कोहरे के “कंबल” में ढका पूरा उत्तर भारत, पंजाब-हरियाणा से लेकर बिहार तक तीन दिन का यलो अलर्ट, कई राज्यों में बारिश बढ़ाएगी परेशानी

#yellow_alert_of_fog_for_three_days

उत्तर भारत में भीषण सर्दी और कोहरे का कहर जारी है।राष्ट्रीय राजधानी समेत देश के कई राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है।जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी से ज्यादातर इलाकों में गलन भरी ठंड महसूस की जा रही है।भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा से लेकर बिहार तक अगले तीन दिनों तक कहीं हल्का तो कहीं घना कोहरा छाया रहेगा। विभाग ने इसको लेकर ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया है। पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के आसपास के मैदानी इलाकों में 30 जनवरी से 4 फरवरी तक बारिश की भी संभावना है।  

बार‍िश के बाद गिर सकता है पारा

मौसम विभाग ने हल्‍के से मध्‍यम स्‍तर की बार‍िश की संभावना जताई है जिससे ठंड बढ़ने और तापमान में 3 से 4 ड‍िग्री तक ग‍िरावट आने का पूर्वानुमान जताया है। आईएमडी के अनुसार यूपी और पंजाब में अभी कोल्‍ड वेव का प्रकोप जारी रहने की संभावना है।आईएमडी ने कहा है कि हमें उम्मीद है कि 31 जनवरी को दिल्ली में बहुत हल्की, शायद कुछ हल्की बारिश या बहुत हल्की गरज के साथ बौछारें पड़ेंगी।

घने कोहरे को लेकर येलो अलर्ट

मौसम विभाग की मानें तो द‍िल्‍ली, हर‍ियाणा, यूपी, पंजाब, चंडीगढ़, नॉर्थ राजस्थान, ब‍िहार, झारखंड, पूर्वोत्तर मध्‍य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और स‍िक्‍क‍िम के हिस्सों में न्‍यूनतम तापमान 7 से 10 ड‍िग्री सेल्‍सि‍यस के बीच रहने की संभावना है। मौसम व‍िभाग ने पंजाब में घने कोहरे को लेकर येलो अलर्ट भी जारी किया है तो वहीं यूपी और ब‍िहार में अगले 24 घंटे के भीतर दिन के वक्‍त भी कोहरा छाये रहने की संभावना जताई है।

दो साल बाद सबसे ज्यादा शीत दिवस

इस साल जनवरी माह में कुल पांच शीत दिवस रहे जो पिछले दो साल में सबसे ज्यादा है। इससे पहले साल 2022 की जनवरी में सात शीत दिवस रहे। वहीं, शीतलहर की बात करें तो इस साल अब तक पांच दिन शीत लहर चली है।

कोहरे के “कंबल” में ढका पूरा उत्तर भारत, पंजाब-हरियाणा से लेकर बिहार तक तीन दिन का यलो अलर्ट, कई राज्यों में बारिश बढ़ाएगी परेशानी

#yellowalertoffogforthreedays

उत्तर भारत में भीषण सर्दी और कोहरे का कहर जारी है।राष्ट्रीय राजधानी समेत देश के कई राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है।जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी से ज्यादातर इलाकों में गलन भरी ठंड महसूस की जा रही है।भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा से लेकर बिहार तक अगले तीन दिनों तक कहीं हल्का तो कहीं घना कोहरा छाया रहेगा। विभाग ने इसको लेकर ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया है। पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के आसपास के मैदानी इलाकों में 30 जनवरी से 4 फरवरी तक बारिश की भी संभावना है।  

बार‍िश के बाद गिर सकता है पारा

मौसम विभाग ने हल्‍के से मध्‍यम स्‍तर की बार‍िश की संभावना जताई है जिससे ठंड बढ़ने और तापमान में 3 से 4 ड‍िग्री तक ग‍िरावट आने का पूर्वानुमान जताया है। आईएमडी के अनुसार यूपी और पंजाब में अभी कोल्‍ड वेव का प्रकोप जारी रहने की संभावना है।आईएमडी ने कहा है कि हमें उम्मीद है कि 31 जनवरी को दिल्ली में बहुत हल्की, शायद कुछ हल्की बारिश या बहुत हल्की गरज के साथ बौछारें पड़ेंगी।

