हवा से बातें करेगी 'नमो भारत' ट्रेन, पीएम मोदी ने गाजियाबाद से देश की पहली Rapidx रेल को दिखाई हरी झंडी

देश को आज शुक्रवार (20 अक्टूबर) पहली सेमी हाईस्पीड रैपिड एक्स ट्रेन मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से रैपिड एक्स ट्रेन कॉरिडोर के पहले चरण का उद्घाटन कर दिया है। पहले चरण में यह ट्रेन साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर इस ट्रेन का परिचालन आरंभ हो जाएगा। जिससे इस दूरी को चंद मिनटों में ही खत्म किया जा सकेगा। 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन ट्रेनों को ‘नमो भारत’ के नाम से जाना जाएगा। 21 अक्टूबर से आम नागरिकों के लिए इनका परिचालन आरंभ हो जाएगा। पीएम मोदी ने मार्च, 2019 को दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। पीएम मोदी आज सुबह 11 बजे गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद पहुंचे। इसके बाद उन्होंने कॉरिडोर का मुआयना किया और फिर रैपिड एक्स ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और गवर्नर आनंदी बेन पटेल भी पीएम मोदी के साथ मौजूद रहे। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

शुरुआती चरण में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर का 17 किमी लंबा खंड लॉन्च किया गया है। इस गलियारे की कुल लंबाई 82 किमी है, जिसमें दिल्ली में 14 किमी और उत्तर प्रदेश में 68 किमी शामिल है। यह दिल्ली मेट्रो की विभिन्न लाइनों के साथ एकीकृत होगा और अलवर, पानीपत और मेरठ जैसे शहरों को दिल्ली से जोड़ेगा। पहले चरण के बाद, परियोजना दुहाई से मेरठ तक विस्तारित होगी। दूसरे चरण में मेरठ साउथ तक काम आगे बढ़ेगा और तीसरे चरण में साहिबाबाद से दिल्ली के बीच का रूट पूरा किया जाएगा। 2025 तक दिल्ली से मेरठ के बीच भी रैपिड रेल चलना शुरू हो जाएगी और महज 55 मिनट में सफर पूरा होगा। जहां तक टिकट की कीमत की बात है तो रैपिड रेल का न्यूनतम किराया 15 से 20 रुपये और अधिकतम किराया 160 रुपये तक रखा जा सकता है।

हवा से बातें करेगी 'नमो भारत' ट्रेन, पीएम मोदी ने गाजियाबाद से देश की पहली Rapidx रेल को दिखाई हरी झंडी

देश को आज शुक्रवार (20 अक्टूबर) पहली सेमी हाईस्पीड रैपिड एक्स ट्रेन मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से रैपिड एक्स ट्रेन कॉरिडोर के पहले चरण का उद्घाटन कर दिया है। पहले चरण में यह ट्रेन साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर इस ट्रेन का परिचालन आरंभ हो जाएगा। जिससे इस दूरी को चंद मिनटों में ही खत्म किया जा सकेगा। 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन ट्रेनों को ‘नमो भारत’ के नाम से जाना जाएगा। 21 अक्टूबर से आम नागरिकों के लिए इनका परिचालन आरंभ हो जाएगा। पीएम मोदी ने मार्च, 2019 को दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। पीएम मोदी आज सुबह 11 बजे गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद पहुंचे। इसके बाद उन्होंने कॉरिडोर का मुआयना किया और फिर रैपिड एक्स ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और गवर्नर आनंदी बेन पटेल भी पीएम मोदी के साथ मौजूद रहे। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

