पीएम मोदी और सीएम योगी को बम से उड़ाने की धमकी, दाऊद इब्राहिम गिरोह से कनेक्शन

#threat_calls_name_of_dawood_gang_pm_modi_cm_yogi_target

कुख्यात दाऊद इब्राहिम गिरोह से जुड़े होने का दावा करते हुए एक व्यक्ति ने मुंबई पुलिस कंट्रोल रूम को एक धमकी भरा कॉल किया।मुंबई पुलिस कंट्रोल रूम में फोन करके पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को जान से मारने की धमकी दी गई थी। मामले में एक आरोप को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी शख्स ने दावा किया कि दाऊद गिरोह ने उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हत्या की साजिश रचने का निर्देश दिया था।

पुलिस के मुताबिक, फोन करने वाले ने मुंबई के जाने-माने चिकित्सा संस्थान जेजे अस्पताल को भी निशाना बनाने की धमकी दी। आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 505 (2) के तहत केस दर्ज किया गया है। मुंबई पुलिस आरोपी के दावे की जांच कर रही है।मंगलवार को जारी अधिकारिक बयान में कहा गया है दाऊद इब्राहिम गिरोह के नाम पर मुंबई पुलिस कंट्रोल रूम में धमकीभरा कॉल करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने दावा किया कि गिरोह ने उसे पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को उड़ाने के लिए कहा था। फोन करने वाले ने जेजे अस्पताल को भी बम से उड़ाने की धमकी दी। आईपीसी की धारा 505 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इससे पहले, अक्टूबर में भी मुंबई पुलिस को एक ऐसा ही एक धमकी भरा संदेश मिला था। इसमें भेजने वाले शख्स ने धमकी दी थी कि अगर भारत सरकार 500 करोड़ रुपये का भुगतान करने और कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को रिहा करने में विफल रही तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अहमदाबाद में उनके नाम पर बने स्टेडियम को उड़ा दिया जाएगा। ईमेल में यह भी लिखा था कि आतंकवादी समूह ने हमलों को अंजाम देने के लिए पहले से ही अपने लोगों को तैनात कर दिया है।

खत्म हो सकता है इजराइल-हमास युद्ध! हमास प्रमुख ने दिए संकेत

#hamas_chief_ismail_haniyeh_claim_ceasefire_deal_truce_agreement_near

इजराइल और हमास के बीच पिछले डेढ़ महीने से युद्ध जारी है। इजरायल ने फिलिस्तीनी चरमपंथी समूह हमास को जड़ से खत्म करने के लिए उसके खिलाफ गाजा पट्टी में मोर्चा खोला हुआ है। इस बीच युद्ध विराम को लेकर बड़ी खबर मिल रही है। हमास के प्रमुख ने मंगलवार को रॉयटर्स को बताया कि फलिस्तीनी आतंकवादी समूह इजरायल के साथ एक युद्ध विराम समझौते के करीब है।

हमास के प्रमुख इस्माइल हनीयेह ने अपने सहयोगी द्वारा रॉयटर्स को भेजे गए एक बयान में कहा कि हमास के अधिकारी इजरायल के साथ एक संघर्ष विराम समझौते पर पहुंचने के करीब" हैं और समूह ने कतरी मध्यस्थों को अपनी प्रतिक्रिया दे दी है।

बयान में अधिक विवरण नहीं दिया गया, लेकिन हमास के एक अधिकारी ने अल जजीरा टीवी को बताया कि बातचीत इस बात पर केंद्रित थी कि संघर्ष विराम कितने समय तक चलेगा। गाजा में सहायता पहुंचाने की व्यवस्था और इजरायल में फलीस्तीनी कैदियों के लिए हमास द्वारा बंधक बनाए गए इजरायली बंधकों की अदला-बदली की जाएगी>

इससे पहले इजराइल-हमास जंग के बीच बनाए गए बंधकों को छुड़ाने को लेकर व्हाइट हाउस की तरफ से एक बड़ा बयान आया। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राज्य अमेरिका का मानना है कि कुछ बंधकों की रिहाई को लेकर इजराइल और हमास एक समझौते के काफी करीब हैं। व्हाइट हाउस के स्पोकपर्सन जॉन किर्बी ने बंधक समझौते के बारे में बताते हुए कहा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने सोमवार को कहा है कि उनका मानना है कि इजराइल-हमास बंधकों की डील के लिए अब पहले से ज्यादा करीब हैं।

