वाईएस शर्मिला थाम सकतीं हैं कांग्रेस का हाथ, मिल सकती है पार्टी में बड़ी भूमिका
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कांग्रेस दक्षिण भारत में अपनी जमीन मजबूत करने में जुटी हुई है। इस ओर पार्टी को सफलता मिलती भी दिख रही है।अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ-साथ आंध्र प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जगह मोहन रेड्डी को गहरा झटका लगने वाला है। वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की संस्थापक अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के प्रमुख जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला इस सप्ताह कांग्रेस में शामिल होंगी।शर्मिला अपनी पार्टी वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (YSRTP) का कांग्रेस में विलय करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, वह आधिकारिक तौर पर इस सप्ताह के अंत तक दिल्ली में कांग्रेस में शामिल होंगी।
बता दें कि इस साल आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में पार्टी शर्मिला को बड़ी जिम्मेदारी देकर पार्टी को फिर से खड़ा करने की तैयारी में है।सूत्रों का कहना है कि वाईएस शर्मिला को राज्यसभा, एआईसीसी महासचिव और आंध्र प्रदेश के पीसीसी की पेशकश की गई थी। शर्मिला कांग्रेस के ऑफर पर सहमत हो गईं हैं।यह माना जा रहा है कि कांग्रेस के इस कदम का उद्देश्य आंध्र प्रदेश में पार्टी को पुनर्जीवित करना है। पार्टी को उम्मीद है कि वाईएसआरसीपी छोड़ने के इच्छुक लोग अब कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
बता दें कि पिछले साल नवंबर में तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान आखिरी वक्त पर वाई.एस. शर्मिला ने कांग्रेस को अपना सपोर्ट दिया था। उन्होंने अपनी पार्टी के किसी भी प्रत्याशी को चुनाव में उतारने से इंकार कर दिया था। शर्मिला ने तब कहा था कि तमाम सर्वे और जमीनी हकीकत से पता चलता है कि राज्य में कांग्रेस चुनाव जीत रही है। ऐसी स्थिति में अगर उनकी पार्टी मैदान में उतरती है तो कांग्रेस के वोट कटेंगे और इसका फायदा बीआरएस को मिलेगा। इसलिए उन्होंने अपना समर्थन कांग्रेस को दे दिया था। इसके बाद से ही चर्चा थी कि वाई.एस. शर्मिला को कांग्रेस इसके बदले में कुछ बड़ा इनाम दे सकती है। अब उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में करने की घोषणा करके हर किसी को हैरान कर दिया है।
शर्मिला पहली बार 2012 में सुर्खियों में तब आईं थीं जब तेलंगाना आंध्र प्रदेश से अलग नहीं हुआ था। राज्य आंदोलन के जोर पकड़ने की पृष्ठभूमि में, उनके भाई जगन मोहन रेड्डी ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया और वाईएससीआरपी का गठन किया। उनके साथ 18 विधायक भी कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी में शामिल हुए थे। उस समय एक कांग्रेस सांसद ने भी इस्तीफा दिया था। इससे कई उपचुनावों का मार्ग प्रशस्त हुए। भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद जगन रेड्डी जेल में बंद थे और उनकी उपस्थिति में उनकी मां वाईएस विजयम्मा और बहन वाईएस शर्मिला ने अभियान का नेतृत्व किया। वाईएससीआरपी ने चुनावों में जीत हासिल की।नौ साल बाद यानी 2021 में ही शर्मिला ने कहा कि उनके भाई के साथ उनके राजनीतिक मतभेद हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वाईएसआरसीपी की तेलंगाना में कोई उपस्थिति नहीं है। पिछले साल जुलाई में, उन्होंने वाईएसआर तेलंगाना पार्टी के गठन की घोषणा की और पूर्ववर्ती के.चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अभियान शुरू किया।
Jan 02 2024, 12:37