जानिए, लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की तिथियां, अर्घ्य का समय और पारण समय

आस्था का महापर्व छठ जल्द आरंभ होने जा रहा है। छठ का पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर नहाय खाय से शुरू होता है। पंचमी को खरना, षष्ठी को डूबते सूर्य को अर्घ्य और सप्तमी को उगते सूर्य को जल अर्पित कर व्रत संपन्न किया जाता है। चार दिन चलने वाला इस पर्व में सूर्य और छठी मैय्या की पूजा की जाती है। इस दिन रखा जाने वाला व्रत बेहद कठिन माना जाता है, क्योंकि इस व्रत को 36 घंटों तक कठिन नियमों का पालन करते हुए रखा जाता है। इस वर्ष छठ पर्व की पूजा 17 नवंबर 2023 से हो रही है, जिसका समापन 20 नवंबर को होगा। बिहार, उत्तरप्रदेश और झारखंड में यह पर्व विशेषतौर पर बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह व्रत संतान के सुखी जीवन की कामना के लिए किया जाता है। छठ पर्व षष्ठी तिथि से दो दिन पहले यानि चतुर्थी से नहाय-खाय से आरंभ हो जाता है और इसका समापन सप्तमी तिथि को पारण करके किया जाता है। छठ पर्व पूरे चार दिनों तक चलता है। इस पर्व में मुख्यतः सूर्य देव को अर्घ्य देने का सबसे ज्यादा महत्व माना गया है। तो चलिए जानते हैं छठ पूजा की तिथियां अर्घ्य का समय और पारण समय क्या है।

नहाय-खाय तिथि

छठ पूजा का यह महापर्व चार दिन तक चलता है इसका पहला दिन नहाय-खाय होता है। इस साल नहाय-खाय 17 नवंबर को है। इस दिन सूर्योदय 06:45 बजे होगा वहीं, सूर्यास्त शाम 05:27 बजे होगा। बता दें कि छठ पूजा की नहाय खाय परंपरा में व्रती नदी में स्नान के बाद नए वस्त्र धारण कर शाकाहारी भोजन ग्रहण करते हैं। इस दिन व्रती के भोजन ग्रहण करने के बाद ही घर के बाकी सदस्य भोजन ग्रहण करते हैं।

खरना तिथि 

खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है। इस साल खरना 18 नवंबर को है। इस दिन का सूर्योदय सुबह 06:46 बजे और सूर्यास्त शाम 05:26 बजे होगा। खरना के दिन व्रती एक समय मीठा भोजन करते हैं। इस दिन गु़ड़ से बनी चावल की खीर खाई जाती है। इस प्रसाद को मिट्टी के नए चूल्हे पर आम की लकड़ी से आग जलाकर बनाया जाता है। इस प्रसाद को खाने के बाद व्रत शुरू हो जाता है। इस दिन नमक नहीं खाया जाता है।

संध्या अर्घ्य का समय

छठ पूजा पर सबसे महत्वपूर्ण दिन तीसरा होता है। इस दिन संध्या अर्घ्य का होता है। इस दिन व्रती घाट पर आकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इस साल छठ पूजा का संध्या अर्घ्य 19 नवंबर को दिया जाएगा। 19 नवंबर को सूर्यास्त शाम 05:26 बजे होगा। इस दिन टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि अर्घ्य के सूप को सजाया जाता है। इसके बाद नदी या तालाब में कमर तक पानी में रहकर अर्घ्य दिया जाता है। 

उगते सूर्य को अर्घ्य 

चौथा दिन यानी सप्तमी तिथि छठ महापर्व का अंतिम दिन होता है। इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण का होता है। इस साल 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इस दिन सूर्योदय सुबह 06:47 बजे होगा। इसके बाद ही 36 घंटे का व्रत समाप्त होता है। अर्घ्य देने के बाद व्रती प्रसाद का सेवन करके व्रत का पारण करती हैं।

बेटे के कथित वायरल वीडियो पर आया केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का बड़ा बयान, कहा, यह सुनियोजित साजिश का हिस्सा

 केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेट से संबंधित कथित वीडियो के वायरल होने के पश्चात् मध्य प्रदेश की राजनीति गर्म है। कांग्रेस इसको मुद्दा बनाते हुए बीजेपी पर निरंतर हमले कर रही है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। एक मंत्री (नरेंद्र सिंह) तोमर हैं। उनके बेटे का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह करोड़ों रुपयों की बात कर रहे हैं। वह किसके पैसे की बात कर रहे हैं? यह जनता का पैसा है। बीजेपी के सभी मंत्री और सीएम भ्रष्टाचार में सम्मिलित हैं। अब इस पर केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का बयान सामने आया है। 

