*स्टार अध्ययन केंद्रों को चिन्हित कर सम्मानित करेगा मुक्त विश्वविद्यालय: कुलपति

लखनऊ । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के क्षेत्रीय केंद्र बरेली से संबद्ध अध्ययन केदो के समन्वयकों की कार्यशाला बृहस्पतिवार को आयोजित की गई। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रदेश में स्टार अध्ययन केन्द्रों को चिन्हित करेगा। ऐसे अध्ययन केन्द्रों को उनके बेहतर प्रदर्शन के आधार पर सम्मानित किया जाएगा।

कुलपति प्रोफेसर सिंह ने कहा कि समन्वयक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर छात्रों को जोड़ें एवं उनकी समस्याओं का समाधान करें। विश्वविद्यालय के लोकप्रिय कार्यक्रमों में प्रवेश के इच्छुक छात्रों का 20 अक्टूबर तक नामांकन सुनिश्चित करायें।

प्रोफेसर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रदेश का एकमात्र सरकारी मुक्त विश्वविद्यालय है। जो दूरस्थ शिक्षा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि नौकरी के साथ पढ़ाई में दूरस्थ शिक्षा ही हमारे शिक्षार्थियों को मंजिल तक पहुंचा सकती है।

कार्यशाला में बरेली, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, पीलीभीत, बदायूं एवं शाहजहांपुर जिले में स्थित अध्ययन केंद्रों से आए समन्वयक डॉ अलका जायसवाल, डॉ एस बी यादव, डॉ राकेश कुमार, डॉ शचि मित्तल, नीता मालिक एवं शैलेंद्र कुमार त्यागी ने केन्द्रों पर आने वाली समस्याओं से कुलपति को अवगत कराया एवं महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।

कार्यशाला में समन्वयकों की जिज्ञासा का समाधान परीक्षा नियंत्रक श्री डी पी सिंह, प्रवेश प्रभारी प्रोफेसर जे पी यादव, काउंसलिंग प्रभारी डॉ दिनेश सिंह, लेखाकार श्री अवनीश चन्द्र, मीडिया प्रभारी डॉ प्रभात चन्द्र मिश्र ने किया।

प्रारंभ में कुलपति प्र का स्वागत बरेली क्षेत्रीय केन्द्र के समन्वयक डॉ आरबी सिंह ने किया। कार्यशाला का संचालन बरेली कॉलेज की प्रोफेसर शालिनी सिंह ने किया। बरेली क्षेत्रीय केन्द्र के अभिलेखों का निरीक्षण किया। उन्होंने 20 अक्टूबर तक नामांकन अभिप्रेरण अभियान में अधिक से अधिक छात्रों का नामांकन कराने के लिए जागरूक करने का निर्देश दिया।

*इकाना स्टेडियम में दक्षिणी अफ्रीका व ऑस्ट्रलिया के बीच विश्वकप 2023 का मुकाबला शुरू, तेज धूप होने के कारण काफी कम संख्या में पहुंचे दर्शक*

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका व ऑस्ट्रेलिया के बीच विश्वकप 2023 का मुकाबला खेला जा रहा है। दक्षिण अफ्रीका की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया। 18 ओवरों में दक्षिण अफ्रीकी टीम ने ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजी आक्रमण को बेअसर करते हुए बिना कोई विकेट खोए 100 रन बना लिए हैं। मैदान में दर्शकों की संख्या काफी कम नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि अधिक धूप होने के कारण संख्या कम है पर जैसे-जैसे शाम होगी दर्शक बढ़ते जाएंगे।

इसके पहले, बुधवार को दोनों टीमों ने इस महत्वपूर्ण मुकाबले की तैयारियों को अंतिम रूप दिया। उधर, खेल के रोमांच का आनंद लेने के लिए दर्शन स्टेडियम पहुंच रहे हैं। सुबह दक्षिण अफ्रीका की टीम ने अभ्यास किया। चेन्नई में भारत से मिली हार के बाद ऑस्ट्रेलिया टीम डैमेज कंट्रोल का लक्ष्य लेकर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उतरेगी। टीम में मार्कस स्टोइनिस की वापसी तय है, जो हैमस्टैंग के चलते भारत के खिलाफ नहीं खेल पाए थे। इस हरफनमौला खिलाड़ी को इकाना स्टेडियम में खेलने का खासा अनुभव है।

