एटीएस ने दो आतंकियों को किया गिरफ्तार ,यूपी में बड़ी घटना को अंजाम देने की बना रहे थे योजना

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे आईएसआईएस से जुड़े दो आतंकियों को यूपी एटीएस ने अलीगढ़ से गिरफ्तार कर लिया है। एसटीएस को इनके कब्जे से आईएसआईएस से जुड़ा साहित्य और प्रोपेगेंडा की सामग्री से भरी पेन ड्राइव बरामद किया है। दोनों आतंकियों से पूछताछ करने के बाद एटीएस ने कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। एटीएस का कहना है कि दोनों आतंकियों को जल्द ही कस्टडी रिमांड पर लिया जाएगा।

यूपी एटीएस को विगत कई दिनों से आसूचना मिल रही थी कि कुछ लोग आईएसआईएस कि विचारधारा से प्रेरित होकर, आईएसआईएस की बैयत (शपथ) ले चुके हैं और वे खिलाफत कायम करने के लिए देश विरोधी पंडयंत्र रच रहे हैं। ये लोग रेडिकलाइज्ड हैं और आईएसआईएस के अपने सीनीयर्स के निदेर्शों पर अपने जैसी वैचारिक धारणा रखने वाले हम खयालात लोगों को एक साथ जोड़कर आतंकी जेहाद की सेना बना रहे हैं। ये लोग अपने हैंडलर्स के निदेर्शों पर उत्तर प्रदेश मे कोई बड़ी घटना करने के लिए योजना बना रहे हैं। गहन विवेचना कर दोनों अभियुक्त अब्दुल्ला अर्सलान पुत्र मोइद्दीन ओझा निवासी आलमबाग भमौरा अलीगढ़ व माज बिन तारिक पुत्र मोहम्मद तारिक निवासी मंजरगढ़ी अलीगढ़ को पांच नवंबर को जनपद अलीगढ़ में अलग-अलग स्थान से गिरफ्तार कर लिया गया।

आईएसआईएस से जुड़ा साहित्या और प्रोपेगेंडा की सामग्री से भरी पेन ड्राइब किया बरामद

गिरफ्तार अभियुक्तों के पास आईएसआईएस व आईक्यूआईएस से जुड़ा तमाम प्रिंटेड साहित्य व आईएसआईएस के प्रोपेगेंडा से भरी पेन ड्राइव बरामद हुई है। अभियुक्तों के पास से प्राप्त इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मेमोरी से देश-विरोधी व आतंकी विचार धारा समर्थित कई ग्रुप पाए गए हैं। जिनमें आईएसआईएस आईक्यूआईएस के प्रतिबंधित साहित्य का आदान-प्रदान करना पाया गया है। दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर नियमानुसार न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया। अभियुक्तों के पीसीआर के लिए न्यायालय के अनुरोध किया जा रहा है जिससे विस्तृत पूछताछ कर अभियुक्तों के नेटवर्क के संबंध में अधिक जानकारी की जा सके व इनके सहयोगियों को पकड़ा जा सके।

दीपावली एवं छठ पूजा के दौरान कहीं से भी विद्युत आपूर्ति संबंधित शिकायतें प्राप्त नहीं होनी चाहिए: प्रभारी मंत्री सुरेश कुमार खन्ना

लखनऊ।उत्तर प्रदेश के वित्त एवं एवं संसदीय कार्य मंत्री तथा जनपद लखनऊ के प्रभारी मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि शहर में लगने वाले ट्रैफिक जाम से लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए सभी विकल्पों पर कार्य किया जाए। जहां पर भी जाम की समस्या हो, वहां डिवाइडर, ग्रिल एवं डायवर्जन जो भी आवश्यक हो, इसके लिए प्रभावी कार्य किए जाएं। उन्होंने लखनऊ, बाराबंकी रोड का जिक्र करते हुए कहा कि दिन प्रतिदिन ट्रैफिक का बोझ बढ़ता जा रहा है, जिसको देखते हुए इस पर लॉन्ग टर्म समाधान बनाए, इसके डिजाइन पर विशेष ध्यान दें। जिससे लंबे समय के लिए स्थाई समाधान निकल सके।

उन्होंने निर्देश दिया कि जाम से तत्काल राहत दिलाने के लिए स्थलीय निरीक्षण करते हुए अतिक्रमण विशेषकर मूवेबल अतिक्रमण को हटाया जाए। ट्रैफिक ड्राइवर्जन के साथ-साथ ई रिक्शा संचालन एवं स्टैंड के लिए स्थान चिन्हित किए जाएं। ओवरटेकिंग जाम का एक महत्वपूर्ण कारण है इस पर भी कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि 01 दिसंबर से अयोध्या की तरफ जाने वाली बसों का संचालन यदि कोई आपत्ति न हो तो अवध बस अड्डे से किया जाए।