वहीं, व्हाइट हाउस के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने रविवार को एनबीसी के 'मीट द प्रेस' शो में डील के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा, जब तक डील की हर चीज़ पर सहमती नहीं बन जाती तब तक इस बारे में हम ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते। फाइनर ने आगे कहा, इस तरह की संवेदनशील बातचीत का आखिर समय तक खत्म होने का डर बना रहता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से बताया जा रहा है कि समझौते के तहत इस्राइल पांच दिनों तक युद्धविराम करेगा और इस दौरान जमीन पर युद्धविराम होगा और उत्तरी गाजा में हवाई हमले भी नहीं होंगे। इसके बदले में हमास इस्राइल के 50-100 बंधकों को छोड़ सकता है। जो बंधक छोड़े जाएंगे, उनमें इस्राइली आम नागरिक और विदेशी नागरिक शामिल होंगे लेकिन किसी भी बंधक सैनिक को नहीं छोड़ा जाएगा। इस समझौते के तहत इस्राइल को करीब 300 फलस्तीनियों को भी रिहा करना पड़ सकता है, जो इस्राइल की विभिन्न जेलों में बंद हैं।

राजस्थान चुनावों के लिए कांग्रेस ने जारी किया घोषणापत्र, जानें जनता से किए क्या-क्या वादे?

#congress_manifesto_4_lakh_govt_jobs_for_rajasthan_assembly_election

राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवंबर को मतदान होना है। चुनाव को लेकर जारी सियासी सरगर्मियों के बीच कांग्रेस ने मंगलवार को अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। इस चुनावी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने कई ऐलान किए हैं।कांग्रेस ने राजस्थान में 10 लाख रोजगार देने का वादा किया है। इसके अलावा चार लाख नई सरकारी नौकरियां देने की बात कही गई है।वहीं, महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने जन घोषणा पत्र में कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगेंगे।महिला सुरक्षा हेतु प्रहरियों की नियुक्ति होगी।परिवहन में जारी यात्रा किराए में छूट के अतिरिक्त फ्री मासिक कूपन जारी होंगे।

कांग्रेस घोषणा पत्र की प्रमुख बातें-

1. किसानों के लिए स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक एमएसपी कानून लाया जाएगा।

2. चिरंजीवी बीमा की राशि को 25 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रु किया जाएगा।

3. 4 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाएगी। 10 लाख युवाओं को रोजगार दिया जाएगा।

4. पंचायत स्तर पर सरकारी नौकरी का नया काडर बनाया जाएगा।

5. गैस सिलेंडर अभी 500 रु का मिल रहा है, उसे 400 रु किया जाएगा।

6. राज्य में आईटीई कानून लाकर इसके तहत निजी शिक्षण संस्थाओं में भी 12वीं तक की शिक्षा फ्री की जाएगी।

7. मनरेगा और इंदिरा गांधी शहरी रोजगार में 125 से बढ़ाकर 150 दिन किया जाएगा।

8. छोटे व्यापारियों, दुकानदारों को 5 लाख रु तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाने के लिए व्यापारी क्रेडिट कार्ड योजना शुरू होगी।

9. सरकारी कर्मचारियों को 9,18,27 के साथ चौथी वेतनमान श्रंखला व अधिकारियों को एपेक्स स्केल दिया जाएगा।

10. 100 तक जनसंख्या वाले गांवों और ढाणियों को सड़क से जोड़ा जाएगा।

पहले ही जारी हुईं सात गारंटियां

इस घोषणा पत्र से पहले ही कांग्रेस राजस्थान विधानसभा चुनावों के लिए 7 गारंटियां जारी कर चुकी है। इसमें महिलाओं को सालाना 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता, 500 रुपये में सभी को गैस सिलेंडर, सरकारी कॉलेज के प्रथम वर्ष में दाखिला लेने वाले युवाओं को फ्री टैब या लैपटॉप, 25 लाख रुपये का आपदा राहत बीमा और किसानों से गोबर की खरीद, सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना के लिए कानून व सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को बढ़ावा देने की घोषणा शामिल है।