शुरुआती चरण में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर का 17 किमी लंबा खंड लॉन्च किया गया है। इस गलियारे की कुल लंबाई 82 किमी है, जिसमें दिल्ली में 14 किमी और उत्तर प्रदेश में 68 किमी शामिल है। यह दिल्ली मेट्रो की विभिन्न लाइनों के साथ एकीकृत होगा और अलवर, पानीपत और मेरठ जैसे शहरों को दिल्ली से जोड़ेगा। पहले चरण के बाद, परियोजना दुहाई से मेरठ तक विस्तारित होगी। दूसरे चरण में मेरठ साउथ तक काम आगे बढ़ेगा और तीसरे चरण में साहिबाबाद से दिल्ली के बीच का रूट पूरा किया जाएगा। 2025 तक दिल्ली से मेरठ के बीच भी रैपिड रेल चलना शुरू हो जाएगी और महज 55 मिनट में सफर पूरा होगा। जहां तक टिकट की कीमत की बात है तो रैपिड रेल का न्यूनतम किराया 15 से 20 रुपये और अधिकतम किराया 160 रुपये तक रखा जा सकता है।

भारत के अल्टीमेटम के बाद बैकफुट पर कनाडा, अपने 41 राजनयिकों को बुलाया वापस, सितम्बर से जारी है तनाव

 खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर बढ़े राजनयिक तनाव के बीच कनाडा ने कहा कि उसने भारत से 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया है। बता दें कि जून में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में निज्जर की हत्या पर कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत के खिलाफ विस्फोटक आरोपों के बाद सितंबर से भारत और कनाडा के बीच संबंध तनाव में हैं।

एक प्रेस वार्ता में कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि भारत ने शुक्रवार तक कनाडा के 21 राजनयिकों और उनके परिवारों को छोड़कर सभी के लिए राजनयिक छूट रद्द करने की अपनी योजना बता दी है, जिससे ओटावा को अन्य को बाहर निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि, 'हमने भारत से उनके सुरक्षित प्रस्थान की सुविधा प्रदान की है। इसका मतलब है कि हमारे राजनयिक और उनके परिवार अब चले गए हैं। हमें चंडीगढ़, मुंबई और बेंगलुरु में अपने वाणिज्य दूतावासों में सभी व्यक्तिगत सेवाओं पर रोक लगानी होगी।'

उन्होंने आगे कहा कि 41 राजनयिकों की राजनयिक छूट को रद्द करना अभूतपूर्व है, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि कनाडा जवाबी कार्रवाई पर विचार नहीं कर रहा है, ताकि "स्थिति न बिगड़े"। उन्होंने कहा कि, "कनाडा अंतरराष्ट्रीय कानून का बचाव करना जारी रखेगा, जो सभी देशों पर लागू होता है और भारत के साथ जुड़ना जारी रखेगा।"

भारत और कनाडा के बीच संबंधों में क्यों आई दरार?

बता दें कि, 18 सितंबर को, जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया कि उनके पास हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंटों की "संभावित" संलिप्तता का "विश्वसनीय आरोप" है। भारत में वांछित आतंकवादियों में से एक निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा के सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडाई राष्ट्रपति के विस्फोटक आरोपों पर भारत से तीखी प्रतिक्रिया हुई और उन्हें "बेतुका" और प्रेरित बताकर खारिज कर दिया गया। दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को भी निलंबित कर दिया। भारत ने कहा कि कनाडा के आरोप वहां खालिस्तानी तत्वों की बढ़ती गतिविधियों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं।

भारत पर आरोप के बाद ट्रूडो का यू-टर्न

जैसे ही उनके विस्फोटक आरोपों के कारण राजनयिक तनाव बढ़ा, जस्टिन ट्रूडो नाराज भारत को शांत करते दिखे। इस महीने की शुरुआत में, उन्होंने कहा था कि वह घनिष्ठ संबंध रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और ओटावा नई दिल्ली के साथ तनाव बढ़ाना नहीं चाहता है। ट्रूडो ने यह भी कहा कि उनका देश भारत के साथ "रचनात्मक संबंध" जारी रखेगा। उन्होंने बताया कि कनाडा भारत के साथ "बेहद चुनौतीपूर्ण समय" से गुजर रहा है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि उनका देश नई दिल्ली के साथ "जिम्मेदारी और रचनात्मक रूप से" जुड़ना जारी रखेगा।

