गिरिडीह:श्रम विभाग द्वारा भेजे गए पत्र से निजी स्कूल संचालकों में मची खलबली

गिरिडीह: झारखण्ड सरकार के श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग सहायक श्रमायुक्त का कार्यालय, गिरिडीह द्वारा जिले के सभी प्रखंडों में संचालित सभी निजी विद्यालयों को  

विभाग अंतर्गत निर्धारित समस्त अहर्ताओं को पूर्ण करने के लिए निर्धारित समय में पंजियाँ एवं अभिलेख परीक्षणार्थ उपस्थापित करने का निर्देश दिया गया है।

इस संबंध में जानकारी देते हुए श्रमायुक्त श्री रवि शंकर ने बताया कि सरकार के आदेश पर यह कार्रवाही की जा रही है,साथ इसमें कोताही बरतने वाले स्कूलों तथा स्कूल संचालकों/प्रिंसिपल के विरुद्ध नियत समय उपरांत केस दर्ज किया जाएगा।

बता दें कि उक्त संबंध में पूरे गिरिडीह जिले के अन्य सभी प्रखंडों समेत डुमरी प्रखंड के निजी स्कूलों को उक्त आदेश भेजे गए हैं। जबकि समाचार भेजे जाने तक कई स्कूल संचालकों ने बताया कि उन्हें ऐसे कोई आदेश प्राप्त नहीं हुए हैं।इस पर विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि बाकी सभी विद्यालयों को भी उक्त आदेश संबंधी पत्र भेजे गए हैं,जो देर सबेर उन्हें अवश्य प्राप्त हो जाएंगे।पत्र पंजीकृत डाक द्वारा भेजे गए हैं तथा भेजे जा रहे हैं।

श्रम विभाग द्वारा इन स्कूलों में कार्यरत समस्त कर्मियों के हितों के रक्षार्थ विधि विधानों के तहत इन संस्थानों को अच्छादित करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है।साथ ही मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 एवं झारखण्ड नियमावली, 1964 के अंतर्गत पोषित पंजियाँ एवं अभिलेख परीक्षणार्थ उपस्थापित करने की बात कही गई है।

कहा गया है कि उपदान संदाय अधिनियम, 1972 एवं उपदान संदाय नियमावली, 1972 के अंतर्गत आपके प्रतिष्ठान / कारखाना में कार्यरत सभी कर्मचारियों को उपदान का लाभ दिया जाना है। साथ ही इस अधिनियमान्तर्गत पोषित पंजी एवं अभिलेख निरीक्षक को यथाशीघ्र उपलब्ध कराना अनिवार्य है। आपके संस्थान

द्वारा उपदान से संबंधित विवरणी निरीक्षक को अबतक उपलब्ध नहीं कराई गई है।अतएव आपको निदेश दिया जाता है कि उपदान संदाय अधिनियम, 1972 एवं उपदान संदाय नियमावली, 1972 के तहत पोषित की जाने वाली निम्नलीखित पंजियाँ एवं अभिलेख अद्योस्ताक्षरी के समक्ष निर्धारित तिथि तक परीक्षणार्थ उपस्थापित करें।

साथ ही उक्त पत्र के साथ भेजे गए एक अन्य पत्र में लिखा है कि मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 एवं झारखण्ड नियमावली, 1964 के अंतर्गत आपके प्रतिष्ठान में कार्यरत महिला कर्मचारियों को मातृत्व प्रसुविधा का लाभ दिया जाना है। साथ ही इस अधिनियमान्तर्गत पोषित पंजी एवं अभिलेख निरीक्षक को उपलब्ध कराना अनिवार्य है। आपके संस्थान की विवरणी निरीक्षक को अबतक उपलब्ध नहीं कराई गई है।

निर्धारित तिथि तक उपरोक्त सभी पंजी एवं अभिलेख परीक्षणार्थ उपास्थापित नहीं किया जाता है तो इस अधिनियम के अंतर्गत बने प्रावधानों का उल्लंघन मानते हुए विधि-सम्मत अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी।

