*डकैती का खुलासा, नौ गिरफ्तार ,नकदी व जेवरात किया बरामद ,जेहटा गांव सात व आठ अक्टूबर की रात को बंधक बनाकर की थी लूटपाट*
लखनऊ । थाना दुबग्गा व सर्विलान्स टीम डीसीपी पश्चिमी की संयुक्त पुलिस टीम द्वारा थाना दुबग्गा क्षेत्रात हुयी घटना का सफल अनावरण करते हुए नौ डकैतों को किया गया गिरफ्तार। साथ ही उनके कब्जे से सफेद धातु के जेवरात व 44,690 रुपए नगद, एक बैगनार कार, एक मोटर साईकिल व एक अवैध तमंचा 315 बोर व दो कारतूस बरामद किया है।
डीसीपी पूर्वी राहुल राज ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों का नाम सरवन पुत्र छोटे लाल यादव उम्र 40 वर्ष निवासी मड़िहापुर थाना औरास जनपद उन्नाव, जमील पुत्र नन्हकू उम करीब 42 वर्ष निवासी ग्राम बछौली थाना औरास जनपद उन्नाव , ऋषि कान्त तिवारी पुत्र राम खिलावन तिवारी उम्र करीब 34 वर्ष निवासी सोना बिहार कालोनी आलमनगर प्लाट नं0 20 थाना पारा लखनऊ, दिव्यांश भारती उर्फ अरूण उर्फ केके पुत्र राकेश भारती उम्र करीब 20 वर्ष निवासी बादशाह खेड़ा आलमनगर थाना तालकटोरा लखनऊ, तरूण बाजपेई पुत्र अटल बाजपेई निवासी हर्ष नगर भपटामऊ थाना पारा जनपद लखनऊ उम्र 22 वर्ष, कैफ अहमद पुत्र अफजाल अहदम उम्र करीब 20 वर्ष निवासी ग्राम भपटामऊ थाना पारा जनपद लखनऊ , नमन मिश्रा पुत्र शिव मनुजी मिश्रा निवासी सत्यम सिटी, डिप्टी खेड़ा थाना पारा जनपद लखनऊ, संजय बाजपेयी पुत्र शिव नारायण बाजपेयी उम्र 60 वर्ष निवासी मोती नगर थाना कोतवाली सदर जनपद उन्नाव, विकास पाल पुत्र राम नरेश पाल निवासी ग्राम तिरिया भवानीपुर थाना मल्लावा जनपद हरदोई को गुरुवार को समय 5.30 बजे घटना में लूटे गये आभूषण घटना में प्रयुक्त बैगनार कार, मोटरसाईकिल व तमंचा कारतूसो के साथ गिरफ्तार कर हिरासत पुलिस में लिया गया।
उन्होंने बताया कि इनके द्वारा सात व आठ अक्टूबर की रात्रि रात्रि में थाना दुबग्गा के जेहटा गांव में मोतीलाल पाल के घर में अज्ञात बदमाशों ने घुसकर घर में रखी आलमारी से तीन लाख अस्सी हजार रुपये नगद व सोने चांदी के गहने वादी और उसके नातिन को भय कारित करके छीन लिया, जिसके सम्बन्ध में थाना दुबग्गा पर पर मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई थी। चूंकि इस घटना को अज्ञात अभियुक्तों ने अंजाम दिया था और वादी के घर एवं उसके समीपवर्ती घरों में कोई क्लोज सर्किट टीवी कैमरा नहीं लगा हुआ था तथा वादी के घर में बिजली का कनेक्शन नहीं होने के कारण घर में रात्रि का समय होने के कारण पुरी तरह अन्धकार व्याप्त था, जिसके कारण अभियुक्तों के सम्बन्ध में कोई सीसीटीवी फूटेज एवं उनका चेहरा उनकी संख्या स्वयं वादी तथा उनकी नातिन को ज्ञात नहीं हो सका।
डकैटी की घटना का खुलासा करने के लिए गठित की गई थी पांच टीम
उक्त ब्लाइण्ड घटना के अनावरण के लिए अपर पुलिस उपायुक्त पश्चिमी के द्वारा पांच टीमों का गठन किया गया। जिसमें कमिश्नरेट की मुख्य क्राइम टीम, डीसीपी पश्चिमी की सर्विलांस टीम, थानाध्यक्ष मानकनगर, थाना ठाकुरगंज, थाना पारा एवं दुबग्गा के सुयोग्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों के क्राइम टीम का गठन करते हुए घटना के त्वरित अनावरण हेतु अहर्निश प्रयत्न तत्काल प्रारम्भ किये गये। टेक्निकल सर्विलांस के लिए गठित टीमों के द्वारा घटना स्थल के आस-पास के वृहद मोबाइल टावर डेटा का विश्लेषण प्रारम्भ किया गया।
