राजस्थान विधानसभा महासमर, कांग्रेस ने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट की जारी, यहां पढ़िए, किसे मिला मौका, कौन हुआ रेस से बाहर

 राजस्थान में कांग्रेस ने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। दूसरी सूची में 43 कैंडिडेट को चुनावी समर में उतारा गया है। शनिवार को कांग्रेस ने पहली लिस्ट जारी की थी। पहली सूची में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट समेत 33 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया था। कांग्रेस ने रविवार को दूसरी लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में कई दिग्गजों के नाम का ऐलान किया गया है। प्रताप सिंह खाचरियावास, परसादी लाल मीणा, शकुंतला रावत समेत 43 लोगों के नाम का ऐलान किया गया है।

रविवार को दूसरी सूची शेयर करते हुए कांग्रेस ने 'एक्स' पर लिखा, 'राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव, 2023 के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा जारी उम्मीदवारों की दूसरी सूची।

यूपी के बांदा में चिता पर लिटाते ही कांपने लगे होठ, कफन समेत उठाकर अस्पताल ले भागे सवजन, डॉक्टर के मृत घोषित करने के बाद हुआ अंतिम संस्कार

उत्तरप्रदेश के बांदा जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक व्यक्ति की मौत के बाद उसके परिजन शव को दाह संस्कार के लिए ले गए। शव को चिता पर रख दिया गया था। अंतिम संस्कार से पहले यहां कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला जिसे देखकर घर वाले भी हैरान रह गए। इसके बाद कफन समेत शरीर को लेकर परिवार वाले अस्पताल भागे। पूरी घटना शंभूनगर क्षेत्र की है। यहां के रहने वाले 75 वर्षीय वृन्दावन पाल रिटायर्ड शिक्षक थे। कई दिन से बुखार से पीड़ित थे। प्लेटलेट्स कम होने पर खिन्नीनाका के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

शुक्रवार शाम हालत और बिगड़ी तो घरवाले जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने देखते ही घोषित कर दिया। शनिवार दोपहर परिजन शव का अंतिम संस्कार करने के लिए मुक्तीधाम ले गए। बेटे सुधीर के मुताबिक, पिता का शरीर चिता में लिटाते ही होंठ हिले। जिंदा होने की आस में चिता से कफन के साथ शरीर उठाकर अस्पताल लाए। कफन में लिपटा बुजुर्ग का शरीर देख लोग सहम गए। घरवालों ने बुजुर्ग के जिंदा होने की बात कहते हुए डॉक्टरों से उन्हें देखने की मिन्नत की। डॉक्टर विनीत सचान ने नब्ज टटोलकर देखी और मृत घोषित किया। इसके बाद फिर शव को लेकर मुक्तिधाम पहुंचे और फिर उनका अंतिम संस्कार किया।

मरने के बाद क्यों हिलने लगते हैं शव?

चिता पर लिटाते ही शव हिलने की घटनाएं पहले भी सामने आई हैं। अपर चिकित्सा अधीक्षक से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, किसी भी व्यक्ति की मौत होने पर शरीर का तापमान धीरे-धीरे घटता है। इस कारण मांसपेशियां हलचल करती रहती हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं। परिवार वाले शव में हलचल देखकर उसे जिंदा समझ लेते हैं और अस्पताल लेकर दौड़ पड़ते हैं।

कंगना रनौत दिल्ली में करेंगी रावण दहन, लव कुश रामलीला में मनाएंगी सत्य की जीत का पर्व

डेस्क: बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत इन दिनों अपनी फिल्म 'तेजस' की रिलीज का इंतजार कर रही हैं। वह इन दिनों फिल्म के प्रमोशन में खूब बिजी हैं और जी जान से मेहनत कर रही हैं। रविवार की रात वह सलमान खान के रियलिटी शो 'बिग बॉस 17' में नजर आने वाली हैं। वहीं आने वाले मंगलवार को दशहरे के त्योहार पर वह दिल्ली के लाल किला मैदान में प्रतिष्ठित लव कुश रामलीला में रावण दहन करेंगी।

