प्रखंड प्रमुख विपुल कुमार की अध्यक्षता पंचायत समिति की हुई बैठक, लगभग दो करोड़ की विकास योजनाओं का किया गया चयन

औरंगाबाद : जिले के प्रखंड कार्यालय सभागार में पंचायत समिति की विशेष बैठक प्रखंड प्रमुख विपुल कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गई।बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा की गई। लगभग दो करोड़ की विकास योजनाओं का चयन किया गया। बैठक की शुरुआत गत बैठक की संपुष्टि से हुई। जुलाई 2023 में हुई बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए गए विकास योजनाओं को संपुष्टि प्रदान की गई। कुछ पंचायत समिति सदस्यों के कुछ विरोध के बाद संपुष्टि की गई।

बीडीओ ने कहा कि जो सदस्य ली गई योजना के स्थान पर दूसरी योजना देना चाहते हैं, वह दे सकते हैं। प्रमुख खेमे के कुछ पंचायत समिति सदस्यों ने पूर्व प्रमुख पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस बैठक में इन योजनाओं के चयन की बात कही जा रही है,उसकी सूचना ही नहीं दी गई थी। 

वित्तीय वर्ष 2024- 25 की योजना पर विचार-विमर्श व चयन पर चर्चा के दौरान बीडीओ ने कहा कि 15 वीं वित्त आयोग की राशि का बजट लगभग 98 लाख का है ।अनटायड मद में 38,66,400 और टायड मद में 28 लाख 99हजार 800 व 28 लाख 99 हजार 800 हैं।षष्टम वित्त आयोग में भी इतनी ही राशि है। 

मनरेगा पर चर्चा के दौरान पीओ निर्भय कुमार द्वारा बताया गया कि लगभग 12 करोड़ 76 लाख 11 हजार 18 सौ रुपए का बजट है।

सामान्य स्थाई समिति में प्रमुख अध्यक्ष, गुप्तेश्वर पाल ,संगीता देवी, प्रज्ञा प्रीतम सदस्य, वित्त अंकेक्षण योजना समिति में प्रमुख अध्यक्ष, माया देवी, पूनम देवी, बबलू कुमार सदस्य, उत्पादन समिति में प्रज्ञा प्रीतम अध्यक्ष ,कविता देवी, पूनम देवी, ध्रुव शर्मा सदस्य ,शिक्षा समिति में बबलू कुमार अध्यक्ष ,संगीता देवी ,गुप्तेश्वर पाल ,कविता देवी सदस्य ,लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं स्वच्छता समिति में गुप्तेश्वर पाल अध्यक्ष, संगीता देवी ,माया देवी ,प्रज्ञा प्रीतम सदस्य, लोक निर्माण समिति में संगीता देवी अध्यक्ष ,पूनम देवी प्रियंका देवी ,गुप्तेश्वर पाल सदस्य चुने गए।

पूर्व प्रमुख खेमे के सदस्यों द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद सामाजिक न्याय समिति का गठन नहीं किया जा सका।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

बिहार में मुसलमानों की बदहाली पर पीके ने राजद पर बोला हमला, कही यह बात

पटना: मुसलमान 32 साल से राजद को वोट दे रहा है, कोई राजद या तेजस्वी से क्यों नहीं पूछता कि उन्होंने मुसलमानों के वोट तो लिए लेकिन उनके लिए कुछ क्यों नहीं किया। उक्त बाते आज जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कही है। 

जन सुराज पदयात्रा के दौरान पत्रकार वार्ता में एक सवाल का जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जब तक आप समाज में सुधार नहीं लाएंगे, आपके बच्चे गुजरात और तमिलनाडु में जाकर मजदूरी ही करेंगे, फिर यहां के लोगो का भला कैसे होगा। 

कहा कि मैं बिहार में 18 महीने से पैदल चल रहा हूं, 5 हजार से ज्यादा गांव में जाने के बाद मैं रोज मंच से कहता हूं कि दलितों के बाद सबसे ज्यादा गरीब, बदहाल, फटेहाल अगर बिहार में कोई है तो वो मुसलमान है। लेकिन 32 साल से मुसलमानों ने लालटेन का साथ नहीं छोड़ा है। 30-32 सालों में मुसलमानों ने RJD से कभी नहीं पूछा कि आपके नेता सड़क और ग्रामीण कार्य मंत्री रहे फिर हमारे गांव में सड़क, नाली और गली क्यों नहीं बना है? 

