लालगंजः लालगंज घाट का निरीक्षण किया गया
लालगंजः लोक आस्था के पर्व छठ को लेकर लालगंज के बसंता जहानाबाद घाट का निरीक्षण करने डीएम यशपाल मीणा, एडीएम विनोद कुमार सिंह सहित कई अधिकारी पहुंचे. घाट पर नगर परिषद लालगंज की तरफ से चल रहे साफ सफाई कार्य का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने अंचलाधिकारी पंकज कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी पुलक कुमार को निर्देश दिया कि नदी में बैरिकेडिंग किया जाए तथा संवेदनशील घाटों को पूर्ण प्रतिबंधित कर दिया जाए.
     इसके साथ ही अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती भी की जाए, जिससे कोई भी छठ व्रती या अन्य कोई  अन्य व्यक्ति संवेदनशील घाट की तरफ न जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि नदी पर लाइटिंग, चेंजिंग रूम, माइकिंग स्थानीय गोताखोर के साथ-साथ स्थानीय अतिरिक्त नाव की भी व्यवस्था की जाए. एसडीआर एफ टीम की भी तैनाती की जाए. जिलाधिकारी ने बताया कि लालगंज नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों जो भी अतिसंवेदनशील घाट हैं वहां पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया जाए. मुखिया संघ अध्यक्ष गणेश राय ने जिलाधिकारी से आग्रह कर बताया कि यहां कई घटनाएं घट चुकी हैं जिससे डर बना रहता हैं वहीं वसंता जहानाबाद घाट से ब्लॉक तक जाने वाली तिरहुत तटबंध के बांध पर पेपर ब्लॉक लगाने की मांग की क्योंकि इस बांध से 20 किलोमीटर तक के लोग शव को लेकर आते हैं तो काफी कठिनाई होता हैं खासकर बारिश के दिनों में काफी कठिनाई होती हैं, कई घटनाएं घट चुकी हैं.
       जिसके बाद जिलाधिकारी ने आश्वस्त करते हुए बाढ़ जल निसारण प्रबंधन पदाधिकारी सियाराम पासवान और प्रखंड विकास पदाधिकारी पुलक कुमार को निर्देश दिया कि यहां पर डबल लेयर बैरिकेडिंग की जाए तथा अति संवेदनशील घाटों पर लाल रंग की खतरे के निशान वाली चिह्न लगा दी जाए. वही मजिस्ट्रेट, एसडीआरएफ  की टीम एवं पुलिस बल की भी तैनाती किए जाने का आश्वासन दिया इस मौके पर कार्यपालक पदाधिकारी नगर वार्ड संघ अध्यक्ष सुजित प्रसाद यादव सामाजिक कार्यकर्ता आनंद कुमार गुप्ता उर्फ गब्बर, बिपिन कुमार तुलसी समेत कई लोग उपस्थित रहे.
हाजीपुर:‌न्याय को बढावा देने के लिए हुआ प्राधिकरण का गठन
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली तथा बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देश पर हाजीपुर व्यवहार न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय सेवा के दिवस के उपलक्ष्य पर एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया.शिविर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सत्येंद्र पांडेय, के निर्देशानुसार व्यवहार न्यायालय परिसर में किया गया. शिविर का उद्दाटन विधिवत दीप प्रज्वलित कर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ज्योति कुमारी, बृजेश कुमार, ललन कुमार, देवेश कुमार एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राजेश कुमार ने संयुक्त रूप से किया.
      अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ललन कुमार एवं प्राधिकार के सचिव राजेश कुमार विधिक सेवा दिवस के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इसकी शुरूआत पहली बार 1995 में भारत के सर्वोच्च न्यायलय द्वारा समाज के गरीब एवं कमजोर वर्गों की सहायता और समर्थन करने के लिए की गई थी. संविधान के अनुच्छेद 39ए अवसर की समानता के आधार पर न्याय को बढ़ावा देने के लिए समाज के गरीब एवं कमजोर वर्गों को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने हेतु विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया. जिसके अन्तर्गत कानूनी कार्यवाही के लिए निःशुल्क वकील उपलब्ध कराना, कानूनी कार्यवाही में कोर्ट फीस माफी एवं अन्य सभी प्रकार की विधिक सेवाएं मुफ्त मुहैया कराई जाती हैं.
