सभी कष्टों से मुक्ति दिलाती है श्रीमद्भागवत कथा-बालक दास

खजनी गोरखपुर।बच्चे के जन्म लेते ही दुनिया के संबंधों से उसका परिचय कराया जाता है। बड़े होने पर अपनी देंह और रूप का अभिमान फिर पैसे कमाने यश समृद्धि बढ़ाने की चिंता, वृद्ध होने पर परिवार मोह माया का जंजाल, दुनियां में जीवन भर जीव को ईश्वर से दूर रखने के बहुतेरे उपाय है। किंतु अंत में जब शरीर से राम निकल जाते हैं तब उसे याद दिलाया जाता है कि 'राम नाम सत्य है।'

जबकि इस संसार में सिर्फ राम नाम अर्थात ईश्वर ही सत्य है इसका एहसास हमें हमेशा बनाए रखना चाहिए।उक्त विचार खजनी कस्बे के निकट बरीबंदुआरी गांव के काली मंदिर परिसर में श्रीमद्भागवत कथा महापुराण के दूसरे दिन व्यास पीठ से संत बालक दास ने जी ने श्रद्धालु श्रोताओं के समक्ष व्यक्त किए।

इस दौरान उन्होंने द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण के इस संसार को छोड़कर स्वधाम जाने और एक बहेलिए के द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के श्री चरणों में तीर मारने की कथा का विस्तार पूर्वक वर्णन किया। उन्होंने बताया कि इस संसार में नेक और पुण्य कर्मों से ही मनुष्यता की पहचान होती है। हमारे सत्कर्म ही लोगों को युगों-युगों तक याद रहते हैं।

अतः लोकहित के पावन पुनीत कार्यों को करने का कोई भी अवसर हमें नहीं चूकना चाहिए। कथा में मुख्य यजमान रामप्रताप राम तिवारी, कैलाश तिवारी,राम समुझ तिवारी, संतोष तिवारी ,वशिष्ठ तिवारी, अर्पित,अभिषेक,राममणि समेत दर्जनों महिलाएं और श्रद्धालु श्रोता मौजूद रहे।

कथा सुनने से आनंद मिलता है: आसीत कृष्ण शास्त्री

गोलाबाजार गोरखपुर। कथा जीवन की माया से जीव को उबारती है, जीवन में आई कठिनाइयां, दु:ख, दरिद्रता, समस्या का समाधान धर्म के पथ पर चल कर सत्संग और कथा श्रवण से संभव है। कथा सुनने से आनंद मिलता है। उक्त बातें गोला विकास खंड के भटनीपार खुर्द में आयोजित श्री श्री शतचंडी महायज्ञ एवम श्री राम कथा में प्रयाग राज से पधारे मानस मर्मज्ञ आसीत कृष्ण शास्त्री ने श्रद्धालुओं को व्यास पीठ से कथा का रसपान कराते हुए व्यक्त की।

आगे उन्होंने कहा कि हम सभी परमात्मा की संतान है। अन्य को जानने से पहले मनुष्य को पहले स्वयं को जानना चाहिए।

इसके पूर्व कथा का शुभारंभ पूर्व नेशनल पीजी कालेज बड़हलगंज के पूर्व प्राचार्य डा. शिव दत्त तिवारी ने व्यास पीठ की आरती करके हुआ।

संचालन पूर्व जिला पंचायत सदस्य सत्यप्रकाश यादव ने किया। अंत में कथा के प्रमुख आयोजक उपेंद्र नाथ मिश्र ने सभी आगंतुकों का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से श्री देव मिश्र, रामनारायण मिश्र, डा. देवेंद्र मिस्र, श्याम मनोहर मिश्र, अशोक मिश्र, राकेश मिश्र, शशिधर मिश्र, चंद्र धर मिश्र, शिव प्रसाद मिश्र, प्रेम सागर मिश्र,रामाकांत यादव, मिथिलेश यादव, अतुल मिश्र आदि लोग उपस्थित रहे।

विश्व मत्स्य दिवस पर निषाद आरक्षण महापंचायत का हुआ आयोजन, पूर्व सपा जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में निषादों ने भरी हुंकार

