पूजा में घर आनेवालो के लिए खुशखबरी, रेलवे ने पूजा स्पेशल ट्रेन का किया एलान, जानिए पूरा डिटेल

हाजीपुर - आगामी पर्व-त्यौहारों के दौरान यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ के मद्देनजर उनकी सुविधा हेतु रेलवे द्वारा सीतामढ़ी-रक्सौल-नरकटियागंज-गोरखपुर- मथुरा-जयपुर के रास्ते दरभंगा और दौराई (अजमेर) बीच एक जोड़ी पूजा स्पेशल ट्रेन 05537/05538 दरभंगा-दौराई-दरभंगा पूजा स्पेशल चलाने का निर्णय लिया गया है । 

यह पूजा स्पेशल दरभंगा से 07.10.2023 से 09.12.2023 तक सप्ताह के प्रत्येक शनिवार को तथा दौराई से 08.10.2023 से 10.12.2023 तक सप्ताह के प्रत्येक रविवार को परिचालित की जायेगी । 

गाड़ी संख्या 05537 दरभंगा-दौराई पूजा स्पेशल दरभंगा से शनिवार को 13.15 बजे खुलकर 14.20 बजे सीतामढ़ी, 14.51 बजे बैरगनिया, 15.50 बजे रक्सौल, 18.00 बजे नरकटियागंज, रविवार को 19.20 बजे जयपुर, 21.55 बजे अजमेर रूकते हुए 22.30 बजे दौराई पहुंचेगी । 

वापसी में, गाड़ी संख्या 05538 दौराई-दरभंगा पूजा स्पेशल दौराई से रविवार को 23.45 बजे खुलकर सोमवार को 00.05 बजे अजमेर, 02.30 बजे जयपुर, मंगलवार को 01.55 बजे नरकटियागंज, 02.45 बजे रक्सौल, 03.37 बजे बैरगनिया, 04.25 बजे सीतामढ़ी रूकते हुए 06.50 बजे दरभंगा पहुंचेगी । 

यह स्पेशल अप एवं डाउन दिशा में दरभंगा और दौराई के बीच सीतामढ़ी, बैरगनिया, रक्सौल, नरकटियागंज, कप्तानगंज, गोरखपुर, खलीलाबाद, बस्ती, गोंडा, सीतापुर, शाहजहांपुर, बदायूं, कासगंज, हाथरस सिटी, मथुरा, भरतपुर, बांदीकुई, जयपुर, किशनगढ एवं अजमेऱ स्टेशनों पर रूकेगी ।

इस स्पेशल ट्रेन में द्वितीय वातानुकूलित श्रेणी का 01, तृतीय वातानुकूलित श्रेणी के 02, शयनयान श्रेणी के 13 एवं साधारण श्रेणी के 04 कोच होंगे।

अखंड भारत पुरोहित महासभा के बैनर तले आगामी त्योहार को लेकर हुई बैठक, सर्वसम्मित से लिए गए यह निर्णय

मुजफ्फरपुर : आज दिनांक 25 सितंबर को अखंड भारत पुरोहित महासभा के बैनर तले जीवित्पुत्रिका व्रत को लेकर सामूहिक बैठक बाबा चुनेश्वरनाथ महादेव मंदिर सरैयागंज टावर मुजफ्फरपुर मे हुई। इस बैठक की अध्यक्षता महासभा के संयोजक मंदिर के महंत पुजारी राम बालक भारती ने किया।

वही महासभा के अध्यक्ष पंडित हरिशंकर पाठक ने सभी पंचांगों का सम्मान करते हुए सभी आचार्यों का सम्मान करते हुए सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। मोबाइल के माध्यम से आध्यात्मिक गुरु आचार्य कमलापति त्रिपाठी एवं बाबा गरीबनाथ धाम के प्रधान पुजारी सह मंदिर प्रशासक पंडित विनय पाठक के द्वारा भी सहमति प्रदान की गई कि दिनांक 5 अक्टूबर 2023 दिन बृहस्पतिवार को नहाए खाए व भोर में सरगही किया जाएगा। 

