एक हफ्ते में लागू हो जाएगा सीएए? केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर का बड़ा दावा

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अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से भुनाने की तैयारी में हैं। इसके अलावा भी पार्टी के पास एक बडा मुद्दा है, नागरिक संशोधन अधिनियम यानी सीएए। पहले ही ये चर्चा थी की तीन पड़ोसी मुस्लिम देशों से आए अल्पसंख्यकों को नागरिकता में सहूलियत देने वाला कानून, सीएए लोकसभा चुनाव से पहले ही लागू हो सकता है।केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के बयान ने इस बात को बल दे दिया है। केन्‍द्रीय मंत्री ने दावा क‍िया है क‍ि देश में अगले एक सप्ताह में सीएए लागू हो जाएगा। अगर शांतनु ठाकुर का दावा सच होता है और सीएए लागू हुआ तो यह लोकसभा चुनाव का भी बड़ा मुद्दा बनेगा। बीजेपी इसे अपने पक्ष में भुनाने का भरपूर प्रयास करेगी।

शांतनु ठाकुर दक्षिण 24 परगना के काकद्वीप में एक जनसभा में भाषण दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं मंच से ये गारंटी दे रहा हूं कि अगले 7 दिनों में सिर्फ बंगाल ही नहीं बल्कि पूरे देश में सीएए लागू होगा। उन्होंने इस कानून को लेकर पिछले साल दिसंबर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के उस भाषण का भी जिक्र किया जिसमें अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम को 'देश का कानून' बताया था और कहा था कि इसके लागू होने से कोई नहीं रोक सकता है।

शाह ने हाल ही में दिए थे संकेत

बता दें कि बीते साल दिसंबर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम को 'देश का कानून' बताते हुए कहा था कि इसके लागू होने से कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीएए को लेकर लोगों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया था। शाह ने कहा था, "कभी-कभी वह लोगों को गुमराह करने की कोशिश करती हैं कि देश में सीएए लागू होगा या नहीं। इस पर मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि सीएए देश का कानून है और कोई भी इसको लागू करने से नहीं रोक सकता है। यह हमारी पार्टी की प्रतिबद्धता है।

क्या है सीएए कानून

केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार यह कानून लेकर आई थी। इस कानून के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए प्रताड़ित गैर मुस्लिमों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारत की नागरिकता दी जाएगी। यह कानून दिसंबर 2019 में संसद से पास हुआ था। संसद से पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था। इसके बाद से देश के अलग-अलग राज्यों में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हुआ था। दिल्ली में भी कई महीनों तक इसे लेकर धरना प्रदर्शन चला था।

सीएए के विरोध में सुलग गया था देश

कानून पारित होने के तुरंत बाद देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। मुसलमानों, सिविल सोसाइटी के तबके और कुछ संगठनों ने सीएए का यह कहकर विरोध किया कि इसमें मुसलमानों को बाहर रखा गया है। लंबे समय तक चले विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर कानून लागू करने के लिए सरकार ने नियम ही नहीं बनाए और इसके लिए बार-बार समय बढ़ाने का अनुरोध करती रही।

कौन हैं भाजपा के सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, जिनका नाम बिहार में डिप्टी सीएम की रेस में है सबसे आगे

डेस्क: बिहार में जेडीयू और आरजेडी का गठबंधन टूटने के बाद अब एनडीए सरकार बनने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। नीतीश कुमार ने मुख्य मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद नए गठबंधन में शामिल होने का ऐलान कर दिया है। भाजपा में जेडीयू-बीजेपी की गठबंधन सरकार बनने पर भाजपा की ओर से सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा का नाम डिप्टी सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहा है। आइए आपको बताते हैं कि ये दोनों नेता कौन हैं, जिन्हें भाजपा ने प्रदेश में 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टी को बंपर जीत दिलाने की जिम्मेदारी दे रखी है। 