आमतौर पर पीएम करते हैं रावण दहन

एक्ट्रेस 24 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी में दशहरा उत्सव में शामिल होंगी और रावण दहन में भाग लेंगी। बता दें कि रावण दहन एक परंपरा है, जिसमें तीर चलाकर रावण के पुतले का दहन किया जाता है। आमतौर पर देश के प्रधानमंत्री ही रावण दहन करते हैं, लेकिन इस साल चूंकि पीएम मोदी चुनावों में व्यस्त हैं, इसलिए लव कुश रामलीला समिति ने सभी क्षेत्रों की महिलाओं को रामलीला के लिए आमंत्रित करने का निर्णय लिया है। यह हाल ही में लोकसभा और राज्यसभा दोनों द्वारा पारित महिला आरक्षण विधेयक को चिह्नित करने के लिए भी है।

कई सितारों ने की रामलीला में शिरकत

इस साल लव कुश रामलीला में कई फिल्म और टेलीविजन सितारों ने शिरकत की है। हाल ही में, अभिनेता आसिफ शेख और रोहिताश्व गौड़, जो टीवी शो 'भाबीजी घर पर हैं' में अपने काम के लिए जाने जाते हैं, ने नई दिल्ली के लाल किला में आयोजित लव कुश रामलीला उत्सव में भाग लिया और भव्य समारोह देखा।

आसिफ शेख ने दिल्ली में एक बार फिर से नवरात्रि उत्सव में लौटने पर खुशी व्यक्त की। इस साल की रामलीला में अत्याधुनिक तकनीक का समावेश देखा जा रहा है। एक विजुअली स्टनिंग एक्सपीरियंस प्रदान करने के लिए आयोजन स्थल पर स्पेशल 3डी और एलईडी लाइटों से सुसज्जित 3-स्टोरी स्टेज स्थापित किया गया है।

नेपाल में भूकंप से फिर कांपी धरती, रिक्टर स्केल पर मापी गई इतनी तीव्रता

डेस्क: नेपाल में एक बार फिर भूकंप की वजह से धरती कांपी है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई है। ये भूकंप नेपाल में शाम 5 बजकर 18 मिनट पर महसूस किया गया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने ये जानकारी दी है। 

आज सुबह भी आया था भूकंप

नेपाल में आज सुबह भी भूकंप आया था। नेपाल में सुबह 7:24 पर 5.3 तीव्रता का भूकंप आया था। इस भूकंप के झटके भारत के भी कई हिस्सों में महसूस किए गए थे। हालांकि अभी तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। 

16 अक्टूबर को भी हिली थी धरती

16 अक्टूबर को भी नेपाल के कई हिस्सों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। इस दौरान भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.8 आंकी गई थी।  

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता का ऐसे लगा सकते हैं अंदाजा 

0 से 1.9 सीज्मोग्राफ से मिलती है जानकारी

2 से 2.9 बहुत कम कंपन पता चलता है

3 से 3.9 ऐसा लगेगा कि कोई भारी वाहन पास से गुजर गया

4 से 4.9 घर में रखा सामान अपनी जगह से नीचे गिर सकता है 

5 से 5.9 भारी सामान और फर्नीचर भी हिल सकता है

6 से 6.9 इमारत का बेस दरक सकता है 

7 से 7.9 इमारतें गिर जाती हैं 

8 से 8.9 सुनामी का खतरा, ज्यादा तबाही

9 या ज्यादा सबसे भीषण तबाही, धरती का कंपन साफ महसूस होगा

इजरायल के युद्धक विमानों ने हमास के डिप्टी कमांडर मुहम्मद कटमश को कर दिया ढेर, फायर ब्रिग्रेड और तोपखाने का था जिम्मा

