एकनाथ शिंदे की कुर्सी बचेगी या जाएगी? सीएम समेत 16 विधायकों पर लटकी तलवार, अयोग्यता मामले में फैसला आज

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महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मची हुई है। एक तरफ इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग पर तकरार है तो वहीं दूसरी तरफ शिंदे दल के 16 विधायकों पर अयोग्यता का खतरा मंडरा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर आज सीएम एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के 16 विधायकों के खिलाफ दल बदल कानून के तहत अयोग्यता पर अपना फैसला सुनाएंगे। बता दें, सर्वोच्च अदालत ने 10 जनवरी तक फैसला सुनाने का निर्देश दिया था।

महाराष्ट्र की राजनीति के लिए आज यानी बुधवार का दिन बेहद अहम है। महाराष्ट्र सरकार के 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला आना है। शिवसेना विधायकों की अयोग्यता के मामले में फैसला आने से पहले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि सरकार हमारी ही रहेगी।

उद्ध‌व गुट पहले ही सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

इस बीच इस मामले को लेकर शिवसेना का उद्ध‌व गुट पहले ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। उद्धव गुट ने फैसला सुनाने के लिए निर्धारित 10 जनवरी की समय सीमा से महज तीन दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष और सीएम शिंदे के बीच मुलाकात की निंदा की है और इसको सुप्रीम कोर्ट के ध्यान में लाने के लिए प्रतिज्ञा पत्र दाखिल किया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिसंबर 2023 को अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करने की समय सीमा 31 दिसंबर से बढ़ाकर 10 जनवरी कर दी थी।

कौन हैं वो 16 विधायक?

जिन 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला आना है, उनमें एकनाथ शिंदे, महेश शिंदे, अब्दुल सत्तार, गोगावाले, संजय शिरसातो, यामिनी जाधव, अनिल बाबरी, तानाजी सावंत, लता सोनवणे, प्रकाश सर्वे, बालाजी किनीकारो, संदीपन भुमरे, बालाजी कल्याणकारी, रमेश बोनारे, चिमनराव पाटिल, संजय रायमुनकरी शामिल हैं।

बता दें कि जून 2022 में एकनाथ शिंदे समेत कई विधायक बागी हो गए थे। इसके बाद शिवसेना दो फाड़ हो गई थी और उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महा विकास अघाड़ी की सरकार गिर गई थी, जिसमें कांग्रेस और एनसीपी शामिल थे। विद्रोह के बाद जून 2022 में शिंदे बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे।

इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी किया मालदीव का बायकॉट, टूर ऑपरेटरों को दी प्रमोट ना करने की नसीहत, एयरलाइंस को ऑपरेशन संस्पेंड करने की सलाह

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भारत-मालदीव के बीच राजनयिक विवाद जारी है। मालदीप के तीन उप मंत्रियों की पीएम मोदी के खिलाफ दिए गए अपमानजनक बयान के बाद दोनों देशों के रिश्ते तल्ख हो गए हैं। भारत के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद देश भर के लोगों का गुस्सा साफ दिख रहा है। लोगों ने मालदीव का बायकॉट शुरू कर दिया है।पीएम मोदी विरोधी पोस्ट को लेकर विवाद के बीच इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने टूरिज्म ट्रेड एसोसिएशनों ने फौरन मालद्वीप के टूर को प्रमोट करने पर रोक लगाने की अपील की है। चैंबर ने मालद्वीप ऑपरेट करने वाली सभी एयरलाइंस से अपने ऑपरेशन को संस्पेंड कर उड़ान स्कीम के लक्षद्वीप के लिए उड़ानें शुरू करने का आह्वान किया है।

इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के एविएशन और टूरिज्म कमिटी के चेयरमैन सुभाष गोयल ने इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (IATO), ट्रैवल एसेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (TAAI), ट्रैवल एसेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (TAFI), एडवेंचर टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ATOAI), एसोसिएशन ऑफ डोमेस्टिक टूर ऑपरेटर्स (ADTOI) और माइस एजेंट्स (Mice Agents) को मालद्वीप के मंत्रियों के भारत विरोधी बयान को ध्यान रखते हुए मालद्वीप के टूर को प्रोमोट ना करने की अपील की है। 