सम्राट चौधरी

सम्राट चौधरी भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष हैं। वह कोइरी जाति से आते हैं। भाजपा ने वर्ष 2023 में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी थी। सम्राट चौधरी बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता भी हैं। सम्राट चौधरी की उम्र करीब 54 वर्ष है। वह नौजवान नेताओं में गिने जाते हैं। बिहार में ओबीसी वोटरों में यादवों के बाद सबसे ज्यादा संख्या कुर्मी और कोइरी जाति की है। इसलिए भी सम्राट चौधरी भाजपा के लिए बेहद जरूरी हैं। लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (आरजेडी) का सामना करने के लिए कुर्मी और कोइरी वोटरों को साधना बेहद जरूरी है। सम्राट चौधरी भाजपा के लिए इस लिहाज से सबसे ज्यादा फिट बैठते हैं। कुशवाहा वोटरों में भी उनकी जबरदस्त पकड़ है। राजनीति पृष्ठिभूमि में देखा जाए तो वह बिहार में समता पार्टी के संस्थापक शकुनी चौधरी के बेटे हैं। शकुनी चौधरी का कुशवाकहा समाज में बड़ा नाम और पकड़ है। वह कई बार विधायक और सांसद रह चुके हैं।

1990 में राजनीति में रखा कदम

सम्राट चौधरी का राजनीति में पदार्पण 1990 में हुआ था। वह 1999 में राबड़ी की सरकार में कृषि मंत्री भी रहे थे। वर्ष 2000 और 2010 में परबत्ता विधानसभा से उन्हें विधायक चुना गया था। इसके बाद 2014 में नगर विकास विभाग के मंत्री बने। फिर 2018 में आरजेडी का दामन छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर लिया। उन्हें इसका तोहफा एनडीए सरकार में पंजायती राज्य मंत्री बना कर दिया गया। अब बिहार बीजेपी की कमान उनके हाथों में हैं। भाजपा को 2024 में बिहार में बंपर जीत दिलाने की कमान सम्राट चौधरी ही संभाल रहे हैं। 

विजय सिन्हा

भाजपा नेता विजय सिन्हा बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे थे। नीतीश के साथ भाजपा गठबंधन में वह बिहार विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। लखीसराय विधानसभा सीट से 2010 से वह विधायक बने हुए हैं। वर्ष 2017 से 20 के दौरान बिहार की गठबंधन सरकार में वह श्रम संसाधन मंत्री की भूमिका भी निभा चुके हैं। वह आरएसस बैकग्राउंड से आते हैं। 

उनके पिता शारदा रमण सिंह बाढ़ के हाई स्कूल में प्रभारी प्रिंसिपल रह चुके हैं। वर्ष 1967 में जन्मे सिन्हा ने 1982 में ही आरएसएस ज्वाइन कर लिया था। वह एएन कालेज में स्नातक के दौरान एबीवीपी के सक्रिय सदस्य रहे। उन्होंने बेगूसराय के पॉलिटेक्निक कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया। 1985 में बिहार पॉलिटेक्निक छात्र संघ के सचिव रहे।

वर्ष 2005 में पहली बार बने भाजपा विधायक

वह भूमिहार समुदाय से आते हैं। पहली बार 2013 में उन्हें भाजपा का प्रवक्ता बनाया गया। इससे पहले वर्ष 2000 में वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश संगठन प्रभारी भी रहे। 2004 में बीजेपी प्रदेश कार्य समिति के सदस्य बने। वह इसके बाद बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री और बेगूसराय व खगड़िया के क्षेत्रीय प्रभारी का जिम्मा भी संभाला। 

वर्ष 2005 में विजय सिन्हा को पहली बार लखीसराय से विधायक चुना गया। 2010 से फिर लगातार इस सीट से विधायक हैं। 2017 में नीतीश सरकार में मंत्री रहे। वह भाजपा के समर्पित नेताओं में गिने जाते हैं। नीतीश कुमार से विधानसभा में अक्सर वह अपनी तीखी तकरार के लिए जाने जाते रहे हैं।

Filmfare Awards 2024: 12th फेल को बेस्ट एडिटिंग और शाहरुख खान की जवान को मिला बेस्ट एक्शन का अवॉर्ड, यहां पढ़िए, विनर की पूरी लिस्ट

