पदभार संभालते ही एक्शन मोड़ प्रमंडलीय आयुक्त संजय दुबे, केंद्रीय कारा का किया निरीक्षण

पूर्णिया : प्रमंडलीय आयुक्त का पदभार संभालते ही संजय दुबे एक्शन मोड़ में आ गए हैं। वे आते ही सबसे पहले केंद्रीय कारा पूर्णिया के निरीक्षण पर पहुंचे। वहीं प्रमंडलीय आयुक्त के निरीक्षण से केंद्रीय कारा के कैदियों और में खलबली मच गई। 

निरीक्षण में प्रमंडलीय आयुक्त ने कई कमियां पाईं। जिसे जल्द से जल्द दूर करने का निर्देश दिया गया है। उनके विजिट के साथ ही आज से केंद्रीय कारा में कैदियों में पठन - पाठन की भावना जागृत करने के उद्देश्य से पुस्तकालय की भी शुरुआत की गई है। 

उनके सेंट्रल जेल पहुंचने पर केंद्रीय कारा के पुलिस कर्मियों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद उन्होंने सेंट्रल जेल के कैदी वार्ड का निरीक्षण किया।

प्रमंडलीय आयुक्त संजय दुबे ने बताया कि केंद्रीय कारा पूर्णिया का निरीक्षण किया गया है। 

निरीक्षण करने पर पूर्णिया सेंट्रल जेल की व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गई हैं। 

हालांकि निरीक्षण के क्रम में कुछ कमियां उजागर हुईं। जैसे कि मेल वार्ड के शौचालय में ड्रेनेज और साफ सफाई की कमी पाई गई। जिसे लेकर जेल सुपरिंटेंडेंट को इसे दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है। 

निरीक्षण के क्रम में तरुण वार्ड में 57 कैदी एक ही कमरे में रह रहे थे और वृद्ध वार्ड में भी कैदियों की संख्या काफी अधिक थी। इसपर कारा अधीक्षक ने बताया कि 264 कमरे का कैदियों का नया वार्ड तैयार हो गया है। जिसकी शुरुआत बिहार जल्द कर दी जाएगी। इससे अत्यधिक कैदी जो एक ही कमरे में रह रहें हैं। इसका समाधान निकाल लिया जाएगा। इसके आगे ओवरऑल जेल की व्यवस्थाएं अच्छी लगी। 

व्यवस्थाओं को लेकर कुछ कैदियों से भी बातचीत की। कंबल बेहतर क्वालिटी और निर्धारित मूल्य के तहत पाया गया। इसके साथ ही सेंट्रल जेल में पुस्तकालय का उद्घाटन किया गया है। इससे केंद्रीय कारा के कैदियों में पठन -पाठन की भावना जागृत की जाएगी। 

वहीं इससे पहले सोमवार को वे इंटरमीडिएट के परिक्षा केंन्द्रों के औचक निरीक्षण पर पहुंचे थे। 

संजय दुबे ने इसी महीने पूर्णिया के प्रमंडलीय आयुक्त के पद पर अपना योगदान दिया है। योगदान देते ही वे पूरे एक्शन में दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने अब तक जिले के कई विभागों के निरीक्षण की एक लंबी लिस्ट तैयार कर ली है। इसी क्रम में आज वे केंद्रीय कारा के निरीक्षण के लिए पहुंचे थे।

पूर्णिया से जेपी मिश्र

पूर्णिया:-आयुक्त संजय दूबे द्वारा परीक्षा केंद्र का किया औचक निरीक्षण

संजय दूबे, आयुक्त पूर्णिया प्रमंडल पूर्णिया द्वारा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना द्वारा संचालित इण्टरमीडिएट वार्षिक (सैद्धान्तिक) परीक्षा 2024 को शांतिपूर्ण माहौल में कदाचार मुक्त संपन्न कराने को लेकर उर्स लाइन हिंदी मीडियम, मानस भारती, जिला स्कूल पूर्णिया स्थित परीक्षा केंद्र का औचक निरीक्षण किया गया।

