हिट एंड रन कानून को लेकर ट्रक-डंपर ड्राइवर्स ने अनोखे अंदाज में किया विरोध प्रदर्शन, पहनाई चप्पल-जूते की माला

मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में एक बार फिर हिट एंड रन कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। जिले के भेरूंदा में स्थानीय ड्राइवर यूनियन ने ट्रक एवं डंपर चालकों को जूते और चप्पलों की माला पहनाई। वही सोशल मीडिया पर इस मामले के वीडियो जमकर वायरल हो रहे हैं। खबर मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची मगर सभी लोग मौके से फरार हो गए। बताया गया कि स्थानीय ड्राइवर यूनियन ने भेरूंदा के अतरालिया-मंडी चौराहा के पास ट्रक एवं डंपर चालकों को जूते और चप्पल की मालाएं जबरदस्ती पहनाईं। सोशल मीडिया पर वीडियो खूब वायरल हो रहे हैं। एक वायरल वीडियो में ट्रक और डंपर चालक को जूते चप्पल की माला पहनाई जा रही है।

वही खबर मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची मगर सभी लोग मौके से फरार हो गए। हालांकि, मामले को लेकर किसी ने कोई मुकदमा दर्ज नहीं करवाया है। मगर सोशल मीडिया पर जूते-चप्पल की माला ट्रक एवं डंपर चालकों को पहनने के वीडियो जमकर वायरल हो रहे हैं। मामले को लेकर भेरूंदा थाना प्रभारी जगदीश सिंह सिद्धू ने बताया कि सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहे हैं। हालांकि, इसमें कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है। खबर मिलने के बाद पुलिस भी पहुंची थी मगर मालाएं पहनाने वाले लोग मौके से फरार हो गए। फिलहाल मामले की तहकीकात की जा रही है।

मोटर चालकों से जुड़े ‘हिट-एंड-रन’ दुर्घटना मामलों के सिलसिले में नए दंड कानून के प्रावधान के विरुद्ध पिछले दिनों देशभर में प्रदर्शन हुआ। दरअसल, भारतीय दंड संहिता (IPS) की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता (BNS) में प्रावधान है कि लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क हादसे की वजह बनने वाले तथा पुलिस या प्रशासन के किसी भी अफसर को सूचित किए बिना भागने वाले वाहन चालकों को 10 वर्षों तक की सजा या 7 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। प्रर्दशनकारी वाहन चालकों ने बताया कि नए कानून के अनुसार ‘हिट-एंड-रन’ मामलों में 10 साल की जेल की सजा तथा 7 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है, जो बहुत सख्त है।

इतिहास में पहली बार UNESCO की इस समिति का अध्यक्ष बनेगा भारत, हमारी ऐतिहासिक धरोहरें देखेगी दुनिया

भारत को पहली बार UNESCO की विश्व धरोहर समिति की अध्यक्षता और मेजबानी करने का अवसर प्राप्त हुआ है। इसका आयोजन 21 से 31 जुलाई को नई दिल्ली में होने वाला है। UNSECO में भारत के स्थाई प्रतिनिधि विशाल वी शर्मा ने इस बारे में जानकारी दी है। उल्लेखनीय है कि, यह बैठक साल में एक बार ही आयोजित होती है। यह समिति विश्व धरोहर को संरक्षण और मान्यता प्रदान करने के लिए काम करती है। इसकी अध्यक्षता करना भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण मौका है।

UNESCO में कुल 193 सदस्य देश हैं, वहीं 11 सहयोगी सदस्य हैं। UNESCO का गठन 16 नवंबर 1945 को हुआ था, जिसका हेडक्वार्टर फ्रांस के पेरिस में है। इसके अलावा पूरे विश्व में इसके 53 क्षेत्रीय कार्यालय हैं। दुनियाभर में UNESCO के संरक्षण में 40 अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाए जाते हैं। दुनिया की कई पुरानी धरोहरों और विरासतों के संरक्षण का कार्य भी UNESCO के द्वारा किया जाता है। यही नहीं पूरे विश्व के 332 अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संगठनों के साथ UNESCO के संबंध हैं।