पिछले सप्ताह बीजेपी ने जारी किया था अपना घोषणापत्र

बीजेपी अपना घोषणा पत्र पिछले सप्ताह ही जारी कर चुकी है। वहीं, सोमवार को अजमेर में चुनावी रैली के लिए पहुंचीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने बीजेपी पर धर्म और जाति की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रियंका ने कहा कि जो लोग धर्म या जाति के नाम पर वोट मांगते हैं। वे अपने काम के आधार पर वोट नहीं मांग सकते।

बता दें कि राजस्थान में आगामी 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसमें मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच है। कांग्रेस ने 2018 में हुए चुनावों के बाद बीजेपी को सत्ता से बाहर कर दिया था और अपनी सरकार बनाई थी।

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान, कहा- बच्चों की आत्महत्या के लिए अभिभावक जिम्मेदार, कोचिंग संस्थान नहीं

#supreme_court_blames_parents_for_student_suicides

देश में छात्रों के बीच बढ़ती आत्महत्या की घटनाएं एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आईं है। इस बीच छात्रों की बढ़ती आत्महत्या को लेकर बड़ा बयान दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए बच्चों के माता-पिता के जिम्मेदार ठहराया। सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों की सुसाइट के बढ़ते मामले पर सुनवाई के दौरान ये बड़ी टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों के बीच गहन प्रतिस्पर्धा और अपने अभिभावकों का ‘‘दबाव'' देश भर में आत्महत्या की बढ़ती संख्या का मुख्य कारण है।अदालत ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें तेजी से बढ़ते कोचिंग संस्थानों के विनियमन का अनुरोध किया गया और छात्रों की आत्महत्याओं के आंकड़ों का हवाला दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पैरेंट्स की चाहत की वजह से बच्चे मौत को गले लगा लेते हैं। माता पिता बच्चों से उसकी क्षमता से ज्यादा उम्मीद लगा लेते हैं। इसके कारण बच्चे दबाव में आ जाते हैं और खुदकुशी जैसे कदम उठा लेते हैं। शीर्ष अदालत मुंबई बेस्ड एक डॉक्टर अनिरुद्ध नारायण मालपानी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने बच्चों की आत्महत्या के लिए कोचिंग सेंटर्स को जिम्मेदार ठहराया था।

इसके साथ ही उन्होंने अपनी याचिका में कोचिंक संस्थानों में मिनिमम स्टैंडर्ड रखने की भी बात कही थी। कोर्ट ने इसको लेकर कानून बनाने वाली बात से इनकार कर दिया। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि गलती बच्चों के माता पिता की है, कोचिंग संस्थानों की नहीं है।

जस्टिस संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ ने हालांकि, बेबसी व्यक्त की और कहा कि न्यायपालिका ऐसे परिदृश्य में निर्देश पारित नहीं कर सकती है।इस दौरान जस्टिस न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, हालांकि, हममें से ज्यादातर लोग नहीं चाहेंगे कि कोई कोचिंग संस्थान हो, लेकिन स्कूलों की स्थितियों को देखें। वहां कड़ी प्रतिस्पर्धा है और छात्रों के पास इन कोचिंग संस्थानों में जाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।

वकील मोहिनी प्रिया के माध्यम से मालपानी द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि वह पूरे भारत में तेजी से बढ़ रहे लाभ के भूखे निजी कोचिंग संस्थानों के संचालन को विनियमित करने के लिए उचित दिशा-निर्देश चाहते हैं जो आईआईटी-जेईई (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-संयुक्त प्रवेश परीक्षा) और नीट (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) जैसी विभिन्न प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं के लिए कोचिंग प्रदान करते हैं। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता को अदालत का रुख करने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि हाल के सालों में प्रतिवादियों (केंद्र और राज्य सरकारों) द्वारा विनियमन और निरीक्षण की कमी के कारण कई छात्रों ने आत्महत्या की है।

बता दें कि इस साल राजस्थान के कोटा में नीट और जेईई की कोचिंग के लिए आने वाले 24 छात्र सुसाइड कर चुके हैं। यह आंकड़ा पिछले 8 सालों में सबसे ज्यादा है. सुसाइड के मामलों पर रोक लगाने के लिए कोचिंग संस्थानों से खास सिफारिशें भी की गई हैं। इसके बावजूद खुदकुशी के मामलों में गिरावट नहीं देखी जा रही है।

