यूपी के इस जिले में बने चांदी के बर्तन में लगेगा रामलला को प्रसाद का भोग, फेमस संत ने कराया है तैयार

डेस्क: अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दिन उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में बने चांदी के बर्तन में भगवान श्रीराम को प्रसाद का भोग लगेगा। भगवान राम को प्रसाद का भोग लगाने के लिए विशेष तौर पर चांदी के पांच बर्तन तैयार किए गए हैं। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के दिन मिर्जापुर से देवरहा हंस बाबा आश्रम की तरफ से चांदी के बने पांच बड़े बर्तनो कों भेजा जा रहा है। इन चांदी के बर्तनों को प्रसिद्ध संत देवराहा हंस बाबा की तरफ से खास तौर से बनवाया गया है। 

देवरहा हंस बाबा भेज रहे हैं ये बर्तन

मिली जानकारी के अनुसार, देवरहा हंस बाबा आश्रम के प्रसिद्ध संत देवरहा हंस बाबा भगवान राम को लड्डुओं का भोग लगाने के लिए चांदी के बने पात्र को भेज रहे हैं। चांदी के बने इन्ही बर्तनो में रख कर भगवान को प्रसाद का भोग लगाया जायेगा। आश्रम का कहना है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत मौजूद विशिष्ट अतिथियों द्वारा इन चांदी के बर्तनों में भगवान राम को भोग लगाया जायेगा। आश्रम से जुड़े ट्रस्टी का कहना है कि अयोध्या भेजने के लिए पांच चांदी के बर्तन खास तौर से बनवाया गया है जिसे आश्रम से अयोध्या भेजा जा रहा है।

22 जनवरी को होगी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा

 बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में हो रहे श्रीराम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर मिर्जापुर से भी बड़ी तैयारी की गयी है। बताया जा रहा है कि देवरहा हंस बाबा आश्रम से कुछ संत ये बर्तन लेकर अयोध्या जाएंगे। वहीं, अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारी तेज कर दी गई है। नगर को सुंदर तरीके से सजाया जा रहा है। पीएम मोदी समेत कई जाने-माने लोग और साधु-संत प्रतिष्ठा समारोह में शिरकत करेंगे।

कांग्रेस की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' की जगह बदली, अब इंफाल से नहीं बल्कि थौबुल से शुरू होगी, ये है वजह

डेस्क: कांग्रेस 'भारत जोड़ो यात्रा' के बाद अब 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' शुरू कर रही है। यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर के इंफाल से शुरू होनी थी, लेकिन अब इसका स्थान बदल दिया गया है। अब राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली जाने वाली यह यात्रा इंफाल से 34 किलोमीटर दूर थौबुल से शुरू होगी। कांग्रेस पार्टी ने बताया कि यह बदलाव सरकार की शटरों की वजह से किया गया है। पार्टी ने बताया कि सरकार ने जो शर्तें रखी थीं, उसके साथ इंफाल में यात्रा शुरू नहीं हो सकती थी। जिसके बाद इसके स्थान में बदलाव किया गया।

2 जनवरी को मांगी गई थी यात्रा की अनुमति

मणिपुर कांग्रेस के प्रमुख कीशम मेघचन्द्र ने बताया कि साल की शुरुआत में 2 जनवरी को जिला प्रशासन से इम्फाल के हप्ता कांगजेइबुंग मैदान से यात्रा शुरू करने की अनुमति मांगी थी। प्रशासन ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए यात्रा की इजाजत देने से इनकार कर दिया। इसके बाद वह 10 जनवरी को प्रदेश के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से मिले। उन्होंने कुछ शर्तों के साथ यात्रा की अनुमति दे दी। इसमें एक प्रमुख शर्त यह थी कि यात्रा में केवल एक हजार लोग ही शामिल होंगे। इससे ज्यादा लोगों को कार्यक्रम स्थल पर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

'सरकार की शर्तें हमारे लिए चिंताजनक थीं'

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि शर्तें हमारे लिए चिंताजनक थीं। 10 जनवरी को देर रात थौबल जिले के डिप्टी कमिश्नर ने खोंगजोम के प्राइवेट ग्राउंड से यात्रा की अनुमति दी। इसके बाद हमने जगह बदलने का फैसला किया। 14 जनवरी को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे यहीं से यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। रूट में कोई बदलाव नहीं होगा। वहीं इससे पहले कीशम मेघचंद्रा ने कहा था कि हम वास्तव में सरकार को दुनिया को यह दिखाने में मदद करने की कोशिश कर रहे हैं कि मणिपुर सामान्य स्थिति में लौट रहा है।

