मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने गिरिडीह वासियो दी सौगात। 587 करोड़ रुपए की लागत से 156 विकास योजनाओं किया उद्घाटन-शिलान्यास

मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि आज हमारी सरकार गिरिडीह से कई महत्वपूर्ण योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। वही मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार यहां के लोगों की सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक उत्थान के लिए कृत संकल्पित है। पिछले दो वर्षों में राज्य सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण जन कल्याणकारी कार्य प्रतिबद्धता के साथ किए गए हैं। झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जहां सर्वजन पेंशन योजना लागू की गई है। 

मुख्यमंत्री श्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार ने पूरे झारखंड में आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार, अभियान चलाकर लोगों को योजनाओं से जोड़ने का कार्य किया है। राज्य के जिला मुख्यालय एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी योजनाओं को लेकर एक-एक गांव और एक-एक घर पहुंचने का काम कर रहे हैं। 

यह कार्य पूर्व मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के कुशल नेतृत्व में संभव हुआ। वर्तमान समय में राज्य के भीतर सभी पात्र विधवा, दिव्यांग, वृद्ध को पेंशन से जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार अब राज्य के सभी वर्ग की महिलाओं को 50 वर्ष के उम्र से ही पेंशन योजना का लाभ देगी। वहीं एसटी-एससी समुदाय के पुरुषों को भी अब 50 वर्ष के उम्र से ही पेंशन योजना से आच्छादित किया जाएगा।

गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व को ही वर्तमान सरकार आगे बढ़ाते हुए राज्य की बुनियादी व्यवस्थाओं को मजबूत करने पर लगी है। अबुआ आवास योजना के तहत राज्य के 20 लाख पात्र परिवारों को पक्का मकान दिया जाएगा। 

मुख्यमंत्री ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि पूर्व की सरकारों ने यहां के आदिवासी और मूलवासी के जरूरतों को नजरअंदाज करने का काम किया है। हमारी सरकार यहां के लोगों के जरूरतों के मद्देनजर योजनाओं को धरातल पर उतार रही है। पिछले 4 वर्षों में पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में जनकल्याण के बहुत सारे कार्य हुए हैं। 

उन्होंने धनबाद में यूरिया कारखाना का उद्घाटन को लेकर कहा कि मेरा मानना है कि इस कारखाने से उत्पादित यूरिया का लाभ झारखंड के किसानों को तभी मिल सकेगा जब उनके खेतों पर पाइपलाइन के जरिए पानी पहुंचाई जाए। हमारी सरकार ने किसान भाइयों के खेतों पर साल के 12 महीने पाइपलाइन के जरिए सिंचाई हेतु पानी पहुंचाने का कार्य कर रही है। हमारी सरकार की सोच है कि राज्य के भीतर असंगठित मजदूरों को संगठित कर उन्हें उनका हक-अधिकार दी जाए।

156 योजनाओं की मिली सौगात 

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गिरिडीह जिले को 156 योजनाओं की सौगात दी। इनमें 57 योजनाओं का उद्घाटन और 99 योजनाओं की आधारशिला रखी गई। जिसके तहत लगभग 587 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जहां उद्घाटन योजनाओं की राशि 166.75 करोड़ है, वहीं शिलान्यास योजनाओं की राशि 420.16 करोड़ रुपए है। 

उन्होंने शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने की दिशा में कहा हर गरीब परिवार के बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर सके इस निमित्त छात्रवृत्ति राशि में तीन गुना तक वृद्धि की गई है। पैसों के अभाव में अब विद्यार्थियों की पढ़ाई न रुके इसके लिए सभी जरूरी सुविधाएं राज्य सरकार दे रही है।

रांची में दीवार गिरने से की मौत, गुस्साये लोगों ने किया हिनू चौक को जाम


रांची के हिनू चौक में दर्दनाक घटना घटी। कंस्ट्रक्शन साइट पर दीवार गिरने से दो बच्चे दब गए, दोनों की घटना स्थल पर ही हो गई। इससे गुस्साये लोगों ने हिनू चौक को जाम कर दिया है। 

यह घटना आज की सुबह हुनू स्थित यूको बैंक के पास हुई है। इससे गुस्साये लोगों ने हिनू चौक को जाम कर दिया है। मृतकों के लिए 25-25 लाख रुपए मुआवजा और घायल को 10 लाख रुपए देने की मांग कर रहे है। वही मौके पर रांची के सिटी एसपी और हटिया के विधायक घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।