10वें दिन टनल में फंसे मजदूरों तक पहुंचा कैमरा,सामने आया पहला वीडियो

#uttarakashi_first_video_of_workers_stuck_inside_the_collapsed_silkyara_tunnel

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए टनल हादसे का आज 10वां दिन है। अभी भी मजदूर अंदर ही फंसे हैं। उन्हें बाहर निकालने की अभी तक की सभी कोशिशें विफल साबित हुई हैं। इस बीच टनल में फंसे 41 मजदूरों की पहली वीडियो मंगलवार को सामने आई है। इस वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि अंदर मजदूरों और सुरंग की हालत कैसी है। यह पहली बार है जब सीसीटीवी कैमरा उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में उस जगह पहुंचा है जहां मजदूर फंसे हैं।

टनल तक पहुंचा कैमरा

सोमवार को मजदूरों की स्थिति देखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था, पर अंदर धूल होने से तस्वीरें साफ नहीं आ पाईं। अब दिल्ली से एंडोस्कोपिक कैमरे मंगाए गए थे जिन्हें आज मंगलवार को पाइप से भीतर पहुंचाया गया। इस दौरान कैमरे से टनल के भीतर फंसे हुए सभी 41 मजदूर दिखाई दिए। राहत की बात यह है कि अभी सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन तक जरूरी सामान पहुंचाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि वॉकी-टॉकी के जरिए मजदूरों से बातचीत भी की गई है। इतना ही नहीं, पाइप के जरिए मजदूरों तक मोबाइल फोन और चार्जर भेजा गया है।

सीएम धामी ने किया ट्वीट

कैमरे के सुरंग में भेजे जाने को लेकर सीएम धामी ने भी ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने लिखा 'सिल्क्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फँसे श्रमिकों की पहली बार तस्वीर प्राप्त हुई है। सभी श्रमिक भाई पूरी तरह सुरक्षित हैं, हम उन्हें शीघ्र सकुशल बाहर निकालने हेतु पूरी ताक़त के साथ प्रयासरत हैं।

टनल में फंसे मजदूरों का जो वीडियो सामने आया है। उसमें देखा जा सकता है कि सारे मजदूर एकसाथ खड़े हुए हैं। रेस्क्यू टीम ने कहा कि हम आपको यहां से देख सकते हैं। इसके साथ ही उन्हें मैसेज दिया गया कि वो कैमरे में लगे माइक के पास जाकर बात करें।

रेस्क्यू में ये संगठन जुटे

वहीं दूसरे तरफ रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर जारी है।बता दें कि रेस्क्यू में भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, एनएचआईडीसीएल, उत्तराखंड पुलिस, एसजेवीएनएल, आरवीएनएल, लार्सन एंड टूब्रो, टीएचडीसी, आपदा प्रबंधन विभाग, जिला प्रशासन, ओएनजीसी, आईटीबीपी, राज्य लोनिवि, डीआरडीओ, परिवहन मंत्रालय, होमगार्ड्स आदि शामिल हैं।

अंतरिक्ष की दुनिया में एक छलांग लगाने की तैयारी में इसरो, अब चांद से आएगी मिट्टी, उतरेगा 350 किलो का रोवर

#isrochandrayaan4tobringbacksoilsamplesfromthe_moon

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के हौसले मिशन चंद्रयान-3 की सफलता के बाद बुलंद है। यही वजह है कि इस मिशन की लॉन्चिंग के इतने कम समय के बाद इसरो अपने अगले प्रोजेक्ट में जुट गया है। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अब दो अन्य चंद्र अन्वेषण मिशनों पर काम कर रहा है।अब इसरो ल्यूपेक्स मिशन की तैयारी में जुट गया है। ल्यूपेक्स के साथ साथ चंद्रयान-4 भी लिस्ट में शामिल किया गया है। इस मिशन का लक्ष्य चंद्रमा से मिट्टी के नमूने वापस लाना है।

पुणे में भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के 62वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (Space Applications Centre-SAC) के निदेशक नीलेश देसाई ने कहा कि चंद्रयान-4 मिशन में चंद्रमा की सतह से मिट्टी का एक नमूना वापस लाने का लक्ष्य शामिल होगी। उन्होंने कहा कि इस मिशन में लैंडिंग चंद्रयान-3 के समान ही होगी।