गोरखपुर। विश्व मत्स्य दिवस पर कलेक्ट्री कचहरी सभागार में "निषाद आरक्षण महापंचायत" कार्यक्रम सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगीना प्रसाद साहनी ने किया तथा संचालन डॉक्टर गंगासागर निषाद ने किया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी ने कहा कि भाजपा के राज में निषादों को आरक्षण न देकर निषाद समाज को धोखा दिया जा रहा है ।हम सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं।

निषाद समाज के लोग आरक्षण लेने के अभियान में जुट जाइए पूर्व की सरकारो में दिवगंत नेताजी स्व. मुलायम सिंह यादव व माननीय अखिलेश यादव ने अपनी समाजवादी सरकार में निषाद समेत 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसुचित जाति में शामिल कर जाति प्रमाण जारी करने का शासनादेश जारी किया था लेकिन जो बाद में कोर्ट द्वारा रोक‌ दिया गया, लेकिन लगभग 7 साल से उत्तर प्रदेश में व 9 साल से देश में भाजपा सरकार होने के बाद भी अब तक निषादों को अनुसुचित जाति की सुविधा नहीं मिल पायी।

विधान सभा व लोकसभा चुनाव में भाजपा ने निषादों का सम्मेलन कर योगी जी व मोदी जी ने कहा था कि भाजपा सरकार बनी तो निषादों को अनुसुचित जाति में शामिल किया जायेगा लेकिन भाजपा ने निषादों को आरक्षण न देकर धोखा देने का काम किया है आज निषादों की आर्थिक शैक्षिणिक व प्रशासनिक स्थिति दलितों से भी खराब है।

निषादों को आरक्षण दिलवाने के नाम पर पार्टी बनाकर भाजपा के साथ मिलकर सत्ता में रहने‌ वाले नेता भी आरक्षण का नाम भूल गये है। निषाद समाज ने अब ठान लिया आरक्षण नहीं तो वोट नहीं। अगर भाजपा सरकार सामान्य जाति को 10 प्रतिशत आरक्षण एक दिन में दे सकती है तो निषादों को क्यों नहीं।

अब निषाद समाज ने यह जान लिया की यह लोग केवल निषादों का वोट लेते है और बाद में उन्हें धोखा देते हैं। विश्व मछुआरा दिवस पर आरक्षण की लड़ाई को गति देने के लिए आप सभी निषाद समाज के लोग आज अपने-अपने घरों में पांच दीपक जलाएं कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सपा के पूर्व जिला अध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी कुंवर हरी लाल निषाद इंजीनियर सरवन कुमार निषाद कमांडर रामविलास निषाद देवेंद्र भूषण निषाद रामाश्रय बलवंत निषाद राजाराम निषाद रामू निषाद रामरति नायक गणेश निषाद हरिनारायण निषाद सरवन निषाद प्रेमचंद निषाद रमेश निषाद अवधेश निषाद दिनेश निषाद भृगुनाथ निषाद रामचंद्र निषाद राम कृपाल निषाद दिलीप देवी दिन रामकेवल गुड्डू बाके राम लक्ष्मण मनोज महेंद्र निषाद आदि मौजूद रहे।

आपकी सुरक्षा करते हुए दुर्घटना की सूचना भी देगा यह हेल्मेट

सहजनवां, गोरखपुर।भारतवर्ष मे 21 नवम्बर सड़क यातायात पीड़ितों के लिए विश्व स्मरण दिवस के रूप मे मनाया जाता हैं, इस अवसर पर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा, गोरखपुर मे मैकेनिकल द्वितीय वर्ष के तीन छात्र शुजीत यादव, शुभम कुमार, आदित्य यादव, ने मिलकर अपने विभाग के विभागाध्यक्ष विनीत राय के नेतृत्व में एक ऐसा हेलमेट तैयार किया है जो ना केवल सड़क दुर्घटना मे आप के जान की सुरक्षा करेगा बल्कि दुर्घटना होने पर आप के परिवार व डॉक्टर को कॉल भी करेगा।

