देशी दुल्हन पर आया विदेशी दूल्हे के दिल, बैंड बाजा बारात के साथ हुई भारतीय परंपरा से शादी
गोरखपुर। भारतीय संस्कृति, परंपरा और विवाह के रीति रिवाज ने एक प्रेमी को अपनी प्रेमिका को पत्नी बनाने के लिए गोरखपुर तक खींच चलाया। यह सुंदर दृश्य सोमवार की शाम गोरखपुर के एक पांच सितारा होटल में मेहमानों के बीच खास बन गया।
जिसमें आयरलैंड की एक कंपनी में बतौर इंजीनियर काम करने वाली गोरखपुर की बेटी को आयरिश लड़के से मोहब्बत हो गई। फिर क्या था दोनों एक दूसरे को जीवनसाथी के रूप में भी स्वीकार करने के लिए तैयार हो गए। इस रिश्ते को दोनों के घर वालों ने भी अपनी सहमति दे दी। इसके बाद आयरलैंड से यह दूल्हा अपने परिवार और साथियों के साथ, अपनी दुल्हनिया को विदा कराने के लिए नाचते-झूमते पहुंच गया गोरखपुर। भारतीय परंपरा के अनुसार सात फेरे लेकर प्रेम को एक पवित्र रिश्ते का नाम दिया। इसके साथ ही यह शादी लोगों के बीच चर्चा का विषय भी बन गई।
वर्ष 2013 में आयरलैंड पढ़ाई करने गई तन्विता श्रीवास्तव अपने परिवार में सबसे छोटी है। वह यूसीसी कॉलेज एंड यूनिवर्सिटी डबलिन में पढ़ाई के दौरान, अपने सहेली के भाई एंड्रयू ओ नील के संपर्क में आई। पढ़ाई पूरी करने के बाद तन्विता आयरलैंड में ही नौकरी शुरू की और और नील के साथ उसके संबंध और करीब होते गए। जिसके साथ उसने गृहस्थी बसाने का निर्णय लिया। वह आयरलैंड की फैडलिटी इन्वेस्टमेंट कंपनी में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में तैनात है।तन्विता के पिता सांख्यिकी विभाग के अधीक्षण अधिकारी रहे। जो अपनी बेटी के इस निर्णय से खुश थे। और पूरे बारातियों की खातिरदारी के लिए दरवाजे पर खड़े होकर सेवा सत्कार कर रहे थे। तन्विता का बड़ा भाई नोएडा में सॉफ्टवेयर इंजीनियर नितिन श्रीवास्तव है। तो उसकी बड़ी बहन सुरभि श्रीवास्तव की शादी लखनऊ में हुई है। जो सभी बारातीयों का स्वागत पूरे उत्साह के साथ करते आए। बैंड बाजे की धुन से परिसर गूंजा तो दूल्हा भी नाच पड़ा।
आयरिस मेहमानों की यह बारात जब होटल पर पहुंची तो दोनों परिवारों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सभी नाचते देखे गए। दूल्हा और दुल्हन के साथ दोनों परिवारों का पहनावा भी भारतीय परंपरा के अनुसार था। द्वार पूजा में शामिल लोगों के बीच पीएम मोदी की यह अपील भी चर्चा में थी कि वेड इन इंडिया होना चाहिए। तन्विता की मां भी पूर्व प्रवक्ता रही हैं। वह भी बेटी की शादी से बेहद खुश हैं। वह कहती हैं कि निश्चित तौर पर ऐसी शादियों से देश में एक पर्यटन का माहौल पैदा होगा। और समय कहता है कि बच्चों के निर्णय अगर सकारात्मक दिशा में है तो, परिजनों को भी उसे सहारा देना चाहिए। जिंदगी सकारात्मक हो उसमें खलल नहीं डालना चाहिए।
Mar 13 2024, 16:12