14 जनवरी से शुरू हो रही है यात्रा 

बता दें कि इस बार भी यात्रा कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली जाएगी। इस यात्रा से जुड़ने के लिए इंडिया गठबंधन के नेताओं, कांग्रेस के मित्र दलों और सिविल सोसाइटी को भी आमंत्रित किया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 14 जनवरी से मणिपुर से मुंबई तक 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' शुरू की जा रही है। 

इस दौरान 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के माध्यम से हम जनता से जुड़े मुद्दों पर बात करेंगे। उन्होंने कहा कि 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा', देशवासियों को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय दिलाने की ओर हमारा एक मजबूत कदम है। 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' देश के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और बुनियादी मुद्दों को लेकर निकाली जा रही है।

जापान में भूकंप ने बदल दिया नजारा, तट से 820 फीट पीछे चला गया समुद्र, ऊपर उठ गए सी-बीच

डेस्क: जापान में नए साल की शुरुआत होते ही खतरनाक भूकंप से हाहाकार मच गया। भूकंप के चलते सुनामी की चेतावनी भी दी गई। हालांकि सुनामी नहीं आई। लेकिन इसी बीच में खतरनाक भूकंप के चलते समुद्र तट का नजारा ही बदल गया। यहां भूकंप के बाद एक दो फीट नहीं बल्कि समुद्र 820 फीट पीछे चला गया। यही नहीं, भूकंप के बाद जापान के तट ऊपर उठ गए, जिससे कि यह समुद्र पीछे चला गया। इस बात का पता सैटेलाइट की तस्वीरों से भी चल रहा है। 

सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार जापान में 1 जनवरी 2024 को आए भयानक भूकंप के बाद उसके तट 800 फीट से ज्यादा खिसक गए हैं। जापान के नोटो प्रायद्वीप में साल के पहले दिन 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप के बाद सुनामी के डर से नोटो प्रायद्वीप के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया था। इसके बाद वहां की जमीन में फर्क दिखाई दे रहा है। कई द्वीप समंदर में थोड़ा ऊपर उठ गए हैं। इस वजह से समुद्र थोड़ा दूर खिसक गया है। 

भूकंप के कारण सूखे कई तट, नावों का पहुंचना हुआ मुश्किल

सैटेलाइट तस्वीरों से हम यह जान सकते हैं कि भूकंप के बाद​ स्थिति में कितना परिवर्तन आया है। तस्वीरों में ही आपको साफ-साफ अंतर पता चल जाएगा। इन तस्वीरों नाहेल बेलघेर्ज ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है। भूकंप की वजह से कई तट सूख से गए हैं। अब तटों पर नावों का पहुंचना मुश्किल हो गया है। नोटो प्रायद्वीप में भूकंप और सुनामी के बाद यह भौगोलिक बदलाव देखने को मिलें हैं, जो कि एक खतरनाक स्थिति मानी जा सकती है।

दो फुटबॉल मैदान के बराबर पीछे हट गया समुद्र

अगर आप सैटेलाइट तस्वीरों को ध्यान से देखेंगे तो आपको दिखेगा कि पहले जहां तक पानी था, अब वहां पर सूखा हुआ है। पानी काफी पीछे चला गया है। करीब 820 फीट पीछे, जो कि दो अमेरिकी फुटबाल मैदान की लंबाई के बराबर होता है। टोक्यो यूनिवर्सिटी के भूकंप का शोध करने वाले इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने कहा है कि भूकंप के बाद नोटो प्रायद्वीप में काइसो से आकासाकी तक दस जगहों पर तटीय जमीन ऊपर उठ गई है। यानी समंदर का पानी और नीचे चला गया है। इस प्रक्रिया को 'कोसीस्मिक कोस्टल अपलिफ्ट' कहते हैं।

सैटेलाइट तस्वीरों में हुई पुष्टि

आकासाकी बंदरगाह पर 14 फीट ऊंची सुनामी लहरें आई थीं। यह पता चला है वहां की इमारतों की दीवारों पर पड़े निशान से। जापानी स्पेस एजेंसी JAXA के ALOS-2 सैटेलाइट ने भी कोस्टल अपलिफ्ट को दर्ज किया है।

मुझे नहीं मिला रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता', अयोध्या जाने के सवाल पर बोले सपा प्रमुख अखिलेश यादव