UNESCO का पहला सम्मेलन 10 नवंबर 1946 को आयोजित किया गया था, जिसमे लगभग 30 देशों ने हिस्सा लिया था। भारत आजादी के बाद से ही इसका मेंबर हैं, लेकिन आज तक देश को UNESCO की विश्व धरोहर समिति की अध्यक्षता और मेजबानी करने का मौका नहीं मिला था। अब पहली बार भारत ये भूमिका निभाने जा रहा है, जो देश में मौजूद सांस्कृतिक विरासतों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है। भारत के बाद 1951 में जापान और 1953 में पश्चिम जर्मनी और स्पेन, 1954 में सोवियत संघ भी UNESCO में शामिल हुए थे।

पाकिस्तान की जेल में बंद है हाफिज सईद, काट रहा है 78 साल की सजा, यूएन ने दी जानकारी

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मुंबई आतंकवादी हमले का सरगना और प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा का प्रमुख हाफिज सईद पाकिस्तान सरकार की हिरासत में है। वो आतंकवाद के सात मामलों में दोषी करार दिए जाने के बाद 78 वर्ष के कारावास की सजा काट रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने अपनी नई सूचना में इस बात की जानकारी दी है।बीते साल दिसंबर में भारत ने पाकिस्तान से मांग की थी कि वह यूएन में नामित आतंकी सईद को उसे सौंप दे। भारतीय अफसरों ने इसके लिए सईद के मुंबई हमलों समेत आतंकवाद से जुड़े कई मामलों में उसके भारत में वांछित होने का हवाला दिया था। हालांकि सईद को देने से पाकिस्तान ने साफ इनकार कर दिया है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति (सैंक्शन कमेटी) की संशोधित सूचना में कहा गया है कि सुरक्षा परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति द्वारा दिसंबर 2008 में वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया सईद 12 फरवरी 2020 से पाकिस्तान सरकार की हिरासत में है। वह आतंकवाद से जुड़े सात मामलों में दोषी करार दिए जाने के बाद 78 वर्ष के कारावास की सजा काट रहा है। 

आतंकी हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी की मौत की पुष्टि

सुरक्षा परिषद समिति ने पिछले महीने अपनी आईएसआईएल (दाएश) और अल-कायदा प्रतिबंध सूची में आतंकवादियों और समूहों की संपत्ति फ्रीज करने, यात्रा प्रतिबंध और हथियार प्रतिबंध के अधीन कुछ प्रविष्टियों में संशोधन किया गया। दिसंबर में किए गए इन बदलावों के तहत कमेटी ने कहा है कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक सदस्य और सईद के खास हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी की मौत की पुष्टि हो चुकी है। भुट्टवी ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के लिए लश्कर हमलावरों को प्रशिक्षित किया था। उसने कम से कम दो मौकों पर आतंकवादी संगठन के प्रमुख के रूप में काम किया था। यूएन में नामित आतंकी भुट्टवी की पाकिस्तान के पंजाब की जेल में बीते साल मई में मौत हो गई थी। आतंक के वित्तपोषण के लिए भुट्टी को सजा हुई थी, जिसके बाद वह जेल में बंद था।

दृष्टि' से बचना नामुमकिन है, नौसेना प्रमुख ने लॉन्च किया स्वदेशी ड्रोन, जानें क्या है खासियत

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भारत की 'दृष्टि' से बचना अब नामुमकिन है। देश पर “कुदृष्टि” रखने वालों की अब खैर नहीं है। देश के दुश्मनों पर हर मौसम में होगी निगेहबानी। भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ना आ गया है पहला स्वेदशी ड्रोन। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार आज नौसेना के लिए पहले स्वदेश निर्मित दृष्टि 10 ‘स्टारलाइनर’ मानव रहित ड्रोन को नेवी में शामिल किया। बुधवार को हैदराबाद में फ्लैगऑफ कार्यक्रम में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने ड्रोन का अनावरण किया।