सुभाष गोयल ने सभी ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन से लोगों को टूर के इनक्वाइरी को लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार द्वीप की ओर डायवर्ट करने करने की अपील की है। उन्होंने कहा ये द्वीप कई मायनों में मालद्वीप से बेहतर हैं। उन्होंने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में श्रीलंका, मारीशस, बाली और फुकेट को मालद्वीप की जगह प्रोमोट किया जाना चाहिए।उन्होंने एयरलाइंस कंपनियों से मालद्वीप के ऑपरेशन को सस्पेंड करने के साथ लक्षद्वीप में ऑपरेट करने नसीहत दी है।

इससे पहले EaseMyTrip के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) निशांत पिट्टी ने मालदीव के मंत्रियों द्वारा भारत और प्रधानमंत्री के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों के बाद सभी मालदीव उड़ान बुकिंग को निलंबित करने की घोषणा की है। भारत के समर्थन में खड़े होकर, निशांत पिट्टी ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा, राष्ट्र के साथ एकजुटता दिखाते हुए, ने मालदीव की सभी उड़ान बुकिंग कैंसिल कर दी हैं। ऑनलाइन ट्रेवल कंपनी EaseMyTrip ने द्वारा लक्षद्वीप यात्रा अभियान शुरू किया।

भारत में मिला तेल का नया भंडार मिला, पेट्रोलियम मंत्री ने बताया पहली बार कहां निकला क्रूड ऑयल

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भारत में कच्चे तेल के भंडार का पता चला है। ओएनजीसी ने कृष्णा गोदावरी बेसिन में कच्चे तेल के खोज की घोषणा की है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने जानकारी देते हुए बताया कि कृष्णा गोदावरी बेसिन में काकीनाडा के तट से 30 किलोमीटर दूर, पहली बार तेल निकाला गया। साल 2016-17 में शुरू हुई इस पर‍ियोजना से पहली बार 7 जनवरी को तेल न‍िकाला गया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वहां 26 कुओं में से 4 कुएं पहले से ही चालू हैं। उन्होंने कहा, “हमारे पास न केवल बहुत कम समय में गैस होगी। इसके अलावे मई और जून तक, हम प्रति दिन 45,000 बैरल का उत्पादन करने में सक्षम होने की उम्मीद करते हैं। यह उत्पादन हमारे देश के कुल कच्चे तेल के उत्पादन का 7 प्रतिशत और हमारे गैस उत्पादन का 7 प्रतिशत होगा।

ओएनजीसी ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि कंपनी ने 7 जनवरी 2024 को कृष्णा गोदावरी डीप-वाटर ब्लॉक 98/2 (बंगाल की खाड़ी में) से पहली बार एफपीएसओ के लिए तेल निकालता शुरू किया जो परियोजना के चरण-2 के पूरा होने के करीब है। तेल और गैस उत्पादन के लिए चरण-3 पहले से ही चल रहा है और जून 2024 में इसके समाप्त होने की संभावना है। 98/2 परियोजना से ओएनजीसी के कुल तेल और गैस उत्पादन में क्रमशः 11 प्रतिशत और 15 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।

आपको बता दें भारत दुन‍िया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। भारत अपनी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए वैश्‍व‍िक बाजार के व‍िभ‍िन्‍न स्रोत से आयातित कच्चे तेल पर निर्भर है।

फ्रांस को मिला सबसे युवा और पहला गे प्रधानमंत्री, 34 वर्षीय गैब्रियल अटल बने पीएम