गिरिडीह:6 वर्ष पुराना ट्रांसपोर्ट नगर बना कचड़ा डंपिंग यार्ड, सीपीआई माले नेता ने रखी जांच की मांग

गिरिडीह:गिरिडीह में छः वर्ष पुराने ट्रांसपोर्ट नगर में वार्ड 18 के नागरिकों ने आकांक्षा की कचड़ा गाड़ी को रोक दिया और कहा कि जल्द हटा ले कचड़ा डंपिंग यार्ड ,वरना स्थानीय नागरिकों द्वारा आन्दोलन के साथ ही मुकदमा किया जाएगा।बताया जाता है कि आसपास के लोग रात भर जलते कचड़ा के धुवां से परेशान रहते हैं।जिससे हजारों घर के लोग है प्रभावित हैं।

ज्ञात हो कि 2017 में अभी वार्ड 18 लेकिन 2017 में वार्ड बीस में ट्रांसपोर्ट नगर के नाम से शिलान्यास किया गया था।नगरपालिका के तत्कालीन अध्यक्ष दिनेश यादव,उपाध्यक्ष राकेश मोदी,वार्ड पार्षद शिवम आज़ाद और चैता दास के द्वारा 10 लाख 97000 की राशि से बाउंड्री वाल के लिए ट्रांसपोर्ट नगर का शिलान्यास भी किया गया था।शिलान्यास फोटो और बोर्ड भी उपलब्ध है,तो किस परिस्थिति में यह कचड़ा डंपिंग यार्ड बन गया जबकि आसपास हजारों घर हैं।

कहा कि 36 वार्ड का कचड़ा डंपिंग यार्ड कैसे बना इसकी जांच की मांग करेंगे,साथ ही साथ रोज के धुवां से तीन चार की मौत हुई है उसका भी सर्वे कर के राज्य सरकार और केंद्र सरकार को देंगे।वहीं पर्यावरण विभाग के साथ साथ,गिरिडीह के सभी उच्च अधिकारी को आवेदन देंगे,साथ ही साथ पब्लिक पिटिशन देकर कोर्ट से आकांक्षा पर मुकदमा दर्ज करेंगे।

बता दें कि आज माले के विधानसभा प्रभारी और पूर्व वार्ड कमिश्नर शिवम आज़ाद के साथ सैकड़ों की संख्या में महिला- पुरुष कचड़ा डंपिंग यार्ड के सामने, लगभग दस बजे दिन पहुंच गए,और आकांक्षा गाड़ी के कचड़ा को गिरने से थोड़ा देर के लिए रोका,कचड़ा में आग लगने से वार्ड के एक भी बच्चे बूढ़े जवान रात को सो नहीं पाते हैं। रात में 36 वार्ड के कचड़ा डंपिंग यार्ड में आग लगा दिया जाता है,जहरीला धुवां चारो तरफ फैल जाता है,रात में जीना मुहाल है,जब इस प्रकार की बाते चल रही थी तो माले नेता गिरिडीह विधानसभा प्रभारी को भी जनता ने याद किया,राजेश सिन्हा स्पॉट पर पहुंचे, उग्र भीड़ को समझाया कहा कि उच्च अधिकारियों से लगातार बात हो रही है जल्द ठोस कदम उठाए जाएंगे,लेकिन जनता चुकी रोज झेल रही है तो बर्दास्त करना मुश्किल हो रहा है, धुवां से तीन चार की मौत हो गई है,आस पास का इलाका परेशान है।

आज महिला पुरुष बच्चे जमा हुए आकांक्षा के विरुद्ध और नगरनिगम के विरुद्ध जोरदार नारे लगाए गए।वार्ड की जनता ने कहा की इस बार तो सिर्फ कचड़ा डंपिंग यार्ड के गेट के सामने गिराया गया है, जल्द कचड़ा पुराना नगरनिगम में जा कर मोहल्ला वाले गिरवाएंगे।

