डिप्टी सीएम तेजस्वी के बयान राजपूत का राजद मे सबसे ज्यादा सम्मान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने किया पलटवार, कही यह बात

पटना : केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह आज दिल्ली से पटना पहुंचे। पटना पहुंचते ही मीडिया के द्वारा किए गए सवाल कि तेजस्वी के द्वारा दिए गए बयान की राजपूत जाति के विधायक भाजपा से ज्यादा विधायक हमारे दल में है। राजपूत को सम्मान सबसे ज्यादा राजद के लोग देते हैं। 

इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह संख्या बल का सवाल नहीं है। सवाल मानसिकता का है।

वहीं लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव और राष्ट्रीय जनता दल की मानसिकता शुरू से ही भेद करने का रहा है।

 

मैंने सोचा था कि लालू प्रसाद यादव ठाकुरों से माफी मांग कर समाज में एक शांति बहाल करेंगे। लेकिन उनकी कभी ये आदत रही नहीं है। उन्होंने अभी तक माफी नहीं मांगी। दिल दुखा कर अच्छा नहीं किया। 

वहीं वहीं अब्दुल बारी सिद्दीकी के द्वारा दिए गए बयान की बोबकट वाली संसद में जाएंगी। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि राजद की जो मानसिकता है वही मानसिकता अब्दुल बारी सिद्दीकी जी की है। महिलाओं के अपमान का यह शब्द है। 

वहीं राजद विधायक भाई वीरेंद्र के द्वारा गिरिराज सिंह को नकली हिंदू बताए जाने पर कहा कि हमें किसी की सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। 

वही एक बार फिर हाजीपुर में मानवता की शर्मसार करने वाले घटना। जिसमें स्कूल के रसोईया को स्कूल की महिला टीचर के पति के द्वारा अर्ध नग्न करके पीटे जाने और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए जाने

के जवाब में उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी कहा है कि नीतीश बाबू के राज में महिलाएं सुरक्षित नहीं है।

पटना से मनीष प्रसाद

AIOR के डायरेक्टर डॉ आशीष सिंह ने रोबॉटिक तकनीक से दोनों हिप (कुल्हा ) का एक साथ किया रिप्लेसमेंट, मरीज़ को मिला नया जीवन
पटना: धरती पर डॉक्टर को दूसरा भगवान का दर्जा दिया गया है क्यों कि कई जटिल रोगों की वज़ह से लोगों का जीवन जीना मुश्किल हो जाता है और डॉक्टर ही है, जो उन लोगों का ईलाज कर नया जीवन देने का काम करते हैं। ऐसे ही हड्डी रोग से जुड़े असाध्य रोगों का रोबोटिक तकनीक से इलाज पटना में अनूप इंस्टिट्यूट ऑफ orthopedics and Rehebilitation (AIOR ) अस्पताल मे हुआ है और मरीज़ को नया जीवन मिला है। अनूप इंस्टिट्यूट ऑफ orthopedics and Rehebilitation (AIOR), पटना के डायरेक्टर डॉ आशीष सिंह ने बताया कि हमारे अस्पताल में दो लोगों को काफी जटिल बीमारी का इलाज कर मात्र 4 से 5 दिनों में अपने पैरों पर चलने योग्य कर दिया गया है। पहला आसाम राज्य के गुवाहाटी से आये जफर हसन पिता शमसुल हक्क उम्र 25 वर्ष का गिरने से पैर टूट गया था जब वो हमारे यहां इलाज के लिए आये तो जांच में पता चला कि उनके घुटने में ट्यूमर भी है जिसके कारण यह एक क्रिटिकल केस बन गया. हमारी टीम ने रोबोटिक तकनीक से उनकी जांघों की हड्डी को आधा काटकर हटाया और उनका पूरा घुटने को भी बदल दिया. जिसे मेडिकल साइंस की भाषा मे डिजिटल फिमर रिप्लेसमेंट कहा जाता है अब मरीज़ अपने पैरों से चलने में पूर्ण रूप से सक्षम हो गये है. दूसरा मरीज़ बिहार के पूर्णिया जिले के धमदाहा से आये विपिन कुमार दुबे उम्र 50 वर्ष जो कि विगत 5- 6 साल से अपना दाहिना पैर कुल्हा से ही मोड़ नहीं पाते थे और अपना सारा दैनिक कार्यों को पैर को सीधा रखकर ही करते थे, इसी बीच गिरने से उनका दूसरा कुल्हा भी टूट गया और वे कम्प्लीट बेड पर रहने लगे. हमारे अस्पताल में हमारी टीम द्वारा रोबोटिक तकनीक से उनके दोनों हिप ( कुल्हा ) का एक साथ ऑपरेशन किया गया जिसे मेडिकल साइंस मे पूर्ण कुल्हा प्रत्यारोपण ( Total Hip Replacement ) कहते है। जो कि एक जटिल ऑपरेशन था जिसको हमारी टीम ने सफलतापूर्वक किया और अब मरीज़ अपने पैरों से चलना भी शुरू कर दिया है. AIOR के डायरेक्टर डॉ आशीष सिंह ने बताया कि पूरे बिहार ही नहीं बल्कि पूर्वी भारत के क्षेत्र मे रोबोटिक तकनीक से इलाज का यह एकमात्र अस्पताल है जहां हड्डी रोग से जुड़े हर बीमारी का इलाज रोबोटिक तकनीक से किया जाता है, और असाध्य रोगों ( प्रत्यारोपण =Replacement ) के ईलाज के लिए एक विशेष केयर यूनिट बनाया गया है जिसमें स्पाइन, हिप, घुटने एवं स्पोर्ट्स इंजरी का ईलाज किया जाता है। अभी तक रोबोटिक तकनीक से 500 से अधिक सफल ऑपरेशन कर चुके है उन्होंने बताया कि हमारे यहां पूरे बिहार ही नहीं बल्कि झारखंड, बंगाल, आसाम एवं बांग्लादेश से मरीज़ अपना ईलाज करवाने आते है और हमारे यहां आयुष्मान भारत कार्ड से इलाज की सुविधा भी उपलब्ध हैं।विशेष जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट www.aior.in पर विजिट कर सकते है l