जिससे समय रहते दुर्घटना होने पर वाहन चालक का उपचार कर उसकी जान बचाई जा सके | इसके साथ ही छात्रों द्वारा बनाया गया हेलमेट वायु प्रदुषण से भी आप को बचाता है l छात्रों ने हेलमेट को पी.पी.एच. हेलमेट का नाम दिया है। छात्र सुजीत यादव ने बताया प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटना मे लाखों लोंगो की जाने चली जाती है l इन सभी समस्याओ को ध्यान में रख कर हम लोंगो ने हेलमेट को तैयार किया है |

हेलमेट मोटरसाइकिल चलाते वक्त हेलमेट में लगे डिवाइस को मोबाइल से कनेक्ट करना होता है कनेक्ट होने पर हेलमेट में लगा डिवाइस एक्टिव हो जाता है हेलमेट में एक इमरजेंसी बटन लगा है जिसे दबाने पर सेट एम्बुलेंस डॉक्टर या परिवार के सदस्य के नंबर पर कॉल चला जाता है जिससे समय रहते दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचा कर उनकी जान बचाई जा सके|

छात्र शुभम ने बताया हमने बढ़ते वायु प्रदुषण को भी ध्यान में रखते हुए हेलमेट के ऊपरी हिस्से में एक एयर फ़िल्टर लगाया है जो प्रदूषित वायु को फ़िल्टर कर हेलमेट के अंदर शुद्ध हवा पहुँचता है l आईटीएम के निदेशक डॉ0 एन के सिंह ने बताया हमारे कॉलेज में इन्नोवेशन लैब है जिसमें हमारे छात्र समय -समय पर अपने आईडिया पर रिसर्च कर प्रोजेक्ट तैयार करतें रहते है, इस बार छात्रों ने बढ़ते वायु प्रदुषण व सड़क दुर्घटना से लोंगो की सुरक्षा के लिये खास हेलमेट तैयार किया है जिससे आने वाले दिनों में लोंगो को काफ़ी मदद मिलेगी l

हेलमेट को बनाने में 10 दिनों का समय लगा व लगभग दो हजार रूपये का खर्च आया है l इसे बनाने में, ब्लूटूथ मॉडुल, 3,7 वोल्टेज बैटरी, एयर फ़िल्टर, रेड एनडीकेटर, हेलमेट का प्रयोग किया गया है l

इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्यामबिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल सहित संस्थान के सभी शिक्षकों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई दिया l

स्थानीय पत्रकारों का 10 लाख का दुर्घटना बीमा करायेंगी आईजीएल

गोरखपुर। इंडिया ग्लाईकॉल्स लिमिटेड गीडा के बिजनेस हेड एस के शुक्ल के नेतृत्व में 22 नवम्बर को कंपनी परिसर में ट्रक चालकों का एक सम्मान समारोह आयोजित किया जा रहा है जिसमे लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पत्रकारों को भी दस लाख का दुर्घटना बीमा कंपनी द्वारा दिया जायेगा।

वरिष्ठ प्रबंधक प्रशासन एवं जनसंपर्क डॉ सुनील कुमार मिश्रा ने बताया की यह कार्यक्रम सिर्फ पत्रकार बंधू एवं चालको के लिए है।और कहा की सभी ट्रक चालकों को भी दुर्घटना बीमा दिया जायेगा तथा सभी को एक हेल्थ कार्ड भी दिया जाएगा। कार्यकम आईजीएल परिसर में सुबह ९ बजे से प्रारम्भ होगा।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लोकप्रिय विधायक सहजनवा श्री प्रदीप शुक्ल है और सह मुख्य अतिथि सीईओ गीडा श्रीमती अनुज मालिक (आईएएस ) है। उपरोक्त सूचना वरिष्ठ प्रबंधक प्रशासन एवं जनसम्पर्क डॉ सुनील कुमार मिश्रा ने दिया है।

कुलदेवता राजराजेश्वर की हर्षोल्लास से मनाई गई जयन्ती

गोलाबाजार गोरखपुर। गोला उपनगर स्थित पुराने गांधी आश्रम के पास वार्ड संख्या 19 में स्थित प्रसिद्ध राम जानकी मन्दिर में जायसवाल समाज के तत्वावधान में सोमवार की देर शाम भगवान राजराजेश्वर सहस्त्रबाहु अर्जुन कुल देवता का जयन्ती समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें जायसवाल समाज के लोगों ने उनके विचारों आदर्शों पर चलने का संकल्प लेते हुए उपनगर के अधिक संख्या में समाज के लोगों ने भगवान कुलदेवता राजराजेश्वर सहस्त्रबाहु अर्जुन के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित व अगरबत्ती आदि से विधि विधान से आरती उतारकर भगवान के जयकारों के साथ पूजा अर्चन किया और हर्षोल्लास से जयन्ती मनाई गई।