अडाणी ग्रुप की कंपनी ने भारतीय नौसेना के लिए ड्रोन स्वदेशी ड्रोन बनाया है। इस स्वदेशी ड्रोन का नाम दृष्टि-10 रखा गया है। ये स्टारलाइनर ड्रोन है। इस स्वदेशी ड्रोन के शामिल होने के बाद भारतीय नौसेना का ताकत और ज्यादा बढ़ गई है। स्वदेशी तकनीक पर आधारित ये ड्रोन काफी एडवांस है। यह एक स्वदेशी अनमैन्ड एरियल व्हीकल (UAV) है जिसे अडाणी डिफेंस और एयरोस्पेस ने कंपनी के हैदराबाद स्थित एयरोस्पेस पार्क में बनाया है। कंपनी का कहना है कि यह ड्रोन हैदराबाद से गुजरात के पोरबंदर के लिए उड़ान भरेगा. वहां इसकी तैनाती नौसेना के ऑपरेशंस के लिए की जाएगी।

सभी मौसमों में उड़ान भरने में सक्षम

दृष्टि 10 स्टारलाइनर एक एडवांस्ड इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रीकॉन्सेंस (ISR) प्लेटफॉर्म है. यह 36 घंटे की एंडुरेंस क्षमता रखता है और 450 किलोग्राम वजन को ढो सकता है। हर मौसम और स्थिति में उड़ान भरना इसकी सबसे बड़ी खूबी है। नौसेना के बेड़े में इसके शामिल होने के बाद भारतीय नौसेना की ताकत पहले से और कहीं ज्यादा बढ़ जाएगी।

समुद्री निगरानी में मदद करेगा ड्रोन*

हैदराबाद में फ्लैगऑफ कार्यक्रम में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने भारतीय नौसेना की जरूरतों के साथ अपने रोडमैप को बताया। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए अडाणी ग्रुप की सराहना की। नौसेना प्रमुख ने कहा, 'यह ISR टेक्नॉलजी और समुद्री वर्चस्व में आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। अडाणी ग्रुप ने न केवल मैन्युफेक्चरिंग में बल्कि ड्रोन के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल में भी मदद की है। हमारे नौसैनिक अभियानों में दृष्टि-10 का एकीकरण हमारी क्षमताओं को बढ़ाएगा, समुद्री निगरानी में ये ड्रोन हमारी मदद करेगा।'

चीन से पहले भारत आना चाहते थे मालदीव के राष्ट्रपति, जानें क्यों टला दौरा

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ मालदीव के मंत्रियों की अपमानजनक टिप्पणियों पर राजनयिक विवाद पैदा हो गया है। इसके बाद बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटकों ने मालदीव की अपनी बुकिंग रद्द कर दी है। भारत के साथ टकराव के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन यात्रा पर हैं।इस बीच खबर आ रही है कि मोहम्मद मोइज्जू के राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद मालदीव सरकार ने पिछले साल उनके भारत दौरे का प्रस्ताव दिया। हालांकि, कई वजहों से चलते राष्ट्रपति मोइज्जू का भारत दौरा तय नहीं हो पाया।जिसके बाद उन्होंने अपनी पहली विदेश यात्रा बतौर राष्ट्रपति तुर्किये से शुरु की थी। वर्तमान में मुइज्जू चीन की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पदभार संभालने के तुंरत बाद भारत का दौरा करना चाहते थे, लेकिन तारीखों पर सहमति के चलते ऐसा न हो सका। माना जा रहा है कि द्विपक्षीय रिश्तों का खराब होना भी उन वजहों में से एक रहा।हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और मालदीव के रिश्ते पिछले हफ्ते और भी ज्यादा खराब हो गए, जब मोइज्जू सरकार के कुछ मंत्रियों ने भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की। आपत्तिजनक बयानबाजी के बाद मालदीव सरकार ने तुरंत अपने तीन डिप्टी मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया।