डेस्क: राजनेताओं का अयोध्या जाना या ना जाना अब एक बड़ा सवाल बन चुका है। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 6 हजार से अधिक लोगों को निमंत्रण भेजा गया है। इसमें कई विपक्षी दलों के नेताओं को भी न्योता दिया गया है। जिसमें से कई तो अयोध्या जा रहे हैं तो कई नेताओं ने इस निमंत्रण को ठुकरा दिया है। अब उनके निमंत्रण ठुकराने पर विवाद खड़ा हो रहा है। इसी से जुड़े एक सवाल के जवाब में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि मुझे निमंत्रण नहीं मिला है।

'निमंत्रण कोरियर से भेजा गया है तो उसकी रसीद उन्हें दिखा दी जाये'

लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बताया कि उन्हें अयोध्या में होने जा रहे भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण न तो व्यक्तिगत रूप से और न ही कोरियर से मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें निमंत्रण कोरियर से भेजा गया है तो उसकी रसीद उन्हें दिखा दी जाये, ताकि यह पता चल सके कि निमंत्रण सही पते पर ही भेजा गया है या नहीं। 

'बीजेपी के लोग अन्य लोगों को अपमानित करने का काम करते हैं'

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आमंत्रित किये जाने के सवाल पर कहा, "बीजेपी के लोग अन्य लोगों को अपमानित करने का काम करते हैं। मुझे कोई निमंत्रण नहीं मिला हैं । जब हम कोई कार्यक्रम करते हैं तो अपने परिचित को ही निमंत्रण देते हैं। हम किसी राह चलते को निमंत्रण नहीं देते। हमें कोई निमंत्रण नहीं दिया गया है।'' इस पर एक पत्रकार ने कहा कि सपा प्रमुख को निमंत्रण कोरियर से भेजा गया है। इस पर अखिलेश ने कहा, ''अब यह बात सामने आ रही हैं कि मुझे कोरियर से निमंत्रण भेजा गया हैं । मैं कहता हूं कि आप मुझे कोरियर की रसीद दिलवा दो ताकि हम पता कर लें कि निमंत्रण हमारे ही पते पर आ रहा है या किसी दूसरे पते पर जा रहा है।’’ 

इससे पहले विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल से पूछा गया कि क्या सपा प्रमुख अखिलेश यादव को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए निमंत्रण भेजा गया हैं ? इस पर उन्होंने जवाब दिया, "निमंत्रण उन तक पहुंचा हैं, या नहीं, यह मैं नही कह सकता लेकिन निमंत्रण सूची में उनका नाम है।" वहीं इससे पहले कांग्रेस आलाकमान भी इस निमंत्रण को ठुकरा चुका है। बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में भगवान राम के बाल स्वरूप के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

21 जनवरी को दिल्ली से अयोध्या के लिए टेक ऑफ करेगी स्पेशल फ्लाइट, जानिए कितना होगा किराया

स्पाइसजेट एयरलाइन्स ने अयोध्या में ऐतिहासिक 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के लिए विशेष उड़ान का ऐलान किया है. Spicejet 21 जनवरी, 2024 को दिल्ली से अयोध्या के लिए एक स्‍पेशल फ्लाइट आरम्भ करेगा. यह फ्लाइट 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्‍ठा में शामिल होने वाले भक्तों के लिए चलाई जाएगी. साथ ही वापसी के लिए भी फ्लाइट चलेगी. 

स्‍पाइसजेट की विशेष फ्लाइट देश कि राजधानी दिल्ली से दोपहर 1:30 बजे रवाना होगी, जो 3 बजे तक अयोध्या में उतरेगी. वहीं वापसी के लिए अगले दिन यानी 22 जनवरी को शाम 5 बजे अयोध्या से टेक ऑफ करेगी और शाम 6:30 बजे दिल्ली पहुंचेगी. स्‍पाइसजेट ने बताया है कि 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह हमारे देश के लिए एक ऐतिहासिक मौका है और इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शामिल होने वाले तीर्थयात्रियों और यात्रियों की सुविधा में योगदान करने के लिए सम्मानित महसूस कर रहे हैं. 

