हो गया रामलला की मूर्ति का चयन, जानें कौन हैं योगीराज अरुण जिनकी बनाई प्रतिमा गर्भगृह में होगीं स्थापित
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अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पूरा देश उत्सव मनाने को तैयार है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भव्य तैयारियां की जा रही है। इसी तैयारियों का क्रम में राम मंदिर के लिए भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की एक मूर्ति का चयन किया गया है।आयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए कर्नाटक के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज की मूर्ति का चयन हुआ है।केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसकी जानकारी दी है।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक्स पर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति के चयन को अंतिम रूप दे दिया गया है। हमारे देश के प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज अरुण द्वारा बनाई गई भगवान राम की मूर्ति अयोध्या में स्थापित की जाएगी।केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लिखा, जहां राम हैं, वहां हनुमान हैंय़ अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति का चयन फाइनल हो गया है।हमारे देश के फेमस मूर्तिकार, हमारे गौरव योगीराज अरुण जी द्वारा बनाई गई भगवान राम की मूर्ति अयोध्या में स्थापित की जाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि यह राम-हनुमान के अटूट रिश्ते का एक और उदाहरण है। प्रह्लाद जोशी ने लिखा, इसमें कोई दो राय नहीं है कि हनुमान की भूमि कर्नाटक से रामलला के लिए एक महत्वपूर्ण सेवा है।
कौन हैं अरुण योगीराज?
अरुण योगीराज कर्नाटक के मैसूर शहर के रहने वाले हैं। वह एक प्रसिद्ध मूर्तिकारों के परिवार से आते हैं। उनकी पांच पीढ़ियां मूर्ति तराशने का काम करती चली आ रही हैं। अरुण देश के सबसे प्रसिद्ध मूर्तिकारों में से एक हैं। देश के अलग-अलग राज्यों में अरुण की तराशी गई मूर्तियों की बहुत ज्यादा मांग होती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद अरुण की प्रतिभा को लेकर उनकी तारीफ कर चुके हैं। अरुण ने अपनी कुशलता का इस्तेमाल कर एक से बढ़कर एक मूर्तियां बनाई हैं।
अरुण के पिता योगीराज भी एक बेहतरीन मूर्तिकार हैं। उनके दादा बसवन्ना शिल्पी को मैसूर के राजा का संरक्षण हासिल था। अरुण योगीराज भी बचपन से ही मूर्तिकला के काम से जुड़े रहे हैं। एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कुछ वक्त तक एक प्राइवेट कंपनी में काम भी किया। हालांकि, वह अपने भीतर बैठे मूर्तिकार को ज्यादा दिनों तक छिपा नहीं पाए। यही वजह रही कि उन्होंने 2008 से अपने मूर्तिकला के करियर को शुरू किया।
इन मूर्तियों को तराश चुके हैं योगीराज
योगीराज ने आयोध्या में भगवान राम की मूर्ति के अलावा मैसूरु में महाराजा जयचामराजेंद्र वडेयार की 14.5 फुट की सफेद संगमरमर की प्रतिमा, महाराजा श्री कृष्णराज वाडियार-IV और स्वामी रामकृष्ण परमहंस की सफेद संगमरमर की प्रतिमा भी बनाई है। इंडिया गेट पर लगी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी उन्होंने ही तराशी है।
Jan 02 2024, 10:54