अपडेट:गिरिडीह में भी विद्युत प्रवाह की चपेट में हाथी की हुई मौत

गिरिडीह:जिले में ताराटांड़ थाना क्षेत्र अंतर्गत निमाटांड़ गांव के पास बुधवार आधी रात को एक हाथी की मौत करंट से हो गई। ग्रामीण इलाके से सुरक्षित बाहर निकालने के वन कर्मी व ग्रामीण हाथियों को खदेड़ रहे थे।

इसी दौरान एक हाथी करंट प्रवाहित झूलते हुए तार की चपेट में आ गया। जिससे घटनास्थल पर ही हाथी का दम टूट गया। बताया गया कि मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के झलकडीहा गांव के समीप जंगल से ग्रामीणों व वन विभाग के कर्मी हाथियों के झुंड को खदेड़ते खदेड़ते उसरी नदी पार कर के ताराटांड़ थाना क्षेत्र के मरखोगुंडी गांव पहुंचे।

मरखोगुंडी गांव के ग्रामीणों ने हाथियों के झुंड को खदेड़ा।निमाटांड़ गांव से गुजरने के दौरान एक हाथी बिजली तार के संपर्क में आ गया। लोगों का ध्यान उस हाथी पर नहीं गया। अन्य हाथियों के झुंड को खदेड़ कर पुनः मुफ्फसिल थाना थाना क्षेत्र की सीमा उसरी फाल के क्षेत्र में पहुंचा दिया गया।जबकि हाथियों का झुंड गुरुवार की शाम वहीं डेरा डाले हुए है।

गिरिडीह:डीसी विपत्रों के समायोजन एवं रुर्बन मिशन अंतर्गत कार्यान्वित योजनाओं की हुई समीक्षात्मक बैठक

गिरिडीह:आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी,नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में डीसी विपत्रों का समायोजन एवं रुर्बन मिशन अंतर्गत कार्यान्वित योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक की गई।

इस दौरान उपायुक्त द्वारा विभिन्न विभागों के डीसी विपत्रों की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया गया कि जिन विभागों द्वारा एसी बिल की निकासी की गई है, वे सभी विभाग अपने-अपने कार्यालयों के एसी बिल के विरुद्ध डीसी बिल के लंबित मामलों की स्थिति जांच करते हुए यह सुनिश्चित कर लें कि संबंधित कार्यालय का डीसी विपत्र समायोजन लंबित नहीं है। अगर एसी विपत्र की निकासी हुई है और डी सी विपत्र से समायोजन नहीं किया गया गया है, वैसे कार्यालय डीसी विपत्र का समायोजन कर लें।

इसके उपरांत उपायुक्त ने रूर्बन मिशन योजना अंतर्गत संचालित विभिन्न विकास योजनाओं की समीक्षा की। इस संबंध में उपायुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों को महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। रूर्बन मिशन योजना अंतर्गत गिरिडीह जिले में संचालित विभिन्न परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति की विस्तृत जानकारी ली एवं लक्ष्य के अनुरूप कार्यों को ससमय पूर्ण करने का निर्देश दिया।

गिरिडीह:नाबालिग लड़की की यूपी के अधेड़ से शादी कराने के दौरान मंदिर में पहुंच पुलिस ने किया गिरफ्तार

गिरीडीह: मुफ्फसिल थाना क्षेत्र अंतर्गत बीती रात करीब साढ़े ग्यारह बजे थाना प्रभारी कमलेश पासवान को सूचना मिली कि शहर से मुफ्फसिल थाना इलाके के झरियागादी शिव मंदिर में एक लड़की की शादी उत्तर प्रदेश के दूल्हे संग करायी जा रही है। यह भी सूचित किया गया कि लड़की नाबालिग है।

थाना प्रभारी ने पूरे मामले के बारे में एसपी दीपक कुमार शर्मा और एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह को अवगत कराया और फिर पुलिस की तीन टीम को उस स्थान पर भेजा. यहां पुलिस की टीम पहुंची और दोनों पक्ष के लोगों को थाना लायी।