वे आईपीएल में लखनऊ सुपरजायंट्स टीम से खेल चुके हैं। दक्षिण अफ्रीका की मजबूत बल्लेबाजी को देखते हुए कमिंस एंड कंपनी को बेहतर खेलना होगा। मिचेल स्टार्क और हेजलवुड के अलावा युवा लेग स्पिनर एडम जांपा के ऊपर गेंदबाजी का दारोमदार होगा, जबकि बल्लेबाजी में स्टीव स्मिथ, अनुभवी वार्नर और लाबुशने को बेहतर खेल दिखाना होगा।

सुबह बरेली एयरपोर्ट पर उतरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आठ मिनट रूकने के बाद हेलीकॉप्टर से उत्तराखंड के लिए हो गए रवाना

लखनऊ । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बृहस्पतिवार सुबह करीब 6:20 बजे बरेली एयरपोर्ट पर उतरे। आठ मिनट में चेंजओवर के बाद वह हेलीकॉप्टर से उत्तराखंड के लिए रवाना हो गए। इस दौरान एयरफोर्स स्टेशन के बाहर तैनात पुलिस फोर्स तैनात रहा। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर बुधवार को दिनभर पुलिस-प्रशासन तैयारियों में जुटा रहा। संभावित सड़क मार्ग का भी रिहर्सल किया गया। 

कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री ने सुबह 5.20 बजे दिल्ली एयरपोर्ट से आईएएफ हेलीकॉप्टर से उड़ान भरी और सुबह 6.20 बजे बरेली एयरपोर्ट पहुंचे। यहां सिर्फ आठ मिनट ठहरने के बाद 6.28 बजे वह उत्तराखंड के जोलीकांग हेलीपैड रवाना हो गए। शाम 5.20 बजे पुन: बरेली एयरपोर्ट लौटेंगे और 5.25 बजे दिल्ली एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे।

विश्वविद्यालय की रीढ़ हैं समन्वयक: प्रोफेसर सीमा सिंह

लखनऊ । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के क्षेत्रीय केंद्र मेरठ से सम्बद्ध अध्ययन केंद्र समन्वयकों की कार्यशाला बुधवार को ईस्माइल नेशनल महिला पीजी कॉलेज में आयोजित की गई। कार्यशाला की मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने कहा कि केन्द्र समन्वयक विश्वविद्यालय की रीढ़ हैं। केंद्र समन्वयकों के प्रयास से हम विश्वविद्यालय की छात्र संख्या को शीघ्र एक लाख तक पहुंचा सकते हैं। कुलपति प्रोफेसर सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय में 20 अक्टूबर तक प्रदेश के सभी क्षेत्रीय केंद्रों में नामांकन अभिप्रेरण अभियान चलाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इसके लिए छात्रों को विश्वविद्यालय के रोजगार एवं कौशल परक कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान की जाए। उन्होंने समन्वयकों से कहा कि वह विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर निरंतर विजिट करें। वेबसाइट पर उपलब्ध वीडियो लेक्चर का लाभ शिक्षार्थियों को मिलना चाहिए। छात्रों को यह भी बताया जाए कि उनकी सुविधा के लिए ई- पाठ्यसामग्री विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

प्रोफेसर सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय की कार्य परिषद ने पारित कर दिया है कि अब दो डिग्री कोर्स एक साथ किये जा सकते हैं। इसका लाभ भी प्रवेशार्थी उठा सकते हैं। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि कोरोना कल के बाद दूरस्थ शिक्षा का महत्व बहुत बढ़ गया है। दूरस्थ शिक्षा विविधता से परिपूर्ण है। यहां किन्नर, जेल बन्दी, ग्रामीण, नौकरी पेशा लोगों के लिए कई तरह की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने आपदा प्रबंधन तथा कर्मकांड पर नए उपयोगी कार्यक्रम प्रारंभ किये हैं। आगामी सत्र से एम ए मनोविज्ञान कार्यक्रम प्रारंभ करने की योजना है।