मानस भारती स्कूल पूर्णिया में केवल छात्रों का परीक्षा केंद्र बनाया गया है। आयुक्त महोदय द्वारा सभी कमरों का निरीक्षण किया गया। सभी जगह परीक्षा शांतिपूर्ण चलते हुए पाया गया।

निरीक्षण के दौरान आयुक्त महोदय द्वारा केंद्राधीक्षक को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा दिए गए निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन करने का निर्देश दिया गया।

आयुक्त महोदय द्वारा प्रतिनियुक्ति दंडाधिकारी और केंद्राधीक्षक को निर्देश दिया गया की परीक्षा केंद्र पर प्रतिनियुक्त स्टैटिक दंडाधिकारी,पर्यवेक्षक प्रवेश करने वाले परीक्षार्थियों का फ्रिसकिंग परीक्षा केंद्र के मुख्य द्वार पर ही अचूक रूप से करना सुनिश्चित करेंगे।

निरीक्षण के दौरान आयुक्त महोदय द्वारा केन्द्राधीक्षक एवं प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी को स्वच्छ एवं कदाचार मुक्त वातावरण में परीक्षा कराने का निर्देश दिया गया।

आयुक्त महोदय द्वारा निर्देशित करते हुए कहा गया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर तुरंत अनुशासनिक करवाई संबंधित के विरुद्ध की जाएगी।

दाखिल खारिज मामले में गड़बड़ी को लेकर डीएम ने राजस्व कर्मचारी ज्ञान कुमार को तत्काल प्रभाव से किया निलंबित, विभागीय कार्रवाई करने का दिया निर्दे

पूर्णिया : प्राप्त शिकायत एवं समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर राजस्व कर्मचारी श्री ज्ञान कुमार अंचल कार्यालय रुपौली के विरुद्ध दाखिल खारिज के मामले में श्री नारायण मंडल के द्वारा रिश्वत लेने का आरोप और इससे संबंधित वीडियो वायरल हुआ।

कुन्दन कुमार जिला पदाधिकारी के संज्ञान में आते ही इस मामले की त्वरित जांच संयुक्त रूप से अनुमंडल पदाधिकारी एवं भूमि सुधार उपसमाहर्ता धमदाहा से कराई गई।

जांच प्रतिवेदन में राजस्व कर्मचारी ज्ञान कुमार के द्वारा एक ही भूमि के नामांतरण अथवा दाखिल खारिज हेतु पूर्व में वाद सं० 2884/22 -23 को अस्वीकृत करने की अनुशंसा की गई थी। जिसके आधार पर अंचलाधिकारी रुपौली द्वारा उक्त वाद को अस्वीकृत किया गया था।

पुनः इस जमीन की दाखिल खारिज के लिए राजस्व कर्मचारी ज्ञान कुमार द्वारा बाढ़ संख्या 5502/ 22-23 में स्वीकृति करने का प्रतिवेदन दिया गया है। जिससे प्रतिलक्षित होता है कि पूर्व में जानबूझकर दाखिल खारिज अस्वीकृत कराया गया एवं बाद में गलत मांसा से स्वीकृत करने की अनुशंसा की गई है।

उक्त मामलें में राजस्व कर्मचारी ज्ञान कुमार को दोषी पाते हुए जिलाधिकारी महोदय द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई करने के लिए संबंधित पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है।

पूर्णिया से जेपी मिश्र

बिहार लघु उद्यमी योजना का सीएम नीतीश कुमार ने किया शुभारंभ, पोर्टल का भी किया लोकार्पण