न्यूज़ीलैंड के खिलाफ नहीं खेल पाएंगे हार्दिक पांड्या ? भारत के 'वर्ल्ड कप' अभियान को लगा बड़ा झटका

भारत के हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पंड्या 22 अक्टूबर, रविवार को धर्मशाला में होने वाले न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच से लगभग बाहर हो गए हैं। दरअसल, बांग्लादेश के खिलाफ मैच के दौरान पंड्या के बाएं टखने में चोट लग गई थी। खेल का अपना पहला ओवर फेंकते समय, पांड्या फिसल गए थे और वे पिच के पास जा गिरे थे। हार्दिक अपने बाएं पैर पर दबाव नहीं बना सके और भारतीय सहयोगी स्टाफ ने उन्हें मैदान से बाहर जाने में मदद की। पंड्या मैदान से बाहर चले गए और खेल में आगे हिस्सा नहीं लिया।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने खेल के दौरान बताया कि पंड्या को खेल के दौरान स्कैन के लिए भेजा जा रहा है और वह भारत बनाम बांग्लादेश में आगे हिस्सा नहीं लेंगे। रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि, पांड्या हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला की यात्रा नहीं करेंगे और इसके बजाय चिकित्सा सहायता के लिए बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) जाएंगे। बता दें कि, भारत वनडे विश्व कप के अपने पांचवें मैच में न्यूजीलैंड से खेलने के लिए तैयार है और इस मैच में पंड्या से अहम भूमिका निभाने की उम्मीद थी।

धर्मशाला में हुए अधिकांश मैचों में तेज गेंदबाजों को मदद मिली है, ऐसे में हार्दिक पंड्या का बाहर होना भारतीय ड्रेसिंग रूम पर बड़ा प्रभाव छोड़ेगा। पांड्या ने विश्व कप में गेंदबाजी विभाग में पहले बदलाव के रूप में काम किया था और पाकिस्तान और अफगानिस्तान के खिलाफ प्रभावशाली प्रदर्शन दर्ज किया था। बता दें कि, भारत और न्यूजीलैंड विश्व कप 2023 में अब तक केवल दो अजेय टीमें हैं और वे ग्रुप तालिका में शीर्ष स्थान के लिए धर्मशाला में प्रतिस्पर्धा करेंगे। हल्की बारिश से मैच प्रभावित होने की आशंका है, जिससे तेज गेंदबाजों को मदद मिलने की उम्मीद है।

हीरानंदानी के एफिडेविट पर महुआ मोइत्रा का पलटवार, बोलीं- 'पीएमओ ने दर्शन को दस्तखत करने के लिए किया मजबूर'

#mahua_moitra_claim_on_allegation_after_darshan_hiranandani

रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों से घिरीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने दर्शन हीरानंदानी के आरोपों पर पलटवार किया है। इस पोस्ट में महुआ मोइत्रा ने कई बड़े दावे किए हैं और पीएमओ पर गंभीर आरोप लगाए हैं।गुरूवार को कारोबारी दर्शन हीरानंदानी ने आरोपों को लेकर एक कबूलनामा जारी किया। इसके बाद महुआ मोइत्रा ने भी जवाबी हमला बोला है। 

लेटरहेड को लेकर उठाए सवाल

खुद पर लगे बड़े आरोपों का जवाब देने के लिए महुआ ने एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने आधिकारिक लेटरहेड की गैरमौजूदगी पर सवालिया निशान खड़े कर दिए। महुआ ने कहा कि ऐसा लगता है कि दर्शन हीरानंदानी पर दबाव बनाकर इस हलफनामे पर हस्ताक्षर कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि हलफनामा एक सफ़ेद कागज पर है। उन्होंने कहा कि इस देश का एक पढ़ा-लिखा और सम्मानित कारोबारी ऐसे किसी सफ़ेद कागज पर हस्ताक्षर क्यों करेगा? जब तक उसके सिर पर किसी ने बंदूक ना रखी हो। सांसद ने कारोबारी के हलफनामे पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें अभी तक सीबीआई या किसी अन्य जांच एजेंसी ने नहीं बुलाया। जब ऐसा कुछ नहीं हुआ तो यह हलफनामा किसे दिया गया। 