इसके पश्चात जयंती समारोह के आयोजक समाजसेवी व जायसवाल समाज के अध्यक्ष मनीष जायसवाल ने कहा कि भगवान राजराजेश्वर सहस्त्रबाहु अर्जुन कुलदेवता का जयंती समारोह में सहभागी श्रद्धालु भक्तगणों को भगवान सुख समृद्धि प्रदान करें। हम सभी को अपार हर्ष है कि अपने कुलदेवता की जयंती को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। आगे हम लोगों को जयन्ती समारोह का आयोजन करने का अवसर हमेशा प्राप्त होता रहे भगवान से यही प्रार्थना है।

जायसवाल समाज के कोषाध्यक्ष सुरेश जयसवाल डॉ संजय जायसवाल गुलशन जायसवाल अंजीत जायसवाल राजकुमार जायसवाल विपिन जायसवाल विनोद जायसवाल सिंटू जायसवाल पिंटू जायसवाल आदित्य जायसवाल (अंकित बाबू) आकाश जायसवाल अंकित जायसवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किया।

इस अवसर पर अनिल जायसवाल आदित्य डॉ राजेश जायसवाल शिव जायसवाल विजय जायसवाल मुकेश जायसवाल सुरेश मद्धेशिया शंभू जायसवाल किंकर जायसवाल दीपू जायसवाल वीरेंद्र जायसवाल राहुल जायसवाल शेर जायसवाल अमित नीरज राकेश संदीप राजेंद्र पप्पू विकास दया अमन जायसवाल सहित आदि जायसवाल समाज के लोग मौजूद रहे।

हरपुर-बुदहट पुलिस ने गड्ढे में बहा दी लाखों कि शराब

सहजनवां, गोरखपुर। हरपुर-बुदहट थाना पुलिस ने 21 नवम्बर दिन मंगलवार को लाखों कि कीमत की कच्ची शराब गड्ढे में बहा दी। यह कुछ समय पहले थाना क्षेत्र से बरामद किया गया था। एसपी के निर्देश पर शराब का विनिष्टीकरण किया गया।

पुलिस ने तस्करों से काफी जगह से भारी मात्रा में शराब बरामद किया था। पुलिस द्वारा इस समय विनिष्टीकरण का अभियान चलाया जा रहा है उसी क्रम में न्यायालय के आदेश के अनुपालन के क्रम में आज हरपुर-बुदहट में थाना प्रभारी महेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में भारी मात्रा में बरामद कच्ची शराब को नष्ट कराया गया है जेसीबी से गड्ढा खुदवाकर ढकवाया गया है इस मौके पर थाना प्रभारी अमरपुर महेंद्र मिश्रा अच्युतानंद राय तनवीर अहमद खान गोरखनाथ यादव एवं अन्य पुलिसकर्मी मौजूद है।

प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को किया गया सम्मानित

गोलाबाजार, गोरखपुर। शिक्षा के साथ -साथ खेलों का भी विशेष महत्व है।खेल से शारीरिक व मानसिक विकास होता है। पढ़ाई एवम खेल में लक्ष्य निर्धारण व एकाग्रता का होना अत्यंत आवश्यक है। लक्ष्य निश्चित हो तो सफलता भी निश्चित है। उक्त बातें गोला विकास खंड के कंपोजिट विद्यालय मदरिया में प्राथमिक शिक्षक संघ गोला द्वारा आयोजित जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता में प्रतिभाग किए नीबी संकुल के प्रतिभावान खिलाड़ियों को सम्मानित करते हुए शिक्षक दिवाकर मौर्य ने कही।

शिक्षक कुमैल असरफ ने कहा कि खेल अनुशासन के साथ आत्मनियंत्रण सिखाता है। संघ के संघटन मंत्री रामनयन शुक्ल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं उन्हे अवसर उपलब्ध कराने की जरूरत है।शिक्षक रवींद्र यादव ने कहा कि प्राथमिक शिक्षक संघ गोला द्वारा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों सम्मान करने से अन्य बच्चों को भी प्रेरणा मिलेगी।