इस दौरान महिला पुलिस की मौजूदगी में थाना प्रभारी ने लड़की से उसकी शिक्षा के संबंध ने जानकारी ली। लड़की ने बताया कि वह एक वर्ष पूर्व कक्षा आठ में पढ़ती थी।एक साल से स्कूल नहीं गई है।लड़की ने कहा कि उसके घरवाले गरीब हैं और दहेज नहीं दे सकते इसलिए उसकी शादी परदेस में करा दी गई है। लड़की की बात सुनने के बाद थाना प्रभारी ने उसके पिता से बात की। बताया कि कम उम्र में शादी उस पर लड़की से लड़के के उम्र में दो गुणा से अधिक का अंतर किस तरह से नुकसान पहुंचा सकता है।यह भी बताया कि बच्चियों की पढ़ाई से लेकर भविष्य को लेकर सरकार किस तरह कल्याणकारी योजना चला रही है। परिजनों से बात करने के बाद थाना प्रभारी ने कहा कि दूसरे प्रदेश के दूल्हे के साथ नाबालिग लड़की की शादी की सूचना पर कार्रवाई हुई है।अभी सभी पहलुओं पर जांच हो रही है।

गिरिडीह के गांडेय थाना क्षेत्र के फुलची पंचायत में में हाथी की करेंट लगने से मौत

गिरिडीह के गांडेय थाना क्षेत्र के फुलची पंचायत में करंट लगने से एक हाथी की मौत हो गई है. बता दें कि पिछले तीन दिनों से प्रखंड के विभिन्न इलाके में 42 हाथियों का झुंड विचरण कर रहा है.

गिरिडीह: जेन्डर सेंसिटीव एप्रोच टू चाइल्ड प्रोटेक्शन विषय पर एकदिवसीय सेमिनार का आयोजन


गिरिडीह:आज समाहरणालय सभागार कक्ष में जिला बाल संरक्षण इकाई, समाज कल्याण शाखा, गिरिडीह एवं स्वैच्छिक संगठन तेरे देश होम्स के संयुक्त तत्वाधान में जेन्डर सेंसिटीव एप्रोच टू चाइल्ड प्रोटेक्शन विषय पर जिला स्तरीय एकदिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। 

इस कार्यक्रम का शुभारंभ समाज कल्याण,बाल कल्याण समिति एवं किशोर न्याय के द्वारा किया गया। टीडीएच द्वारा आयोजित कार्यक्रम के उद्देश्य एवं कार्य-प्रणाली के बारे में विस्तार से बताया गया। कार्यक्रम के आयोजन के क्रम में उपस्थित प्रतिभागियों के द्वारा ग्रुप डिस्कशन एवं ग्रुप एक्टिविटी के माध्यम से भी लिंग-भेद / असमानता के संबंध में स्पष्ट तौर पर विचारों को व्यक्त किया गया।

जिला स्तरीय कार्यशाला के बाद बच्चों और युवाओं के साथ कार्यशाला हुई। स्वैच्छिक संगठन- टीडीएच एवं इसकी सहयोगी संख्या -जागो फाउंडेशन , गिरिडीह द्वारा। बच्चों और युवाओं के साथ सत्र में सभी बच्चों ने अपनी कल्पना के आधार पर विभिन्न चित्र बनाए और सबसे अच्छा दोस्त और आपके सपने जैसे विषय दिए गए। 

कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी, गिरिडीह द्वारा किया गया।

अबुआ आवास योजना को लेकर उपायुक्त, नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन


गिरिडीह: आज समाहरणालय सभागार कक्ष में उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी, नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में अबुआ आवास योजना को लेकर जिले के सभी प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। 