जो लिखा गया है, वह एक मजाक-मोइत्रा

मोइत्रा के अनुसार, पत्र में जो लिखा गया है, वह एक मजाक है। यह साफ है कि इसे पीएमओ में किसी के द्वारा लिखा गया है। मेरे कथित भ्रष्टाचार में हर विरोधी का नाम है। शार्दुल श्रॉफ, सिरिल श्रॉफ का भाई है और दोनों का बिजनेस के बंटवारे को लेकर झगड़ा है। सिरिल श्रॉफ, गौतम अदाणी का समधी है। राहुल गांधी और शशि थरूर दोनों लगातार सरकार पर निशाना साधते रहते हैं। सुचेता दलाल एक खोजी पत्रकार हैं और वह भी सरकार को हमेशा कटघरे में खड़ा करती रहती हैं। साफ है कि किसी ने कहा होगा कि 'सब का नाम घुसा दो, ऐसा मौका फिर नहीं आएगा।

हलफनामा पीएमओ की तरफ से तैयार कराया गया-मोइत्रा

महुआ मोइत्रा ने कहा कि जिस व्यापारी की सीधी पहुंच प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर तमाम मंत्रियों के कार्यालयों तक हो, वह किसी पहले बार के सांसद को उपहार और पैसे क्यों देगा? यह पूरी तरह से समझ के बाहर और तर्कहीन है। उन्होंने कहा कि यह हलफनामा पीएमओ की तरफ से तैयार कराया गया है ना कि दर्शन हीरानंदानी की तरफ से। महुआ ने कहा कि मैंने व्यापारी से किसी भी तरह के नकद और उपहार नहीं लिए हैं। 

दर्शन ने लगाए थे महुआ पर आरोप

बता दें कि गुरुवार को बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी अपने दस्तखत के साथ एक हलफनामा जारी किया है। इस हलफनामे में दर्शन ने कई अहम खुलासे किए। हलफनामे में दर्शन ने लिखा कि पीएम मोदी की बेदाग छवि ने विपक्ष को उन पर हमला करने का कोई मौका नहीं दिया, ऐसे में महुआ मोइत्रा ने मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए अदाणी पर निशाना साधने का रास्ता चुना। दर्शन ने दावा किया कि अदाणी पर निशाना साधने के लिए महुआ मोइत्रा के संसदीय लॉगइन और पासवर्ड का उपयोग किया और ये भी कहा कि महुआ के संसदीय लॉगइन और पासवर्ड उनके भी पास हैं और वह खुद ही महुआ की तरफ से संसद में सवाल डाल देते थे।

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन का हमास के साथ पुतिन पर हमला, बोले-दोनों ही लोकतंत्र के दुश्मन, ऐसे अत्याचारियों से मुंह नहीं मोड़ सकते

#american_president_joe_biden_attack_on_russia_putin_and_hamas

इजराइल और हमास के बीच दो हफ्तों से जंग जारी है। इस दौरान अमेरिका लगातार इजराइल के साथ खड़ा है और हमास को आतंकवादी करार दे रहा है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन इजराइल भी पहुंचे। अपनी यात्रा से लौटने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ओवल ऑफिस से राष्ट्र के नाम अपना संबोधन दिया। 

