भाकृअनुप-अटारी कानपुर द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्रों की दो दिवसीय मध्यावधि समीक्षा कार्यशाला का आयोजन
कानपुर।भाकृअनुप-अटारी, जोन-3 कानपुर, उत्तर प्रदेश के पूर्वी मैदानी कृषि जलवायु क्षेत्र के 25 कृषि विज्ञान केन्द्रों की दो दिवसीय मध्यावधि समीक्षा कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। भाकृअनुप-अटारी कानपुर के प्रभारी निदेशक डा. एस के सिंह ने बताया कि इस कार्यशाला का आयोजन उ.प्र. के कृषि विज्ञान केन्द्रों की वर्ष 2024 की कार्ययोजना की समीक्षा करने हेतु किया जा रहा है।
उद्घाटन सत्र में प्रभारी निदेशक अटारी डा. एस के सिंह ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया एवं साथ ही कार्यशाला के उद्देश्यों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला का कार्य योजना (एक्शन प्लान) प्रमुख फोकस है तथा इस समय तक कृषि विज्ञान केन्द्रों के द्वारा किये गये कार्यों की समीक्षा भी की जा रही है।
प्रभारी निदेशक अटारी कानपुर ने बताया की सभी कृषि विज्ञान केन्द्र कृषि के समस्त क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं । प्रत्येक केवीके चयनित गाँवों में समस्या का आधार में रखते हुए तकनीक का चयन एवं प्रदर्शन करें।डा. एस.के. सिंह ने इस अवसर पर बताया कि प्रत्येक केवीके पर विभिन्न विषयों के विषयवस्तु विशेक्षज्ञों (एसएमएस) का दायित्व है कि कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यक्षेत्र में किसानों को जो भी समस्यायें आती हैं।
उनका निराकरण करके किसानों के साथ कार्य करें।डा. आर. के. यादव निदेशक प्रसार चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर के कृषि विज्ञान केन्द्रों के ‘विज़न’ की गहन जानकारी दी। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि जो भी तकनीकी किसानों के खेत तक जाये उसमें आने वाली समस्या का निरीक्षण एवं अध्ययन करें जैसे खरपतवार प्रबंधन एवं उर्वरक प्रबंधन, कीड़ों की समस्या आदि। डा. ओ.पी. सिंह, पूर्व निदेशक प्रसार, सरदार वल्लभभाई पटेल कृ.एवं.प्रौ. विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा भी इस अवसर पर उद्बोधन दिया गया।
साथ ही उन्होंने उपस्थित समस्त वैज्ञानिकों को वैज्ञानिकों की तरह सोचने हेतु प्रेरित किया।उद्घाटन सत्र के बाद तकनीकी सत्र प्रारम्भ हुआ जिसमें उत्तर प्रदेश के मध्य दक्षिण पश्चिमी एवं मध्य मैदानी कृषि जलावायु क्षेत्र के कृषि विज्ञान केन्द्रों आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, अलीगढ़, एटा, महामाया नगर, प्रयागराज प्रथम, फतेहपुर, कौशांबी एवं प्रतापगढ़, आदि ने कार्ययोजना 2024 का प्रस्तुतिकरण दिया।
जिसकी विशेषज्ञों ने समीक्षा कर अपनी टिप्पणी एवं सुझाव दिये।कार्यशाला का सफल संचालन प्रधान वैज्ञानिक डा. राघवेन्द्र सिंह द्वारा किया गया। जबकि अंत में धन्यवाद अटारी की वैज्ञानिक डॉक्टर सीमा यादव ने किया। इस अवसर पर एस एन एमुल, डा. राम नरेश एसआरएफ, डा. राजीव सिंह सहित अन्य लोग उपस्थिति रहे।
Oct 26 2023, 19:15