         इंश्योरेंस कंपनी को मिला कई अहम दायित्व जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राजेश कुमार ने आगामी 09 दिसंबर को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत की व्यापक सफलता के लिए सरकारी एवं गैर सरकारी इंश्योरेंस कंपनी के पदाधिकारियों तथा उनके अधिवक्ताओं को अहम दायित्व दिए. बैठक का आयोजन उनके प्रकोष्ठ में किया गया.जिसमें इंश्योरेंस कंपनी के मैनेजर एवं अधिवक्ता द्वारा कुल 55 दावा वादों के निष्पादन आगामी लोक अदालत के माध्यम से करने का लक्ष्य रखा गया.
वैशाली: लालगंज में खुला नया पुलिस चौकी
पुलिस अधीक्षक वैशाली के निर्देश पर चौक चौबंद और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से लालगंज नगर परिषद क्षेत्र  के वार्ड नंबर 14 में शुक्रवार को नया नाका खोला. जिसका उद्घाटन लालगंज नगर परिषद सभापति कंचन कुमार शाह, उपसभापति संतोष कुमार, थानाध्यक्ष धनंजय पांडे ने संयुक्त रूप से फीता काटकर की.
      इस अवसर पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अशोक कुमार, पंचायत समिति विनय कुमार राय भाजपा नेता शिवनारायण महतो, नगर पार्षद रविन्द्र कुमार राय आदि. उपस्थित लोगों ने लालगंज बाजार में एक और नाका खुलने पर प्रसन्नता जताई और कहा कि सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में इससे मदद मिलेगी.
*निर्देशक सुदीप्तो सेन के पैर में लगी चोट के बावजूद नहीं रुकी विपुल अमृतलाल शाह की बस्तर की शूटिंग*
विपुल अमृतलाल शाह की अगली फिल्म बत्सर का निर्देशन कर रहें फिल्ममेकर सुदीप्तो सेन अपने इस अपकमिंग प्रोजेक्ट को लेकर बेहद डेडिकेटेड और फोक्सड हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सुदीप्तो सेन के पैर में गंभीर चोटे आई हैं, लेकिन इसके बावजूद फिल्म की शूटिंग पर कोई असर नहीं पड़ा है और वो नॉन स्टॉप फिल्म शूट कर रहें है जो फिल्म के प्रति उनके जज्बे और हिम्मत को दर्शाता है। एक सूत्र ने बताया, “बस्तर में पिछले 15 दिनों से शूटिंग की जा रही है, और शूटिंग की निरंतर गति निर्देशक सुदीप्तो सेन की दृढ़ कमिटमेंट का प्रमाण है। पैर में भारी चोट लगने और दोनों पैरों में ब्रेसिज़ पहनने के बावजूद, शूटिंग को आगे बढ़ाने और उसकी स्पीड को बनाए रखने का सेन का दृढ़ संकल्प परियोजना के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है।"
      बता दें, द केरल स्टोरी जैसे एक गेम-चेंजर फिल्म देने के बाद, निर्माता विपुल अमृतलाल शाह, निर्देशक सुदीप्तो सेन और अभिनेत्री अदा शर्मा अब अपनी अगली फिल्म की तैयार हैं। यह तीनों अब अपने अगले प्रोजेक्ट पर काम कर रहें है जिसका टाइटल 'बस्तर: द नक्सल स्टोरी' है।
         विपुल अमृतलाल शाह द्वारा निर्मित 'बस्तर: द नक्सल स्टोरी' सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित हैं और इसमें अदा शर्मा मुख्य भूमिका में होंगी। ये फिल्म सनशाइन पिक्चर्स के बैनर तले बनाई जा रही है। फिल्म 5 अप्रैल 2024 को रिलीज होगी।
बनी बनाई धारणाओं से अलग हैं आशुतोष राणा की पुस्तक 'रामराज्य'
          रामकथा के न जाने कितने रूप हैं. आदि कवि वाल्मीकि की रामायण से लेकर तुलसीदास के रामचरितमानस तक. अब फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा ने रामकथा की एक अलग तरह की व्याख्या करने की कोशिश की हैं. उन्होनें खलनायक के तौर पर चित्रित पात्रों के चरित्र को विस्तार देकर यह कहने की कोशिश की हैं कि खलनायक माने जाने वाले चरित्रों ने ही राम को राम बनाने में अहम भूमिका निभाईं.