जानकारी के अनुसार दीवार ढहने की घटना एक कंस्ट्रक्शन साइट पर हुई है। जहां पर भवन का निर्माण हो रहा था। बीते रात तेज बारिश होने की वजह से कमजोर परी दीवाल सुबह ढह गई। इसके नीचे दो बच्चे दब गए। दोनों बच्चों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। साथ ही लीलावती नाम की एक महिला भी घायल हुई है। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम वहां पहुंची। राहत एवं बचाव का कार्य जारी है। दो अबोध बच्चों की मौत से गुस्साये स्थानीय लोगों ने हिनू चौक को जाम कर दिया।

कल्पना सोरेन हुई राजनीति में सक्रिय,पार्टी के कार्यक्रम में भाग लेने से पहले सास-ससुर से ली आशीर्वाद…


 

राँची :(झा. डेस्क) पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन राजीनीति में कदम रख चुकी है। वे आज 4 मार्च को गिरिडीह में पार्टी के स्थापना समारोह में भाग लेगी।

इससे पहले उन्होंने झारखंड राज्य के के लिए संघर्ष करने वाले अपने ससुर JMM के अध्यक्ष दिशोमगुरु और सास रूपी सोरेन से आशीर्वाद लिया। इस बात की जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दी है।

उन्होंने लिखा है कि उनके पिता भारतीय सेना में थे। वह सेना से रिटायर हो चुके हैं। पिता ने सेना में रहकर देश के दुश्मनों का डटकर सामना किया।

अब वे राजनीति में कदम रख रही है और राज्य की जनता की सेवा करेगी साथ ही राज्य के विकास और ऐसी ताकत जो इस क्षेत्र की जनता की हक से वंचित करते आये हैं उनके विरुद्ध संघर्ष करेगी।

चाय गुमटी में बिक रहा था चिलम-गांजा, पुलिस ने किया दुकानदार को गिरफ्तार

रांची: रांची पुलिस ने आज ITI बस स्टैंड के पास एक चाय गुमटी से 40 पुड़िया गांजा, 141 पीस चिलम एवं 13 हजार 750 रुपये बरामद किये। गुमटी मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। 

गिरफ्तार दुकानदार की निशानदेही पर उसके घर से 4 किलो गांजा, करीब 3 किलो गांजा का चूरन, करीब 2 किलो सीलबंद गांजा एवं नशे के टेबलेट के कुछ डिब्बे मिले।

 एक वजन नापने वाली मशीन भी मिली। यह कार्रवाई कोतवाली DSP प्रकाश सोय के नेतृत्व में की गई। टीम में पंडरा ओपी के थानेदार रामेश्वर उपाध्याय एवं अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे। इस बात का खुलासा आज रांची के सिटी SP राजकुमार मेहता ने एक प्रेस कांफ्रेस में किया।

झारखंड कांग्रेस में अंतर्कलह, क्या ,गीता कोड़ा अपनी उपेक्षा से चिढ़कर भाजपा में गई, तीन कार्यकारी अध्यक्ष ने उठाया सवाल

झारखंड डेस्क

गीता कोड़ा को भाजपा ने टिकट देकर उसी सीट से खड़ा किया जहां से वह जीती थी। पहले यह सीट कांग्रेस के पाले में था अब अगर गीता कोड पुनः जीतती है तो यह भाजपा का सीट होगा। अब सवाल उठने लगा है कि क्यों कांग्रेस के लोग छोड़ कर दूसरे पार्टी का दामन थाम रहे हैं।इसका एक मात्र कारण है कांग्रेस के नेताओं का मठाधीश होना। जिन्हें कोई पद मिल जाता है तो वे इतने खास हो जाते हैं कि आम कार्यकर्ता को उन तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है।

कांग्रेस का इस अभिजात्य लक्षण का विकास उनके अंदर लंबे समय तक सत्ता में रहने के कारण हुआ था लेकिन दुर्भाग्य तो यह है कि पिछले 10 वर्षों से सत्ता से बाहर रहने के बावजूद भी कांग्रेस इस आत्मगुमान से बाहर नही निकल पायी जिसके कारण उनके प्रभावशाली लोग उनसे दूर होते गए।

पिछले दिन गीता कोड़ा को पार्टी से अलग होकर भाजपा में जाने का बाद भी इस विषय पर पार्टी के अंदर अंतर्कलह बढ़ने लगा।