घटनास्थल के 15 किमी के रेडियस में सीसीटीवी कैमरो के फुटेज प्राप्त करने और विश्लेषण के लिये दो विशेषीकृत टीमों का पृथक से गठन किया गया। चूंकि इस घटना में एक अभियुक्त ने वादी मोती लाल के नातिन का नाम लेकर पुकारा था कि. . को पता है कि आलमारी की चाभी कहां है। इससे यह स्पष्ट रुप से अवधारित हुआ कि इस घटना में कोई नजदीकी व्यक्ति शामिल है। इसके अतिरिक्त जिस प्रकार से बदमाशों ने घर के अन्दर प्रवेश किया था उससे भी यह स्पष्ट हुआ कि उन अभियुक्तों में से कोई ऐसा व्यक्ति है जिसे घर के प्रवेश मार्ग के बारे में अच्छी तरह जानकारी है। इस आधार पर वादी के करीबी व्यक्तियों के विषय में आवश्यक कार्यवाही एकत्र किया जाना प्रारम्भ किया गया।
कार के सहारे बदमाशों तक पहुंची पुलिस
घटना स्थल के लगभग एक किलोमीटर आगे एक सफेद वैगनार कार घटना के दिन और लगभग घटना कारित होने के समय संदिग्ध अवस्था में दिखाई दी। जिसका बारीकी से विश्लेषण प्रारम्भ किया गया तो ज्ञात हुआ कि घटना के एक दिन पहले भी यही कार इस क्षेत्र में देर रात्रि में इसी लोकेशन पर विचरण कर रही थी। तत्पश्चात घटना स्थल के 10 किलोमीटर के रेडियस में जिसमें मुख्य सड़क एवं छोटी से छोटी गलिया सम्मिलित थी मे सीसीटीवी कैमरों को चेक किया जाना प्रारम्भ किया गया। किन्तु उन सीसीटीवी कैमरों में उक्त कार का नम्बर स्पष्ट नहीं हो रहा था। लेकिन एक जगह जहां वह कार रुकी थी और वह सीसीटीवी कैमरे में उसकी इमेज कैप्चर हुयी थी।
वहां पर उक्त कार के चार डिजिट के नम्बरों में से दो नम्बर को पढ़ने में टीम को अथक प्रयासों से सफलता प्राप्त हुयी तत्पश्चात परिवहन कार्यालय से सहायता प्राप्त करने के लिए कार के मेक, प्रकार, रंग एवं चार में से पढ़े गये उन दो नम्बरों को साझा किया गया। तत्पश्चात एक विशेष गणितीय सूत्र का प्रयोग कर ऐसे सभी नम्बरों के विषय में विशिष्ट जानकारी हासिल की गयी और उनके विषय में सूचनाएं एकत्र की गयी तो ज्ञात हुआ कि उक्त गाड़ी आशियाना निवासी एक व्यक्ति की है, जिसे उसने ऋषिकान्त तिवारी पुत्र रामखेलावन त्रिपाठी नामक ड्राइवर को भाड़े पर चलाने के लिये दिया है। लेकिन इसी दौरान गाड़ी के मालिक ने बताया कि आठ अक्टूबर को ऋषिकान्त गाड़ी मुझे वापस कर दिया है कि उसे अब गाड़ी नहीं चलाना है। इससे यह प्रमाणित हुआ कि ऋषिकान्त तिवारी उपरोक्त की इस प्रकरण में संदिग्ध भूमिका है । तत्पश्चात ऋषिकान्त त्रिपाठी को उसके आवास सोनाबिहार आलमनगर थाना पारा से हिरासत में लिया गया।
लूट की घटना को अंजाम देने के लिए उधार की कार का किया था प्रयोग
जिसने पूछताछ में बताया कि उसे सरवन यादव निवासी औरास जो उसे जीरो माइल में मिलता है उसने उसे इस घटना को कारित करने के लिये उसे अपने गाड़ी का प्रयोग करने के लिये कहा था और यह भी कहा था कि एक जगह लूट करने जाना है और जो पैसा मिलेगा उसमें तुम्हे भी बराबर का हिस्सा मिलेगा। तत्पश्चात सरवन यादव पुत्र छोटे लाल को हिरासत में लिया गया तो उसने बताया कि मुझे इस घटना कारित करने के लिये संजय बाजपेयी जो पेशे से वकील है और मेरे विरुद्ध जो मुकदमें हैं, जिसकी वह पैरवी करते है उन्होने मुझे इस घटना कारित करने के लिये खुशहालगंज में बुलाया था।