डेस्क: इजरायली हमले में आज हमास का एक और प्रमुख कमांडर मार गिराया गया है। इजरायली एयरफोर्स के दावा के अनुसार युद्धक विमानों ने हमास के डिप्टी कमांडर मुहम्मद कटमश को एक हवाई हमले में ढेर कर दिया है। 

यह आतंकी गाजा के सेंट्रल कैंप ब्रिगेड में आग और तोपखाने प्रबंधन का जिम्मा संभालता था। मगर आईडीएफ युद्धक विमानों ने हमास आतंकवादी संगठन के क्षेत्रीय तोपखाने सरणी के उप प्रमुख मुहम्मद कटमश को मार दिया है। इससे पहले हमास के दर्जन भर कमांडर और 1000 से अधिक आतंकी मारे जा चुके हैं। 

आईडीएफ के अनुसार मुहम्मद कटमश सेंट्रल कैंप ब्रिगेड में आग और तोपखाने प्रबंधन के लिए जिम्मेदार था। हमास आतंकवादी संगठन के क्षेत्रीय तोपखाने सरणी का वह उप प्रमुख था। मुहम्मद कटमश अपने पद के आधार पर गाजा पट्टी में लड़ाई के दौरान सामान्य तौर पर इज़राइल के प्रति संगठन की अग्नि योजनाओं की प्रक्रिया तय करने और कार्यान्वयन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। इससे पहले हमास के कई कमांडर मारे जा चुके हैं।

 इजरायल एयरफोर्स ने हमास के इस आतंकी के मारे जाने का वीडियो भी जारी किया है। इससे 2 दिन पहले हमास के लिए रॉकेट और अन्य हथियारों की सप्लाई करने वाले एक अन्य कमांडर मोहम्मद साबिह को भी भार गिराया था।

*4 साल बाद पाकिस्तान लौटे नवाज शरीफ ने पकड़ी देश की नब्ज, PM बनने के लिए लोगों को दिखाया ये बड़ा सपना

डेस्क: पाकिस्तान से 4 साल तक निर्वासन झेलने के बाद स्वदेश लौटे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने लाहौर में पहली जनसभा की। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तानी लोगों की नब्ज टटोलते हुए निशाने पर वार करने का प्रयास किया। दरअसल नवाज शरीफ आगामी चुनाव में अपनी पार्टी की अगुवाई में चुनाव जीतने के इरादे से पाकिस्तान वापस आए हैं। वह फिर से पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। लिहाजा उन्होंने पाकिस्तानियों को आते ही कई बड़े सपने दिखाए हैं। गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी और खराब अर्थव्यवस्था से जूझ रहे पाकिस्तान को नवाज ने फिर से पटरी पर लाने का सपना दिखाया है। 

नवाज शरीफ ने नकदी की कमी से जूझ रहे देश के मौजूदा आर्थिक संकट पर शनिवार को अफसोस जताया और दावा किया कि अगर यह देश उनके 1990 के ‘आर्थिक मॉडल’ पर आगे बढ़ता, तो यहां एक भी व्यक्ति बेरोजगार नहीं होता। पाकिस्तान लौटने के कुछ घंटों बाद ही 73 वर्षीय शरीफ ने शनिवार शाम यहां मीनार-ए-पाकिस्तान पर जमा भारी भीड़ को संबोधित किया। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) अध्यक्ष ने अफसोस जताया कि मौजूदा आर्थिक संकट की वजह से अब लोगों को यह तय करना पड़ता है कि वह बिजली बिल का भुगतान करे, या फिर अपने बच्चों का भरण-पोषण करे। उन्होंने कहा, ''लोग आत्महत्या कर रहे हैं और बिल का भुगतान करने के लिए पैसे उधार ले रहे हैं।'