और झारखंड कांग्रेस में  घमासान मचा। प्रदेश आलाकमान की शिकायत लेकर तीन कार्यकारी अध्यक्ष दिल्ली पहुंचे।

इन कार्यकारी अध्यक्ष का आरोप था कि गीता कोड़ा प्रदेश अध्यक्ष के क्रियाकलाप के कारण विवश होकर भाजपा में गयी हैं। बंधु तिर्की ने कहा कि राजेश ठाकुर के रहते संगठन का भला नहीं हो सकता है।

तीन कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, जलेश्वर महतो और शहजादा अनवर प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर की शिकायत लेकर दिल्ली आलाकमान के पास पहुंचे हैं। पार्टी के तीनों कार्यकारी अध्यक्ष ने प्रभारी गुलाम अहमद मीर और राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलकर प्रदेश अध्यक्ष की शिकायत करने का भी निर्णय लिया ऐसी बात मीडिया में आई।

 बंधु तिर्की ने कहा कि राजेश ठाकुर के पास संगठन चलाने की क्षमता नहीं है। गीता कोड़ा पिछले कई महीनों से उपेक्षित महसूस कर रहीं थीं। वह पार्टी की एकमात्र सांसद थीं, लेकिन संगठन में उन्हें कोई तवज्जो नहीं दिया जा रहा था।उनसे कोई राय नहीं ली जाती थी ।

गीता कोड़ा प्रदेश अध्यक्ष के क्रियाकलाप के कारण विवश होकर भाजपा में गयी हैं। श्री तिर्की ने कहा कि राजेश ठाकुर के रहते संगठन का भला नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व से मिलकर झारखंड में संगठन की जमीनी हकीकत बतायेंगे। प्रदेश अध्यक्ष के पास अपना कोई जनाधार नहीं है। वह आम कार्यकर्ता के बीच स्वीकार नहीं किये जाते हैं। 

इस तरह के कमजोर नेतृत्व से कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि संगठन में बदलाव के बिना पार्टी का भला नहीं हो सकता है. प्रदेश अध्यक्ष के पास कोई विजन नहीं है।

Jharkhand CET 2024 का नोटिफिकेशन जारी, आज से करें रजिस्ट्रेशन


झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगी परीक्षा 2024 के लिए आज से एप्लीकेशन प्रोसेस शुरू होगा. परीक्षा का आयोजन 28 अप्रैल 2024 को किया जाएगा. आइए जानते हैं कि आवेदन के लिए योग्यता और उम्र क्या होनी चाहिए.

झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगी परीक्षा (कृषि और अन्य संबद्ध पाठ्यक्रमों के लिए) 2024 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।

अभ्यर्थी झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगी परीक्षा बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट jceceb. jharkhand.gov.in के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं. अप्लाई करने की लास्ट डेट 1 अप्रैल 2024 है. एग्जाम का आयोजन 28 अप्रैल 2024 को निर्धारित केंद्रों पर किया जाएगा.

कैंडिडेट जारी आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार परीक्षा में शामिल होने के लिए निर्धारित लास्ट डेट या उससे पहले रजिस्ट्रेशन कर कर सकते है. पंजीकरण करने से पहले अभ्यर्थी बोर्ड की ओर से जारी नोटिफिकेशन को जरूर पढ़ें.

ये होनी चाहिए आवेदन की योग्यता

जिन अभ्यर्थियों ने विज्ञान विषयों में 50 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं परीक्षा पास की है 31 दिसंबर 2024 को या उससे पहले 17 से 25 वर्ष की आयु के बीच हैं. वह कैंडिडेट पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन पाठ्यक्रम में स्नातक के लिए आवेदन कर सकते हैं. वहीं कृषि, वानिकी, बीटेक डेयरी टेक, बीटेक कृषि इंजीनियरिंग, बीएफएससी और बीएससी बागवानी में बीएससी के लिए आवेदन करने वाले कैंडिडेट का 50 प्रतिशत अंकों के साथ साइंस स्ट्रीम से 12वीं पास होना अनिवार्य हैं. साथ उम्र 17 से 22 साल के बीच होनी चाहिए.