राष्ट्र के नाम संदेश में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपति के रूप में, मेरे लिए बंधक बने अमेरिकियों की सुरक्षा से बढ़कर कोई प्राथमिकता नहीं है। इजराइल में, मैंने ऐसे लोगों को देखा जो मजबूत, दृढ़, लचीले और गुस्से में भी हैं, सदमे में हैं और गहरे दर्द में हैं। मैंने फिलिस्तीनी प्राधिकरण के राष्ट्रपति अब्बास से भी बात की और दोहराया कि संयुक्त राज्य अमेरिका फिलिस्तीनी लोगों के सम्मान और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए प्रतिबद्ध है। कई अन्य लोगों की तरह, मैं फिलिस्तीनी जीवन की दुखद हानि से दुखी हूं। इसमें गाजा के अस्पताल में विस्फोट भी शामिल है, जो इजराइलियों द्वारा नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि हम हर निर्दोष की जान जाने पर शोक मनाते हैं। हम निर्दोष फिलिस्तीनियों की मानवता को नजरअंदाज़ नहीं कर सकते जो केवल शांति से रहना चाहते हैं और एक अवसर चाहते हैं।

अपने संबोधन में बाइडन ने कहा कि हमास और रूस दोनों लोकतंत्र को नष्ट करने पर तुले हैं। साथ ही उन्होंने यूक्रेन और इस्राइल को अमेरिका के हितों के लिए महत्वपूर्ण बताया और दोनों देशों को सहायता देने पर बात की। बाइडन ने कहा, हमास और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अलग-अलग खतरों का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन उनकी मंशा एक जैसी है- दोनों अपने पड़ोसी लोकतंत्र को पूरी तरह से नष्ट करना चाहते हैं। बाइडन ने कहा कि अमेरिका एक महान राष्ट्र के रूप में अपनी जिम्मेदारी के तौर पर इस तरफ के पक्षपातपूर्ण हिंसक राजनीति को बढ़ने नहीं दे सकता है। हम हमास जैसे आतंकवादियों और पुतिन जैसे तानाशाहों को जीतने नहीं दे सकते और न ही ऐसा होने देंगे। 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान यूक्रेन में रूस का समर्थन कर रहा है। साथ ही मध्य पूर्व क्षेत्र में हमास और अन्य आतंकवादी समूहों को ईरान का समर्थन हासिल है। इसलिए उसे जवाबदेह ठहराना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और क्षेत्र में हमारे साझेदार देश मध्य पूर्व के लिए बेहतर भविष्य बनाने के लिए काम कर रहे हैं। ताकि मध्य पूर्व अधिक स्थिर हो सके और अपने पड़ोसियों से बेहतर तरीके से जुड़े। भारत-मध्य पूर्व-यूरोप रेल कॉरिडोर जैसी नवीन परियोजनाओं के माध्यम से इस दिशा में काम कर रहा हो। 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन और इजराइल की मदद के लिए बड़े पैमाने पर फंडिंग वाली बात पर कहा कि यह वैश्विक नेता के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका के भविष्य के लिए एक निवेश है, जो कई पीढ़ियों तक अमेरिकी सुरक्षा को लाभ देगा। अमेरिकी नेतृत्व ही दुनिया को एक साथ रखता है। अमेरिकी मूल्य हमें एक ऐसा भागीदार बनाते हैं जिसके साथ अन्य देश काम करना चाहते हैं।

देश को आज मिलने जा रही है पहली रैपिडेक्स ट्रेन, पीएम नरेंद्री मोदी दिखाएंगे हरी झंडी, जानें क्या है खासियतें

#namo_bharat_high_speed_rapid_train

देश की पहली नमो भारत रैपिड एक्स ट्रेन की शुरुआत आज से होने जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी इस रैपिडेक्स का आज उद्घाटन करेंगे। वहीं, ये ट्रेन स्पीड के मामले में देश की पहली सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन को टक्कर देगी।सुरक्षा कारणों से पहले दिन आम लोगों को प्रवेश नहीं मिलेगा। रूट डायवर्जन की वजह से शुक्रवार को गाजियाबाद में 12वीं तक के स्कूल भी बंद रखे जाएंगे। पढ़ाई ऑनलाइन होगी।

यह ट्रेन दिल्ली से मेरठ के बीच 82 किलोमीटर के रूट पर चलेगी, लेकिन पीएम मोदी आज इसके पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। जहां यह ट्रेन साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक 17 किलोमीटर का सफ़र तय करेगी। आम यात्रियों के लिए यह 21 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी। 