मॉड्यूल चंद्रमा की चट्टान और मिट्टी के नमूने के साथ आएगा वापस

नीलेश देसाई ने कहा कि चंद्रयान-4 का केंद्रीय मॉड्यूल चंद्रमा की परिक्रमा करने वाले मॉड्यूल के साथ उतरने के बाद वापस आ जाएगा। जो बाद में पृथ्वी के वायुमंडल के पास अलग हो जाएगा। इसके साथ ही लगा पुनः प्रवेश मॉड्यूल चंद्रमा की चट्टान और मिट्टी के नमूने के साथ वापस आ जाएगा। यह एक बहुत ही महत्वाकांक्षी मिशन है। उम्मीद है कि अगले पांच से सात साल में हम चंद्रमा की सतह से नमूना लाने की इस चुनौती को पूरा कर लेंगे। यह मिशन चंद्रयान-3 की तुलना में अधिक जटिल होने की उम्मीद है।

चंद्रमा के अंधेरे हिस्से में उतरेगा 350 किलोग्राम का रोवर

नीलेश देसाई ने आगे कहा कि चंद्रयान 3 मिशन के बाद अब हम जापानी अंतरिक्ष एजेंसी जाक्सा के सहयोग से संयुक्त चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण मिशन ल्यूपेक्स पर काम करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन में हम 70 डिग्री तक गए। लेकिन ल्यूपेक्स मिशन के जरिए हम चंद्रमा के अंधेरे वाले क्षेत्र का निरीक्षण करने के लिए 90 डिग्री तक जाएंगे। इतना ही नहीं पहले से करीब 10 गुना भारी रोवर भेजेंगे। उन्होंने कहा कि चंद्रमा के अंधेरे वाले क्षेत्र में बड़ा रोवर उतारेंगे जिसका वजन 350 किलोग्राम होगा। चंद्रयान-3 रोवर का वजन केवल 30 किलोग्राम था।

एनआईए ने खालिस्तान आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू पर दर्ज की एफआईआर, एयर इंडिया की उड़ानें रोकने की दी थी धमकी

#niafileacaseagainstgurpatwantsingh_pannun

राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की है। सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एअर इंडिया के विमानों को बम से उड़ाने की धमकी दी थी।साथ ही एअर इंडिया से उड़ान भरने वाले यात्रियों को किसी भी फ्लाइट से सफर ना करने की धमकी दी थी। इस मामले में एनआईए ने सोमवार को केस दर्ज किया।

एनआई ने आतंकवादी पन्नू के खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 120बी, 153ए और 506 के तहत मामला दर्ज किया है। इसके अलावा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के सेक्शन 10, 12, 16, 17, 18, 18बी और 20 के तहत भी केस किया गया है। साथ ही गुरपतवंत सिंह पन्‍नू के दावों और धमकियों ने कनाडा, भारत और कुछ अन्य देशों में जहां एयर इंडिया उड़ान भरती है, सुरक्षा बलों द्वारा हाई अलर्ट के साथ-साथ जांच शुरू कर दी है।

खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस के चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो जारी कर धमकी दी थी कि ‘19 नवंबर के बाद एयर इंडिया से उड़ान न भरें, आपकी जान खतरे में हो सकती है।" इसके अलावा, पन्नू ने वैंकूवर से लंदन तक एयरलाइन की 'ग्लोबल नाकाबंदी' का आह्वान किया था।

4 नवंबर को जारी अपने वीडियो संदेशों में, गुरपतवंत सिंह पन्‍नू ने सिखों से उनके जीवन के लिए संभावित खतरे का हवाला देते हुए उक्त तिथि पर और उसके बाद एयर इंडिया के विमानों पर उड़ान बंद करने का आग्रह किया था। उन्होंने भारत सरकार को चेतावनी भी जारी की कि ‘इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 19 नवंबर को बंद रहेगा।’

वर्ल्ड कप को लेकर भी दी थी धमकी

बता दें कि इससे पहले उसने एक वीडियो जारी कर 5 अक्टूबर को गुजरात में होने वाले वर्ल्ड कप 2023 को लेकर धमकी दी थी। इस वीडियो में उसने कहा था कि 5 अक्टूबर को क्रिकेट वर्ल्ड कप नहीं, आतंक वर्ल्ड कप की शुरुआत होगी। इसके अलावा दिल्ली में फ्लाइवर की दीवारों पर खालिस्तानी समर्थक और भारत विरोधी नारे लिखवाए थे