तत्पश्चात संजय बाजपेयी पुत्र स्व. शिव नारायण बाजपेयी निवासी 582 मोतीनगर उन्नाव ने बताया कि मेरा भांजा नमन मिश्रा है उसने इस घटना को करने के लिये मुझे जरुरी सूचना मुहैया कराया था और मै अपने भांजे के मुकदमें की पैरवी भी करता हूँ । अत: मैने इस घटना की कार्य योजना अपने भांजे नमन मिश्रा के साथ बनाया। मेरा भांजा मेरे ही घर में मेरे साथ ऊपरी मंजिल में रहता है और इसने पहले भी लूट की घटना को अंजाम दिया है। तत्पश्चात नमन मिश्रा पुत्र शिव मनुज मिश्रा निवासी सत्यम सिटी डिप्टी खेड़ा थाना पारा को हिरासत में लिया गया तो उसने बताया कि मेरा एक मित्र है, जिसका नाम तरुण है। उसने मुझे जेहटा में रहने वाले मोती पाल के विषय में बताया था कि उनका भांजा जिसका नाम विकास है उसने बताया है कि मोती पाल ने अभी कुछ समय पहले कैम्पवेल रोड थाना ठाकुरगंज स्थित अपना मकान बेचा है, जिसमे उसे 80-85 लाख रुपये मिले हैं और उक्त धन में से अभी लगभग 20-25 लाख रुपये मोती पाल के घर में रखा हुआ है।
घटना करने से पहले सभी बदमाशों ने बंद कर लिया था मोबाइल
चूकि इस घर में एक वृद्ध दम्पत्ति और उनके नाती एवं नातिन रहते है और उनका घर अभी सुनसान जगह पर है और वहा पर आसानी से लूट पाट की जा सकती है। उसने मुझे विकास से मिलवाया और विकास ने मुझे घटना स्थल दिखाया । तब मैने अपने मामा संजय बाजपेयी (वकील) के साथ सलाह कर अपने पुराने साथियों दिव्यांश भारती उर्फ केके निवासी बादशाह खेड़ा आलमनगर 2- कैफ अहमद को इस घटना के कारित करने की योजना में शामिल किया और उन्हें लूट के पैसे बराबर-बराबर देने का वादा किया। मामा ने फिर सरवन जो पुराना अपराधी है और उनका क्लाइन्ट है उसको इस घटना में शामिल कराया और सरवन के सहयोगी अपराधी मो. जमील पुत्र नन्खू निवासी बझौलि थाना औरास को भी इस घटना में शामिल कराया।
मामा ने सभी को इकठ्ठा करके बताया कि तुम लोग घटना के समय कोई फोन प्रयोग मत करना नहीं तो पकड़े जाओगे और उन्होनें हम सभी के फोन खुशहालगंज के पास एक टिनशेड जहां वे अन्य अपराधियों के साथ लूटपाट चोरी इत्यादि की घटना की योजना बनाते है वहां हम सबको छह व सात अक्टूबर की रात्रि में इकठ्ठा किया और हम सभी के फोन स्विच आॅफ कराकर अपने पास रख लिया। मात्र ड्राइवर का फोन उसे दिया गया ताकि सम्पर्क हो सके। हम लोग छह व सात अक्टूबर की रात्रि में ही घटना कारित करने के लिये घटना स्थल पहुचें थे लेकिन जिसके यहां घटना कारित करनी उसके यहां एक लड़का उसकी उम्र लगभग 20 वर्ष के आस-पास थी वह जगा हुआ था हम उसे देख नहीं पाये जैसे ही हम लोग घर में घुसना चाहे तो देख लिया और पूछने लगा कि आप लोग इस समय यहां पर क्यों घूम रहे है तब हम लोगों ने बहाना बना दिया कि फ्रेश होने आये है और विकास ने भी संकेत करके बताया कि अब घर में घुसना ठीक नहीं है तब हम लोग वापस चले गये।