दिनांक 6 अक्टूबर 2023 दिन शुक्रवार को जीवित्पुत्रिका व्रत मान दिन और रात होगा। दिनांक 7 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार को प्रातः 10:21 के बाद महाव्रत का पारण किया जाएगा। 27 सितंबर 2023 दिन बुधवार को अनंत चतुर्दशी व्रत नहाए खाए किया जाएगा और 28 सितंबर 2023 दिन बृहस्पतिवार को अनंत चतुर्दशी व्रत का मान होगा एवं 29 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार को प्रातः पारण किया जाएगा।

बताया गया कि इस बार माता का आगमन एवं गमन फल सप्तमी तिथि को शनिवार होने के कारण देवी का आगमन (तुरंग) अर्थात घोड़े पर होगा। जो छत्र भंग कारक एवं कष्टप्रद है। देवी का गमन महिषा गमने रूज शोककरा का फल प्रदान करेगा।

वही महासभा के अध्यक्ष पंडित हरिशंकर पाठक ने जितिया व्रत के संबंध में प्रकाश डालते हुए कहा कि जितिया व्रत का महत्व जितिया व्रत निर्जला होता है और इस व्रत को करने से निसंतान लोगों की गोद भी भर जाती है। वहीं जिन महिलाओं के बच्चे होते हैं, वे इस व्रत को बच्चों की लंबी उम्र और रक्षा के लिए करती हैं। इससे बच्चे चारों दिशाओं में प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं। 

जितिया व्रत की पौराणिक कथा पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत युद्ध के दौरान अश्वत्थामा पिता की मौत का समाचार सुनकर बेहद नाराज हो गए थे। वे मन में बदले की भावना लेकर पांडवों के शिविर में आ गए। शिविर में 5 लोग सो रहे थे, जिसे अश्वत्थामा ने पांडव समझकर मृत्यु लोक पहुंचा दिया था। मारे गए ये पांचों लोग द्रोपदी की संतान कही जाती हैं। 

इस घटना के बाद अर्जुन ने अश्वत्थामा को बंदी बनाकर उनकी दिव्य मणि छीन ली। जिससे क्रोधित होकर अश्वत्थामा ने गर्भ में पल रहे अभिमन्यु के बच्चे को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद भगवान कृष्ण ने अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा की अजन्मी संतान को अपने सभी पुण्य का फल देकर गर्भ में ही जीवित कर दिया। गर्भ में पल रहे इस बच्चे को जीवित्पुत्रिका का नाम दिया गया। तभी से माताओं द्वारा बच्चे की लंबी उम्र और रक्षा की कामना के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत रखने की परंपरा आरंभ हुई।

इस बैठक में मुख्य रुप से महासभा के सचिव आचार्य संजय तिवारी, महासभा सलाहकार डॉक्टर आचार्य चंदन उपाध्याय, आचार्य अमित तिवारी, आचार्य वशिष्ठ तिवारी, आचार्य सुनील कुमार मिश्रा, आचार्य पवन तिवारी, आचार्य दिवाकर, आचार्य नीलमणि पाठक, आचार्य राजूरंजन मिश्रा, आचार्य अनिल कुमार पांडे, आचार्य आचार्य देवचंद झा, पुजारी हरिकांत पांडे शामिल रहे। 

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

मुजफ्फरपुर में जहरीले शराब पीने से दो की हुई मौत

बिहार के मुजफ्फरपुर में दो लोगो की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत जहरीली शराब से हुई मौत की जताई जा आशंका वही दो की गई आंखों की रोशनी भी गई है यह घटना मुज़फ़्फ़रपुर जिला के काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र इलाके के ही पोखडिया पीर इलाके की बताई जा रही है घटना की जानकारी के बाद मौके पर पहुंची हुई पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है वही दो महिलाओं को पुलिस ने इस मामले में हिरासत में ही लिया और आगे की करवाई में जुटी हुई है। घटना से इलाके में सनसनी फैला हुआ है । 

