जिला जज ने किया जिला कारागार का निरीक्षण
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अयोध्या। उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के दिशानिर्देशन व गौरव कुमार श्रीवास्तव, माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फैजाबाद की अध्यक्षता में 20.02.2024 को जिला कारागार फैजाबाद का निरीक्षण एवं जागरूकता शिविर का आयोजन शैलेन्द्र सिंह यादव, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फैजाबाद द्वारा किया गया।
निरीक्षण के समय उदय प्रताप मिश्र वरिष्ठ जेल अधीक्षक अयोध्या, गिरीश कुमार (कारापाल), अंजू शर्मा व सुमरा अंसारी, माया सिंह, कलीमुद्दीन (उपकारापाल), अनुराग मिश्रा व विष्णुपाल सिंह(फार्मासिस्ट), मुख्य दिन हेड, महिला हाता प्रभारी एवं पुरूष हेड वार्डर, महिला हाता प्रभारी महिला बंदी रक्षक, बन्दीगण एवं महिला बन्दीगण आदि उपस्थित पाये गये।
दौरान निरीक्षण शैलेन्द्र सिंह यादव, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फैजाबाद द्वारा जेल में निरूद्ध सभी बन्दियों के सम्बन्ध में विभिन्न बिन्दुओं पर जानकारी प्राप्त की गयी। जिसमें 20.02.2024को कुल 1001 बन्दी एवं 48 महिला बन्दी एवं 8 बच्चे भी महिला बन्दियों के साथ संवासित है।
दौरान शिविर जिला कारागार अयोध्या में साफ-सफाई अच्छी पायी गयी, बन्दियों हेतु सायंकाल हेतु भोजन तैयार किया जा रहा है। शिविर के समय बन्दियों द्वारा बताया गया कि प्रातः कालीन नाश्ते में दलिया, गुड़, चाय एवं भोजन में रोटी, अरहर दाल, आलू मूली सोयाबड़ी दिया गया।
दौरान शिविर शैलेन्द्र सिंह यादव अपर जिला जज/सचिव द्वारा अधीक्षक जिला कारागार अयोध्या को निर्देशित किया गया कि बन्दियों के बौद्धिक विकास हेतु उनको मोटिवेट किया जाय। जिससे सभी बन्दी मानसिक तौर पर विकसित होकर देश विकास के मुख्य धारा में अपना योगदान प्रदान करें।
दौरान निरीक्षण अधीक्षक जिला कारागार अयोध्या को निर्देशित किया गया कि ऐसे बन्दी जिनकी न्यायालय द्वारा जमानत हो चुकी है किन्तु जिला कारागार से रिहा नही हो पाये है, उनकी रिहाई के लिए अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रार्थना पत्र प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करें। जिससे लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल के माध्यम से, थाने के माध्यम से आर्थिक, सामाजिक एवं सम्पत्तियों की जाँच कर उनको जेल से रिहाई के लिए आवश्यक कार्यवाही किया जा सके।
दौरान निरीक्षण जागरूकता शिविर जेल में निरूद्ध किशोर बन्दियों को विधिक जानकारी प्रदान की गयी एवं उनके अधिकारों के बारे अवगत कराया गया, तथा पैरवी के लिए अधिवक्ता है या नही इसकी विशेष जानकारी ली गयी, कि उसके पास अधिवक्ता की सुविधा है या नही, यदि किसी बन्दी के पास अधिवक्ता की सुविधा उपलब्ध नहीं है तो उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा के माध्यम से LADCS (लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल सिस्टम) मुकदमे की पैरवी हेतु निःशुल्क अधिवक्ता की सुविधा प्रदान की जाती है।
जेल में लीगल एड क्लीनिक की स्थापना की गयी है जिससे किसी बन्दी को कोई समस्या हो तो वह जेल में स्थापित लीगल एड क्लीनिक के माध्यम से कानूनी सहायता प्राप्त कर सकता है।
Feb 20 2024, 18:16