इंफाल एयरपोर्ट के ऊपर दिखा यूएफओ! भारतीय वायु सेना ने दो राफेल ने घंटों की तलाश, जानें पूरा मामला

#india_air_force_rushed_two_rafale_after_ufo_sighting_at_imphal_airport

मणिपुर के इंफाल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बीते रविवार की दोपहर को एक अज्ञात उड़ती वस्तु (यूएफओ) देखे जाने का दावा किया गया। आसमान में कोई संदिग्ध चीज उड़ान भरते हुए नजर आने के बाद हड़कंप मच गया। आनन-फानन में एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। जिसके बाद भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने इस कथित यूएफओ का पता लगाने के लिए उड़ान भरी।हालांकि यूएफओ का कुछ पता नहीं चल सका। यूएफओ देखे जाने के चलते इंफाल एयरपोर्ट पर काफी देर तक हवाई सेवाएं भी बाधित रहीं।

इस दौरान एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने इंफाल एयरस्पेस का नियंत्रण एयरफोर्स को दे दिया। एयरफोर्स की क्लियरेंस के बाद ही इंफाल में कॉमर्शियल फ्लाइट ऑपरेशन बहाल किया गया।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एयर ट्रैफिक कंट्रोल और मैदान में मौजूद लोगों ने दोपहर करीब 2 बजे ड्रोन देखे। इसके बाद एअर इंडिया की दो और इंडिगो की एक फ्लाइट को लैंडिंग नहीं करने को कहा गया। ठीक उसी समय (दोपहर 2 बजे) इंफाल आने वाली दो फ्लाइट्स डायवर्ट कर दी गईं।

इंफाल एयरपोर्ट के डायरेक्टर चिपेम्मी कीशिंग ने ड्रोन या कथित तौर पर यूएफओ दिखने की बात की पुष्टि की है।सीआईएसएफ स्‍टॉफ और एयरलाइंस के ग्राउंड स्‍टॉफ ने इस संदिग्ध वस्तु को एटीसी टॉवर और रनवे के बीच में घूमते हुए देखा। एयरपोर्ट के डायरेक्टर चिपेम्मी कीशिंग द्वारा जारी बयान में कहा गया, ‘इंफाल कंट्रोल हवाई क्षेत्र के भीतर एक अज्ञात उड़ती वस्तु देखे जाने के कारण दो फ्लाइट्स का रूट डायवर्ट किया गया है और तीन फ्लाइट्स के डिपार्चर में देरी हुई है। सक्षम प्राधिकारी से मंजूरी मिलने के बाद उड़ान संचालन शुरू हुआ।

यूएफओ से संभावित खतरे को भांपते हुए भारतीय वायुसेना ने दो राफेल फाइटर जेट लॉन्च कर द‍िए।इसकी तलाश को लेकर भारतीय वायुसेना के रडार और अन्य दूसरी चीजों को दोपहर 2.45 बजे से शाम 5.30 बजे तक पूरी तरह से सक्र‍ित तौर पर तैनात रखा गया लेक‍िन इस दौरान कुछ भी नहीं मिला।इस्‍टर्न एयर कमांड की ओर से जारी बयान में कहा गया है क‍ि भारतीय वायु सेना को इंफाल एयरपोर्ट की ओर से कुछ दिखाई देने वाले इनपुट द‍िए गए थे। इसको गंभीरता से लेते हुए एयर ड‍िफेंस रेस्‍पांस स‍िस्‍टम को सक्र‍िय क‍िया लेक‍िन इसके बाद आसमान में वो छोटी चीज नहीं नजर आई।

एयरफोर्स से मिली जानकारी के मुताबिक हाईटेक सेंसर से लैस विमान ने यूएफओ की तलाश के लिए संदिग्ध क्षेत्र के ऊपर निचले स्तर पर उड़ान भरी, लेकिन उसे वहां कुछ नहीं मिला। पहले विमान के वापस लौटने के बाद एक और राफेल लड़ाकू विमान भेजा गया। काफी खोजबीन के बावजूद यूएफओ दोबारा नहीं दिखा। हम अज्ञात यूएफओ की पड़ताल कर रहे हैं, क्योंकि इंफाल हवाई अड्डे पर यूएफओ के तमाम वीडियो मौजूद हैं। पूर्वी कमान ने ये भी कहा कि उसका एयर सिक्योरिटी सिस्टम एक्टिव है। हम किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं।