नीबी संकुल के ये खिलाड़ी एवं कोच हुए सम्मानित प्राथमिक विद्यालय मदरहा के सचिन कुमार कंपोजिट विद्यालय मदरिया के शिवम रामजनम निखिल निकेश सत्यम शुभम ऋतिक श्यामनारायण शेखर शर्मा निकित पासवान अभिषेक मौर्य एवम शिक्षक अमित गुप्ता मुकेश राय एवं मनोज कुमार को पुरस्कृत किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाध्यापक मिथिलेश राय ने किया।संचालन शिक्षक विनोद सिंह ने किया।इस अवसर पर शिक्षक रमेश कुमार बासो मौर्य रमेश मिश्र सूर्य प्रकाश यादव अरविंद पटेल सुशील तिवारी राजेंद्र कुमार विद्याभूषण रागिनी सिंह इंदुमती मनोज कुमार विवेक कुमार हलधर पुष्पा राय आदि लोग मौजूद रहे।

अपने साथ हुई भयावह घटना से सदमे में है, दुष्कर्म पीड़िता छात्रा

खजनी गोरखपुर।छठ पूजा के दिन देर शाम बांसगांव थाना क्षेत्र के बदरां गांव में हाईस्कूल की छात्रा के साथ हुई गैंगरेप की घटना से पीड़ित छात्रा की हालत में सुधार नहीं हो रहा है।

हादसे को याद करते हुए सदमे में पड़ी छात्र रहरह कर चीख उठती है। रोने लगती है कहीं आत्महत्या न करे यह सोच कर परिवारिजन लगातार उसके समीप बने हुए हैं।

हादसे के बाद अत्यधिक रक्तस्राव के कारण बेहोश हो जा रही गैंगरेप पीड़िता छात्रा को गंभीर हालत में जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था। अस्पताल में मीडिया वालों के हस्तक्षेप और पीड़िता को मानसिक पीड़ा से बचाने के लिए उसके स्वास्थ्य में सुधार होता देख कर उसे दवाएं और चिकित्सकीय परामर्श देकर घर भेज दिया गया था। बता दें कि हाईस्कूल में पढ़ने वाली किशोरी छात्रा के साथ गांव के ही सगे चचेरे भाइयों ने उसे एक सुनसान खाली पड़े मकान में ले जाकर जबरन सामूहिक दुष्कर्म किया था।

छात्रा चीखती चिल्लाती रही और अपने बचाव में छटपटाती हुई हवस के दरिंदों से छोड़ने के लिए हांथ जोड़ कर गुहार लगाती रही। इस बीच अपनी बहन को तलाश करता हुआ उसका छोटा नाबालिग भाई भी घटना स्थल पर पहुंच गया था। जिसे मारपीट कर दोनों दरिंदे घटना स्थल से फरार हो गए थे। गांव में चीख पुकार मची तो कुछ लोग लोकलाज और रेप पीड़िता बिटिया की शादी में आने वाली समस्याओं का हवाला देते हुए उसे मुआवजा दिलाने और घटना को दबाने में जुट गए।

इस बीच जब दर्द से कराहती छात्रा बेहोश हो गई तो उसकी चाची ने आगे बढ़कर पुलिस को सूचना देने और इलाज के लिए निकट स्थित हरनहीं सीएचसी पर ले जाने की सलाह दी थी। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे बांसगांव के क्षेत्राधिकारी, थानाध्यक्ष और हरनहीं के चौकी इंचार्ज ने पीड़िता को उपचार के लिए भेजा जहां से उसे जिले पर रेफर कर दिया गया था।

मामले में बांसगांव पुलिस ने सूझबूझ का परिचय देते हुए पूरी तत्परता दिखाई और संगीन धाराओं में केस दर्ज कर दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया।मिली जानकारी के अनुसार पीड़िता छात्रा के सर से पिता का साया पहले ही उठ चुका था। वक्त से पहले छात्रा ने विधवा मां की परेशानियों को देखते हुए अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी पहचान लिया था।

