चीनी पैसों से भारत विरोधी प्रोपेगेंडा चलाने का मामला !पढ़िए, NewsClick का बचाव करते हुए सुप्रीम कोर्ट में क्या बोले कपिल सिब्बल

सुप्रीम कोर्ट ने डिजिटल उपकरणों की खोज और जब्ती के लिए दिशानिर्देश की मांग करने वाली विवादित पोर्टल न्यूज़क्लिक की याचिका पर प्रतिक्रिया देने के लिए दिल्ली पुलिस, सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियों को नोटिस जारी किया है। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस बात से खुश नहीं है कि मीडिया समूह ने निचली अदालतों में गए बिना सीधे उससे संपर्क किया, लेकिन फिर वरिष्ठ वकील और पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के जोर देने पर कोर्ट याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया।

बता दें कि, विवादित न्यूज़ पोर्टल न्यूक्लिक को कानूनी जांच का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उस पर आरोप है कि वो चीन से पैसे लेकर भारत विरोधी प्रोपेगेंडा चला रहा था। आरोप है कि समाचार पोर्टल को बड़ी मात्रा में धन कथित तौर पर 'भारत की संप्रभुता को बाधित करने' और देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के लिए चीन से आया था। अक्टूबर 2023 में, न्यूज़क्लिक के संस्थापक और संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और इसके एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को दिल्ली पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया था। पुलिस ने न्यूज़क्लिक के कार्यालयों पर भी छापा मारा था और पोर्टल, उसके पत्रकारों और अन्य कर्मचारियों के डिजिटल उपकरणों को जब्त कर लिया था।

अब सुप्रीम कोर्ट न्यूज़क्लिक और प्रबीर पुरकायस्थ द्वारा संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिका में उन्होंने कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा जब्त किए गए डिजिटल उपकरणों और डेटा की खोज, जब्ती, जांच और संरक्षण के संबंध में दिशानिर्देश जारी करने की मांग की है। याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील और पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि, “कानून की किसी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, कोई दस्तावेज नहीं दिए गए। कुछ भी नहीं किया गया है।” याचिका में तर्क दिया गया कि दिल्ली पुलिस द्वारा डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जब्ती अवैध है, और इससे पोर्टल के संचालन पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। सिब्बल ने दावा किया कि तलाशी और जब्ती न केवल संविधान के तहत गारंटीकृत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि UAPA, आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 और दिल्ली उच्च न्यायालय के नियमों के तहत कानूनी सुरक्षा उपायों का भी उल्लंघन है।

न्यूज़क्लिक और प्रबीर पुरकायस्थ ने दावा किया कि चूंकि इस तरह की जब्ती के लिए कोई उचित प्रक्रिया निर्धारित नहीं है, यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बाधित कर रहा है और मौलिक अधिकारों को कमजोर कर रहा है। इसलिए, उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत याचिका दायर की, जो मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में जाने का अधिकार प्रदान करता है। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और संदीप मेहता की बेंच अनुच्छेद 32 के तहत याचिका को स्वीकार करने में अनिच्छुक थी। जस्टिस गवई ने कहा कि, “हम हर किसी को सीधे अनुच्छेद 32 के तहत आने की सराहना नहीं करते हैं।”

याचिकाकर्ताओं की तरफ से बहस करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि कोर्ट पहले से ही इस मुद्दे पर ऐसी ही याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। उन्होंने फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल्स और पांच शिक्षाविदों के एक समूह द्वारा दायर जनहित याचिकाओं की ओर इशारा किया, जिसमें जांच एजेंसियों द्वारा व्यक्तिगत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जब्ती के लिए दिशानिर्देश की मांग की गई थी। उन याचिकाओं की सुनवाई के दौरान, अतिरिक्त सॉलिसिटर एसवी राजू ने अदालत को आश्वासन दिया था कि केंद्र सरकार जल्द ही मजबूत खोज और जब्ती दिशानिर्देश लेकर आएगी, और तब तक, सभी केंद्रीय एजेंसियां ​​2020 केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के डिजिटल एविडेंस मैनुअल का पालन करेंगी। 

कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में न्यूज़क्लिक का बचाव करते हुए कहा कि, 'वे हमारा व्यवसाय बंद कर देंगे, सब कुछ जब्त कर लेंगे, लोगों को अंदर डाल देंगे। यह बहुत अनुचित है।'' दलीलें सुनने के बाद, पीठ याचिका पर जांच नोटिस जारी करने पर सहमत हुई। अदालत ने जांच एजेंसियों द्वारा डिजिटल उपकरणों की खोज और जब्ती पर व्यापक दिशानिर्देश बनाने की इसी मांग के साथ याचिका को अन्य मौजूदा याचिकाओं के साथ भी टैग किया।

अरब देश में नरक झेल रही हैदराबाद की फरीदा ! शेनाज बेगम ने दिया था झांसा, अब बचाने के लिए मोदी सरकार से गुहार

हैदराबाद के गोलकुंडा की 48 वर्षीय फरीदा बेगम नाम की महिला ने दावा किया है कि उसकी तस्करी कर मस्कट, ओमान ले जाया गया था। फरीदा ने कहा कि शेनाज़ बेगम नाम की एक महिला उसे खाड़ी देश की ओर खींच लाई थी, जिसने उसे घरेलू नौकरानी के रूप में नौकरी की पेशकश की थी। फरीदा की बहन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि फरीदा को अरब देश से बचाया जाए। कथित तौर पर फरीदा बेगम को आवास और भोजन के अलावा दुबई में 1,400 दिरहम (लगभग 31,700 रुपये) का वेतन देने का वादा किया गया था।

फरीदा बेगम अपने आर्थिक रूप से गरीब परिवार के लिए नौकरी की तलाश कर रही थी। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि जब वह भारत में थीं, तो उन्हें ओमान में नहीं बल्कि दुबई में घरेलू नौकरानी की नौकरी की पेशकश की गई थी। इसके अलावा, फरीदा को आश्वासन दिया गया कि अगर नौकरी असंतोषजनक लगती है, तो वह भारत लौट सकती है। इसके बाद, फरीदा ने नौकरी की पेशकश स्वीकार कर ली और 4 नवंबर 2023 को दुबई के लिए रवाना हो गई। वह 30 दिनों के लिए वैध विजिटर वीजा पर यूएई गई। दुबई पहुंचने पर उसे एक अरब के घर में नौकरानी के रूप में काम करने का काम दिया गया।

एक महीने तक काम करने के बाद फरीदा बीमार हो गईं और उन्होंने अपने घर भारत वापस जाने को कहा। हालाँकि, एजेंट ने उसका पासपोर्ट वापस करने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में, एजेंट ने फरीदा बेगम को भारत लौटने का वादा करते हुए तस्करी करके मस्कट, ओमान ले जाया। इस बीच, उनकी तबीयत खराब हो गई और उन्हें किडनी में संक्रमण का पता चला। फरीदा की बहन फहमीदा बेगम ने अपने पत्र में अनुरोध किया कि विदेश मंत्री उनकी बहन को बचाएं. मजलिस बचाओ तहरीक (MBT) के प्रवक्ता अमजद उल्लाह खान ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए हैदराबाद की महिला की जानकारी के साथ-साथ उसकी बहन के डॉ. एस जयशंकर से फरीदा को ओमान से बचाने का अनुरोध भी साझा किया है।

फरीदा ने एक इमोशनल वीडियो में केंद्र सरकार से उन्हें बचाने की गुहार भी लगाई है। वीडियो में उसे फुसफुसाते हुए सुना जा सकता है, वह दावा कर रही है कि उसे अपनी आवाज धीमी रखने के लिए कहा गया था। फरीदा ने कहा कि वह बहुत दर्द में थी और उसके बच्चे और पति उसके लिए चिंतित थे। अमजद उल्लाह खान की एक्स पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए ओमान में भारतीय दूतावास ने बताया कि अधिकारी प्रभावित महिला के संपर्क में हैं और उसकी स्वदेश वापसी के लिए उसे अपेक्षित सहायता प्रदान की जाएगी। भारतीय दूतावास ने लिखा कि, 'दूतावास के अधिकारियों ने फ़रीदा बेगम से बात की है। स्थानीय अधिकारियों के समन्वय से उसकी शीघ्र स्वदेश वापसी के लिए सभी सहायता प्रदान की जाएगी।'

मीडिया से बात करते हुए फहमीदा ने कहा कि, ''मेरी बहन फरीदा बेगम एक एजेंट के जरिए काम के लिए दुबई गई थी, लेकिन वहां 21 दिन काम करने के बाद वह बीमार पड़ गई। उस हालत में उसे फिर से काम के लिए मस्कट भेज दिया गया। उनकी तबीयत लगातार खराब होने के कारण वह फोन पर भी बात नहीं कर पा रही हैं। मैं अनुरोध करती हूं कि भारतीय दूतावास मेरी बहन को बचाए और उसे घर वापस लाए।'