डेस्क : आज 1 अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार लघु उद्यमी योजना का शुभारंभ किया तथा बिहार लघु उद्यमी योजना के पोर्टल का भी लोकार्पण किया। वहीं उन्होंने बिहार लघु उद्यमी योजना पर आधारित एक पुस्तिका का भी विमोचन किया।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने जाति आधारित गणना करवाई ताकि जाति के साथ-साथ हर किसी की आर्थिक स्थिति का भी पता चल सके। सर्वेक्षण के दौरान पता चला कि 94 लाख से अधिक गरीब परिवार हैं जिनको आर्थिक मदद की जरूरत है। हमलोग ऐसे सभी परिवार के लाभुकों को 2-2 लाख रुपया सहायता राशि देंगे ताकि। वे लघु उद्यमी योजना के अंतर्गत अपना व्यवसाय शुरू कर सकें। इसकी ट्रेनिंग भी अलग से दी जाएगी। आर्थिक रूप से गरीब परिवारों को स्व-रोजगार हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु 'बिहार लघु उद्यमी योजना' लागू की गयी है। योजना के अन्तर्गत राज्य के आर्थिक रूप से गरीब सभी परिवारों को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारी इस कार्यक्रम से जुड़े हुये हैं मैं उनसे कहना चाहता हूं कि इस योजना के अलावे अगर कोई अपना रोजगार करना चाहता है तो उनकी भी पूरी मदद करें। हम आपलोगों से अनुरोध करेंगे कि हर जाति, धर्म के लोगों के बीच इस योजना को प्रचारित-प्रसारित करें ताकि अधिक से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकें। इस योजना के क्रियान्वयन में जितना पैसा लगेगा सरकार खर्च करेगी। हमलोग अगले 5 वर्ष के लिये पहला टर्म शुरू कर रहे हैं। इस योजना के बेहतर ढंग से कार्यान्वयन के लिये आपलोग ठीक से कार्य करें। हम यही चाहते हैं कि सभी को मदद मिल जाए ताकि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।

गौरतलब है कि बिहार लघु उद्यमी योजना की शुरुआत 'हर घर उद्यमी, हर घर रोजगार, ऊँची उड़ान के लिए बिहार है तैयार' थीम के साथ की गई है। आर्थिक रूप से गरीब परिवारों को स्वरोजगार हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करने एवं राज्य में बेरोजगारी दर में कमी लाये जाने के उद्देश्य से बिहार लघु उद्यमी योजना लागू की गयी है। जाति आधारित गणना के दौरान 94 लाख से अधिक गरीब परिवार पाये गये। बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत ऐसे गरीब परिवार में लाभुक को 2-2 लाख रुपये की राशि दी जाएगी।

आज इस योजना के लिए आवेदन के पोर्टल का लोकार्पण किया गया है। इसके लिये 61 परियोजनाओं को चिह्नित किया गया है जिसमें छोटे-छोटे उद्यम को शामिल किया गया है। यह पोर्टल आवेदकों के लिए खोल दिया गया है। 20 फरवरी तक इस योजना के लिये आवदेन किये जायेंगे।

आवेदक की उम्र 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदक की परिवारिक आय प्रतिमाह 6000 रूपये से कम होनी चाहिए। बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत लाभुकों को तीन किस्तों में राशि दी जायेगी। प्रथम किस्त में परियोजना लागत की 25 प्रतिशत, द्वितीय किस्त में परियोजना लागत की 50 प्रतिशत एवं तृतीय किस्त में परियोजना लागत की 25 प्रतिशत राशि लाभुकों को दी जायेगी। योजना के कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण हेतु राज्य अनुश्रवण समिति के गठन का प्रावधान है जबकि जिला स्तर पर योजना के अनुश्रवण हेतु जिला अनुश्रवण समिति का गठन किया जायेगा।

बड़ी खबर : बहुमत साबित करने से पहले दिल्ली जाएंगे सीएम नीतीश कुमार, पीएम मोदी समेत बीजेपी के इन नेताओं से करेंगे मुलाकात

डेस्क : राजधानी पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है। 12 फरवरी को विधानसभा में नई एनडीए सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले सीएम नीतीश कुमार दिल्ली दौरे पर जा रहे है। जहां वे पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीएम नीतीश कुमार 7 फरवरी को दो दिन के लिए दिल्ली दौरे पर जाएंगे। जहां वह नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे।

मंत्रिमंडल के विस्तार और फ्लोर टेस्ट के पहले सीएम और पीएम की यह मुलाकात अहम बताई जा रही है।