भारत के साथ टकराव के बीच चीन पहुंच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने डिमांड करते हुए कहा कि चीन को उनके देश में और अधिक पर्यटकों को भेजना चाहिए। मुइज्जू की आधिकारिक वेबसाइट पर साझा किए गए एक बयान के अनुसार, ''कोविड से पहले चीन के पर्यटक सबसे अधिक संख्या में हमारे देश में आते थे, और मेरा अनुरोध है कि चीन इस स्थिति को फिर से हासिल करने के लिए प्रयास तेज करे।'' वहीं, मालदीव की मीडिया की रिपोर्ट में बताया गया कि दोनों देशों ने हिंद महासागर द्वीप में एक एकीकृत पर्यटन क्षेत्र विकसित करने के लिए पांच करोड़ अमेरिकी डॉलर की परियोजना पर हस्ताक्षर किए हैं।

चीन की अपनी पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा के दूसरे दिन मुइज्जू ने मंगलवार को फुजियान प्रांत में मालदीव बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए चीन को द्वीपीय राष्ट्र का निकटतम सहयोगी बताया। मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा, ''चीन हमारे सबसे करीबी सहयोगियों और विकास साझेदारों में से एक है।अपने संबोधन के दौरान उन्होंने 2014 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) परियोजनाओं की प्रशंसा की और कहा कि "उन्होंने (जिनपिंग) मालदीव के इतिहास में देखी गई सबसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाएं प्रदान की हैं।

सऊदी में स्मृति ईरानी ने रचा इतिहास, पहली बार मदीना शहर में पहुंचा कोई गैर मुस्लिम, भड़के मुस्लिम कट्टरपंथियों ने सऊदी प्रिंस की लगाई क्लास*

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सऊदी अरब के दौरे पर पहुंची भारत की केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने इतिहास रच दिया है। स्मृति इरानी ने मुस्लिमों के लिए सबसे पवित्र शहरों में शुमार मदीना का दौरा किया है।ऐसा पहली बार है जब मदीना शहर में कोई गैर मुस्लिम भारतीय प्रतिनिधिमंडल पहुंचा है।हालांकि, ईरानी की इस यात्रा को अनुमति देने पर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने सऊदी अरब की आलोचना की है। कट्टरपंथियों का कहना है कि सऊदी अरब को एक गैर मुस्लिम महिला को मदीना की यात्रा करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।

भारत की महिला और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा पर हैं।यहां पर उन्होंने हज यात्रियों को सेवा प्रदान करने वाले भारतीय स्वयंसेवकों से मुलाकात की और भारत के उमरा तीर्थयात्रियों के साथ बातचीत की। माना जा रहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब मदीना शहर में एक गैर मुस्लिम भारतीय प्रतिनिधिमंडल पहुंचा है। प्रतिनिधिमंडल में एक कश्मीरी हिंदू आईआरएस अधिकारी भी शामिल थे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने सोमवार को विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मदीना की यात्रा की। इस दौरान स्मृति ईरानी ने हिजाब नहीं पहना था।

स्मृति ईरानी ने खुद अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्वमें ट्विटर) पर मदीना की तस्वीरें साझा की हैं।स्मृति ईरानी ने अपनी मदीना यात्रा को लेकर एक्स पर लिखा कि आज मदीना की ऐतिहासिक यात्रा की, इस्लाम के सबसे पवित्र शहरों में से एक में पैगंबर की मस्जिद अल मस्जिद अल नबवी, उहुद के पहाड़ और क्यूबा मस्जिद - इस्लाम की पहली मस्जिद की परिधि की यात्रा शामिल है। उनकी इस पोस्ट को देख मुस्लिम कट्टरपंथी आग बबूला हो गए। जिसके बाद उन्होंने सऊदी प्रिंस को कोसना शुरू किया।