हार के बाद खिलाड़ियों से मिले पीएम मोदी, सामने आईं ड्रेसिंग रूम की तस्वीर, रोते हुए मोहम्मद शमी को लगाया गले

#mohammedshamisharepicwithpmmodiinteamindiadressing_room

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत को वनडे विश्व कप 2023 के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। कंगारुओं ने भारत को छह विकेट से हराया। लगातार 10 मैच जीतने के बाद फाइनल में मिली हार खिलाड़ियों के लिए निराशाजनक थी। इस हालात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ड्रेसिंग रूम में पहुंचकर उनका हौसला बढ़ाया। फाइनल में हार के बाद भारतीय खिलाड़ियों की ड्रेसिंग रूम में भावुक होने की तस्वीरे सामने आई है।भारतीय पेसर मोहम्‍मद शमी ने हार के बाद एक एक्‍स पर एक पोस्‍ट डाली है, ज‍िसके साथ उन्‍होंने एक फोटो भी शेयर क‍िया है। इस फोटो में पीएम मोदी शमी को सांत्वना देते नजर आ रहे हैं।

पीएम के गले लगकर रोए शमी

शमी ने जो फोटो पोस्ट की है जिसमें वह रोते हुए दिखाई दे रहे हैं और पीएम मोदी उन्हें गले लगा रहे। शमी ने अपने इंस्टाग्राम पर फोटो के साथ कैप्शन में पीएम का ड्रैसिंग रूम में आ हौसलअफजाई करने के लिए शुक्रिया अदा किया। शमी ने पोस्‍ट क‍िया है क‍ि दुर्भाग्य से कल हमारा दिन नहीं था। पूरे टूर्नामेंट के दौरान हमारी टीम और मेरा समर्थन करने के लिए मैं सभी भारतीयों को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी हूं विशेष रूप से ड्रेसिंग रूम में आना और हमारा उत्साह बढ़ाने के लिए। हम वापसी करेंगे!

फाइनल में नहीं चला शमी का जादू

शमी को वर्ल्ड कप की शुरुआत में प्लेइंग-11 में जगह नहीं मिली थी। लेकिन हार्दिक पंड्या के चोटिल होने के बाद शमी को मौका मिला और उन्होंने इसका पूरा फायदा उठाते हुए शानदार खेल दिखाया। शमी ने इस टूर्नामेंट में कुल सात मैच खेले और 24 विकेट लेने में सफल रहे। इसी के साथ वह इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। इसी वर्ल्ड कप में उन्होंने एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया। शमी वर्ल्ड कप में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं। वह एक वर्ल्ड कप में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बने। फाइनल में भी शमी ने भारत को पहली सफलता दिलाई थी और डेविड वॉर्नर को आउट किया था। लेकिन इसके बाद उनका जादू नहीं चला और टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा।

रवींद्र जडेजा ने भी शेयर की तस्वीर

वहीं, भारत के स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने पीएम के ड्रेसिंग रूम में आने की तस्वीर शेयर की है। उन्होंने लिखा- हमारा टूर्नामेंट बहुत अच्छा था, लेकिन फाइनल में हम हार गए। हम सभी दुखी हैं, लेकिन हमारे देश के लोगों का समर्थन हमें आगे बढ़ा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ड्रेसिंग रूम में पहुंचे। उनका दौरा विशेष और बहुत प्रेरणादायक था।

आपको बता दें कि अहमदाबाद में खेले गए वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल मुकाबले में पीएम मोदी पहुंचे थे। उन्होंने विश्व विजेता बनने के बाद ऑस्ट्रेलिया को वर्ल्ड कप की ट्रॉफी दी थी। वह प्रेजेंटेशन सेरेमनी में मौजूद रहे थे। उनके अलावा देश के गृहमंत्री अमित शाह और ऑस्ट्रेलिया के डिप्टी प्रधानमंत्री रिचर्ड मार्ल्स भी पहुंचे थे। इसके अलावा बॉलीवुड से लेकर राजनीति जगत के कई बड़े चेहरे इस दौरान स्टेडियम में नजर आए थे।

आप 2020 से क्या कर रहे हैं..'? बिल रोकने को लेकर तमिलनाडु के गवर्नर पर भड़का सुप्रीम कोर्ट

 सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को रोके रखने में तमिलनाडु के राज्यपाल की भूमिका पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि, 'राज्यपाल को ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप करने और फिर कार्रवाई करने का इंतजार क्यों करना चाहिए।' वह 2020 से क्या कर रहे थे?'

