केदारनाथ में तापमान -7 तक पहुंचा, कड़ाके की ठंड पड़ने से धाम से लौटे सभी 130 मजदूर, बंद हुए सारे पुनर्निमाण सम्बन्धी कार्य

केदारनाथ में कड़ाके की ठंड पड़ने और तापमान -7 तक पहुंचने के बाद नववर्ष के पहले दिन ही धाम से सभी 130 मजदूर लौट आए हैं। अब यहां सभी पुनर्निर्माण कार्य ठप हो गए हैं।

धाम में पुलिस और आईटीबीपी के अलावा संत ललित रामदास जी महाराज ही हैं। सोमवार को धाम में न्यूनतम तापमान -7 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिनचोली में रास्ते को दुरस्त करने का काम जोरों पर चलता रहा।

केदारनाथ में दिसंबर के माह गिनती के दिन हल्की बर्फबारी हुई। बीते दस दिनों से अधिक समय हो गया लेकिन धाम में बर्फबारी नहीं हुई है। इस कारण यहां रात को अत्यधिक पाला गिर रहा है और शीतलहर का प्रकोप बना है। इन हालातों में केदारनाथ मे पिछले कुछ दिनों से रात तो दूर, दोपहर को भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इन हालातों में वहां पुनर्निर्माण से जुड़े मजदूरों को दिक्कतें हो रहीं थी।

इसको देखते हुए केदारनाथ में पुनर्निर्माण में जुटी सभी कार्यदायी संस्थाओं के मजदूर लौट आए हैं। कार्यदायी संस्था वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के टीम प्रभारी कैप्टन सोबन सिंह बिष्ट ने बताया कि सभी 130 मजदूर लौटे चुके हैं। अब 32 मजदूर पैदल मार्ग पर लिनचोली में रास्ते के पुश्ते निर्माण में लगे हैं।

वहीं, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण-लोनिवि के सहायक अभियंता मनीश डोगरा ने बताया कि केदारनाथ से सभी मजदूर वापस आ गए हैं। अब, केदारनाथ आईटीबीपी की प्लाटून के साथ ही पुलिस की टुकड़ी तैनात है।

बताया कि हमारे व अन्य कार्यदायी संस्थाओं के मजदूर पैदल मार्ग पर छानी कैंप से लिनचोली तक रास्ता मरम्मत कार्य में जुटे हैं। फरवरी अंतिम सप्ताह या मार्च पहले सप्ताह से पुनर्निर्माण कार्य पुन: शुरू कर दिए जाएंगे।

हिट एंड रनः ऐसा क्या है इस कानून में जिसके खिलाफ ट्रक ड्राइवर उतरे हैं सड़क पर

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देश में लागू हुए नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा 2023 में भारतीय न्यायपालिका संहिता में संशोधन के बाद, नए मोटर वाहन अधिनियम में दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ट्रक चालक के लिए दस साल की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा 7 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा। इस नए कानून को रद्द करने की मांग को लेकर ट्रक ड्राइवरों ने हड़ताल कर दी है।इस हड़ताल का असर मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में दिख रहा है, जिससे पेट्रोल पंप पर फ्यूल की कमी से लेकर सब्जियों और फलों के दाम तक बढ़ने की आशंका है।

सरकार ने हाल ही में भारतीय न्याय संहिता को संसद से मंजूरी दे दी है। आने वाले समय में ये भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के प्रावधान को रिप्लेस करेंगे। नए कानून में हिट एंड रन के केस में गलत ड्राइविंग या लापरवाही के चलते किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और ड्राइवर बिना पुलिस को सूचना दिए मौके से फरार हो जाता है, तो उसे 10 साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा 7 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लग सकता है।

पहले पुराने कानून के मुताबिक, हिट एंड रन मामले में लापरवाही से गाड़ी चलाने, लापरवाही के कारण किसी की मौत हो जाने या किसी की जान खतरे में डालने पर धारा 279, 304A, 338 के तहत कार्रवाई होती थी जिसमें अधिकतम दो साल की जेल का प्रावधान है। यही नहीं, आरोपी व्यक्ति को तुरंत जमानत भी मिल जाती है। अब भारतीय न्याय संहिता की धारा 104(2) के तहत हिट एंड रन मामले में आरोपी के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। अगर लापरवाही या तेज गाड़ी चलाने के कारण किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है और आरोपी ड्राइवर बिना पुलिस को सूचित किए मौके पर फरार हो जाता है तो उसे 10 साल तक की सजा मिल सकती है। 7 लाख रुपये का जुर्माना भी देना पड़ सकता है।