 

बता दें कि दिल्‍ली से अयोध्‍या के लिए इंडिगों ने भी फ्लाइट सर्विस शुरू की है. Indigo की वेबसाइट के अनुसार, 20 जनवरी 2024 को फ्लाइट का टिकट 15,193 रुपये प्रति यात्री है. यह फ्लाइट दोपहर 12.45 बजे दिल्‍ली से टेक ऑफ करेगी और 1.20 घंटे की यात्रा के बाद 2 बजे अयोध्‍या उतरेगी. इसके अलावा, इंडिगो ने अहमदाबाद और मुंबई से भी फ्लाइट की सुविधा आरम्भ की है.

राम मंदिर का न्योता ठुकराने के बाद ज्ञान बांट रहे दिग्विजय सिंह के भाई ने ही लगा दी क्लास, बोले- 'भुगतना पड़ेगा अंजाम'

कांग्रेस पार्टी द्वारा 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह को भाजपा-RSS का कार्यक्रम बताकर निमंत्रण ठुकराने के बाद, कई नेता इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है। वही राम मंदिर का न्योता ठुकराए जाने पर बीजेपी जहां कांग्रेस की घेराबंदी में जुटी है तो अब पार्टी के अंदर भी आवाज उठने लगी है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने कहा है कि इसका नुकसान होगा और चुनाव में इसका परिणाम दिख जाएगा। उन्होंने पार्टी को यह भी याद दिलाया कि पूर्व पीएम राजीव गांधी ने ही ताला खुलवाया था।

मीडिया से चर्चा करते हुए कांग्रेस के पूर्व MLA ने कहा कि न्योते को ठुकराने से नुकसान हो चुका है तथा इसका परिणाम चुनाव में दिख जाएगा। उन्होंने कहा, 'जहां तक निमंत्रण का सवाल है इसको ठुकराने का क्या मतलब है। हम क्या संदेश दे रहे हैं। जब राजीव गांधी ने वहां ताला खुलवाया था। तो आप कौन हैं मना करने वाले। इस प्रकार के सलाहकार हमारा नेतृत्व रखेगा तो जैसे नतीजे आ रहे हैं वैसे आते रहेंगे। अब दोबारा विचार करें या ना करें, बयान बदले या ना बदलें, नुकसान हो चुका है और चुनाव में नजर आ जाएगा।'

वही इसको लेकर मोदी सरकार की मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि - कांग्रेस पार्टी का प्रभु श्री राम विरोधी चेहरा राष्ट्र के सम्मुख प्रस्तुत हो चुका है। इंडी एलायंस ने कॉन्ग्रेस के नेतृत्व में बार-बार हिन्दू धर्म का अनादर किया है। अब उनके नेताओं द्वारा प्राण-प्रतिष्ठा के पुण्य आमंत्रण को ठुकराना उनके सनातन विरोधी सोच को दर्शाता है।

उत्तर प्रदेश में 22 जनवरी को रहेगी छुट्टी, योगी सरकार ने जारी किया आदेश

डेस्क: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए सरकार तमाम तैयारियां कर रही है। योगी सरकार इस कार्यक्रम के लिए कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती है। इस साड़ी दुनिया की नजर राम की जन्मभूमि अयोध्या पर लगी होंगी। शहर में हजारों VVIP आएंगे, जो इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। करोड़ों राम भक्त टीवी चैनलों पर इस कार्यक्रम को देखेंगे। इस बाबत प्रदेश सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। प्रदेश की योगी सरकार ने 22 जनवरी को राज्य में सार्वजनिक अवकाश का ऐलान किया है।

22 जनवरी को प्रदेश में रहेगा ड्राई डे 

इसके साथ ही सरकार ने इस दिन पूरे प्रदेश में शराब के ठेकों को बंद करने का आदेश जारी किया है। आबकारी विभाग ने प्रदेश के सभी आबकारी आयुक्तों और जिलाधिकारियों को पत्र लिखते हुए कहा है कि 22 जनवरी को सभी शराब के ठेके बंद रखे जाएं। प्रदेश के आबकारी आयुक्त की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसे देखते हुए प्रदेश की सभी मदिरा की दुकानें बंद रहेंगी। इस पत्र में कहा गया है कि इस बंदी के लिए लाइसेंसधारी किसी प्रतिकार या दावे का हकदार नहीं होगा। आबकारी आयुक्त ने कहा है कि सभी जिला आबकारी अधिकारी इस आदेश का कड़ाई से पालन कराएं।