घने कोहरे को लेकर येलो अलर्ट

मौसम विभाग की मानें तो द‍िल्‍ली, हर‍ियाणा, यूपी, पंजाब, चंडीगढ़, नॉर्थ राजस्थान, ब‍िहार, झारखंड, पूर्वोत्तर मध्‍य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और स‍िक्‍क‍िम के हिस्सों में न्‍यूनतम तापमान 7 से 10 ड‍िग्री सेल्‍सि‍यस के बीच रहने की संभावना है। मौसम व‍िभाग ने पंजाब में घने कोहरे को लेकर येलो अलर्ट भी जारी किया है तो वहीं यूपी और ब‍िहार में अगले 24 घंटे के भीतर दिन के वक्‍त भी कोहरा छाये रहने की संभावना जताई है।

दो साल बाद सबसे ज्यादा शीत दिवस

इस साल जनवरी माह में कुल पांच शीत दिवस रहे जो पिछले दो साल में सबसे ज्यादा है। इससे पहले साल 2022 की जनवरी में सात शीत दिवस रहे। वहीं, शीतलहर की बात करें तो इस साल अब तक पांच दिन शीत लहर चली है।

कर्नाटक में हनुमान ध्वज हटाने पर बवाल, बीजेपी और जेडीएस के साथ हिंदूवादी संगठनों का प्रदर्शन, बढ़ाई गई सुरक्षा

#karnatakahanumanflag_controversy

कर्नाटक के मांड्या में हनुमान ध्वज को हटाने को लेकर बवाल बढ़ता जा रहा है। दरअसल, मांड्या जिले के एक गांव में स्तंभ पर हनुमान ध्वज फहराया गया था। मांड्या जिला प्रशासन ने इस झंडे को उतरवा दिया।प्रशासन की ओर से हनुमान ध्वज हटाकर उसकी जगह राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया गया था।इस घटना पर राजनीतिक घमासान देखा जा रहा है। बीजेपी और जेडीएस के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को मांड्या में हनुमान ध्वज के साथ विरोध प्रदर्शन किया।

मंड्या जिले के केरेगोडु गांव में एक राम मंदिर है जिसे रंग मंदिर भी कहा जाता है। पिछले कई सालों से उस मंदिर के सामने एक 108 फुट ऊंचा स्तंभ है जिसपर पर हनुमान धव्ज लहराता है। मगर बीते रविवार को जिला प्रशासन ने अधिकारी उस स्तंभ से हनुमान ध्वज को उतारने के लिए मंदिर के बाहर बने स्तंभ के पास पहुंचे। प्रशासन के इस कार्रवाई से गांव के लोग नाराज हो गए और इसका विरोध करने के लिए वहां पर भारी संख्या में पहुंच गए। प्रशासन ने नाराज लोगों की भीड़ की वहां से हटाने के लिए लोगों पर लाठी चार्ज किया और इसके बाद स्तंभ से हनुमान ध्वज हटाकर वहां तिरंगा फहरा दिया।

फिर हनुमान ध्वज फहराने की मांग

जिला प्रशासन के इस कार्रवाई से गांव के लोग काफी नाराज हैं। कोरेगोडू गांव के लोगों ने अपनी नाराजगी जताने के लिए गांव से लेकर कलेक्टर ऑफिस तक मार्च किया। इस मार्च का नेतृत्व भाजपा के पूर्व विधायक प्रतीम गौडा ने किया। इतना ही नहीं भाजपा ने इस घटना के खिलाफ राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में भी विरोध किया।न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ग्रामीण एक बार फिर हनुमान ध्वज फहराने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन में शामिल कुछ नेताओं ने कहा कि जब तक हनुमान ध्वज दोबारा नहीं फहराया जाता तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

तैनात की गई है पुलिस बल की बड़ी टुकड़ी

फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण हैं लेकिन नियंत्रण में बताई जा रही है. केरागोडु और आसपास के गांवों के लोग, बीजेपी, जेडीएस और बजरंग दल समेत अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विरोध जारी रखा है, इसलिए एहतियात के तौर पर पुलिस बल की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई है। 