इस अवसर पर मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा : दशा एवं दिशा विषयक कार्यशाला में विचार व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय के प्रवेश प्रभारी प्रोफेसर जयप्रकाश यादव ने दूरस्थ शिक्षा के महत्व को प्रतिपादित किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एन ई पी 2020 के अंतर्गत सभी शैक्षिक कार्यक्रम संचालित कर रहा है।इस्माइल नेशनल महिला पीजी कॉलेज की प्राचार्य प्रोफेसर अनीता राठी ने कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

कार्यशाला में परीक्षा नियंत्रक श्री डी पी सिंह, प्रवेश प्रभारी प्रोफेसर जे पी यादव, काउंसलिंग प्रभारी डॉ दिनेश सिंह, लेखाकार श्री अवनीश चंद्र आदि ने विश्वविद्यालय समन्वयकों की जिज्ञासाओं का समाधान किया।

प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत मेरठ क्षेत्रीय के प्रभारी निदेशक प्रोफेसर अजेंद्र कुमार मलिक ने किया। उन्होंने कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की।

विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ प्रभात चन्द्र मिश्र ने बताया कि इस अवसर पर मेरठ, बागपत, अमरोहा, बिजनौर, शामली, सहारनपुर आदि जिलों में स्थित अध्ययन केंद्रों के समन्वयक एवं प्राचार्य डॉ राजीव गुप्ता, डॉ किरन गर्ग, डॉ के सी मठपाल, डॉ शक्ति साहनी एवं डॉ कुमकुम आदि ने प्रवेश एवं परीक्षा सम्बन्धी कई सुझाव दिए।कार्यशाला का संचालन इस्माइल नेशनल महिला पीजी कॉलेज अध्ययन केंद्र की समन्वयक डॉ रीना गुप्ता ने तथा धन्यवाद ज्ञापन मेरठ क्षेत्रीय केन्द्र के समन्वयक डॉ त्रिविक्रम तिवारी ने किया।

गांवों को स्वच्छ और सुंदर बनाने में जुटा ग्राम्य विकास विभाग

लखनऊ । केंद्र और राज्य सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में से एक है स्वच्छता अभियान। गांव-गांव में स्वच्छता को लेकर बड़े पैमाने पर अभियान भी चलाया जा रहा है। इसका असर भी देखने को मिल रहा है।उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में गांवो में जलजमाव व जलभराव से निजात दिलाने के लिए मनरेगा से नाली निर्माण व आन्तरिक गलियों का निर्माण युद्ध स्तर पर तो कराया ही जा रहा है, साथ ही साथ साकपिट बनाने का कार्य बड़े पैमाने पर कराया जा रहा है

इससे गांवों में न तो जल भराव होगा और न ही कीचड़ होगा,और न ही जल की बबार्दी होगी।

इस कार्य से स्वच्छता अभियान को बल मिल रहा है, साथ ही, जलजमाव से होने वाली वेक्टरजनित व मच्छरों से होने वाली बीमारियों पर भी अंकुश लग रहा है।यही नहीं घरों व अन्य जलस्रोतों से निकलने वाला इस्तेमाल पानी बर्बाद भी नहीं हो रहा, साकपिट में जल संचय करने वाटर हार्वेस्टिंग व रीचार्जिंग में भी मदद मिल रही है । सोकपिट का निर्माण कर स्वच्छता अभियान को भी सफल बनाया जा रहा है।

व्यक्तिगत और सामुदायिक सोकपिट

प्रदेशभर में व्यक्तिगत और सामुदायिक सोकपिट का निर्माण तेजी से चल रहा है। जल संचयन और स्वच्छता को लेकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। गांव-गलियों में कीचड़-गंदगी न हो इसके लिए सरकार सोकपिट का निर्माण करा रही है। व्यक्तिगत और सामुदायिक तौर पर इन सोकपिट का निर्माण हो रहा है।

