*कुपोषण से लड़ने वाली पोटली देंगे प्रधान*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। कुपोषित बच्चों और रक्ताल्पता की शिकार किशोरियों को स्वस्थ बनाने के लिए ग्राम प्रधान पोटली देंगे। गर्भवती महिलाओं को भी ग्राम पंचायत की ओर से हर महीने पोषण पोटली दी जाएगी।

हर पोटली पर ग्राम प्रधानों को अपनी निधि से डेढ़-डेढ़ हजार रुपये खर्च करने होंगे।डीएम गौरांग राठी ने बताया कि कुपोषित, रक्ताल्पता की शिकार किशोरियों और गर्भवती महिलाओं को पोषण पोटली का वितरण ग्राम पंचायतों से किया जाएगा। इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं। अति कुपोषित बच्चों की सूची ब्लॉकों पर भेजी जा रही है। जिले के छह ब्लॉक और सात नगर निकायों में 1496 आंगनबाड़ी केंद्र हैं।

इन केंद्रों पर जीरो से पांच वर्ष तक के एक लाख 45 हजार बच्चे पंजीकृत हैं। इन बच्चों को हर महीने पोषाहार दिया जाता है। साथ ही हर महीने वजन करके बच्चों को पोषण स्थिति की जांच की जाती है। वजन और लंबाई के हिसाब से उनको पोषित, मैम, सैम और अति कुपोषित श्रेणियों में रखा जाता है।

लाख जतन के बाद भी कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी नहीं आ रही है।

दिसंबर 2023 में सैम 1882, मैम 5187 और अति कुपोषित 5539 बच्चे मिले। जिसकी कुल संख्या 12 हजार 206 है। इसको देखते हुए प्रशासन ने पोषाहार देने के तरीके में बदलाव किया है। अति कुपोषि बच्चों और खून की कमी से जूझ रही किशोरी, गर्भवती महिलाओं को अलग से पोषण पोटली देने का निर्णय लिया है।

महीने भर पूर्व की बैठक में डीएम गौरांग राठी ने इसके लिए सभी ग्राम पंचायतों को निर्देश दिया कि ग्राम प्रधान की निधि से डेढ़ हजार रुपये हर की पोषण पोटली तैयार कराई जाए और हर महीने जरूरतमंदों को उपलब्ध कराया जाए। पोषण पोटली में तेल, दाल, चना, प्रोटीन युक्त चावल, गेहूं की दलिया एवं फल आदि शामिल करना है।

पोषण पोटली के लिए हर महीने डेढ़ हजार ग्राम प्रधानों को खर्च करना होगा।

इसके लिए जिलाधिकारी महोदय की तरफ से निर्देश दिया गया है। इससे आने वाले समय में कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी आएगी।- मंजू वर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी

*21 सेक्टर मजिस्ट्रेट की निगरानी में होगी प्रायोगिक परीक्षा,107 केंद्रों पर किया जाएगा आयोजन,18 हजार परीक्षार्थी होंगे शामिल*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं अबकी बार सेक्टर मजिस्ट्रेट की निगरानी में होंगी। डीएम गौरांग राठी की संस्तुति पर 21 जिला स्तरीय अधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाया गया है।

दो फरवरी से 107 केंद्रो पर होने वाली परीक्षा में करीब 18 हजार परीक्षार्थी शामिल होंगे। प्रायोगिक परीक्षा के लिए जीआईसी में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की इंटरमीडिएट की प्रयोगात्मक परीक्षाएं दूसरे चरण में दो से नौ फरवरी तक होनी है। इसके लिए परिषद की ओर से 107 केंद्र बनाए गए हैं।

राजकीय, वित्तपोषित और वित्तविहीन विद्यालयों में होने वाली प्रायोगिक परीक्षा को पारदर्शी एवं सकुशल संपन्न कराने के लिए प्रशासन की तरफ से हर स्तर का इंतजाम किया जा रहा है। 107 परीक्षा केंद्रों पर इंटरमीडिएट के 18044 परीक्षार्थी प्रयोगात्मक परीक्षा देंगे। इस बार सेक्टर मजिस्ट्रेट भी लगाए गए हैं।