        उनकी किताब रामराज्य में बहुत से रूढ़ विषयों को अलग तरीके से छूने की कोशिश की गई हैं जगत में कुमाता का पर्याय बन चुकी कैकेयी के चरित्र को बिल्कुल ही अलग तरीके से देखने का प्रयास किया गया हैं. कौशल्या माता शत्रुध्न को खोजते हुए कहती हैं-" ये चारों बच्चें अपनी मां की कोख से अधिक महारानी कैकेयी की गोद को मान देते हैं.हम तो मात्र मात्र  उनको जन्म देने का आधार हैं किंतु कैकेयी उनके जीवन की निर्माता हैं.              कैकेयी शीर्षक के पहले अध्याय में वे लिखते हैं कि कैसे माता कैकेयी के कहने के बाद भी भारत मात्र अभ्यास के लिए चिड़िया को मारने से मना कर देते हैं जबकि राम निशाना लगाने में जरा भी नहीं सोचते. यहां आशुतोष के राम कहते हैं. " मां मेरे लिए किसी के भी जीवन से महत्वपूर्ण हैं माता की आज्ञा इस तरह से लेखक शुरूआत से ध्यान रखते हैं कि उसके चरित्र मजबूत रहें.
     आशुतोष एक नयी स्थापना लेकर आते हैं कि कैकेयी राम के आग्रह पर ही उनके वन चले जाने और भरत के आग्रह पर ही उनके वन चले जाने और भरत के राजतिलक का वरदान मांगती हैं वैसे आस्था को ये तर्क चौंकाता नहीं हैं क्योंकि है तो सब माया पति की माया ही- "तसि मति फिरी अहई जस भावी....." पुस्तक में राम खुद कहते हैं ".....जो बच्चे के चित्त, चरित्र, चिंतन की अभियंता हो, एसी स्त्री असाधारण ही होती हैं, और वे सभी गुण तुममें हैं.
           रामायण की कहानी में एक और बहुत ही विचित्र और रोचक पात्र हैं सूपनखा या शूर्पणखा. रामराज्य के दूसरे अध्याय इसमें उन्होंने इस चरित्र की बहुत सुंदर व्याख्या की हैं. माता-पिता ने नाम सुर्पणा रखा और कैसे जिद पर आने ये कन्या शूर्पणखा के समान व्यवहार करने लगती हैं एक ही व्यक्ति के अन्दर दो चरित्र. दरअसल तुलसीदास ने अपनी कथा में इसे बहुत ही महत्वपूर्ण चरित्र के रूप में रचा हैं- सूपनखा के तौर पर ऐसा चरित्र जिसके नाखून बहुत बड़े हो सूप की तरह हो, नाखून से अंग होते हैं, जिनका होना जरूरी है लेकिन उन्हें काटना भी पड़ता हैं. अगर नाखूनों को कामनाओं वासनाओं के प्रतीक के तौर पर मान लिया जाये, तो बहुत ही अच्छी व्याख्या आती हैं  कि कामनाएं तो होनी ही चाहिए किंतु इतनी भी नहीं कि उनके कारण नाक और कान काट दिए जाएं, आशुतोष राणा ने इस चरित्र के साथ पूरा न्याय करते हुए बहुत सशक्त रूप दिया हैं साथ ही 'बेटे' को सबसे बड़ी उपलब्धि मानने वाले समाज को भी महत्वपूर्ण संदेश दिया हैं  आशुतोष की किताब रामराज्य में शूर्पणखा के पिता ही उससे आग्रह करते हैं- मैं चाहता हूं  कि इस बार पुत्र नहीं, मेरी पुत्री सुपर्णा मेरे संपूर्ण वंश के तार का कारण बने. "पिता के इसी निर्देश पर वो जाती हैं. पंचवटी में राम-लक्ष्मण से उसकी बातचीत होती हैं.इस वार्तालाप में उसकी इस कदर पराजय होती हैं कि उसे लगता हैं कि लक्ष्मण ने उसके कान ही काट दिए उसके प्रणय निवेदन को ठुकरा कर दोनों भाईयों ने उसकी नाक भी काट दी जैसा कि मुहावरे में कहा गया हैं.