ट्रेन की रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटा

यह ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चल सकती है। पिछले दिनों जब इसका ट्रायल किया गया था तब ट्रेन की अधिकतम गति 146 किमी प्रति घंटा थी। इस हाई-स्पीड आरआरटीएस ट्रेन में झुकने वाली सीटें और बड़ी खिड़कियों के अलावा, हाई-टेक कोचों में डिजिटल स्क्रीन भी दी जाएगी, जो यात्रियों को किसी भी समय ट्रेन का रूट,स्पीड दिखाएगी।  

स्टैंडर्ड और प्रीमियम दो श्रेणी के कोच

रैपिडएक्स ट्रेन में स्टैंडर्ड और प्रीमियम दो श्रेणी के कोच लगाए गए हैं। कुल छह कोच की प्रत्येक ट्रेन में एक कोच प्रीमियम श्रेणी का होगा। वहीं रैपिडएक्स के स्टेशनों पर मेट्रो स्टेशन से ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी। 

न्यूनतम किराया 50 रुपये

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम ने साहिबाबाद से दुहाई तक का किराया स्टैंडर्ड क्लास में 50 रुपये और प्रीमियम में 100 रुपये रखा है। जून, 2025 तक पूरे कॉरिडोर पर सफर शुरू होगा। प्राथमिकता खंड पर ट्रेन की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा होगी। बाद में, 160 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है।

इजरायल पहुंचे ब्रिटेन के पीएम सुनक का हमास को बड़ा संदेश, नेतन्याहू से मुलाकात के बाद बोले- आज और हमेशा आपके साथ खड़ा हूं

#israelhamaswarafterbidennowukpmrishisunakreaches_israel

ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक गुरुवार को इजरायल पहुंचे हैं। ऋषि सुनक ने इजरायल पहुंचने के बाद कहा कि मैं यहां आया हूं क्योंकि इस देश ने एक बड़े हमले का सामना किया है। यहां के लोग शोक में हैं। मैं इजरायल के लोगों को बताना चाहता हूं कि दुख की इस घड़ी में आपके साथ हूं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आपके साथ खड़ा हूं। इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध से दुनिया के अलग-अलग देश भी चिंतित है। यही वजह है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को इजरायल पहुंचे थे। अब आज यानी गुरुवार को यूके के पीएम ऋषि सुनक भी इजरायल पहुंचे। जो बाइडेन के बाद ऋषि सुनक की इस इजरायल यात्रा का बेहद खास माना जा रहा है।

इजराइल और हमास का भीषण युद्ध जारी है। हजारों जिंदगियां तबाह हो चुकी हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक इजराइल के तेल अवीव पहुंचे और उन्होंने इजराइल के प्रधानमंत्री बेजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की है। इस दौरान दोनों नेताओं ने साझा बयान जारी किया है। इस दौरान ऋषि सुनक ने कहा, पिछले दो हफ़्तों में यह(इज़रायल) देश कुछ ऐसे दौर से गुज़रा है, जिसे किसी भी देश नहीं सहना चाहिए। ऋषि सुनक ने नेतन्याहू से कहा कि मुझे पता है कि हमास के आतंकवादियों के बिल्कुल विपरीत आप नागरिकों को नुकसान पहुंचाने से बचने के लिए हर सावधानी बरत रहे हैं। मैं आपको उस समर्थन के लिए भी धन्यवाद देना चाहता हूं जो आपकी सरकार ने इस भयावहता में फंसे ब्रिटिश नागरिकों के परिवारों को दिया है, जिसमें बंधकों को रिहा करने, उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के आपके प्रयास भी शामिल हैं। मैं यह भी कह सकता हूं कि हमने पिछले दिनों ऐसे दृश्य देखे हैं, जिन्होंने हम सभी को झकझोर कर रख दिया है, खासकर अस्पताल में मारे गए लोग और उसके अलावा मारे गए हर निर्दोष व्यक्ति, हर धर्म के नागरिकों, हर राष्ट्रीयता के नागरिकों की मौत पर हम संवेदना व्यक्त करते हैं।