प्रभारी मंत्री आज कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में शहर में बिजली, पानी, सड़क एवं सफाई व्यवस्था पर जिलाधिकारी एवं संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी को निर्बाध बिजली आपूर्ति, स्वच्छ पेयजल के साथ-साथ साफ-सफाई एवं सुगम आवागमन उपलब्ध कराया जाए। विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि ट्रांसफार्मर रिप्लेसमेंट, लो-वोल्टेज एवं बिजली कटौती संबंधी शिकायतें कहीं से भी प्राप्त न हो।

उन्होंने निर्देश दिया कि बांस-बल्लियों पर लटक रहे तार एवं तारों के गुच्छे को रिप्लेस किया जाए। त्योहारी सीजन को देखते हुए सभी आवश्यक मेंटेनेंस को समय रहते पूर्ण कर लिया जाए। दीपावली व छठ पूजा के अवसर पर प्रकाश व्यवस्था को दुरूस्त रखने के लिए रात्रि कालीन सर्वेक्षण करते हुए सभी प्रमुख मंदिरों, बाजारों एवं पूजा स्थलों पर प्रकाश व्यवस्था दुरूस्त रखी जाय। दीपावली एवं छठ पूजा के समय कहीं से भी विद्युत आपूर्ति संबंधित शिकायतें प्राप्त नहीं होनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि विद्युत कनेक्शन के लिए प्राप्त आवेदनों पर गंभीरता से विचार करते हुए हर संभव प्रयास करते हुए ससमय कनेक्शन उपलब्ध कराएं।

प्रभारी मंत्री ने कहा कि सफाई व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जाए। कूड़ा उठान नियमित रूप से सुनिश्चित किया जाए। शहर में कहीं भी कूड़ा ढेर की शिकायत किसी भी हाल में प्राप्त नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों की अधिक से अधिक उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए सफाई व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त किया जाए। समय-समय पर सफाई के लिए अभियान चलाकर सफाई का कार्य कराया जाए। सफाई बैंक की स्थापना की जाए, जिसमें सफाई कर्मचारियों के साथ-साथ आवश्यक संसाधन की व्यवस्था हो, जिससे किसी भी परिस्थिति में उन्हें लगाकर अतिरिक्त सफाई का कार्य कराया जा सके।

सफाई कर्मचारी एवं सफाई के कार्यों में लगे हुए अन्य कर्मचारी के वेतन भुगतान समय से किए जाएं। उन्होंने निर्देश दिया कि कहीं भी जल जमाव की स्थिति पैदा न हो। जल जमाव से मच्छर एवं वेक्टर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी को शुद्ध पेयजल की निर्वाध आपूर्ति सुनिश्चित हो। कहीं से भी पेयजल आपूर्ति संबंधी शिकायत प्राप्त न हो। स्ट्रीट लाइट एवं गड्ढा मुक्ति के कार्य को प्राथमिकता पर लेते हुए इसके लिए कार्य किया जाए। सड़कों पर होने वाले गड्ढों को शुरुआत में ही भर दिया जाए। इसके लिए रनिंग कॉन्ट्रैक्ट हो और सतत गड्ढा मुक्ति का कार्य संचालित किया जाए। विस्तारित क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं को चरणबद्ध तरीके से उपलब्ध कराया जाए।

उक्त बैठक में विधायक लखनऊ उत्तर नीरज वोहरा,विधायक मोहनलालगंज अमरेश, मा विधायक मलिहाबाद जय देवी, मा विधायक बिकेटी योगेश शुक्ला,सदस्य विधान परिषद मुकेश शर्मा, बुक्कल नवाब, जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार, पुलिस आयुक्त एस बी शिरडकर, अपर पुलिस आयुक्त उपेन्द्र अग्रवाल, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण इंद्रमणि त्रिपाठी, मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन, मुख्य चिकित्साधिकार मनोज अग्रवाल व अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

विशेष संरक्षण अभियान के तहत कुल 8065 गोवंश संरक्षित किये गये:धर्मपाल सिंह

लखनऊ।उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने आज यहां विधानभवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में टीम-09 के साथ निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु 01 नवम्बर से प्रारम्भ अभियान के संबंध मंे बैठक की। उन्होंने कहा कि गोवंश का संरक्षण एवं संवर्द्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है और शासन की मंशा के अनुरूप 31 दिसम्बर के बाद निराश्रित गोवंश सड़कों या खेतों में विचरण करते हुए नहीं पाये जाने चाहिए। उन्होंने टीम-09 को निर्देश दिए कि दिनांक 07, 08 व 09 नवम्बर को अपने आवंटित मण्डलों में मण्डलायुक्तों के साथ एवं जनपद स्तर पर संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करके अभियान को गति देते हुए आवश्यक व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए और यदि कोई कमी पाई जाती है तो उसे तत्काल दूर किया जाए।

