मद अहमद)

2. सवाल : रोज़े की हालत में वुजू करते समय पानी हलक से नीचे उतर जाए तो? (नसीम, बसंतपुर)

जवाब: अगर रोज़ादार होना याद था और ये गलती हुई तो रोज़ा टूट जाएगा। (मुफ्ती अजहर)

3. सवाल : जकात की रकम किस्तों में दे सकते हैं? (सेराज, गाजी रौजा)

जवाब : साल पूरा होने के बाद बिला उज्र ताखीर करना मकरूह है। हां अगर कोई शदीद मजबूरी हो कि रकम इकठ्ठी नहीं दे सकता तो किस्तों में भी देने से अदा हो जाएगी। (मुफ्ती मेराज)

*बेल तोड़ने में मारपीट गैर इरादतन हत्या के प्रयास,एससी एक्ट का केस*

खजनी गोरखपुर।।थाना क्षेत्र के छपियां गांव में महिला की शिकायत पर, बेल तोड़ने के दौरान मारपीट की घटना में पुलिस ने गैर इरादतन हत्या और एससी एक्ट की धारा में केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

छपियां गांव के निवासी तिलकधारी की पत्नी गुड्डी ने थाने में दी गई तहरीर में बताया कि उनका बेटा किसन भैंस चराने कृष्ण प्रताप सिंह के बगीचे की तरफ गया था। गांव के कुछ लड़के बेल तोड़ रहे थे। कृष्ण प्रताप सिंह के बेटे उत्कर्ष सिंह ने गाली देते हुए उन्हें खदेड़ा तो सब भाग गए। उत्कर्ष ने उनके बेटे किसन को पकड़ लिया और उसे लात घूंसों से मारने पीटने लगे, सूचना मिलने पर बेटे के बचाव में मौके पर पति पत्नी के पहुंचने पर मां बेटे ने उन्हें भी मारा-पीटा।

खजनी पुलिस ने घायल किसन को गोरखपुर सदर अस्पताल में इलाज के लिए भेजा तथा आरोपित मां और बेटे के खिलाफ मारपीट गैर इरादतन हत्या के प्रयास,जानमाल की धमकी तथा एससी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज कर घटना की पड़ताल शुरू कर दी है।

*भाजपा कार्यकर्ता के भतीजों व बेटे के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के प्रयास का केस*

खजनी गोरखपुर।।थाना क्षेत्र के पल्हीपार बाबू गांव के निवासी दिनेश चौरसिया की तहरीर पर भाजपा उनवल मंडल अध्यक्ष रामप्रकाश चौरसिया के बेटे आशुतोष चौरसिया तथा उनके भतीजों विशाल चौरसिया, पंकज चौरसिया पुत्रगण राममिलन चौरसिया के खिलाफ खजनी पुलिस ने गैर इरादतन हत्या के प्रयास जान माल की धमकी और मारपीट की धाराओं मुकदमा अपराध संख्या 0118/2024 धारा 323,504,506,308 में केस दर्ज कर लिया है।

पुलिस को दी गई तहरीर में पीड़िता आरती देवी के पति दिनेश चौरसिया ने बताया है कि बच्चों के बीच हुए झगड़े के बाद उनकी पत्नी आरती और तीन बेटियों शशिप्रभा, शशिकला और ज्योति चौरसिया को उनके पट्टीदारों के बेटों ने घर में घुस कर मारा-पीटा गया जिसमें सर में चोट लगने के कारण उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई है।

खजनी पुलिस ने मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

*शांति सुरक्षा व्यवस्था में मुस्तैदी से जुटे हरनहीं चौकी प्रभारी*

खजनी गोरखपुर।।बांसगांव थाने की हरनहीं चौकी प्रभारी विकासनाथ ने जिले के कप्तान एसएसपी डाॅक्टर गौरव ग्रोवर एवं वरिष्ठ जनपदीय अधिकारियों के निर्देशानुसार चौकी क्षेत्र में आगामी त्योहारों होली रमजान ईद तथा लोकसभा चुनावों को सकुशल शांति पूर्वक संपन्न कराने के लिए सक्रियता दिखाते हुए पुलिस टीम के साथ पैदल गश्त की।

बढ़नी हरनहीं भैंसा बाजार कस्बों में पैदल गश्त करते हुए उन्होंने स्थानीय निवासियों और व्यापारियों से क्षेत्र में शांति सुरक्षा व्यवस्था कायम रखने में सहयोग की अपील की।