नरेंद्र सिंह तोमर ने एक्स पर लिखा- आज सोशल मीडिया पर एक टेम्पर्ड वीडियो मेरे बेटे से जुड़ा वायरल किया गया है। यह एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है जो चुनाव के वक़्त विपक्ष की तरफ से आम लोगों को भ्रमित और गुमराह करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। मेरे पुत्र देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर ने पूर्व में इस प्रकार के झूठे वीडियो के सिलसिले में पुलिस जांच हेतु आवेदन भी किया था। मैं भी एकबार फिर इस वीडियो की CFSL जांच एजेंसियों से कराए जाने की मांग करता हूं, जिससे सच्चाई बाहर आ सके तथा साजिश का भंडाफोड़ हो सके। वहीं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र सिंह तोमर ने दावा किया है कि वीडियो फर्जी है। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया कि वीडियो में एक केंद्रीय मंत्री के बेटे कथित तौर पर करोड़ों रुपये के वित्तीय लेनदेन के बारे में बात करते सुने जा सकते हैं। 

प्राप्त एक रिपोर्ट के अनुसार, राहुल ने सवाल किया कि ED (प्रवर्तन निदेशालय), CBI एवं आईटी (आयकर विभाग) ने इन मामलों में तहकीकात आरम्भ क्यों नहीं कर रहा है। इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पुत्र से जुड़े कथित वीडियो वायरल होने के मामले में एक नया वीडियो मीडिया के समक्ष दिखाते हुए कहा कि केंद्रीय एजेंसियां ED, आयकर विभाग, CBI एवं नारकोटिक्स विभाग अब तक सक्रिय क्यों नहीं हुए। प्रधानमंत्री भी क्यों चुप हैं। इस वीडियो में जो व्यक्ति नजर आ रहा है, वह स्वयं को कनाडा निवासी (भारतीय मूल का) बता रहा है। यही व्यक्ति पिछले दो वीडियो में केंद्रीय मंत्री तोमर के पुत्र से बात करने की स्वीकारोक्ति कर रहा है। अब तक इस प्रकार के तीन वीडियो सामने आ चुके हैं।

प्रियंका गांधी का ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जोरदार हमला, बोलीं-कद में छोटे, लेकिन अहंकार में वाह भाई वाह

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मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार का आज आखिरी दिन है। प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी एमपी के सीधी और दतिया में जनसभा करने पहुंचीं।कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के क्षेत्र दतिया में चुनावी सभा की है। दतिया जिले में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने मोदी, अडाणी, सिंधिया, शिवराज और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र पर जमकर हमला बोला। चुनावी सभा के दौरान प्रियंका गांधी ने पहली बार केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर बड़ा हमला किया है। बता दें कि मध्यप्रदेश में 9 अक्टूबर के बाद यह उनका 6वां चुनावी दौरा है।

अपने पिता राजीव गांधी को किया याद

जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने अपने पिता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को याद करते हुए कहा,"मेरे पिताजी जब प्रधानमंत्री थे तो अमेठी की जनता उन्हें (राजीव गांधी) बेझिझक डांटते थे। लोग उनके चेहरे पर कहते थे, 'राजीव भैया, हम आपको प्यार देंगे लेकिन अगर आप हमारी सड़कें ठीक नहीं करेंगे तो हम आपको वोट नहीं देंगे।प्रियंका गांधी ने आगे कहा,"वह पीएम थे लेकिन कभी गुस्सा नहीं करते थे, डांटते नहीं थे, सिर झुकाकर कहते थे। वो जनता को कहते थे कि मैंने ऑर्डर दे दिया है लेकिन समय लग रहा है।

कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी पर साधा निशाना

प्रियंका गांधी ने आगे पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा,"पीएम मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो हमेशा अपनी पीड़ा में परेशान रहते हैं। इसके बाद उन्होंने मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का जिक्र करते हुए कहा,उनका काम है राज्य में कानून का पालन कराना। पता चला कि दिनभर पिक्चर देखते रहते हैं। कौन क्या पहना है उनकी चिंता है उन्हें। इसके बाद उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान पर तंज कसते हुए कहा, वो एक्टिंग में अमिताभ बच्चन को पीछे छोड़ दें। लेकिन, वो काम नहीं करते हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया पर बड़ा हमला