इस दौरान उपायुक्त, नमन प्रियेश लकड़ा ने प्रेस बंधुओं को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी योजना अबुआ आवास योजना राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब गृहविहीन लोगों को पक्का घर उपलब्ध कराने हेतु कृत संकल्पित है। जिले में ऐसे लोग जो गृहविहीन है या कच्चे घरों में रह रहे हैं। ऐसे गरीब लोगों को पक्का घर उपलब्ध कराने हेतु राज्य संपोशित योजना के रूप में अबुआ आवास योजना प्रारम्भ किया गया है। अबुआ आवास योजना के अन्तर्गत तीन कमरों का पक्का मकान एवं रसोई घर बनाया जाएगा, जिसका क्षेत्रफल 31 वर्गमीटर होगा। 

राज्य सरकार द्वारा अबुआ आवास योजना अन्तर्गत तीन कमरों सहित स्वच्छ रसोई घर का प्रावधान किया गया है। अतएव योग्य लाभुक के लिए अबुआ आवास योजना अन्तर्गत आवास निर्माण के लिए सहयोग राशि बढ़ाकर दो लाख (2,00,000/-) रू० का प्रावधान किया गया है। साथ ही लाभार्थी को मनरेगा अन्तर्गत अपने आवास के निर्माण के लिए वर्तमान मजदूरी दर (समय-समय पर संशोधित) पर अधिकतम 95 अकुशल मानव दिवस के समतुल्य राशि अबुआ आवास योजना अन्तर्गत आवास निर्माण हेतु प्राप्त होगा। 

इसके अलावा अबुआ आवास योजना के तहत तीन कमरे के आवास का निर्माण न्यूनतम 31 वर्ग मीटर में किया जाएगा, जिसमें स्वच्छ रसोईघर भी शामिल है। अबुआ आवास योजना घरों को अनिवार्य रूप से परिवार की महिलाओं के नाम पर पंजीकृत किया जाएगा। महिला की मृत्यु या अनुपस्थिति की स्थिति में, परिवार के मुखिया के नाम पर आवास पंजीकृत किया जा सकता है। प्रति यूनिट आवास की सहायता राशि 2.00 लाख होगी। यह योजना 100 प्रतिशत राज्य सरकार सम्पोषित योजना होगी। स्वच्छ भारत मिशन- ग्रामीण (SBM) या किसी अन्य समर्पित स्रोत के साथ अभिसरण के माध्यम से शौचालय निर्माण के लिए सहायता दिये जाने का प्रावधान है। 

साथ ही सभी अबुआ आवास योजना लाभार्थियों को महिला स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत अनिवार्य रूप से आच्छादित किया जाएगा। घर के निर्माण के लिए यूनिट सहायता राशि के अलावा मनरेगा के तहत अधिकतम 95 मानव दिवस अकुशल मजदूरी भुगतान करने का प्रावधान है। मापदंडों के आधार पर लाभार्थियों की पहचान, चयन तथा संबंधित ग्राम सभा के द्वारा चयनित लाभार्थियों का सत्यापन किया जाएगा। लाभार्थियों को सहायता राशि का भुगतान केवल आधार से जुड़े हुए उनके बैंक खातों में हस्तांतरित किया जाएगा।

● लाभार्थियों की पहचान एवं चयन....

लाभार्थियों की पहचान और लाभार्थी चयन में निष्पक्षता एवं पारदर्शिता अबुआ आवास योजना के लक्ष्य को साकार करने की आधारशिला है। इस हेतु यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आवास का लाभ वास्तविक वंचित परिवारों को मिले, अतः लाभुक चयन प्रक्रिया को उद्देश्यपूर्ण और सत्यापन योग्य बनाया जाएगा। 

अतएव इच्छुक लाभार्थी सीधे प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को आवेदन ऑनलाईन या ऑफलाईन कर सकेंगे। प्राप्त आवेदनों के आधार पर जाँच टीम द्वारा प्रखण्डों में सत्यापन/सर्वेक्षण/जाँच का कार्य किया जाएगा एवं तदोपरांत प्राथमिकता सूची तैयार की जाएगी।

● लाभार्थी चयन के मापदण्ड...