पशुधन मंत्री ने निर्देश दिये कि मुख्यालय स्तर पर प्रगति की निरन्तर समीक्षा की जाए और निराश्रित गोवंश के संबंध में प्राप्त आंकड़ों एवं वास्तविकता का परीक्षण भी किया जाए। उन्होंने कहा कि अभियान का उद्देश्य धरातल पर दिखना चाहिए। इस अभियान में जनसहभागिता के माध्यम से किसानों एवं पशुपालकों के सुझावों एवं उनके अनुभव के आधार पर अभियान में सुझाव या बदलाव की आवश्यकता हो तो उस पर भी विचार किया जाए।बैठक में बताया गया कि 01 नवम्बर से प्रारम्भ विशेष संरक्षण अभियान के तहत कुल 8065 गोवंश संरक्षित किये गये जिसमें नगर क्षेत्र में 1294 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 6771 गोवंश संरक्षित किये गये हैं। कुल 1098 विशेष दस्ते गठित हैं, जिसमें शहरी क्षेत्र में 421 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 677 टीमें गठित हैं।

कुल 590 कैटल कैचर हैं, जिसमें शहरी क्षेत्र में 263 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 327 कैटल कैचर कार्यरत हैं।पशुधन मंत्री ने कहा कि विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों द्वारा प्रदेश के सभी 75 जनपदों में 21, 22 व 23 नवम्बर को जाकर अभियान की समीक्षा की जाए। गोसंरक्षण केन्द्रों, गोआश्रय स्थलों के निर्माण एवं गोआश्रय स्थलों के विस्तारीकरण का कार्य पूर्ण किया जाए और कोई व्यवस्थागत कमी न रहने पाए। संरक्षित किये जाने वाले निराश्रित गोवंश के देखभाल हेतु उनके चारे, भूसे, टीन शेड, पेयजल, विद्युत आपूर्ति एवं उपचार आदि के समुचित व्यवस्था की जाए।

उन्होंने निर्देश दिये कि बधियाकरण एवं मिशन एआई (कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम) के कार्यों में तेजी लाई जाए। इन योजनाओं का प्रदेश के पशु विकास कार्यक्रमों, दुग्ध उत्पादन एवं किसानों एवं पशुपालकों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका है।बैठक में अपर मुख्य सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास डा. रजनीश दुबे ने बताया कि मंत्री से प्राप्त निर्देशों के क्रम में 01 नवम्बर से निराश्रित गोवंश संरक्षण का अभियान प्रारम्भ कर दिया गया है और निर्धारित अवधि में लक्ष्य प्राप्ति हेतु आवश्यक व्यवस्थायें एवं कार्य पूर्ण किये जा रहे हैं।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अभियान में गृह, राजस्व, पंचायतीराज, ग्राम्य विकास एवं नगर विकास से परस्पर सहयोग एवं समन्वय स्थापित कर कार्य किया जाए। निराश्रित गोवंश को संरक्षित करते समय संवेदनशीलता बरती जाए और विशेष सचल दस्ते, टैªक्टर एवं कैटल कैचर की सहायता ली जाए। बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पांडेय, विशेष सचिव अमरनाथ उपाध्याय, पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक आनन्द कुमार, विशेष सचिव दुग्ध विकास राम सहाय यादव, निदेशक पशुपालन डा. एके जादौन, अपर निदेशक गोधन डा. जेके पांडेय तथा एलडीबी के कार्यकारी अधिकारी डाॅ. नीरज गुप्ता उपस्थित थे।

कारागार मंत्री ने मिट्टी से बने उत्पादों का अधिक से अधिक उपयोग करने की अपील की

लखनऊ।मुख्यमंत्री के कुशल मार्गदर्शन एवं निर्देशन में उत्तर प्रदेश आज हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने माटीकला बोर्ड का गठन कर मृत पड़े इस क्षेत्र को नई ऊर्जा एवं गति प्रदान की है। माटीकला बोर्ड का गठन कर उन्होंने लोगों को स्वरोजगार से जोड़ते हुए रोजगार का एक बड़ा अवसर उपलब्ध कराया है। मुख्यमंत्री का धन्यवाद जिन्होंने मुझे माटीकला बोर्ड का चेयनमैन बनाकर इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की सेवा करने का अवसर दिया।