69वें फिल्मफेयर अवॉर्ड की शुरुआत शनिवार यानी बीते दिन गुजरात में एक इवेंट के साथ की गई. हर साल होने वाले इस अवॉर्ड शो का सभी को इंतजार रहता है. दो दिनों तक होने वाले इस अवॉर्ड शो को गुजरात के गांधीनगर में आयोजित किया गया है. शनिवार को कई सारे अवॉर्ड्स की घोषणा कर दी गई है. आज शाम को भी कुछ और अवॉर्ड्स अनाउंस किए जाएंगे. इस खास मौके पर बड़े-बड़े सितारों ने शिरकत की. फिल्ममेकर करण जौहर से लेकर एक्ट्रेस नुसरत भरूचा तक इस इवेंट का हिस्सा बनने पहुंचे.

करण जौहर के साथ-साथ जान्हवी कपूर, गणेश आचार्य, अपारशक्ति खुराना, जरीन खान और करिश्मा तन्ना समेत कई बड़े सितारे यहां मौजूद थे. अपारशक्ति खुराना और करिश्मा तन्ना ने 69वें फिल्मफेयर अवॉर्ड शो को होस्ट किया. सितारों ने एक-एक करके स्टेज पर आकर अलग-अलग कैटेगरी में विनर के नाम को अनाउंस किया और उन्हें ट्रॉफी से नवाजा. साल 2023 में रिलीज हुई फिल्मों का खूब जलवा देखने को मिला. शाहरुख खान से लेकर रणबीर कपूर तक और विक्की कौशन से लेकर विक्रांत मैसी की फिल्म तक ने अवॉर्ड अपने काम किए.

आलिया भट्ट और रणवीर सिंह की फिल्म रॉकी और रानी की प्रेम कहानी के गाने ‘व्हाट झुमका’ के लिए गणेश आचार्य को बेस्ट कोरियोग्राफी का पुरस्कार मिसा. विक्रांत मैसी की फिल्म 12थ फेल ने बेस्ट एडिटिंग की ट्रॉफी अपने नाम की. वहीं, शाहरुख खान की जवान को बेस्ट स्पेशल इफेक्ट्स और बेस्ट एक्शन के लिए विनर चुना गया. इसके अलावा रणबीर कपूर की एनिमल को बेस्ट बैकग्राउंड स्कोर और बेस्ट साउंड डिजाइन के लिए विनर चुना गया. 

टेक्निकल अवॉर्ड्स की पूरी लिस्ट

बेस्ट साउंड डिजाइन – ‘सैम बहादुर’ – कुणाल शर्मा और एनिमल के लिए सिंक सिनेमा

बेस्ट वीएफएक्स- ‘जवान’ – रेड चिलीज वीएफएक्स

बेस्ट एडिटिंग – ’12th फेल’ – जसकुंवर सिंह कोहली और विधु विनोद चोपड़ा

बेस्ट बैकग्राउंड स्कोर – ‘एनिमल’ – हर्षवर्द्धन रामेश्वर

बेस्ट प्रोडक्शन डिजाइन – ‘सैम बहादुर’ – सुब्रत चक्रवर्ती और अमित रे

बेस्ट कॉस्टयूम डिजाइन – ‘सैम बहादुर’ – सचिन लवलेकर, दिव्या गंभीर और निधि गंभीर

बेस्ट सिनेमैटोग्राफी- ‘थ्री ऑफ अस’ – अविनाश अरुण धावरे

बेस्ट कोरियोग्राफी – ‘व्हाट झुमका’ – गणेश आचार्य (रॉकी और रानी की प्रेम कहानी)

बेस्ट एक्शन – ‘जवान’ – स्पाइरो रजाटोस, एनल अरासु, क्रेग मैक्रे, यानिक बेन, केचा खम्फाकडी और सुनील रोड्रिग्स

एलन मस्क को पछाड़कर यह व्यक्ति बना दुनिया का सबसे अमीर कारोबारी, देखिए टॉप 10 की लिस्ट