पीके ने कहा कि आप स्वास्थ्य मंत्री थे फिर बच्चों के लिए अस्पताल और दबाई क्यों नहीं है? आप शिक्षा मंत्री थे फिर हमारे बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था क्यों नहीं है? मुसलमान इन सारी परेशानियों के बावजूद लालटेन को वोट देता है।

धीरेन्द्र की रिपोर्ट

बिना पंजीकरण संचालित अल्ट्रासाउंड क्लिनिको पर भी कार्रवाई करने का डीएम ने दिया निर्देश

 

जिला पदाधिकारी श्री कांत शास्त्री द्वारा समाहरणालय के सभा कक्ष में बैठक आयोजित कर स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा की गई. इस क्रम में उपस्थित सभी उपाधीक्षक, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अस्पताल प्रबंधक, स्वास्थ्य प्रबंधक, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक एवं जिले में कार्यरत डेवलपमेंट पार्टनर प्रतिनिधियों सहित सभी जिला स्तरीय पदाधिकारीयों को समीक्षित विभिन्न बिंदुओं पर आवश्यक निर्देश दिए गए. उक्त आशय की जानकारी जिला कार्यक्रम प्रबंधक मो. अनवर आलम द्वारा दी गयी. 

जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने बताया गया कि जिला पदाधिकारी द्वारा सदर अस्पताल, औरंगाबाद में सिजेरियन, हाइड्रोसील, हर्निया जैसे ऑपरेशन की व्यवस्था सामान्य रूप से कराने हेतु उपाधीक्षक सदर अस्पताल, औरंगाबाद को निर्देश दिया गया. सिजेरियन की आवश्यकता पड़ने पर सदर अस्पताल से रेफर होने के समय अधीक्षक, उपाधीक्षक अथवा अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी इस बात की जांच करेंगे कि प्रसूति को किन परिस्थितियों में किसी दूसरे संस्थान में रेफर किया जा रहा है तथा रेफर करने का औचित्य सही है अथवा नहीं. गलत रेफरल की जांच के साथ-साथ जिले में बिना पंजीकरण डिलीवरी करने वाले अस्पतालों की जांच प्रशासन के द्वारा करने का निर्देश दिया गया. सिविल सर्जन एवं उपाधीक्षक, सदर अस्पताल, औरंगाबाद को आदेशित किया गया कि स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ अथवा जनरल सर्जन चिकित्सकों की उपलब्धता चौबीस घंटे कराते हुए सिजेरियन की व्यवस्था कराई जाय ताकि सुविधा के अभाव में अन्य संस्थाओं में जाने की नौबत नहीं आए. अनुमंडलीय अस्पताल, दाउदनगर में सिजेरियन सेक्शन की संख्या में कमी को लेकर खेद व्यक्त की गई.  

बिना पंजीकरण संचालित अल्ट्रासाउंड क्लिनिको पर भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया.

 

यह पता चलने पर कि सदर अस्पताल से लेकर सभी प्राथमिक,अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थापित चिकित्सकों द्वारा सरकार के दिशा-निर्देशों अनुसार ड्यूटी नहीं की जा रही है. कुछ ही चिकित्सक बायोमैट्रिक अटेंडेंस बनाते हैं, कुछ सप्ताह में मात्र दो-तीन दिन की ड्यूटी करते हैं तथा अपनी मर्जी अनुसार अस्पताल आते हैं. इस संबंध में जिला पदाधिकारी द्वारा सख़्त निर्देश दिया गया कि ड्यूटी की अवधि में कमी स्वीकार्य नहीं होगी. निर्धारित रोस्टर के अनुसार जो चिकित्सक कार्य नहीं करते हैं अथवा जो चिकित्सक मात्र दो-तीन दिन ही कार्य कर रहे हैं उन्हें किए गए ड्यूटी के अनुसार ही वेतन/मानदेय दिया जाए. सभी उपाधीक्षक एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को यह आदेशित किया गया कि चिकित्सकों का बायोमेट्रिक अटेंडेंस बनवाना सुनिश्चित करें.

मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन के इंप्लीमेंटेशन को संतोषजनक नहीं पाया गया. निर्देशित किया गया कि आवश्यक प्रशिक्षण कराते हुए कार्यक्रम को प्रभावी रूप से क्रियान्वित कराया जाए. संस्थागत स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को प्रभावित तरीके से आयोजित करने के संबंध में निर्देश दिया गया. 

प्रत्येक माह आंगनवाड़ी केंद्रों पर आयोजित होने वाले वीएचएसएनडी के दौरान गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच, गर्भवती एवं बच्चों के टीकाकरण सहित अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों से संबंधित प्राथमिक सुविधा उपलब्ध कराई जाए. उन्होंने जिला स्तरीय पदाधिकारी को निर्देशित किया कि वह प्रखंडों में जाकर के नियमित रूप से विभिन्न कार्यक्रमों को मॉनिटर करें तथा जो कार्यक्रम पीछे रहे हैं उनकी साप्ताहिक समीक्षा कर आवश्यक सुधार करें.