चीनी पर नवाज ने बोले गुड़ से मीठे बोल

' नवाज ने कहा, ''मेरे कार्यकाल के दौरान गरीबों के पास कम से कम अपना इलाज कराने के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन तो थे।'' पूर्व प्रधान मंत्री ने 2017 में अयोग्य घोषित किये जाने की आलोचना करते हुए कहा, ''यह सब शहबाज शरीफ के कार्यकाल में शुरू नहीं हुआ। यह उससे बहुत पहले शुरू हुआ था। अमेरिकी डॉलर के मूल्य जरूरत से ज्यादा बढ़ गए हैं, बिल बढ़ रहे हैं और रोजाना की जरूरत की चीजों के साथ-साथ पेट्रोल के दाम भी बढ़ रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ''हमारे कार्यकाल में चीनी 50 रुपये प्रति किलोग्राम थी, आज 250 रुपये प्रति किलोग्राम है।

क्या इसलिए आपने नवाज शरीफ को सत्ता से बेदखल किया था?'' शरीफ ने कहा कि अगर पाकिस्तान उनके 1990 के आर्थिक मॉडल पर आगे बढ़ता, तो देश में एक भी व्यक्ति बेरोजगार नहीं होता, गरीबी जैसी कोई चीज नहीं होती। लेकिन आज हालात इतने खराब हैं कि सोचना पड़ता है कि अपने बच्चों का पेट भरें या बिजली बिल भरें।

दिल्ली में शुरू हुआ वायु प्रदूषण का कहर, 266 पहुंचा राजधानी का AQI, अब लगेंगे कई प्रतिबंध

डेस्क: राजधानी दिल्ली में ठंड ने दस्तक दे दी है और हर बार की तरह ठंड शुरू होते ही दिल्ली की हवा भी जहरीली हो गई है। राजधानी में रविवार सुबह वायु प्रदूषण की वजह से धुंध की चादर छाई हुई थी। AQI 266 पहुंच गई और प्रदूषण की वजह से आंखों में जलन होने लगी। सुभ-सुभ इंडिया गेट समेत कई स्थानों पर ऐसा लग रहा था जैसे यह कोहरा हो लेकिन यह कोहरा नहीं बल्कि धुंए की चादर थी। 

वहीं वायु प्रदूषण के दशहरे से पहले ही इस स्तर पर पहुंचने से सरकार चिंतित हो गई है। इसी बीच कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने 21 अक्टूबर को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी GRAP-2 लागू करने का फैसला किया है। इसी के साथ दिल्ली-एनसीआर में अब GRAP-1 के साथ GRAP-2 की पाबंदियां भी लागू हो गई हैं। वहीं एजेंसियों ने अनुमान लगाया है कि 23 और 24 अक्टूबर तक दिल्ली की हवा की गुणवत्ता यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 'बहुत खराब' कैटेगरी तक पहुंच सकता है। बता दें कि शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI ‘गंभीर’ माना जाता है।  

CAQM के मुताबिक, GRAP को चार कैटेगरी में लागू किया जाता है। 

स्टेज 1-AQI का स्तर 201 से 300 के बीच

स्टेज 2-AQI का स्तर 301 से 400 के बीच

स्टेज 3-AQI का स्तर 401 से 450 के बीच

स्टेज 4-AQI का स्तर 450 के ऊपर

स्टेज 1 पर लगती हैं ये पाबंदियां

स्टेज 1 (खराब हवा की गुणवत्ता) लागू होने पर सीएक्यूएम 500 वर्ग मीटर के बराबर या उससे अधिक आकार के भूखंडों पर निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर रोक लगाने के निर्देश देता है।  

कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन से निकलने वाली धूल और मलबे के प्रबंधन को लेकर निर्देश लागू होंगे।  

सड़कों पर जमी धूल को उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव किया जाएगा। 

खुले में कचरा जलाने पर प्रतिबंध रहेगा। ऐसा करने पर जुर्माना वसूला जाएगा।  

जहां ट्रैफिक ज्यादा होता है, वहां ट्रैफिक पुलिस की तैनाती होगी।  

PUC के नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा। गाड़ियां बिना PUC के नहीं चलेंगी।  