देशभर में वाहन चालक कानून में किए गए नए प्रावधान का विरोध कर रहे हैं। ऑल इंडिया ट्रक चालक संगठन ने हड़ताल का आह्वान किया है। उनकी मांग है कि जब तक सरकार हिट एंड रन पर नए कानून को वापस नहीं लेगी उनकी हड़ताल जारी करेगी। तब तक वह बस और ट्रक नहीं चलाएंगे। तमाम राज्यों में परिवहन व्यवस्था ठप पड़ गई है। नए परिवहन नियमों का ट्रांसपोर्ट कारोबारी भी विरोध कर रहे हैं।

कानून में नए प्रावधान के खिलाफ देशभर में चक्काजाम करने वाले प्रदर्शनकारियों के अलग-अलग तर्क हैं। उनका कहना है कि कि अगर उन्हें पांच या दस साल के लिए जेल में डाल दिया जाएगा तो उनके परिवार का क्या होगा। सड़क हादसे के बाद वहां से मौके पर भाग जाने वाले आरोप पर प्रदर्शनकारी ड्राइवर का तर्क है कि अगर वह मौके पर दुर्घटनास्थल से न भागें तो भीड़ उनपर हमला कर देगी और जान से भी मार सकती है। अक्सर सड़क दुर्घटनाओं के बाद भीड़ उग्र हो जाती है। 

वहीं, केंद्र सरकार के सूत्रों ने बताया, हिट एंड रन के मामले में ट्रक, बस या किसी अन्य वाहन का चालक अगर घटनास्थल से कुछ दूर जाकर पुलिस को सूचित करता है, घायल व्यक्ति की जानकारी देता है और खुद की पहचान के बारे में पुलिस को स्पष्ट तौर पर बता देता है, तो उसके खिलाफ उक्त सख्त कानून लागू नहीं होगा।इस मामले में ड्राइवरों का मत है कि वे घटनास्थल पर ठहरेंगे तो लोगों की भीड़ उन्हें मार डालेगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए यह प्रावधान किया गया है कि अगर कोई चालक हिट एंड रन के बाद कुछ किलोमीटर दूर जाकर गाड़ी रोक लेता है। हेल्पलाइन नंबर 108 के माध्यम से पुलिस को घटना की सारी जानकारी देता है और पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने का आग्रह करता है तो उसके साथ सख्ती नहीं होगी। उस चालक को अपनी सारी जानकारी पुलिस को बतानी होगी। इसके बाद उस चालक के खिलाफ सामान्य धारा के तहत केस दर्ज होगा। इस तरह के केस में उन लोगों के लिए कुछ उदारता दिखाई जाएगी, जो खुद से पुलिस को सूचित करेंगे और घायलों को अस्पताल ले जाएंगे।

कुछ विरोध करने वाले ड्राइवरों का दावा ये भी है कि सरकार ने 'हिट एंड रन' मामले में विदेश की तर्ज पर सख्त प्रावधान किया है लेकिन इससे पहले सरकार को भारत में विदेशों की तरह बेहतर सड़क और परिवहन व्यवस्था पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

'अबकी बार 400 पार, तीसरी बार मोदी सरकार', नए नारे के साथ बीजेपी ने फूंका लोकसभा चुनाव का बिगुल

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हाल ही पांच राज्यों में खत्म हुए विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद बीजेपी का आत्मविश्वास और बढ़ गया है। बीजेपी को आने वाले लोकसभा चुनाव में भी रिकॉर्ड जीत के साथ वापसी की आस है। बीजेपी के इस विश्वास का अंदाजा उसके नए नारे से लगाया जा सकता है।दरअसल बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए नया नारा दिया है। ‘तीसरी बार मोदी सरकार, अबकी बार 400 पार’। लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली में बड़ी बैठक हुई। बताया जा रहा है कि इसी बैठक में बीजेपी ने राज्य, लोकसभा और विधानसभा स्तर पर संयोजक और सह-संयोजक भी तय कर दिए हैं। बैठक में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भी विस्तार से रणनीति बनाई गई।