मुजफ्फरपुर में जहरीले शराब पीने से दो की हुई मौत दो गंभीर सूचना के बाद मौके पर पहुंचे एएसपी टाउन और कई थाना की पुलिस घटना की किया गया है पुष्टि पुलिस मामले में शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया जाने की कवायद में जुटी हुई है । मुजफ्फरपुर में जहरीले शराब से दो की मौत दो को इलाज के लिए अस्पताल में कराया गया है भर्ती तो पुलिस ने दो जिसकी आंख की रौशनी चली गई है,

 और को लेकर अस्पताल में भर्ती कराये जाने की कवायद किया जा रहा है, एक पीड़ित ने बताया एक गिलास शराब पिया था और स्थानीय एक शख्त ने पिलाई थी शराब।

*ट्रक चालक की निशानदेही पर गायघाट व छाता बाजार में पुलिस ने की छापेमारी, ट्रक व गोदाम से करोड़ों का मादक पदार्थ हुआ बरामद

मुजफ्फरपुर :- देश के विभिन्न हिस्सों में हो रही मादक पदार्थ की तस्करी का एक बड़ा रैकेट मुजफ्फरपुर में पकड़ा गया है। गायघाट और नगर थाने की पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में छाता बाजार और पंकज मार्केट रोड स्थित गोदाम से अफीम का सूखा फल व फूल जब्त किया है। जब्त माल करोड़ों का बताया जा रहा है।

पुलिस के अनुसार मधुबनी की ओर से आ रहे अफीम का फल व फूल लदे ट्रक को गायघाट में पुलिस ने पकड़ा। चालक से पूछताछ में पता चला कि मुजफ्फरपुर के व्यवसायी ने माल मंगवाया है। इसके बाद पुलिस ने छाता बाजार और पंकज मार्केट रोड में नवीनचंद लाल व प्रदीप राज के गोदाम में छापेमारी की। 

छापेमारी में चार गोदाम से 35 बोरा अफीम का फल व फूल जब्त किया गया। दो बोरा अफीम की भूसी भी मिली। एक ड्रम में बारूद जैसा काला पाउडर भी मिला। आशंका है कि नेपाल या गया जिले से यहां लाया गया था। 

मुजफ्फरपुर में स्टॉक कर इसे पंजाब, दिल्ली, हरियाणा आदि शहरों में भेजा जाता है। अफीम के सूखे फल व फूल का उपयोग नशे के लिए होता है। इसे पाउडर बनाकर बेचा जाता है। गायघाट में ट्रक जब्त होने के साथ ही छाता बाजार का धंधेबाज फरार हो गया। पुलिस उसके घर से बरामद अफीम के फल-फूल को लेकर कार्रवाई में जुट गई है। 

बताया गया कि गया में मादक पदार्थ तस्कर स्थानीय लोगों से मिलकर अफीम की खेती कराते हैं। इसके अलावा अफगानिस्तान से नेपाल के रास्ते मधुबनी बॉर्डर पार कराकर भी अफीम मंगाई जा रही है। पूरे नेटवर्क की कड़ी दर कड़ी पुलिस मिला रही है। अफीम के धंधेबाजों ने पुलिस को किसी तरह का कोई कागजात नहीं दिखाया है। 

अफीम फल के सौदागर को रिमांड पर ले गई हरियाणा पुलिस

बालूघाट से शुक्रवार की देर शाम हरियाणा के अंबाला पुलिस द्वारा पकड़े गए अफीम फल के सौदागर विनोद कुमार सहनी को कोर्ट में प्रस्तुत कर शनिवार को ट्रांजिट रिमांड लिया गया। अंबाला पुलिस 48 घंटे के ट्रांजिट रिमांड पर विनोद को साथ ले गई।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

मुजफ्फरपुर में सीएम नीतीश पर जमकर बरसे केन्द्रीय राज्य मंत्री अश्वनी चौबे, कहा-बीजेपी के इतना सम्माने देने के बाद भी भ्रष्टचारियों के गोद में जा बैठे पलटूराम


