*यूपी में दो महिला सिपाहियों ने लिंग परिवर्तन कराने को लेकर हाईकोर्ट में दायर की याचिका ,शासन ने दाखिल किया अपना जवाब, जानिये क्या*
लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस की दो महिला आरक्षियों द्वारा लिंग परिवर्तन कराने का अनुरोध करने को लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका पर शासन ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है। शासन ने अदालत को बताया है कि इस बारे में संबंधित विभागों और चिकित्सकों के पैनल से राय मांगी गई है। साथ ही, यूपी पुलिस की इस संबंध में कोई नियमावली न होने तथा महिलाओं और पुरुषों की भर्ती अलग-अलग मानकों के आधार पर करने की अड़चन के बारे में भी बताया गया है। अधिकारियों के मुताबिक लिंग परिवर्तन कराने का अनुरोध करने वाली गोंडा की महिला आरक्षी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अदालत ने राज्य सरकार से इस संबंध में नियमावली पर विचार करने और गुण-दोष के आधार पर डीजीपी को प्रतिवेदन का निस्तारण करने को कहा था।
इस पर गृह विभाग ने संबंधित विभागों से राय मांगी है। वहीं, केजीएमयू के कुलपति को चिकित्सकों का बोर्ड गठित कर मेडिकल परीक्षण कराने को गया है। साथ ही पुलिस विभाग में पुरुषों और महिलाओं की भर्ती अलग-अलग मानकों के आधार पर लंबाई और दौड़ समेत तमाम मानक भिन्न होने की अड़चनों के बारे में भी बताया गया है। सूत्रों के मुताबिक, तीन माह बाद होने वाली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार पूरे मामले की प्रगति से हाईकोर्ट को अवगत कराएगी।
लिंग परिवर्तन कराना एक संवैधानिक अधिकार है: हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि लिंग परिवर्तन कराना एक संवैधानिक अधिकार है। समाज में किसी व्यक्ति को अपनी पहचान बदलने के निहित अधिकार से वंचित करते हैं या स्वीकार नहीं करते हैं तो हम केवल लिंग पहचान विकार सिंड्रोम को प्रोत्साहित करेंगे।कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को एक महिला कांस्टेबल द्वारा लिंग परिवर्तन कराने की मांग के प्रार्थना पत्र को निस्तारित करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही यूपी सरकार से याचिका पर जवाब मांगा है। यह आदेश जस्टिस अजीत कुमार ने नेहा सिंह की याचिका पर दिया था। अब दोबारा सुनवाई होने पर पुलिस विभाग की तरफ जवाब दाखिल किया गया है।
बताते चलें कि लिंग परिवर्तन वैज्ञानिक दृष्टि से कोई नई बात नहीं है। लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस में महिला कांस्टेबलों की लिंग परिवर्तन करवाने की अर्जी ने अफसरों को पसोपेश में डाल दिया है। वजह महिला आरक्षी की भर्ती और सेवा शर्तें पुरुष आरक्षी की भर्ती और सेवा शर्तों से बिल्कुल अलग होती हैं। भर्ती के समय महिला और पुरुष आरक्षी के शारीरिक मानक भी अलग होते हैं। आवेदन करने वाली एक महिला आरक्षी ने निजी चिकित्सक द्वारा अपने लिंग परिवर्तन संबंधी मेडिकल रिपोर्ट भी प्रस्तुत की है। इसे लेकर भी पेंच है। ऐसी अनुमति देने से पहले पुलिस विभाग को दोनों महिला आरक्षियों का मेडिकल परीक्षण सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों अथवा मान्य विशेषज्ञ डाक्टरों के पैनल से कराना होगा। पूरे मामले में अंतिम निर्णय शासन स्तर पर होगा।
Sep 24 2023, 20:06