राजगढ़ जिले के सारंगपुर से गिरफ्तार हुए हरदा पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट मामले में फैक्ट्री मालिक समेत तीन आरोपी, भाग रहे थे दिल्ली

मध्य प्रदेश स्थित हरदा पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य अपराधी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। अरेस्ट किए गए आरोपियों में राजेश अग्रवाल, सोमेश अग्रवाल एवं रफीक खान सम्मिलित है। कहा जा रहा है कि राजेश अग्रवाल को राजगढ़ जिले के सारंगपुर से गिरफ्तार किया गया है। वह कार में सवार होकर दिल्ली फरार होने की फिराक में था। हरदा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट में 11 लोग मारे गए हैं तथा कमोबेश 175 लोग के चोटिल हुए हैं।

हरदा में अवैध फटाखा फैक्ट्री का संचालक राजीव अग्रवाल एवं उसके बेटे को वेन्यु कार से सारंगपुर में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी हादसे के पश्चात् फरार हो गए थे। राजेश अग्रवाल उज्जनै से दिल्ली के लिए निकले थे। साथ ही सोमेश अग्रवाल भी था, जो वाहन में सवार था तथा मध्य प्रदेश छोड़ दिल्ली भागने का प्रयास कर रहा था। सारंगपुर SDOP अरविंद सिंह ने बताया की मध्यप्रदेश-उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे पर सारंगपुर पुलिस ने रात 9 बजे राजीव अग्रवाल, सोमेश अग्रवाल एवं रफीक को गिरफ्तार किया है। कागजी कार्रवाई के लिए भोपाल आईजी के निर्देश पर अपराधियों को हरदा भेजा गया है। हरदा दुर्घटना में मध्य प्रदेश पुलिस ने IPC की धारा 304, 308, 34 एवं धारा 3 विस्फोटक अधिनियम के तहत तीनों अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है।

मध्य प्रदेश के हरदा जिले के बैरागढ़ स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार को एक के बाद एक कई विस्फोट हुए थे। इस विस्फोट में अब तक 11 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है तथा कमोबेश 175 लोग चोटिल हैं। धमाका इतना खतरनाक था कि फैक्ट्री का मलबा दूर तक जा पहुंचा। पास में बनी कॉलोनी में खतरनाक तबाही मची। दुर्घटना के बाद घटनास्थल की आई तस्वीरों में देखा गया कि इलाका पूरा स्पष्ट हो चुका है। दमकल गाड़ियां मौके पर उपस्थित रहा तथा भारी पुलिस बलों की मौके पर तैनाती है।

पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देने के प्रस्ताव पर दो भाग में बंटे सपा विधायक, 14 ने किया विरोध, बाकी ने समर्थन

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देने वाला प्रस्ताव यूपी विधानसभा से पारित हुआ है। राम मंदिर निर्माण और राललला की प्राण प्रतिष्ठा के इस प्रस्ताव को विधानसभा में पार्टी लाइन से परे ज्यादातर विधायकों ने समर्थन दिया। हालांकि इस दौरान समाजवादी पार्टी बंटी हुई नजर आई। उसके 108 में से 14 विधायकों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया, जबकि बाकी ने इसका समर्थन किया। इस तरह राम मंदिर को लेकर क्या रुख अपनाया जाए, इसे लेकर पार्टी में ही दोफाड़ की स्थिति नजर आई। 

यूपी की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा के कुल 108 विधायक हैं। इनमें से 14 ने प्रस्ताव का विरोध किया था, लेकिन सदन में मौजूद अन्य विधायकों ने समर्थन किया। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मौके पर कितने विधायक थे, जिन्होंने प्रस्ताव का समर्थन किया। पीएम मोदी और सीएम योगी को धन्यवाद देने वाले इस प्रस्ताव को मंत्री सुरेश खन्ना ने पेश किया था। इस पर लालजी वर्मा ने सवाल खड़े किए और कहा कि आखिर ऐसे प्रस्ताव की जरूरत क्या है। लालजी वर्मा ने 2022 में ही बसपा को छोड़ सपा जॉइन कर ली थी। उनके विरोध पर भाजपा के विधायक हल्ला करने लगे। इस पर स्पीकर सतीश महाना ने दखल दिया और कहा कि जो समर्थन में हैं वे करें। जो विरोध में हैं, वे इसके लिए स्वतंत्र हैं। 