मुजफ्फरपुर : बीजेपी के वरिष्ठ नेता व केन्द्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधते हुए उन्हें पलटू राम के नाम से संबोधितर किया है। 

मुजफ्फरपुर के आर डी एस कॉलेज में नारी शक्ति वंदन अभिनंदन कार्यक्रम में शामिल होने केंद्रीय राज्य मंत्री अश्वनी चौबे पहुंचे। जहाम भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने स्वागत किया। वही इस दौरान मंत्री अश्वनी चौबे ने नीतीश सरकार सूबे की हालात और राजनीतिक को लेकर जमकर सरकार पर हमला बोला। 

उन्होंने नीतीश कुमार को पलटू राम से संबोधित करते हुए कहा कि पलटू राम हमारे 74 के आंदोलन के साथी रहे है पर जिस इंसान को अटल जी व मोदी जी ने इतना सम्मान दिया बावजूद वो भ्रस्टाचारियों से जाकर हाथ मिला लिए। ऐसे लोगों पर बिहार की जनता कैसे विश्वास करे। 

महिला आरक्षण बिल की चर्चा करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी का सपना था जिसे उन्होंने पूरा किया।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

राष्ट्रकवि दिनकर की जयंती के अवसर पर उनकी अमर कृति 'रश्मिरथी' का नाट्य-मंचन का हुआ आयोजन, नाटक को देखकर भावविभोर हुए दर्शक

मुजफ्फरपुर : स्वराज्य-पर्व में आयोजित गणपति-उत्सव में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती के अवसर पर उनकी अमर कृति 'रश्मिरथी' का नाट्य-मंचन मुम्बई से आये कलाकारों द्वारा विश्वविख्यात रंगकर्मी श्री मुजीब खान के निर्देशन में किया गया। महाभारत की पृष्ठभूमि में कर्ण के जटिल चरित्र को केन्द्र में रख कर राष्ट्रकवि दिनकर द्वारा रचित काव्य-कृति रश्मिरथी का नाट्य-मंचन देख दर्शक अभिभूत होते रहे और दृश्यों के घात-प्रतिघात के बीच कर्ण के प्रत्येक संवाद पर पंडाल में तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती ही रही।

राष्ट्रकवि दिनकर ने रश्मिरथी में कर्ण के चरित्र के सभी पक्षों का चित्रण किया है। दिनकर जी ने कर्ण को महाभारतीय कथानक से ऊपर उठाकर उसे नैतिकता और विश्वसनीयता की नई भूमि पर खड़ा करके गौरव से विभूषित किया है। रश्मिरथी में दिनकर जी ने सभी सामाजिक और पारिवारिक संबंधों को नये सिरे से परखा है। महाभारत की कथा से भिन्न रश्मिरथी में कवि ने कर्ण को नायक बनाया है, जबकि अर्जुन वहां एक गौणपात्र है। 

नाट्य प्रस्तुति को देखते हुए प्रत्येक दर्शक का इस सत्य से साक्षात्कार होता है कि 'रश्मिरथी' के बहाने दिनकर जी ने सामाजिक न्याय की दृष्टि से कर्ण के चरित्र की पुनर्व्याख्या की है। मातृत्ववंचित कर्ण को रश्मिरथी में जो स्नेह दिनकर जी ने दिया है वैसा स्नेह अर्जुन आदि अपने पुत्रों के मोह से बंधी उसकी मां भी उसे नहीं दे सकी थी। राष्ट्रकवि ने कर्ण की पहचान का आधार जाति संबंध को बनाया है, जिसकी परिणति के तौर पर वे कर्ण की अपमानभरी त्रासद ज़िन्दगी को देखते हैं। रश्मिरथी में कर्ण को सामान्य मनुष्य के रूप में प्रतिष्ठित करने में कवि दिनकर को अभूतपूर्व सफलता मिली है। कर्ण सभ्य है। स्त्री और मित्रता का सम्मान करता है। संवेदनशील और उदार है। कर्ण के मानवता, दानवीरता, उदारता, मित्रता, संवेदनशीलता आदि गुणों की आज भी महत्ता है। कर्ण के अनुभव अन्य पात्रों के अनुभवों से भिन्न हैं। पात्रों में अनुभवों की भिन्नता स्वाभाविक चीज है। अस्वाभाविक है इस भिन्नता को छिपाना। जाति, धर्म, वैभव आदि को लेकर कर्ण की भिन्न राय है। वह परंपरागत सामाजिकता का निषेध करता है। वह अस्मिता संघर्ष के जरिए जहां एक ओर अपनी पहचान बदलता है, वहीं दूसरी ओर अपनी आर्थिक अवस्था का अतिक्रमण भी करता है। कर्ण अवैध संतान से क्रमशः सूतपुत्र, वीर, राजा और कौरव सेनापति बना। 