इस योजना का लाभ राज्य के उन ग्रामीणों को दिया जाएगा, जो गरीब व अभावग्रस्त हैं। साथ ही योजनान्तर्गत वैसे लाभुकों का चयन किया जा सकेगा, जो निम्न श्रेणी में आते हैं।

1. कच्चे घरों में रहने वाले परिवार (निर्धारित अंक-2)।

2. आवासविहीन एवं निराश्रित परिवार (निर्धारित अंक-2)।

3. विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह के परिवार (निर्धारित अंक-1)।

4. प्राकृतिक आपदा के शिकार परिवार (निर्धारित अंक-1)।

5. कानूनी तौर पर रिहा किये गये बंधुआ मजदूर (निर्धारित अंक-1)।

6. वैसे परिवार, जिन्हें पूर्व में राज्य सरकार अथवा केन्द्र सरकार द्वारा संचालित आवास योजना, यथा-प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण/बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर आवास योजना/बिरसा आवास योजना/इंदिरा आवास योजना इत्यादि आवास का लाभ नहीं दिया गया हो (निर्धारित अंक-1)।

उपर्युक्त पात्रता मापदंड के अनुसार लाभार्थी की स्थायी प्रतीक्षा सूची ग्राम सभा में तैयार की जाएगी। अधिकतम मापदंडों को पूरा करने वाले परिवारों को उनकी विशेष श्रेणी (अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति/पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक/सामान्य) में अधिकतम अंक प्राप्त होगा। इसका मतलब है कि यदि कोई विशेष परिवार छः मानदंडों को पूरा करता है तो उसे 8 अंक मिलेंगे और उसे अपनी श्रेणी में सर्वाेच्च प्राथमिकता मिलेगी। इस प्रकार पात्र परिवारों को 1-8 के बीच प्राथमिकता अंक दिए जाएंगे और आगे सभी को तदनुसार रैंक दिया जाएगा और ग्राम सभा में स्थायी प्रतीक्षा सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा।

(ख) स्थायी प्रतीक्षा सूची तैयार करते समय यदि दो या दो से अधिक परिवारों को समान अंक मिलते हैं, यानी बराबरी की स्थिति में प्राथमिकता निम्नलिखित मापदंडों के अनुसार तय की जाएगी:

1. परिवार, जिसमें कोई वयस्क सदस्य नहीं हो।

2. दिव्यांग सदस्य वाले परिवार।

3. महिला प्रधान परिवार, जिसमें कोई वयस्क पुरुष सदस्य न हो।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपरोक्त के आलावा निदेशक डीआरडीए, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधि व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

उच्च शिक्षा से वंचित बच्चों को गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना से किया जायेगा लाभान्वितः-उपायुक्त


गिरिडीह: उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी, श्री नमन प्रियेश लकड़ा के द्वारा जानकारी दी गई कि झारखण्ड राज्य में गुरूजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत राज्य में 10वीं/12वीं कक्षा उत्तीर्ण ऐसे विद्यार्थी, जो आर्थिक कारणों से उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते है, उनको आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु झारखण्ड राज्य में गुरूजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना लागू किया गया है। 

इससे राज्य के छात्रों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र/संस्थान जैसे-इंजिनियरिंग, मेडिकल,लॉ,रिसर्च, आईआईटी,आईआईएम आदि में शिक्षा प्राप्त करने में सुविधा हो सकेगी। इस योजना के अन्तर्गत 10/12वीं कक्षा उत्तीर्ण प्रत्येक इच्छुक तथा अर्हत्ता प्राप्त विद्यार्थी को बैंकों से जोड़कर शिक्षा ऋण उपलब्ध कराने का उद्देश्य है। इसके अलावा गुरूजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का क्रियान्वयन वित्तीय वर्ष 2023-24 से किया जाना है।

 उक्त के आलोक में जिला स्तर पर गुरूजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना संबंधी निम्न कार्रवाई करना सुनिश्चित किया जाय-