गौरतलब है कि इसके पहले डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा पीएम मोदी सहित बीजेपी के आलाकमानों से मुलाकात की है। वहीं अब सीएम नीतीश दो दिनों के लिए दिल्ली दौरे पर जा रहे हैं।

पेपर लीक करने पर होगी 10 साल की जेल और लगेगा 1 करोड़ का जुर्माना, मोदी सरकार ला रही सख्त कानून

#paper_leak_bill_introduced_in_lok_sabha_10_years_jail_and_fine_of_rs_1_crore 

केंद्र सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के लिए एक बेहद सख्त कानून ले कर आई है। सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक 2024 लोकसभा में आज पेश कर दिया गया। इस बिल का मकसद परीक्षाओं में पेपर लीक को रोकना है। पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने पर 10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपए जुर्माने का प्रवाधान किया गया है। वहीं दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने के मामले में 3 से 5 साल की सजा का प्रावधान किया गया है।

केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह विधेयक संसद में पेश किया। इसमें पेपर लीक के मामलों में कम से कम तीन से पांच साल की सजा का प्रस्ताव है। बिल का उद्देश्य यूपीएससी,एसएससी, रेलवे, नीट, जेईई और सीयूईटी सहित तमाम परीक्षाओं में चीटिंग को रोकना है। इन परीक्षाओं में लाखों की संख्या में युवा भाग लेते हैं।

इस प्रस्तावित कानून के अनुसार, सार्वजनिक परीक्षाओं के संचालन में अनुचित साधनों से संबंधित सभी अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-शमनयोग्य होंगे। अगर ये विधेयक पारित हो जाता है, तो परीक्षाओं के दौरान गड़बड़ी में शामिल व्यक्तियों को कम से कम तीन साल की कैद की सजा हो सकती है, जिसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है, साथ ही दस लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं, परीक्षा के लिए सेवा प्रदाता पर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और परीक्षा की आनुपातिक लागत कंपनी से ही वसूली जाएगी। सेवा प्रदाता को 10 साल की जेल और चार साल की अवधि के लिए परीक्षा आयोजित करने का कोई भी अनुबंध लेने से भी प्रतिबंधित किया जाएगा।

इससे पहले, बजट सत्र की शुरुआत पर गत 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है। उन्होंने कहा, इस दिशा में सख्ती लाने के लिए नया कानून बनाने का निर्णय लिया गया है।

बता दें कि देश के विभिन्न राज्यों में आए दिन पेपर लीक और नकल की घटनाएं होती रहती हैं। कई राज्यों में इसके खिलाफ कानून भी बनाए गए हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर इसके खिलाफ कोई कानून नहीं है। कई राज्यों में पेपर लीक की वजह से परीक्षाएं रद्द करनी पड़ी और दोबारा एग्जाम कराने पड़े।वहीं दोबारा से परीक्षा कराने पर राज्य सरकार का पैसा खर्च होता है और कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। साथ ही सरकार और स्थानीय प्रशासन को छात्रों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ता है।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देंगे पीएम मोदी, बीजेपी ने पार्टी सांसदों के लिए जारी किया व्हिप

#pm_narendra_modi_reply_on_motion_of_thanks_in_lok_sabha_today

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देने वाले हैं। बजट सत्र के पहले दिन 31 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा में अपने सभी सांसदों को मौजूदा बजट सत्र के चौथे दिन निचले सदन में उपस्थित रहने के लिए तीन-लाइन व्हिप जारी किया है।

सदन में आज होने वाले कार्यों की लिस्ट के मुताबिक, लोकसभा सांसद रवनीत सिंह और रामशिरोमणि वर्मा 14 दिसंबर, 2023 को सदन की बैठकों से सदस्यों की गैरमौजूदगी पर समिति की बारहवीं बैठक का विवरण सदन के पटल पर रखेंगे। लोकसभा सांसद पीपी चौधरी और एनके प्रेमचंद्रन 'क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैश्विक आतंकवाद का मुकाबला' विषय पर विदेश मामलों की समिति (सत्रहवीं लोकसभा) की 28वीं रिपोर्ट पेश करेंगे।