घर और बाहर मां के काम में हांथ बंटाना और छोटे भाई की जरूरतों का ध्यान रखने के साथ ही अपनी हाईस्कूल की पढ़ाई के लिए वक्त निकालना। समय से पहले ही छात्रा ने जीवन की कठिनाईयों से लड़ने का हौसला बढ़ा लिया था। जवानी की दहलीज पर पहुंचते ही उसने अपने कर्तव्यों का एहसास कर लिया था।

गांव के लोग भी छात्रा के स्वभाव और उसकी मेहनत लगन की तारीफ करते हैं। मेहनत मजदूरी करके विधवा मां अपनी होनहार बिटिया और बेटे की परवरिश कर रही थी।गरीबी के बावजूद उन्हें अपने परिवार के सम्मान और स्वाभिमान की चिंता हमेशा लगी रहती थी।

घर आने के बाद छात्रा की तबीयत आज एक बार फिर बिगड़ने लगी। पीड़िता ने जिला अस्पताल में अपने बयान में बताया था कि दीपक और उपेंद्र ने उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी है। दरिंदों के चंगुल से मुक्त होने के लिए छात्रा परकटे पंक्षी की तरह छटपटाती रही लेकिन हवस के अंधे दोनों दरिंदों ने उसे कसकर दबोच रखा था।

छात्रा अब तक सदमे से उबर नहीं पाई है परिवारीजन उसे दिलासा देने में लगे हुए हैं। बिलखती मां अस्पताल में बिटिया को दिलाशा देती नजर आई, किंतु अपनी लाड़ली से कुछ दूर हटते ही फफक-फफक कर रो पड़ी पीड़िता की मां की जुबान पर ताला लगा हुआ है। उसे अपने बच्चों के भविष्य और उनकी परवरिश की चिंताएं भी सता रही हैं।

बिना चीरे और टांके के होने वाली पुरूष नसबंदी 99.5 फीसदी प्रभावी है: डा. एके चौधरी

गोरखपुर।परिवार नियोजन में पुरूष नसबंदी की भागीदारी के स्थायी साधन का चुनाव उच्च रक्तचाप (बीपी) और शुगर (मधुमेह) के मरीज भी कर सकते हैं । चिकित्सक की सलाह पर उन्हें भी यह सेवा दी जाती है और सामान्य लोगों की तरह वह भी खुशहाल जीवन जी सकते हैं । कई ऐसे लाभार्थी भी हैं जिन्होंने इन बीमारियों के साथ सेवा का चुनाव किया और नसबंदी सफल रही ।तमाम बाधाओं के बावजूद भी गोरखपुर मंडल में पिछले साढ़े तीन वर्षों में 554 पुरूषों ने इस साधन का चुनाव किया है ।

गोरखपुर जनपद के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएच डॉ एके चौधरी का कहना है कि बिना चीरे और टांके के होने वाली पुरूष नसबंदी 99.5 फीसदी प्रभावी है लेकिन कई भ्रांतियों के कारण भी पुरूष इससे बचते रहे हैं ।

डॉ चौधरी का कहना है कि स्वास्थ्य इकाइयों पर परामर्श के दौरान पुरूष नसबंदी के योग्य कई लाभार्थी इस कारण से भी मना करते हैं कि उन्हें उच्च रक्तचाप, शुगर या बढ़े हुए कोलेस्ट्राल की समस्या है । उन्हें इस भ्रांति के प्रति जागरूक किया जाता है और बताया जाता है कि नसबंदी की सेवा चिकित्सक की सलाह पर ही दी जाती है । इन बीमारियों के साथ भी चिकित्सक की निगरानी में सेवा अपनाई जा सकती है ।