बैठक में बताया गया है कि जल्दी ही लोकसभा क्लस्टर्स में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के दौरे शुरू हो जाएंगे। बैठक में अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर भी चर्चा की गई। बैठक में पार्टी महासचिव सुनील बंसल, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव और मनसुख मंडाविया और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा मौजूद थे।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा भी बैठक में शामिल हुए।

सूत्रों की मानें तो प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद राम मंदिर पर 25 जनवरी से 25 मार्च तक मेगा अभियान चलाया जाएगा। राम मंदिर जाने के इच्छुक लोगों की मदद के पार्टी हरसंभव प्रयास करेगी। सभी कार्यकर्ताओं को राम मंदिर से जुड़े सभी आयोजनों में हिस्सा लेने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा बूथ कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे उन लोगों से संपर्क करें और उनकी सहायता करें, जो राम मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं।

बता दें कि साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने नारा दिया था ‘अबकी बार मोदी सराकर’। ये नारा तत्कालीन लोकसभा चुनाव में इतना पॉपुलर हुआ था कि हर किसी की जुबान पर सिर्फ मोदी सरकार, मोदी सरकार नाम था। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 'अच्छे दिन आने वाले हैं' का भी नारा दिया था। वहीं पार्टी ने 2019 का आम चुनाव 'फिर एक बार मोदी सरकार' के नारे पर लड़ा था। दोनों ही लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पीएम मोदी के नेतृत्व में जीत हासिल की थी।

पहले भूकंप अब लैंडिंग के वक्त दो विमानों में टक्कर के बाद लगी आग, जापान में बाल-बाल बचे प्लेन में सवार थे 379 यात्री

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जापान में आए शक्तिशाली भूकंप के एक दिन बाद, मंगलवार शाम को टोक्यो के हानेडा हवाई अड्डे के रनवे पर बड़ा हादसा हो गया।जापान एयरलाइंस के एक विमान से मंगलवार को तट रक्षक विमान टकरा गया। यह घटना हानेडा हवाई अड्डे पर हुई। स्‍थानीय प्रसारक एनएचके ने एक रिपोर्ट में बताया कि टक्कर के बाद विमान में आग लग गई। उस वक्त जापान एयरलाइंस के विमान में 367 यात्री सवार थे। हादसे के बाद प्‍लेन के अंदर अफरा-तफरी मच गई। आग का गुबार आसमान में नजर आने लगा। चीख पुकार के बीच जैसे-तैसे इमरजेंसी द्वार से सभी यात्रियों को बाहर निकाला गया।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रनवे पर लैंडिंग के वक्त दो विमानों की टक्कर हो गई, जिसके बाद एक विमान में भीषण आग लग गई। कुछ ही मिनट में आग विंग के आसपास के हिस्से में भी फैल गई।जिन दो विमानों के बीच यह टक्कर हुई है उसमें से एक में 379 पैसेंजर बैठे हुए थे जबकि दूसरा विमान जापान के कोस्ट गार्ड का बताया जा रहा है। राहत की बात रही कि विमान में सवार यात्रियों को समय रहते नीचे उतार दिया गया था।

घटना की कुछ तस्वीरें भी सामने आईं हैं, जिसमें आग विमान के भीतर तक फैली नजर आ रही है। विमान जापान के ही शिन चिटोस एयरपोर्ट से उड़ान भरा था हनेडा पहुंचा था। एयरपोर्ट पर लैंडिंग होने के तुरंत बाद उसमें आग गई है।

कांग्रेस-आप में बढ़ा दरार! भगवंत मान ने देश की सबसे पुरानी पार्टी के कह दी बड़ी बात

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लोकसभा चुनाव में कुछ ही महीनों का समय बचा है। ऐसे में विपक्षी गठबंधन इंडिया अपनी रणनीति बनाने में जुटा है और सभी विपक्षी दलों को इसके लिए एक साथ लाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, समय-समय पर कुछ ऐसा घट जाता है, जो विपक्षी एकजुटता को मुंह चिढ़ाता नजर आता है।इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। उससे एक बार फिर विपक्षी गठबंधन में सबकुछ ठीक नजर नहीं आ रहा है।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नए साल के पहले दिन कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला दिया। आम आदमी पार्टी के नेता ने संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली या पंजाब में एक मां अपने बच्चे को जो सबसे छोटी कहानी सुना सकती है, वह है ‘एक थी कांग्रेस‘।मुख्यमत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बयान दिया। इसके बाद एक बार इंडिया गठबंधन में हलचल मच गई है।