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गेब्रियल अटल फ्रांस के सबसे युवा प्रधानमंत्री बन गए हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने मंगलवार को गेब्रियल अटल को देश का नया प्रधान मंत्री नामित किया। 34 वर्ष की आयु के गेब्रियल अटल फ्रांस के सबसे युवा और पहले समलैंगिक प्रधानमंत्री हैं। गेब्रियल अटल खुले तौर पर खुद को गे बता चुके हैं। इससे पहले अटल ने शिक्षा मंत्री के रूप में सेवाएं दी हैं। प्रधानमंत्री के रूप में गैब्रियल की ये नियुक्ति तब हुई है जब इस साल के आखिर में होने वाले यूरोपीय संघ के चुनाव से पहले मैक्रों अपनी टीम में बड़े बदलाव की तैयारी कर रहे हैं।

गैब्रियल अटल ने अपने से लगभग दोगुनी उम्र की प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न की जगह ली है। उनके इस्तीफे के बाद से ही अटल की तासपोशी लगभग तय मानी जा रही थी। एलिजाबेथ बोर्न के इस्तीफे की वजह नए इमिग्रेशन कानून को लेकर बढ़ रहे राजनीतिक तनाव को माना जा रहा है। राष्ट्रपति मैक्रों ने इस कानून का समर्थन किया था। बताया जा रहा है कि सोमवार को राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया था और मंगलवार को नए पीएम के नाम का एलान कर दिया। 62 वर्षीय एलिजाबेथ बोर्न को मई 2022 में देश का पीएम नियुक्त किया गया था। वो लगभग दो साल तक इस पद पर थीं। इस पद पर पहुंचने वाली वो फ्रांस की दूसरी महिला प्रधानमंत्री थीं।

फ्रांस में यह फेरबदल ऐसे समय में हुआ है, जब राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों साल के अंत में होने वाले यूरोपीय चुनावों से पहले अपनी शीर्ष टीम में फेरबदल करने की तैयारी कर रहे हैं। जनमत सर्वेक्षणों से पता चलता है कि मैक्रों का खेमा धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन की पार्टी से लगभग आठ से दस प्रतिशत अंकों से पीछे चल रहे हैं।

गेब्रियल अटल की गिनती मैक्रों के करीबी सहयोगियों में होती है। गेब्रियल अटल ने कोविड महामारी के दौरान सरकार के प्रवक्ता के रूप में उभरे थे जिसके बाद उन्हें शिक्षा मंत्री बनाया दिया गया था। हाल के जनमत सर्वेक्षणों में देश के सबसे लोकप्रिय राजनेताओं में से एक, अटल ने रेडियो शो और संसद में सहजता से काम करने वाले एक समझदार मंत्री के रूप में अपनी पहचान बनाई है।ऐसे में अटल को प्रधानमंत्री बनाए जाने को लेकर कहा जा रहा है कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति यूरोपीय संसद चुनावों से पहले अपने दूसरे जनादेश में नई जान फूंकना चाहते हैं। मैक्रों अब अटल के साथ मिलकर सरकार में नई जान डाल सकते हैं।

मालदीव मुद्दे पर बंटा “इंडिया”, खड़गे ने कहा-हर बात व्यक्तिगत तौर पर लेते हैं पीएम, पवार बोले-पीएम के खिलाफ अपमानजनक बातें स्वीकार नहीं

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पिछले तीन दिन से देश में मालदीव के साथ तनाव की बातें सुर्खियों में बनी हुई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के दौरान तस्वीरें जारी होने के बाद मालदीव के कुछ मंत्रियों ने प्रधानमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कर दी थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव के हालात हैं। इस बीच लोग प्रधानमंत्री मोदी और अपने देश के समर्थन में उतर आए हैं। खेल जगत से लेकर फिल्मों से जुड़ी हस्तियां पीएम मोदी के समर्थन में नजर आ रहे हैं। हालांकि, मालदीव-भारत के बीच डिप्लोमेटिक टेंशन के मुद्दे पर इंडिया गुट के नेता एकमत नहीं हैं। महाराष्ट्र की राजनीति के पितामह कहे जाने वाले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी के समर्थन में नारा बुलंद किया। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि पीएम मोदी हर बात को पर्सनल ले लेते हैं।

खरगे ने पीएम मोदी पर कसा तंज

मालदीव के साथ राजनयिक विवाद के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही पीएम मोदी सब कुछ व्यक्तिगत रूप से ले रहे हैं। पत्रकारों से बातचीत के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ मधुर रिश्ते होने चाहिए। हमें वक्त के मुताबिक काम करना होगा, क्योंकि हम अपने पड़ोसियों को नहीं बदल सकते हैं। पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वो हर चीज को निजी तौर पर ले लेते हैं।

शरद पवार ने क्या कहा?

वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे की राय से एनसीपी प्रमुख शरद पवार इत्तेफाक नहीं रखते। शरद पवार ने मालदीव विवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में बात की है। पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों का जिक्र करते हुए पवार ने मंगलवार को कहा कि किसी भी अन्य देश के किसी व्यक्ति द्वारा प्रधान मंत्री के खिलाफ ऐसी टिप्पणियां स्वीकार नहीं की जाएंगी। नरेंद्र मोदी हमारे देश के प्रधान मंत्री हैं और यदि किसी अन्य देश का कोई व्यक्ति, जो किसी भी पद पर है, हमारे प्रधान मंत्री पर ऐसी टिप्पणी करता है, तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। हमें प्रधान मंत्री के पद का सम्मान करना चाहिए। देश के बाहर से हम प्रधान मंत्री के खिलाफ कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे

दरअसल, मालदीव के युवा मंत्रालय में उप मंत्री मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महज़ूम माजिद ने पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर टिप्पणी की थी. इसके बाद मालदीव सरकार ने तीनों के बयानों से खुद को अलग करते हुए इन्हें मंत्री पद से निलंबित कर दिया है।

भारत-पाकिस्तान को लेकर पूर्व उच्चायुक्त ने किए कई बड़े खुलासे, उरी से लेकर बालाकोट हमले और अभिनंदन की रिहाई तक का जिक्र

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अजय बिसारिया पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त रह चुके हैं। उनकी नई किताब आने वाली है, जिसमें उन्होंने कई दावे किए हैं।भारत के पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने अपनी नई किताब 'एंगर मैनेजमेंट: द ट्रब्ल्ड डिप्लोमेटिक रिलेशनशिप बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान' में कई खुलासे किए हैं। करीब 35 साल तक विदेश सेवा में रहने वाले बिसारिया ने अपनी किताब में स्वतंत्रता के बाद से भारत और पाकिस्तान के संबंधों के अनेक पहलुओं पर रोशनी डाली है। अजय बिसारिया ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को जवाब देने को लेकर अपनी राय व्यक्त की है। बिसारिया ने कहा कि अगर आप आज पीछे मुड़कर देखें, तो निश्चित रूप से 2008 में, भारत को यह जवाब देना चाहिए था जो उसने आखिरकार 2016 और 2019 में सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के साथ दिया। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि आतंकवाद और 1980 के दशक में पंजाब में भारत को जो पीड़ा सहनी पड़ी, उसे कम किया जा सकता था यदि भारत ने 90 के दशक की शुरुआत में कठोर शक्ति कार्रवाई की होती।

बिसारिया ने अपनी किताब ‘एंगर मैनेजमेंट: द ट्रबल्ड डिप्लोमेटिक रिलेशनशिप बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान’ में बालाकोट में भारत के हवाई हमले के दौरान का जिक्र किया है। उन्होंने कहा है कि कई देशों ने अपने विशेष राजदूत भेजने की पेशकश की थी, लेकिन इसकी कोई जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा, यहां तक कि चीन भी पीछे नहीं था। उसने सुझाव दिया था कि वह तनाव घटाने के लिए दोनों देशों में अपने उप मंत्री को भेज सकता है। भारत ने इस पेशकश को विनम्रतापूर्वक ठुकरा दिया था। उन्होंने लिखा है कि बालाकोट पर भारत के हवाई हमलों के एक दिन बाद अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस के राजदूतों को पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश सचिव तहमीना जांजुआ ने पाकिस्तान की सेना से मिले एक संदेश के बारे में सूचित किया था। बिसारिया ने यह भी लिखा है कि पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करना चाहते थे।