पटना: धरती पर डॉक्टर को दूसरा भगवान का दर्जा दिया गया है क्यों कि कई जटिल रोगों की वज़ह से लोगों का जीवन जीना मुश्किल हो जाता है और डॉक्टर ही है, जो उन लोगों का ईलाज कर नया जीवन देने का काम करते हैं

भविष्य निधि संगठन के पटना स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में हिंदी पखवाड़ा का आयोजन

पटना: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पटना स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में 14 से 29 सितंबर 2023 तक हिंदी पखवाड़ा का आयोजन किया गया l मुख्य समारोह आज संपन्न हुआ l

    

इस अवसर पर पखवाड़े के दौरान संपन्न टिप्पण व आलेखन,निबंध, विचार, कंप्यूटर, राजभाषा व प्रश्न मंच प्रतियोगिताओं में प्रथम द्वितीय तृतीय व सातवें स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया l इस अवसर पर एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता कमल नयन श्रीवास्तव की l

वरिष्ठ कवयित्री डॉ आरती कुमारी, प्रीति सुमन, कल्पना आनंद, डॉ प्रणव पराग, कमलनयन श्रीवास्तव,रंजीत डुग्गू, मधुरेश नारायण एव कुन्दन आनंद ने काव्य पाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया l

 कार्यक्रम का शुभारंभ वाणी वंदना व दीप प्रज्जवलन से हुआ l समारोह की अध्यक्षता व संपूर्ण पखवाड़ा के दौरान आवश्यक दिशा निर्देश क्षेत्रीय आयुक्त व प्रभारी अधिकारी की श्री एम ० एस ० आर्य ने की l 

उन्होंने हिंदी के महत्व पर प्रकाश डाला l विजेता प्रतिभागियों में सर्वश्री रवि रंजन, प्रशांत कुमार, हृदय नारायण, इशू कुमारी, सुनैना कुमारी सहित कई शामिल है l संपूर्ण आयोजन में संगठन के 80 प्रतिशत कर्मियों की सक्रिय भागीदारी रही l 

     

 वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी श्री यदुवंश नारायण तथा रजनीश कुमार वर्मा का कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान रहा | मंच का संचालन अर्पिता स्वाति तथा धन्यवाद ज्ञापन एम ० एस ० आर्य ने किया l