फ़िलिस्तीनी लोग भी हमास के पीड़ित-सुनक

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि हम यह मानते हैं कि सिर्फ इजरायल ही नहीं, बल्कि फ़िलिस्तीनी लोग भी हमास के पीड़ित हैं। इसीलिए मैं कल आपके उस फैसले का स्वागत करता हूं जो आपने यह सुनिश्चित करने के लिए लिया कि गाजा में मानवीय सहायता के प्रवेश के लिए रास्ते खोले जाएंगे। सुनक ने कहा कि मुझे इज़रायल के सबसे बुरे समय में आपके साथ यहां खड़े होने पर गर्व है। हम आपके लोगों के साथ खड़े रहेंगे और हम यह भी चाहते हैं कि आप जीतें।

बाइडेन भी गए थे इजरायल

बता दें कि इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन बुधवार को इजरायल पहुंचे थे। उनके स्वागत के लिए पीएम नेतन्याहू खुद एयरपोर्ट पर मौजूद थे। जो बाइडेन ने पीएम नेतन्याहू के साथ बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने हमास को एक क्रूर आतंकी संगठन बताया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि हमास इजरायल पर जिस तरह से हमला किया वो मानवता के खिलाफ है।

इजरायल-गाजा की लड़ाई का भारत की सियासत पर जोरदार असर, शरद पवार के बयान पर मचा भूचाल

#sharadpawaroverpalestinesupport

इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध का असर भारत की राजनीति पर भी देखा जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर देश में जमकर सियासत हो रही है। देश में इस मसले पर दो पक्ष हो गए हैं। पीएम मोदी ने हमास द्वारा इजरायल पर किए गए आतंकी हमले और सामूहिक नरसंहार की निंदा की थी और इस मुश्किल वक्त में इजरायल को समर्थन दिया था। तो वहीं, दूसरी ओर विपक्षी दलों के कई नेता फिलिस्तीन के समर्थन में खड़े हो गए हैं। एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने भी फिलिस्तीन को समर्थन दिया है। जिसके बाद सियासी बवाल बढ़ गया है।

फडणवीस ने दी वोट-बैंक की राजनीति से दूर रहने की सलाह

इजरायल-फिलिस्तीन पर शरद पवार के बयान के बाद बीजेपी ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इजराइल और हमास के युद्ध को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार पर निशाना साधा है।फडणवीस ने इजराइल और फिलिस्तीन के विवाद पर कहा कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार को इस मुद्दे पर राजनीति करने की बजाए आतंकवाद की कड़ी निंदा करना चाहिए।उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भीषण युद्ध के समय वोट-बैंक की राजनीति से दूर रहना चाहिए।

पीयूष गोयल ने दिया जवाब

शरद पवार द्वारा फिलिस्तीन को समर्थन दिए जाने पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता पीयूष गोयल बुरी तरह से भड़क गए हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत परेशान करने वाली बात है कि शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता इजरायल पर हुए आतंकी हमले के खिलाफ भारत की निंदा पर बेतुका बयान देते हैं। दुनिया के किसी भी हिस्से में आतंकवाद के खतरे की सभी रूपों में निंदा की जानी चाहिए। गोयल ने कहा कि एक व्यक्ति जो भारत का रक्षा मंत्री और कई बार मुख्यमंत्री रहा है, वह आतंक से संबंधित मुद्दों पर इतना अनौपचारिक दृष्टिकोण रखता है। गोयल ने ये तक कह दिया कि शरद पवार उसी सरकार का हिस्सा थे जिसने बाटला हाउस एनकाउंटर पर आंसू बहाये और भारत की धरती पर आतंकी हमले होते हुए भी सोते रहे। गोयल ने आगे कहा कि इस मानसिकता को रोकना होगा। मुझे उम्मीद है कि पवार जी कम से कम अब पहले राष्ट्र के बारे में सोचेंगे।

क्या कहा था शरद पवार ने?