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने यह टिप्पणी सोमवार को तमिलनाडु सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए की, जिसमें राज्यपाल द्वारा पारित विधेयकों पर रोक लगाने की कार्रवाई को अवैध और असंवैधानिक बताया गया है। उन पर कोई कार्रवाई किए बिना दो साल से अधिक समय तक विधानसभा बनी रही। शीर्ष अदालत ने केरल के राज्यपाल के खिलाफ केरल सरकार द्वारा दायर याचिका पर भी सुनवाई करते हुए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के कार्यालय को नोटिस जारी किया और इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया मांगी।

विधेयक विधायिका द्वारा मौजूदा कानून में परिवर्तन लाने के लिए एक नया कानून लाने का प्रस्ताव है। भारत के संविधान के तहत, कोई विधेयक तब तक कानून नहीं बनता जब तक कि वह विधायिका द्वारा पारित न हो जाए और राज्य के राज्यपाल उस पर सहमति न दे दें। मगर, भारत का संविधान यह भी प्रावधान करता है कि राज्यपाल, जो राज्य सरकार का प्रमुख होता है और जिसके नाम पर सरकार द्वारा सभी निर्णय लिए जाते हैं, विधेयक पर अपनी सहमति दे सकता है, या अपनी सहमति रोक सकता है या विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेज सकता है। 

तमिलनाडु सरकार और तमिलनाडु के राज्यपाल के बीच विवाद इस साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. तमिलनाडु सरकार ने तर्क दिया है कि राज्यपाल दो साल से अधिक समय से विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को दबाकर बैठे हैं और उन पर कोई कार्रवाई नहीं की है, जिससे सरकार के लिए राज्य पर शासन करना मुश्किल हो गया है। भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी, जो तमिलनाडु के राज्यपाल की ओर से पेश हुए, ने अदालत को सूचित किया कि 2020 के बाद से, राज्यपाल के कार्यालय को 181 से अधिक बिल प्राप्त हुए, जिनमें से 152 बिलों पर सहमति दी गई है, 5 बिल सरकार द्वारा वापस ले लिए गए और 9 बिल वापस ले लिए गए। विधेयकों को राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति की सहमति के लिए आरक्षित कर दिया गया है। इसके अलावा, राज्यपाल ने 10 विधेयकों पर अपनी सहमति रोक दी है और 5 विधेयक ऐसे हैं जो अक्टूबर 2023 में पारित किए गए थे, जिन पर राज्यपाल के कार्यालय द्वारा कार्रवाई की जा रही है।

भारत के अटॉर्नी जनरल ने अदालत को यह भी बताया कि 13 नवंबर को राज्यपाल ने 12 विधेयकों का निपटारा किया और उन्हें राज्य सरकार को वापस भेज दिया। लेकिन 18 नवंबर को एक विशेष विधानसभा सत्र द्वारा, तमिलनाडु विधानसभा ने राज्यपाल द्वारा वापस भेजे गए बिलों को फिर से पारित कर दिया और बिलों को उनके विचार के लिए फिर से राज्यपाल के पास भेज दिया गया है। इन तथ्यों की पृष्ठभूमि में, अटॉर्नी जनरल ने याचिका पर सुनवाई 29 नवंबर तक स्थगित करने की मांग की, जिससे राज्यपाल को दोबारा पारित और दोबारा भेजे गए बिलों पर निर्णय लेने का समय भी मिल जाता है।

तमिलनाडु सरकार और राज्यपाल के बीच विवाद के मूल में वह विवादास्पद विधेयक है जो राज्यपाल से राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपति चुनने का अधिकार छीन लेता है। याचिका अब 29 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है और सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल कार्यालय से मामले में प्रगति से अवगत कराने को कहा है।