इस बैठक में सिविल सर्जन डॉ रवि भूषण श्रीवास्तव, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. किशोर कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मिथिलेश प्रसाद सिंह, जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ रवि रंजन, जिला लेखा प्रबंधक मोहम्मद अफरोज हैदर, जिला एपिडेमोलॉजिस्ट उपेंद्र कुमार चौबे, डीसीएम आनंद प्रकाश, आरबीएसके कोऑर्डिनेटर नीलम रानी, डीपीसी नागेंद्र कुमार केसरी, जिला एमई पदाधिकारी अविनाश कुमार सहित जिला स्वास्थ्य समिति, औरंगाबाद के तमाम अधिकारी एवं डेवलपमेंट पार्टनर के प्रतिनिधि, सभी उपाधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अस्पताल प्रबंधक, स्वास्थ्य प्रबंधक, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक एवं अन्यान्य उपस्थित रहे.

जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की हुई मासिक समीक्षा बैठक

जिला पदाधिकारी श्री कांत शास्त्री द्वारा समाहरणालय के सभा कक्ष में बैठक आयोजित कर स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा की गई. इस क्रम में उपस्थित सभी उपाधीक्षक, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अस्पताल प्रबंधक, स्वास्थ्य प्रबंधक, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक एवं जिले में कार्यरत डेवलपमेंट पार्टनर प्रतिनिधियों सहित सभी जिला स्तरीय पदाधिकारीयों को समीक्षित विभिन्न बिंदुओं पर आवश्यक निर्देश दिए गए. उक्त आशय की जानकारी जिला कार्यक्रम प्रबंधक मो. अनवर आलम द्वारा दी गयी. 

जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने बताया गया कि जिला पदाधिकारी द्वारा सदर अस्पताल, औरंगाबाद में सिजेरियन, हाइड्रोसील, हर्निया जैसे ऑपरेशन की व्यवस्था सामान्य रूप से कराने हेतु उपाधीक्षक सदर अस्पताल, औरंगाबाद को निर्देश दिया गया. सिजेरियन की आवश्यकता पड़ने पर सदर अस्पताल से रेफर होने के समय अधीक्षक, उपाधीक्षक अथवा अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी इस बात की जांच करेंगे कि प्रसूति को किन परिस्थितियों में किसी दूसरे संस्थान में रेफर किया जा रहा है तथा रेफर करने का औचित्य सही है अथवा नहीं. गलत रेफरल की जांच के साथ-साथ जिले में बिना पंजीकरण डिलीवरी करने वाले अस्पतालों की जांच प्रशासन के द्वारा करने का निर्देश दिया गया. सिविल सर्जन एवं उपाधीक्षक, सदर अस्पताल, औरंगाबाद को आदेशित किया गया कि स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ अथवा जनरल सर्जन चिकित्सकों की उपलब्धता चौबीस घंटे कराते हुए सिजेरियन की व्यवस्था कराई जाय ताकि सुविधा के अभाव में अन्य संस्थाओं में जाने की नौबत नहीं आए. अनुमंडलीय अस्पताल, दाउदनगर में सिजेरियन सेक्शन की संख्या में कमी को लेकर खेद व्यक्त की गई. 

बिना पंजीकरण संचालित अल्ट्रासाउंड क्लिनिको पर भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया.

 

यह पता चलने पर कि सदर अस्पताल से लेकर सभी प्राथमिक,अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थापित चिकित्सकों द्वारा सरकार के दिशा-निर्देशों अनुसार ड्यूटी नहीं की जा रही है. कुछ ही चिकित्सक बायोमैट्रिक अटेंडेंस बनाते हैं, कुछ सप्ताह में मात्र दो-तीन दिन की ड्यूटी करते हैं तथा अपनी मर्जी अनुसार अस्पताल आते हैं. इस संबंध में जिला पदाधिकारी द्वारा सख़्त निर्देश दिया गया कि ड्यूटी की अवधि में कमी स्वीकार्य नहीं होगी. निर्धारित रोस्टर के अनुसार जो चिकित्सक कार्य नहीं करते हैं अथवा जो चिकित्सक मात्र दो-तीन दिन ही कार्य कर रहे हैं उन्हें किए गए ड्यूटी के अनुसार ही वेतन/मानदेय दिया जाए. सभी उपाधीक्षक एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को यह आदेशित किया गया कि चिकित्सकों का बायोमेट्रिक अटेंडेंस बनवाना सुनिश्चित करें.

मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन के इंप्लीमेंटेशन को संतोषजनक नहीं पाया गया. निर्देशित किया गया कि आवश्यक प्रशिक्षण कराते हुए कार्यक्रम को प्रभावी रूप से क्रियान्वित कराया जाए. संस्थागत स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को प्रभावित तरीके से आयोजित करने के संबंध में निर्देश दिया गया. 

प्रत्येक माह आंगनवाड़ी केंद्रों पर आयोजित होने वाले वीएचएसएनडी के दौरान गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच, गर्भवती एवं बच्चों के टीकाकरण सहित अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों से संबंधित प्राथमिक सुविधा उपलब्ध कराई जाए. उन्होंने जिला स्तरीय पदाधिकारी को निर्देशित किया कि वह प्रखंडों में जाकर के नियमित रूप से विभिन्न कार्यक्रमों को मॉनिटर करें तथा जो कार्यक्रम पीछे रहे हैं उनकी साप्ताहिक समीक्षा कर आवश्यक सुधार करें.

इस बैठक में सिविल सर्जन डॉ रवि भूषण श्रीवास्तव, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. किशोर कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मिथिलेश प्रसाद सिंह, जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ रवि रंजन, जिला लेखा प्रबंधक मोहम्मद अफरोज हैदर, जिला एपिडेमोलॉजिस्ट उपेंद्र कुमार चौबे, डीसीएम आनंद प्रकाश, आरबीएसके कोऑर्डिनेटर नीलम रानी, डीपीसी नागेंद्र कुमार केसरी, जिला एमई पदाधिकारी अविनाश कुमार सहित जिला स्वास्थ्य समिति, औरंगाबाद के तमाम अधिकारी एवं डेवलपमेंट पार्टनर के प्रतिनिधि, सभी उपाधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अस्पताल प्रबंधक, स्वास्थ्य प्रबंधक, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक एवं अन्यान्य उपस्थित रहे.

ट्रैक्टर चोरी कर भाग रहे चोर को पुलिस ने ट्रैक्टर के साथ दबोचा

औरंगाबाद जिला के रफीगंज थाना अन्तगर्त से एक अज्ञात चोरो द्वारा ट्रैक्टर चोरी कर लिया गया था

वहीं बरही झारखंड से रफीगंज पुलिस के द्वारा 10 मार्च को चोरी का ट्रैक्टर बरामद कर लिया गया है । और ट्रैक्टर चोरी कर भाग रहे चोर को भी पुलिस ने धर दबोचा।

वहीं रफीगंज थाना अध्यक्ष गुफरान अली ने बताया कि पुलिस की सक्रियता से ट्रैक्टर चोर संपत कुमार पिता महेंद्र मलाकार ग्राम-अकौनी थाना रफीगंज जिला औरंगाबाद को चोरी के ट्रैक्टर के साथ गिरफ्तार किया गया है। और अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।

औरंगाबाद मतदाता जागरूकता के लिए हुई आंगनबाड़ी केंद्रों पर मेहंदी प्रतियोगिता

औरंगाबाद लोकसभा चुनाव को लेकर औरंगाबाद जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री की ओर से मतदाताओं को जागरूक करने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।

इस बाबत सोमवार को औरंगाबाद समाज कल्याण. विभाग की आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं की ओर से अपने-अपने परियोजना क्षेत्रों में मतदाताओं को जागरूक किया गया।

मतदाता जागरूकता थीम पर मेंहदी प्रतियोगिता, रंगोली, शपथ-ग्रहण, स्लोगन, डोर-टू-डोर , संगोष्ठी इत्यादि कार्यक्रमों से मतदान के लिए प्रेरित किया गया। इसके अलावा जीविका दीदियों की ओर से भी ग्रामीण इलाके में मतदाताओं को मतदान के महत्व के बारे में जानकारी दी जा रही है।

कार्यक्रम आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य मतदाताओं को मताधिकार के प्रति जागरूक करना है।

लोकसभा आम निर्वाचन- 2024 की तैयारी से संबंधित की गई समीक्षा बैठक

औरंगाबाद: दिनांक 09-03-2024 को समाहरणालय के सभा कक्ष में जिला पदाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी श्री श्रीकांत शास्त्री के द्वारा लोकसभा आम निर्वाचन- 2024 की तैयारी से संबंधित जिला स्तर पर गठित सभी नोडल पदाधिकारी, वरीय पदाधिकारी सहायक निर्वाची पदाधिकारी के साथ कोषांग से संबंधित कार्यों की समीक्षा की गई तथा समीक्षा बैठक में सभी कोषांगों के नोडल पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि अपने-अपने कोषांग के कार्यों को ससमय पूर्ण कर ले ताकि आगे कोई कठिनाई न हो और हम लोग चुनाव को सफल पूर्वक करा सके।