गांवों को स्वच्छ बनाने में मदद

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि स्मार्ट सिटी की तरह स्मार्ट विलेज बनाये जायेगे और गांवों को स्मार्ट बनाने के लिए पहले स्वच्छ होना बेहद जरूरी है। सोकपिट के निर्माण से गांवों को स्वच्छ और सुंदर बनाने में बड़ी मदद मिल रही है। गांव-गलियों को कीचड़ से निजात भी मिल रही है। विभाग सोकपिट के निर्माण कार्य को युद्ध स्तर पर कर रहा है।

ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी ने बताया गया कि सोकपिट प्रत्येक हैंडपंप और मुख्य नाली के पास बनाए जा रहे हैं। इसके निर्माण को लेकर ग्राम्य विकास विभाग के उच्चाधिकारियों, खण्ड विकास अधिकारियों और गांव स्तरीय कर्मचारियों को पहले से निर्देश जारी हैं। सोकपिट बनाने का कार्य तेजी से जारी है। और गांव को स्वच्छ बनाने में मदद भी मिल रही है।

ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी केअनुसार प्रदेशभर में जलसंचय को लेकर सोकपिट का निर्माण कार्य जारी है। इस वर्ष सोकपिट निर्माण के करीब 4151 कार्य प्रारंभ कराए जा चुके हैं।वर्ष 2023-23 में सीतापुर, आजमगढ़ और बहराइच निर्माण कार्य में अग्रणी जनपद हैं। सीतापुर में 1172, आजमगढ़ में 793 और बहराइच में 607 सोकपिट का निर्माण कार्य किये गये हैं। पूरे प्रदेश में वर्ष 2022-23 में 12,946 सोकपिट के निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है।

जल एवं पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा

जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रदेशभर में सोकपिट बनाए जा रहे हैं। इससे जहां मनरेगा के तहत ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है,वहीं सोकपिट के माध्यम से भू-जल स्तर में सुधार आने की संभावना भी प्रबल दिखाई दे रही है और पानी भी बर्बाद नहीं होगा। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के अंतर्गत सोकपिट निर्माण कराने की कार्यवाही की जा रही है।

ऊर्जा मंत्री ने विद्युत विभाग के कार्यों की समीक्षा में अधिकारियों को लगाई फटकार

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 23 से 25 हजार करोड़ रुपए की लागत के कार्य कराये जा रहे हैं। जिससे कि विद्युत की निर्वाध आपूर्ति सुलभ की जा सके और हमारा प्रदेश बिजली की समस्या से ग्रस्त राज्यों की श्रेणी से बाहर निकल पाए। उन्होंने कहा कि बिजली जीवन की मूलभूत आवश्यकता बन गई है। उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति का सुखद अनुभव कराने के लिए वर्तमान में चल रहे कार्यों में गति लाई जाए।

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने आज नगरीय निकाय निदेशालय में ऊर्जा विभाग के प्रगति कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने योजनाओं व कार्यक्रमों में अपेक्षित प्रगति न होने पर नाराजगी जताई और विद्युत व्यवस्था के सुधार कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजस्व वसूली कार्यों पर पूर्ण ध्यान दें। जितनी बिजली दी जाती है उतना राजस्व भी प्राप्त करें। प्रदेश में 24 घंटे बिजली देने के लिए फीडर अलगाव के कार्यों को लक्ष्य बनाकर पूरा करायें। उन्होंने कहा कि अधिकतम लाइनलास वाले फीडर से संबंधित क्षेत्रों में सघन चेकिंग अभियान चलाये जाए और विद्युत चोरी पर पूर्ण अंकुश लगाया जाए।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं को बिजली बिल जमा करने में परेशानी न हो।