यह बातें प्रदेश के कारागार एवं होमगार्ड्स राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मवीर प्रजापति ने आज लखनऊ के डालीबाग स्थित माटीकला मेला में लगे प्रदर्शनी के अवलोकन के दौरान कही। उन्होंने प्रदर्शनी में लगी दुकानों पर जाकर उत्पादों का अवलोकन किया एवं प्रत्येक उत्पाद के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश की जनता से मिट्टी से बने उत्पादों को अधिक संख्या में खरीदने की अपील की जिससे कि इस स्वरोजगार में जुड़े लोगों की आय बेहतर हो सके। उन्होंने कहा कि इस रोजगार में लगे लोगों के बच्चों के ड्रेस स्कूल की फीस एवं त्योहार सबकुछ इसी की बिक्री पर निर्भर करता है।

कारागार मंत्री ने कहा कि दीपावली के अवसर पर मिट्टी से बने गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति के पूजन का वर्णन शास्त्रों में भी है और इस पूजन को श्रेष्ठ बताया गया है। उन्होंने कहा कि मिट्टी के बने उत्पादों का इस्तेमाल करने से हम बहुत सी बीमारियों से बचते हैं। मिट्टी का बना प्रत्येक उत्पाद स्वास्थ्य पर किसी भी प्रकार का विपरीत असर नहीं डालता है। इसलिए अधिक से अधिक मिट्टी से बने उत्पादों का इस्तेमाल हमें करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आजकल घर के सजावट की बहुत सी वस्तुएं मिट्टी से निर्मित हो रही हैं जो हम दीपावली के अवसर पर सजावट के काम में इस्तेमाल कर सकते हैं।कारागार मंत्री ने कहा कि जेलों को भी हम वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोजेक्ट से जोड़े हैं। जेलों में कौशल विकास मिशन के माध्यम से कैदियों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। जेलों में बन्दियों द्वारा बहुत से उत्पाद भी तैयार किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जेल में बने उत्पाद भी प्रदर्शनी/मेलों के माध्यम से लोगों तक पहुंचे इसका प्रयास निरन्तर जेल विभाग द्वारा किया जा रहा है।

परिवहन निगम दीपावली एवं छठ पर्व पर अतिरिक्त परिवहन व्यवस्था करायेगा उपलब्ध : दयाशंकर सिंह

लखनऊ। सोमवार को प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर सिंह ने दीपावली एवं छठ पर्व पर अतिरिक्त परिवहन व्यवस्था सुलभ कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 12 नवम्बर को दीपावली एवं 19 नवम्बर को छठ का पर्व पूरे प्रदेश में मनाया जाना है। जिसके दृष्टिगत प्रदेश के लोगों को अच्छी परिवहन सुविधा उपलब्ध हो सके, इसके लिए परिवहन निगम अपनी तैयारियां कर ले।

उन्होंने 10 नवम्बर से 20 नवम्बर तक अधिक संख्या में बसों के संचालन किये जाने के निर्देश दिये हैं।परिवहन मंत्री ने बताया कि दीपावली एवं छठ पर्व के पूर्व एवं पश्चात की तिथियों में यात्रियों का आवागमन अधिक संख्या में होता है। प्रदेश के लोगों को आवागमन में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, परिवहन निगम इसका ध्यान रखेगा। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि बसों के संचालन में वृद्धि सहित कर्मचारियों की उपलब्धता एवं उत्पादकता में वृद्धि हेतु परिवहन निगम इस अवधि में विशेष प्रोत्साहन योजना भी लागू किया है।

परिवहन मंत्री ने कहा कि दीपावली एवं छठ पर्व के दौरान यात्रियों को मुख्यतः दिल्ली, जयपुर, कानपुर, लखनऊ आदि नगरों से पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न नगरों में जाना होता है जिसके लिए पर्याप्त संख्या में बसों के संचालन की आवश्यकता पड़ती है। उन्होंने कहा कि छठ का पर्व पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े धूमधाम से एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। लोग दूरदराज से इन क्षेत्रों में पहुंचते हैं। रेल यातायात के पश्चात सड़क यातायात ही वह माध्यम से जिससे कि लोग अपने घरों तक पहुंचते हैं। ऐसी स्थिति में परिवहन निगम की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है।

किसानों के ग्रिड कनेक्टेड सोलर पम्प से 2000 मेगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य : ऊर्जा मंत्री एके शर्मा

लखनऊ।प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने आज नई दिल्ली में भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री के नेतृत्व में देश के सभी राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों की बुलाई गई बैठक में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने प्रदेश की बिजली व्यवस्था के संबंध में कहा कि प्रधानमंत्री आशीर्वाद व संकल्प के अनुरूप तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन एवं कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश बिजली के क्षेत्र में व्यापक कार्य कर सबल, सुदृढ़ और आत्मनिर्भर हो रहा है।