गोरखपुर जिले के पिपराइच सीएचसी पर स्वास्थ्यकर्मी दिलीप (45) के मन में भी यह भ्रांति थी कि मधुमेह और रक्तचाप की बीमारी के साथ वह नसबंदी नहीं करा सकते । खून की कमी से पत्नी की तबीयत अक्सर खराब रहती थी, इसलिए पत्नी की नसबंदी से चिकित्सकों ने पहले ही मना कर दिया था । दिलीप बताते हैं कि उनकी शादी सोलह वर्ष पहले हुई थी । एनीमिया के कारण गर्भावस्था की जटिलताओं से उनके कई बच्चे पत्नी की गर्भ में ही नुकसान हो गये । उनकी पांच साल की केवल एक बच्ची ही बच पाई । डेढ़ साल पहले पत्नी की तबीयत काफी खराब हो गई और उनका हीमोग्लोबिन पांच तक आ गया था । बार बार गर्भपात के कारण पत्नी सीवियर एनीमिया की श्रेणी में चली गयी थीं। परिवार नियोजन का कोई साधन न अपनाना भी इसका प्रमुख कारण रहा । दिलीप कहते हैं कि सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ मणि शेखर, फार्माशिस्ट सुरेश यादव, बीपी सिंह और परिवार नियोजन काउंसलर रीना ने उन्हें पुरूष नसबंदी अपनाने की सलाह दी ।

दिलीप नसबंदी करवाने के लिए तो तैयार हो गये लेकिन उन्हें और उनकी पत्नी को डर था कि कहीं बीपी और शुगर के कारण दिक्कत न बढ़ जाए। उन्हें चीफ फार्माशिस्ट सुरेश ने समझाया कि नसबंदी से पहले बीपी और शुगर की जांच की जाएगी और जब चिकित्सक सलाह देंगे तभी नसबंदी होगी । दिलीप ने बताया कि सहकर्मियों के समझाने के बाद नसबंदी का निर्णय लिया और इसी साल जुलाई माह में नसबंदी करवा लिया । डॉक्टर की सलाह के अनुसार चार दिन दवाई ली और इस बीच अपनी नौकरी भी करते रहे । अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं ।

छोटी सी प्रक्रिया है

डॉ एके चौधरी ने बताया कि पुरूष नसबंदी में शुक्राणुवाहक नलिकाओं को बांध दिया जाता है । यह एक छोटी सी प्रक्रिया है जिसके बाद यौन इच्छा या क्षमता पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता है। इस सेवा के लिए उन्हीं पुरूषों का चयन किया जाता है जो विवाहित हों और उनकी आयु 60 वर्ष या इससे कम हो । दंपति के पास कम से कम एक बच्चा हो जिसकी उम्र एक साल की हो चुकी हो । बीपी, शुगर, कोलेस्ट्राल जैसी बीमारियों के साथ चिकित्सक की निगरानी में इस सेवा को अपना सकते हैं ।

बढ़ानी होगी रूचि

मंडलीय परिवार नियोजन लॉजिस्टिक मैनेजर अवनीश चंद्र ने बताया कि इस सेवा के प्रति पुरूषों की रूचि बढ़ाने के लिए प्रयास हो रहे हैं । गोरखपुर मंडल में वर्ष 2020-21 में 105 पुरूषों ने, 2021-22 में 202 पुरूषों ने, 2022-23 में 139 पुरूषों ने और इस वित्तीय वर्ष में अक्टूबर माह तक 108 पुरूषों ने इस सेवा का चुनाव किया है । इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) मंडल के सभी जिलों में सहयोग कर रही है ।

मिथकों से ऊपर उठना होगा

एडी हेल्थ गोरखपुर मंडल डॉ आईबी विश्वकर्मा का कहना है कि केवल वही पुरूष नसबंदी नहीं करवा सकते हैं जिन्हें यौन रोग जैसे एचआईवी, सिफलिस आदि हो या जो अति गंभीर बीमारी जैसे ह्रदय रोग, कैंसर आदि से ग्रसित हों। यौन संक्रमण रोगी पुरूष भी ठीक होने के बाद इस सेवा को चुन सकते हैं । पुरूष नसबंदी सुरक्षित है और अगर कोई दिक्कत होती है तो चिकित्सकीय सहायता सदैव उपलब्ध रहती है।

ऑपरेशन के कुछ घंटों बाद जननांगों में सूजन, तीन दिन के भीतर बुखार और घाव के आसपास दर्द, जलन, पकने या खून आने की दिक्कत हो तो तुरंत चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए। पुरूष नसबंदी के तीन माह तक दंपति को अस्थायी साधन का इस्तेमाल करना होता है और जब शुक्राणु जांच हो जाए तभी नसबंदी को सफल माना जाता है ।