इसके बाद उन्होंने वोटिंग कराई। महाना ने कहा, 'मैं नहीं समझता कि इस प्रस्ताव का कोई विरोध करेगा। इसके बाद भी यदि कोई विरोध में है तो वह अपने हाथ खड़े कर सकता है।' सुरेश खन्ना ने धन्यवाद प्रस्ताव रखते हुए कहा कि अयोध्या धाम में भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर लगभग 500 साल के अंतराल के बाद भगवान श्रीरामलला की प्रतिमा की स्थापना 22 जनवरी 2024 को कर नया इतिहास रचने वाले हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व यूपी के लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हम बधाई देते हैं।

14 ने विरोध में उठाए हाथ, बाकी विधायकों ने कर दिया समर्थन

प्रस्ताव रखने के बाद स्पीकर महाना ने कहा कि जो इसके पक्ष में हों, वे अपना हाथ उठाएं। जो सदस्य इसके पक्ष में नहीं है, वे 'न' कहें, जिस पर विपक्ष के मात्र 14 सदस्यों ने अपने हाथ उठाए यानी उनके द्वारा प्रस्ताव का विरोध जताया गया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश माहना द्वारा कहा गया कि 14 सदस्यों को छोड़कर उक्त प्रस्ताव सदन के समस्त सदस्यों द्वारा पारित किया गया। इससे साफ है कि समाजवादी पार्टी के तमाम सदस्यों ने विरोध में हाथ नहीं उठाया और इस तरह वह धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते दिखे जबकि कुछ सदस्यों ने 'न' के पक्ष में अपना हाथ उठाकर विपरीत रूख अपनाया।

नितिन गडकरी का छलका दर्द, बोले-अच्छा काम करने वाले नेताओं को नहीं मिलता सम्मान

#nitin_gadkari_person_who_does_good_work_never_gets_respect_from_party 

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को लोकमत मीडिया समूह द्वारा सांसदों को उनके अनुकरणीय योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान गडकरी ने विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा।अवसरवादी नेताओं के सत्ताधारी दल से जुड़े रहने की इच्छा पर चिंता जताई और कहा कि विचारधारा में इस तरह की गिरावट लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है।इतना ही नहीं गडकरी ने यह भी कहा कि जो अच्छा काम करता है उसे कभी सम्मान नहीं मिलता और जो बुरा काम करता है उसे कभी सजा नहीं मिलती।

किसी का नाम लिए बिना गडकरी ने कहा, मैं हमेशा मजाक में कहता हूं कि चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, एक बात तय है कि जो अच्छा काम करता है उसे कभी सम्मान नहीं मिलता और जो बुरा काम करता है उसे कभी सजा नहीं मिलती।

हमारी बहसों और चर्चाओं में मतभेद हमारी समस्या नहीं है। हमारी समस्या विचारों की कमी है। उन्होंने कहा, ऐसे लोग भी हैं जो अपनी विचारधारा के आधार पर दृढ़ विश्वास के साथ खड़े हैं लेकिन इस तरह के लोगों की संख्या घट रही है और विचारधारा में गिरावट, जो हो रही है, लोकतंत्र के लिए अच्छी नहीं है। गडकरी ने कहा, न तो दक्षिणपंथी और न ही वामपंथी, हम जाने-माने अवसरवादी हैं, कुछ लोग ऐसा लिखते हैं और सभी सत्तारूढ़ दल से जुड़े रहना चाहते हैं।

उत्तराखंड में कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत के घर पर ईडी की दस्तक, जमीन घोटाला मामले में 17 ठिकानों पर रेड

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उत्तराखंड में कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के खिलाफ बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। उत्तराखंड से लेकर दिल्ली और चंडीगढ़ में छापा मारा है। तीन राज्यों के 15 से अधिक ठिकानों पर ईडी का तलाशी अभियान चल रहा है। ईडी की यह छापेमारी दो अलग-अलग मामलों में चल रही है, जिसमें एक मामला फॉरेस्ट लैंड से जुड़ा और दूसरा एक अन्य जमीन घोटाला है। जिसमें पिछले साल अगस्त में विजिलेंस विभाग ने हरक सिंह रावत के खिलाफ कार्रवाई की थी।