इस व्यवस्था को और सरल व सुलभ बनाये। साथ ही सही बिलिंग के साथ शत-प्रतिशत बिलिंग कराई जाए। टेबल बिलिंग की शिकायतें आ रही है जिसे पूर्णत: बंद कराया जाए। बिलिंग कम्पनियों के कार्यों पर भी ध्यान दे। उपभोक्ताओं को सहूलियत देने के लिए ट्रस्ट बिलिंग को बढ़ावा दें और उपभोक्ता द्वारा मीटर की फोटो भेजने पर उसका बिल जनरेट करायें और 02 से 03 महीने में फिजिकल रीडर भी करायें। उन्होंने कहा कि अपने कारनामों से उपभोक्ताओं को सदमे में न पहुंचायें। गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्यवाही की जायेगी। किसी भी कार्मिक के आचरण, कार्यों एवं निष्ठा में कहीं पर भी कोई कमी पाई जायेगी तो बक्शा नहीं जायेगा।

एके शर्मा ने कहा कि उपभोक्ताओं को निर्वाध आपूर्ति देने के लिए अनुरक्षण कार्यों पर जोर दिया जा रहा है। इस दौरान लटकते, ढ़ीले व जर्जर तारों एवं पोल को बदलने, ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि करने, ट्रिपिंग की समस्या के समाधान के लिए जम्फर बदलने, फ्यूज वायर बदलने का कार्य किया जा रहा है। विद्युत लाइन को छूती शाखाओं की छंटनी कराई जा रही है। नंगी तारों को एबीसी केबल में भी बदलने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने इन सभी कार्यों को समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से करने को कहा। जिससे कि आने वाले समय में बिजली का संकट लोगों को न हो।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विद्युत के बढ़े हुए लोड के मुताबिक इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने का प्रयास कर रही है। क्योंकि पुराने विद्युत ढ़ॉचे से भी वर्तमान लोड को संचालित करने में दिक्कते आ रही हैं।समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव ऊर्जा महेश कुमार गुप्ता, चेयरमैन आशीष कुमार गोयल, प्रबंध निदेशक यूपीपीसीएल पंकज कुमार के साथ सभी डिस्कॉम के एमडी, निदेशक, मुख्य अभियन्ता, अधिक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंताओं ने प्रतिभाग किया।

लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान पर आंच नहीं आने दी जाएगी: डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि भारत के रोम रोम में लोकतंत्र रचा,बसा है।लोकतंत्र सेनानियों से विसंगतियों के विरुद्ध संघर्ष करने की प्रेरणा मिलती है।लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान पर आंच नहीं आने दी जाएगी।

केशव प्रसाद मौर्य बुधवार को लोकतंत्र सेनानी संघ के तत्वावधान में विशेश्वरैया सभागार में लोक नायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर आयोजित 'भारतीय लोकतंत्र का आपातकाल' विषयक गोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।उप मुख्यमंत्री ने लोक नायक जयप्रकाश नारायण व नाना जी देशमुख की जयंती पर उन्हें अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि आपातकाल में लोकतंत्र सेनानियों ने जो संघर्ष किया, उससे वर्तमान पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है। कहा कि लोकतंत्र की रक्षा की लोकतंत्र सेनानियों ने जो अलख जगाई, उसे कभी बुझने नहीं दिया जायेगा।

कहा कि लोकतंत्र सेनानी, लोकतंत्र के सजग पहरेदार हैं।कहा कि लोकतंत्र सेनानी संघ द्वारा जो मांग पत्र दिया गया है, उसके एक -एक विन्दु पर गहनता से विचार किया जायेगा। मानदेय बढ़ाने की जो मांग की गयी है, उसे उचित प्लेटफार्म पर रखते हुए बढ़वाये जाने का पूरा प्रयास किया जायेगा। कहा कि सरकार देश के उन महानायकों के सपनों को साकार करने के लिए उसी परम्परा का निर्वाह कर रही है, जिसके बल पर उन्होंने देश की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया था।केन्द्र व राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में उन्होंने

विस्तार से प्रकाश डाला।

मन्त्री, वित्त एवं संसदीय कार्य सुरेश खन्ना ने लोक नायक जयप्रकाश नारायण की जीवन यात्रा व उनके संघर्ष व उनके जीवन के प्रेरक प्रसंगों की याद ताजा करते हुए कहा कि हम सब लोग उनके विचार को आत्मसात करें, तो हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। कहा कि सरकार की हर योजना के मूल में गरीब हैं। मोदी जी के नेतृत्व में दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ा है।

