वाणिज्य, उद्योग और श्रम मंत्री ने किया पांच दिवसीय राष्ट्रीय शालेय प्रतियोगिता का किया उद्घाटन
रायपुर-      67वीं राष्ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता 2023-24 का कल कोरबा स्थित सीएसईबी फुटबॉल खेल मैदान में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम और आकर्षक मार्चपास्ट के साथ शुभारंभ हो गया। मुख्य अतिथि वाणिज्य, उद्योग और श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने पाँच दिवसीय आयोजन का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि खेल जीवन का वह हिस्सा है जिससे शारीरिक और मानसिक विकास के साथ सफलता की राह में आगे बढ़ते हुए एक मुकाम हासिल की जा सकती है। मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि स्कूल में पढ़ाई के साथ खेलकूद में शामिल होकर और अच्छे खेल का प्रदर्शन कर अपना नाम रोशन किया जा सकता है। उन्होंने सभी को संकल्प दिलाते हुए खेल को खेल भावना से खेलने और हारने पर निराश न होते हुए आगे बढ़ने और परिश्रम कर पुनः अच्छे प्रदर्शन से सफलता अर्जित करने की बात कही। प्रतियोगिता में 12 राज्यों और दो इकाईयों के बेसबॉल खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। मंत्री श्री देवांगन ने राष्ट्रीय स्तर के खेल आयोजन पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि कोरबा जिले में राष्ट्रीय स्तर का आयोजन होना बहुत ही गौरव की बात है। यह एक ऐसा माध्यम है जहाँ खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा को दिखाने के साथ-साथ आगे बढ़ने का बेहतर अवसर मिलता है। इस तरह के आयोजन से खिलाड़ियों को अलग-अलग राज्यों की संस्कृति और भाषा-बोलियां सीखने समझने का भी मौका मिलता है। कार्यक्रम में कलेक्टर अजीत वसंत ने कहा कि छात्र जीवन में खेल और पढ़ाई का विशेष महत्व होता है। इस आयोजन में अन्य राज्यों के खिलाड़ी भी शामिल है, यहाँ खिलाड़ियों को अलग-अलग राज्यों की संस्कृति और भाषा से परिचय होगा। स्वागत भाषण जिला शिक्षा अधिकारी जी.पी. भारद्वाज ने दिया। कार्यक्रम में कोरबा जिले की अंतरराष्ट्रीय बेसबॉल खिलाड़ी नेहा जायसवाल को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। *जम्मू-कश्मीर से लेकर तमिलनाडु के खिलाड़ी* प्रतियोगिता में बेसबॉल बालक-बालिका 14 एवं 19 वर्ष के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, चंडीगढ़, तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल, सहित विद्याभारती और सीबीएसई और मेजबान छत्तीसगढ़ की टीम शामिल हो रही हैं। आज उदघाटन अवसर पर सभी टीमों ने आकर्षक मार्चपास्ट निकाली। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी दी गई।
*छत्तीसगढ़ झेरिया यादव समाज के सामाजिक और युवक-युवती परिचय सम्मेलन में पहुंचे उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा*

रायपुर।    उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा आज झेरिया यादव समाज द्वारा राजधानी रायपुर के महादेवघाट में आयोजित सामाजिक और युवक-युवती परिचय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम में राज्य स्तर के विभिन्न जिलों से आए हुए यादव समाज के प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने परिचय सम्मेलन में शामिल होने आये युवक-युवतियों एवं उनके परिजनों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि यह समाज की अच्छी पहल है, जिससे एक ही मंच पर विवाह योग्य युवक-युवतियां आपस में मिल जाते है, इससे वर-वधु ढूढंने में समय और धन की बचत होती है। उन्होंने आठ नवविवाहित जोड़ों को बधाई देकर उनके खुशहाल दांपत्य जीवन के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि यादव समाज भारत के विकास में अपनी बराबर की भागीदारी दे रहा है व भारत के स्वाभिमान, मान-सम्मान के लिए हमेशा खड़ा रहता है।

उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार जनकल्याणकारी कार्याे को पूरा करने तथा मोदी की गारंटी एवं विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने प्रतिबद्ध है। उन्होंने समाज द्वारा निर्मित सामाजिक भवन का अवलोकन भी किया, जिसमें 14 कक्ष बनाया गया है। समाज के अध्यक्ष जगनिक यादव ने बताया कि सामाजिक भवन में रायपुर के अलावा अन्य जगह से आने वाले बच्चों के रहने की उचित व्यवस्था की गई है। श्री यादव ने समाज के रीति-रिवाजों एवं गतिविधियों पर प्रकाश डाला। समाज के अध्यक्ष ने नवनिर्मित भवन के लिए फर्नीचर सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए राशि की मांग की। जिस पर उप मुख्यमंत्री ने समाज की आवश्यकताओं को पूरा करने का भरोसा दिलाया।

इस अवसर भगत सिंह यादव, सुन्दरलाल, जी.आर. यादव एवं सभी जिलों से आए जिलाध्यक्ष तथा समाज के अन्य पदाधिकारी सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे।

*भारत जोड़ो न्याय यात्रा के लिए अभिषेक मिश्रा बनाए गए किसान कांग्रेस के स्टेट कोआर्डिनेटर*

रायपुर-  कांग्रेस की 11 दिन पहले मणिपुर से शुरू हुई कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा छत्तीसगढ़ के 7 जिलों से होकर गुजरेगी। भारत जोड़ो न्याय यात्रा 15 फरवरी के पश्चात छत्तीसगढ़ पहुंचेगी। इसी क्रम में रविवार को पार्टी ने किसान कांग्रेस के अभिषेक मिश्रा को न्याय यात्रा का स्टेट कोआर्डिनेटर नियुक्त किया है। पार्टी द्वारा आदेश जारी कर इसकी जानकारी दी गई है।

न्याय यात्रा रायगढ़, सक्ती, जांजगीर, कोरबा, सरगुजा, सूरजपुर और बलरामपुर जिले से होकर गुजरेगी। हालांकि अभी पार्टी की तरफ से पूरा रोडमैप जारी नहीं किया गया है, लेकिन इन्हीं जिलों से यात्रा गुजरने की पूरे आसार है। इसे देखते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने छत्तीसगढ़ में इस यात्रा के सफल आयोजन के लिए प्रदेश संयोजक व जिला पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं, जो यात्रा की जिम्मेदारी संभालेंगे। कांग्रेस ने पूर्व मंत्री शिवकुमार डहरिया, अमरजीत भगत, जय सिंह अग्रवाल और उमेश पटेल को प्रदेश संयोजक नियुक्त किया है।

चंद्रदेव राय और अनिल अग्रवाल बने पर्यवेक्षक 

जबकि रायगढ़ जिले के लिए पूर्व विधायक चंद्रदेव राय और अनिल अग्रवा को जिला पर्यवेक्षक बनाया गया है। सक्ती के लिए गुरूमुख सिंह होरा, गुलाब कमरो, जांजगीर चांपा के लिए पूर्व विधायक शैलेष पांडेय, विनय भगत, कोरबा के लिए यूडी मिंज और नोबेल वर्मा, सरगुजा के लिए सफी अहमद, जेपी श्रीवास्तव, सूरजपुर के लिए प्रेमसाय सिंह टेकाम और पारसनाथ राजवाड़े और बलरामपुर जिले के लिए डॉ. प्रीतम राम और द्वितेंद्र मिश्रा को जिला पर्यवेक्षक बनाया गया है।

*कत्थक नर्तक रामलाल बरेठ ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से की सौजन्य मुलाकात*

रायपुर-   प्रतिष्ठित पुरस्कारों के लिए चयनित रायगढ़ घराने के कत्थक नर्तक रामलाल बरेठ जब केवल 4 साल के थे तभी महाराजा चक्रधर सिंह ने उनमें छिपी नृत्य की प्रतिभा पहचान ली थी। उन्होंने उनके पिता और इतने ही प्रतिभाशाली कत्थक कलाकार कीर्तनराम से कहा कि इसके कत्थक की प्रशिक्षण की व्यवस्था मैं अपनी देखरेख में करूंगा। उन्होंने देश भर के जाने-माने कलाकारों से श्री बरेठ का प्रशिक्षण कराया।