अभिनंदन को छुड़ाने के लिए भारत ने तान दी थीं मिसाइलें

बालाकोट हवाई हमले के समय इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त रहे बिसारिया ने अपनी किताब में यह भी लिखा है कि पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकी हमला हुआ था। इसका बदला लेने के लिए वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के अंदर 100 किलोमीटर तक घुसकर बालाकोट और पीओके के आतंकी ठिकानों पर कहर बरपा दिया था। भारतीय कार्रवाई से गुस्साया पाकिस्तान जवाब देने के लिए अगले ही दिन भारत में घुस गया और 27 फरवरी को आसमान में हुई जंग की चपेट में विंग कमांडर अभिनंदन का मिग-21 बायसन भी आ गया। दुश्मनों के खदेड़ते हुए मिग-21 बायसन में आग लग सकती थी। ऐसे में विंग कमांडर अभिनंदन ने पैराशूट से छलांग लगा दी, लेकिन वे जिस जमीन पर पहुंचे वे इलाका पीओके का था। पाकिस्तानी सेना ने अभिनंदन को पकड़ लिया था। भारत अपने विंग कमांडर अभिनंदन वर्द्धमान को वापस लाने के लिए वायु सेना का एक प्लेन पाकिस्तान भेजना चाह रहा था, लेकिन पड़ोसी देश ने अनुमति नहीं दी। भारत ने अपने वायुसेना के लड़ाकू पायलट अभिनंदन वर्धमान को छुड़ाने के लिए पाकिस्तान की ओर नौ मिसाइलों को तान दिया था, जिससे पड़ोसी देश की सांसे फूल गई थीं। 

इमरान खान पीएम मोदी को कर रहे थे बार-बार फोन

पूर्व उच्चायुक्त ने बताया कि भारतीय सेना की यह तैयारी देख कर पाकिस्तानी सेना और सरकार हिल गई। वह लड़ाई को आगे नहीं बढ़ाना चाहता था। तनाव कम करने की कोशिश में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के प्रधानमंत्री पीएम मोदी को कई बार फोन किया। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को समझ आ गया था कि अब उनके पास कोई और विकल्प नहीं है। इसलिए उन्हें पायलट को छोड़ने का फैसला लेना पड़ा था।

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पीएम मोदी ने मंत्रियों को किया सचेत, बोले-आस्था दिखनी चाहिए, न कि आक्रामकता

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राम लला का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी को होना है। इसको लेकर अयोध्या में तैयारी जोर शोर से हो रही है। समारोह को लेकर राम भक्तों में खासा उत्साह है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कैबिनेट के मंत्रियों को सख्त निर्देश दिए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि प्रभु राम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर सतर्क रहे। पीएम मोदी ने कैबिनेट बैठक में मंत्रियों को सख्त निर्देश दिया कि उत्साह में मर्यादाओं का उलंघन न हो।

प्रधानमंत्री मोदी कैबिनेट की बैठक के दौरान बयानबाजी से बचने और मर्यादा का ख्याल रखने का निर्देश दिया है। पीएम ने कहा कि सभी अपने अपने संसदीय क्षेत्र में इस बात का ख्याल रखें कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी ना हो, माहौल खराब ना हो। पीएम ने बैठक में कहा कि प्रभु राम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर सचेत रहें। पीएम ने साफ शब्दों में कहा कि इसको लेकर आस्था दिखाएं, न कि आक्रामकता।

पीएम मोदी ने सभी मंत्रियों से अपील की है कि अपने-अपने इलाके के लोगों को 22 जनवरी के बाद रामलला के दर्शन करवाने लाएं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद दिलाएं।

पहले चार साल के बेटे का किया कत्ल, फिर बैग में शव लेकर किया गोवा से बेंगलुरु के लिए निकली