 अमेरिका के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी की कुर्सी से खिसककर दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। उन्हें फ्रेंच कारोबारी बर्नार्ड अरनॉल्ट ने पीछे छोड़ दिया है। फोर्ब्स रियल टाइम बिलेनियर्स के अनुसार एलन मस्क की कुल दौलत 204.7 बिलियन डॉलर रह गई है। जबकि बर्नार्ड अरनॉल्ट की कुल दौलत 207.6 बिलियन डॉलर हो गई है। दोनों कारोबारियों के बीच करीब 3 बिलियन डॉलर का अंतर हो गया है। वहीं दूसरी ओर जेफ बेजोस की कुल दौलत 181.3 बिलियन डॉलर है और दुनिया के तीसरे नंबर के कारोबारी हैं।

मस्क के पिछड़ने का कारण

एलन मस्क के पिछड़ने का कारण टेस्ला के शेयरों में गिरावट है। बीते एक महीने में टेस्ला के शेयरों में करीब 28 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है। जिसकी वजह से टेस्ला की वैल्यूएशन में 200 अरब डॉलर से ज्यादा की गिरावट देखने काे मिल चुकी है। जिसका असर एलन मस्क की कुल दौलत में देखने को मिला है। इस दौरान मस्क की नेटवर्थ में करीब 40 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है। यही कारण है कि वो पहले पायदान से खिसककर दूसरे पायदान पर आ गए हैं।

दुनिया के 10 सबसे अमीर शख्स

कारोबारी का नाम  नेटवर्थ (बिलियन डॉलर में)

बर्नार्ड अरनॉल्ट       207.6

एलन मस्क           204.7

जेफ बेजोस           181.3

लैरी एलिसन       142.2

मार्क जुकरबर्ग       139.1

वॉरेन बफेट         127.2

लैरी पेज           127.1

बिल गेट्स           122.9

सर्गेई ब्रिन           121.7

अडानी और अंबानी

दूसरी ओर एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी कुल दौलत 104.4 अरब डॉलर पर आ गई है। वहीं दूसरी ओर गौतम अडानी की कुल दौलत 75.7 अरब डाॅलर पर है। बीते कुछ समय से अंबानी और अडानी की नेटवर्थ में तेजी दोनों की कंपनियों में तेजी की वजह से देखने को मिली है।

मथुरा, काशी और विश्वनाथ, तीनो लेंगे एकसाथ', रामकथा में बोले यूपी के डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य

डेस्क: यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने लखनऊ में आयोजित एक रामकथा में कहा कि मथुरा ,काशी और विश्वनाथ,तीनो लेंगे एकसाथ। उनके इस बयान की सियासी गलियारों में काफी चर्चा हो रही है। 

क्या है पूरा मामला?

केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार को लखनऊ में देवकी नंदन ठाकुर की रामकथा में रामजन्मभूमि आंदोलन के समय गूंजे संघ के नारे 'मथुरा, काशी और विश्वनाथ, तीनो लेंगे एकसाथ' को दोहराया और कहा कि ASI की रिपोर्ट के बाद काशी में भी हर हर महादेव हो गया है।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी थे मौजूद

इस कार्यक्रम में यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी मौजूद थे। ऐसे में रामकथा के दौरान दोनों डिप्टी सीएम का मौजूद होना और केशव मौर्य का ये बयान देना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। 

राम लला का विराजमान होना मतलब राम राज्य की शुरुआत

इससे पहले केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि राम लला का विराजमान होना मतलब राम राज्य की शुरुआत होना है। ये हमारे लिए गर्व की बात है। जिस प्रकार से राम भक्तों का जनसैलाब अयोध्या धाम की ओर उमड़ रहा है। उससे भारी भीड़ हो गई है मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि जल्दबाजी न करें। सरकार ने सुरक्षा की व्यवस्था की हुई है और सभी प्रबंध भी किए हुए हैं।

बिहार: नीतीश को लेकर चिराग पासवान का बड़ा बयान, कहा- हमने PM मोदी की वजह से समर्थन किया, लेकिन...

डेस्क: बिहार में बड़ा सियासी फेरबदल हुआ है। सीएम नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और आरजेडी के साथ अपना गठबंधन खत्म कर दिया है। वहीं अब नीतीश कुमार ने एनडीए का दामन थामा है। जिसके बाद आज शाम नीतीश कुमार बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाएंगे। इस बदलाव में ये बात अहम है कि बीजेपी कोटे से 2 डिप्टी सीएम होंगे। इस बीच लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया है। 

चिराग ने क्या कहा? 

