Jan 13 2024, 18:04
*शिक्षा का मूल उद्देश्य संस्कार,रोजगार और आधुनिक तकनीकी से जोड़ना हैं -प्रो पूनम टंडन*
गोरखपुर- इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट एवं द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स गोरखपुर लोकल चैप्टर के संयुक्त तत्वाधान मे "रिसेंट ट्रेंड्स इन आर्टिफिशल इंटेलिजेंस,मशीन लर्निंग एंड डीप लर्निंग "विषय पर एक सेमिनार का आयोजन संस्थान के डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम सभागार मे किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि गोरखपुर विश्वविद्यालय कि कुलपति प्रो पूनम टंडन, संस्थान के सचिव श्याम विहारी अग्रवाल, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल, इं पी के मिश्रा, और निदेशक डॉ एन के सिंह के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
कार्यक्रम के शुरुआत मे द इंस्टिटूशन्स ऑफ इंजीनियर्स लोकल चैप्टर गोरखपुर के अध्यक्ष इं पी के मिश्रा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और सेमिनार के रूपरेखा के बारे मे जानकारी दिया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो पूनम टंडन ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन शिक्षा में हो रही नई तकनीकी प्रगति कैसे समाज में बदलाव ला रही है। वे नई उपायों, समाधानों, और तकनीकों की चर्चा करते हुए यह बतायी कि इससे आगामी समय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में और भी अधिक संभावनाएं खुलेंगी, साथ ही उन्होंने ये नई तकनीकी और कृतिम बुद्धिमत्ता के बढ़ते प्रयोग के साथ - साथ हमें अपने प्राकृतिक बुद्धिमत्ता को भी संभालना होगा नही तो ते विनाशकारी भी हो सकता हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षा का मूल उद्देश्य छात्रों को संस्कार, रोजगार और नई तकनीकी से जोड़ना हैं इसलिए छात्रों का समय -समय पर मनोवैज्ञानिक परीक्षण कराना भी आवश्यक हैं।
एमएमयूटी एलुमिनी एसोसिएशन के अध्यक्ष जे बी राय ने कहा कि तकनीकी का सही दिशा मे प्रयोग करके उन्नति कि तरफ जा सकते हैं और अगर इसका ठीक प्रकार से इस्तेमाल नही किया जायेगा तो ये समाज के लिए बहुत नुकसानदायक भी हो सकता हैं। संस्थान के पूर्व छात्र एवं आईआईआईटी भागलपुर मे डॉ. तामेश्वरनाथ तिवारी ने टेक्निकल सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि सीमित अंकुशों से बाहर निकलता हुआ कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन शिक्षा और गहन अध्ययन का नया युग हैं, इसके माध्यम से छात्रों को नए और आधुनिक गुणस्तर की शिक्षा प्रदान करने मे हितकारी साबित हो रहा हैं। उद्यमियों और उद्योग जगत से आये हुए विशेषज्ञों ने बताया कि इस तकनीकी युग में यह आवश्यक है कि कंपनियाँ और उद्यमी इस तकनीक का उपयोग करके अपने व्यवसाय मॉडल को बेहतर बना सकते हैं
संस्थान के निदेशक डॉ एन के सिंह ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस सेमिनार ने हमें एक समर्थन और बदलाव की दिशा में एक साथ चलने का मौका दिया है। हम यहाँ नए उत्साह, ज्ञान, और साझेदारी के साथ लौट रहे हैं, जिससे हम आगे बढ़ सकते हैं।
Jan 13 2024, 19:57