राष्ट्रीय ध्वज की जगह भगवा झंडा फहराना सही नहीं- सिद्धारमैया

इस बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हनुमान ध्वज हटाए जाने के प्रशासन के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन पर मौजूद पोल पर भगवा के बजाय राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज की जगह भगवा झंडा फहराना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर ग्राम पंचायत से राष्ट्रीय ध्वज और कर्नाटक का राजकीय झंडा फहराने की अनुमति मांगी गई थी तो इसके बदले दूसरा झंडा फहराना गलत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति को राष्ट्रीय ध्वज की जगह भगवा झंडा फहराना सही नहीं है। उन्हें राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहिए था। उन्होंने कहा, 'यह सही नहीं है। मैंने संबंधित अधिकारियों से राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए कहा है।'

मुश्किल में मोहम्मद मुइज्जू, मालदीव के भारत विरोधी राष्‍ट्रपति के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी

#maldives_opposition_readies_to_move_impeachment_motion_against_president_muizzu 

भारत के साथ पंगा लेने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। मुइज्जू के भारत विरोधी रुख से मालदीव में बड़ी संख्या में लोग उनसे नाराज़ हैं और इनमें विरोधी पार्टी के सदस्य भी शामिल हैं। ऐसे में मुइज्जू को जल्द ही महाभियोग का सामना करना पड़ सकता है। मालदीव की स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, देश की मुख्य विपक्षी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दायर करने की तैयारी में है। 

एमडीपी के एक सांसद ने बताया कि उनकी पार्टी ने डेमोक्रेट के साथ मिलकर महाभियोग प्रस्ताव के लिए पर्याप्त हस्ताक्षर एकत्र कर लिए हैं। हालांकि, इन हस्ताक्षरों को अभी पेश नहीं किया गया है। स्थानीय मीडिया की खबर के मुताबिक, एमडीपी के संसदीय समूह की सोमवार बैठक हुई। इस दौरान सर्वसम्मति से महाभियोग प्रस्ताव पेश करने का फैसला किया गया।

विपक्षी दल चीन समर्थक राष्‍ट्रपति मुइज्‍जू की भारत विरोधी नीतियों को देखते हुए यह प्रस्‍ताव लाने पर सहमत हुए हैं। एमडीपी को इसमें एक और विपक्षी दल द डेमोक्रेट्स का भी साथ हासिल है। संसद के अंदर विपक्षी दलों ने अविश्‍वास प्रस्‍ताव पेश करने की कोशिश की जिसका सत्‍तारूढ़ दल ने कड़ा विरोध किया है। एमडीपी और द डेमोक्रेट के पास इतने सांसद हैं कि वे आसानी से मुइज्‍जू को कुर्सी से हटा सकते हैं। 

माले की संसद में कुल 87 सदस्य हैं। संसद ने हाल ही में महाभियोग प्रस्ताव को आसानी से सौंपने के लिए अपने स्थायी आदेशों में संशोधन किया था। एमडीपी डेमोक्रेट के मिलाकर 56 सांसद हैं। इनमें 43 सांसद एमडीपी और 13 डेमोक्रेट के हैं। संविधान और संसद के स्थायी आदेशों के मुताबिक, 56 मतों के साथ राष्ट्रपति के खिलाफ लगाया जा सकता है। 

ये ऐसे समय में सामने आ रहा है जब एमडीपी ने कैबिनेट पर मतदान से पहले राष्ट्रपति मुइज्जू के मंत्रिमंडल के चार सदस्यों की संसदीय मंजूरी रोकने का रविवार (28 जनवरी) को फैसला किया था। इसके बाद सरकार समर्थक सांसदों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिससे संसदीय बैठक की कार्यवाही बाधित हो गई थी। ऐसे में मुइज्जू के मंत्रिमंडल में चार सदस्यों को मंजूरी देने पर हुए मतभेद को लेकर सरकार समर्थक सांसदों और विपक्षी सांसदों के बीच झड़प हो गई। झड़प के दौरान कांदिथीमू से सांसद अब्दुल्ला शहीम अब्दुल हकीम शहीम और केंदीकुलहुधू से सांसद अहमद ईसा के बीच हाथापाई हुई। हाथापाई के दौरान दोनों सांसद चैंबर के पास गिर गए, जिससे शहीम के सिर पर भी चोटें आईं।