चिराग ने कहा, 'हमने नीतीश कुमार की नीति का विरोध किया। अगर उनकी नीति अभी भी राज्य में रहेगी तो उनका विरोध था और आगे भी रहेगा। नीतीश की नीतियों से बिहार विकास नहीं कर सकता।' चिराग ने कहा, 'हमने पीएम मोदी की वजह से समर्थन किया है। हम NDA का हिस्सा हैं, राष्ट्र निर्माण में समर्थन करते हैं। चुनाव नजदीक हैं। जीतकर नरेंद्र मोदी को पीएम बनाना है। मैं शपथ ग्रहण समारोह में जा रहा हूं।'

पटना जाने से पहले चिराग के आवास पर हुई बैठक

पटना जाने से पहले चिराग के आवास पर बैठक भी हुई। इसमें चिराग के साथ पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद अरुण कुमार, प्रधान महासचिव अब्दुल खालिक, ए के वाजपेई, बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी मौजूद रहे। इस दौरान मौजूदा राजनीतिक गतिविधि पर चर्चा की गई।

मध्यप्रदेश के नए CM ने बदली पूर्व सीएम शिवराज सिंह की परंपरा, बोले- 'राज्य गान में खड़ा होना जरूरी नहीं'

 मध्य प्रदेश की जल, जंगल, जमीन एवं गौरवशाली इतिहास को बताने वाला राज्य गान सीएम मोहन यादव के एक बयान के चलते ख़बरों में आ गया। मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को भोपाल में सिविल सर्विसेज में चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र प्रदान करने एक कार्यक्रम में आए थे। उन्होंने मध्य प्रदेश गान पर खड़े होने से मना कर दिया। साथ ही लोगों को भी इशारे में बैठे रहने को कहा। इतना ही नहीं मध्य प्रदेश गान आरम्भ होकर बंद हुआ तथा मोहन यादव के इशारे के पश्चात् दोबारा आरम्भ हुआ। इस बार सभी लोग खड़े होने की जगह बैठे रहे। मुख्यमंत्री भी मंच पर कुर्सी पर बैठे रहे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रगान एवं राष्ट्रगीत के वक़्त ही हमें खड़ा होना चाहिए।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि एक परंपरा बन गई है, जैसे हमारा मध्य प्रदेश गान है। अच्छी बात है। लेकिन, कल विश्वविद्यालय गान बनाएगा, कोई कॉलेज का गान बनाएगा, कोई संस्थान अपना गान बनाएगा। फिर नियम बनेगा कि राष्ट्रगान की भांति खड़ा होना है, यह क्या बात हुई। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत की व्यवस्था के मुताबिक बाकियों को बराबर नहीं कर सकते। हो सकता है आपको अटपटा लगे कि यह पुरानी परंपरा को तोड़ रहे है, किन्तु पुरानी चीजों में परिवर्तन की आवश्यकता है तो उसमें परिवर्तन भी करते हैं। हमारा लचीलापन हमें अच्छे से और अच्छे की तरफ ले जाता है।

दरअसल, 1 नवंबर 2022 को मध्य प्रदेश के तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के 67वें स्थापना दिवस के अवसर पर ऐलान किया था कि मध्य प्रदेश गान को भी राष्ट्रगान की तरह भांति सम्मान दिया जाएगा। लोगों को यह संकल्प भी दिलाया था कि जब भी मध्य प्रदेश गान होगा तो खड़े होकर सम्मान करें। ऐसे में अपने ही पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री के फैसले को मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा बदलने पर कोंग्रेस को बीजेपी की सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया।

मीठी सुपारी खाने की लत ने शख्स को बना दिया 'चोर', उठा लिया ये बड़ा कदम, पढ़िए, एमपी के गुना की यह अनोखी कहानी