पैदल गश्त के दौरान व्यापारियों को सड़क की पटरियों को छोड़कर दुकानें लगाने होली के त्योहार में हुड़दंग मचाने और उपद्रव करने वाले लोगों के साथ सख्ती से पेश आने की चेतावनी भी दी गई।

एसडीएम के साथ खाद्य विभाग ने दुकानों पर छापा मारा सेंपल लिए,त्योहारों में मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई

खजनी गोरखपुर।होली और ईद जैसे बड़े त्यौहारों के मौके पर बाजारों में दुकानों पर मिलावटी खाद्य सामानों की भरमार हो जाती है। स्थानीय आम लोगों को इस गंभीर समस्या से बचाने के लिए उप जिलाधिकारी खजनी शिवम सिंह और फूड इंस्पेक्टर संतोष तिवारी के साथ पहुंची टीम ने कस्बे में किराना और मिठाई की दुकानों पर छापा मारकर सेंपल लिए, आज अपरान्ह कस्बे में स्थित राधेश्याम किराना, मातेश्वरी मिष्ठान भंडार और गणेश स्वीट हाउस की दुकान पर छापा मारा।

अधिकारियों के द्वारा अचानक की गई इस कार्रवाई से दुकानदारों में हड़कंप मच गया। कुछ दुकानदार दुकानों के शटर बंद कर भाग गए। एसडीएम के साथ दुकानों पर पहुंचीं फूड विभाग की टीम ने सोयासाॅस, चिप्स, खोया , लड्डू आदि सामानों के सैंपल लिए। जांच के दौरान एसडीएम ने दुूकानदारों से सामनों की रसीद मांगी जिसे देने में दुकानदारों ने असमर्थता जताई।

एसडीएम ने खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी रोकने के लिए डीएम के निर्देश पर फूड इंस्पेक्टर की टीम के साथ एक किराना,दो मिठाई की दुकानों पर सेंपल लिए। कार्रवाई से बचने के लिए कुछ दुकानदार अपनी दुकानें बंद करके फरार हो गए। उन्होंने कहा कि मिलावटखोरी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और यह अभियान जारी रहेगा। जांच के लिए सभी सैंपल लैब भेजे जाएंगे। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

दस रमज़ान को हज़रत खदीजा की याद में हुई सामूहिक कुरआन ख्वानी

गोरखपुर। गुरुवार की सुबह चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की पहली बीवी उम्मुल मोमिनीन (मोमिनों की मां) हज़रत सैयदा खदीजा तुल कुबरा रदियल्लाहु अन्हा की याद में सामूहिक कुरआन ख्वानी हुई। उनकी ज़िंदगी पर रोशनी डाली गई। उनका यौमे विसाल (निधन) दस रमज़ान को हुआ था।

मस्जिद के इमाम मौलाना महमूद रज़ा कादरी ने कहा कि हज़रत खदीजा बहुत बुलंद किरदार, आबिदा और जाहिदा महिला थीं। हज़रत खदीजा ने गरीब मिस्कीनों की मिसाली इमदाद (मदद) की। अपने व्यापार से हुई कमाई को हज़रत खदीजा गरीब, अनाथ, विधवा और बीमारों में बांटा करतीं थीं।

हज़रत खदीजा ने अनगिनत गरीब लड़कियों की शादी का खर्च भी उठाया और इस तरह एक बेहद नेक और सबकी मदद करने वाली महिला के रूप में दीन-ए-इस्लाम ही नहीं पूरे विश्व के इतिहास में उनका उल्लेखनीय योगदान रहा। पैग़ंबरे इस्लाम ने जब ऐलान-ए-नुबूवत किया तो महिलाओं में सबसे पहले ईमान लाने वाली महिला हज़रत खदीजा थीं। खातूने जन्नत हज़रत फातिमा उन्हीं की बेटी हैं।