 

उक्त बैठक मैं अपर समाहर्ता श्री ललित रंजन भूषण, उप विकास आयुक्त श्री अभयेंद्र मोहन सिंह, अपर समाहर्ता सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी श्री जय प्रकाश नारायण,सदर अनुमंडल पदाधिकारी, सभी कोषांग के नोडल पदाधिकारी, तथा जिला स्तरीय अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

रफीगंज के RBR खेल मैदान में अतिपिछड़ा सम्मेलन का आयोजन,जनजाति कल्याण मंत्री भी रहे मौजूद

औरंगाबाद : लोकसभा चुनाव की रणभेरी अभी बजी भी नहीं है लेकिन वोट बैंक को मजबूत करने के फिराक में सभी पार्टियां जुट गई है। 

ऐसा ही कुछ नजारा रफीगंज के आरबीआर खेल मैदान में दिखा जहां रविवार को हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा के नेता व बिहार सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी एवं अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री डॉ संतोष सुमन अभिनंदन समारोह सह अति पिछड़ा सम्मेलन में पहुंचे और सभा को संबोधित किया। 

इस दौरान अपने संबोधन मंत्री श्री सुमन ने सभा में मौजूद लोगों को बताया कि भारत के संविधान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा के अधिकारों की बात उल्लेखित है।

 लेकिन हम अपने अधिकार और कर्तव्य को नहीं जानते। यही कारण है कि हमारा समाज और हमारे लोग पिछड़ेपन का दंश झेलने को मजबूर है। 

मगर हमे उपर उठाने की जरूरत है। हम सभी पार्टी की एकजुटता के लिए कार्य कर रहें है। हमे मिलजुलकर अपने मतों के विभाजन को रोकना है तथा देश में फिर एक मजबूत और सशक्त सरकार का निर्माण करना है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

अज्ञात वाहन की चपेट में आने से महिला घायल, इलाज के लिए सदर अस्पताल मे भर्ती

औरंगाबाद – जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के चतरा मोड़ के समीप एनएच 139 पर आज रविवार के अपराह्न अज्ञात वाहन की चपेट में आकर बाइक सवार महिला घायल हो गई। 

जिसका स्थानीय लोगो की मदद से सदर अस्पताल में इलाज कराया गया और इस हादसे की जानकारी साथ रहे संबंधी के माध्यम से परिजनों को दी गई। घायल महिला की पहचान हजारीबाग निवासी राम अशीष की पत्नी पुष्पा देवी के रूप में की गई है। 

बताया जाता है कि पुष्पा झारखंड के हरिहरगंज आई थी और वापसी के दौरान चतरा मोड़ के समीप हादसे का शिकार हो गई।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

साइबर पुलिस ने पीड़ित को वापस लौटाए 2 लाख 31 हजार रूपये

औरंगाबाद: साइबर पुलिस ने पीड़ित को 2 लाख 31 हजार रूपये वापस लौटाए हैं। मामला जम्होर थाना क्षेत्र के बतवां टोले हुसैनगंज की हैं। 

जहां के साहिद हुसैन ने साइबर फ्रॉड मामले में बीते दिनों एक प्राथमिकी साइबर थाना औरंगाबाद में दर्ज करवाया था जिसमें उन्होने बताया कि उनके खाते से ऑनलाइन फ्रॉड हुआ है जिसमें 2 लाख 31 हज़ार रुपए की ठगी कर लिया गया था।

 मामले में साइबर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुऐ पीड़ित के सभी रूपये वापस लौटा दिए गए। पीड़ित ने साइबर सेल की सराहना करते हुए उनका धन्यवाद किया। थानाध्यक्ष सह डीएसपी डॉ अनु कुमारी ने बताया कि साइबर ठगों से सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुऐ कहा कि अज्ञात व्यक्ति के कॉल और मैसेज से सावधान रहे। 

साथ ही किसी को अपना ओटीपी नंबर किसी से भी शेयर न करें जिससे ऑनलाइन ठगी पर रोक लग सकेगी। ठगी का शिकार होने पर तुरंत संबंधित बैंक को जानकारी दें साइबर क्राइम विभाग में शिकायत दर्ज कराई खाते से धोखाधड़ी से पैसा निकालने की दशा में तुरंत 1930 पर कॉल करें।