 मध्य प्रदेश के गुना से एक अनोखी घटना सामने आई है। यहां रहने वाले धारत सिंह लोधा नाम के बदमाश को मीठी सुपारी खाने की लत है। बदमाश ने एक पान की दुकान में सेंधमारी करते हुए मीठी सुपारी के 28 पैकेट चुरा लिए तथा जाते जाते सिगरेट के 169 पैकेट भी चुरा लिए। चोरी के शातिराना अंदाज ने पुलिस के शक की सुई को एक तरफ घुमा दिया।

दुकान मालिक ने चोरी की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई तो बड़ा खुलासा हुआ। पुलिस ने तहकीकात में पाया कि एक ही रात गुना में 5 से अधिक दुकानों में चोरी की गई। चोरी की वारदात का वक़्त और तरीका भी मिलता जुलता था। पुलिस ने तहकीकात की तो पता चला कि धारत सिंह लोधा नाम का व्यक्ति चोरियों में लिप्त है। दोषी को गिरफ्तार किया गया तथा कड़ाई से पूछताछ की गई तो खुलासा हुआ। पुलिस ने बताया कि आरोपी धारत सिंह लोधा बहुत शातिर चोर है। धारत ने मीठी सुपारी की चोरी की थी। ठीक उसी रात शहर की अन्य दुकानों में भी चोरी की घटना को अंजाम दिया गया। जिसमें फर्नीचर की दुकान से ऑयल के डिब्बे, कॉपर वायर, हथौड़ी , डेयरी व्यवसायी के संस्थान से लैपटॉप पेनड्राइव, मोटरसाइकिल के टायर चुराए गए थे। 

पुलिस ने चोरी का माल जब्त कर लिया है। संदिग्ध काफी शातिर माना जाता है और पुरानी चोरियों में भी शामिल रहा है। शातिर चोर धर्म सिंह मंदिरों को निशाना बनाता था। वह मंदिर के दान बक्सों से चोरी करता था और घंटों तक घंटियाँ भी चुराता था। फिलहाल पुलिस को उम्मीद है कि धर्म सिंह की गिरफ्तारी से कई अन्य चोरियों का खुलासा हो सकेगा।

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता अगले माह होगी लागू ? लिव इन रिलेशनशिप पर लगेगी रोक; 500 पृष्ठ से अधिक का ड्राफ्ट तैयार

 उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने की धामी सरकार की मुहिम अगले माह धरातल पर मूर्त रूप ले सकेगी। संहिता का प्रारूप बनाने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति दो फरवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को यह प्रारूप सौंप सकती है।

इसे कानूनीजामा पहनाने के दृष्टिगत सरकार ने पांच से आठ फरवरी तक विधानसभा का सत्र बुलाया है। इसी सत्र में यह प्रारूप विधेयक के रूप में सदन के पटल पर रख इसे पारित कराने की तैयारी है। इसके पारित होने के बाद उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।

चीन और नेपाल की सीमा से सटे उत्तराखंड का सामरिक महत्व तो है ही, चारधाम समेत अनेक धार्मिक स्थलों के कारण तीर्थाटन की दृष्टि से भी यह राज्य महत्वपूर्ण है। इसे देखते हुए धामी सरकार ने यहां सामान नागरिक संहिता लागू करने की ठानी और यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है।

वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री धामी ने समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया और जनता ने भी इस पर एक प्रकार से मुहर लगाई। मुख्यमंत्री धामी ने भी दोबारा सत्ता संभालते ही अपनी पहली ही कैबिनेट की बैठक में इसका प्रारूप तय करने को विशेषज्ञ समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट

इसी कड़ी में 27 मई 2022 को समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने के लिए जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि) की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया, जिसमें चार सदस्य शामिल किए गए। बाद में इसमें सदस्य सचिव को भी शामिल किया गया। विशेषज्ञ समिति के लगभग 20 माह के कार्यकाल में अभी तक 75 से अधिक बैठक हो चुकी हैं और समिति को 2.35 लाख से अधिक सुझाव मिले हैं।

समिति ने बैठकों के जरिये प्रदेश के सभी धर्मों, समुदाय व जनजातियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जाकर स्थानीय निवासियों से सुझाव लिए। साथ ही, प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों के साथ ही नई दिल्ली में भी प्रवासी उत्तराखंडवासियों के साथ भी इस विषय पर संवाद किया। ड्राफ्ट पूरा करने से पहले समिति की मुख्यमंत्री धामी के साथ कई चरणों की बैठक हुई।