ईरानी के इस दौरे पर कट्टरपंथियों ने अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की है। भारतीय केंद्रीय मंत्री के दौरे के आलोचना करने वालों का कहना है कि सऊदी अरब को एक गैर मुस्लिम महिला को मदीना की यात्रा करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। इसके लिए सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद को भी जमकर कोस रहे हैं।

मुस्लिम धर्म को मानने वाले करोड़ों लोगों की आस्था के केंद्र के रूप में दो सबसे पवित्र शहरों में मदीना शहर एक है। मदीना शहर सऊदी अरब के हेजाज इलाके में शामिल है। मदीना वह शहर है जहां पर पैगंबर मोहम्‍मद प्रवास किए थे। यही से इस्‍लामिक कैलेंडर की शुरुआत मानी जाती है।

एकनाथ शिंदे की कुर्सी बचेगी या जाएगी? सीएम समेत 16 विधायकों पर लटकी तलवार, अयोग्यता मामले में फैसला आज

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महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मची हुई है। एक तरफ इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग पर तकरार है तो वहीं दूसरी तरफ शिंदे दल के 16 विधायकों पर अयोग्यता का खतरा मंडरा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर आज सीएम एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के 16 विधायकों के खिलाफ दल बदल कानून के तहत अयोग्यता पर अपना फैसला सुनाएंगे। बता दें, सर्वोच्च अदालत ने 10 जनवरी तक फैसला सुनाने का निर्देश दिया था।

महाराष्ट्र की राजनीति के लिए आज यानी बुधवार का दिन बेहद अहम है। महाराष्ट्र सरकार के 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला आना है। शिवसेना विधायकों की अयोग्यता के मामले में फैसला आने से पहले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि सरकार हमारी ही रहेगी।

उद्ध‌व गुट पहले ही सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

इस बीच इस मामले को लेकर शिवसेना का उद्ध‌व गुट पहले ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। उद्धव गुट ने फैसला सुनाने के लिए निर्धारित 10 जनवरी की समय सीमा से महज तीन दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष और सीएम शिंदे के बीच मुलाकात की निंदा की है और इसको सुप्रीम कोर्ट के ध्यान में लाने के लिए प्रतिज्ञा पत्र दाखिल किया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिसंबर 2023 को अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करने की समय सीमा 31 दिसंबर से बढ़ाकर 10 जनवरी कर दी थी।

कौन हैं वो 16 विधायक?

जिन 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला आना है, उनमें एकनाथ शिंदे, महेश शिंदे, अब्दुल सत्तार, गोगावाले, संजय शिरसातो, यामिनी जाधव, अनिल बाबरी, तानाजी सावंत, लता सोनवणे, प्रकाश सर्वे, बालाजी किनीकारो, संदीपन भुमरे, बालाजी कल्याणकारी, रमेश बोनारे, चिमनराव पाटिल, संजय रायमुनकरी शामिल हैं।

बता दें कि जून 2022 में एकनाथ शिंदे समेत कई विधायक बागी हो गए थे। इसके बाद शिवसेना दो फाड़ हो गई थी और उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महा विकास अघाड़ी की सरकार गिर गई थी, जिसमें कांग्रेस और एनसीपी शामिल थे। विद्रोह के बाद जून 2022 में शिंदे बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे।

इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी किया मालदीव का बायकॉट, टूर ऑपरेटरों को दी प्रमोट ना करने की नसीहत, एयरलाइंस को ऑपरेशन संस्पेंड करने की सलाह