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नॉर्थ गोवा के कलंगुट इलाके से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। यहां, बेंगलुरु की एक स्टार्टअप कंपनी की सीईओ ने गोवा के एक होटल में अपने 4 साल के बेटे की हत्या कर दी। इसके बाद शव को बैग में भरकर टैक्सी से बेंगलुरु के लिए निकली। हालांकि, गोवा पुलिस को इसकी खबर लग गई। जिसके बाद कर्नाटक पुलिस ने आरोपी महिला को उसके बेटे के शव के साथ गिरफ्तार कर लिया। अपने ही बेटे के कत्ल का कारण जानकर होश उड़ जाएँगे। बताया जा रहा है कि आरोपी महिला नहीं चाहती थी कि उसका बेटा अपने पिता से मिल पाए। इसलिए उसने बेटे की हत्या कर दी।

महिला की पहचान 39 साल की सूचना सेठ के रूप में की गई है। सुचाना सेठ बेंगलुरू के एक एआई स्टार्टअप में सीईओ के तौर पर काम करती है। वह स्टार्टअप कंपनी माइंडफुल AI लैब की फाउंडर है। पुलिस के मुताबिक आरोपी महिला सूचना सेठ की शादी 2010 में हुई थी। 2019 में उसका बेटा पैदा हुआ था और 2020 में उसका अपने पति से विवाद शुरू हो गया। मामला कोर्ट में चला गया, जिसके बाद दोनों ने तलाक ले लिया. कोर्ट ने आदेश दिया था कि बच्चे के पिता अपने बच्चे से रविवार को मिल सकते हैं।

हत्या का कारण बन गया कोर्ट का आदेश। कोर्ट के आदेश के बाद आरोपी महिला प्रेशर आ गई। दरअसल सुचाना नहीं चाहती थी कि बेटा अपने पिता से मिले। इसलिए प्लान के तहत आरोपी महिला शनिवार को बेटे को साथ लेकर गोवा गई और होटल में हत्याकांड को अंजाम दे दिया।

सुचाना सेठ ने पहले अपने 4 साल के बेटे की गोवा में बेरहमी से हत्या की और फिर वह उसके शव को बैग में ठूसकर बेंगलुरू भाग रही थी, तभी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। महिला को कर्नाटक पुलिस ने अरेस्ट किया है। कर्नाटक पुलिस ने उसे चित्रदुर्ग से उस वक्त गिरफ्तार किया, जब वो बेटे के शव को बैग में पैक करके टैक्सी से बेंगलुरू जा रही थी।

पुलिस के मुताबिक, सुचाना सेठ ने किसी धारदार हथियार से अपने बेटे की हत्या की। 6 जनवरी को गोवा के सोल बनयान ग्रांडे होटल में अपने बेटे के साथ आई थी। सोमवार (8 जनवरी) को उसने होटल से चेक-आउट किया था। अपराध को अंजाम देने के बाद उसने होटल मैनेजमेंट से बेंगलुरु वापस जाने के लिए टैक्सी बुक करने के लिए कहा। महिला ने होटल स्टाफ से इस बात पर जोर दिया कि वो सड़क के रास्ते से ही बेंगलुरु जाएगी। 

गोवा पुलिस के मुताबिक, इस घटना की जानकारी होटल स्टाफ ने दी। दरअसल, जब होटल का एक स्टाफ रूम में सफाई करने पहुंचा तो उसने रूम में खून के धब्बे देखे। स्टाफ ने होटल मैनेजमेंट को इसकी सूचना दी। इसके बाद गोवा पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने जब सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो पता चला कि वो अकेले ही होटल से बाहर निकली थी।सूचाना अपने बेटे के साथ होटल में आती दिखती है। हालांकि, चेक आउट के वक्त वह अकेली थी। इसके बाद गोवा पुलिस हरकत में आई।

CM न रहो तो होर्डिंग से फोटो ऐसे गायब होती है, जैसे गधे...', फिर झलका एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का दर्द

