*'दीप जलाता हूं एकता का' काव्य-संकलन का शानदार विमोचन समारोह सम्पन्न*
मिर्जापुर। 'दीप जलाता हूं एकता का' काव्य संग्रह का विमोचन समारोह एक ऐसा दीपक बन कर प्रज्वलित हुआ, जिसकी रोशनी से लंबे दिनों तक साहित्य- जगत के जगमग होने की उम्मीद दिखाई पड़ रही है। नगर के सबरी स्थित साईं गार्डेन में पूर्व विधायक भगवती प्रसाद चौधरी द्वारा रचित कविता-संग्रह के इस विमोचन-समारोह में बौद्धिकता एवं चिंतन की धारा तीर्थराज प्रयाग के संगम की गंगा-यमुना की धारा सदृश दिखाई पड़ी।
थोड़े विलंब से शुरु कार्यक्रम में मंच से लेकर मंचेतर उपस्थित लोग पूरी तरह कल्पवासियों जैसे साहित्यवासियों के रुप में हो गए थे। मंच से समाज, राजनीति और अध्यात्म के उद्धरणों के साथ उन बिंदुओं की तलाश की जा रही थी, जो 'सर्वे भवन्तु सुखिनः' की अवधारणा को सार्थक कर सके। कार्यक्रम की अध्यक्षता जाने-माने वरिष्ठतम साहित्यकार वृजदेव पांडेय कर रहे थे तो मुख्य अतिथि देश की राजधानी नई दिल्ली से आकर यह जताने में समर्थ रहे कि वे विचारों के भी सुल्तान है। उनका नाम ही सुल्तान भारती है और वे व्यंग्यकार तथा पत्रकार हैं। उन्होंने तीखे विषमताओं को लेकर चिंतन-वाण के साथ व्यंग्यवाण भी बखूबी चलाया।
कार्यक्रम की शुरूआत क्रिकेट के नाबाद खिलाड़ी की भूमिका में ए एस जुबिली इंटर कॉलेज के प्रवक्ता डॉ रमाशंकर शुक्ल थे। जिन्होंने कार्यक्रम को ठोस आधार दिया तो सरकार से अलंकृत साहित्यकार प्रो अनुज प्रताप सिंह, मशहूर गीतकार गणेश गंभीर एवं के बी कॉलेज की पूर्व प्रोफेसर डॉ रेनू रानी सिंह ने कम समय में ही उद्बोधन का चौका-छक्का लगाया। अन्य वक्ताओं में साहित्यकार एवं पत्रकार भोलानाथ कुशवाहा, अधिदर्शक चतुर्वेदी एवं सलिल पांडेय ने भी उद्बोधनीय पारी निभाई।
संचालक के रुप में अम्पायरिंग अमित आनन्द एवं ई कृष्ण कुमार चौधरी कर रहे थे। लगभग 3 घण्टे चले कार्यक्रम के बाद मंच कवियों के हवाले कर दिया गया। जो बड़ी देर से फील्डिंग टीम की तरह विराजमान थे।
Feb 10 2024, 15:08