दीदीजी फाउंडेशन संस्कारशाला में शुरू हुआ ब्यूटी मेकअप का पहला बैच

पटना: राजधानी पटना के कुरथौल में फुलझरी गार्डेन स्थित दीदीजी फउंडेशन संस्कारशाला में ब्यूटी मेकअप का पहला बैच शुरू हो गया है।

   

दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापक डा. नम्रता आनंद ने बताया कि लवली कुमारी दीदीजी फउंडेशन संस्कारशाला में महिलाओं और युवतियों को प्रशिक्षण दे री हैं। उन्होंने बताया कि लवली कुमारी लोगों को हेयर स्टाइल बनाना, फेशियल करना, आईब्रो एव पेक्सिन करना सिखा रही हैं। लवली कुमारी,,महिलाओं और युवतियों को ब्यूटी टिप्स, डे मेकअप, सीजनल मेकअप, पार्टी मेकअप, ब्राइडल मेकअप,हेयर स्टाइलिंगहेयर केयर,स्किन केयर, नेचुरल मेकअप ट्रिक्स, आई शेप,आई लाइनर, आई मेकअप की भी ट्रेनिंग दे रही हैं।

 डा. नम्रता आनंद ने बताया कि ब्यूटी पार्लर के माध्यम से महिलाएं अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकती हैं। 

ब्यूटी पार्लर क्षेत्र में रोजगार की भी श्रेष्ठ संभावनाएं हैं। कार्यक्रम को कराने का उद्देश्य महिलाओं, गृहणीयों एवं युवतियों को नये रोजगार से प्रेरित करना और उन्हें ब्यूटी पार्लर का कार्य सीखाकर आत्मनिर्भर बनाना है।

आज की दुनिया में, ब्यूटी पार्लर उद्योग में विशाल विकास और परिवर्तन देखे गए हैं। ब्यूटी पार्लर उद्योग एक ऐसा क्षेत्र है जो सौंदर्य सेवाओं में रोजगार के विभिन्न अवसर प्रदान करता है।

ब्यूटी पार्लर आदि के माध्यम से महिलायें घर पर रहकर अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकती हैं। इस प्रकार के प्रशिक्षण से महिलाओं में आत्मविश्वास आएगा और वे भविष्य में इसे अपने व्यवसाय के रूप में चुन सकती हैं।

एक अक्टूबर से राष्ट्रीय साफ्टबाल के लिए बिहार टीम का होगा ट्रायल

पटना : 45वीं सीनियर राष्ट्रीय साफ्टबाल चैंपियनशिप जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में 4 से आठ नवंबर तक आयोजित होगी। इसके लिए बिहार पुरुष व महिला टीम का चयन ट्रायल एक और दो अक्टूबर को पाटलिपुत्र खेल परिसर में सुबह आठ बजे से शुरू होगा। 

साफ्टबाल एसोसिएशन ऑफ बिहार के अध्यक्ष गौतम कनौडिया ने बताया कि इसके उपरांत 22-22 खिलाड़ियों का चयन कर उनका कैंप की घोषणा की जाएगी जिसके बाद पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में कैम्प लगेगा। 

पाटलिपुत्र खेल परिसर में राष्ट्रीय कोच की देखरेख में 15 दिनों के कैंप के उपरांत अंतिम रूप से 16-16 सदस्यीय बिहार टीम की घोषणा होगी। 

यह पूरी प्रक्रिया साफ्टबाल एसोसिएशन आफ बिहार की चयन समिति दीपक कुमार, शिखा सोनिया, और मोहम्मद सैफ़ुल्लाह की देखरेख में संपन्न होगी। जबकि चयन प्रक्रिया के संयोजक राजेश कुमार होंगे।

हम पार्टी में फूट के बाद बना नया गुट हम (से.), राजेश निराला यादव बने संयोजक

पटना : हिंदुस्तानी आवम मोर्चा (से०) के पूर्व राष्ट्रीय सदस्यता प्रभारी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राजेश निराला यादव एवं अमरेंद्र कुमार त्रिपाठी पूर्व राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी सह राष्ट्रीय प्रवक्ता ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (से०) गुट घोषणा की ।