महाराजा चक्रधर सिंह ने उन पर जो भरोसा दिखाया, उसे श्री बरेठ ने पूरा किया। संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से लेकर पद्मश्री तक का सफर तय कर उन्होंने रायगढ़ घराने को नई ऊंचाई दी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उन्हें आज राज्य अतिथि गृह पहुना में आमंत्रित किया। श्री साय ने कहा कि आपने छत्तीसगढ़ का गौरव पूरे देश में बढ़ाया है। मेरा सौभाग्य रहा है कि मैंने रायगढ़ की कला परंपराओं के बारे में काफी कहानियां सुनी हैं और महाराजा चक्रधर सिंह के बारे में भी काफी कुछ सुना है। मुख्यमंत्री ने बताया कि महाराजा चक्रधर सिंह के बारे में यह कहा जाता है कि जब वो तबला बजाते थे तो इसमें लीन हो जाते थे और बारिश होने लगती थी। ऐसे महान कलाकार के संरक्षण में आपने कत्थक सीखा है इस पर हम सब गौरव करते हैं।

श्री बरेठ अभी 88 साल के हो चुके हैं। उनका आरंभिक जीवन आर्थिक कठिनाइयों से घिरा रहा। रायगढ़ रियासत में महाराजा चक्रधर सिंह के जाने के बाद उनके परिवार को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। श्री बरेठ बताते हैं कि कत्थक नृत्य अकेले का कर्म नहीं है। आपको इसके लिए कुशल संगतकार चाहिए। इसकी व्यवस्था करने और रायगढ़ घराने की प्रतिष्ठा को बनाये रखने मैंने कठिन परिश्रम किया।

श्री बरेठ के देश के महान कत्थक कलाकारों के साथ बहुत अच्छे संबंध रहे हैं। उन्होंने बताया कि पंडित बिरजु महाराज के साथ उनके बहुत स्नेहिल संबंध रहे हैं। पंडित बिरजु महाराज उन्हें बहुत स्नेह पात्र मानते थे। बिरजु महाराज का जन्म भी रायगढ़ में हुआ। अच्छन महाराज जैसे प्रतिभाशाली लोगों से सीखने का अवसर मिला और कत्थक की शानदार यात्रा रायगढ़ घराने के प्रोत्साहन से शुरू हुई।

श्री बरेठ बताते हैं कि पहले फिल्मों में शास्त्रीय संगीत और नृत्य का बड़ा मान होता था। फिल्मों के लिए भी काम करने वाले अमीर खां साहब का बहुत निकट संबंध रायगढ़ घराने से रहा। अभिनेत्री सुलक्षणा पंडित के पिता भी रायगढ़ घराने से संबद्ध रहे।

अच्छी बात यह है कि श्री बरेठ अगली पीढ़ी को भी कत्थक के लिए दीक्षित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके दादा जी, पिता जी कत्थक से जुड़े रहे और अब बेटे भी कत्थक से जुड़े हैं।

श्री बरेठ ने कहा कि मोदी जी ने पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना है। इसकी मुझे बहुत गहरी खुशी है। आज मुख्यमंत्री ने मुझे पहुना में आमंत्रित कर सम्मान किया। रायगढ़ घराने के माध्यम से कत्थक पूरे देश में मजबूत हो। यही हम चाहते हैं।

*‘एक ही निवेदन है नशाबंदी होना चाहिए’: पूर्व गृहमंत्री ननकीराम ने CM से की शराबबंदी की मांग…*

रायपुर-    प्रदेश में शराबबंदी को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने एक-दूसरे को जमकर घेरने का काम किया है. यहां तक की कांग्रेस ने शराबंदी करने का ऐलान भी किया था, लेकिन अपना वादा नहीं निभा पाई. अब एक बार फिर शराबबंदी की मांग उठ रही है. ये मांग कोई और नहीं पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कवर ने मुख्यमंत्री साय से की है.

पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कवर ने कहा, आदिवासी समाज के लिए नशाबंदी करना चाहिए. सरकार नहीं मानी तो मैं अकेला तो नहीं कर सकता. 5 कक्षा से दारू छोड़ा हूं. कुछ लोग हैं जो शराबबंदी के पक्ष में होंगे. सर्व सम्मति से नहीं तो सभी के सहमति से होना चाहिए. अगर ये समाज नशाबंदी कर दे तो इस आदिवासी समाज को कोई पीछे नहीं धकेलेगा.