जब महिला सांसद ने नाचकर दिया भाषण, देखकर दंग रह गए सभी, सोशल मीडिया पर जमकर हो रहा वायरल

इन दिनों न्यूज़ीलैंड की सबसे युवा सांसद हाना रहिती माइपे-क्लार्क ख़बरों में बनी हुई हैं। कारण ये है कि उन्होंने संसद में माओरी संस्कृति का डांस 'हाका' परफॉर्म करते हुए अपना मुद्दा उठाया। बता दें कि हाका एक युद्धगीत होता है जिसे पूरी ताकत एवं भाव-भंगिमाओं के साथ पेश किया जाता है। उन्होंने सभी तामारिकी माओरी को समर्पित एक शक्तिशाली भाषण देते हुए इस पारंपरिक 'वार क्राई' का प्रदर्शन किया। 

संसद में बड़े आंकड़े में लोगों ने इसे उनके पीछे दोहराया। जो लोग हाका को अच्छी प्रकार नहीं समझते वह उनकी चेहरे के एक्सप्रेशन से इतना तो आसानी से समझ सकते हैं कि वे अपने भाषण के माध्यम से गरज रही हैं। वीडियो में उनके चेहरे की भाव भंगिमा डरा देने वाली है। ये दुनियाभर की संसदों में अपने तरह का पहला भाषण है। यह वीडियो उनके बीते माह दिए गए भाषण का हिस्सा है जो कि अब वायरल रहा है। कई लोग इस वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं।  

वीडियो कुछ घंटे पहले शेयर किया गया था। तब से यह वायरल हो गया है। अब तक, इस वीडियो को अलग -अलग जगह लाखों बार देखा जा चुका है। इसपर लोग कई सारे कमेंट भी कर रहे हैं। बता दें कि ये 'हाका' डांस आने वाली जनजातियों का स्वागत करने का एक पारंपरिक तरीका रहा है, मगर यह युद्ध में जाते वक़्त योद्धाओं को उत्साहित करने का भी काम करता है। यह न सिर्फ शारीरिक बल का प्रदर्शन है, बल्कि सांस्कृतिक गौरव, शक्ति और एकता का प्रतीक भी है।

हाड़ कंपा देने वाली ठंड के लिए हो जाएं तैयार, कोहरे और शीतलहर के बीच बारिश का अलर्ट, जानें कब मिलेगी राहत

#north_india_dence_fog_and_cold_will_continue_till_ninth_january 

ठंड का असर पूरे उत्तर भारत में देखने को मिल रहा है। जहां सर्द हवाओं की वजह से तापमान में गिरावट आई है।पूरे उत्तर भारत में शीतलहर और कोहरे का कहर जारी है। कोहरे के कारण आम जन से लेकर यातायात प्रभावित हो रहा है। वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लग गए हैं, उड़ानों पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग की माने तो अभी राहत के आसार नहीं है। मौसम विभाग के मुताबिक आगामी 9 जनवरी तक ठंड और कोहरे से राहत मिलने वाली नहीं है।

मौसम विभाग के मुताबिक, आने वाले दिनों में ये ठंड और बढ़ेगी। साथ ही हिमाचल और उत्तराखंड में अगले दो तीन दिनों में बर्फबारी का भी अनुमान लगाया है। वहीं, आने वाली 8 और 9 जनवरी को दिल्ली में बारिश की संभावना जताई गई है। जिससे ठिठुरन और बढ़ने की आशंका है। उत्तराखंड के तापमान में भी भारी गिरावट है। बारिश और बर्फबारी के बीच मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक उत्तराखंड में घने कोहरे की बात कही है।

मौसम विभाग में राजधानी दिल्ली और एनसीआर के लिए ठंड का येलो अलर्ट पहले ही जारी किया है जो रविवार तक चलने वाला है। शनिवार को दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में मध्यम से घना कोहरा देखने को मिला है। वहीं, शुक्रवार को ज्यादातर हिस्सों में कोल्ड डे की स्थिति बनी रही। दिल्ली के लोग पिछले तीन दिनों से कड़ाके की ठंड का सामना कर रहे हैं। धूप नहीं निकलने के चलते शनिवार की सुबह दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में ठिठुरन बनी रही। ठंडी हवाओं और गलन के चलते दोपहिया वाहन चालकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।