हालांकि, जब सीएम भगवंत से इंडिया गठबंधन के बीच सीटों के बंटवारे के मुद्दों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस पर गठबंधन की बैठक में चर्चा की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि सब क्लीयर हो जाएगा, उसके बाद ही हम बता पाएंगे।

पंजाब में जहां पहले से ही सीट शेयरिंग को लेकर दोनों पार्टियों के बीच विवाद चल रहा था तो वहीं अब दोनों की दलों के नेताओं के बीच दूरी बढ़ती दिख रही है। एक ओर जहां पंजाब की सीएम भगवंत मान ने कांग्रेस की चुटकी लेते हुए 'एक थी कांग्रेस' कहा था तो वहीं अब कांग्रेस नेता पवन खेड़ा भी इस जुबानी हमला बोला है। पवन खेड़ा ने अब सीएम भगवंत मान को लेकर एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने एक भोजपूरी फिल्म के नाम का जिक्र किया है।खेड़ा ने लिखा है कि 'आप' के और मोदी जी के विचार कितने मिलते हैं!! दोनों का सपना कांग्रेस मुक्त भारत का है। दोनों मुंह की खाएंगे। आगे उन्होंने लिखा है कि वैसे एक भोजपुरी पिक्चर का नाम है एक था जोकर'। आपने तो देखी होगी? 

भगवंत मान के बयान के आम आदमी पार्टी की दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस के साथ सीटें साझा करने की अनिच्छा के रूप में देखा जा रहा है। दोनों राज्यों में कुल मिलाकर 21 लोकसभा सीटें हैं। कांग्रेस दोनों राज्यों में पूरी तरह से हाशिए पर है। वहीं आम आदमी पार्टी की बात करें तो 2019 के आम चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था।ऐसे में सीएम मान के इस बयान और कड़ी आलोचना के बाद पंजाब में कांग्रेस के लिए सबकुछ ठीक नहीं लग रहा है।

जयशंकर की पाकिस्तान को दो टूक, बोले- शर्तों पर बातचीत नहीं, कनाडा और चीन को भी घेरा

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान, चीन और कनाडा को लेकर भारत सरकार की नीतियों को लेकर खुलकर बात की।एएनआई को दिए साक्षात्कार में एस जयशंकर ने पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान से बात करेंगे लेकिन उसकी शर्तों के आधार पर नहीं। पाकिस्तान के अलावा उन्होंने कनाडा को भी सख्त संदेश दिया।इसके साथ ही उन्होंने चीन से विवाद सुझलाने को लेकर भारत की नीतियों पर भी बात की।

पाकिस्तान की मुख्य नीति ही आतंकवाद रही-जयशंकर

विदेश मंत्री जयशंकर ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान की मुख्य नीति ही आतंकवाद रही है, लेकिन भारत ने अब वह खेल खेलना बंद कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत को बातचीत की टेबल पर लाने के लिए आतंकवाद का सहारा लेता रहा है। वह अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए सीमा पार से आतंकियों को भारत की ओर भेजता रहता है। हालांकि भारत ने अब पड़ोसी मुल्क की आतंक की नीति को अप्रासंगिक बना दिया है।

कनाडा की राजनीति में खालिस्तानी शामिल-जयशंकर

भारत और कनाडा के मौजूदा राजनयिक संबंधों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कनाडा की राजनीति ने खालिस्तानी ताकतों को पनाह दी हुई हैं। वे सभी सीधे तौर पर कनाडा की राजनीति में शामिल हैं। मुझे लगता है कि यही एक कारण हैं, जो दोनों देशों के संबंधों को नुकसान पहुंचा रहा हैं। यह स्थिति भारत और कनाडा दोनों के लिए खतरा हैं। मेरा मानना है कि जितना यह भारत के खतरा है, उतना ही इससे कनाडा को भी नुकसान होगा। 