चुनावी सभा के दौरान प्रियंका गांधी ने पहली बार केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर बड़ा हमला किया है। साथ ही यूपी चुनाव में प्रचार की घटनाओं का उन्होंने जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के सारे नेता बड़े विचित्र टाइप के हैं। प्रियंका गांधी ने कहा कि पहले हमारे सिंधिया जी हैं। जानते हैं, मैंने उनके साथ यूपी में काम किया है। प्रियंका गांधी ने सिंधिया के कद पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि कद में थोड़े छोटे पड़ गए हैं लेकिन अहंकार में वाह भाई वाह। जब हम यूपी में काम कर रहे थे तो यूपी वालों की आदत है कि हमलोग शिकायत, नाराजगी और गुस्सा, ये सब निकाल देते हैं। हमें महाराज बोलने की आदत नहीं है। प्रियंका गांधी ने कहा कि उनके पास जो भी कार्यकर्ता जाता था, वह कहता था कि दीदी हम क्या करे, हमें महाराज-महाराज करना पड़ता है। अगर हम महाराज नहीं कहते थे तो हमारा कोई काम ही नहीं होता था।

प्रियंका गांधी ने सिंधिया पर और जोरदार हमला करते हुए कहा कि उन्होंने अपने परिवार की परंपरा अच्छे से निभाई है। विश्वासघात तो बहुतों ने किया लेकिन इन्होंने ग्वालियर और चंबल की जनता के साथ विश्वासघात किया। आपकी पीठ पर छुरा भोंका। जो सरकार आपने बनाई थी, उसे गिरा दिया। उस सरकार को अपने वोट दिया था। इस सरकार ने साढ़े तीन साल में मात्र 21 रोजगार दिया है

यहां, जानिए, सहारा सहाराश्री सुब्रत रॉय के निधन के साथ क्या निवेशकों का पैसा डूब जाएगा, आखिर कैसे होगी उनके पैसों की रिकवरी

 सहारा इंडिया परिवार के मुखिया सहाराश्री सुब्रत रॉय के निधन के साथ क्या निवेशकों का पैसा डूब जाएगा? अब सहारा के पैसे कैसे मिलेंगे? ऐसे सवाल आज करोड़ों निवेशकों की जुबान पर हैं। करोड़ों निवेशकों ने सहारा ग्रुप की 4 कोऑपरेटिव सोसाइटीज में अपनी गाढ़ी कमाई जमा की थी। लंबे इंतजार के बाद लोगों को अपने जमा पैसे मिलने की आस जगी थी, सहारा चीफ के निधन के साथ ही क्या यह आस खत्म हो गई है या फिर उनका पैसा वापस मिलेगा? जानिए कि निवेशकों को मिलने वाले रिफंड का अब क्या होगा।

पोर्टल के जरिए ही वापस मिलेगा जमा पैसा

सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त, 2012 में लगभग तीन करोड़ निवेशकों को ब्याज के साथ उनका पैसा लौटाने का आदेश दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने निवेशकों के पैसे वापस कराने के लिए एक अलग से पोर्टल htps://mocrefund.crcs.gov.in/ बनाया। इस पर अपना वापस लेने के लिए लाखों लोगों ने आवेदन किया है।

सहारा रिफंड पोर्टल (सहारा समूह की सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं को धन वापसी के लिए) चार समितियां उत्तरदायी हैं। 

 1. सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, लखनऊ

 2. सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, भोपाल

 3. हुमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, कोलकाता

 4. स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, हैदराबाद

इन चारों के जरिए सहारा के निवेशकों को पैसा मिलेगा। पोर्टल पर कहा गया है, "जमाकर्ताओं से अनुरोध है कि वे सभी चार समितियों से संबंधित सभी दावों को एक ही दावा आवेदन पत्र में प्रस्तुत करें। केवल पोर्टल के माध्‍यम से ऑनलाइन दर्ज किए दावों पर ही विचार किया जाएगा । दावा प्रस्तुत करने के लिए कोई शुल्क नहीं है। किसी भी तकनीकी समस्या हेतु आप दिए गए समिति के टोल फ्री नंबरों ( 1800 103 6891 / 1800 103 6893 ) पर संपर्क करें।"

बता दें इससे पहले शेयर बाजार के रेगुलेटर सेबी ने 11 साल में सहारा की दो कंपनियों के निवेशकों को 138.07 करोड़ रुपये वापस किए हैं। इसके साथ ही स्पेशल तौर से खोले गए बैंक खातों में जमा की गई रकम बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये से अधिक है। निवेशकों का पैसा सेबी के पास है और ऑनलाइन आवेदन करने वालों को मिलना तय है।