मौसम विभाग के अधिकारी के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के ऊपर निचली सतह पर ही घने बादल छाए हुए हैं। इसकी वजह से सूरज की रोशनी और गर्मी धरती पर नहीं पहुंच पा रही है। यही वजह है कि अधिकतम तापमान महज 12 से 17 डिग्री के आसपास बना हुआ है। दिल्ली के अलावा पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और नॉर्थ मध्य प्रदेश में भी यही स्थिति बनी हुई है। इसके अलावा इस समय साउथ वेस्ट की तरफ से नमी भरी कुछ गर्म हवाएं आ रही हैं। इसकी वजह से न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक बना हुआ है।

सोमालिया तट पर हाईजैक जहाज से सुरक्षित निकाले गए 21 क्रू मेंबर, इनमें 15 भारतीय, जाने भारतीय नौसेना के मार्कोस कमांडो ने कैसे बचाई जानें

#indian_navy_intercepted_ship_with_15_indians_foiled_hijacking

सोमालिया तट के पास हाइजैक हुए एमवी लीला नॉरफॉक जहाज में सवार 15 भारतीयों समेत सभी 21 क्रू मेंबर को भारतीय नौसेना ने बचा लिया है।भारतीय नौसेना का ऑपरेशन शुक्रवार रात पूरा हो गया है। नौसेना के मार्कोस कमांडो ने जहाज की सर्चिंग की। इस दौरान समुद्री लुटेरे जहाज पर नहीं मिले। माना जा रहा है कि भारतीय नौसेना की सख्ती चेतावनी से डरकर हाईजैकर जहाज को छोड़कर भाग गए। जिसके बाद 15 भारतीयों समेत सभी 21 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित निकाल लिया गया। 

इस जहाज को सोमालिया तट से करीब 300 मील दूर अगवा कर लिया गया था। गुरुवार यानी 4 जनवरी को जहाज के अगवा कर लेने की खबर सामने आई।लाइबेरियाई झंडे वाला यह जहाज ब्राजील से बहरीन जा रहा था। जहाज के अगवा कर लेने की खबर पहले यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशन्स पोर्टल पर भेजी गई। इसमें कहा गया कि पांच से छह हथियारबंद लोग जहाज पर चढ़ गए हैं। इसके बाद ये खबर फिर भारतीय नौसेना को दी गई। जैसे ही यह खबर भारतीय नौसेना को मिली। भारतीय नौसेना ने इस पर तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। युद्धपोत आईएनएस चेन्नई, समुद्री गश्ती विमान पी-8आई और लंबी दूरी के प्रीडेटर एमक्यू9बी ड्रोन को जहाज की सहायता के लिए तैनात कर दिया गया। आईएनएस चेन्नई ने 5 जनवरी दोपहर 3:15 बजे इस जहाज को इंटरसेप्ट कर लिया था। आईएनएस चैन्नई पर तैनात मार्कोस कमांडो ने जहाज की जांच शुरू की।

जब भारतीय नौसेना के मार्कोस कमांडो जहाज को छुड़ाने पहुंचे तो जहाज पर कोई भी नहीं था।नौसेना ने बताया कि हो सकता है कि मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट से मिली चेतावनी के बाद समुद्री लुटेरे अपनी प्लानिंग छोड़ दी हो।

वहीं, भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने अरब सागर में सक्रिय भारतीय युद्धपोतों को समुद्री लुटेरों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही इस क्षेत्र में व्यापारिक जहाजों पर हमलों को रोकने के लिए अरब सागर में भारतीय नौसेना के चार युद्धपोत तैनात किए गए हैं।

अरब और लाल सागर में इन दिनों मर्चेंट वेसल पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। इससे पहले 14 दिसंबर को भी समुद्री लुटेरों ने माल्टा के एक जहाज को हाईजैक कर लिया था।

इसके बाद नौसेना ने अपने एक युद्धपोत को अदन की खाड़ी में हाइजैक हुए जहाज MV रुएन की मदद के लिए भेजा था। जहाज को 6 लोगों ने अगवा किया था। भारतीय नौसेना ने माल्टा के जहाज से एक नाविक को रेस्क्यू किया था। यह नाविक गंभीर रूप से जख्मी था।