आगे उन्होंने सीएम साय से निवेदन करते हुए कहा, हमारे मुखिया को आदिवासियों के लिए नशाबंदी करना चाहिए. जनजातियों के लिए करना चाहिए. पूर्व सीएम ने नशाबंदी का ऐलान किया था. हम नहीं कर सकते थे. कांग्रेस दारू बेचती थी, अभी पेपर में भी आया है कि कितने लोग जेल जा रहे हैं.

*सीजी आईएजीई का पहला वार्षिक राज्य सम्मेलन का सफलतापूर्वक हुआ समापन*

रायपुर-     27-28 जनवरी को आयोजित हिस्टेरोस्कोपी में प्रगति पर बहुप्रतीक्षित दो दिवसीय राज्य स्तरीय सम्मेलन ने देश और विदेश के प्रसिद्ध एंडोस्कोपिस्ट विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों को सफलतापूर्वक एक साथ लाया है। यह सम्मेलन, सीजी आईएजीई के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. मनोज चेलानी द्वारा शुरू किया गया एक सहयोगात्मक प्रयास है, जो हिस्टेरोस्कोपी के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होने का वादा करता है।

सम्मेलन के उद्घाटन दिवस पर प्रतिष्ठित पेशेवरों का जमावड़ा हुआ, जिनमें संरक्षक के रूप में कार्यरत डॉ. आभा सिंह और डॉ. देवेन्द्र नायक और आईएजीई के अध्यक्ष डॉ. पंडित पलस्कर शामिल थे। चिकित्सा क्षेत्र की प्रतिष्ठित हस्ती डॉ. हफ़ीज़ रहमान ने भी अपनी उपस्थिति से इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। विशेषज्ञ एंडोस्कोपी के क्षेत्र में अध्ययन और अभ्यास के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र हिस्टेरोस्कोपी की प्रगति पर ध्यान केंद्रित करते हुए विचारोत्तेजक चर्चा और विचार-विमर्श में लगे हुए हैं।

सीजी आईएजीई के दूरदर्शी संस्थापक अध्यक्ष डॉ. मनोज चेलानी ने देश और विदेश के प्रतिनिधियों की जबरदस्त प्रतिक्रिया और भागीदारी के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने सहयोग को बढ़ावा देने, ज्ञान साझा करने और चिकित्सा प्रगति में सबसे आगे रहने में ऐसे सम्मेलनों के महत्व पर जोर दिया।

सम्मेलन का पहला दिन हिस्टेरोस्कोपी में नवीनतम विकास पर व्यापक चर्चा पर केंद्रित था। डॉ. आभा सिंह, डॉ. देवेन्द्र नायक, डॉ. पंडित पलस्कर और डॉ. हफ़ीज़ रहमान जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति ने विचार-विमर्श को बहुत महत्वपूर्ण बना दिया। उनकी अंतर्दृष्टि और विशेषज्ञता ने निस्संदेह आयोजन की समग्र सफलता में योगदान दिया है।

डॉ. चेलानी ने इस पहल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, "हिस्ट्रोस्कोपी में प्रगति पर राज्य स्तरीय सम्मेलन विशेषज्ञों के लिए विचारों का आदान-प्रदान करने, अनुभव साझा करने और हमारे क्षेत्र में प्रगति का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। इस सहयोग से निस्संदेह बड़े पैमाने पर चिकित्सा समुदाय को लाभ होगा।"

सम्मेलन का दूसरा दिन भी समान रूप से आकर्षक भी था, जिसमें हिस्टेरोस्कोपी के विभिन्न पहलुओं पर अधिक गहन चर्चा, प्रस्तुतियाँ और कार्यशालाएँ शामिल हुई। आयोजकों का अनुमान है कि इस सम्मेलन के दौरान साझा किए गए ज्ञान और बनाए गए संपर्कों का क्षेत्र पर स्थायी प्रभाव पड़ेगा, जिससे अंततः रोगियों और चिकित्सा पेशेवरों को समान रूप से लाभ होगा।

*समाज को विकास की नई दिशा देने संगठित प्रयास जरूरी: राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा*