बीजेपी सांसद राजीव चंद्रशेखर कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय से जुड़े 'प्रशिक्षण महानिदेशालय के कामकाज' पर श्रम, कपड़ा और कौशल विकास पर स्थायी समिति की 49वीं रिपोर्ट में शामिल सिफारिशों के लागू होने की स्थिति के बारे में एक बयान देंगे।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण (हिंदी और अंग्रेजी वर्जन) प्रस्तुत करेंगी।

केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 में संशोधन के लिए जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) संशोधन विधेयक, 2024 विधेयक आज राज्यसभा में पेश करेंगे। लोकसभा चुनाव से पहले आखिरी सत्र के इस साल अप्रैल-मई में होने की उम्मीद है, जो 10 दिनों की अवधि में आठ बैठकों में चलेगा और 9 फरवरी को समाप्त हो सकता है।

संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो चुकी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र की शुरुआत के मौके पर लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। उन्होंने लगभग 74 मिनट के संबोधन में सरकार के विजन और देश में बीते 10 साल की अवधि में हुए कामकाज का विस्तार से जिक्र किया।

एनआईटी पटना में बढ़ेगी एक हजार और सीटें, कैंपस में बनाया जाएगा इंक्यूबेशन सेंटर : मुख्यमंत्री

डेस्क : एनआईटी पटना में एक हजार सीटें और बढ़ेंगी। साथ ही राज्य सरकार की तरफ से एनआईटी पटना कैंपस में इंक्यूबेशन सेंटर बनाया जाएगा। एक सप्ताह में इसके लिए राशि का आवंटन कर दिया जाएगा। अगले साल तक यह सेंटर पूरा बन जाना चाहिए। उक्त एलान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया है। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते रविवार को एनआईटी परिसर में बीसीई-एनआईटी के पूर्ववर्ती छात्र मिलन समारोह का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम जब इस कॉलेज में पढ़ते थे, तो इसकी क्षमता पांच सौ थी, जो अब बढ़कर पांच हजार हो गई है। बिहटा में इसका दूसरा कैंपस 125 एकड़ में बन रहा है। इसके बन जाने के बाद क्षमता को छह हजार करा दें। इतनी बड़ी संख्या में देश में कहीं और नामांकन नहीं होता है।

इस मौके पर उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार की तरफ से एनआईटी पटना कैंपस में इंक्यूबेशन सेंटर बनाया जाएगा। एक सप्ताह में इसके लिए राशि का आवंटन कर दिया जाएगा। अगले साल तक यह सेंटर पूरा बन जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि एनआईटी का कैंपस बिहटा में बन रहा है, पर पटना में स्थापित ही एनआईटी-1 कहलाएगा और यह सबदिन बना रहेगा। बिहटा में बन रहा भवन एनआईटी पटना का दूसरा हिस्सा होगा।

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे इस संस्थान से पासआउट हुए 51 साल हो गये। इस समारोह में हर साल हम आते हैं। इसमें पुराने सहपाठियों से मिलने का मौका मिलता है। पुराने साथियों से मिलकर काफी खुशी होती है। पटना साइंस कॉलेज में पढ़ने के बाद मैंने इसमें नामांकन लिया था। उस समय यहां 500 विद्यार्थी पढ़ते थे। छात्र यूनियन के चुनाव में मेरे कहने पर 500 में 450 समर्थन में वोट करते थे। उस बात को हम कभी भूल नहीं सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी की सरकार में मैं मंत्री था, तब देश में 14 जगहों पर एनआईटी बन रहा था। हमने आग्रह किया कि बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग देश का छठा कॉलेज है, जिसे एनआईटी का दर्जा मिलना चाहिए। उसी समय वर्ष 2004 में इस कॉलेज को एनआईटी का दर्जा मिला। इसका विस्तार करने के लिए बिहटा में 125 एकड़ जमीन दी गई है, जहां कैंपस बनकर तैयार हो गया है। यहां भी छह हजार छात्रों के पढ़ने की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमलोग पढ़ते थे तो लड़कियां इंजीनियरिंग कॉलेज में नहीं पढ़ती थीं। हमने राज्य के सभी जिलों में इंजीनियरिग कॉलेज की स्थापना करायी और उसमें लड़कियों के लिए 35 प्रतिशत सीटें आरक्षित की।