   

राजेश निराला यादव एवं अमरेंद्र कुमार त्रिपाठी ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर कहा कि हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव के द्वारा तानाशाह रवैया के कारण हम पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है । चुकी राष्ट्रीय प्रधान महासचिव के रवैया से पार्टी छोड़कर बहुत सारे पार्टी के पदाधिकारी दूसरे दल में जा चुके हैं और अभी भी पार्टी में बहुत से वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता नाराज चल रहे हैं। 

पार्टी छोड़कर गए एवं पार्टी में जो नाराज नेता एवं कार्यकर्ता है वह सभी हम गुट के संपर्क में हैं । क्योंकि हम पार्टी लोकतांत्रिक पार्टी है और यहां पर तानाशाह और हिटलर रवैया कार्यकर्ताओं के साथ अपनाया जाता है अपमान किया जाता है घोर बेज्जती का सामना करना पड़ता है बहुत सारे पहलू हैं।

   

दोनों नेताओं ने कहा कि जल्द ही हम घुट के नेताओं के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाएगी।

29 सितम्बर से ज्ञान भवन में वार्षिक दशहरा मेला का होगा आयोजन, उद्योग मंत्री समीर महासेठ करेंगे मेला का शुभारंभ

पटना : गांधी मैदान स्थित ज्ञान भवन में बिहार महिला उद्योग संघ द्वारा आयोजित " वार्षिक दशहरा मेला - 2023 " के दूसरे संस्करण का आयोजन 29 सितंबर से 3 अक्टूबर, 2023 तक किया जा रहा है। ज्ञान भवन के वातानुकूलित बहु - उद्देषीय हाॅल में लगाया जाने वाला यह मेला उत्तर भारत में अपनी तरह का सबसे बड़ा मेला होगा जिसमें महिला उद्यमियों के साथ एमएसएमई, सिडबी, नाबार्ड, डब्लूसीडीसी सहित अन्य सरकारी व गैर सरकारी एजेंसियां शामिल हो रही हैं।

स्थानीय स्काडा के आम्रपाली कैफ़े में आयोजित प्रेस वार्ता में मेले की जानकारी देते हुए बिहार महिला उद्योग संघ की उपाध्यक्ष इंदु अग्रवाल ने बताया कि भारत के विभिन्न राज्यों के लगभग 220 स्टॉल वाले इस मेले का उद्घाटन बिहार सरकार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ के कर - कमलों द्वारा किया जायेगा। 

उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथि के तौर पर एमएसएमई डीएफओ पटना के निदेशक, सिडबी के सीजीएम, नाबार्ड के सीजीएम व डब्लूसीडीसी की प्रबंध निदेशक शिरकत करेंगे। उन्होंने बताया कि इस मेले में एमएसएमई के 60 स्टॉल, सिडबी के 40 स्टॉल, डब्लूसीडीसी के 20 स्टॉल, नाबार्ड के 10 स्टॉल तथा बाकि के स्टॉल बिहार महिला उधमियों के द्वारा लगाया जा रहा है। इस मेले का थीम वूमेन एंटरप्रेंयूर्शिप डेवलपमेंट एंड जेंडर इक्वलिटी है।

वहीँ अपने संबोधन में बिहार महिला उद्योग संघ की कार्यकारी सदस्य व मेले की संयोजक अंकिता ने कहा कि बिहार महिला उद्योग संघ पिछले 27 वर्षों से महिला उधमियों के लिए मेले के माध्यम से उन्हें अपने सामान को बेचने के लिए एक मंच प्रदान करती है जहाँ वो अपने द्वारा तैयार किये गए सामानों को बेचती हैं। 

इस मेले का उद्देश्य उधमियों को सरकारी स्कीम से अवगत करवाना, मेले में हर दिन नई - नई जानकारी प्रदान करवाना, नेटवर्किंग के लिए विभिन्न सरकारी - गैर सरकारी एजेंसियों से कार्यशाला व सेमिनार आदि के माध्यम से मिलवाना है। 