दरअसल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने जंग पर हैरानी जाहिर करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक... देखें तो भारत की भूमिका हमेशा फिलिस्तीन के साथ रही है। लेकिन पीएम मोदी इजरायल के साथ हैं। पवार ने कहा कि भारत आसपास के देशों को नजरअंदाज नहीं कर सकता है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, "अटल बिहारी वाजपेयी की ही बात नहीं है। इंदिरा गांधी के जमाने से भारत सरकार की भूमिका फ़िलिस्तीन के साथ रही है। लेकिन इस मामले में पीएम मोदी और विदेश मंत्रालय दोनों के बयान अलग हैं। मुझे इसपर हैरानी है।

हमास को मिल रहा किम जोंग का समर्थन? इजराइल पर हमले के लिए उपलब्ध कराए हथियार

#israel_hamas_war_north_korea_supplied_f_7_rocket_to_hamas

इजराइल हमास की जंग में अब उत्तर कोरिया की भी एंट्री हो गई है। हमास ने 7 अक्टूबर को इजराइल पर तीन ओर से खतरनाक हमले किए थे। बड़ी संख्या में सैकड़ों रॉकेट लॉन्चर दागकर इजराइल में हाहाकार मचा दिया था। हमास के हमले में बड़ी संख्या इजराइली नागरिकों की मौत हो गई। अब खबर मिल रही है कि इस हमले में जिन हथियारों का इस्तेमाल किया गया, वह किस देश का था। इसमें उत्तर कोरिया का नाम सामने आ रहा है।सबूतों के आधार पर दक्षिण कोरिया के एक्सपर्ट ने यह दावा किया है।

उत्तर कोरिया के हथियारों पर नजर रखने वाले दक्षिण कोरिया के दो एक्सपर्ट के हवाले से एपी ने ये रिपोर्ट की है। दावा है कि हमास ने 7 अक्टूबर के हमले के लिए उत्तर कोरिया के एफ-7 रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड और कंधों पर रखकर चलाने वाले हथियारों का इस्तेमाल किया था।दावा है कि उत्तर कोरिया ने एफ-7 रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड सीरिया, इराक, लेबनान और गाजा पट्टी को सप्लाई किए हैं। एक्सपर्ट मानते हैं कि उत्तर कोरिया हमेशा से फिलिस्तीनी समूहों का समर्थन किया है। स्मॉल आर्म्स सर्वे के एक वरिष्ठ शोधकर्ता मैट श्रोएडर ने कहा कि हमास ने रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड और लॉन्चर के साथ अपने लड़ाकों की तस्वीरें शेयर की हैं, जिसके वारहेड पर एक लाल पट्टी नजर आता है। यह ठीक एफ-7 जैसा ही है।

इस हथियार का इस्तेमाल बख्तरबंद वाहनों के खिलाफ किया जाता है। यह साक्ष्य अवैध हथियारों के लेन देन पर प्रकाश डालता है, जिसका उपयोग प्रतिबंधों से जूझ रहा उत्तर कोरिया अपने हथियार कार्यक्रमों को वित्तपोषित करने के तरीके के रूप में करता है।

उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरियाई एक्सपर्ट्स दावों को खारिज किया है. उत्तर कोरिया प्रशासन ने इसके लिए अमेरिका को जिम्मेदार बताया जो उसके खिलाफ “झूठ और अफवाह” फैला रहा है। उत्तर कोरिया ने हमास को सिर्फ रॉकेट ही नहीं भेजे, बल्कि एक्सपर्ट की मानें तो हमास ने उत्तर कोरिया की टाइप 58 सेल्फ-लोडिंग राइफल का भी इस्तेमाल किया, जो कलाश्निकोव असॉल्ट राइफल का ही एक रूप है। इनके अलावा हमास लड़ाकों के प्रमोश्नल वीडियो में वे उत्तर कोरिया के बुल्सए गाइडेड एंटी-टैंक मिसाइल के साथ देखा गया था।