Bigg Boss 17 Winner: मुनव्वर फारूकी बने बिग बॉस सीजन 17 के विजेता, चमचमाती ट्रॉफी और कार के साथ मिली इतनी मोटी रकम

 बिग बॉस सीजन 17 का समापन हो गया है और इस सीजन का विजेता मुनव्वर फारूकी बन गया है। मुनव्वर ने 50 लाख रुपये की इनामी राशि, एक ट्रॉफी और एक हुंडई क्रेटा कार जीती। मुनव्वर पूरे सीजन में चर्चा में रहे। कभी अपनी दोस्ती के लिए तो कभी किसी के साथ झगड़े के लिए। इसके अलावा वो अपनी पर्सनल लाइफ की वजह से भी बिग बॉस के पूरे सीजन में सुर्खियां बटोरते रहे।

सोशल मीडिया पर हालांकि मुनव्वर को जीत का बड़ा दावेदार बताया जा रहा था, लेकिन अंकिता लोखंडे और मन्नारा चोपड़ा से उनकी टक्कर के कयास भी थे। हालांकि टॉप 2 में न तो अंकिता पहुंच पाईं और न ही मन्नारा चोपड़ा। सबको हैरान करते हुए उडारिया एक्टर अभिषेक कुमार ने टॉप 2 में जगह बना ली थी। मगर वो जीतने में कामयाब नहीं हो सके।

मुनव्वर फारूकी की जीत को लेकर सोशल मीडिया पर भिन्न-भिन्न प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ लोगों ने उनकी जीत को जस्टिफाई किया तो कुछ ने इसे सराहा। कुल मिलाकर, मुनव्वर फारूकी बिग बॉस सीजन 17 के सबसे चर्चित कंटेस्टेंट रहे और उन्होंने खिताब जीतकर अपनी मेहनत का फल पाया।

एक सप्ताह के अंदर लिखकर दें कि आपको अपने बयान पर खेद है’, गुजरातियों को 'ठग' बोलने पर SC ने दिया तेजस्वी यादव को आदेश

 सर्वोच्च न्यायालय ने RJD के नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से कहा है कि वह एक हफ्ते के अंदर स्पष्ट रूप से यह लिखकर दें कि उन्हें गुजरातियों पर दिए गए बयान पर खेद है तथा अपना वक्तव्य वापस लें। सर्वोच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी उनके खिलाफ दायर किए गए एक मानहानि के मामले में दी है। सर्वोच्च न्यायालय में जस्टिस अभय एस ओक एवं जस्टिस उज्ज्वल भुइयां ने इस मामले को सुना। तेजस्वी इस मामले को समाप्त करने को लेकर 22 जनवरी, 2024 को सर्वोच्च न्यायालय पहुँचे थे। यहाँ उन्होंने एक शपथपत्र दायर करके जानकारी दी थी कि वह गुजरातियों के खिलाफ दिया गया अपना बयान वापस लेना चाहते हैं।

इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि तेजस्वी यादव को एक हफ्ते के अंदर स्पष्ट शब्दों में यह लिखना होगा कि गुजरातियों पर दिए गए बयान पर उन्हें खेद है। वह अपने इस बयान को वापस लेते हैं। इस मामले की अगली सुनवाई अगले हफ्ते होनी है, ऐसे में उन्हें यह कहते हुए शपथ पत्र एक हफ्ते अंदर दाखिल करना होगा। पिछली सुनवाई में अदालत ने इस मामले में तेजस्वी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने वाले गुजराती सामाजिक कार्यकर्ता हरेश मेहता के वकील से कहा कि वह उनसे पूछें कि वह इस मामले में आगे क्या चाहते हैं।

गौरतलब है कि तेजस्वी यादव ने 22 मार्च 2023 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुजरातियों के खिलाफ बयान दिया था। उन्होंने कहा था, “सिर्फ गुजराती ही ठग हो सकते हैं तथा उनका अपराध माफ भी कर दिया जाएगा। अगर वह देश से फरार भी हो जाएँ तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा?” इसको लेकर हरेश मेहता ने उनके खिलाफ गुजरात में आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया था। इसमें कहा गया था कि तेजस्वी यादव ने पूरे गुजराती समाज का अपमान किया है। अहमदाबाद में इस मामले में उन्हें समन भी जारी किया गया था मगर वह यहाँ पेश होने नहीं पहुँचे थे तथा सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