बता दें कि साल 2022 में भारतीय जनता पार्टी ने अपने कैबिनेट और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हरक सिंह रावत को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते 6 साल के लिए बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद हरक सिंह रावत विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए। साल 2016 में हरक सिंह रावत सहित कुल 10 विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत के खिलाफ बगावत की थी और भाजपा में चले गए थे।

उत्तराखंड में एक्शन से पहले ईडी ने मंगलवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई किया था। जांच एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव, राज्यसभा सांसद और पार्टी कोषाध्यक्ष एनडी गुप्ता सहित अन्य के परिसरों की तलाशी की थी।

सीमाएं होगी सुरक्षितःभारत की म्यांमार बॉर्डर को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, 1643 किमी में बाड़ लगाने की योजना

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भारत सरकार ने देश की सीमाओं की सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला किया है।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश की सीमाओं को अभेद्य बनाने को लेकर बड़ा एलान किया है। गृह मंत्री अमित शाह ने म्यांमार के साथ खुली सीमा पर बाड़ लगाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देश की सीमा को अभेद्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए सरकार ने पूरी 1643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का फैसला किया है। बेहतर निगरानी के लिए सीमा पर एक गश्ती ट्रैक भी बनाया जाएगा।

गृहमंत्री ने कहा कि सीमा की कुल लंबाई में से, मणिपुर के मोरेह में 10 किमी की दूरी पर पहले ही फेंसिंग लगाई जा चुकी है। इसके अलावा, हाइब्रिड सर्विलांस सिस्टम (एचएसएस) के माध्यम से फेंसिंग लगाने की दो पायलट परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। वे अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में प्रत्येक 1 किमी की दूरी पर फेंसिंग लगाएंगे। इसके अतिरिक्त, मणिपुर में लगभग 20 किलोमीटर तक फेंसिंग लगाने के काम को भी मंजूरी दे दी गई है और काम जल्द ही शुरू हो जाएगा।

शाह ने कहा, भारत 1,643 किमी (1,020 मील) की इस सीमा को ठीक उसी तरह सुरक्षित करेगा, जैसे हमने बांग्लादेश के साथ लगती देश की सीमा की बाड़बंदी की है, जो इससे भी दोगुनी लंबी है। गृह मंत्री शाह ने कहा था कि सरकार छह साल पुराने मुक्त आवाजाही समझौते को ख़त्म करने पर भी विचार करेगी। यह समझौता भारत और म्यांमार के सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासियों को बिना वीज़ा के एक-दूसरे की सीमा में 16 किमी तक की यात्रा की इजाजत देता है।

कौन है हरदा हादसे का जिम्मेदार? पटाखा फैक्टरी ब्लास्ट में अब तक 11 की मौत

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मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले हरदा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। इनमें से कई गंभीर रूप से घायल हैं। गंभीर घायलों को इलाज के लिए इंदौर, भोपाल और नर्मदापुरम भेजा गया है। फिलहाल मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। 50 से ज्यादा लोग मलबे में दबे हैं। एनडीआरएफ टीम को कुछ शव दबे नजर आए हैं। इन शव को निकालने के लिए मलबा हटाने की तैयारी तेज कर दी गई है।

हरदा की पटाखा फैक्ट्री में हुआ ब्लास्ट इतना भयानक था कि देखते ही देखते करीब 60 घर आग में स्वाहा हो गए। इस हादसे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इसका जिम्मेदार कौन है। दरअसल लोगों का कहना है कि इसकी शिकायत पहले भी प्रशासन से की गई थी लेकिन, प्रशासन ने कोई सुनवाई नहीं की।

जानकारी के मुताबिक हादरा की इस पटाखा फैक्ट्री में दो साल पहले भी ऐसा ही एक हादसा हुआ था जिसमें 3 बेकसूर मासूमों की जान चली गई थी। इस हादसे के बाद लोगों ने 4-5 बार जिला कलेक्टर से यहां की पटाखा फैक्ट्री के बारे में शिकायत भी की। लेकिन, जिला कलेक्टर ऋषि गर्ग ने कोई सुनवाई नहीं की और इस पूरे मामले को नजरअंदाज कर दिया। अब यहां पर फिर से हादसा हुआ है जिसमें 11 जानें चली गईं और कई जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। ऐसे में इस हादसे में सीएम मोहन यादव बड़ा एक्शन ले सकते हैं। जिले के कलेक्टर, एसपी को हटाया जा सकता है। इनके अलावा एसडीएम और सीएमएचओ पर भी गाज गिर सकती है।