चीन से निपटने में सरदार पटेल की नीति पर काम कर रही सरकार-जयशंकर

इंटरव्यू के दौरान जयशंकर ने कहा कि भारत को चीन के साथ आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और साझा हितों के आधार पर रिश्ता कायम करने की जरूरत है। उन्होंने चीन की आक्रामकता से निपटने के लिए भारत के दृष्टिकोण में बदलाव की बात की। साथ ही उन्होंने चीन को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जरिए बनाई गई नीतियों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि नेहरू ने चाइना फर्स्ट की पॉलिसी पर काम किया। शुरुआत से ही नेहरू और सरदार पटेल के बीच चीन को कैसे जवाब दिया जाए इस मुद्दे पर मतभेद रहा है। मोदी सरकार चीन से निपटने में सरदार पटेल द्वारा शुरू की गई यथार्थवाद की धारा के मुताबिक ही काम कर रही है। हमने ऐसे रिश्ते बनाने की कोशिश की है जो आपसी संबंधों पर आधारित हों। जब तक उस पारस्परिकता को मान्यता नहीं दी जाती, इस रिश्ते का आगे बढ़ना मुश्किल होगा।

नीलाम होगा आतंकवादी दाऊद इब्राहिम का बचपन का घर, बीते 9 सालों में भगोड़े अपराधी की 11 सपत्तियां बेच चुकी है सरकार

आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के बचपन का घर और महाराष्ट्र के रत्नागिरी में उसके परिवार के स्वामित्व वाली तीन अन्य संपत्तियां शुक्रवार (5 जनवरी) को मुंबई में नीलाम की जाएंगी। रिपोर्ट के मुताबिक, सभी चार संपत्तियां कृषि योग्य हैं और मुंबके गांव में स्थित हैं। तस्करों और विदेशी मुद्रा हेरफेर (संपत्ति की जब्ती) अधिनियम (SAFEMA) के तहत अधिकारियों द्वारा संपत्तियों को जब्त कर लिया गया था।

बता दें कि, पिछले नौ साल में दाऊद या उसके परिवार की 11 संपत्तियां नीलाम हो चुकी हैं। जिसमें 4.53 करोड़ रुपए में बेचा गया एक रेस्तरां, 3.53 करोड़ रुपए में बेचे गए छह फ्लैट और 3.52 करोड़ रुपए में बिकने वाला एक गेस्ट हाउस शामिल है। 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम धमाकों का मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम, 1983 में मुंबई आने से पहले मुंबके गांव में रहता था। सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद उसने भारत छोड़ दिया, जिसमें 257 लोगों की मौत हो गई थी। 

12 मार्च, 1993 को मुंबई (तब बॉम्बे) सिलसिलेवार बम विस्फोटों से दहल गया था, जिसमें 257 लोग मारे गए थे, 700 से अधिक लोग घायल हुए थे और लगभग 27 करोड़ रुपए की संपत्ति नष्ट हो गई थी। महाराष्ट्र सरकार के अनुरोध पर मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दिया गया था। 16 जून, 2017 को मुस्तफा दोसा और अबू सलेम सहित कई आरोपियों को इस मामले में दोषी ठहराया गया था। वांछित आतंकवादी दाऊद इब्राहिम ने कथित तौर पर इन हमलों की योजना बनाई थी।

बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को छह महीने की जेल, जानें क्या है वजह

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बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री डॉ. मुहम्मद यूनुस को एक अदालत ने 6 महीने जेल की सजा सुनाई है।डॉ. मुहम्मद यूनुस को सोमवार को एक अदालत ने श्रम कानून के उल्लंघन के आरोप में छह महीने जेल की सजा सुनाई।ढाका लेबर कोर्ट की जज शेख मरीना सुल्ताना ने सोमवार उन्हें 6 महीने कैद की सजा भी सुनाई, साथ ही 1 महीने की जमानत भी दी है। मामले में यूनुस के अलावा ग्रामीण टेलीकॉम के एमडी अशरफुल, निदेशक नूरजहां और मो. शाहजहां भी शामिल हैं।