        बस यही से उसे अपने पिता के आदेश का पालन करने का मौका मिल जाता हैं. फिर वो रावण के सामने ऐसा मेकअप करके जाती हैं कि सही में राम-लखन ने उसके नाक-कान काट दिए हों. दरअसल वो रावण के अहंकार को चुनौती देती हैं आशुतोष लिखते हैं-" अहंकारी व्यक्ति से अपनी मनोवांछित फल प्राप्त करना कितना सरल होता हैं. उसके अहंकार पर चोट पड़ते ही उसकी बुद्धि भ्रमयुक्त हो जाती हैं और भ्रमित व्यक्ति तब वह करने लगता हैं जो सामने वाला चाहता हैं, इसी का फायदा उठा कर सुपर्णा रावण को उकसाने में सफल हो जाती हैं. उसे पता हैं कि रावण को राम ही मुक्ति देंगें और कुछ का त्राण होगा.
          रावण-मंदोदरी संवाद में नीति

        अपने अध्याय ' लंका ' में मंदोदरी और रावण के बीच संवाद के जरिए आशुतोष बहुत ही नीतिपूर्वक बातों को आमजीवन के लिए उपयोगी रूप में प्रस्तुत करते हैं धर्म के अतिरिक्त स्त्री पर किए गए प्रहार को धर्म पर किए गए प्रहार साबित कर अपने अभिमान को धर्म की रक्षा के लिए किए गया काम सिद्ध कर लेता हैं. कहता हैं इसका अर्थ यह हुआ कि स्त्री के उपर की गयी चोट धर्म पर कई गयी चोट के जैसी होगी? इस प्रश्न के जवाब में मंदोदरी भी उसे धर्म की रक्षा के लिए आगे बढ़ने को कहती हैं.
         हनुमान की शक्ति
          पुस्तक के एक अध्याय का शीर्षक हनुमान भी हैं. रामकथा हनुमान के बिना पूरी हो ही नहीं सकती हनुमान की बुद्धि और बल के बारे में  जो धारणा हैं उसे इस पूरे अध्याय में लेखक ने और पुष्ट किया हैं.
         विजयपर्व नाम के अध्याय में कुंभकर्ण का उल्लेख करते हुए लेखक ने उसे रावण का वैज्ञानिक स्थापित कर दिया हैं. इसमें भी आशुतोष  बेहद सफल रहे हैं. उनके मुताबिक कुंभकर्ण के शोधों में कोई विध्न न पड़े इसके लिए रावण ने ये प्रचारित कर रखा हैं कि वो छह महीने सोता हैं, सोते हुए कुंभकर्ण को जगाने वाले को मृत्युदंड मिलेगा. साथ ही एक नयी स्थापना आशुतोष राणा ने  ये कि वो एक ऐसे  लोहे के     वाहन में निकलता हैं जो बहुत विशालकाय हैं हालांकि राम उसकी इस माया को पहचान लेते हैं. भले ही यह नाटकीय लगे, किंतु रोचक जरूर लगता हैं.
       साथ ही विभीषण की अन्तर्वासना को राम के साथ वार्तालाप में बहुत ही सलीके से पेश किया गया हैं. पुस्तक का अंतिम अध्याय सीता परित्याग निश्चित तौर  पर बहुत ही संवेदनशील हैं.