एनसीआर में कम से कम बिजली कटौती होगी। डिजल जनरेटर का इस्तेमाल बिजली के लिए नहीं होगा। 

स्टेज 2 पर लगती हैं ये पाबंदियां

हर दिन सड़कों की सफाई होगी। जबकि, हर दूसरे दिन पानी का छिड़काव किया जाएगा।  

होटल या रेस्टोरेंट में कोयले या तंदूर का इस्तेमाल नहीं होगा।  

अस्पतालों, रेल सर्विस, मेट्रो सर्विस जैसी जगहों को छोड़कर कहीं और डीजल जनरेटर का इस्तेमाल नहीं होगा।  

लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें, इसके लिए पार्किंग फीस बढ़ा दी जाएगी।  

इलेक्ट्रिक या CNG बसें और मेट्रो सर्विस के फेरे बढ़ाए जाएंगे। 

स्टेज 3 पर लगती हैं ये पाबंदियां

हर दिन सड़कों की सफाई होगी। साथ ही पानी का छिड़काव भी होगा।  

अस्पताल, रेल सर्विस, मेट्रो सर्विस जैसी कुछ जगहों को छोड़कर पूरे दिल्ली-एनसीआर में कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन एक्टिविटी बंद हो जाएगी।  

ईंधन पर नहीं चलने वालीं इंडस्ट्रियां भी बंद हो जाएंगी। मिल्क-डेरी यूनिट और दवा और मेडिसिन बनाने वाली इंडस्ट्रियों-फैक्ट्रियों को छूट रहेगी। 

दिल्ली-एनसीआर में माइनिंग भी बंद हो जाएगी। स्टोन क्रशर और ईंट भट्टियों का काम भी बंद हो जाएगा।  

BS III पेट्रोल और BS IV डीजल पर चलने वाली कारों को लेकर प्रतिबंध आ सकते हैं। 

स्टेज 4 पर होती हैं ये पाबंदियां

दिल्ली में ट्रकों की एंट्री बंद हो जाएगी। सिर्फ जरूरी सामान लाने-ले जाने वाले ट्रक आ सकेंगे।  

दिल्ली में रजिस्टर्ड मीडियम और हेवी गुड व्हीकल्स के चलने पर प्रतिबंध। जरूरी सामान ढोने वाले व्हीकल को छूट रहेगी।  

दिल्ली में रजिस्टर्ड डीजल पर चलने वाली कारों पर प्रतिबंध रहेगा। सिर्फ BS VI इंजन गाड़ियों और जरूरी सेवा में लगी गाड़ियों को छूट रहेगी।  

इंडस्ट्री और फैक्ट्रियां बंद हो जाएंगी। कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन एक्टिविटी पर भी रोक रहेगी। सिर्फ हाईवे, सड़क, फ्लाईओवर, ब्रिज, पाइपलाइन बनाने का काम चलता रहेगा।  

एनसीआर में राज्य सरकार के दफ्तरों में सिर्फ 50% कर्मचारी ही आ सकेंगे। बाकी घर से काम करेंगे। केंद्र के कर्मचारियों का फैसला केंद्र सरकार करेगी।  

स्कूल, कॉलेज या शिक्षण संस्थान और गैर-जरूरी कमर्शियल एक्टिविटी को बंद या चालू रखने पर सरकार फैसला लेगी।

*अशोक वासवानी होंगे कोटक महिंद्रा बैंक के नए एमडी-सीईओ, रिजर्व बैंक ने दी मंजूरी*

डेस्क: प्राइवेट सेक्टर के कोटक महिंद्रा बैंक ने शनिवार को बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने तीन साल के लिए बैंक के एमडी और सीईओ के रूप में अशोक वासवानी की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। वासवानी, उदय कोटक का स्थान लेंगे, जिन्होंने 1 सितंबर को बैंक के एमडी का पद छोड़ दिया था। पीटीआई की खबर के मुताबिक, मौजूदा समय में वासवानी पगाया टेक्नोलॉजीज लिमिटेड - एक यूएस-इजरायल एआई फिनटेक के अध्यक्ष हैं।