इधर मध्य प्रदेश में विपक्षी कांग्रेस के बड़े नेता उमंग सिंघार ने हरदा की अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट पर सवाल उठाया है।उन्होंने कहा, पुलिस और प्रशासन की लापरवाही के बिना बारूद का इतना बड़ा जखीरा इकट्ठा नहीं हो सकता। सवाल ये है कि आखिर रहवासी इलाके में बारूद का भंडार कैसे जमा हो गया? पुलिस और प्रशासन को क्या इसकी जानकारी नहीं थी? उन्होंने सवाल उठाया, 'इस अवैध फैक्ट्री को किसकी शह थी, जो प्रशासन ने अनदेखी की? उन्होंने कहा कि मामले की जांच करवाकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इस मामले में शामिल सभी चेहरे बेनकाब किए जाएं।

बहुविवाह पर रोक, लिव इन के लिए रजिस्ट्रेशन, जानें उत्तराखंड यूसीसी बिल में क्या-क्या खास

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उत्तराखंड विधानसभा में आख़िरकार मंगलवार को समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड, 2024 विधेयक पेश कर दिया गया। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को विधानसभा के चार दिवसीय विशेष सत्र के दौरान ये बिल पेश किया।उत्तराखंड विधानसभा में पेश समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड, 2024 विधेयक सिर्फ़ विवाह, तलाक़, उत्तराधिकार, लिव इन रिलेशनशिप से जुड़ा हुआ है। इस विधेयक में साफ़ लिखा गया है कि ये पूरे उत्तराखंड में रहने वाले और उसके बाहर के निवासियों पर लागू होगा चाहे उसकी जाति या धर्म कोई भी हो। इसके साथ ही जो लोग राज्य में केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारी हैं उन पर भी ये लागू होगा. राज्य में राज्य या केंद्र सरकार की योजना का लाभ लेने वालों पर भी ये क़ानून लागू होगा। इसके साथ ही ये भी साफ़ कर दिया गया है कि इस विधेयक से अनुसूचित जनजातियों से जुड़े लोग बाहर रहेंगे।

उत्तराखंड के यूसीसी के मुताबिक़- विवाह पुरुष और महिला के बीच ही हो सकता है।शादी और तलाक़ को लेकर इस विधेयक में विस्तार से बात की गई है।

• विवाह के समय वर की कोई जीवित पत्नी न हो और न वधू का कोई जीवित पति हो।

• विवाह के समय पुरुष ने 21 वर्ष की आयु और स्त्री ने 18 वर्ष की आयु पूरी कर ली हो।

• अलग-अलग धर्म के लोग अपनी धार्मिक प्रक्रिया से विवाह कर सकते हैं।

• किसी भी धार्मिक विधि से विवाह के बावजूद विवाह का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।

• विवाह का पंजीकरण न कराने की स्थिति में ये अवैध घोषित नहीं होगा।

इस विधेयक के मुताबिक़, अगर पति-पत्नी के बीच कोई भी मनमुटाव होता है तो उसके लिए वो कोर्ट का रुख़ कर सकते हैं जिसका समाधान क़ानून के आधार पर होगा। इसके अलावा आपसी सहमति से तलाक़ के मामले में भी कोर्ट का रुख़ करना होगा। इस क़ानून के तहत तलाक़ के लिए भी कई आधार दिए गए हैं।

• जब पति-पत्नी में से किसी ने भी किसी और के साथ मर्ज़ी से शारीरिक संबंध बनाए हों।

• जब किसी ने भी क्रूरता का व्यवहार किया हो।

• विवाह के बाद दोनों पक्ष कम से कम दो साल से अलग रह रहे हों।

• किसी एक पक्ष ने धर्म परिवर्तन कर लिया हो या कोई एक पक्ष मानसिक विकार से पीड़ित हो।

• कोई एक पक्ष यौन रोग से पीड़ित हो या सात साल से किसी एक पक्ष का कोई अत-पता न हो।

• विवाह के एक साल के अंदर तलाक़ के लिए याचिका पर प्रतिबंध होगा लेकिन असाधारण मामलों में ये दायर की जा सकती है।

