*आज की सांसारिक मान्यता के अनुसार अष्टमी वाले दिन बकरों की बलि दी जाती है, जबकि यह जघन्य अपराध है : मां पूनम*
लखनऊ। दुर्गा अष्टमी के शुभ अवसर पर भवानीपुर अनोरा कला अयोध्या रोड स्थित सिद्ध शक्तिपीठ सत्य तीर्थ आश्रम की दिव्य भूमि पर जगत के कल्याण हेतु परमात्मा के श्रीमुख से अवतरित चारों वेदों में से ऋग्वेद का अद्भुत आलोकिक 'परम दैवीय अहिंसा वैदिक महायज्ञ' का आध्यात्मिक गुरु दिव्य शक्ति मां पूनम जी एवं दिव्य शक्ति योगिराज श्री अभिनव महाराज जी के पावन कर कमल द्वारा किया गया जिसमें देश के कोने-कोने से हजारों श्रद्धालुगण उपस्थित रहे।
यज्ञ में आहुति डालने का अवसर उन्ही लोगों को मिला जो पूर्ण रूप से शाकाहारी थे।यज्ञ के उपरांत ह्यूमैनिटी फाऊंडेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा संचालित चक्रपाणि पशु आश्रय में रह रहे दो बकरे जिनका नाम 'मोती' एवं 'हीरा' है का तिलक एवं माल्यार्पण किया गया जिसके द्वारा मां काली के, जो पूरे संसार की माँ है के संरक्षक रूप का संदेश दिया गया क्योंकि मां काली ने असुरों का वध किया था, न कि निरीह पशु पक्षियों का वध किया था।
आध्यात्मिक गुरु दिव्य शक्ति मां पूनम जी ने अपने प्रवचन में बताया कि आज की सांसारिक मान्यता के अनुसार अष्टमी वाले दिन बकरों की बलि दी जाती है, जबकि यह जघन्य अपराध है। ऐसा करके हम मां दुर्गा के क्रोध को जागृत करते हैं।
पौराणिकता के अनुसार मां दुर्गा ने संसार के कल्याण के लिए चंड- मुंड एवं महिषासुर नमक राक्षसों ने, जिन्होंने पूरे संसार में त्राहि त्राहि मचा रखी थी, इसलिए मां दुर्गा ने अष्टमी वाले दिन इन असुरों का वध किया था और सब की रक्षा की थी।कार्यक्रम के समापन से पूर्व श्री कृष्ण चेतना अवतार देवी मां द्वारा लिखित दिव्य भजन हुए एवं आरती व प्रसाद का कार्यक्रम हुआ।
Oct 22 2023, 19:27