*40 फीसदी करें फसल की सिंचाई, बेहतर होगी आलू की पैदावार*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में बढ़े ठंड और बेमौसम हुई बारिश के बाद किसानों को खास सावधानी बरतने की आवश्यकता है। खासकर आलू की खेती करने वाले किसानों को विशेष सतर्कता बरतनी होगी। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार आलू की खेती करने वाले किसान अपने फसलों की सिंचाई 40 फीसदी से अधिक न करें। खेत में इतना ही पानी छोड़े कि वह मेड़ के ऊपर न आ पाएं। इससे पैदावार बेहतर होगी।
जिले के किसान रवि सीजन में फसलों की बोआई कर चुके हैं। अब वे फसलों की सिंचाई के कार्य में लगे हुए है। दूसरी तरफ किसानों का एक तबका अभी भी गेंहू के बोआई कार्य में जुटा है। हालांकि समय से आलू, चना, मटर और सरसों की बोआई कर चुके किसान फिलहाल फसल की पहली सिंचाई में व्यस्त हैं। ऐसे में फसलों की सिंचाई को लेकर विशेष सतर्कता बरते जाने की आवश्यकता है।
कृषि केंद्र बेजवां के फल, सब्जी विशेषज्ञ डॉ. एके चतुर्वेदी ने बताया कि आलू की सिंचाई में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। अधिकांश किसान फसल को पानी से लबालब भर देते हैं। ऐसे में फसल को नुकसान होने का डर रहता है। अधिक पानी लगने से फसलों में रोग लगने की संभावना बढ़ जाती है। जिससे पैदावार पर असर पड़ता है।
फसल की अच्छी पैदावार के लिए केवल 40 फीसदी ही सिंचाई की जरूरत है। किसान ऐसी सिंचाई करें कि पानी से फसल न डूबे। आलू के मेड़ के ऊपर तक न जाये। पानी मेड़ के उपर जाने से मिट्टी गल जाती है, मेड़ बिगड़ जाता है। इससे फसल की पैदावार अच्छी नहीं होती है।
Dec 15 2023, 13:49