जनता की भावना के अनुकूल पार्टी ने लिया निर्णय, बिहार को बचाना हमारी प्राथमिकता थी : विजय कुमार सिन्हा

डेस्क : बिहार में एनडीए की सरकार बन गई है। वहीं मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों के विभागों के बंटवाड़े के साथ अब कामकाज भी शुरु हो गया है। जिसके बाद अब बीजेपी कोटे से बिहार के डिप्टी सीएम बने विजय कुमार सिन्हा ने जदयू के साथ जाकर सरकार बनाने को लेकर बड़ी बात कही है। 

डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि जनता की भावना के अनुकूल हमलोगों ने निर्णय लिया है। बिहार को बचाना हमारी प्राथमिकता थी। ऐसे में अपनी भावनाओं का महत्व कम हो जाता है, जनता की भावना का महत्व ज्यादा हो जाता है। 

दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने राजद पर भी जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी बनने चले थे, पर वो असफल रहे। लालू परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरे परिवार ने सत्ता का दुरुपयोग किया। 

उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया एनडीए सरकार में शुरू हुई थी। जातिगत गणना में सदन के अंदर एनडीए ने निर्णय लिया था। जनता सब देख रही है। राजद के लोग जितनी उपलब्धि गिना रहे हैं, वो सभी निर्णय एनडीए सरकार में हुए थे। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने जनादेश एनडीए को दिया था। उन्होंने कहा कि राजद ने बिहार को बदनाम और भयभीत किया। नौजवानों को पलायन के लिए विवश किया। वो लोग तिकड़म करके सरकार में आये थे। भाजपा ने जनादेश का सम्मान किया है।

बताते चले कि पिछली बार एनडीए से अलग होकर जब नीतीश कुमार ने राजद के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाया था। उसके बाद से बीजेपी द्वारा लगातार यह बात की गई थी कि अब नीतीश कुमार के लिए बीजेपी के सारे दरवाजे बंद हो चुके है। किसी भी कीमत पर अब बीजेपी उनके साथ गठबंधन नहीं करेगी। लेकिन बीते जनवरी माह के अंतिम सप्ताह मे अचानक बिहार की राजनीति में बड़ा उलट-फेर हुआ। जदयू और बीजेपी के बीच चल रही 17 माह की तल्खी और बयानबी के बीचे अचानक विराम लगते हुए दोनों साथ आकर बिहार में सरकार बना लिया।

सदर विधायक विजय खेमका ने डीएम से वार्ड संख्या 42 में 30-40 वर्ष से बसे हुए लगभग 300 गरीब परिवारों को विस्थापित होने से बचाने का किया आग्रह

पूर्णिया : सदर विधायक विजय खेमका ने जिला पदाधिकारी पूर्णिया से नगर निगम वार्ड संख्या 42 में तीस चालीस वर्ष से बसे हुए लगभग 300 गरीब परिवारों को विस्थापित होने से बचाने का आग्रह किया है| 

विधायक ने कहा कि अदालत के आदेश का सम्मान है परन्तु काफी लम्बे समय से बसे हुए परिवारों ने भी अदालत में अपने साक्ष्य को रखने का काम किया है| इसके लिए खाता 120 में बसे हुए गरीब परिवारों को अदालती कार्रवाई के लिए समय देने की आवश्यकता है| 

कोर्ट के आदेश पर जमीन खाली कराने गयी प्रशासन के अधिकारी से वस्तु स्थिति की जानकारी विधायक ने लिया| 

श्री खेमका ने कहा वार्ड संख्या 42 आनंद नगर में काफी लम्बे समय से बसे हुए परिवारों को न्यायोचित न्याय दिलाने हेतु हर संभव सहयोग किया जायेगा|

पूर्णिया से जेपी मिश्र