• किसी व्यक्ति की प्रथा, रुढ़ि, परंपरा से तलाक़ नहीं हो सकेगा।

इस विधेयक में लिव इन रिलेशनशिप में रहने को लेकर कई सारे बदलाव किए गए गए हैं। यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है।

• लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा।

• बगैर वेब पोर्टल पर रजिस्‍ट्रेशन कराए कपल साथ में नहीं रह पाएंगे।

• रजिस्ट्रेशन न कराने पर कपल को छह महीने की जेल हो सकती है। साथ ही 25 हजार का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

• 21 साल से कम उम्र वालों को अगर लिव इन में रहने के लिए माता-पिता से सहमति लेनी होगी। रजिस्‍ट्रेशन के बाद रजिस्‍ट्रार भी उनके अभिभावकों को इस बारे में सूचना देंगे।

• लिव इन में रहने वाले युवा रजिस्‍ट्रेशन रसीद को दिखाएंगे तभी उनको किराये पर रहने के लिए घर, हॉस्‍टल या पीजी मिल सकेगा।

• सिर्फ एक व्यस्क पुरुष और वयस्क महिला ही लिव इन में रह सकेंगे।

• वे पहले से विवाहित या किसी अन्य के साथ लिव इन रिलेशनशिप में नहीं होने चाहिए।

• अगर युवा गलत जानकारी देते हैं तो जिले का रजिस्‍ट्रार उनके माता और पिता को भी समन भेजकर बुला सकते हैं।

ब्रिटेन के किंग चार्ल्स III को हुआ कैंसर, शुरू हुआ इलाज, पीएम मोदी ने की जल्द स्वस्थ होने की कामना

#britainkingcharlesiiidiagnosedwithcancer

ब्रिटेन के राजा किंग चार्ल्स III को कैंसर हुआ है। बकिंगघम पैलेस ने इसकी जानकारी दी है। बकिंघम पैलेस (Buckingham palace) ने सोमवार, 5 फरवरी को यह घोषणा करते हुए कहा कि ब्रिटेन (Britain) के 75 वर्षीय राजा चाल्स को कैंसर हो गया है और उन्होंने उसका इलाज शुरू कर दिया है। पैलेस ने कहा, बीमारी के परिणामस्वरूप वह अपने सार्वजनिक कामों में देरी करेंगे। हालांकि ये कौन सा कैंसर है और किस स्टेज पर है फिलहाल इस बात की जानकारी नहीं दी है

बकिंघम पैलेस ने अपने ब्यान में क्या कहा?

बकिंघम पैलेस ने एक बयान में कहा, "प्रोस्टेट बढ़ने पर किंग ने हाल ही में अस्पताल में जांच करवाई। जांच में कैंसर की पहचान की गई है।" महामहिम ने आज नियमित उपचार शुरू किया है, इस दौरान डॉक्टरों ने उन्हें सार्वजनिक गतिविधियों को स्थगित करने की सलाह दी है। लेकिन हमेशा की तरह महामहिम राज्य के व्यावसायिक और आधिकारिक कागजी काम करना जारी रखेंगे। बकिंघम पैलेस ने बयान में आगे कहा गया है कि किंग "अपनी मेडिकल टीम के तुरंत इलाज शुरू करने के लिए आभारी हैं, जो उनकी हालिया अस्पताल प्रक्रिया के कारण संभव हो सका। वह अपने इलाज के बारे में पूरी तरह से सकारात्मक हैं और जल्द से जल्द पूर्ण सार्वजनिक कर्तव्य पर लौटने के लिए उत्सुक हैं।

पीएम ऋषि सुनक ने जाना किंग चार्ल्स का हाल

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने किंग चार्ल्स से मुलाकात कर उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। सुनक ने एक्स पर लिखा, “महामहिम के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह कुछ ही समय में पूरी ताकत से वापस आ जाएंगे। मुझे पता है कि पूरा देश उनके अच्छे होने की कामना करेगा।

पीएम मोदी ने की जल्द स्वस्थ रहोने की कामना

प्रिंस चार्ल्स के कैंसर होने की खबर सामने आते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही दुनिया के तमाम नेताओं ने उनके जल्द ठीक होने की कामना की। पीएम सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि वो सभी देश वासियों के साथ कामना करते हैं कि प्रिंस चार्ल्स जल्द स्वस्थ हो जाएं।

सऊदी अरब के साथ दोस्‍ती करेंगी हूती व‍िद्रोही, क्या एकजुट हो रहीं इस्लामिक ताकतें?