           पुस्तककार चूंकि फिल्म और रंग कर्म से जुड़े हैं तो संवादों में एक बहुत ही रोचक प्रवाह हैं. उदाहरण के लिए देखें- " वे इस सत्य को जानते हैं कि जब सकार और नकार एक दूसरे से लयबद्ध होकर मिलते हैं तब हमारे चित्त में हुंकार का उदय होता हैं और जब ये दोनों ऊर्जाएं एक-दूसरे के विरूद्ध खड़े होकर टकराने लगती हैं तब हमारे हृदय में विकार जन्म लेता हैं. सत, रज, तम की आनुपातिक संगति सृजन का घोष हैं तो इनके बीच उत्पन्न होने वाली विसंगति विध्वंस की घोषणा.
           रामराज और रामराज्य
          राम के चरित्र पर इतना सारा साहित्य हैं कथाएं हैं और उनसे भी अधिक लोकश्रुतियां हैं, फिर भी पुस्तक में कथा, भाषा और संदेश कुछ एसा हैं कि पढ़ कर अच्छा लगता है पुस्तक के पहले अध्याय में ही राम के मुंह में लेखक संदेश दिला देता हैं कि वो रामराज नहीं, रामराज्य चाहते हैं. राम कैकेयी-संवाद में वे कहते हैं- मैं रामराज नहीं, रामराज्य को स्थापित करना चाहता हुं. जहां व्यक्ति से अधिक महत्व विचार का हो, जहां प्रजा के रक्षण और पोषण का कार्य कोई व्यक्ति नहीं, अपितु विचार करते हो, प्रजा व्यक्ति पूरक नहीं, विचारपूर्वक हो."





         
*वेब के दुनिया की सबसे बड़ी स्टार बरखा सिंह ने इस दिवाली अपने खास संदेश से जीता सबका दिल*
      बॉर्न-ऑन-वेब' स्टार के रूप में जानी जाने वाली बरखा सिंह वेब की दुनिया का एक बड़ा नाम हैं। हालांकि उन्होंने वेब के अवाला टीवी और फिल्मों सहित सभी स्क्रीन्स फॉर्मेट पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। बरखा बहुमुखी कलाकार के रूप में जनता के दिलों में बसी है और अब जब दीवाली करीब है तो उन्होंने इस खास त्योहार पर अपने फैन्स को एक स्पेशल मैसेज दिया हैं।            *उन्होंने कहा*, "दिवाली का टाइम मेरे लिए बहुत खास होता है। यह साल का वह समय है जब कई शूटिंग और ब्रांड कमिटमेंट्स के साथ बिजी होने के बावजूद मैं अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताने के लिए उत्सुक रहती हूं। शहरों में AQI में गिरावट के साथ कोई भी केवल एनवायरमेंटल संस्टेनिबिलीटी और पक्षियों और जानवरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उत्सव मनाने की दिशा में काम कर सकता है। यही हमारी पीढ़ी के लिए आगे बढ़ने का रास्ता है। मैं सभी से गुजारिश करूंगी कि वे इस फेस्टिव सीजन को वास्तव में सभी के लिए उत्सवपूर्ण बनाने के लिए अपना योगदान दें। निजी तौर पर, मैं अपनी दिवाली की सजावट के लिए सोलर एनर्जी से चलने वाली लाइटों का भी इस्तेमार कर रही हूं। मेरा सभी से विनम्र अनुरोध है कि परेशानी में फसे पक्षियों और जानवरों की सक्रिय रूप से मदद करें क्योंकि वे तेज शोर, आतिशबाजी और प्रदूषण से बहुत प्रभावित होते हैं। तो आइए इस दिवाली को बुराई पर अच्छाई, प्रेम और जीवन का उत्सव बनाएं!”