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश बिजली पावर मैनेजमेंट में बहुत ही संवेदनशील क्षेत्र रहा है। प्रधानमंत्री के वर्ष 2070 तक नेट जीरो एमीशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कोयले की निर्भरता में कमी लाने हेतु रिन्यूएवल एनर्जी के क्षेत्र में बेहतर कार्य किया जा रहा है। इसके लिए दिसम्बर, 2022 में नई सौर ऊर्जा नीति-2022 और बायो एनर्जी नीति -2022 बनायी गयी है। इसमें गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोतों से कुल 22 गीगावाट ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। बहुत जल्द ही प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन नीति भी लायी जा रही है। अभी तक इस क्षेत्र में 7000 मेगावाट क्षमता के प्लाण्ट पाइप लाइन में आ चुके हैं। 150 से 200 मेगावाट क्षमता के प्लाण्ट कमीशण्ड भी हो चुके हैं।

प्रदेश सरकार ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा दे रही और लोगों को रूफटॉप सोलर सिस्टम लगवाने के लिए जागरूक कर रही। साथ ही सरकारी व सार्वजनिक संस्थानों एवं निजी संस्थानों में भी रूफटॉप लगाने के प्रयास किये जा रहे हैं। 300 मेगावाट से ज्यादा क्षमता का विद्युत उत्पादन किया जा रहा। यूपीनेडा द्वारा केन्द्र और राज्य सरकार से मिल रही सब्सिडी को पारदर्शिता के साथ दी जा रही है।

अक्षय ऊर्जा स्रोतों से प्रदेश का पर्यावरण बेहतर हो रहा साथ ही लोेगों को रोजगार भी मिल रहा है। यूपीनेडा द्वारा भी नवयुवकों को सूर्य मित्र का पशिक्षण दिया जा रहा। नवयुवकों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी दिया जा रहा है। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में कुल 8 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है। अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में उद्योग लगाने के लिए निवेशकों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। अभी तक इस क्षेत्र में 09 प्रोजेक्ट सैंक्शन्ड हो चुके हैं। प्रदेश में 10 सोलर पार्क बनाये जा रहे।

प्रदेश सरकार केन्द्र की कुसुम सी-1 योजना के तहत वर्ष 2027 तक सौर ऊर्जा से 2000 मेगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य है। किसानों को ग्रिड कनेक्टेड सोलर पम्प दिये जा रहे। कुसुम सी-1 में सभी किसानों को 90 प्रतिशत तथा वनटांगिया, मुसहर जैसे कमजोर समुदायों को 100 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। ग्राम पंचायतों में सोलर स्ट्रीट लाइट भी लगायी जा रही। यूपीनेेडा ने योजनाओं के प्रभावी व पारदर्शी क्रियान्वयन हेतु जैव ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा पोर्टल भी विकसित किया गया है। सोलर रूफटॉप पावर प्लाण्ट की समस्याओं हेतु सोलर समाधान पोर्टल भी लांच किया जा चुका है। साथ ही राज्य स्तर पर पर्यावरण और वानिकी संबंधी आ रही समस्याओं को भी हल किया जा रहा है।

डेयरी सेक्टर की बेहतरी के लिए पशुचारा और नस्ल सुधार दोनों महत्वपूर्ण: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। प्रदेश के डेयरी सेक्टर को बड़ा औद्योगिक स्वरूप देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है। ब्राजील की दो बड़ी कंपनियों ने प्रदेश की आनंदा डेयरी के साथ मिलकर पोषण युक्त पशु चारा निर्माण और गोवंश नस्ल सुधार के लिए साथ मिलकर काम करने का निर्णय लिया है। बीते दिसंबर, 2022 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट रोड शो के दौरान ब्राजील गई टीम यूपी के साथ हुई बातचीत के बाद अब इसे क्रियान्वित किया जा रहा है।

सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारत में ब्राजील के राजदूत केनेथ नोब्रेगा की उपस्थिति में आनंदा डेयरी के साथ ब्राजीलियन कंपनी अमेरिया पजोरा और बीएच एम्ब्रियोस के साथ औपचारिक एमओयू सम्पन्न हुआ।विशेष अवसर पर उत्तर प्रदेश आए ब्राजीलियन प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत एवं ब्राजील के संबंध सदा मैत्रीपूर्ण रहे हैं। दोनों देशों के बीच आपसी समझ, बढ़ते हुए द्विपक्षीय व्यापार तथा सर्वांगीण सहयोग है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गत दो वर्षों में भारत और ब्राजील के बीच द्विपक्षीय व्यापार दोगुना हो गया है। इसमें वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत से ब्राजील को 4.5 बिलियन यूएस डॉलर का निर्यात किया गया तथा ब्राजील से भारत द्वारा 7.14 बिलियन यूएस डॉलर का आयात हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत एवं ब्राजील के बीच कृषि, खाद्य प्रसंस्करण एवं पशुपालन द्विपक्षीय सहयोग के अन्य प्रमुख फोकस क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि ब्राज़ील और भारत के गोधन की आनुवंशिक विरासत समान है। सदियों पहले निर्यात किए गए गिर और कांकरेज जैसे भारतीय मवेशियों को बड़ी मात्रा में दूध देने के लिए तैयार किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिष्ठित डेयरी समूह आनंदा ग्रुप और ब्राजील की कंपनियों, अमेरिया पजोरा एवं बीएच एम्ब्रियोस के बीच एमओयू उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए दुधारु पशुओं के पोषण एवं प्रजनन में उपयोग की जाने वाली उन्नत तकनीक के माध्यम से दूध उत्पादन में वृद्धि के मार्ग को प्रशस्त करने में मदद करेगी।इससे पहले भारत में ब्राजील के राजदूत केनेथ नोब्रेगा ने उत्तर प्रदेश आगमन पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि दोनों देशों की प्रतिष्ठित कंपनियों के बीच हुआ यह व्यपारिक समझौता देशों के बीच पारस्परिक संबंधों को और मजबूत करने वाला होगा।कार्यक्रम के दौरान, आनंदा डेयरी, अमेरिया पजोरा और बीएच एम्ब्रियोस के प्रतिनिधियों ने अपनी भावी योजनाओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।

बता दें कि अमेरिया पजोरा कंपनी प्रमुख रूप से (कुत्तों व बिल्लियों को छोड़कर) पशुओं एवं पक्षियों के लिए पशु चारा, चारा-सामग्री एवं सहायक सामग्री का उत्पादन करती है। कंपनी अपने उत्पादों को पांच महाद्वीपों के देशों को निर्यात करती है। वहीं, बीएच एम्ब्रियोस कंपनी को इन विट्रो तथा विवो दोनों विधियों में मवेशियों के भ्रूण का उत्पादन करने में विशेषज्ञता प्राप्त है।

श्रीराम कथा सुनने पहुंचे न्यायमूर्ति ने दीप प्रज्वलित किया

लखनऊ। गोसाईगंज की रामकथा सुनने पहुंचे न्यायमूर्ति दिनेश कुमार मिश्र ने दीप प्रज्ज्वलित कर देवी देवताओं और कथा ऋषि व्यास जी का आशीर्वाद प्राप्त किया। कथा ऋषि ने कहा लालच अर्थात लोभ व्यक्ति को ईश्वर से भी दूर कर देता है। जो लोभ के पीछे भागते हैं उनका कभी कल्याण नही होता। लोभ को परास्त करने के लिए संतोष का होना जरूरी है।

कथा ऋषि पंडित उमा शंकर व्यास ने गोसाईगंज में चल रही श्रीराम कथा के पांचवे दिन राजा प्रताप भानु की कथा सुनाते हुए कहा की राजा ने लोभ के पीछे भागते भागते अपनी दुर्गति कर ली। कथा ऋषि ने कहा कि राजा प्रताप भानु धर्मात्मा और पुण्यात्मा था, लेकिन क्रोध और लोभ पर नियंत्रण नही कर पाए। वह मायावी राक्षस को पहचान नहीं पाए।

किसी को पहचानने के लिए सत्संग जरूरी है।राजा शिकार के समय मायावी राक्षस कालकेतु के पीछे क्रोध वश घोड़ा दौड़ाते चले गए शूकर के रूपी लोभ भागता चला गया। आखिर में उसने राजा को उनके शत्रु के पास पहुंचा दिया।

कथा ऋषि कहते हैं की लोभ के पीछे भागने वाला दुर्गति को ही प्राप्त होता है। कथा ऋषि ने कहा की पार्वती ने एक बार भगवान शंकर से पूछा की भगवान राम और राजा प्रताप भानु दोनो ही लोभ के पीछे दौड़ रहे हैं तो इनमे अंतर क्या है। भगवान शंकर ने पार्वती से कहा हां राजा वास्तविक रूप में दौड़ रहा है और राम एक लीला कर रहे हैं। शंकर ने कहा राजा को लोभ रूपी शूकर ने समाप्त कर दिया और भगवान राम ने मायावी हिरण को ही समाप्त कर दिया।

कथा ऋषि उमा शंकर व्यास ने कहा की आंखों में लोभ आ जाय तो भगवान प्राप्त नहीं हो सकता। वह दिखाई ही नही देता। इस लिए लोभ का त्याग उचित है। राम कथा में न्यायमूर्ति दिनेश कुमार मिश्रा ने दीप प्रज्वलित किया।