रायपुर-     समाज को एक नई दिशा की ओर ले जाने के लिए सभी को मिलजुलकर कार्य करना होगा। समाज की एकता, तरक्की और भलाई के लिए आपसी समन्वय से काम करना है। समाज की शक्ति संगठन से होती है। समाज के विकास के लिए सभी को संगठित होना आवश्यक है। राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने आज अभनपुर विकासखंड के ग्राम क़ुर्रु में मनवा कुर्मी चंदखुरी राज के 78 वें वार्षिक राज अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होनें स्वामी आत्मानंद विद्यापीठ स्कूल को शैक्षणिक एवं अन्य विकास कार्याे के लिए 25 हज़ार रुपए प्रोत्साहन राशि की घोषणा की।

राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा कि राज्य के विकास के कुर्मी समाज का महत्वपुर्ण योगदान है। कुर्मी समाज मुख्यतः कृषि कार्य से जुड़ा हैं। कृषि की उन्नति से ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था गतिमान होती है। उन्होंने समाज के लोगों से उन्नत कृषि के साथ-साथ शिक्षा पर भी ध्यान देने की अपील की है। श्री वर्मा ने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। हमें प्रभु श्री राम के आदर्श और चरित्र केवल सुनना ही नही अपितु अपने जीवन में उतारना भी हैं। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के लोगों के लिए श्री रामलला दर्शन योजना प्रारंभ किया है। कार्यक्रम में स्वामी आत्मानंद विद्यापीठ के बालिकाओं ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ कुर्मी समाज के केंद्रीय अध्यक्ष चोवाराम वर्मा, जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष डोमेश्वरी वर्मा, जिला पंचायत सदस्य ललिता वर्मा, तिल्दा जनपद सभापति शिव शंकर वर्मा, भूतपूर्व विधायक लक्ष्मी बघेल, चंदखुरी राज प्रधान चिंता राम वर्मा, समस्त राज के राजप्रधान, सामाजिक पदाधिकारीगण सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

*कंवर समाज को सीएम साय का तोहफा, भवन निर्माण के लिए 50 लाख रुपये देने का किया ऐलान*

रायपुर-  रविवार को इंडोर स्टेडियम में कंवर गौरव सम्मान समारोह का कार्यक्रम आयोजित किया गया. कंवर गौरव सम्मान समारोह कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनकी पत्नी कोशल्या देवी साय सहित वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय, पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा, पूर्व विधायक ननकीराम कंवर, पूर्व विधायक चिंतामणि महाराज कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान सीएम ने समाज के भवन के लिए राशि की घोषणा की.

अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि मेरे लिये बड़ी खुशी का दिन है. मुझे कंवर रत्न से सम्मानित किया गया. कंवर समाज के छोटे से कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री बनाने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद. यह पूरे कंवर समाज का सम्मान है. सीएम ने कहा कि समाज के गौरव के साथ-साथ जिम्मेदारी भी बढ़ गई है. मैं जीवनभर समाज का आभारी रहूंगा. आप लोगों से आशीर्वाद मांगने आया हूं. मुझे विश्वास है कि पद के दायित्व को निभाने के लिए पूरे समाज का साथ मिलेगा.

सीएम ने कहा कि हमारे समाज में गहिरागुरु जैसे संत हुए. राजनीति के क्षेत्र में भी हमारे समाज का इतिहास है. इसके साथ ही सीएम साय ने टाटीबंध स्थित समाज के भवन में निर्माण के लिए 50 लाख रुपये देने की घोषणा की.

मुख्यमंत्री साय ने पद्मश्री जागेश्वर यादव को छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाने पर किया सम्मानित

रायपुर-  राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र माने जाने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति के बिरहोर कुछ सालों पहले तक इतने संकोची थे कि जूते-चप्पल पहने हुए किसी को आता देखकर भाग जाते थे। उन्हें विकास की मुख्यधारा में शामिल करने जागेश्वर यादव ने जीवन भर जूते-चप्पल नहीं पहनने का संकल्प किया ताकि वे मिलने से सकुचाये नहीं। धीरे-धीरे वे बड़ा बदलाव लाने में कामयाब हुए और अभी बिरहोरों की पहली पीढ़ी शिक्षित हो गई है। वे शासकीय योजनाओं का लाभ लेने आगे बढ़ रहे हैं। जब जागेश्वर यादव 21 वर्ष के थे तब उन्होंने बिरहोर जनजाति के लोगों की दुर्दशा देखी और उनकी सेवा का संकल्प लिया। आज चार दशक हो गये हैं और उनका सेवा कार्य अनवरत जारी है।