पाकिस्तान में टल सकता है आम चुनाव, संसद में पास हुआ प्रस्ताव, कारण जानकर रह जाएंगे हैरान

#senate_passed_resolution_to_delay_general_election_in_pakistan

पाकिस्तान में आम चुनाव की तैयारियों के बीच संसद के ऊपरी सदन में एक प्रस्ताव पास किया गया है। इस प्रस्ताव में 8 फरवीर को होने वाले आम चुनाव को आगे टालने की मांग की गई है।पाकिस्तान में आम चुनाव की तैयारियों के बीच संसद के ऊपरी सदन में प्रस्ताव पास किया गया है। बता दें कि पाकिस्तान में 8 फरवरी आम चुनाव होने हैं। अब आर्थिक और राजनैतिक मोर्चे पर अस्थिरता का सामना कर रहे पाकिस्तान में आम चुनाव को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है।

शुक्रवार को पाकिस्तानी संसद के ऊपरी सदन में ये प्रस्ताव पारित किया गया। जिसमें जिसमें ठंड के मौसम और सुरक्षा चिंताओं का हवाला देकर चुनाव में देरी करने की मांग की गई है। यह प्रस्ताव सीनेटर दिलावर खान की ओर से पेश किया गया था। संसद के ऊपरी सदन में इस प्रस्ताव का केवल दो लोग कार्यवाहक सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी और पीएमएल एन सीनेटर अफनान उल्लाह खान ने विरोध किया था।सदन में जब यह प्रस्ताव पेश किया उस समय मात्र 14 सांसद ही उपस्थित थे।जबकि पाकिस्तान के ऊपरी सदन में कुल 100 सांसद हैं।

अपने प्रस्ताव में दिलावर खान ने दावा किया कि देश के अधिकांश क्षेत्रों में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है, इसलिए उन क्षेत्रों में चुनाव कराना असंभव है। दिलावर खान ने चुनाव में देरी के प्रस्ताव को पटल पर पेश करते हुए कहा कि कई क्षेत्रों में सामान्य मौसम के दौरान मतदान का प्रतिशत ठंड की तुलना में उल्लेखनीय रूप से अधिक रहता है। बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के अधिकांश क्षेत्रों में जनवरी और फरवरी को सबसे ठंडे महीनों के रूप में पहचाना जाता है।

इसके साथ ही उन्होंने सुरक्षा संबंधी चिंताओं को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है। राजनेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने जेयूआई-एफ प्रमुख फजलुर रहमान और पूर्व विधायक मोहसिन डावर और अन्य राजनीतिक हस्तियों पर किए गए हमले के प्रयास पर चिंता व्यक्त की। दिलावर खान ने कहा कि पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने इन प्रमुख राजनेताओं के जीवन को होने वाले खतरे से अवगत कराया है। ऐसे में राजनीतिक दलों के सामने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के अधिकार का प्रयोग करने में काफी मुश्किलें आ रही हैं। उन्होंने देश के कई हिस्सों में हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में हुई हालिया घटनाओं के बारे में बताया।उन्होंने आगे कहा कि खुफिया एजेंसियों ने भी चुनाव प्रचार के दौरान खतरे की चेतावनी दी है। ऐसे में चुनाव नहीं होने चाहिए, इसलिए चुनाव आयोग (ईसीपी) को चुनाव स्थगित करने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।

ईवीएम और वीवीपैट को लेकर जयराम रमेश को चुनाव आयोग की दो टूक, कहा-इसे जोड़ने का फैसला यूपीए सरकार में ही हुआ

#ec_response_to_congress_leader_jairam_ramesh_letter_on_evm_vvpat

चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश को उस चिट्टी का जवाब दिया है, जिसमें ईवीएम को लेकर संदेह जताया गया था।चुनाव आयोग ने ईवीएम और वीवीपैट पर कांग्रेस को पत्र लिखा है और उनकी तमाम च‍िंताओं को किया खारिज कर द‍िया है। आयोग ने कहा है क‍ि कांग्रेस के नए पत्र में कुछ नया नहीं है। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने कहा कि जहाँ तक सवाल वीवीपैट का है तो इसे जोड़ने का फैसला 2013 में यूपीए सरकार के दौरान ही हुआ था। आयोग आज भी उसी के तहत करवाई करता है, जिसमें 5 वीवीपैट के साथ मिलान करने का प्रावधान है। चुनाव आयोग ने इसे लेकर एक डेलीगेशन से भी मिलने से इनकार कर दिया है।