हिंदू पक्ष ने की ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में सर्वे की मांग, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

#gyanvapi_mosque_case_hindu_petitioner_files_plea_in_supreme_court 

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस याचिका में मस्जिद के वजूखाने की सर्वे की मांग की गई है।ज्ञानवापी मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट आने के बाद हिन्दू पक्ष अब सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दाखिल की है।हिंदू पक्ष ने कोर्ट से कहा है कि वह 19 मई 2023 को दिए अपने उस आदेश में बदलाव करे, जिसके तहत परिसर में जिस जगह पर शिवलिंग मिली थी, उस जगह पर वैज्ञानिक सर्वे पर लगी रोक को हटाया जा सके।

हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मौजूद है। सर्वे का आदेश भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के निदेशक को देने की मांग की गई है। शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल कर हिंदू पक्ष ने कहा है कि ये सर्वे बिना शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए वैज्ञानिक तरीके से किया जाए।याचिका में मांग की गई है कि एएसआई का सर्वे उस क्षेत्र में कराया जाए जो सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में संरक्षित किया था। उस समय वजू खाना एरिया को संरक्षण किया गया था, उसको हटाने की मांग की गई है।

याचिका में यह भी कहा गया है कि हिंदू वहां पर पूजा करना चाहते हैं क्योंकि कथित तौर पर वहां शिवलिंग है और ऐसी स्थिति में जो संरक्षण का आदेश सुप्रीम कोर्ट में जारी किया था उसे सुप्रीम कोर्ट हटाए। याचिका में कहा गया कि ज्ञानवापी मस्जिद के अन्य स्थानों पर एएसआई सर्वे कराया गया था।

इसके साथ ही याचिका में मांग की गई है कि सर्वे को परिसर में बनी नई और कृत्रिम दीवारों-छतों को हटाने के बाद ही सर्वे किया जाए। इसके अलावा अन्य सील जगहों पर भी खुदाई और अन्य वैज्ञानिक तरीकों से सर्वे किए जाएं और रिपोर्ट अदालत को दी जाए।

दरअसल, ज्ञानवापी परिसर की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की सर्वे रिपोर्ट बुधवार को मुकदमे के पक्षकारों ने सार्वजनिक कर दी। सर्वे के दौरान 32 जगह मंदिर से संबंधित प्रमाण मिले हैं। पक्षकारों ने जो सर्वे रिपोर्ट दी है, वह 839 पेज की है।

हेमंत बिस्वा खुद अपना घर देखें, ज्यादा होशियार न बनें', दिग्विजय सिंह ने बोला असम के CM पर हमला

 असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर दिए गए बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि जब कुछ बोलने को नहीं होता तब इस प्रकार की बात की जाती हैं। हेमंत बिस्वा सरमा स्वयं अपना घर देखें, इस मामले में ज्यादा होशियार न बनें। 

बता दें कि एक दिन पहले हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कसते हुए उन्हें भाजपा के लिए सबसे बड़ा स्टार प्रचारक बताया था। हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया कि राहुल गांधी जहां से भी गुजरते हैं, वहां कांग्रेस अपना जनाधार खो देती है। हिमंत बिस्वा के इस बयान पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया है। 

वही दूसरी तरफ बिहार के सीएम नीतीश कुमार एवं गृह मंत्री अमित शाह को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने आड़े हाथों लिया। वे रविवार को इंदौर आए थे। उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं की कथनी और करनी में अंतर होता है। वे बोले हमें कभी उम्मीद नहीं थी कि नीतिश कुमार ऐसा कदम उठाएंगे। वे पहले ही कह चुके थे कि किसी हालत में मरते दम तक बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे। वे संयोजक बनना चाहते थे तो बना देते, इसमें किसी को कोई परेशानी नहीं थी।

‘तो फिर स्कूलों में भी पढ़ाई जाए कुरान शरीफ’, उत्तराखंड के मदरसों में श्रीराम की कथा पढ़ाने के आदेश पर इस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने की मांग