आवेदन फीस 

सामान्य, ईडब्ल्यूएस, बीसी-I और बीसी-II श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क पीसीएम और पीसीबी समूहों के लिए 900 रुपए है और पीसीएमबी समूह के लिए 1000 रुपए है. एससी, एसटी और महिला उम्मीदवारों के पीसीएम और पीसीबी समूह के लिए 450 रुपए और पीसीएमबी समूह के लिए 500 रुपए आवेदन फीस है.

आवेदन कैसे करें?

झारखंड सीईटी 2024 की आधिकारिक वेबसाइट jceceb. jharkhand.gov.in पर जाएं.

होम पेज पर झारखंड सीईटी 2024 रजिस्ट्रेशन लिंक पर क्लिक करें.

पंजीकरण फॉर्म भरें और आवश्यक डाक्यूमेंट अपलोड करें.

एप्लीकेशन फीस जमा करें और सबमिट करें.

यह झारखंड सीईटी प्रवेश परीक्षा हर साल बीवीएससी एंड एएच, बीएससी (ऑनर्स) एग्रीकल्चर, बीएससी (एच) फॉरेस्ट्री, बीटेक (डेयरी टेक्नोलॉजी), बीएफएससी (बैचलर ऑफ फिशरीज साइंस), बीटेक (एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग) और बीएससी में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है.

पॉजिटिव न्यूज: जैविक खेती ने झारखंड के कई किसानों की बदली तकदीर,लोगों में भी जैविक उत्पाद पर बढ़ रहा है भरोसा

झारखंड डेस्क

रांची : वैज्ञानिक तकनीकी के विकास और जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाकर अधिक पैदावार के होड़ के बीच शुद्ध भारतीय परंपरा की जैविक खेती से भी किसानों की तकदीर बदलती जा रही है।

आज किसानों द्वरा रसायनिक खाद और कीटनाशक दबाइयों का उपयोग करने से उसके कई साइड इफेक्ट भी मानव स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।

इसके कारण लोगों की दिलचस्पी जैविक खेती की ओर बढ़ी है ।क्योंकि पर्यावरण संकट के मौजूदा दौर में खेती-किसानी चुनौती बनती जा रही है. 

खेती के आधुनिक तौर तरीके, जिसमें रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग होता है, से उत्पादकता तो बढ़ी है, पर इसके दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं. फसलों और सब्जियों में हानिकारक रासायनिक तत्वों की मौजूदगी काफी ज्यादा है. इस कारण कई तरह की बीमारियां हो रही हैं. साथ ही मिट्टी की उर्वरकता पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है. इस कारण कई किसान जैविक खेती की ओर आकृष्ट हो रहे हैं.

झारखंड के संवाद नामक संस्था विगत कई सालों से जैविक खेती को लेकर किसानों के बीच जागरूकता फैलाने का काम कर रही है. पिछले पांच वर्षों में संस्था ने राज्य के 14 जिलों के 600 गांवों में जैविक खेती को लेकर जागरूकता फैलाने का काम किया है. इन गांवों के 7344 किसानों ने जैविक खेती की पद्धति को अपनाया है. इन 7344 में से 3661 किसान महिलाएं हैं. कुल 34970.64 एकड़ भूमि पर जैविक खेती हो रही है.

जैविक खेती ने कई किसानों की बदली तकदीर

जैविक खेती से कई किसानों की तकदीर बदली है। रांची के इटकी की रहनेवाली संतोषी नामक महिला पिछले पांच-छह वर्षों से जैविक खेती कर रही हैं. अभी हाल ही में उन्होंने राहड़ दाल की फसल काटी है. अब गर्मियों में वह भिंडी और बोदी जैसी सब्जियों की खेती की तैयारी कर रही हैं. 

हजारीबाग के सिमराकोनी गांव के आशीष कुमार ने बीते साल 20,000 डिसमिल जमीन में पीला तरबूज लगाया था, जिससे 30,000 रुपये की आमदनी हुई.

इस बार फिर वह तरबूज सहित अन्य फसलों को लगा रहे हैं. संदीप प्रजापति ने लाल भिंडी और टमाटर की खेती से 65000 रुपये की आमदनी प्राप्त की. हजारीबाग के ही पुरनी, आडरा, बाघमारा, चिची सहित अन्य गांवों के किसान भी अब जैविक खेती में रुचि लेने लगे हैं. 