प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए सुजाता जैसवाल ने बताया कि इस मेले में अत्यधिक बिक्री करने वाले स्टॉल्स को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस मेले में सिल्क, हैंडलूम, आभूषण, सत्तू, पापड़, अचार, मिथिला पेंटिंग, टिकुली व सिक्की आर्ट के आइटम्स, थ्री डी प्रिंटेड आइटम्स, रोबोटिक्स, होम डेकॉर सहित अन्य उत्पादों के स्टॉल्स लगाए जाएंगे। समापन समारोह के दौरान कई प्रकार के ईनामों व सम्मान की भी घोषणा की जाएगी। इस मेले में आगंतुकों का प्रवेश निःशुल्क होगा। प्रेस वार्ता में बिहार महिला उद्योग संघ कि अध्यक्ष उषा झा वर्चुअल तरीके से जुड़ी। 

मौके पर बिहार महिला उद्योग संघ से जुड़ी इंदु महासेठ, साधना झा, पूर्णिमा रॉय, किरण रंजन, सुजाता सिंह, मेनका सिन्हा, मिट्ठू दास गुप्ता, रीना चौधरी, रूचि चौधरी, पुनिता सिन्हा आदि मौजूद रहीं।

76 सालों से इंसाफ के इंतजार में सिख शरणार्थी, शहीद भगत सिंह जी की जयंती की पूर्व संध्या पर पद यात्रा में छलका दर्द इनका

पटना : देश विभाजन के दौरान पश्चिमी पाकिस्तान में सबकुछ लूटा सुखद भविष्य की चाह लेकर प्रदेश में आये शरणार्थियों का हाल कुछ यूँ हैं कि 75 वर्षों के पश्चात भी उन्हें सरकारी स्तर पर इंशाफ़ नहीं मिल सका है और आज भी उनमें वर्ष 1947 की मर्मभेदी पीड़ा व्याप्त है और उसकी टीस से अपनों के बीच ही पंजाबी शरणार्थी पराया महसूस कर रहे हैं। 

दरअसल तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेन्द्र प्रसाद का आदेश के बावजूद राज्य सरकार ने अब तक चितकोहरा स्थिति सैकड़ों पंजाबी शरणार्थियों को अर्जित जमीन उपलब्ध नहीं करा सकी है भू -माफियाओं के अवैध कब्जे से निजात पाने के लिए अर्जित जमीन के दावेदार शरणार्थियों ने राज्य सरकार से किसी तरह की मदद मिलने की उम्मीद छोड़ दी है क्यूंकि कि विगत सात दशकों से राष्ट्रपति, मानवाधिकार आयोग और राज्यपाल के तमाम आदेश सचिवालय तथा जिला समाहरणालय में कागजी घोड़ा बनकर रह गया हैं |

भू-राजस्व विभाग से लेकर जिला प्रशासन तक के अधिकारी एक ही सिक्के, के दो पहलू हैं। राष्ट्रपति से लेकर राज्यपाल और मानवाधिकार आयोग ने चितकोहरा शरणार्थी शिविर की अर्जित भूमि पर किये गये अतिक्रमण को मुक्त कराने और दखल दिलाने का आदेश राज्य सरकार को दिया लेकिन अब तक आदेश के आलोक में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

 

तत्कालीन राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद के आदेश पर पश्चिमी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुजरवाला समेत अन्य जगहों से आये तीन सौ शरणार्थी परिवारों के लिए राज्य सरकार ने चौदह बीघा और चौदह कट्ठा से अधिक जमीन चितकोहरा में वहां के जमींदार अजीजउद्दीन अशरफ एवं अन्य भूपतियों से अर्जित की थी, जो बिहार सरकार के गजट (21 सितम्बर, 1949) में बतौर रिकार्ड दर्ज है। इसमें दावेदार, पंजाबी शरणार्थियों के लिए 4.86 एकड़ जमीन भी गजट में शामिल है। दावेदार शरणार्थी वे परिवार है जिनका सबकुछ पाकिस्तान में रह गया और वे केवल अपनी जान बचाते हुए खाली हाथ भारत लौटे थे लेकिन हैरानी की बात यह है कि पटना जिला प्रशासन के दस्तावेज में मात्र 4.47 एकड़ जमीन ही दर्ज है। जिसके तहत शरणार्थियों के लिए 2.47 एकड़ जमीन पर 139 क्वार्टर निर्मित कराया गया और एक सौ परिवारों को बसाया गया। शेष बची दो एकड़ जमीन पर जिला प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत से अतिक्रमणकारियों ने कब्जा जमा लिया। उक्त अवैध कब्जे में पड़ी जमीन पर पंजाबी शर्णार्थियो को आज तक नसीब नहीं हो सका। 