सुरक्षा के लिए पुलिस के विशेष प्रबंध 

इस कार्यक्रम की सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश के जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात होंगे। इसके लिए यूपी पुलिस ने अभी से ही तैयारी शरू कर दी है। उस तैयारी के बाबत यूपी पुलिस के स्पेशल डीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए यूपी पुलिस ने विशेष तैयारी की है। प्रशांत कुमार ने बताया कि अयोध्या आने-जाने वाली सभी सड़कों को सुरक्षित किया जा रहा है। यहां किसी भी तरह की दिक्कत ना हो, इसका भी ख्याल रखा जा रहा है। सड़कों पर नियमित अंतराल के बाद गस्त लगे जा रही है। कॉल 112 की गाड़ियां भी तैनात हैं। इसके साथ ही ऑपरेशन त्रिनेत्र की मदद से भी हर जगह नजर रखी जा रही है। 

अयोध्या के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही

प्रशांत कुमार ने बताया कि अयोध्या के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि डीजीपी और शासन के आदेश पर सिर्फ और सिर्फ अयोध्या जिले में ही 10 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही अयोध्या नगरी में कई आधुनिक संसाधन लगाए जा रहे हैं, जिससे पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को मदद मिले। उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में किसी तरह का व्यवधान नहीं आएगा।

पीएम मोदी ने अटल सेतु का किया उद्घाटन, समंदर पर बना है देश का सबसे लंबा पुल*

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समंदर पर बने देश के सबसे लंबे पुल अटल सेतु का उद्घाटन करनेवाले हैं। यह पुल मुंबई और नवी मुंबई को बीच सफर को आसान बनाएगा। लोगों को लंबे जाम से छुटकारा मिलेगा साथ ही इस पुल से घंटों का सफर अब मिनटों में पूरा किया जा सकेगा। यह पुल 21.8 किमी लंबा है। करीब 16 किमी का हिस्सा समंदर पर बना है जबकि साढ़े पांच किमी का हिस्सा जमीन पर बना है। अटल सेतु पर यात्रा करने वालों को सिर्फ 250 रुपए का टोल देना पड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2016 में इस पुल का शिलान्यास किया था और अब अपना वादा निभाते हुए प्रधानमंत्री मोदी देश के सबसे बड़े समुद्री पुल का उद्घाटन करने जा रहे हैं।

नासिक में किया रोड शो

इससे पहले पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के नासिक में शुक्रवार को एक रोड शो किया और रामकुंड तथा श्री कालाराम मंदिर में पूजा अर्चना भी की। मोदी ने यहां राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घघाटन किया। प्रधानमंत्री का रोड शो होटल मिर्ची चौक से शुरू हुआ। उनके साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस एवं अजित पवार तथा भारतीय जनता पार्टी के कई नेता मौजूद थे। 

हजारों लोग प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए रोड शो वाले मार्गों पर मौजूद थे। इस दौरान अनेक कलाकारों और आदिवासियों ने प्रस्तुतियां दी। विशेष समूहों जैसे ‘नासिक ढोल’ ने भी कार्यक्रम पेश किया। लगभग 35 मिनट लंबा रोड शो दो किलोमीटर से अधिक दूरी तय करने के बाद संत जनार्दन स्वामी महाराज चौक पर समाप्त हुआ। 

 कालाराम मंदिर में पूजा अर्चना 

रोड शो के बाद पीएम मोदी गोदावरी नदी के तट पर स्थित रामकुंड पहुंचे, जहां उन्हें नासिक पुरोहित संघ के अध्यक्ष सतीश शुक्ला ने पारंपरिक ‘पगड़ी’ भेंट की। प्रधानमंत्री ने वहां जल पूजन और आरती की। उन्होंने अखिल भारतीय स्वामी समर्थ गुरुकुल पीठ के प्रमुख अन्नासाहेब मोरे, नासिक स्थित कैलास मठ के स्वामी संविदानंद सरस्वती और भाजपा के आध्यात्मिक प्रकोष्ठ के तुषार भोसले से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने भगवान राम के प्रख्यात मंदिर कालाराम मंदिर में पूजा अर्चना की। यह मंदिर दो मार्च 1930 को बी आर आंबेडकर द्वारा मंदिर में दलितों के प्रवेश की मांग को लेकर शुरू किए गए विरोध प्रदर्शन के लिए भी जाना जाता है।

पीएम मोदी ने कालाराम मंदिर में लगाया पोछा, लोगों से भी की सभी मंदिरों में सफाई की अपील