संकल्पित भाव से बिरहोर जनजाति की सेवा करने वाले और पिछड़े वर्ग से आने वाले इस जननायक और सेवाभावी कार्यकर्ता का सम्मान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य अतिथि गृह पहुना में किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किये जाने के केंद्र सरकार के निर्णय पर शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने पूरे छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाया है। यादव ने भी मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए और उनके प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस पूरे रास्ते में आपका भरपूर सहयोग मिला जिसे मैं कभी नहीं भूलूँगा। आपने बिरहोर भाइयों के साथ बैठकर पतरी में चावल खाया। उनकी शिक्षा के लिए जो भी योजनाएं हम आपके पास लेकर गये। आपने कहा कि ये अच्छा काम है इसे आगे बढ़ाइये, मैं इसमें आपकी मदद करूंगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पहली ही कैबिनेट में आवासीहीनों को आवास उपलब्ध कराने का जो निर्णय लिया है। उससे सभी बिरहोरों को पक्का मकान मिल पाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जागेश्वर यादव को पद्मश्री के लिए सम्मानित किये जाने का केंद्र सरकार का निर्णय सेवा भाव से संकल्पित एक कार्यकर्ता का सम्मान है। जब प्रदेश में कोरोना फैला और मोदी जी ने वैक्सीन की सुविधा उपलब्ध कराई तब बिरहोर लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर आशंकाएं थीं और प्रशासन के अनेक बार आग्रह करने पर भी उन्होंने इसके लिए मना कर दिया। फिर जागेश्वर यादव को इसके लिए बिरहोरों को तैयार करने भेजा गया। बिरहोर इनको अपना मसीहा मानते हैं। जब जागेश्वर यादव ने आग्रह किया तो सब तैयार हो गये, ये उनकी बिरहोरों की बीच गहरी पैठ का प्रमाण है। पाली विकासखंड में उन्होंने 3 कार्यक्रम बिरहोरों के लिए कराए और हर बार मैं इन कार्यक्रमों में शामिल हुआ। इनके सम्मान की जब जानकारी मुझे मिली तो मुझे बहुत खुशी हुई।

उल्लेखनीय है कि जागेश्वर यादव के प्रयासों से न केवल बिरहोर लोग शिक्षा से जुड़े हैं। उन्होंने खेती भी करना आरंभ कर दिया है। जो बिरहोर भिक्षावृत्ति से जुड़े थे वे आज धान बेच रहे हैं। धरमजयगढ़ के ग्राम खलबोरा के केंदा राम अब धान बेच रहे हैं। बिरहोरों के लिए जागेश्वर यादव ने धरमजयगढ़ में आश्रम भी आरंभ किया है। उनको पद्मश्री मिलने पर बिरहोरों में भी काफी खुशी का माहौल है।

हेमराज मांझी ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से की मुलाकात

रायपुर-   आयुर्वेद में एक कहानी बताई जाती है। तक्षशिला विश्वविद्यालय में जब चरक और साथियों की गुरुकुल में शिक्षा पूरी हुई तो उनके गुरु ने अंतिम परीक्षा के लिए उन सभी को बुलाया। उनसे कहा कि ऐसे पौधे लाकर दें जिसमें औषधीय गुण हों और जिसके बारे में अब तक बताया न गया हो। सभी विद्यार्थी कुछ पौधे लेकर आये, केवल चरक कुछ नहीं लाये। जब चरक से गुरू ने पूछा कि पौधे क्यों नहीं लाए। चरक ने कहा कि मुझे सभी पौधों में कुछ न कुछ औषधीय गुण मिले, चूंकि सभी को लाना संभव नहीं था, इसलिए मैं खाली हाथ आया। गुरु जी ने कहा कि परीक्षा में केवल चरक उत्तीर्ण हुए। संसार में हर पौधे में कुछ न कुछ औषधीय गुण मौजूद हैं। यह कहानी बताती है कि जड़ी-बूटी के क्षेत्र में अनुसंधान की बड़ी गुंजाइश होती है।