चितकोहरा के उस अतिक्रमित जमीन पर भूपतियों ने अपने गुंडों के बलबूते बाजार भी लगा रहे हैं और पैसा उगाही कर रहे है | इस जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए राष्ट्रपति सचिवालय में 8 जून, 2003 को पटना के जिलाधिकारी को आदेश दिया और उस जमीन पर शरणार्थियों का दखल कराने का दिशा-निर्देश भी दिया। फिर भी जिला प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। 

इससे पूर्व वर्ष 1979 में पंजाबी शरणार्थियों के लिए अर्जित जमीन पर अतिक्रमण का मामला बिहार विधान मंडल में आया और फिर दोनों सदनों ने चितकोहरा स्थित पंजाबी शरणार्थी कालोनी की अर्जित जमीन पर से अतिक्रमण हटाने और उस पर दखल दिलाने को आदेश राज्य सरकार को दिया लेकिन उस आदेश को भी | ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। वर्ष 1984-85 में सहाय्य एवं पूर्नवास विभाग के आयुक्त बी. के. सिंह ने भी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने और उस पर शारणार्थियों को दखल दिलाने का जिलाधिकारी को दिया।

 

इस आदेश पर जिला प्रशासन के भू-अर्जन अधिकारी ने सहाय्य एवं पूर्नवास विभाग के अधिकारियों के साथ एक बार फिर चितकोहरा में शरणार्थी पंजाबी कालोनी के जमीन का सीमांकन किया और अतिक्रमित जमीन पर पक्का का स्तंभ गाड़ निशान लगाया लेकिन दूसरे दिन ही अतिक्रमणकारियों ने सारे स्तंभ को उखाड़ फेका। इस मामले में 21 जून, 2000 को मानवाधिकार आयोग ने अतिक्रमित जमीन को मुक्त कराने और उस पर शरणार्थियों को दखल दिलाने का आदेश मुख्य सचिव, बिहार सरकार को दिया । फिर भी जिला प्रशासन ने अतिक्रमण से जमीन को मुक्त कराने संबंधी कोई कार्रवाई नहीं की। 

अभी हाल ही में भी डी. एम. साहेब द्वारा हमारी पंजाबी कॉलोनी की जमीन का नापी का आदेश ज्ञापांक 3640 दिनांक 29.09.2021 दिया गया पर नापी नही हो सका फिर दोबारा ज्ञापांक 5885 दिनांक 24.09.2022 नापी का आदेश हुआ पर नापी पूर्ण नही हो सका उपरांत ज्ञापांक 9407 दिनांक 16.11.2022 को हमलोग से पंजाबी कॉलोनी का असली नक्शा का मांग किया गया जोकी हमलोग पूर्व में भी कह चुके हैं की पंजाबी शरणार्थी की जमीन के कागज़ किसी डिपार्टमेंट में नही है जबकी हाईकोर्ट का आदेश भी है की पंजाबी कॉलोनी का कागज खोज कर शरणार्थीयों की जमीन उन्हें दी जाय पर पता नहीं हम लोगो को लगता है प्रशासन हमारी कोई मदद नहीं करना चाहता क्योंकि हम महा अल्पसंख्यक है इसका एक नमूना है की 9441 दिंनाक 08.04.2023 द्वारा हम लोगो की सुनवाई के लिए 17.04.2023 को बुलाया गया पर 17.04.2023 को वहां जा कर पता चला की आपकी सुनवाई कैंसल कर दिया गया है उसके बाद एक तरफा फैसला सुना कर कब्रिस्तान की बाउंड्री का आदेश दे दिया गया एक तरफ़ा फैसला कहाँ का इन्शाफ़ है | एक तरफा फैसला होने के कारण पंजाबी कॉलोनी में तनाव का माहौल बना हुआ रहता है, हमें भी इंशाफ चाहिए इसलिय सरकार से आग्रह पूर्वक कहना है की कब्रिस्तान की बाउंड्री रोक कर हमारी जमीन भी नापी कराई जाए ताकि हमें भी पत्ता चल सके की हमारी कौन सी जमीन है |