सुब्रत रॉय के पतन की कहानी

बता दें सुब्रत रॉय के पतन की शुरुआत सहारा ग्रुप की कंपनी प्राइम सिटी के IPO से हुई। नियमों के खिलाफ लोगों से पैसे निवेश करवाने का आरोप के कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। 28 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को 24,400 करोड़ रुपए निवेशकों को लौटाने को कहा था। 

सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड का केस कोर्ट में है। 30 सितंबर 2009 को सहारा की कंपनी प्राइम सिटी ने आईपीओ के लिए सेबी के पास डीआरपीएच दायर किया था।

सेबी को रियल एस्टेट और हाउसिंग कंपनियों की फंड जुटाने की प्रोसेस में कमी मिली। 25 दिसंबर 2009 और जनवरी 2010 को सेबी को शिकायतें मिलीं की दोनों कंपनी OFCDS से पैसे जुटा रही हैं। सेबी को पता चला की कंपनी ने इसके जरिए 2 से 2.5 करोड़ लोगों से 24,000 करोड़ रुपए जुटाए हैं। 

सेबी की आपत्ति

सेबी ने कहा कि सहारा ने बॉन्ड जारी करने के लिए उससे अनुमति क्यों नहीं ली? मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच और 2012 में कोर्ट ने सहारा को पैसा 15 फीसद ब्याज के साथ लौटाने को कहा। निवेशकों की डिटेल्स सेबी को देने को भी कहा। सहारा तीन महीने के भीतर पैसा नहीं जमा कर पाया तो कोर्ट ने तीन किस्तों में पेमेंट करने का आदेश दिया। सहारा ने 5120 करोड़ रुपए की पहली किश्त जमा की और बाकी पेमेंट कभी जमा नहीं किया।

दो साल तक तिहाड़ जेल में रहे सुब्रत रॉय 

सहारा ने दावा किया कि वह पहले ही 90 फीसद से ज्यादा निवेशकों को पेमेंट कर चुका है। इसके बाद सहारा इंडिया के बैंक अकाउंट का फ्रीज करन दिया गया। अप्रैल 2013 में सेबी ने IPO की फाइल भी बंद कर दी।28 फरवरी 2014 को सुपीम कोर्ट के आदेश पर लखनऊ पुलिस ने हिरासत में ले लिया। सहारा श्री सुब्रत रॉय दो साल तक तिहाड़ जेल में रहे और साल 2016 से पेरोल पर जेल से बाहर थे।

बीते 24 घंटे में भारत ने गंवाए 3 दिग्गज बिजनेसमैन, निधन से पूरे देश के आर्थिक जगत में शोक का माहौल

भारतीय उद्योग जगत के लिए पिछले दो दिन बेहद बुरा रहा है। सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय सहित देश के तीन दिग्गज बिजनेसमैन ने दुनिया को अलविदा कह दिया। सुब्रत रॉय के अतिरिक्त पीआरएस ओबेरॉय तथा बीकानेरवाला के फाउंडर केदारनाथ अग्रवाल का निधन हो गया। सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का मंगलवार (14 नवंबर) देर रात निधन हो गया। उन्होंने मुंबई के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। आज उनका शव लखनऊ के सहारा शहर लाया जाएगा, जहां उन्हें आखिरी श्रद्धांजलि दी जाएगी।

पृथ्वी राज सिंह ओबेरॉय का निधन 

भारत के होटल इंडस्ट्रीज की सूरत बदलने वालों में से एक पृथ्वी राज सिंह ओबेरॉय थे। ओबेरॉय ग्रुप के मुखिया पृथ्वी राज सिंह ओबरॉय का निधन मंगलवार को 94 साल की आयु में हो गया। फिलहाल वो ओबेरॉय होटल्स के संरक्षक थे, जिन्हें 'Biki' के नाम से जाना जाता है। बीते वर्ष ही उन्होंने ईआईएच लिमिटेड के कार्यकारी अध्यक्ष तथा ईआईएच एसोसिएटेड होटल्स लिमिटेड के चेयरमैन पद को छोड़ा था।

  

लाला केदारनाथ अग्रवाल का निधन

इसके अतिरिक्त मिठाई और स्नैक्स ब्रांड बीकानेरवाला के संस्थापक लाला केदारनाथ अग्रवाल का सोमवार को निधन हो गया। वह अपने भाई के साथ बीकानेर से वर्ष 1950 में राजधानी दिल्ली आए थे। केदारनाथ अग्रवाल 86 वर्ष के थे। बीकानेरवाला की तरफ से एक बयान जारी कर कहा गया कि काकाजी के नाम से लोकप्रिय केदारनाथ अग्रवाल का निधन एक ऐसे युग के अंत का प्रतीक है। जिसने स्वाद को समृद्ध किया और अनगिनत जिंदगियों को प्रभावित किया। भारत में बीकानेरवाला की 60 से ज्यादा दुकानें हैं। इनके आउटलेट्स अमेरिका, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, नेपाल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे देशों में भी उपस्थित हैं। केदारनाथ अग्रवाल ने अपना व्यावसायिक सफर देश की राजधानी दिल्ली से आरम्भ किया था।

भतीजे' को दिग्विजय सिंह ने बताया गद्दार, बोले- 'शर्म आनी चाहिए...