          बता दें, डिजिटल दुनिया में बरखा सिंह ने 'माजा मा' में ईशा हंसराज के रूप में माधुरी दीक्षित नेने के साथ स्क्रीन साझा करने से लेकर 'इंजीनियरिंग गर्ल्स', 'गर्ल्स ऑन टॉप', 'ब्रीद', 'प्लीज फाइंड अटैच्ड' जैसे शोज में अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज कराई हैं।
*यह दिवाली एकता आर कपूर के लिए दोहरा जश्न लेकर आई है! वजह है खास!*
         एकता आर कपूर मनोरंजन जगत का एक ऐसा नाम है जिन्हें किसी परिचय Bकी जरूरत नहीं है। कंटेंट क्वीन के रूप में मशहूर, निर्माता का टेलीविजन और फिल्मों से लेकर ओटीटी तक मनोरंजन के सभी प्लेटफार्मों पर दबदबा है। दर्शकों की पसंद और पसंद के बारे में अपनी बेहद व्यावहारिक और सटीक समझ के साथ, वह एक दशक से अधिक समय से इंडस्ट्री पर राज कर रही हैं, जिसके लिए उन्हें कई पुरस्कार से सम्मानित किया गया है और इस साल एमी में शानदार जीत के साथ एक और पुरस्कार उनके पास आया है, जिससे उनके लिए जश्न दोगुना हो गया है।
         सूत्र के अनुसार, "इस साल की दिवाली एकता आर कपूर के लिए और भी शानदार होने वाली है। जहां निर्माता अपने परिवार और इंडस्ट्री के दोस्तों के लिए एक भव्य पार्टी की मेजबानी करेंगी, वहीं वह प्रतिष्ठित पुरस्कार 'एमी में अपनी शानदार जीत का भी आनंद लेंगी। इस दिवाली एकता ने अपनी झोली में एक और उपलब्धि जोड़ ली है और यह उनके सभी उपलब्धियों का आनंद लेने लायक है।"
              पद्म श्री प्राप्त करने वाली निमार्ता, एकता नवंबर में 51वें अंतर्राष्ट्रीय एमी पुरस्कार समारोह में अंतर्राष्ट्रीय एमी निदेशालय पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली भारतीय फिल्म निर्माता होंगी। एकता हमेशा इस खेल में टॉप पर रही है और जनता के बीच सबसे अच्छा कंटेंट पेश किया है जो बड़े पैमाने पर दर्शकों को पसंद आया, यही कारण है कि उसे इतने प्रतिष्ठित सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके साथ एकता भारत को गौरवान्वित कर रही है और इसे वैश्विक स्तर पर ले जा रही है।
          इसके अलावा, हर साल एकता अपने घर पर एक भव्य दिवाली उत्सव पार्टी का आयोजन करती है जिसमें कई दोस्तों, परिवार और इंडस्ट्री के लोगों की उपस्थिति देखी जाती है। तो, इस साल भी, हम सभी की निगाहें एकता के दिवाली उत्सव पर हैं, जबकि वह इस शुभ अवसर पर दोहरे उत्सव का आनंद ले रही है।
डंकी से मेकर्स ने जारी किए दो शानदार पोस्टर्स, सभी किरदारों की दिखी खास झलक
शाहरुख खान के जन्मदिन के खास मौके पर रिलीज हुए डंकी ड्रॉप 1 के पहले टीजर ने यकीनन फैन्स का दिल खुश कर दिया था। फिल्म की प्यारी कहानी ने लाखों दर्शकों के दिलों को छू लिया। वास्तविक जीवन के अनुभवों से प्रेरित, डंकी प्यार और दोस्ती की एक गाथा है जो इन विभिन्न कहानियों को एक साथ लाती है, और मजेदार और दिल तोड़ने वाले जवाब देती है।
         निर्माताओं ने आज डंकी के पोस्टर लॉन्च किए, जिसमें शाहरुख खान, तापसी पन्नू, विक्रम कोचर, अनिल ग्रोवर और विक्की कौशल जैसे पांच किरदारों को एक साथ दिखाया गया है। पोस्टर खुशी को दर्शाते हैं। यह पोस्टर दोस्ती और चुनौतियों के बारे में हैं, जिनसे वे अपने सपनों को हासिल करने के लिए एक साथ गुजरते हैं।            जिओ स्टूडियोज़, रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट और राजकुमार हिरानी फिल्म्स की प्रस्तुति, राजकुमार हिरानी और गौरी खान द्वारा निर्मित। अभिजात जोशी, राजकुमार हिरानी और कनिका ढिल्लों द्वारा लिखित, डंकी इस दिसंबर 2023 में रिलीज़ होने वाली है। https://www.instagram.com/p/CzN84Y1IZ5l/?igshid=MXh1b2dxYjFkZ3ltOQ==