दिनकर जी की रश्मिरथी का कर्ण स्वनिर्मित और आत्मनिर्भर है। पुरुषार्थ उसकी संपदा है। पुरुषार्थ के बल पर वह भाग्य पर विजय हासिल करता है। वीरता के बल पर भाषा, संस्कृति और जाति की सीमाओं का अतिक्रमण करता है। कवि दिनकर दिखाते हैं कि कर्ण के पक्षधर और विरोधी दोनों में उसकी वीरता निर्विवाद है। वह कौरवों को एकजुट रखने में सफल रहता है। दिनकर जी ने कर्ण को महाभारत के अद्वितीय चरित्रों की कोटि में ला खड़ा किया है। दुर्योधन का पांडवों के साथ युद्ध का फैसला बहुत कुछ कर्ण के ऊपर ही निर्भर था। महाभारत को अर्थपूर्ण बनाने में कर्ण की निर्णायक भूमिका है। महाभारत में वीरों के वैभव का जो विराट रूप सामने आता है, उसकी धुरी है कर्ण। रश्मिरथी का कर्ण पितृसत्ता को चुनौती देता है और जाति व्यवस्था की अमानवीयता को उद्घाटित करता है। दलित, राजा, मर्द, वीर आदि सब रूपों का अतिक्रमण करते हुए वह 'मित्रता' 'आत्मनिर्भरता' और 'प्रेम' के प्रतीक रूप में सामने आता है।

रश्मिरथी की अत्यंत सादगी से भरी नाट्य-प्रस्तुति में निर्देशक श्री मुजीब खान ने राष्ट्रकवि दिनकर के मूल उद्देश्य की न सिर्फ रक्षा की है, बल्कि सशक्त अभिनेताओं और कुशल दृश्ययुक्तियों के माध्यम से कर्ण जैसे जटिल और महाकाव्यात्मक आयामों से भरे युगांतरकारी चरित्र को मंच पर चरितार्थ कर दिया है। 

नाट्य प्रस्तुति में कर्ण के विराट् और बहुआयामी चरित्र का सशक्त अभिनय प्रस्तुत कर अभिषेक मूलचंदानी ने दर्शकों के मानसपटल पर एक अमिट छाप छोड़ दी है। युधिष्ठिर और परशुराम की भूमिका में अशोक धामू, अर्जुन और इन्द्र की भूमिका में हरीश अग्रवाल, दुर्योधन और शल्य की भूमिका में हाशिम सैय्यद, कृष्ण की भूमिका में अकिल अल्वी, कुंती की भूमिका में सीमा रॉय और सूत्रधार की भूमिका में तेजस पारीक ने भी कर्ण के चरित्र को निखारने में अपना बेहतरीन योगदान दिया है। 

रश्मिरथी की इस प्रस्तुति की वस्त्रभूषा अस्फिया खान की थी, और रूपसज्जा की ज़िम्मेदारी पटना से आये चर्चित रूपसज्जाकार जीतू ने निभाई। सह-संयोजक अविनाश तिरंगा उर्फ ऑक्सीजन बाबा ने बताया स्वराज्य-पर्व के अंतर्गत कल शाम मुम्बई की इसी टीम के द्वारा 'लोकमान्य तिलक' नाटक का मंचन किया जायेगा, जिसे देश भर में काफी सराहना मिल चुकी है।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