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह एवं मधुसूदनगढ़ राजपरिवार के सदस्य के बीच तलवारें खिंच गई हैं। अदावत का मुख्य कारण केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को माना जा रहा है। दरअसल, छोटे भाई लक्ष्मण सिंह के प्रचार के लिए दिग्विजय सिंह खेराड़ गांव पहुंचे थे। चुनावी सभा में दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को दोबारा गद्दार करार दिया। दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को कायर बताते हुए विचारधारा से समझौता करने वाला बताया। 

ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में गए मधुसूदनगढ़ राजपरिवार के सदस्य रुद्रदेव सिंह को भी दिग्विजय ने गद्दार करार दिया। दिग्विजय सिंह ने मंच से बयान देते हुए कहा कि उनके भतीजे ने भी गद्दारों (ज्योतिरादित्य सिंधिया) का साथ दिया। आखिर क्या नहीं किया इस परिवार के लिए? मगर उसके पश्चात् भी गद्दारी की तथा गद्दारों के साथ मिलकर हमारा विरोध करता है। शर्म आनी चाहिए। दिग्विजय सिंह ने नाराजगी जताते हुए रुद्रदेव सिंह पर हमला बोला। दिग्विजय सिंह तथा उनके परिवार के खिलाफ रुद्रदेव सिंह द्वारा अक्सर टिप्पणी की जाती है। रुद्रदेव सिंह अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे में सम्मिलित हो गए हैं। दिग्विजय सिंह इसी बात से नाराज हैं।

वहीं, मधुसूदनगढ़ राजपरिवार के सदस्य व दिग्विजय सिंह के भतीजे रुद्रदेव सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गद्दारी तो 2004 में लक्ष्मण सिंह ने की थी, जब वे कांग्रेस छोड़ भाजपा में सम्मिलित हुए थे। रुद्रदेव ने कहा वे सिर्फ सम्मान चाहते हैं जो उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिया है। रुद्रदेव सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस को अलविदा कह दिया था तथा भाजपा का दामन थाम लिया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिग्विजय सिंह के परिवार में सेंध लगाकर रुद्रदेव को भाजपा में सम्मिलित कराया था। तभी से रुद्रदेव सिंह लक्ष्मण सिंह के खिलाफ बयानबाज़ी करते रहते हैं। मधुसूदनगढ़ राजपरिवार दिग्विजय सिंह की नजदीकी रिश्तेदारी से जुड़ा हुआ है। मगर राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं ने परिवार के बीच दरार पैदा कर दी। इससे पहले राघोगढ़ में भी दिग्विजय सिंह के नजदीकी हीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस छोड़कर सिंधिया के साथ भाजपा ज्वॉइन कर ली थी। हीरेंद्र सिंह अब भाजपा से उम्मीदवार हैं।

जम्मू-कश्मीर के डोडा में भीषण सड़क हादसा, खाई में गिरी बस, 30 से ज्यादा मौत

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जम्मू संभाग के जिला डोडा में भीषण सड़क हादसा हो गया है। यहां एक बस अनियंत्रित होकर करीब 300 फीट गहरी खाई में जा गिरी। इस हादसे में 33 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई है और कुछ घायल हो गए हैं। सभी घायलों को किश्तवार और डोडा के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। बस किश्तवाड़ से जम्मू की ओर जा रही थी।

हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें खाई से नीचे गिरी बस नजर आ रही है।काफी ऊंचाई से नीचे गिरने के कारण बस के परखच्चे उड़ गए हैं।वीडियो में दिखाई दे रहा है कि स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर लोग रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं।वीडियो में देखा जा सकता है कि जिस जगह पर यह हादसा हुआ है, वहां से एक सड़क गुजरी है, जिसके टर्न पर काफी गहरी खाई है।माना जा रहा है कि यहां से मोड़ते वक्त बस अनियंत्रित हो गई होगी, जिसके बाद यह भीषण हादसा हो गया।