कैबिनेट मन्त्री धर्मपालसिंह सिंह ने लोकतंत्र सेनानियों के हितों के लिए सरकार द्वारा किये गये कार्यों के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला।

पूर्व मंत्री तथा राज्य सभा सदस्य व लोकतंत्र सेनानी संघ के अध्यक्ष अशोक बाजपेई ने आपातकाल में लोकतंत्र सेनानियों द्वारा किये गये संघर्ष के बारे प्रेरक विचार व्यक्त किए। संचालन लोकतंत्र सेनानी संघ के सेकेट्री राजेन्द्र तिवारी ने किया।इस अवसर पर समाजसेवी, सम्भ्रांत लोग, गणमान्य नागरिक व प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये लोकतंत्र सेनानी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

*लोकनायक जय प्रकाश की जयंती पर जेपीएनआई में उनकी प्रतिमा पर माल्यापर्ण करने के लिए सपा प्रमुख गेट पर चढ़कर चले गए अंदर, फोटो वायरल*

लखनऊ । सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकनायक जयप्रकाश की जयंती के अवसर पर जेपीएनआईसी में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के लिए गए थे। उन्हें रोकने के लिए गेट पर ताला लगा दिया गया था और लोहे की चादर से रास्ता रोक दिया गया था।

अखिलेश जब अपने समर्थकों के साथ पहुंचे तो वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जिससे वो नाराज हो गए और गेट फांदकर अंदर की तरफ कूद गए। ये देखकर वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों के भी पसीने छूट गए। अखिलेश के गेट फांदकर अंदर कूदने के बाद सपा कार्यकर्ता भी गेट पर चढ़ गए और अंदर चले गए। सारी सुरक्षा व्यवस्था धरी रह गई।

परिसर के अंदर अखिलेश यादव ने लोकनायक जयप्रकाश की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और वापस आ गए। गेट फांदते हुए उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं और सपा समर्थकों द्वारा लगातार शेयर की जा रही हैं। अखिलेश यादव के तेवरों ने वहां मौजूद सपाइयों को जोश से भर दिया। बाहर आकर मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव काफी आक्रोशित नजर आए और कहा कि सरकार तानाशाही कर रही है। यह पहली बार नहीं है जब मैं यहां माल्यार्पण के लिए आया हूं। हर साल आता हूं और अब मुझे अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई।

उन्होंने कहा कि जयप्रकाश ने तत्कालीन सत्ता के खिलाफ संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था। क्या हमें भी माल्यार्पण के लिए जयप्रकाश नारायण जी की तरह ‘सम्पूर्ण क्रान्ति’ का आह्वान करना पड़ेगा। अगर भाजपा को यही मंज़ूर है तो यही सही। उन्होंने कहा कि हम संपूर्ण क्रांति का नारा देते हैं जो कि 2024 तक जाएगा और 2027 में यूपी में सत्ता परिवर्तन करेगा। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान सपाइयों की वहां मौजूद पुलिसकर्मियों से नोकझोंक भी हुई।

*योगी कैबिनेट का फैसला: आंगनबाड़ी केंद्रों पर फिर से शुरू होगा हॉट कुक्ड मील योजना*

लखनऊ । योगी कैबिनेट ने तीन वर्ष से छह वर्ष आयु तक के बच्चों के लिए आईसीडीएस के अन्तर्गत हॉट कुक्ड मील योजना को प्रदेश के आंगनबाड़ी के केन्द्रों में संचालित किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। मंत्रिपरिषद ने भविष्य में योजना के दिशा-निर्देशों में किसी प्रकार के परिवर्तन के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।ज्ञातव्य है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में गरम पका भोजन देने के लिए 03 दिसम्बर, 2018 को सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक के निर्णय के क्रम में शासनादेश द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश निर्गत किए गए थे। व्यावहारिक कठिनाइयों के कारण इस शासनादेश में संशोधन आवश्यक है। इस सम्बन्ध में निदेशक बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार द्वारा संशोधन के लिए प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया। अतः आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के पर्याप्त पोषण हेतु गरम पका भोजन दिए जाने की सुदृढ़ व्यवस्था किया जाना प्रस्तावित किया जा रहा है।