दुमका के महादेवरायडीह गांव के युवा छोटेलाल टुडू को जब काफी कोशिश के बाद भी नौकरी नहीं मिली, तो उन्होंने जैविक खेती के प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया. अब वह अपने गांव में ही मूली, करेला व झिंगी की खेती कर अपने परिवार को चला रहा है.

इस तरह कई किसान है जो जैविक खेती कर आम निर्भर हो रहे हैं।लोगों का क्रेज भी जैविक खेती द्वारा उपजाए गए सामानों के प्रति बढ़ी है।लोग महंगे साग ,सब्जी तथा अनाज जैविक खेती द्वारा उत्पादित होने पर खरीदने के लिए तैयार रहते हैं।

जैविक खेती का क्रेज इतना बढ़ा है कि धोनी जैसे सेलेब्रेटिं भी इस तरह के खेती में दिलचस्पी ले रहे हैं।

आज जैवी खेती में अपार संभावनाएं है साथ ही कृषि योग्य भूमि की सेफ्टी और लोगों के स्वास्थ्य ठीक रहने के लिए जरूरी है।

जन्मजात बीमारियों से प्रभावित बच्चों का अब रिम्स में होगा इलाज,

रांची. बच्चों में होनेवाली जन्मजात बीमारियों को लेकर रिम्स में उपचार की विशेष व्यवस्था होगी. जो बच्चे ऐसी बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें दो मार्च को अस्पताल में परामर्श दिया गया. पीडियाट्रिक सर्जन डॉ अभिषेक रंजन ने बताया कि झारखंड में ऐसी बीमारी से बड़ी संख्या में बच्चे पीड़ित हैं.

 परिजन बर्थ डिफेक्ट समझकर इसका इलाज कराने से भी कतराते हैं. ऐसे बच्चों के लिए आउटरीच कार्यक्रम के तहत रिम्स की ओपीडी में परामर्श दिया गया. तीन मार्च को रिम्स में इन बीमारियों पर सीएमई का आयोजन किया गया है. 

ट्रॉमा सेंटर के ऑडिटोरियम में इस सीएमइ का आयोजन किया जायेगा. एक्सपर्ट के रूप में मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक सर्जन डॉ संतोष कर्माकर उपस्थित रहेंगे. सीमएमइ में ऐसी बीमारियों पर चर्चा की जायेगी.

बिग ब्रेकिंग/भाजपा ने 2024 लोकसभा के लिए11 उमीदवारों की सूची की जारी, 3 पर अभी सस्पेंस


(झारखंड डेस्क)

बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए शनिवार को उम्मीदवारों के नामों की पहली सूची जारी कर दी है।

झारखंड से 11 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी कर दी गई है। इसमें राजमहल से ताला मरांडी, दुमका से सुनील सोरेन, गोड्डा से निशिकांत दुबे, कोडरमा से अन्नपूर्णा देवी, रांची से संजय सेठ, जमशेदपुर से विद्युत वरण महतो, सिंहभूम से गीता कोड़ा, खूंटी से अर्जुन मुंडा, लोहरदगा से समीर उरांव, पलामू से बीडी राम, हजारीबाग से मनीष जायसवाल को टिकट दिया गया है। 

लोकसभा की तीन सीटों धनबाद , चतरा और गिरिडीह से उम्मीदवारों के नाम की अभी घोषणा नहीं हुई है।

झारखंड के सांसद जयंत सिन्हा ने रानीतिक से लिया सन्यास, गौतम गंभीर के बाद जयंत सिन्हा ने भी कहा अलविदा


 रिपोर्ट:- जयंत कुमार

झारखंड के हजारीबाग से बीजेपी के सांसद जयंत सिन्हा ने सक्रिय राजनीति से सन्यास लेने का फैसला लिया है। 

जयंत सिन्हा ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को चिट्ठी लिखकर उन्हें चुनावी दायित्व से मुक्त करने की मांग की है। जयंत सिन्हा ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर इसकी जानकारी दी है। बीजेपी उम्मीदवारों की सूची आने से पहले ही चुनाव लड़ने से मना करने वाले दूसरे बीजेपी सांसद हैं।

गौरतलब है कि पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। उनके पार्टी में नही होने से भाजपा को हजारीबाग के लिए नया चेहरा तलाशना होगा। बेशक जैन सिंह ने राजनीतिक से संन्यास ले लिया है लेकिन इतना जरूर कहा है कि वह आर्थिक और शासन संबंधी मुद्दों पर पार्टी के साथ काम करना जारी रखेंगे।