 आम इंसान विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आकिल अहमद ने कहा कि उत्तराखंड की राज्य सरकार ने मदरसों में श्रीराम की कथा पढ़ाने का आदेश दिया है, तो सरकारी व निजी स्कूलों में भी कुरान शरीफ पढ़ाई जानी चाहिए।

रविवार को नगर के एक होटल में पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि सरकारी व निजी स्कूलों में कुरान शरीफ पढ़ाने का आदेश भी दिए जाएं। उन्होंने कहा उन्होंने उत्तराखंड में पहले भी यूसीसी, लैंड जिहाद, लव जिहाद जैसे मामले का विरोध किया है। इस मौके पर वाहिद इकबाल, महफूज रहमान, पीआर निराला, जगदीश शर्मा आदि लोग मौजूद रहे।

बता दें कि अयोध्या में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अधीन संचालित 117 मदरसों में भी श्रीराम की कथा पढ़ाई जाएगी। वक्फ बोर्ड इसी सत्र से मदरसों के पाठ्यक्रम में यह बदलाव करने जा रहा है। पाठ्यक्रम संचालन को लेकर वक्फ बोर्ड की ओर से मदरसा प्रबंधकों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

बिहार के सीएम नीतीश को लेकर बोले जगद्गुरु रामभद्राचार्य- "जब विभीषण राम के शरण में आ सकता है तो..."

बिहार में बीते तीन दिनों से जारी सियासी ड्रामेबाजी रविवार को समाप्त हो गई और भाजपा के साथ मिलकर नीतीश कुमार ने 9वीं बार नए सीएम के तौर पर शपथ ग्रहण की। उनके शपथ लेते ही RJD ने हमलावर हो गई। इस दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने राम की शरण में विभीषण के आने का उदाहरण दिया और बताया कि नीतीश को RJD के साथ सम्मान नहीं मिल रहा था।

सूत्रों के अनुसार यूपी के हाथरस में नीतीश कुमार के सीएम पद की शपथ लेने को लेकर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि जो कुछ भी हो रहा है अच्छा है। राजनीति में ये सब होता रहा है। नीतीश कुमार को वहां सम्मान भी नहीं दिया जा रहा था। जब रावण का भाई विभीषण राम के शरण में आ सकता है तो नीतीश कुमार के आने में क्या अंतर पड़ता है।

नीतीश कुमार कैबिनेट की आज पहली बैठक

इधर, नीतीश कुमार के NDA गठबंधन में शामिल होने के बाद आज यानी सोमवार को कैबिनेट की पहली बैठक होने वाली है। नीतीश कुमार की नई कैबिनेट की पहली बैठक मंत्रिमंडल कक्ष में सुबह साढ़े 11 बजे हुई। बिहार विधानसभा का सत्र 5 फरवरी से शुरू होने वाला है। इससे पहले नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार किए जाने का अनुमान है।

नीतीश कुमार के साथ 8 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ग्रहण की। अभी सभी विभाग सीएम नीतीश कुमार के पास ही रहेंगे। नीतीश मंत्रिमंडल का पूर्ण विस्तार होने के उपरांत ही मंत्रियों के विभागों का बंटवारा किए जाने का अनुमान भी लगाया जा रहा है। 9वीं बार बिहार के सीएम बनने पर नीतीश कुमार ने बोला है कि मुक्ति मिल गई, जहां थे वहीं आ गए। सोमवार को कैबिनेट की पहली बैठक होगी। साथ ही साथ उन्होंने पीएम मोदी को बधाई भी दी।

कैप्टन ने INDIA गठबंधन छोड़ दिया- आचार्य प्रमोद कृष्णम: विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में संयोजक की दौड़ में नीतीश कुमार आगे थे। उन्होंने कांग्रेस से लेकर अधिकतर पार्टियों को एकसाथ लाने का कार्य किया था, लेकिन उन्हें संयोजक नहीं बनाया गया। ये बात नीतीश कुमार को नागवार गुजर गई है। हालांकि उन्होंने कई दफा ये बोला था कि उन्हें किसी पद की लालसा नहीं है। अब वे NDA के साथ हैं। नीतीश कुमार के NDA में जाने पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बोला है कि कैप्टन ने गठबंधन छोड़ दिया है। यह हमारे लिए बहुत दुखद है।