बच्चों को पका भोजन दिये जाने का निर्देश

भारत सरकार के नवीनतम शासनादेश संख्या - 11/4/2021-सीडी-आई (ई-95706) एक अगस्त, 2022 द्वारा ‘सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0’ के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं, जिसमें आंगनबाड़ी केन्द्र पर आने वाले तीन वर्ष से पांच वर्ष तक के आयु के बच्चों को गर्म पका भोजन दिये जाने के निर्देश हैं। इस योजना में भारत सरकार व राज्य सरकार की सहभागिता 50:50 प्रतिशत निर्धारित है। भारत सरकार द्वारा 03 से 06 वर्ष की आयु के बच्चों को अनुपूरक पोषाहार प्रदान किये जाने के लिए 8 रुपये प्रति लाभार्थी प्रतिदिन (माह में 25 दिन) अनुमन्य है। इस धनराशि में से 3.50 रुपये प्रति लाभार्थी मॉर्निंग स्नैक्स के रूप में तथा शेष 4.50 रुपये प्रति लाभार्थी हॉट कुक्ड मील योजना व्यय किया जाना है।

आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या लगभग एक लाख 21 हजार 866

मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित योजना के तहत को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा नॉन को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए भिन्न व्यवस्था बनायी गई है। को-लोकेटेड आंगनबाड़ी, ऐसे आंगनबाड़ी केन्द्र हैं, जो ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रांगण में अथवा प्राथमिक विद्यालयों से 200 मीटर की दूरी पर स्थित हैं। इन आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या लगभग एक लाख 21 हजार 866 है। नॉन लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्र, ऐसे आंगनबाड़ी केन्द्र हैं, जो प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में संचालित नहीं हो रहे हैं। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में इन आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या लगभग 67,148 हैं।

प्राथमिक विद्यालय में तैयार होगा हॉट कुक्ड मील

को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों के लिए हॉट कुक्ड फूड तैयार किए जाने के लिए प्राथमिक विद्यालयों पर पीएम पोषण योजना के लिए उपलब्ध संसाधन (आवश्यक बर्तन व अन्य सुविधाएं) का साझा उपयोग किया जाना प्रस्तावित है। गर्म पका भोजन की रेसिपी पीएम पोषण (एमडीएम) योजना की भांति रहेगी। इन आंगनबाड़ी केन्द्रों को समीपस्थ प्राथमिक विद्यालय से सम्बद्ध करते हुए विद्यालय में ही हॉट कुक्ड मील तैयार किया जाएगा। इन प्राथमिक विद्यालयों से भोजन को सुरक्षित रूप से तैयार करवाकर आंगनबाड़ी केन्द्र तक पहुंचाने और बच्चों को वितरित व परोसने का दायित्व आंगनबाड़ी सहायिका का होगा। को-लेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों पर भोजन परोसने तथा बच्चों के खाना खाने (प्लेट, कटोरी, ग्लास, चम्मच आदि) बर्तनों की अनुपलब्धता की स्थिति में सम्बन्धित ग्राम सभा,नगर पंचायत,नगर पालिका परिषद,नगर निगम को-लेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों में आवश्यक बर्तनों की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।

भोजन तैयार करने व परोसने की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी पर

नॉन को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के लिए भोजन तैयार करने व परोसने का उत्तरदायित्व आंगनबाड़ी सहायिका का होगा। नॉन को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों में भोजन पकाने हेतु गैस चूल्हा, सिलेण्डर, रेगुलेटर इत्यादि बर्तन की प्रारम्भिक व्यवस्था ग्राम पंचायतों के पास उपलब्ध केन्द्रीय वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग, ग्राम सभा निधि, ओएसआरअथवा अन्य वित्तीय स्रोत, जो ग्राम पंचायत के पास उपलब्ध हो, से तथा नगरीय क्षेत्रों में सम्बन्धित नगर पंचायत/नगर पालिका परिषद/नगर निगम के पास उपलब्ध वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग एवं निकाय निधि में अथवा अन्य वित्तीय स्रोतों से की जानी प्रस्तावित है। योजना का अनुश्रवण राज्य व जनपद स्तरीय टास्क फोर्स गठित कर किया जाएगा।