अगले दिन विकास वादी के दामाद के घर कृष्णानगर में जाकर रुक गया क्योकि वह एक सामान डिलिवरी करने वाली कम्पनी में काम करता है और कभी कभार वहा रुक जाता है। वादी के दामाद के घर उस दिन सात अक्टूबर को बर्थडे पार्टी थी जब विकास ने देखा कि उस बर्थडे पार्टी में सम्मिलित होने हेतु वादी का नाती शनि जिसने पहले दिन बदमाशों को टोका था अपने नानी के साथ वहा आया है तो विकास को लगा कि अब यह अच्छा मौका है। शनि और उसकी नानी दोनों आज वहां पर नहीं है घर में बस बुढ़े मौसा (मोतीलाल पाल) और उनकी नातिन है। इसिलिये आराम से घटना किया जा सकता है। तब वह तुरन्त वहा से निकल आया और उसने तरुण व नमन को इस सम्बन्ध में पुरी जानकारी दिया। तत्पश्चात सभी लोग खुशहालगंज स्थित टिनशेड (अड्डा) पर इकठ्ठा हुये तब उन्होने बैंगनार तथा एक मोटर साइकिल का प्रयोग कर घटना स्थल पहुचे ।
भांजा ने की थी घर की मुखबिरी
चूंकि विकास जो वादी का सगा भांजा है घटना के पांच व छह दिन पूर्व एक अक्टूबर को रात्रि में वहा रुका था और उसे पता था कि घर का दूसरी मंजिल जो अभी निमार्णाधिन है और वहां अभी दरवाजा भी नहीं लगा है। सीढ़ी पर भी दरवाजा नहीं लगा है तथा घर के बाहर बास के पाड़ (मजदूरों के द्वारा गृह निर्माण के कार्य के लिए बनायी जाने वाली बास की सीढ़ी) से आराम से अन्दर आया जा सकता है। अत: विकास उसी बास के पाड़ से दूसरी मंजिल पर चढ़ कर सीढ़ी के रास्ते से नीचे उतर आया और घर के मुख्य दरवाजे को जिसमें मात्र बेलन और कुण्डा लगा था उसे खोल दिया। ताकि सारे अभियुक्त आसानी से अन्दर आ सके । तत्पश्चात सभी बदमाशों ने वादी के शयन कक्ष में घुसकर वादी एवं उसकी नातिन को कब्जे में कर लिया और उनके हाथ पैर बांध दिये तथा आलमारी की चाभी मांगी। चूंकि आलमारी की चाभी वादी के पत्नी के पास थी जो अपने दामाद के पास गयी हुई थी।
अत: उन्हे वह चाभी नहीं मिली तब उन्ही में से एक आरोपी जिसका नाम तरुण बाजपेयी है और वह पहले भी वादी के भांजे विकास के साथ वादी के घर पर कई बार आ चुका है और वादी के घर वालों से अच्छी तरह परिचित है। उसने वादी के नातिन का नाम लेकर कहा कि चाभी इसी के पास है क्योंकि उसको पता है कि वादी सबसे ज्यादा भरोसा अपने नातिन पर ही करता है और आलमारी की चाभी उसी के पास रहती है। लेकिन संजोग से उस दिन आलमारी की चाभी उसके पास नहीं थी तब आरोपियों ने आलमारी को लोहे के राड एवं ईट से तोड़ कर पैसा एवं जेवरात निकाल लियें और वादी के घर से दोनों फोन ले गये। जिसमें से एक फोन वादी के घर में गिर गया और तत्पश्चात खुशहालगंज अड्डे पर पहुचें।
जहां पर उन्होंने रुपये का बंटवारा किया तथा वादी के घर से छिने गये एक फोन को वहीं फेंक दिये। घटना में प्रयुक्त असलहा वकील संजय बाजपेयी ने अपने भांजे नमन मिश्रा को दिया था और एक असलहा सरवन लेकर आया था। पुलिस ने पूछताछ करने के बाद कोर्ट में पेश किया। वहीं पुलिस आयुक्त ने टीम के मनोबल को ऊंचा करने के लिए बीस हजार रुपये का नकद पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किये जाने की घोषणा किया है और उनके उत्साह वर्धन के लिए पुलिस महानिदेशक कार्यालय को यथोचित पुरस्कार के लिए टीम में शामिल सदस्यों के नामों की सूची भेजे जोन की भी घोषणा किये हैं।
Oct 14 2023, 19:44