पांच सौ पृष्ठ से अधिक का है ड्राफ्ट

अब समिति अपना कार्य पूरा कर चुकी है। माना जा रहा है कि यह ड्राफ्ट पांच सौ पृष्ठ से अधिक का है। इसका हिंदी रूपांतरण भी किया जा चुका है। अब समिति दो फरवरी को इसे मुख्यमंत्री को सौंप सकती है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद इसे विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा। इसी के दृष्टिगत ही सरकार ने विधानसभा का सत्र आहूत किया है।

ड्राफ्ट के मुख्य बिंदु

-सभी धर्मों के अनुयायियों को समान अधिकार देने की पैरवी

-लिव इन रिलेशनशिप पर रोक

-पैतृक व पति की संपत्ति में महिलाओं को समान अधिकार

-उत्तराधिकार में महिलाओं की सहभागिता

-कानून के हिसाब से हो तलाक

-गोद लेने के लिए कड़े नियमों का प्रविधान

-स्थानीय व जनजातीय परंपराओं तथा रीति रिवाजों का अनुपालन

-निजी स्वतंत्रता को मिले विशेष महत्व

दो से तीन दिन में तैयार कर लिया जाएगा विधेयक का प्रारूप

सरकार के प्रवक्ता के अनुसार विशेषज्ञ समिति से रिपोर्ट मिलने के दो से तीन दिन के भीतर समान नागरिक संहिता के विधेयक का प्रारूप तैयार कर लिया जाएगा। वैसे भी विधानसभा सत्र पांच से आठ फरवरी तक आहूत किया गया है। ऐसे में विधेयक का प्रारूप तैयाार करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे आज दून में करेंगे जनसभा, सीएम धामी के दखल के बाद मिली अनुमति

देहरादून पुलिस लाइन में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के हेलिकॉप्टर लैंडिंग की अनुमति न मिलने पर गुस्साए कांग्रेसियों ने पुलिस मुख्यालय घेर लिया। कई घंटे तक बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता हंगामा करते रहे। मामला संज्ञान में आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दखल दिया। उनके दखल से मामला शांत हुआ और अनुमति मिल गई।

शनिवार को कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना पुलिस लाइन में हेलिकॉप्टर लैंडिंग की स्थिति देखने पहुंचे। जब उन्हें पता चला कि ऐसी कोई अनुमति नहीं है तो उन्होंने एसएसपी अजय सिंह से संपर्क की कोशिश की लेकिन उनके बैठक में व्यस्त होने के चलते बात नहीं हो पाई।

धस्माना ने बताया कि इसके बाद उन्होंने डीजीपी अभिनव कुमार को फोन किया लेकिन बाहर होने के चलते उन्होंने एडीजी से बात करने को कहा। एडीजी ने मामले में जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस बीच वह बात करते-करते पुलिस मुख्यालय पहुंच गए। वहां बात बनती न देख कांग्रेस अध्यक्ष माहरा व उपाध्यक्ष धस्माना धरने पर बैठ गए।

 नेता प्रतिपक्ष आर्य और पुलिस अधिकारियों के बीच हुई तकरार

मामले की जानकारी मिलते ही नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य समेत तमाम नेता पुलिस मुख्यालय पहुंचे। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष आर्य और पुलिस अधिकारियों के बीच तकरार हुई। नाराज कांग्रेस नेताओं ने करीब दो घंटे तक हंगामा किया। धीरे-धीरे पुलिस मुख्यालय के बाहर तक कार्यकर्ताओं की भीड़ जुट गई। मामले की जानकारी मिलने पर सीएम धामी ने नेता प्रतिपक्ष आर्य, प्रदेश अध्यक्ष माहरा से फोन पर बात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि कांग्रेस अध्यक्ष के हेलिकॉप्टर की अनुमति दी जाएगी। इसके कुछ ही देर बाद अनुमति मिल गई। इसके बाद कांग्रेसी वहां से चले गए।