चेयरमैन निखिल मिश्रा, विशेष सचिव आत्माराम वर्मा, सिपाहिलाल, श्रीकांत, विमल जायसवाल, सुधाकर वर्मा, अशोक कुमार गुप्ता, सौरभ मिश्रा, शोभित दीक्षित, कमल अग्नेय, राजेंद्र वर्मा बाबू जी, नागेश वर्मा, सतीश जायसवाल, महेंद्र दीक्षित सिपाहीलाल यादव और सुशील शुक्ला सहित अन्य कई भक्तो ने देवी देवताओं की आरती उतारी और कथा ऋषि का आर्शीवाद लिया।

निराश्रित गोवंश संरक्षण व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने आज यहां विधानभवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में टीम-09 के साथ निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए 1 नवम्बर से प्रारम्भ अभियान के संबंध मंे बैठक की। उन्होंने कहा कि गोवंश का संरक्षण एवं संवर्द्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है और शासन की मंशा के अनुरूप 31 दिसम्बर के बाद निराश्रित गोवंश सड़कों या खेतों में विचरण करते हुए नहीं पाये जाने चाहिए। उन्होंने टीम-09 को निर्देश दिए कि 07, 08 व 09 नवम्बर को अपने आवंटित मण्डलों में मण्डलायुक्तों के साथ एवं जनपद स्तर पर संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करके अभियान को गति देते हुए आवश्यक व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए और यदि कोई कमी पाई जाती है तो उसे तत्काल दूर किया जाए।

 

पशुधन मंत्री ने निर्देश दिये कि मुख्यालय स्तर पर प्रगति की निरन्तर समीक्षा की जाए और निराश्रित गोवंश के संबंध में प्राप्त आंकड़ों एवं वास्तविकता का परीक्षण भी किया जाए। उन्होंने कहा कि अभियान का उद्देश्य धरातल पर दिखना चाहिए। इस अभियान में जनसहभागिता के माध्यम से किसानों एवं पशुपालकों के सुझावों एवं उनके अनुभव के आधार पर अभियान में सुझाव या बदलाव की आवश्यकता हो तो उस पर भी विचार किया जाए। 

बैठक में बताया गया कि 01 नवम्बर से प्रारम्भ विशेष संरक्षण अभियान के तहत कुल 8065 गोवंश संरक्षित किये गये जिसमें नगर क्षेत्र में 1294 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 6771 गोवंश संरक्षित किये गये हैं। कुल 1098 विशेष दस्ते गठित हैं, जिसमें शहरी क्षेत्र में 421 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 677 टीमें गठित हैं। कुल 590 कैटल कैचर हैं, जिसमें शहरी क्षेत्र में 263 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 327 कैटल कैचर कार्यरत हैं।

पशुधन मंत्री ने कहा कि विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों द्वारा प्रदेश के सभी 75 जनपदों में 21, 22 व 23 नवम्बर को जाकर अभियान की समीक्षा की जाए। गोसंरक्षण केन्द्रों, गोआश्रय स्थलों के निर्माण एवं गोआश्रय स्थलों के विस्तारीकरण का कार्य पूर्ण किया जाए और कोई व्यवस्थागत कमी न रहने पाए। संरक्षित किये जाने वाले निराश्रित गोवंश के देखभाल हेतु उनके चारे, भूसे, टीन शेड, पेयजल, विद्युत आपूर्ति एवं उपचार आदि के समुचित व्यवस्था की जाए। 

उन्होंने निर्देश दिये कि बधियाकरण एवं मिशन एआई (कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम) के कार्यों में तेजी लाई जाए। इन योजनाओं का प्रदेश के पशु विकास कार्यक्रमों, दुग्ध उत्पादन एवं किसानों एवं पशुपालकों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास डा0 रजनीश दुबे ने बताया कि मंत्री जी से प्राप्त निर्देशों के क्रम में 01 नवम्बर से निराश्रित गोवंश संरक्षण का अभियान प्रारम्भ कर दिया गया है और निर्धारित अवधि में लक्ष्य प्राप्ति के लिए आवश्यक व्यवस्थायें एवं कार्य पूर्ण किये जा रहे हैं।

 उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अभियान में गृह, राजस्व, पंचायतीराज, ग्राम्य विकास एवं नगर विकास से परस्पर सहयोग एवं समन्वय स्थापित कर कार्य किया जाए। निराश्रित गोवंश को संरक्षित करते समय संवेदनशीलता बरती जाए और विशेष सचल दस्ते, टैªक्टर एवं कैटल कैचर की सहायता ली जाए। 

बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव श्री देवेन्द्र पांडेय, विशेष सचिव अमरनाथ उपाध्याय, पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक श्री आनन्द कुमार, विशेष सचिव दुग्ध विकास राम सहाय यादव, निदेशक पशुपालन डा एके जादौन, अपर निदेशक गोधन डा जेके पांडेय तथा एलडीबी के कार्यकारी अधिकारी डा नीरज गुप्ता उपस्थित थे।

