हिट एंड रनः ऐसा क्या है इस कानून में जिसके खिलाफ ट्रक ड्राइवर उतरे हैं सड़क पर
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देश में लागू हुए नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा 2023 में भारतीय न्यायपालिका संहिता में संशोधन के बाद, नए मोटर वाहन अधिनियम में दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ट्रक चालक के लिए दस साल की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा 7 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा। इस नए कानून को रद्द करने की मांग को लेकर ट्रक ड्राइवरों ने हड़ताल कर दी है।इस हड़ताल का असर मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में दिख रहा है, जिससे पेट्रोल पंप पर फ्यूल की कमी से लेकर सब्जियों और फलों के दाम तक बढ़ने की आशंका है।
सरकार ने हाल ही में भारतीय न्याय संहिता को संसद से मंजूरी दे दी है। आने वाले समय में ये भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के प्रावधान को रिप्लेस करेंगे। नए कानून में हिट एंड रन के केस में गलत ड्राइविंग या लापरवाही के चलते किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और ड्राइवर बिना पुलिस को सूचना दिए मौके से फरार हो जाता है, तो उसे 10 साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा 7 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लग सकता है।
पहले पुराने कानून के मुताबिक, हिट एंड रन मामले में लापरवाही से गाड़ी चलाने, लापरवाही के कारण किसी की मौत हो जाने या किसी की जान खतरे में डालने पर धारा 279, 304A, 338 के तहत कार्रवाई होती थी जिसमें अधिकतम दो साल की जेल का प्रावधान है। यही नहीं, आरोपी व्यक्ति को तुरंत जमानत भी मिल जाती है। अब भारतीय न्याय संहिता की धारा 104(2) के तहत हिट एंड रन मामले में आरोपी के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। अगर लापरवाही या तेज गाड़ी चलाने के कारण किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है और आरोपी ड्राइवर बिना पुलिस को सूचित किए मौके पर फरार हो जाता है तो उसे 10 साल तक की सजा मिल सकती है। 7 लाख रुपये का जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
देशभर में वाहन चालक कानून में किए गए नए प्रावधान का विरोध कर रहे हैं। ऑल इंडिया ट्रक चालक संगठन ने हड़ताल का आह्वान किया है। उनकी मांग है कि जब तक सरकार हिट एंड रन पर नए कानून को वापस नहीं लेगी उनकी हड़ताल जारी करेगी। तब तक वह बस और ट्रक नहीं चलाएंगे। तमाम राज्यों में परिवहन व्यवस्था ठप पड़ गई है। नए परिवहन नियमों का ट्रांसपोर्ट कारोबारी भी विरोध कर रहे हैं।
कानून में नए प्रावधान के खिलाफ देशभर में चक्काजाम करने वाले प्रदर्शनकारियों के अलग-अलग तर्क हैं। उनका कहना है कि कि अगर उन्हें पांच या दस साल के लिए जेल में डाल दिया जाएगा तो उनके परिवार का क्या होगा। सड़क हादसे के बाद वहां से मौके पर भाग जाने वाले आरोप पर प्रदर्शनकारी ड्राइवर का तर्क है कि अगर वह मौके पर दुर्घटनास्थल से न भागें तो भीड़ उनपर हमला कर देगी और जान से भी मार सकती है। अक्सर सड़क दुर्घटनाओं के बाद भीड़ उग्र हो जाती है।
वहीं, केंद्र सरकार के सूत्रों ने बताया, हिट एंड रन के मामले में ट्रक, बस या किसी अन्य वाहन का चालक अगर घटनास्थल से कुछ दूर जाकर पुलिस को सूचित करता है, घायल व्यक्ति की जानकारी देता है और खुद की पहचान के बारे में पुलिस को स्पष्ट तौर पर बता देता है, तो उसके खिलाफ उक्त सख्त कानून लागू नहीं होगा।इस मामले में ड्राइवरों का मत है कि वे घटनास्थल पर ठहरेंगे तो लोगों की भीड़ उन्हें मार डालेगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए यह प्रावधान किया गया है कि अगर कोई चालक हिट एंड रन के बाद कुछ किलोमीटर दूर जाकर गाड़ी रोक लेता है। हेल्पलाइन नंबर 108 के माध्यम से पुलिस को घटना की सारी जानकारी देता है और पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने का आग्रह करता है तो उसके साथ सख्ती नहीं होगी। उस चालक को अपनी सारी जानकारी पुलिस को बतानी होगी। इसके बाद उस चालक के खिलाफ सामान्य धारा के तहत केस दर्ज होगा। इस तरह के केस में उन लोगों के लिए कुछ उदारता दिखाई जाएगी, जो खुद से पुलिस को सूचित करेंगे और घायलों को अस्पताल ले जाएंगे।
कुछ विरोध करने वाले ड्राइवरों का दावा ये भी है कि सरकार ने 'हिट एंड रन' मामले में विदेश की तर्ज पर सख्त प्रावधान किया है लेकिन इससे पहले सरकार को भारत में विदेशों की तरह बेहतर सड़क और परिवहन व्यवस्था पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
Jan 02 2024, 20:27