एक-एक मजिस्ट्रेट पांच-पांच केंद्रो की निगरानी करेंगे। जिन अधिकारियों को मजिस्ट्रेट बनाया गया है उसमें सहायक श्रमायुक्त कमलेश कुमार, डीपीआरओ राकेश कुमार यादव, डीसी एनआरएलएम श्यामजी, डीडी कृषि अश्वनी सिंह, डीडीओ ज्ञान प्रकाश, एआर सहकारिता समेत अन्य अफसर शामिल हैं।

डीआईओएस विकायल भारती ने बताया कि परीक्षाएं सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होंगी। साथ ही कंट्रोल रूम से प्रयोगात्मक परीक्षाओं की पर नजर रखी जाएगी। पहली बार प्रयोगात्मक परीक्षा के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट भी तैनात किए गए हैं।

21 सेक्टर मजिस्ट्रेट प्रयोगात्मक परीक्षा के दौरान केंद्रों का निरीक्षण करेंगे। बताते चलें कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में कुल 56 हजार परीक्षार्थी पंजीकृत हैं, जिसमें इंटर के करीब 26 हजार छात्र-छात्राएं शामिल है। इसमें प्रायोगिक विषय के करीब 18 हजार परीक्षार्थी ही रहेंगे।

*एक वर्ष में कालाजार का नहीं मिला कोई केस,प्रभावित बस्ती में 14 दिन होता है दवा का छिड़काव, तीन वर्ष पूर्व जनपद में मिले थे दो मरीज*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। गलीचों के शहर कालीन नगरी में वित्तीय वर्ष में कालाजार का कोई केस नहीं मिला। वर्ष 2022 में कौलापुर का मरीज मिले थे। तब से लेकर अब कोई कालाजार का केस संज्ञान में नहीं आया है हालांकि चार वर्ष पूर्व भी दो केस मिला था। जिसमें दोनों का उचित इलाज हुआ था। जिला मलेरिया अधिकारी राम आसरे पाल ने बताया कि ठंड से कालाजार के मरीज मिलते हैं। ऐसे में मौसम परिवर्तित होते ही विभागीय स्तर से सक्रियता बढ़ा दी गई है। एक वर्ष पूर्व कौलापुर गांव के एक कालाजार का केस मिला था। जबकि चार वर्ष पूर्व दो कालाजार बीमारी से पीड़ित मिले थे जिनका उचित इलाज हुआ था। जिन गांव व बस्ती में कालाजार का केस मिलता है। वहीं तीन वर्ष तक साल में दो बार दवा का छिड़काव किया जाता है। चार वर्ष के अंतराल में कौलापुर, पियरोपुर, व न‌ई बाजार में कालाजार का केस मिला था। बीमारी का लक्षण दिखते ही लोग स्वास्थ्य विभाग में संपर्क करें।

ऐसे फैलता है लोगों में संक्रमण

जिला मलेरिया अधिकारी राम आसरे पाल ने बताया कि कालाजार संक्रामक बीमारी है जो परजीवी लिस्मैनिया डोनोवानी के कारण होता है। इस बीमारी का असर शरीर पर धीरे-धीरे पड़ता है। कालाजार बीमारी परजीवी बालू मक्खी के जरिए फैलती है जो कम रोशनी वाली और नम जगहों जैसे कि मिट्टी में रहती है।‌बालू मक्खी यही संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलाती है। इस रोग से ग्रस्त खासकर गोरे व्यक्तियों के हाथ, पैर, और चेहरे का रंग भूरा हो जाता है। 

घातक है बीमारी के ये हैं लक्षण

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि रुक - रुककर बुखार आना,भूख कम लगना,शरीर में पीलापन और वजन घटना, त्वचा - सूखी पलती और होना कालाजार बीमारी के लक्षण है। बाल झड़ना भी कालाजार रोग का मुख्य लक्षण हो सकता है। बीमारी का प्रकोप बढ़ते ही मरीज के शरीर खून तीव्र वेग से कम होता है। ऐसा लक्षण दिखते ही मरीज तत्काल चिकित्सकीय परामर्श ले

*गेंहू की पीली हुई फसलों को धूप से मिली संजीवनी*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। ठंड ने क‌ई वर्षों का रिकाॅर्ड तोड़ा है। दिसंबर से शुरू कोहरे, धुंध व बदली का क्रम जारी है। रबी फसलों को नुकसान हुआ है। आलू, चना, मटर के साथ ही सब्जियां कोहरे व पाले के कारण बर्बाद हो गई। गेहूं में भी रोगों का खतरा बढ़ा है।