वहीं, पुलिस ने बताया कि शुरुआती जानकारी में पता चला है कि इस मार्ग पर तीन बसें एक साथ चल रही थी और एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में यह बड़ा हादसा हो गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।जिला उपायुक्त, एसएसपी डोडा सहित अन्य कई अधिकारी जीएमसी डोडा पहुंचे गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि घायलों को तुरंत और उचित इलाज मिले इसके लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। 

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हादसे पर शोक जताया। उन्होंने कहा कि इस घटना से बेहद दुखी हूं। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है। घायलों के जल्दी ठीक होने की कामना करता हूं। बता दें कि उपराज्यपाल ने सभी घायलों को तुरंत मदद पहुंचाने का निर्देश दिया। मनोज सिन्हा के अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अपार दुःख की इस घड़ी में उनकी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं मृतकों के परिवारों के साथ हैं। उन्होंने प्रशासन से घायलों को हरसंभव मदद देने की गुहार लगाई है।

इंजमाम उल हक ने हरभजन सिंह को लेकर किया चौकाने वाला दावा, भड़के भज्जी ने दिया करारा जवाब

#captain_inzamam_ul_haq_conversion_claim_on_harbhajan_singh

वर्ल्ड कप में ग्रुप स्टेज बाहर होने के बाद पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर्स ने आपा खो दिया है।अभी भारतीय अभिनेत्री ऐश्वर्या राय को लेकर दिए अब्दुल रज्जाक के बयान पर विवाद थमा नहीं है कि पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक ने हरभजन सिंह को लेकर बड़ा दावा कर दिया है। जिसके बाद भज्जी ने उन्हें करारा जवाब भी दिया है।दरअसल, इंजमाम का कहना है कि भज्जी इस्लाम अपनाने की सोच रहे थे।अपने इस बयान के बाद इंजमाम उल हक हरभजन सिंह के निशाने पर आ गए हैं।

पिछले कुछ हफ्तों में वीरेंद्र सहवाग और इरफान पठान सहित पूर्व भारतीय क्रिकेटरों ने वनडे विश्व कप में पाकिस्तानी टीम के प्रदर्शन की खुलकर आलोचना की थी। पाकिस्तान 2023 विश्व कप के ग्रुप चरण में नौ मैचों में चार जीत के साथ टूर्नामेंट में पांचवें स्थान पर रहा था। हालांकि, आलोचना मैदान पर पाकिस्तान के प्रदर्शन तक ही सीमित थी। इसस इतर पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी अपनी मर्यादा खोते नजर आ रहे हैं।इसी बीच पूर्व पाकिस्तान कप्तान इंजमाम उल हक ने हरभजन सिंह को लेकर कहा कि भज्जी एक समय में इस्लान धर्म कबूलने की सोच रहे थे। मौलाना तारीक जमील से मिलने के बाद उन्होंने मुस्लिम बनने की सोची थी। मौलाना अक्सर पाकिस्तान क्रिकेट टीम के साथ नमाज पढ़ने आया करते थे।

इंजमाम ने एक वीडियो में कहा, 'मौलाना तारिक जमील रोज हमसे मिलने आते थे।नमाज पढ़ने के लिए एक कमरा था। नमाज के बाद वह हमसे बात करते थे।एक या दो दिन के बाद हमने इरफान पठान, जहीर खान और मोहम्मद कैफ को नमाज पढ़ने के लिए बुलाना शुरू किया।मैंने देखा कि 2-3 और भारतीय खिलाड़ी भी शामिल हो जाते थे, वे नमाज नहीं पढ़ते थे लेकिन मौलाना की बातें सुनते थे।इंजमाम ने बताया, 'हरभजन ने एक बार मुझसे कहा था कि दिल कहता है कि वह (मौलाना) जो भी कहें मुझे मान लेना चाहिए।

बता दें कि इंजमाम उल हक पाकिस्तानी टीम के चीफ सेलेक्टर रह चुके हैं। लेकिन, वर्ल्ड कप 2023 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने पाकिस्तान के लिए 499 मैच खेले, जिसमें 20000 से ज्यादा रन बनाए।

वर्ल्ड क्रिकेट में टर्बनेटर के नाम से मशहूर रहे हरभजन सिंह इस तरह की बयानबाजी से भड़क गए हैं। भज्जी ने इंजमाम उल हक को बकवास आदमी बताया है, जो कुछ भी बकता है।हरभजन सिंह ने इंजमाम उल हक के इस्लाम कबूल करने वाले बयान को लेकर सोशल मीडिया के ट्विटर पर लिखा कि ये कौन सा नशा पी कर बात कर रहा है? मुझे एक भारतीय होने पर गर्व है और मैं एक भारतीय सिख हूं। इन जैसे बकवास लोग कुछ भी बकते रहते हैं।

