बहुचर्चित तारा शाहदेव प्रताड़ना मामला में आया फैसला : CBI कोर्ट के द्वारा रंजीत कोहली दोषी करार
रांची से जयंत कुमार की रिपोर्ट
झारखंड के चर्चित तारा शाहदेव प्रताड़ना मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में फैसला आ गया है। सीबीआई की विशेष अदालत में विशेष न्यायाधीश ने फैसला सुनाया है। इस मामले में रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन, उसकी मां कौशलया रानी देवी, और रजिस्टार मुश्ताक अहमद को दोषी करार दिया गया है। सजा के लिए अगली तारीख 5 अक्टूबर रखा गया है।
अदालत ने 23 सितंबर को दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के पश्चात 30 सितंबर को फैसले की तारीख निर्धारित की थी। फैसला सुनाने के दौरान तीनों आरोपी कोर्ट में सशरीर उपस्थित रहने को कहा गया था।
झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2015 में इस केस को टेक ओवर किया था। इस मामले की सुनवाई लगभग आठ साल चली है। जिसमें तीनों आरोपियों के खिलाफ तीन जुलाई 2018 को आरोप गठित किया गया था। बता दे कि इस मामले में सीबीआई की ओर से 26 गवाहों को पेश किया गया था। नेशनल राइफल शूटर तारा शाहदेव उत्पीड़न मामले में बचाव पक्ष की ओर से सीबीआई कोर्ट में लिखित बहस प्रस्तुत किया गया। वकील ने बताया कि कन्वेंशन हो गया है। अगली सुनवाई में हम लोग अपील करेंगे और अपील में हमें पूरा विश्वास है कि रिलीफ मिलेगा।
वही तारा सहदेव के वकील ने बताया की 9 साल के पूरे जडेजात के बाद न्यायालय से न्याय मिला है। वही सब रजिस्टार मुश्ताक अहमद से पूछे जाने पर मीडिया कर्मी पर ही भड़क गए। उनके चेहरे से गुस्सा साफ झलक रहा था।
अब आपको बताते है की पूरा मामला क्या है,,,,दरअसल रंजीत सिंह कोहली और तारा शाहदेव की शादी सात जुलाई 2014 को हुई थी। शादी के बाद से ही तारा शाहदेव के साथ पति रकीबुल हसन उर्फ रंजीत कोहली द्वारा उत्पीड़न और मारपीट की घटनाएं होने लगी थी। धर्म छुपा कर शादी करने, यौन उत्पीड़न, धर्म परिवर्तन के लिए प्रताड़ित करने का मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। बाद में झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर साल 2015 में सीबीआई ने मामले को टेकओवर किया। फिर जांच शुरू की। जांच पूरी होने के बाद आरोपियों के खिलाफ साल 2018 में चार्जशीट दायर की गयी थी।
झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2015 में इस केस को टेक ओवर किया था। इस मामले में जारी बहस पूरी हो चुकी है। सीबीआई की ओर से 25 फरवरी को गवाही पूरी कर ली गई थी। इसके बाद अदालत ने आरोपियों का बयान दर्ज किया। बयान दर्ज होने के बाद बचाव पक्ष ने अपने बचाव में गवाही दी। गवाही बंद होने के बाद मामले में बहस जारी थी। जो पूरी हो गई। मामले में तीनों आरोपियों के खिलाफ तीन जुलाई 2018 को आरोप गठित किया गया था। सीबीआई की ओर से 26 गवाहों को पेश किया गया है।
वही रंजीत कोहली की ओर से सौंपी गई गवाहों की सूची में एक नाम हेमंत सोरेन का भी था। 16 मई 2023 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रतिनिधि के रूप में झामुमो जिलाध्यक्ष मुश्ताक आलम उपस्थित हुए। मुश्ताक आलम ने अदालत में कहा कि वह रकीबुल हसन को नहीं पहचानते। वही इस हाईटेक मामले में रंजीत कोहली के साथ-साथ तीन अन्य लोगों को सीबीआई कोर्ट के द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद तारा सहदेव कोर्ट के फैसले का स्वागत कर रही है। देश के लिए यह बहुत बड़ा फैसला है कि जिन बेटियों के साथ गलत हो रहा है उनको न्याय मिलेगा।
Oct 01 2023, 14:58