इस योजना से आवेदक को 15 लाख रूपये तक का ऋण,04 प्रतिशत प्रतिवर्ष के साधारण व्याज दर पर आसान ऋण,आवेदक से कोई संपार्शिवक (कोलेटरल) नहीं लिया जाएगा, 15 साल तक ऋण चुकाने की अवधि, कोर्स पूरा होने उपरांत ऋण चुकाने हेतु एक वर्ष तक स्थगन मोरेटोरियम का विकल्प,पाठयक्रम शुल्क और छात्रावास जैसे संस्थागत खर्चों के लिए कवरेज,गैर-संस्थागत खर्चों जैसे मेस शुल्क, यात्रा आदि के लिए अधिकतम 30रू ऋण के उपयोग का प्रावधान, 2000 से भी अधिक मेधावी छात्रों को ऋण प्रदान करने के लिए बजट का प्रावधान किया गया है।

● कौन आवेदन कर सकते है....

● डिप्लोमा पाठ्यक्रम हेतु झारखण्ड राज्य स्थित मान्यता प्राप्त स्कूल से दसवी कक्षा उत्तीर्ण। 

● स्नातक, स्नाकोत्तर और डॉक्टरेट पाठ्यक्रमों के लिए झारखण्ड राज्य स्थित मान्यता प्राप्त स्कूल से दसवी और बारहवी कक्षा उत्तीर्ण छात्र।

● ऐसे शैक्षणिक संस्थानो में एडमिशन सुरक्षित करना होगा जो एनआईआरएफ की ओवरऑल सूची में 200 रैंक तक है या संस्थानों के संबंधित व्यक्तिगत श्रेणी में एनआईआरएफ रैंक 100 तक है या जिन्हें नैक द्वारा ‘ए’ या उससे उपर का दर्जा प्राप्त हो।

● 40 वर्ष से अधिक की आयु नही होनी चाहिए। 

● संबंधित कोर्स के लिए किसी भी बैंक से पूर्व से शिक्षा ऋण नही मिला हो।

इस योजना का पूर्व लाभार्थी नहीं होना चाहिए।

गिरिडीह: दो अल्पव्यस्क लड़कियों के साथ जंगल में बलात्कार,वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में किया वायरल

गिरिडीह: सोशल मीडिया और ऑनलाइन सुविधा का अपराधियों द्वारा धड़ल्ले से दुरुपयोग किए जाने के मामले सामने आ रहे हैं। वर्चुअल वर्ल्ड ने जहां लोगों के जीवन की गोपनीयता भंग करके रख दी है।वहीं अपराधी इनके माध्यम से बड़े-बड़े अपराधों को अंजाम देने में लगे हैं।जिससे पीड़ितों की जिंदगी दांव पर लग जा सकती है। ऐसा ही एक मामला गिरिडीह जिले से सामने आया है।

जिले में तिसरी थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव में दो नाबालिग किशोरियों के साथ तीन युवकों द्वारा जबरन शारीरिक संबंध बनाने व अश्लील वीडियो बनाकर वायरल करने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। आरोप उसी गांव के युवकों पर लगा है।

मामले को लेकर पीड़ित द्वारा तिसरी थाने में लिखित शिकायत की गई है।प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों नाबालिग किशोरियाँ सोमवार की शाम चार बजे पत्ता तोड़ने के लिए गांव से कुछ दूरी पर स्थित जंगल की ओर गई थीं। तभी मामले के आरोपित तीनों युवक वहां आ पहुंचे। 

जैसा आरोप है उसके मुताबिक उन युवकों ने दोनों किशोरियों को जान से मारने का भय दिखाकर उनको अपने कब्जे में ले लिया।जिसके बाद उनमें से दो युवकों ने दोनों किशोरियों के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाया।

वहीं आरोप है कि तीसरे युवक ने पूरे घटनाक्रम का अश्लील वीडियो बना लिया।जिसमें से कुछ वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर भी वायरल करने की बात सामने आ रही है। इधर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।