अब्दुल रज्जाक ने ऐश्वर्या राय पर दिए विवादित बयान पर मांगी माफी, वीडियो जारी कर कहा-मेरी जुबान फिसल गई थी

#abdul_razzaq_says_he_is_ashamed_of_his_comments

पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी अब्दुल रज्जाक इन दिनों सुर्खियों में हैं। वजह है भारतीय अभिनेत्री एश्वर्या राय पर उनकी अमर्यादित टिप्पणी।रज्जाक के अभिनेत्री ऐश्वर्या राय को लेकर विवादित बयान के बाद विवाद शुरू हो गया था। भारत से लेकर पाकिस्तान तक में उनके बयान की आलोचना होने लगी। जिसके बाद रज्जाक ने वीडियो जारी कर माफी मांगी है।दरअसल उन्होंने एक ईवेंट के दौरान पीसीबी पर सवाल उठाते हुए भारतीय एक्ट्रेस एश्वर्या राय नाम लेते हुए अमर्यादित टिप्पणी कर दी थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर आप मुझे कहेंगे कि एश्वर्या से शादी कर लो और बच्चे नेक पैदा होंगे, तो यह कभी नहीं हो सकता। अब्दुल रज्जाक के साथ शाहिद अफरीदी और उमर गुल भी थे।

समा टीवी पर एक वीडियो शेयर किया गया है जिसमें रज्जाक ने अपने द्वारा किए गए कमेंट को लेकर माफी मांगी है। पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर ने कहा, वहां पर मैंने क्रिकेट को लेकर बात कर रहा था। लेकिन जुबान फिसलने के कारण मेरे मुंह से ऐश्वर्या राय का नाम निकल गया।जिसके लिए मैं अब काफी शर्मिदा हूं।मैं व्यक्तिगत तौर पर उनसे माफी मांगता हूं। मेरा इरादा किसी की भावना को ठेस पहुंचाने का नहीं था।

एक ईवेंट के दौरान अब्दुल रज्जाक पीसीबी की आलोचना कर रहे थे। रज्जाक ने पाकिस्तानी क्रिकेट की आलोचना करते हुए फिल्म अभिनेत्री ऐश्वर्या राय का नाम लेकर उदाहरण पेश किया था। रज्जाक ने कहा था। जब मैं क्रिकेट खेला करता था तो मेरे कप्तान यूनुस खान थे। उनकी कप्तानी में उनकी नीयत बड़ी अच्छी थी, वो अपने खिलाड़ियों से अच्छा परफॉर्मेंस निकलवाते थे। वो अपने खिलाड़ियों सो अच्छा परफॉर्मेंस डिलीवर करने के लिए प्रेरित करते थे। लेकिन आज के समय में हमारी नीयत है ही नहीं कि प्लेयर्स को अच्छे से पॉलिश कर सके। अगर आप चाहोगे कि मैं ऐश्वर्या राय से शादी करूं और वहां से एक नेक और अच्छा बच्चा पैदा हो तो ये कभी नहीं हो सकता था। जब अब्दुल रज्जाक ने ऐसी बात की थी तो उस समय शाहिद अफरीदी भी ताली बजाते हुए नजर आए थे।

अब्दुल रज्जाक के इस बयान के बाद शाहिद अफरीदी का भी रिएक्शन आया है। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि जब रज्जाक के पास माइक आया तो मुझे लगा कि वह कोई मजाक करेगा, जो वह अकसर करता है। मेरी उसकी बात पर ध्यान नहीं था, और जब लोगों ने ताली बजाई तो मैं भी ताली बजाने लगा। इस मसले को लेकर पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने कहा कि मैं इस बयानबाजी की निंदा करता हूं, किसी भी महिला का इस तरह अपमान नहीं करना चाहिए।

सुब्रत रॉय का निधन, 75 साल की उम्र में ली अंतिम सांस, जानें स्कूटर पर बिस्कुट और नमकीन बेचकर कैसे खड़ा किया सहारा ग्रुप

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सहारा इंडिया ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का मंगलवार देर शाम निधन हो गया। उन्होंने मुंबई में आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से बीमार थे। उनके निधन की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई जा रही है। मुंबई के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। इसी साल जनवरी के महीने में मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में सुब्रत रॉय की ब्रेन सर्जरी हुई थी। इसी अस्पताल में उनका निधन हुआ।सुब्रत रॉय का पार्थिव शरीर बुधवार को लखनऊ के सहारा शहर लाया जाएगा, जहां उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी।