कृषि विशेषज्ञ विकास पूरी ने बताया कि लंबे समय तक धूप न मिलने के कारण गेहूं की फसल में पीलापन होता है साथ ही इसके लिए पोषक तत्व भी जिम्मेदार होते हैं। किसानों से आह्वान किया कि डीएपी, यूरिया के अलावा घर पर बनी खाद का अधिक प्रयोग करना चाहिए।

घरों से निकलने वाले कूड़ा करकट को एकत्रित कर दें। सड़ने पर उसे खेतों में डालने पर उत्पादन बढ़ेगा। उर्वरा बनी रहेगी। आह्वान किया कि जिन्होंने अभी तक गेहूं की बोआई नहीं की है। वे हलना व उन्नत हलवा देर से बोई जाने वाली प्रजाति का प्रयोग कर सकते हैं।

*12 हजार बच्चों पर कुपोषण की मार,हर महीने बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग करता है बच्चों का वजन सुधर नहीं रहे हालात*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही ‌। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की तमाम योजनाओं के बाद भी कुपोषण पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। आइसीडीएस विभाग पड़ताल में सामने आया है कि डेढ़ लाख बच्चे हैं, जिसमें 12 हजार 206 बच्चे कुपोषण के शिकार हैं।बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से उनको पौष्टिक आहार कराने में लगा है। इसके बावजूद कुपोषण पर लगाम नहीं लग पा रही है। वर्ष 2014 में प्रदेश सरकार ने सुपोषण मिशन की शुरुआत की थी।

कुपोषण स्थिति का पता लगाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर वजन दिवस आयोजित किया जाने लगा।

आंगनबाड़ी केंद्रों से गर्भवती महिलाओं व किशोरियों के पौष्टिक आहार और टीकाकरण आदि पर जोर दिया जा रहा है।

*आज पूजे जाएंगे भगवान श्रीगणेश,पूजा का शुभ मुहूर्त रात 8.48 बजे से होगा शुरू*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। गणेश चतुर्थी का व्रत आज मनाया जाएगा। महिलाएं यह व्रत अखंड सौभाग्य व पुत्र की दीर्घायु की कामना के लिए रखती है। इस दिन महिलाएं पूरे विधि-विधान से प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश जी की पूजन अर्चन करती है। इसके साथ ही महिलाए चंद्रदेव को अर्घ देकर श्रीगणेश भगवान की स्तुति करेंगी।

गणेश पूजन के लिए महिलाएं तैयारी कर चुकी है।भावसिंहपुर डूहिया निवासी आचार्य पंडित दीनानाथ शुक्ल ने बताया कि काशी से प्रकाशित श्री महावीर पांचाग के अनुसार संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत आज है। आज रात 8 बजे 48 बजे के पश्चात चन्द्र दर्शन हो होने पर महिलाएं विधिवत पूजन कर चंद्रमा को अर्घ्य देगी।

बताया कि आज के दिन श्री गणेश जी की उत्पत्ति हुई थी। इसे तिल कुटी एवं व्रकतुण्ड चतुर्थी भी कहते हैं। अखंड सौभाग्य तथा पुत्र की दिर्घायु की कामना से माताए इसे श्रद्धा एव विश्वास के साथ करती है। शास्त्रो में उल्लेख है कि कलौ चंडी विनायको अर्थात् कलयुग में मां दुर्गा व भगवान गणेश शीघ्र प्रसन्न होकर श्रद्धालुओं की हर एक मनो कामना पूर्ण करती है। कलयुग में मां दुर्गा, श्रीगणेश का स्तुति करने मात्र से सारे संकट दूर हो जाते हैं। भगवान गणेश को बुद्धि का देवता भी कहा जाता है।