#indian_chamber_of_commerce_appeals_to_boycott_maldives 

भारत-मालदीव के बीच राजनयिक विवाद जारी है। मालदीप के तीन उप मंत्रियों की पीएम मोदी के खिलाफ दिए गए अपमानजनक बयान के बाद दोनों देशों के रिश्ते तल्ख हो गए हैं। भारत के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद देश भर के लोगों का गुस्सा साफ दिख रहा है। लोगों ने मालदीव का बायकॉट शुरू कर दिया है।पीएम मोदी विरोधी पोस्ट को लेकर विवाद के बीच इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने टूरिज्म ट्रेड एसोसिएशनों ने फौरन मालद्वीप के टूर को प्रमोट करने पर रोक लगाने की अपील की है। चैंबर ने मालद्वीप ऑपरेट करने वाली सभी एयरलाइंस से अपने ऑपरेशन को संस्पेंड कर उड़ान स्कीम के लक्षद्वीप के लिए उड़ानें शुरू करने का आह्वान किया है।

इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के एविएशन और टूरिज्म कमिटी के चेयरमैन सुभाष गोयल ने इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (IATO), ट्रैवल एसेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (TAAI), ट्रैवल एसेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (TAFI), एडवेंचर टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ATOAI), एसोसिएशन ऑफ डोमेस्टिक टूर ऑपरेटर्स (ADTOI) और माइस एजेंट्स (Mice Agents) को मालद्वीप के मंत्रियों के भारत विरोधी बयान को ध्यान रखते हुए मालद्वीप के टूर को प्रोमोट ना करने की अपील की है। 

सुभाष गोयल ने सभी ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन से लोगों को टूर के इनक्वाइरी को लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार द्वीप की ओर डायवर्ट करने करने की अपील की है। उन्होंने कहा ये द्वीप कई मायनों में मालद्वीप से बेहतर हैं। उन्होंने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में श्रीलंका, मारीशस, बाली और फुकेट को मालद्वीप की जगह प्रोमोट किया जाना चाहिए।उन्होंने एयरलाइंस कंपनियों से मालद्वीप के ऑपरेशन को सस्पेंड करने के साथ लक्षद्वीप में ऑपरेट करने नसीहत दी है।

इससे पहले EaseMyTrip के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) निशांत पिट्टी ने मालदीव के मंत्रियों द्वारा भारत और प्रधानमंत्री के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों के बाद सभी मालदीव उड़ान बुकिंग को निलंबित करने की घोषणा की है। भारत के समर्थन में खड़े होकर, निशांत पिट्टी ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा, राष्ट्र के साथ एकजुटता दिखाते हुए, ने मालदीव की सभी उड़ान बुकिंग कैंसिल कर दी हैं। ऑनलाइन ट्रेवल कंपनी EaseMyTrip ने द्वारा लक्षद्वीप यात्रा अभियान शुरू किया।

भारत में मिला तेल का नया भंडार मिला, पेट्रोलियम मंत्री ने बताया पहली बार कहां निकला क्रूड ऑयल

#crude_oil_in_india_hardeep_singh_puri_announces

भारत में कच्चे तेल के भंडार का पता चला है। ओएनजीसी ने कृष्णा गोदावरी बेसिन में कच्चे तेल के खोज की घोषणा की है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने जानकारी देते हुए बताया कि कृष्णा गोदावरी बेसिन में काकीनाडा के तट से 30 किलोमीटर दूर, पहली बार तेल निकाला गया। साल 2016-17 में शुरू हुई इस पर‍ियोजना से पहली बार 7 जनवरी को तेल न‍िकाला गया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वहां 26 कुओं में से 4 कुएं पहले से ही चालू हैं। उन्होंने कहा, “हमारे पास न केवल बहुत कम समय में गैस होगी। इसके अलावे मई और जून तक, हम प्रति दिन 45,000 बैरल का उत्पादन करने में सक्षम होने की उम्मीद करते हैं। यह उत्पादन हमारे देश के कुल कच्चे तेल के उत्पादन का 7 प्रतिशत और हमारे गैस उत्पादन का 7 प्रतिशत होगा।