दरअसल, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने चुनाव आयोग को पत्र लिखते हुए ईवीएम को लेकर कई शंकाएं ज़ाहिर की थीं। जयराम रमेश ने इसे लेकर डेलीगेशन से मिलने के लिए वक़्त भी माँगा था। इस चिट्ठी का चुनाव आयोग ने जवाब दे दिया है। चुनाव आयोग ने कहा कि जयराम रमेश की चिट्ठी के जवाब में चुनाव आयोग ने कहा है कि उनके सारे सवालों के जवाब चुनाव आयोग के वेबसाइट में मौजूद हैं। आयोग के मुताबिक़ जयराम रमेश ने कोई नई जानकारी नहीं माँगी है. न ही किसी विशेष केस का उल्लेख किया है।

चुनाव आयोग ने जयराम रमेश को अपने पत्र में जवाब दिया है क‍ि ईवीएम और वीवीपीएटी के मुद्दे पर चुनाव आयोग पहले ही अपना स्टैंड बता चुका है। चुनाव आयोग ने जयराम रमेश को अपने पत्र में जवाब में कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने ईवीएम और वीवीपीएटी के मुद्दे पर पहले ही फैसला सुना चुका है। हालांकि चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष ईवीएम और वीपीपीईटी के मुद्दे पर अपना जवाब दाखिल कर चुकी है। चुनाव आयोग ने जयराम रमेश को अपने पत्र में कहा की उनके द्वारा खुद सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम और वीवीपीएटी के मुद्दे पर जो याचिका दाखिल की गई थी वह अभी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है।

बता दें कि 19 दिसंबर को “इंडिया” गठबंधन के बड़े नेताओं की हुई चौथी बैठक में इवीएम-वीवीपैट मुद्दे पर चर्चा की गई थी। इसके बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मुख्य चुनाव आयुक्त को एक लेटर लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि वीवीपैट से जुड़े कुछ सवालों के बारे में स्पष्टीकरण हासिल करने के लिए विपक्षी नेता चुनाव आयोग से मिलने का काफी वक्त से प्रयास कर रहे हैं। रमेश ने लिखा कि मैं एक बार फिर भारतीय पार्टी नेताओं की 3-4 सदस्यीय टीम को आपसे और आपके सहयोगियों से मिलने और वीवीपैट पर अपना दृष्टिकोण रखने के लिए कुछ मिनट का समय देने का अवसर देने का अनुरोध करता हूं।

स्वाति मालीवाल बनेगी सांसद, आप ने राज्यसभा के लिए किया नॉमिनेट, जानें और किन नामों को मिली मंजूरी

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आम आदमी पार्टी इन दिनों मुश्किलों में घिरी है। हालांकि आप ने आगामी राज्यसभा चुनावों के लिए अपने प्रत्याशियो के नामों का ऐलान कर दिया है।आम आदमी पार्टी ने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को संसद के उच्च सदन यानि राज्यसभा भेजने का फैसला किया है।वहीं, राज्यसभा सांसद संजय सिंह पर फिर भरोसा जताया गया है।इसके अलावा पार्टी ने अपने मौजूदा राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता को दोबारा राज्यसभा भेजने का फैसला किया है।

राज्यसभा के लिए 19 जनवरी को होने वाले चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने तीन सीटों पर उम्मीदवार के नामों का ऐलान कर दिया है। अरविंद केजरीवाल ने अपने मौजूदा राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और एनडी गुप्ता को दोबारा से राज्यसभा भेजने की घोषणा की है जबकि सुशील गुप्ता को दूसरा मौका नहीं दिया गया। सुशील गुप्ता की जगह स्वाति मालीवाल को टिकट दिया गया है।

कौन हैं स्वाति मालीवाल?

स्वाति मालीवाल उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से हैं। एमिटी इंटरनेशनल स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने जेएसएस एकेडमी ऑफ टेक्निकल एजुकेशन से इनफॉर्मेशन टेक्नॉलोजी में ग्रेजुएशन पूरा किया।एमएनसी में नौकरी भी लग गई। हालांकि कुछ समय बाद स्वाति ने नौकरी छोड़कर परिवर्तन नाम के एनजीओ के साथ काम करना शुरू कर दिया। इसके बाद स्वाति मालीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सलाहकार के रूप में काम किया। स्वाति एंटी करप्शन आंदोलन में मेंबर भी रही हैं। जुलाई 2015 में स्वाति को दिल्ली महिला आयोग की चीफ बनाया गया। 31 साल की उम्र में स्वाति मालीवाल ने दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष का कमान संभाला था, तब दिल्ली की जनता उनके नाम से भले ही वाकिफ न हो, लेकिन आज हर दिल्ली वासी को उनका नाम कंठस्थ है।