सुब्रत रॉय 75 साल के थे।बयान के अनुसार, उच्च रक्तचाप, मधुमेह सहित विभिन्न बीमारियों से लंबे समय से जूझ रहे सुब्रत रॉय का दिल का दौरा पड़ने के कारण रात साढ़े 10 बजे निधन हो गया। समूह ने बयान में कहा, ‘सहारा इंडिया परिवार अत्यंत दुख के साथ हमारे सहारा इंडिया परिवार के प्रबंध कार्यकर्ता और अध्यक्ष माननीय ‘सहाराश्री’ सुब्रत रॉय सहारा के निधन की सूचना दे रहा है।

10 जून, 1948 को अररिया बिहार में जन्मे रॉय भारतीय बिजनेस का बड़ा चेहरा रहे। उन्होंने रियल एस्टेट, फाइनेंस, मीडिया और हॉस्पिटेलिटी समेत कई क्षेत्रों में नाम कमाया। रॉय ने गोरखपुर के सरकारी तकनीकी संस्थान से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा पूरी की। इसके बाद 1976 में संघर्षरत चिटफंड कंपनी सहारा फाइनेंस का अधिग्रहण करने से पहले उन्होंने गोरखपुर से बिजनेस में कदम रखा। 1978 तक उन्होंने इसे सहारा इंडिया परिवार में बदल दिया, जो आगे चलकर भारत के सबसे बड़े समूहों में से एक बन गया।

सुब्रत रॉय ने स्कूटर पर नमकीन बेच कर खड़ा किया सहारा ग्रुप

सुब्रत रॉय के सहारा ग्रुप को खड़ा करने की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। सुब्रत रॉय कभी स्कूटर पर नमकीन बेचने का काम करते थे। गली-गली सामान बेचने से शुरू हुआ उनका ये सफर सहारा ग्रुप में तब्दील हुआ।सहारा ग्रुप के मुखिया सुब्रत रॉय ने साल 1978 में अपने एक दोस्त के साथ मिलकर स्कूटर पर नमकीन बेचने का काम शुरु किया। लेकिन किसे पता था कि एक दिन यही शख्स सहारा नाम को दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का एंपायर बना देगा। लोगों से 10-20 रुपए रोज जमा करवाकर सुब्रत रॉय ने भारत के फाइनेंस सेक्टर के लिए एकदम नई मिसाल पेश की। लोगों को उनकी छोटी-छोटी बचत पर अच्छा रिटर्न मिला। लोगों से जुटाए पैसों से दूसरे कारोबार खड़े किए।

कभी सहारा ग्रुप रेलवे के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा एम्प्लॉयर बना

सहारा के इतिहास में वो दौर भी आया जब सहारा ग्रुप रेलवे के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा एम्प्लॉयर बन गया। ऑफिस और फील्ड को मिलाकर सहारा के अंब्रेला तले काम करने वाले एम्प्लॉइज की संख्या 12 लाख तक पहुंच गई। कोई भी प्राइवेट कंपनी आज तक देश में ये आंकड़ा नहीं छू पाई है।

सेबी से विवाद के बाद सहारा समूह का पतन

रेलवे के बाद सबसे ज्यादा नौकरियां देने वाले सहारा समूह का पतन सेबी के साथ हुए विवाद से शुरू हुआ। सेबी ने सहारा की दो कंपनियों में जमा निवेशकों की रकम को नियम विरुद्ध तरीके से दूसरी कंपनियो में ट्रांसफर करने पर आपत्ति करते हुए करीब 24 हजार करोड़ रुपए जमा कराने का आदेश दिया था। बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। कोर्ट ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए कई महीने तक सुब्रत राय को जेल में रखा। सहारा समूह की संपत्तियों की बिक्री पर रोक लगा दी गयी। कोर्ट के आदेश पर बिकने वाली संपत्तियों से मिलना वाली रकम भी सहारा को सेबी के पास जमा कराने का आदेश दिया। सहारा ने कुछ किस्तों में सेबी को कुल जमा धनराशि का बड़ा हिस्सा दिया, लेकिन पूरी रकम को जमा नहीं कर सका। इस बीच सहारा ग्रुप की कंपनियों और उसके निदेशकों के खिलाफ कई राज्यों में सैंकड़ों मुकदमे दर्ज होते गए और पुलिस सुब्रत राय और बाकी निदेशकों की तलाश में लखनऊ समेत कई जगहों पर छापा मारती रही। हालांकि सहारा समूह को कुछ राहत तब मिली जब केंद्र सरकार ने सहारा के निवेशकों की रकम को वापस करने के लिए पोर्टल शुरू किया।