#yemen_houthi_rebels_ready_to_make_peace_with_saudi_arabia

यमन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले हूती विद्रोही सउदी अरब से दोस्ती के लिए तैयार हो गए हैं। यमन के हूती विद्रोहियों ने कहा है कि वह सऊदी अरब के साथ शांति चाहते हैं और इसकी कोशिशों के लिए तैयार हैं। बता दें कि हूती विद्रोही और सऊदी अरब के बीच दुश्मनी रही है।सऊदी अरब यमन के हूती विद्रोहियों को आतंकवादी मानता रहा है।

हूती ग्रुप के उप विदेश मंत्री हुसैन अल-एजी ने सऊदी अरब की यमन पर हमलों के लिए अमेरिका और यूके के साथ नहीं जाने के लिए भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि इसके लिए हम सऊदी अरब के प्रति विशेष आभार व्यक्त करते हैं और उनके साथ शांति वार्ता करने के लिए उत्सुक है। अल एजी ने सऊदी के साथ शांति स्थापित ना होने देने के लिए अमेरिका पर भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा, अमेरिका किसी समझौते तक पहुंचने के प्रयासों में बाधा डाल रहा है। अमेरिका और उससे जुड़े यमनी समूहों की तरफ से पेश की जा रही चुनौतियों के बावजूद यमन रियाद के साथ शांति के लिए तैयार है। अमेरिका पर सख्त रुख दिखाते हुए हूती नेता ने कहा, अमेरिका और ब्रिटेन ने 12 जनवरी से यमन में 300 से ज्यादा हमले किए हैं। इन हमलों के लिए अमेरिका को भारी कीमत" चुकानी होगी। अमेरिका हम पर हमला कर रहा है और हमारे वह प्रतिशोध से बच नहीं पाएगा। हम अपने देश के खिलाफ आक्रामकता पर कभी भी चुप नहीं रहेंगे। ना ही हमलों से डरकर हम इसका गाजा और फिलिस्तीन के प्रति अपने रुख को बदलेंगे।

हूती कौन हैं?

यमन के अल्पसंख्यक शिया समुदाय को हूती कहा जाता है। ये जैदी शिया समूह से ताल्लुक रखते हैं, जो शियाओं में भी अल्पसंख्यक समूह माना जाता है।इनका उदय 80 के दशक में हुआ। यह यमन के उत्तरी क्षेत्र में शिया मुस्लिमों की लड़ाई लड़ रहा सबसे बड़ा संगठन है। इस संगठन का नाम हूती संगठन सन् 2004 में यमन की तत्कालीन सरकार के खिलाफ विद्रोह करने वाले हुसैन अल हूती के नाम पर रखा गया। 

हूती विद्रोह क्या है? 

बता दें कि 1990 के दशक में यमन में सऊदी अरब के बढ़ते वित्तीय एवं धार्मिक प्रभाव की प्रतिक्रिया के फलस्वरूप हूती आंदोलन प्रारंभ हुआ। हूती उत्तरी यमन में सुन्नी इस्लाम की सलाफी विचारधारा के विस्तार के विरोध में हैं। इसी के फलस्वरूप आज से करीब 20 वर्ष पूर्व 2004 में यमन के उत्तरी भाग में इसने गृहयुद्ध का रूप ले लिया।यह गृहयुद्ध यमन में सत्तानशीं सुन्नी सरकार के खिलाफ था। बहुत से लोग इसे ‘सदाह युद्ध’ कहकर भी पुकारते हैं। इसके बाद सन् 2011 से पूर्व जब यमन में सुन्नी नेता अब्दुल्ला सालेह की सरकार थी, तब बड़े पैमाने पर शियाओं के दमन की घटनाएं हुईं। ऐसे में शियाओं में सुन्नी समुदाय के तानाशाह नेता के खिलाफ गुस्सा भड़क उठा और वे विद्रोह पर उतर आए।