मुजफ्फरपुर: यौन उत्पीड़न से रोकथाम अधिनियम 2013, सी.डी.पी.ओ., महिला थाना, सखी वन स्टाॅप सेन्टर की भूमिका और जबावदेही पर उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आ

मुजफ्फरपुर: घरेलु हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न से रोकथाम अधिनियम 2013, सी.डी.पी.ओ., महिला थाना, सखी वन स्टाॅप सेन्टर की भूमिका और जबावदेही पर उन्मुखीकरण कार्यक्रम समाहरणालय सभागार में किया गया। 

महिला एवं बाल विकास निगम के सहयोग एवं आकांक्षा सेवा सदन और क्रिया एन.जी.ओ. के सौजन्य से संचालित इस कार्यक्रम का उप विकास आयुक्त महोदय ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। चाॅदंनी सिंह, डी.पी.ओ. आई.सी.डी.एस, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी, दिनेश कुमार, सविता अली, अधिवक्ता, पटना उच्च न्यायालय -सह- दलित वुमेन राईट्स एक्टिविस्ट की भी उपस्थिति रही।

 उप विकास आयुक्त महोदय ने अपने उदभोदन में कहा की सामाजिक सरोकार से जुरी यह कार्यशाला के दो पहलु है, संवेदनशीलता एवं इसका टेक्निकल पक्ष। जबतक व्यक्ति दोनों पक्षों में संतुलित नहीं रहेगा, तबतक इस कार्य के प्रति इमानदार नहीं हो सकता है, इसलिए हमे इसके कानूनी अधिनियम को अच्छी तरह से समझना होगा। साथ ही सामाजिक पहलू के साथ अधिक संवेदनशील होना होगा। 

यद्यपि समाज में महिलाओं के बीच अधिक स्वतंत्रता और नियम के प्रति सक्रियता बढ़ी है फिर भी कई मामले अभी भी यदा-कदा सामने आते है। अभी परिवर्तनकारी दौर है, इस परिवर्तनकारी दौर में सामाजिक स्वीकृति देर से मिलती है, जबकि नियम कानून का जागरूकता पहले आ जाती है। हम सभी को अपने दायित्व का बोध करना होगा। अब वो दिन दूर नहीं, जब महिलाओं को अधिनियम की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। डी.पी.ओ., आई.सी.डी.एस. श्रीमती चांदनी सिंह ने कार्यशाला की विषय-प्रवेश करायी। 

सविता अली, अधिवक्ता पटना उच्च न्यायालय सह दलित वुमेन राईट्स एक्टिविस्ट ने घरेलु हिंसा अधिनियम 2005 पाॅस्को ऐक्ट अधिनियम एवं सी.डी.पी. की भूमिका एवं जबावदेही पर विस्तार से जानकारी दी। ज्योति कुमारी, केन्द्र प्रशासक, वन स्टाॅप सेन्टर, मुजफ्फरपुर द्वारा खुला सेशन/प्रश्नोतर सत्र भी हुआ। बैठक में सभी सी.डी.पी.ओ. तथा अन्य एन.जी.ओ. के सदस्यगण उपस्थित थे।

आकांक्षा सेवा सदन के सचिव वन्दना शर्मा  सदस्य अलका सिन्हा सीमा,रेखा, नितु ,नगमा,अभय जी ,सोना कुमारी के द्वारा जिला प्रोग्राम पदाधिकारी ,वन स्टाप सेंटर, महिला बिकास निगम, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी ,महिला थाना ,वकील उपस्थित थे

बिहार के मुजफ्फरपूर में हल्की बारिश ने नगर निगम की खोली पोल,शहर झील में हुआ तब्दील

 मुजफ्फरपुर झमाझम बारिश से शहर हुआ पानी शहर का हृदयस्थली मोतीझील, इस्लामनगर रोड, तिलक मैदान रोड ,सदर अस्पताल,स्टेशनब्रोड,ब्रह्मपुरा बारिश के पानी में डूब गया 

मुजफ्फरपुर सिटी कितना स्मार्ट हुआ यह तस्वीर देखकर समझा जा सकता है

 मुजफ्फरपुर को स्मार्ट बनाने के लिए सड़क पर जगह जगह गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया.