*हरे पेड़ों की कटाई रोकने में वन विभाग असफल,उठ रहे सवाल*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही । हरे पेड़ों की कटाई नहीं रुक रही है। आरा मिल संचालक, ठेकेदार अवैध रूप से लकड़ी का भंडारण कर रहे हैं। इनका सुध लेने वाले जिम्मेदार अधिकारी भी अनभिज्ञ बने हैं। वन विभाग की उड़न दस्ता प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। जनपद में 32 आरा मशीनें पंजीकृत हैं। आधा दर्जन आरा मशीनों का अवैध रूप से संचालन किया जा रहा है। 60 से 65 स्थानों पर अवैध रूप से लकड़ी का भंडारण किया गया है।

एक ओर सरकार जनपद को हरियाली युक्त बनाने में जुटी है। दूसरी ओर वन विभाग के अफसरों की मिली भगत से हरे पेड़ों पर आरी चलाई जा रही है। ज्ञानपुर, भदोही, गोपीगंज, औराई, खमरिया, घोसिया, चौरी, लालानगर, मोढ़, सुरियावां, दुर्गागंज, ऊंज, कोईरौना आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों में अवैध रुप से लकड़ी का भंडारण किया गया है। तमाम लकड़ी अवैध रुप से सड़क किनारे रखी गई है। इससे हादसा होने का डर भी बना रहता है।

ऊंज कोईरौना मार्ग पर लकड़ी का भंडार किया गया है। यही स्थिति घोसिया, खमरिया, लालानगर, सुरियावां की है। बबूल, चिलबिल, लिपटस और जलौनी लकड़ी के भंडारण पर विभाग जुर्माना नहीं लगाता है। यदि छह से सात फिट तक की लकड़िया भंडारण की गई है, तो जुर्माना लगाया जाता है।

अवैध रूप से कहा पर लकड़ी का भंडारण की गई यह जानकारी फिल्ड ऑफिसर से लेकर वाचर ही उच्चाधिकारियों को भेजते हैं। इसके बाद उच्चाधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाही की जाती है।डीएफओ नीरज आर्य ने बताया कि कहीं पर अवैध लकड़ी भंडारण किया गया है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। बबूल, चीलबिल ये सब छूट प्रजाति की लकड़ी है, जुर्माना नहीं लगाया जाता है।

यदि कहीं भी छह से सात फीट की लकड़ी भंडारण किया गया है, तो जुर्माना एमआरपी के अनुसार निश्चित रुप से लगाई जाएगी।

*आठ लाख 80 हजार को खिलाई जाएगी कृमि मुक्ति दवा,1913 स्कूलों और 1506 आंगनबाड़ी केंद्रों पर दी जाएगी दवा*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही । बच्चे, किशोर और किशोरियों में कुपोषण की मुख्य वजह आंत में रहने वाला कृमि है। यह कुपोषण के साथ एनीमिया का भी एक कारण है।

इससे बचाव के लिए जनपद में एक फरवरी से अभियान चलाकर कृमि मुक्ति दवा खिलाई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने अभियान चलाकर आठ लाख 80 हजार बच्चाें, युवाओं को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह अभियान जिले के 1913 स्कूलों और 1506 आंगनबाड़ी केंद्रो पर दवा खिलाई जाएगी।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संतोष कुमार चक ने बताया कि एक साल से लेकर 19 वर्ष तक के सभी बच्चों, किशोर, किशोरियों को दवा का सेवन कराया जाएगा। जिसकी तैयारी पूरी हो चुकी है। शिक्षक या आंगनबाड़ी कार्यकत्री, स्वास्थ्यकर्मी के सामने इस दवा का सेवन बच्चों, युवकों को कराएगी।

साल में दो बार पेट से कीड़े निकालने की दवा खिलाई जाती है। जिसका सेवन जरुर करना चाहिए, जिससे पेट सफा रहता है। क्योंकि पेट में दिक्कत होने के कारण कई बीमारियां जन्म लेती है। जनपद में 8 लाख 80 हजार 177 बच्चों को कृमि दवा देने का लक्ष्य है। इसके अलावा जिले के 987 सरकारी व 926 प्राइवेट स्कूल यानि 1913 स्कूलों में दवा खिलाई जाएगी।

इसके अलावा 1506 आंगनबाड़ी केंद्रों पर दवा खिलाई जाएगी। किसी भी प्रतिकूल प्रभाव के लिए समस्त ब्लाकों पर मेडिकल टीम तैनात रहेंगी। जो बच्चें एक फरवरी को दवा खाने से छूट जाएंगे, उन्हे पांच फरवरी को दोबार दवा खिलाई जाएगी।