हृदयनारायण मिश्र अध्यक्ष और नितेन्द्र श्रीवास्तव डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ महासचिव निर्वाचित

लखनऊ। उप्र डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ की 35वीं कौंसिल सभा डा. राम मनोहर लोहिया प्रेक्षगृह तेलीबाग, लखनऊ में प्रान्तीय अध्यक्ष इं. राकेष कुमार त्यागी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।

कार्यक्रम में कर्मचारी इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण हड़ताल साल 1974 के जन नायकों में से एक तथा उप्र डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के संस्थापक सदस्य इं हेमेन्द्र प्रताप मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन महासचिव इं. जीएन सिंह द्वारा किया गया।

कौंसिल सभा के अन्तिम चरण में मुख्य निर्वाचन अधिकारी इं. एससी दीक्षित निर्वाचन अधिकारी, इं. एसपी श्रीवास्तव तथा इं. एसपी मिश्रा की निर्वाचन समिति द्वारा निर्वाचन प्रक्रिया सम्पन्न की गई। इसमें सर्वसम्मति से लोक निर्माण विभाग के इं. हृदय नारायण मिश्र को प्रान्तीय अध्यक्ष तथा सिंचाई विभाग के इं. नितेन्द्र श्रीवास्तव को महासचिव के साथ-साथ 21 सदस्यीय प्रान्तीय कार्यकारिणी के निर्विरोध निर्वाचन की घोशणा मुख्य चुनाव अधिकारी द्वारा की गयी।

महासंघ के संरक्षकों द्वारा सभी निर्वाचित पदाधिकारियों को षुभकामनायें दिये जाने के साथ ही कौंसिल सभा सम्पन्न हुई।

कौंसिल सभा में प्रदेष के समस्त तकनीकी विभागो के प्रान्तीय अध्यक्ष/महासचिव/महामंत्री तथा उप्र डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के जनपद/मण्डल एवं प्रान्तीय पदाधिकारियों के साथ-साथ प्रदेष के समस्त 400 प्रतिनिधि कौंसिलर्स ने भाग लिया।

उक्त कौंसिल सभा में तकनीकी विभागों में कार्यरत डिप्लोमा अभियंताओं की विभिन्न समस्याओं पर विचार विमर्ष करते हुए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, केन्द्र सरकार द्वारा 03 मार्च 2023 को जारी आदेष के अनुसार नई पेंषन लागू होने से पूर्व जारी विज्ञापनों के माध्यमों से नियुक्त कार्मिकों को दी गयी पुरानी पेंषन के अनुरूप प्रदेश के कार्मिकों को भी पुरानी पेंशन दिये जाने, जूनियर इंजीनियर्स को प्रारम्भिक ग्रेड पे 4800 प्रदान किये जाने, कोरोना काल में सरकार द्वारा वापस लिये गये रु0 400.00 के विषेश भत्ते को बहाल करने व 30 लीटर पेट्रोल के बराबर वाहन भत्ता प्रदान करने, विभिन्न माध्यमों से जूनियर इंजीनियर्स के पद पर निर्धारित अर्हता 3 साल डिप्लोमा के अतिरिक्त डिग्रीधारी अभियंताओं को भी शामिल किये जाने के हो रहे शड़यंत्र को तत्काल समाप्त करने सहित 29 सूत्रीय मांगों का प्रस्ताव पारित कर वार्ता/संघर्श कार्यक्रमों के माध्यम से समाधान निकालने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।

कौंसिल सभा में संरक्षकगण इं. एससी दीक्षित, इ. केडी द्विवेदी, इं. विश्णु प्रसाद तिवारी, इं. एसपी श्रीवास्तव, इं. एसपी. मिश्रा, इं. अमरनाथ, इ. एस.के. पाण्डेय सलाहकार, इं. सुधीर पंवार सलाहकार के अतिरिक्त इं. हरि किषोर तिवार अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिशद, घटक संघों के अध्यक्ष/महासचिवों में इं. ए.डी. द्विवेदी, इं. प्रकाष चन्द्र, इं. जी.बी. पटेल, इं. जय प्रकाष, इं. श्रीप्रकाष गुप्ता, इं. दिवाकर गौतम, इं. विनोद कुमार तिवारी, इं. आर.पी. सोनकर, इं. रूद्रप्रकाष वर्मा, इं. अरूण कुमार, इं. गजेन्द्र कुमार, इं. गौरी षंकर कुषवाहा, इं. गिरीष कुमार, इं. विरेन्द्र कुमार सिंह, इं. एस.डी.द्विवेदी, इं. गंगा प्रसाद, इं. अमरजीत यादव सहित समस्त जनपदों व मण्डलों के अध्यक्ष/सचिव तथा प्रत्येक विभाग के कौंसिलर्स उपस्थित हुए।