श्रम अदालत की न्यायाधीश शेख मेरिना सुल्ताना ने फैसला सुनाते हुए कहा कि उनके खिलाफ श्रम कानून का उल्लंघन करने का आरोप सिद्ध हो चुका है। न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि यूनुस को एक व्यावसायिक कंपनी के तीन अन्य अधिकारियों के साथ ग्रामीण टेलीकॉम के अध्यक्ष के रूप में कानून का उल्लंघन करने के लिए छह महीने की साधारण कारावास की सजा काटनी होगी।न्यायाधीश ने उनमें से प्रत्येक पर 25,000 टका का जुर्माना भी लगाया और कहा कि ऐसा न करने पर उन्हें 10 दिन और जेल में काटने होंगे।

समर्थकों ने फैसले को राजनीति से प्रेरित बताया

यह फैसला बांग्लादेश में सात जनवरी को होने वाले आम चुनाव से कुछ दिन पहले आया है। फैसले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए उनके समर्थकों ने कहा कि आरोप उन्हें प्रताड़ित करने के लिए दायर किए गए थे।पिछले महीने, सुनवाई के लिए अदालत में पेश होने के बाद, यूनुस ने ग्रामीण टेलीकॉम या बांग्लादेश में स्थापित 50 से अधिक व्यावसायिक कंपनियों में से किसी से भी फायदा उठाने के दावों को खारिज कर दिया था।

शेख हसीना सरकार के साथ यूनुस का विवाद

प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के साथ अज्ञात कारणों से उनका विवाद जारी है। वर्ष 2008 में हसीना के सत्ता में आने के बाद अधिकारियों ने यूनुस के खिलाफ कई मामलों में जांच शुरू की थी। अगस्त 2023 में, ग्रामीण टेलीकॉम के 18 पूर्व कर्मचारियों ने यूनुस के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें उन पर उनकी नौकरी के फायदों को को हड़पने का आरोप लगाया गया था। श्रम कानूनों के उल्लंघन के आरोप में यूनुस पर अगस्त 2022 में मुकदमा चलाया गया था।

'10 साल तक हमारे पास चेहरा था, चेहरे ने क्या कर लिया ?..', INDIA गठबंधन का PM फेस पूछे जाने भड़के पवन खेड़ा

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने INDIA ब्लॉक के भीतर एक विशिष्ट प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार के महत्व को कम करते हुए कहा कि, "एक चेहरा बहुत हो गया।" उन्होंने चुनावों में PM चेहरे के प्रभाव पर सवाल उठाते हुए कहा कि, "हमारे पास 10 साल तक एक चेहरा था और चेहरे ने क्या कर लिया?"

खेड़ा ने महत्वपूर्ण मुद्दों पर इंडिया ब्लॉक की स्थिति को उजागर करने के महत्व पर जोर दिया और दावा किया कि मतदाता प्रधान मंत्री के चेहरे पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय गठबंधन के एजेंडे को समझने में अधिक रुचि रखते हैं। मीडिया के साथ बातचीत के दौरान पवन खेड़ा ने कहा कि, "चेहरा नहीं, आधार मायने रखता है। आप जिस तरह के मुद्दे उठाते हैं, वह मायने रखता है।" आगामी लोकसभा चुनाव और 2019 के चुनाव के बीच अंतर के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए, पवन खेड़ा ने कहा कि 2019 के चुनाव सामान्य नहीं थे। उन्होंने बताया कि, "चुनाव से पहले की घटनाओं ने बाकी सभी चीजों का ख्याल रखा। उन्होंने किसी भी पार्टी द्वारा उठाए गए हर अवधारणा, हर अभियान, हर दूसरे मुद्दे पर ग्रहण लगा दिया। इसलिए, हम 2019 की तुलना किसी अन्य चुनाव से नहीं कर सकते।"

कांग्रेस के भीतर उत्तर-दक्षिण विभाजन के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए, खेड़ा ने दक्षिण में पार्टी की मजबूत उपस्थिति का संकेत देने वाला डेटा प्रस्तुत किया। उन्होंने दावा किया कि हिंदी पट्टी के राज्यों में पर्याप्त वोट शेयर कांग्रेस को एक मजबूत अखिल भारतीय पार्टी के रूप में मजबूत करता है। मतदाता भ्रम के संबंध में, खेड़ा ने इस विचार को खारिज करते हुए कहा कि मतदाता भारत जोड़ो यात्रा के संदेश को समझते हैं। छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में शिकस्त के बावजूद, उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत जोड़ो यात्रा 2.0, जिसे 'भारत न्याय यात्रा' नाम दिया गया है, की गूंज आने वाले हफ्तों में स्पष्ट हो जाएगी।