तीनों सीटों पर “आप” की जीत तय

दिल्ली से राज्य सभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होना है। माना जा रहा है कि तीनों सीटें इस बार भी आम आदमी पार्टी के नाम हो सकती हैं। इसकी वजह है कि विधानसभा की 70 सीटों में से 62 सीटों पर आम आदमी पार्टी के विधायक हैं। वहीं, आठ सीटों पर बीजेपी विधायक हैं। ऐसे में तीनों सीटों पर बड़े बहुमत के कारण राज्य सभा के लिए आम आदमी पार्टी के तीनों उम्मीदवार जीत सकते हैं। दिल्ली निर्वाचन आयोग की तरफ से राज्य सभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। यह चुनाव 19 जनवरी को होना है। चुनाव परिणाम की घोषणा भी इसी दिन होगी।

बांग्लादेश में विपक्ष ने किया चुनाव का बहिष्कार, शेख हसीना की चौथी बार ताजपोशी महज़ औपचारिकता?

#bangladesh_election_sheikh_hasina_expected_to_win_fourth_term

बांग्लादेश में सात जनवरी को आम चुनाव होने वाले हैं। लेकिन प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने इन चुनावों में हिस्सा नहीं लेने का फ़ैसला किया है। विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि यह फर्जी चुनाव है जहां कोई भी उम्मीदवार जीते, जीत अंतत: शेख हसीना ही की होनी है। चुनाव में विपक्ष के बहिष्कार के चलते प्रधानमंत्री शेख हसीना को चौथी बार सत्ता हासिल करना महज़ औपचारिकता माना जा रहा है। ऐसे में सवाल है कि क्यों ऑपोजिशन का सबसे महत्त्वपूर्ण खेमा बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी चुनाव नहीं लड़ रही।

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी यानी बीएनपी देश की मुख्य विपक्षी पार्टी है। बीएनपी और उसके समर्थक पार्टियों का कहना है कि शेख हसीना की सरकार ना तो निष्पक्ष है और ना ही पारदर्शी। बीएनपी ने आम चुनाव में धांधली और वोटिंग के दौरान हेरफेर के आरोप लगाए हैं। विपक्षी दल बीएनपी के वाइस चैयरमैन तारिक रहमान ने इस चुनाव को शेख हसीना के शासन को मजबूत करने के लिए रचा गया 'दिखावा' बताया है। चुनाव में भाग ना लेने के फैसले पर रहमान ने कहा कि जिस चुनाव के नतीजे पहले से तय हों, उसमें हिस्सेदारी का कोई मतलब नहीं है। चुनाव पारदर्शी तरीके से नहीं हो रहे हैं, ऐसे में उनकी नेता खालिदा जिया और पार्टी के बाकी नेताओं ने बहिष्कार का फैसला लिया है।

आरोप हैं कि चुनाव सिर्फ दिखावे के लिए लड़ा जा रहा है जहां जीते कोई भी, सत्ता शेख हसीना ही की बनती दिख रही है। उसकी वजहें ये हैं कि करीब 220 सीटों पर शेख हसीना के समर्थक नेता ही आमने सामने हैं। यहां बहुत संभव है कि जीतने और हारने वाला हसीना की आवामी लीग का ही हो। ऐसे में विपक्ष का आरोप है कि चुनाव का कोई मतलब नहीं।

बीएनपी और उनके सहयोगी दलों की मांग है कि जब तक नया चुनाव न हो जाए, शेख हसीना को प्रधानमंत्री का पद छोड़ देना चाहिए। विपक्षी पार्टियों की मांग है कि एक अंतरिम सरकार की देखरेख में चुनाव हो और नतीजों के बाद नई सरकार बने। आवामी लीग की मौजूदा सरकार इसके पक्ष में नहीं है।

रहमान की पार्टी बीएनपी ने बीते साल, 2023 में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए करीब महीने तक विरोध प्रदर्शन किए। ये विरोध प्रदर्शन कई शहरों में हिंसक भी हुए और इनमें कम से कम 11 लोग मारे गए और बीएनपी के हजारों समर्थकों को गिरफ्तार किया गया। प्रदर्शन के बावजूद बीएनपी की शेख हसीना के इस्तीफे और कार्यवाहक सरकार की अगुवाई में चुनाव की बात को नहीं माना गया। जिसके बाद बीएनपी चुनाव से हट गई। 