ओएनजीसी ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि कंपनी ने 7 जनवरी 2024 को कृष्णा गोदावरी डीप-वाटर ब्लॉक 98/2 (बंगाल की खाड़ी में) से पहली बार एफपीएसओ के लिए तेल निकालता शुरू किया जो परियोजना के चरण-2 के पूरा होने के करीब है। तेल और गैस उत्पादन के लिए चरण-3 पहले से ही चल रहा है और जून 2024 में इसके समाप्त होने की संभावना है। 98/2 परियोजना से ओएनजीसी के कुल तेल और गैस उत्पादन में क्रमशः 11 प्रतिशत और 15 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।

आपको बता दें भारत दुन‍िया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। भारत अपनी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए वैश्‍व‍िक बाजार के व‍िभ‍िन्‍न स्रोत से आयातित कच्चे तेल पर निर्भर है।

फ्रांस को मिला सबसे युवा और पहला गे प्रधानमंत्री, 34 वर्षीय गैब्रियल अटल बने पीएम

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गेब्रियल अटल फ्रांस के सबसे युवा प्रधानमंत्री बन गए हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने मंगलवार को गेब्रियल अटल को देश का नया प्रधान मंत्री नामित किया। 34 वर्ष की आयु के गेब्रियल अटल फ्रांस के सबसे युवा और पहले समलैंगिक प्रधानमंत्री हैं। गेब्रियल अटल खुले तौर पर खुद को गे बता चुके हैं। इससे पहले अटल ने शिक्षा मंत्री के रूप में सेवाएं दी हैं। प्रधानमंत्री के रूप में गैब्रियल की ये नियुक्ति तब हुई है जब इस साल के आखिर में होने वाले यूरोपीय संघ के चुनाव से पहले मैक्रों अपनी टीम में बड़े बदलाव की तैयारी कर रहे हैं।

गैब्रियल अटल ने अपने से लगभग दोगुनी उम्र की प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न की जगह ली है। उनके इस्तीफे के बाद से ही अटल की तासपोशी लगभग तय मानी जा रही थी। एलिजाबेथ बोर्न के इस्तीफे की वजह नए इमिग्रेशन कानून को लेकर बढ़ रहे राजनीतिक तनाव को माना जा रहा है। राष्ट्रपति मैक्रों ने इस कानून का समर्थन किया था। बताया जा रहा है कि सोमवार को राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया था और मंगलवार को नए पीएम के नाम का एलान कर दिया। 62 वर्षीय एलिजाबेथ बोर्न को मई 2022 में देश का पीएम नियुक्त किया गया था। वो लगभग दो साल तक इस पद पर थीं। इस पद पर पहुंचने वाली वो फ्रांस की दूसरी महिला प्रधानमंत्री थीं।

फ्रांस में यह फेरबदल ऐसे समय में हुआ है, जब राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों साल के अंत में होने वाले यूरोपीय चुनावों से पहले अपनी शीर्ष टीम में फेरबदल करने की तैयारी कर रहे हैं। जनमत सर्वेक्षणों से पता चलता है कि मैक्रों का खेमा धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन की पार्टी से लगभग आठ से दस प्रतिशत अंकों से पीछे चल रहे हैं।

गेब्रियल अटल की गिनती मैक्रों के करीबी सहयोगियों में होती है। गेब्रियल अटल ने कोविड महामारी के दौरान सरकार के प्रवक्ता के रूप में उभरे थे जिसके बाद उन्हें शिक्षा मंत्री बनाया दिया गया था। हाल के जनमत सर्वेक्षणों में देश के सबसे लोकप्रिय राजनेताओं में से एक, अटल ने रेडियो शो और संसद में सहजता से काम करने वाले एक समझदार मंत्री के रूप में अपनी पहचान बनाई है।ऐसे में अटल को प्रधानमंत्री बनाए जाने को लेकर कहा जा रहा है कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति यूरोपीय संसद चुनावों से पहले अपने दूसरे जनादेश में नई जान फूंकना चाहते हैं। मैक्रों अब अटल के साथ मिलकर सरकार में नई जान डाल सकते हैं।