*बगैर डाक्टरों के कई वर्षों से संचालित हो रहे पांच पीएचसी केन्द्र*
शिवकुमार जायसवाल
सकरन (सीतापुर) विकास खंड सकरन में बगैर डाक्टरों के विगत कई वर्षों से चल रहे है पांच पीएचसी केन्द्र चिकित्सक न होने की वजह से प्राइवेट डाक्टरों से इलाज कराने पर मजबूर है गांजरी क्षेत्र के लोग |
विकास खंड सकरन में कुल 85 ग्राम पंचायतें है इन ग्राम पंचायतों के लाखों लोगों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी एक सीएचसी सांडा व पांच पीएचसी
मुर्थना,रेवान,सकरन,महाराजनगर,खानपुर के कंधों पर है सांडा में संचालित सीएचसी में तो हल्की फुल्की बीमारी का इलाज हो जाता है मगर क्षेत्र की पीएचसी केन्द्रों की स्थित काफी दयनीय है यहां पर चिकित्सकों की तैनाती न होने के कारण अधिकतर स्वास्थ्य केन्द्र बंद रहते है सकरन व महाराज नगर के पीएचसी फार्मासिस्ट के सहारे खुल तो रहे है मगर दवाओं व डाक्टरों की कमी के चलते मरीजों को मजबूरन अपना इलाज क्षेत्र के प्राइवेट डाक्टरों से कराना पडता है ।
इसके अलावा किसी भी पीएचसी पर एएनएम की तैनाती नही है जिसकी वजह से गर्भभवती महिलाओं को प्रसव के लिए 20 किमी दूर सांडा जाना पडता है बुखार व सिरदर्द जैसी बीमारी होने पर जब कोई ग्रामीण पीएचसी जाता है तो वहां या तो ताला लटकता मिलता है या फिर दवा व डाक्टरों की मौजूदगी न होने की वजह से उसे बैरंग वापस होना पडता है गांजरी क्षेत्र के लोग गांवों व कस्बों में इलाज करने वाले प्राइवेट डाक्टरों को भगवान मानते हुये उनसे अपना इलाज कराते है ग्रामीणों ने सीएचसी केन्द्रों पर डाक्टरों की तैनाती किए जाने की मांग की है |
मामले को लेकर जब सीएचसी अधीक्षक सांडा मनोज देशमणि से बात की गयी तो उन्होने बताया कि पीएचसी केन्द्रों पर चिकित्सकों की तैनाती के लिए कई बार विभाग को पत्र लिखा जा चुका है मगर जनपद में चिकित्सकों की कमी के चलते तैनाती नही हो पा रही है |
Sep 26 2023, 15:57