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में रहने वाले वैद्य हेमराज मांझी ने अपना पूरा जीवन इन्हीं जड़ी-बूटियों की खोज की और लगभग पांच दशकों से हजारों लोगों को ठीक किया है। आम जनता की इस अहर्निश सेवा के चलते केंद्र सरकार ने इन्हें पद्मश्री से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य अतिथि गृह पहुना में श्री मांझी का सम्मान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने छत्तीसगढ़ का गौरव पूरे देश में बढ़ाया है। आपने परंपरागत जड़ी-बूटियों के माध्यम से अनेक बीमारियों में लोगों का उपचार किया है। अमेरिका जैसे देशों से भी पेशेंट आपके पास आये हैं। यह ऐसी विद्या है जिसे अगली पीढ़ी तक पहुँचाना है।

उल्लेखनीय है कि श्री मांझी ने छोटे डोंगर में ऐसे समय में लोगों का जड़ी बूटियों से इलाज करने का निर्णय लिया जब यहां स्वास्थ्य सुविधाएं बिल्कुल नहीं थी। परिवार में किसी के वैद्य के पेशे में नहीं होने के बावजूद उन्होंने सेवाभाव के चलते यह निर्णय लिया। उनके अनुभव के चलते उनका ज्ञान बढ़ता गया और नारायणपुर के अलावा दूसरे जिलों के मरीज भी उनके पास आने लगे।

वैद्य श्री मांझी ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हम तो सेवा का कार्य कर रहे थे। लोगों का उपचार कर रहे थे और खुश थे। जब पता चला कि मोदी जी ने पद्मश्री के लिए चुनने का निर्णय लिया है तो पहले तो आश्चर्य हुआ। हमें लगा कि दिल्ली में भी बैठकर मोदी जी की सरकार पूरे देश में हो रहे अच्छे कामों पर नजर बनाये हुए हैं और सेवा का काम करने वालों को सम्मानित करते जा रही है।

श्री मांझी ने बताया कि बस्तर की वनौषधियों में जादू है। हम जंगल से अलग-अलग तरह की जड़ी-बूटी इकट्ठी करते हैं। इन्हें उचित अनुपात में मिलाते हैं और अलग-अलग तरह की बीमारियों का इस तरह से उपचार करते हैं। नाड़ी देखकर मर्ज का पता लगाते हैं और इसके मुताबिक इलाज करते हैं। कई बार जब एलोपैथी से लोग कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज के संबंध में हतोत्साहित हो जाते हैं तब वे यहां आते हैं और ईश्वर की अनुकंपा से हमारी औषधियों के कमाल से वो ठीक हो जाते हैं।

श्री मांझी के पास हर दिन अमूमन सौ से अधिक मरीज पहुँचते हैं। कल भी असम और आंध्रप्रदेश से कुछ मरीज पहुंचे थे। श्री मांझी यह सब मामूली शुल्क में करते हैं। जो खर्च वे लेते हैं वो दवाइयों के बनाने में लगता है। उन्होंने बताया कि वनौषधियों में उपयुक्त मात्रा में शहद, लौंग एवं अन्य मसाले डालने होते हैं। उनका खर्च हम मरीजों से लेते हैं। उन्होंने बताया कि जब तक साँसों में साँस हैं तब तक यह सेवा का काम करता रहूँगा।

मुख्यमंत्री ने श्री मांझी से कहा कि आप सेवा का काम कर रहे हैं। ये बहुत पुण्य का काम है। आपकी विद्या से बहुत सारे लोग ठीक हो रहे हैं। आपको पद्मश्री मिलने से आपकी ख्याति और भी फैलेगी। आप आने वाली पीढ़ी को इसकी शिक्षा दें। यह बहुत मूल्यवान विद्या है इसे आपकी पीढ़ी में ही समाप्त नहीं होना चाहिए। श्री मांझी ने कहा कि आपसे मिले सम्मान से मेरा उत्साह और बढ़ गया है। अभी नई पीढ़ी को नाड़ी से मर्ज जानना सिखा रहा हूँ अब जड़ी-बूटी के गुणों के बारे में भी बताऊंगा।