 अब बारिश में लोग जान जोखिम में डालकर पानी में छप छपा छप करते हुए आ जा रहे हैं..... सड़क पर पानी भरा हुआ है और लोग पानी को हेलकर आ जा रहे हैं

वही सदर अस्पताल में भी पानी लग जाने से मरीजों को आने जनेबमे काफी परेशानी हुई।

चारो तरफ पानी लगने के कारण अस्पताल जाने के लिए मरीजों को पानी हेलकर जाना पड़ा। मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी होने के बाद भी नगर निगम के तरफ़ से पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई।

स्वच्छता पखवाड़ा के अवसर पर ई-वेस्ट प्रबंधन पर आधारित संगोष्ठी का किया गया आयोजन

हाजीपुर: 22.09.2023

रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार पूर्व मध्य रेल द्वारा 16 सितंबर से 02 अक्टूबर तक स्वच्छता पखवाड़ा मनाया जा रहा है । इसी क्रम में आज मुख्यालय, हाजीपुर में ई-वेस्ट प्रबंधन पर आधारित संगोष्ठी का आयोजन किया गया । इस संगोष्ठी में श्री एस.एन. जायसवाल, वैज्ञानिक सलाहकार, बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पटना ने ई-वेस्ट के निस्तारण तथा उचित प्रबंधन पर अपना प्रस्तुतीकरण दिया । 

मुख्य पर्यावरण एवं गृह व्यवस्था प्रबंधक ने रेलवे के तरफ से जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण तथा पर्यावरणीय संबंधी किये गये कार्यों के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया। 

इस अवसर पर प्रधान मुख्य इंजीनियर सह अपर महाप्रबंधक श्री अमित कुमार अग्रवाल ने विशेष रूप से कचरा प्रबंधन पर पूर्व मध्य रेलवे द्वारा किये गये कार्य की अब तक के प्रयास की सराहना की। संगोष्ठी सभी विभागाध्यक्षों एवं यांत्रिक विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी के साथ संपन्न सफलतापूर्वक हुआ ।

 

  

पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में सीबीआई की ओर से आज सिवान के तत्कालीन जिलाधिकारी महेंद्र कुमार की मुजफ्फरपुर कोर्ट में हुई पेशी

पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में सीबीआई की ओर से शुक्रवार को सिवान के तत्कालीन जिलाधिकारी महेंद्र कुमार की मुजफ्फरपुर कोर्ट में पेशी हुई।

 वो फिलहाल साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड में एमडी के पद पर तैनात हैं। उन्होंने विशेष कोर्ट में गवाही दर्ज कराई।

 तत्कालीन जिलाधिकारी महेंद्र कुमार की ओर से सोनू कुमार, विजय कुमार और रोहित कुमार पर 29 जुलाई 2016 को अवैध हथियार रखने के आधार पर 11 महीने के बाद 11 जून 2017 को लड्डन मियां पर केस चलाने कि स्वीकृति दी गई थी। जिसे लेकर तत्कालीन जिलाधिकारी महेंद्र कुमार की गवाही के साथ जिरह की गई।

 अधिवक्ता शरद सिन्हा ने बताया कि जिलाधिकारी महेंद्र कुमार की गवाही के साथ जिरह की गई, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि चारों आरोपियों पर उनकी ओर से केस दर्ज करने का आदेश दिया गया था। गवाही के बाद तत्कालीन जिलाधिकारी महेंद्र कुमार किसी प्रकार की बयान से बचते हुए कोर्ट से निकल गए।