*गणतंत्र दिवस समारोह में नहीं आए पांच अफसर,सीडीओ ने दिया नोटिस, तीन दिन में मांगा जबाव*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। गणतंत्र दिवस समारोह में बिना सूचना दिए अनुपस्थित रहने पर विकास भवन के पांच अधिकारियों से मुख्य विकास अधिकारी ने स्पष्टीकरण मांगा है। तीन दिन में जवाब न देने पर वेतन रोकने की चेतावनी दी है।

गणतंत्र दिवस समारोह में हर कर्मचारी व अधिकारी को शिरकत करना था। मगर राष्ट्रीय पर्व में बिना सूचना दिए विकास भवन के पांच दफ्तरों के विभागाध्यक्ष अनुपस्थित रहे। सीडीओ यशवंत सिंह ने उनको नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है।

अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण अख्तर अली अंसारी, जिला युवा कल्याण अधिकारी दिनेश चंद्र त्रिपाठी ,सहायक निर्वाचन अधिकारी पंचायत, जिला अर्थ एवं सांख्यिकी अधिकारी और जिला समाज कल्याण अधिकारी को नोटिस भेज कर जवाब मांगा।

संबंधित विभागों में नोटिस भेजकर विभागाध्यक्षों को तीन दिन में जवाब देने का निर्देश दिया। सीडीओ ने बताया कि राष्ट्रीय पर्व पर अनुपस्थित होना गंभीर लापरवाही की श्रेणी में आता है।

*सेमराध धाम कल्पवास मेले में संकीर्तन शुरू:महीने भर चलेगा सीताराम नाम का पाठ, 29 वर्षों से लग रहा मेला*

*नितेश श्रीवास्तव"

भदोही। काशी और प्रयाग के मध्य स्थित भदोही जिले के सेमराध नाथ धाम में गंगा किनारे कल्पवास मेले की शुरूआत साल के पहले दिन से यानी की एक जनवरी से हो चुकी है।

गंगा के किनारे बसे सेमराध नाथ धाम 'तंबुओं की नगरी' में प्रत्येक वर्षों की भांति इस बर्ष भी आज से अखंड श्री सीताराम नाम कीर्तन की शुरूआत हो गई है। 29 वर्षों से लगातार चल रहे कल्पवास मेले में महन्त करुणा शंकर दास जी महराज की देख- रेख में एक महीने तक सीताराम नाम कीर्तन अखंड रूप से चलता रहेगा।

भगवान शिव की नगरी काशी से आए महन्त करुणा शंकर दास जी महाराज के भक्त अमर बहादुर सिंह ने सीताराम नाम की कीर्तन का शुभारंभ किया है। महंत ने बताया कि अमर बहादुर सिंह वाराणसी के बड़े कार्पेट व्यवसाई हैं, ये लगातार 3 वर्षों से माघ में अखंड सीताराम नाम कीर्तन कराते चले आ रहे हैं। अमर बहादुर सिंह जी बड़े धार्मिक और दलायु व्यक्ति हैं। इन्होंने अखंड सीताराम नाम कीर्तन संचालन के अलावा गरीबों में भी बांटा है। कीर्तन को अखंड रुप से चलाएं रखना काफी मुश्किल होता है।

इसके बारे में महंत करुणा शंकर दास जी महाराज ने बताया कि समस्त कल्पवासी टोली बनाकर दो- दो घंटे सीताराम कीर्तन किया करते हैं। इस विधि से कीर्तन करने पर प्रत्येक कल्पवासी 30 दिनों में 60 घंटे या फिर ढाई दिनों तक कीर्तन पूरी कर लेता है।

जिससे प्रत्येक कल्पवासी को माघ मास कल्पवास के साथ - साथ ढाई दिनों के सीताराम नाम कीर्तन का भी पुण्य प्राप्त होता है। कल्पवासियों के अलावा मेले में स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं में पुरुषों महिलाओं एवं बच्चों द्वारा भी सीताराम नाम कीर्तन किया जाता है।

अखंड सीताराम नाम कीर्तन आज से प्रारंभ होकर पूरे माघ महीने अर्थात 24 फरवरी तक निर्बाध और अखंड रुप से चलता रहेगा।