साढ़े तीन दशकों का है अनुभव

खबर के मुताबिक, अशोक वासवानी लंदन स्टॉक एक्सचेंज ग्रुप, एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल मैनेजमेंट, यूके के बोर्ड में भी हैं। वह अलग-अलग परोपकारी संगठनों का समर्थन करते हैं। कोटक महिंद्रा बैंक ने एक बयान में कहा कि नियुक्ति शेयरधारकों की मंजूरी पर निर्भर है। वासवानी के पास साढ़े तीन दशकों का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड है। कोटक महिंद्रा बैंक के अंतरिम एमडी और सीईओ दीपक गुप्ता ने कहा कि अशोक अपने साथ मूल्य और अनुभव लेकर आते हैं जो भविष्य के लिए एक तकनीक-सक्षम, ग्राहक-केंद्रित वित्तीय संस्थान में बदलने के कोटक के दृष्टिकोण के मुताबिक है।

उदय कोटक की प्रतिकिया

बैंक के संस्थापक निदेशक उदय कोटक ने कहा कि अशोक एक वर्ड-क्लास लीडर और डिजिटल और ग्राहक फोकस वाले बैंकर हैं। मुझे गर्व है कि हम कोटक और कल के भारत का निर्माण करने के लिए एक वैश्विक भारतीय को घर लाते हैं। उदय कोटक पहले दिसंबर में अपना कार्यकाल पूरा कर रिटायर होने वाले थे। लेकिन ऐसा चंद महीने पहले ही हो गया। देश के चौथे सबसे बड़े बैंक से उनके जल्दी बाहर निकलने को निजी कारण बताया गया।

कोटक की बैंक में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी

ऐसा तब हुआ जब भारतीय रिज़र्व बैंक ने निजी क्षेत्र के बैंकों में प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी का कार्यकाल 15 वर्ष तक लिमिटेड कर दिया। यह लीडरशिप नियुक्ति पर आरबीआई के मानदंडों के चलते है जिसकी समीक्षा यस बैंक संकट के बाद की गई थी। कोटक, जिनकी बैंक में हिस्सेदारी 26 प्रतिशत है, बैंक के गैर-कार्यकारी निदेशक बन गए हैं।

उत्तराखंड का मानसखंड बदलेगा कुमाऊं की तस्वीर, अब आदि कैलाश के त्वरित विकास से दर्शन होगा आसान, चार धाम की तर्ज पर ही होंगे कार्य

 उत्तराखंड के केदारखंड से गढ़वाल के बाद अब मानसखंड मंदिर माला मिशन कुमाऊं की तस्वीर बदलेगा। इससे धार्मिक पर्यटन में नया अध्याय जुड़ेगा। सीमांत की बात करें तो आदि कैलाश, ऊं पर्वत, पाताल भुवनेश्वर, हाट कालिका जैसे धार्मिक स्थलों में आज भी पर्यटन सुविधाओं का अभाव है।

मानसखंड बनने के बाद यह सब सर्किट से जुड़ेंगे। इसके साथ ही ये धार्मिक स्थल आर्थिकी बढ़ाने में भी अहम साबित होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलास और ऊं पर्वत दर्शन के लिए पहुंचने के बाद पर्यटन के क्षेत्र में दोनों स्थलों को वैश्विक पहचान मिली है।

चार धाम की तर्ज पर होगा विकास

प्रदेश सरकार ने भी इन दोनों क्षेत्रों को धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर लाने के लिए मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना में शामिल करने की तैयारी की है। ऐसे में दोनों स्थल चार धाम की तर्ज पर विकसित होंगे। संचार सेवाओं का विकास होगा। आवागमन के लिए सड़कों को बेहतर बनाया जाएगा। आगामी समय में इन्हें हेली सेवा से भी जोड़ने की तैयारी है। इससे पर्यटकों की पहुंच आसान होगी।