डेस्क: पीएम मोदी आज महाराष्ट्र के दौरे पर हैं। पीएम आज मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक-एमटीएचएल (अटल सेतु) का उद्घाटन करेंगे। जानकारी के लिए बता दें कि ये देश का सबसे लंबा समुद्र में बना पुल माना जा रहा है। ये उद्घाटन समारोह शाम करीब 4.30 पर होना है। इससे पहले पीएम का एक वीडियो सामने आया है, जो हर तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है। पीएम मोदी इस वीडियो में नासिक की प्रसिद्ध कालाराम मंदिर में सफाई करते हुए दिख रहे हैं।

पीएम ने लिया स्वच्छता अभियान में हिस्सा

दरअसल, पीएम ने आज नासिक के कालाराम मंदिर में स्वच्छता अभियान में हिस्सा लिया। पीएम मोदी ने कालाराम मंदिर में खुद पोछा लगाया और साथ ही लोगों से भी अपील की है। पीएम मोदी ने इस मंदिर में पहुंच कर सबसे पहले प्रार्थना की। इसके बाद मंदिर के प्रांगण में स्वंय से साफ-सफाई करते हुए पूरे देश के मंदिरों में स्वच्छता अभियान चलाने के लिए लोगों से अपील की।

लोगों से की अपील 

पीएम ने कहा कि मैंने आह्वान किया था कि हम सभी,22 जनवरी तक हम सभी देश के तीर्थ स्थानों की, मंदिरों की साफ-सफाई करें। स्वच्छता का अभियान चलाएं। आज मुझे कालाराम मंदिर में दर्शन करने का, मंदिर परिसर में सफाई करने का सौभाग्य मिला है। मैं देशवासियों से आग्रह करता हूं कि राम मंदिर के निमित देश के सभी मंदिरों में, सभी तीर्थक्षेत्रों में स्वच्छता अभियान चलाएं, अपना श्रम दान करें।

2000 साल पुराना है मंदिर 

नासिक का कालाराम मंदिर भगवान राम की 2000 साल पुराना मंदिर है। कालाराम मंदिर का जीणोद्धार साल 1788 को हुआ था जबकि इस मंदिर का निर्माण राष्ट्रकुट काल के 7वीं से 11वीं शताब्दी के मध्य हुआ था। यह मंदिर गोदावरी नदी के किनारे उत्तर नासिक में स्थित है। इस मंदिर की खास बात यह कि यहां गर्भ गृह में भगवान राम की मूर्ति काले पत्थर की है। बता दें कि नासिक में यह मंदिर जहां स्थित है, उस जगह को "पंचवटी" कहा जाता है, यह मान्यता है कि भगवान राम 14 साल के वनवास के दौरान 10 साल पूरा होने के बाद ढाई साल करीब इसी गोदावरी तट पर ठहरे थे।

दिल्ली की तीनों राज्यसभा सीट पर AAP का कब्जा, निर्विरोध चुने गए संजय सिंह, स्वाति मालीवाल और एन डी गुप्ता

डेस्क: दिल्ली के खाते की तीन राज्यसभा सीटों पर चुनाव के परिणाम जारी हो गए हैं। जैसा माना जा रहा था वैसा ही हुआ और केंद्रशासित प्रदेश की सभी राज्यसभा सीटों पर AAP की आसान जीत हुई है। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, स्वाति मालिवाल और एन डी गुप्ता राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुन लिए गए हैं।  

सभी ने वापस लिया था नामांकन

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली की तान राज्यसभा सीटों पर चुनाव के लिए कई अन्य लोगों ने भी नामांकन भरा था। हालांकि, गुरुवार को नामांकन भरने वाले सभी अन्य लोगों ने अपना नाम वापस ले लिया था। इसके बाद संजय सिंह, स्वाति मालीवाल और एनडी गुप्ता को राज्यसभा के लिए निर्विरोध तरीके से चुन लिया गया। सूत्रों के मुताबिक, आज 2 बजे के करीब तीनों नेताओं को उनका सर्टिफिकेट मिल जाएगा।

स्वाति मालीवाल नई सदस्य

आम आदमी पार्टी ने संजय सिंह को राज्यसभा के लिए रि-नॉमिनेट किया है। वहीं, नारायण दास गुप्ता का भी नाम रि-नॉमिनेट किया गया है। सांसद सुशील कुमार गुप्ता की जगह AAP ने स्वाति मालीवाल को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया था। सुशील कुमार गुप्ता को फिलहाल पार्टी ने हरियाणा का अध्यक्ष बनाया हुआ है। जानकारी के मुताबिक पार्टी ने उन्हें राज्य में होने वाले चुनाव पर फोकस करने को कहा है।