       

अतः हमारी जमीन से अतिक्रमण हटा कर हमें हमारी जमीन हमें कब्जे में दिलाई जाय ताकि सिख शरणार्थीयों का विकाश हो सके|

महिला आरक्षण विधेयक का पारित होना भारत की संसदीय यात्रा में स्वर्णिम क्षण :डॉ. नम्रता आनंद

पटना : महिला आरक्षण विधेयक व्यवस्था लागू होने से संसद, विधानसभाओं में महिलाओं को अपनी बात रखने की ज्यादा जगह मिलेगी और देश-प्रदेश के बदलावों में उनकी हिस्सेदारी होगी। महिला सशक्तिकरण की दिशा में अब तक की यह सबसे बड़ी पहल है।

सदन में महिलाओं की अधिक सहभागिता सुनिश्चित कर उन्हें देश के विकास तथा देशवासियों के कल्याण के लिए और अधिक सक्रियता से कार्य करने के अवसर उपलब्ध कराएगी।यह हमारे समय में लैंगिक न्याय के लिए सबसे बड़ी परिवर्तनकारी क्रांति होगी।

इस बिल में देश की संसद और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का प्रावधान है। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि बिल के क़ानून बनते ही लोकसभा और विधानसभाओं की एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए रिज़र्व हो जाएंगी। मौजूदा समय लोकसभा में 543 सीटें हैं। जिसमें से अब 181 सीटें महिलाओं के रिज़र्व रहेंगी। 

महिला आरक्षण विधेयक का पारित होना भारत की संसदीय यात्रा में स्वर्णिम क्षण है। इस बिल के पारित होने से जहां नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व और मजबूत होगा, वहीं इनके सशक्तिकरण के एक नए युग की शुरुआत होगी। यह सिर्फ एक कानून नहीं है, बल्कि इसके जरिए राष्ट्र निर्माण में अमूल्य भागीदारी निभाने वाली देश की माताओं, बहनों और बेटियों को उनका अधिकार मिला है। 

इस ऐतिहासिक कदम से जहां करोड़ों महिलाओं की आवाज और बुलंद होगी, वहीं उनकी शक्ति, साहस और सामर्थ्य को एक नई पहचान मिलेगी।'"नारी शक्ति तेरा वंदन, वंदन है और अभिनंदन है, नारी शक्ति की मान बढ़ेगा, सपनों को अब पंख मिलेंगे, मिलजुलकर काम करेंगे, देश हमारा विकसित होगा. दुनिया का नेतृत्व करेगा!महिलाओं के लिए आरक्षण महिलाओं के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय और भेदभाव को सुधारने की दिशा में एक कदम है। यह उन पितृसत्तात्मक मानदंडों को तोड़ने का एक प्रयास है जिसने महिलाओं के अवसरों और सार्वजनिक जीवन में भागीदारी को सीमित कर दिया है। 

यह नीति सिर्फ संख्या के बारे में नहीं है बल्कि महिलाओं के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण को बदलने के बारे में भी है।ऐतिहासिक रूप से, भारतीय राजनीति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम रहा है, जिससे लैंगिक समानता कायम है। यह विधेयक महिलाओं को निर्णय लेने में भाग लेने का उचित अवसर प्रदान करता है, जिससे लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलता है।यह विधेयक पारंपरिक बाधाओं और पूर्वाग्रहों को तोड़ते हुए महिलाओं को राजनीतिक क्षेत्र में समान पहुंच प्रदान करता है। 

जैसे-जैसे महिलाएं राजनीति में अनुभव प्राप्त करती हैं, यह उनके नेतृत्व कौशल को बढ़ाता है और उन्हें उन नीतियों को प्रभावित करने के लिए सशक्त बनाता है जो उनके समुदायों को प्रभावित करती हैं।राजनीति में महिला प्रतिनिधित्व में वृद्धि यह सुनिश्चित करती है कि लिंग-विशिष्ट मुद्दों को संबोधित किया जाए और अधिक व्यापक निर्णय लेने की ओर ले जाया जाए। 