आदि कैलाश की है खास पहचान

धार्मिक महत्व की बात करें तो आदि कैलास और ऊं पर्वत की अपनी खास पहचान है। आदि कैलाश पंच कैलाश में से एक है। महत्वपूर्ण स्थल होने के बावजूद अभी यहां पर्यटकों की आमद बहुत कम है। चार धाम में इस वर्ष 48 लाख श्रद्धालु पहुंचे, वहीं आदि कैलाश और ऊं पर्वत दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या केवल 10 हजार का आंकड़ा ही पार कर पाई है।

आदि कैलाश पहुंचने में ये समस्याएं

आदि कैलाश पहुंचने में सड़क सबसे बड़ी समस्या है। धारचूला से गुंजी तक करीब 90 किमी सड़क अभी पर्याप्त चौड़ी नहीं है। सड़क पर लगातार पहाड़ियां गिर रही हैं। क्षेत्र का बड़ा हिस्सा अभी संचार सुविधा से वंचित है। चार धाम की तर्ज पर यहां अस्पताल, अच्छे होटल, पर्यटक आवास गृह भी नहीं है। लेकिन अब मानस खंड योजना से इन समस्याओं के दूर होने की उम्मीद है।

उत्तराखंड में चारधाम यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ने से सरकार उत्साहित, प्रस्तावित निवेशक सम्मेलन में पर्यटन में निवेश बढ़ने की बंधी उम्मीद

उत्तराखंड में चारधाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 50 लाख पार हो गया। इसके साथ ही चारधाम यात्रा के अभी तक के सभी रिकार्ड टूट गए। हर वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि को आल वेदर रोड की सफलता और पुष्कर सिंह धामी सरकार के यात्रा प्रबंधन के रूप में देखा जा रहा है। सरकार यह मान रही है कि यात्रियों का यह आंकड़ा दिसंबर में वैश्विक निवेशक सम्मेलन में निवेशकों को पर्यटन के क्षेत्र में निवेश के लिए आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

चारधाम यात्रा में आल वेदर रोड का अहम योगदान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 दिसंबर, 2016 को आल वेदर रोड की आधारशिला रखकर उत्तराखंड में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए बड़ा और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया था। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य चार धामों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ के लिए हर मौसम में कनेक्टिविटी बढ़ाना है।

इस बारहमासी सड़क परियोजना का कार्य पूरा होने से क्षेत्र और क्षेत्रवासियों को बेहद लाभ मिलेगा। इसके सकारात्मक परिणाम यात्रियों की संख्या में वृद्धि के रूप में दिखाई पड़ रहे हैं। इससे व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा ही, उत्तराखंड के आर्थिक विकास को भी मजबूती मिलेगी।

सीएम धामी ने सुविधाओं के लिए उठाए कई कदम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीर्थयात्रियों की सुविधाओं में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। इसमें चारों धाम में श्रद्धालुओं के लिए आनलाइन पंजीकरण से लेकर दर्शन तक अलग-अलग व्यवस्था शामिल है। यात्रा के लिए अधिक संख्या में उन्नत एंबुलेंस उपलब्ध करना और डॉक्टरों की एक विशेष टीम का गठन करने से यात्रा सुविधाजनक बनाने में सहायता मिली। चारधाम में 50 हेल्थ एटीएम भी स्थापित किए गए, जो तीर्थयात्रियों को टेली-मेडिसिन सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

चारधाम यात्रा के पिछले तीन वर्षों में श्रद्धालुओं की संख्या का विवरण

वर्ष – यात्रियों की संख्या

2021 – 5.18 लाख (कोविड से बाधित)

2022 – 46.27 लाख

2023 – 50.12 लाख (16 अक्टूबर तक )