 मध्य प्रदेश में जब से नई सरकार बनी है, तब से मुख्यमंत्री न रहते हुए भी शिवराज सिंह चौहान निरंतर ख़बरों में हैं। कभी अपनी योजना लाडली बहना को लेकर दी गई प्रतिक्रिया से तो कभी लाडली बहनों के उनके प्रति स्नेह से। इसी कड़ी में उनका एक और वीडियो सामने आया है। इसमें उन्होंने राजनीति में कुर्सी की अहमियत बताई है।

 एक कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, जब हम दूसरों के लिए काम करने के लिए लक्ष्य निर्धारित कर लें तो जिंदगी आनंद से भर जाती है। मुझे अभी भी 1 मिनट फुर्सत नहीं है। निरंतर काम में लगा हूं। यह अच्छा हुआ कि थोड़ा राजनीति से हटकर काम करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। राजनीति में भी बहुत अच्छे कार्यकर्ता, समर्पित कार्यकर्ता, सेवा करने वाले लोग, मोदी जी जैसे नेता हैं, जो देश के लिए जीते हैं। लेकिन, राजनीति में कई लोग ऐसे होते हैं जो रंग देखते हैं। सीएम हो तो चरण कमल के समान हैं। कर कमल हो जाते हैं। सीएम न रहो तो होर्डिंग से फोटो भी गायब हो जाती है। फोटो ऐसे गायब होती है जैसे गधे के सिंर से सींग'। शिवराज सिंह का ये वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

वही पिछले दिनों भी उनका एक वीडियो सामने आया था। शिवराज अपने गृह क्षेत्र बुधनी में थे। यहां उन्होंने कहा, कोई बड़ा लक्ष्य होगा। कई बार राजतिलक होते-होते वनवास भी हो जाता है। ऐसा किसी न किसी लक्ष्य की पूर्ति के लिए ही होता है मगर चिंता मत करना। मेरी जिंदगी बहनों, बेटियों तथा जनता जनार्दन के लिए है। इस धरती पर तुम्हारी जिंदगी से दुख दर्द करने आया हूं। आंखों में आंसू नहीं रहने दूंगा। दिन एवं रात काम करूंगा। तथा अब अपना पता है B-8, 74 बंगला। उसका मैंने रख दिया है- मामा का घर'।

भारत से पंगा लेने के बाद मालदीव के राष्ट्रपति की कुर्सी पर लटकी तलवार ! अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में विपक्ष

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। भारत से लड़ाई मोल लेना उसके लिए महंगा साबित हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के दौरान तस्वीरें जारी होने के बाद मालदीव के कुछ मंत्रियों ने प्रधानमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कर दी थी, जिसके बाद मालदीव सरकार पर वहां का विपक्ष आक्रामक अंदाज में हमला करता नजर आ रहा है।

मालदीव सरकार की ओर से लगातार स्पष्टीकरण के बावजूद सरकार के लिए चुनौतियां कम होती नहीं दिख रही हैं। चौतरफा घिरने के बाद अब राष्ट्रपति की कुर्सी पर भी खतरा मंडरा रहा है, उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी है। राष्ट्रपति मुइज्जू को पद से हटाने का पहला आह्वान देश के सांसद और डेमोक्रेट नेता अली अजीम की ओर से आया है। उन्होंने मुइज्जू को राष्ट्रपति पद से हटाने के लिए देश के अन्य नेताओं से मदद मांगी है। 

बता दें कि, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू इस समय चीन की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं और देश में उनके खिलाफ नाराजगी बढ़ती जा रही है। इस बीच भारत ने पीएम मोदी के खिलाफ की गई विवादित टिप्पणियों की कड़ी आलोचना की है और मालदीव के राजदूत को तलब कर नाराजगी जताई है। हालाँकि, मालदीव सरकार ने वहां के तीनों मंत्रियों को निलंबित कर दिया है, लेकिन अब भी आक्रोश थमा नहीं है। भारत में सोशल मीडिया पर लगातार मालदीव को बॉयकॉट करने की मांग तेज हो रही है।