शेख हसीना 2009 से बांग्लादेश की सत्ता में हैं, उन पर 2014 और 2018 के चुनाव में भी धांधली के आरोप लगे बावजूद इसके वो सत्ता पाने में सफल रहीं। इस बार भी उनपर आरोप लग रहे हैं, हालांकि आवामी लीग की चौथी मर्तबा जीत तय है, अगर कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो।इसके लिए हसीना में पूरे इंतजाम किए हैं। दरअसल बांग्लादेश में कुल कुल 300 सीटें हैं। 2018 में 290 सीटें 3 पार्टियों ने जीती थीं- अवामी लीग, बीएनपी और जातीयो पार्टी (जापा)। बीएनपी इस बार नहीं लड़ रही। सत्ताधारी अवामी लीग 298 सीटों पर लड़ रही है। उसके ही 185 नेता बतौर आजाद उम्मीदवार मैदान में हैं। एक अवामी लीग नेता ने बताया कि 90 सीटों पर ये उम्मीदवार भारी हैं। ये खुद को हसीना का वफादार बताते हैं। ऐसे में लोग मानने लगे हैं कि जीते कोई भी, सत्ता का कंट्रोल हसीना के पास ही रहेगा क्योंकि करीब 220 सीटों पर पहले, दूसरे, तीसरे नंबर का कैंडिडेट हसीना समर्थक ही है। तीसरी पार्टी जापा की भूमिका तो और भी चौंकाने वाली है। यह पहले अवामी लीग से गठबंधन करने वाली थी। फिर 16 दिसंबर को अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया, लेकिन इसके बड़े नेता रैलियों में खुद को अवामी लीग से जुड़ा बता रहे हैं।

रूस-युक्रेन और इजराइल-हमास के बाद एक नए युद्ध की आहट! उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया की तरफ दागे 200 गोले

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दुनिया पहले से ही दो युद्धों की मार झेल रही है। रूस-युक्रेन और इजराइल-हमास के बीच युद्ध जारी है और इसका अंत होते नहीं दिख रहा। इसी बीच एक और फ्रंट पर संघर्ष की स्थिति बनती दिख रही है।दरअसल, उत्तर कोरिया अपने सबसे बड़े दुश्मन साउथ कोरिया को आंखें दिखा रहा है।उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है और कोरियाई प्रायद्वीप में जंग की स्थिति बनती दिख रही है। दक्षिण कोरिया पर शुक्रवार की सुबह लगातार 200 से अधिक तटीय तोपखाने गोले दागे गए हैं। दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा कि उत्तर कोरिया ने उनपर गोले दागे हैं। 

दक्षिण कोरिया ने इस हमले की निंदा की है और इसे उकसाने वाली हरकत बताया है। साउथ कोरिया ने राजधानी सियोल से लगभग 115 किमी पूर्व में स्थित येओनप्योंग द्वीप पर रह रहे अपने नागरिकों से यह जगह खाली करने को कहा है। योनपेयोंग द्वीप पर 2000 लोग रहते हैं। बेंगनीओंग आईलैंड को भी खाली करने को कहा गया है। अभी तक इस मिसाइल हमले से किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह गोले दक्षिण कोरिया के क्षेत्र में नहीं गिरे हैं। गोलो दागे जाने की वजह से इलाके में हड़कंप मच गया।

पिछले 77 सालों में उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच हमेशा दुश्मनी की कार्रवाइयां चलती रही हैं। दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब कोरिया को जापान के नियंत्रण से अलग कराया गया तो ये अमेरिका और सोवियत संघ के सियासी दांवपेंच के बीच फंस गया। इसी के चलते 1948 में ये दो देशों में टूटा। 1950 में इन दोनों के बीच भयंकर युद्ध हुआ। 2010 में, उत्तर कोरियाई तोपखाने ने येओनपयोंग द्वीप पर कई राउंड गोलीबारी की, जिसमें दो नागरिकों सहित चार लोगों की मौत हो गई, यह 1953 में कोरियाई युद्ध समाप्त होने के बाद से अपने पड़ोसी पर सबसे भारी हमलों में से एक था।