*यूपी कैबिनेट के फैसले: वंदन योजना से सांस्कृतिक, पौराणिक व धार्मिक स्थलों का कराया जाएगा विकास*

लखनऊ । यूपी में सांस्कृतिक, पौराणिक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व के स्थलों पर अवस्थापना तथा अन्य सुविधाओं के विकास के लिए ‘वंदन योजना’ शुरू की गई है।

सीएम योगी आदित्यनाथ की मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश में सांस्कृतिक, पौराणिक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व के स्थलों पर अवस्थापना तथा अन्य सुविधाओं के विकास के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रारम्भ की जा रही ‘वंदन योजना’ के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश निर्गत किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।

जल निकासी एवं साफ-सफाई की व्यवस्था शामिल

शहरी स्थानीय निकायों का मुख्य कार्य अपने क्षेत्रान्तर्गत नागरिक सुविधाएं प्रदान करना है, जिसमें प्रकाश, पेयजल, जलनिकासी, शौचालय एवं साफ-सफाई की व्यवस्था इत्यादि सम्मिलित है। प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों (नगर पालिका परिषदों व नगर पंचायतों) में अवस्थित सांस्कृतिक, धार्मिक, पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व के स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं व आगन्तुकों को मूलभूत अवस्थापना तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है।

केवल आवश्यक कार्यों का ही कराया जाएगा काम

इस उद्देश्य से प्रदेश में सांस्कृतिक, पौराणिक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व के स्थलों पर अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में एक नई योजना ‘वंदन’ प्रारम्भ की जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत उन्हीं कार्यों को प्रस्तावित किया जाएगा, जो अत्यन्त आवश्यक हो तथा किसी अन्य विभाग की योजना व कार्यक्रम अथवा नगर विकास विभाग की दूसरी योजनाओं में प्रस्तावित अथवा स्वीकृत नहीं हो।

काम कराने से पहले कार्यों को किया जाएगा सूचीबद्ध

जिलाधिकारी द्वारा अपने क्षेत्र में स्थित सांस्कृतिक, पौराणिक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों एवं उन पर विभिन्न विभागों द्वारा पूर्व में कराए गए कार्यों को सूचीबद्ध किया जाएगा। उपरोक्तानुसार गैप्स के रूप में चिन्हित कार्यों हेतु भूमि की उपलब्धता आदि देखते हुए आगणन तैयार कराया जाएगा और निकाय क्षेत्र में पड़ने वाले योजना से आच्छादित स्थलों में प्रस्तावित कार्यों की सूची सुसंगत विवरणों सहित संबंधित जिलाधिकारी को उपलब्ध करायी जाएगी।

नगर पंचायत व नगर पालिका से दो स्थलों का किया जाएगा चयन

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित चयन समिति द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष में दिशा-निर्देश के अनुरूप एक जिले की समस्त नगर पंचायतों एवं नगर पालिका परिषदों में से सामान्यतः दो स्थलों का चयन किया जाएगा। ऐसी परियोजनाओं जिनको 12 माह के भीतर पूरा किया जा सकता है, उनका चयन प्राथमिकता पर किया जाएगा। विशेष परिस्थितियों में निधि के उपयोग को 18 माह तक बढ़ाया जा सकता है।

शाहजहांपुर में खुलेगा नया विश्वविद्यालय

योगी मंत्रिपरिषद ने वरुण अर्जुन विश्वविद्यालय, शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश की स्थापना किए जाने के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 में संशोधन किए जाने के लिए उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (छठवां संशोधन) अध्यादेश, 2023 को प्रख्यापित कराये जाने एवं तत्पश्चात संचालन प्राधिकार पत्र निर्गत किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इससे अब यहां के छात्रों को उच्च शिक्षा की पढ़ाई करने के लिए शहर से बाहर गैर जनपद नहीं जाना पड़ेगा।