उन्होंने कहा कि हज़रत खदीजा का मक्का शरीफ में कपड़े का बहुत बड़ा व्यापार था। उनका कारोबार कई दूसरे मुल्कों तक होता था। हज़रत खदीजा की बताई तालीमात पर अमल करके दुनिया की तमाम महिलाएं दीन व दुनिया दोनों संवार सकती है। हज़रत खदीजा ने हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के अख़्लाक, किरदार, मेहनत, लगन और ईमानदारी से प्रभावित होकर निकाह का पैग़ाम भेजा, जिसे उन्होंने कुबूल कर लिया। उस वक्त पैग़ंबरे इस्लाम की उम्र 25 साल जबकि हज़रत खदीजा की उम्र चालीस साल थी। वह बेवा (विधवा) थीं। इस तरह हजरत खदीजा पैग़ंबरे इस्लाम की पहली बीवी बनीं। अंत में सलातो-सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। इस मौके पर हाफिज नजरे आलम कादरी, असलम, मुन्ना, फुजैल, फैजान, हाफिज शारिक, सैफ अली आदि मौजूद रहे।

रहमत का अशरा खत्म, मग़फिरत का शुरू

गोरखपुर। गुरुवार की शाम रहमत का अशरा खत्म हो गया। माह-ए-रमज़ान का दसवां रोज़ा व पहला अशरा रहमत का अल्लाह की रज़ा में बीता। रोजेदारों ने रोज़ा, नमाज, तिलावत, तस्बीह, खैरात व जकात के जरिए अल्लाह को राज़ी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। तहज्जुद, इशराक, चाश्त, सलातुल अव्वाबीन, सलातुल तस्बीह की नमाज़ कसरत से पढ़ी। दस दिन तक अल्लाह की खास रहमत मुसलमानों पर बराबर बरसी। नेकियों व रोज़ी (कमाई) में वृद्धि हुई।

वहीं गुरुवार की शाम से रमज़ान का दूसरा अशरा मग़फिरत का शुरू हो गया। रोजेदारों की पूरी कोशिश रहेगी कि वह खूब इबादत कर अल्लाह से मग़फिरत तलब करें। करीब 13 घंटा 33 मिनट का रोज़ा लोगों के सब्र का इम्तिहान ले रहा है। बेलाली मस्जिद खूनीपुर, हुसैनी जामा मस्जिद बड़गो, मस्जिद जलील शाह खूनीपुर जब्ह खाना आदि में तरावीह की नमाज़ में एक कुरआन-ए-पाक मुकम्मल हो गया। हाफ़िज़-ए-कुरआन को तोहफों से नवाजा गया। बाजार में खरीदारी रफ्तार पकड़ रही है।

बेलाली मस्जिद खूनीपुर के इमाम हाफिज मो. शहीद रज़ा ने बताया कि तीस दिनों तक चलने वाले इस मुकद्दस रमज़ान को तीन हिस्सों में बांटा गया है। रमज़ान का पहला अशरा रहमत, दूसरा मग़फिरत, तीसरा जहन्नम से आज़ादी का है। मालूम हुआ कि यह महीना रहमत, मग़फिरत और जहन्नम से आज़ादी का महीना है। लिहाजा इस रहमत, मग़फिरत और जहन्नम से आजादी के ईनाम की ख़ुशी में हमें ईद मनाने का मौका मिलेगा।

इफ्तार की दुआ रोज़ा खोलने के बाद पढ़नी चाहिए : उलमा किराम

उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर गुरुवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए। उलमा किराम ने क़ुरआन व हदीस की रोशनी में जवाब दिया।

1. सवाल : इफ्तार की दुआ कब पढ़नी चाहिए? (शहाबुद्दीन, छोटे काजीपुर)

जवाब : इफ्तार की दुआ रोज़ा खोलने के बाद पढ़नी चाहिए। पहले बिस्मिल्लाह करके रोज़ा खोल लें इसके बाद इफ्तार की दुआ पढ़ें। (मौलाना जहांगीर अहमद)

2. सवाल : क्या जिस्म के किसी हिस्से से खून निकलने से रोज़ा टूट जाता है? (अली हसन, अहमदनगर)

जवाब : नहीं महज़ खून निकलने से रोज़ा नहीं टूटता। हां अगर मुंह से खून निकला और हलक के नीचे उतर गया तो रोज़ा टूट जाएगा। (मुफ्ती मेराज)

3. सवाल : क्या ज़कात के पैसों से इफ्तार करा सकते हैं? (सेराज, गाजी रौजा)

जवाब : नहीं ज़कात के पैसों से इफ्तार नहीं करा सकते हैं। हां उन पैसों से राशन वगैरा खरीद कर किसी ग़रीब को मालिक बना दें तो ज़कात अदा हो जाएगी। (मुफ्ती अख्तर)