रांची के जैप में होती है मां दुर्गा की अनोखी आराधना, यहा मां दुर्गा के प्रतिमा की स्थापना नही होती
शारदीय नवरात्र की शुरुआत आज से कलश स्थापना के साथ ही गई है। 9 दिन तक चलने वाली नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की आराधना और कलश स्थापना के साथ को जाती है। नवरात्रि के प्रथम दिन रांची कर ऐसे स्थान की पूजा दिखते है जहां मां के प्रतिमा की पूजा नही की जाती है। वल्कि कलश पर ही मां दुर्गा के रूप में आराधना की जाती है।
रांची स्थित जैप वन में सैनिक सम्मान के साथ माता रानी का आराधना की जाती है। यहां जवानो के द्वारा बंदूक से फायरिंग कर मां दुर्गा को सलामी दी गई साथ ही मां के जयकारे के साथ कलश की स्थापना की गयी। जवानों के द्वारा इस तरह से मां की पूजा बिल्कुल ही अनोखा होता है। वह अपने अस्त्र शस्त्र का विशेष रूप से पूजा करते हैं। वही नवमी के दिन बलि प्रथा के साथ पूजा के समापन की जाती है।
शक्ति के उपासक गोरखा जवानों का नवरात्र पूजा का यह इतिहास सदियों से चला आ रहा है। मां दुर्गा की इस तरह से उपासना अंग्रेजों के जमाने से 1880 से ही यहां पर चला आ रहा है। ये लोग अस्त्र शस्त्र की पूजा इसलिए करते कि इनका मानना है दुश्मनों उसे जब वो लोहा लेते समय कभी धोखा नहीं मिला है। मां दुर्गा की कृपा हमेशा बनी रहती है। गोरखा जवानों के हथियारों की पूजा के पीछे ऐसी मान्यता रही है की गोरखा और नेपाली संस्कृति पुरातन समय से ही शक्ति के उपासक रहे है।
नक्सलियों से लोहा लेने और वीआईपी सुरक्षा की कमान संभालने वाले गोरखा जवान पूरे नवरात्र में मां दुर्गा के भक्ति में डूबे रहते है।
Oct 15 2023, 19:08