महिला राजनीतिक नेता पितृसत्तात्मक मानदंडों को चुनौती दे सकती हैं और अधिक समावेशी समाज का निर्माण कर सकती हैं।

नालंदा से राज

शमायल अहमद ने शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर सौंपा ज्ञापन

पटना : प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शामायल अहमद ने बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर से सचिवालय में मुलाकात कर ज्ञानदीप पोर्टल पर निजी विद्यालयों के मांग पत्र को सौंपा।

राष्ट्रीय अध्यक्ष शामायल अहमद ने कहा की शिक्षा विभाग के द्वारा ज्ञानदीप पोर्टल पर आय प्रमाण पात्र को अनिवार्य कर दिया गया है जब की पूर्व में कभी भी शिक्षा विभाग के द्वारा आय प्रमाण पत्र को अनियवार्य नहीं किया गया था जिस वजह से बिहार के किसी भी जिले के किसी भी निजी विद्यालय ने आय प्रमाण पत्र किसी भी शिक्षा के अधिकार के तहत पढ़ने वाले विद्यार्थी से नहीं लिया है । जिसके फलस्वरूप अभिभावकों एवं विद्यार्थी परेशानी का सामना कर रहे है और आय दिन निजी विद्यालयों में आय प्रमाण पत्र को ले कर के खींच तान का माहौल बन गया है। इस वजह से अनेको अभिभावकों ने विद्यालयों को आय प्रमाण पत्र नहीं देने हेतु मौखिक निर्णय सुना दिया है। अतः इस स्थिति के गंभीरता को देखते हुए शिक्षा विभाग को आय प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को अविलम्ब समाप्त कर देना चाहिए।

शामायल अहमद ने कहा की 2019-20 से ही आय प्रमाणपत्र अपलोड को कहा गया है जवकि पूर्व में अध्ययनरत् कुछ बच्चे 2 साल कोरोना में विद्यालय बंद रहने के कारण छोड़ भी दिए हैं, तो 2019-20 से ही किसी भी हाल में नामांकित बच्चों को आय प्रमाणपत्र उपलब्ध करना संभव नहीं है तथा किसी तरह ज्ञान दीप पोर्टल पर अपलोड करने पर लेता नहीं है बल्कि फंस जाता है। अतः नियम अव बना है अधिसूचना 2023 में जारी किया गया है तो आय प्रमाणपत्र सत्र 2023-24 यानी वर्तमान सत्र से लिया जाना चाहिए पूर्व में नामांकित सभी बच्चों का अभिलेख समग्र शिक्षा कार्यालय में जमा है जिसका रिसीविंग भी सभी निजी विद्यालयों के पास है जहां से लिस्ट लेकर प्रतिपूर्ति के दिशा में पहल किया जा सकता है।

शामायल अहमद ने कहा की अभी तक सभी जिलाओं में लगभग 50% विद्यालयों का क्यूआर कोड भी नहीं मिला है इस वजह से ऐसे विद्यालय जो पूर्व में शिक्षा विभाग के द्वारा प्रस्वीकृत थे उन विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की स्थिति पर शिक्षा विभाग के द्वारा कोई दिशानिर्देश कोई भी दिशानिर्देश नहीं दिया गया है जिसके वजह से संशय की स्थिति बानी हुई है। निजी विद्यालय संचालको को पता ही नहीं चल पा रहा है की जब उन्हें क्यू० आर० कोड नहीं मिला है तो वे शिक्षा के अधिकार में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की सूचि कब कहाँ और किसको देंगे क्यों की जब तक क्यू आर कोड निर्गत नहीं होता है तब तक यु डायस प्लस एवं ज्ञान दीप पोर्टल का यूजरनाम और पासवर्ड शिक्षा विभाग निर्गत नहीं करेगा।

शामायल अहमद ने कहा की ज्ञानदीप पोर्टल को भरने की अवधि कम से कम तीन माह तक विस्तारित किया जाये साथ हर जिले के हर प्रखंड में निजी विद्यालय संचालको के लिए कार्यशाला का आयोजन शिक्षा विभाग के द्वारा कराया जाये ताकि तकनिकी जानकारी हर निजी विद्यालय संचालको को मिल सके।