राहुल गांधी 14 जनवरी को मणिपुर की राजधानी इम्फाल से भारत न्याय यात्रा शुरू करने वाले हैं। इस यात्रा को कांग्रेस सुप्रीमो मल्लिकार्जुन खड़गे हरी झंडी दिखाएंगे, जो 14 राज्यों के 85 जिलों में 6,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी और मुंबई में समाप्त होगी।

वाईएस शर्मिला थाम सकतीं हैं कांग्रेस का हाथ, मिल सकती है पार्टी में बड़ी भूमिका

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कांग्रेस दक्षिण भारत में अपनी जमीन मजबूत करने में जुटी हुई है। इस ओर पार्टी को सफलता मिलती भी दिख रही है।अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ-साथ आंध्र प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जगह मोहन रेड्डी को गहरा झटका लगने वाला है। वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की संस्थापक अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के प्रमुख जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला इस सप्ताह कांग्रेस में शामिल होंगी।शर्मिला अपनी पार्टी वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (YSRTP) का कांग्रेस में विलय करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, वह आधिकारिक तौर पर इस सप्ताह के अंत तक दिल्ली में कांग्रेस में शामिल होंगी।

बता दें कि इस साल आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में पार्टी शर्मिला को बड़ी जिम्मेदारी देकर पार्टी को फिर से खड़ा करने की तैयारी में है।सूत्रों का कहना है कि वाईएस शर्मिला को राज्यसभा, एआईसीसी महासचिव और आंध्र प्रदेश के पीसीसी की पेशकश की गई थी। शर्मिला कांग्रेस के ऑफर पर सहमत हो गईं हैं।यह माना जा रहा है कि कांग्रेस के इस कदम का उद्देश्य आंध्र प्रदेश में पार्टी को पुनर्जीवित करना है। पार्टी को उम्मीद है कि वाईएसआरसीपी छोड़ने के इच्छुक लोग अब कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।

बता दें कि पिछले साल नवंबर में तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान आखिरी वक्त पर वाई.एस. शर्मिला ने कांग्रेस को अपना सपोर्ट दिया था। उन्होंने अपनी पार्टी के किसी भी प्रत्याशी को चुनाव में उतारने से इंकार कर दिया था। शर्मिला ने तब कहा था कि तमाम सर्वे और जमीनी हकीकत से पता चलता है कि राज्य में कांग्रेस चुनाव जीत रही है। ऐसी स्थिति में अगर उनकी पार्टी मैदान में उतरती है तो कांग्रेस के वोट कटेंगे और इसका फायदा बीआरएस को मिलेगा। इसलिए उन्होंने अपना समर्थन कांग्रेस को दे दिया था। इसके बाद से ही चर्चा थी कि वाई.एस. शर्मिला को कांग्रेस इसके बदले में कुछ बड़ा इनाम दे सकती है। अब उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में करने की घोषणा करके हर किसी को हैरान कर दिया है।

शर्मिला पहली बार 2012 में सुर्खियों में तब आईं थीं जब तेलंगाना आंध्र प्रदेश से अलग नहीं हुआ था। राज्य आंदोलन के जोर पकड़ने की पृष्ठभूमि में, उनके भाई जगन मोहन रेड्डी ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया और वाईएससीआरपी का गठन किया। उनके साथ 18 विधायक भी कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी में शामिल हुए थे। उस समय एक कांग्रेस सांसद ने भी इस्तीफा दिया था। इससे कई उपचुनावों का मार्ग प्रशस्त हुए। भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद जगन रेड्डी जेल में बंद थे और उनकी उपस्थिति में उनकी मां वाईएस विजयम्मा और बहन वाईएस शर्मिला ने अभियान का नेतृत्व किया। वाईएससीआरपी ने चुनावों में जीत हासिल की।नौ साल बाद यानी 2021 में ही शर्मिला ने कहा कि उनके भाई के साथ उनके राजनीतिक मतभेद हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वाईएसआरसीपी की तेलंगाना में कोई उपस्थिति नहीं है। पिछले साल जुलाई में, उन्होंने वाईएसआर तेलंगाना पार्टी के गठन की घोषणा की और पूर्ववर्ती के.चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अभियान शुरू किया।