ईरान की मदद से हो रहा शांति समझौता

2015 में सऊदी अरब ने कई खाड़ी देशों से गठबंधन कर यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ हवाई हमले शुरू किए थे। इनमें सऊदी अरब को संयुक्त अरब अमीरात से भी मदद मिली, लेकिन बाद में वह अलग हो गया। इसके जवाब में हूती विद्रोही भी सऊदी अरब पर मिसाइल और ड्रोन हमले करते रहे हैं। इन हमलों में सऊदी अरब को काफी नुकसान पहुंचाया है। अमेरिका शुरू में हूती विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी का साथ दिया था, लेकिन बाइडेन प्रशासन ने अपनी नीति बदल ली और सऊदी को अकेला छोड़ दिया।माना जा रहा है कि हूती विद्रोहियों के साथ बातचीत ईरान के हस्तक्षेप के काऱण हो रही है। कुछ दिनों पहले तक सऊदी अरब और ईरान कट्टर दुश्मन हुआ करते थे। सऊदी अरब दुनियाभर के सुन्नी मुसमलानों के नेता बनने का दावा करता है, वहीं ईरान शिया मुसलमानों का। इसके अलावा कूटनीतिक क्षेत्र में भी दोनों के बीच काफी तनाव था। लेकिन, चीन की मदद से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध बहाल हो चुके हैं। 

कितनी है हूतियों की ताकत?

यमन की ज़्यादा आबादी हूती विद्रोहियों के नियंत्रण में रहती है। उनका संगठन देश के उत्तरी हिस्से में टैक्स वसूलता है और अपनी मुद्रा भी छापता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हूती आंदोलन के विशेषज्ञ, अहमद अल-बाहरी के हवाले से कहा था कि 2010 तक हूती विद्रोहियों के पास 1,00,000 से 1,20,000 तक समर्थक थे। इनमें हथियारबंद लड़ाके और बिना हथियारों वाले समर्थक शामिल थे। संयुक्त राष्ट्र यह भी कहता है कि हूती विद्रोहियों ने बच्चों को भी भर्ती किया था, जिनमें से 1500 की साल 2020 में हुई लड़ाई में मौत हो गई थी और अगले साल कुछ सौ और बच्चे मारे गए थे। हूती लाल सागर के एक बड़ी तटीय इलाक़े पर नियंत्रण रखते हैं। यहीं से वे जहाज़ों को निशाना बना रहे हैं। यूरोपियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ पीस के एक विशेषज्ञ हिशाम अल-ओमेसी कहते हैं कि इन हमलों से उन्हें सऊदी अरब के साथ जारी शांति वार्ता में अपना पलड़ा भारी करने में मदद मिली है। वह कहते हैं, ये दिखाकर कि वे बाब अल-मंदब यानी कि लाल सागर के पतले से समुद्री रास्ते को बंद कर सकते हैं, उन्होंने सऊदी अरब पर रियायतें देने का दबाव बढ़ा दिया है।

मध्य प्रदेश के हरदा की पटाखा फैक्ट्री में धमाका, 6 की मौत, बड़ी संख्या में लोग जख्मी

#madhya-pradesh_harda_big_blast_in_harda_fire_cracker_factory

मध्य प्रदेश के हरदा जिले में भीषण हादसा हुआ है।यहां मगरधा रोड पर स्थित पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हो गया है।इस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई और 100 के करीब लोग घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि यह फैक्ट्री लंबे समय से अवैध रूप से संचालित हो रही थी। इस फैक्ट्री में लगभग डेढ़ सौ लोग काम कर रहे थे, जो इस घटना में हताहत हुए हैं। इस फैक्ट्री में काम करने वाले कई लोगों के दबे होने की आशंका है। घायलों को इलाज के लिए रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया।

सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया है। फायर ब्रिगेड की टीम फैक्ट्री में लगी भीषण आग को बुझाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, हालांकि अभी तक आग काबू नहीं हो सका है।

मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, अब तक मौके पर पहुंची बचाव टीम ने 50 से अधिक लोगों का रेस्क्यू किया है। यह सभी लोग जख्मी हालत में हैं। इसलिए इन्हें अस्पताल पहुंचाया गया है।

हरदा में हुई इस घटना का मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संज्ञान लिया है। उन्होंने इस मामले में आपात बैठक बुला ली। मुख्यमंत्री यादव ने तत्काल घटना का संज्ञान लेते हुए मंत्री प्रद्युम्न सिंह तौमर, उदय प्रताप सिंह, एसीएस अजीत केसरी, डीजी होम गार्ड अरविंद कुमार हेलीकॉप्टर से जाने के निर्देश दिए।