जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद ललन सिंह का महिला आरक्षण विधेयक को लेकर केन्द्र सरकार पर बड़ा हमला, कहा- विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन का है य

डेस्क : जनता दल यूनाइटेड जहां एक ओर महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन करने की बात कर रही है। वहीं इस विधेयक को लेकर केन्द्र की मोदी सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा करते हुए हमलावर भी है। 

पहले सीएम नीतीश कुमार ने इस विधेयक को स्वागत योग्य बताया। फिर उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इसे लागू नहीं करेगी। वहीं अब उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद ललन सिंह ने हमला बोला है। 

ललन सिंह ने नारी शक्ति वंदन विधेयक को केन्द्र सरकार का नया जुमला करार देते हुए कहा कि यह विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन का पैनिक रिएक्शन है। जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह ने महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन करते हुए जाति जनगणना कराने की मांग भी दोहराई है।

लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर बहस में हिस्सा लेते हुए राजीव रंजन सिंह ने कहा कि जदयू विधेयक का समर्थन करती है, क्योंकि हम महिला सशक्तीकरण में विश्वास रखते हैं। पर यह सरकार वर्ष 2024 का चुनावी जुमला है। इसके साथ उन्होंने सरकार पर युवाओं और गरीबों को ठगने का भी आरोप लगाया। 

राजीव रंजन सिंह ने कहा कि यह विधेयक कुछ और नहीं, बल्कि विपक्षी गठबंधन इंडिया का पैनिक रिएक्शन है। जाति जनगणना कराने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा साफ है। सरकार को महिला सशक्तीकरण से कोई मतलब नहीं है। सरकार को सिर्फ 2024 में अपनी सत्ता बचाने की चिंता है। 

कहा कि बिहार में जातिगत सर्वेक्षण के खिलाफ केंद्र सरकार के सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाए जाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं का वंदन नहीं कर रही है, बल्कि सत्ता का वंदन कर रही है। सरकार को अपनी सत्ता बचानी है, इसलिए विशेष सत्र मंश यह जुमला लाया गया है।

सीएम नीतीश कुमार का महिला आरक्षण बिल को लेकर बड़ा बयान : हम तो इसके पक्ष में, लेकिन केन्द्र सरकार नहीं करेगी इसे लागू

डेस्क : केन्द्र सरकार द्वारा संसद में लाए गए महिला आरक्षण बिल का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि संसद में जो महिला आरक्षण बिल लाया गया है, वह स्वागत योग्य कदम है। लेकिन इसके साथ ही उन्होने केन्द्र की मोदी सरकार की नीयत पर भी शंका जाहिर करते हुए कहा है कि बीजेपी इसे लागू नहीं करेगी। 

 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन करते हुए कहा कि संसद और विधानसभा सब जगह महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए। साथ ही उन्होंने केन्द्र सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिक्कत है कि ये लोग तो इसे लागू करेंगे नहीं। 

सीएम ने कहा कि महिलाओं को सबसे पहले 50आरक्षण बिहार ने ही दिया। वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं और इसके बाद वर्ष 2007 में नगर निकायों में हमने महिलाओं को 50आरक्षण दिया। प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50 आरक्षण दिया। बाद में सभी सरकारी नौकरियों में उनके लिए 35 सीट आरक्षित की गई। पुलिस में भी 35 आरक्षण दिया गया। आज बिहार पुलिस में जितनी महिलाएं हैं, उतनी देश में कहीं नहीं है। महिलाओं के लिए बिहार में काफी काम हुए हैं।

काम की खबर : बिहार में 70692 शिक्षकों की नियुक्ति में वर्ग 6 से 12 तक के विद्यालय अध्यापकों के 69692 पद व पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में 1000 पद शामिल


डेस्क : बिहार में 70692 शिक्षकों की नियुक्ति होगी। इनमें वर्ग 6 से लेकर 12 तक के विद्यालय अध्यापकों के 69692 पद के अलावा पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में 1000 पद शामिल हैं। इनकी नियुक्ति दूसरे चरण में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के माध्यम से होगी। 

मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को सहमति दी गयी। इसके साथ ही कैबिनेट ने 45 प्रस्तावों पर मुहर लगायी।

बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांनतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवा शर्त) नियमावली 2023 के तहत पंचायती राज एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत पूर्व से उच्च माध्यमिक शिक्षक के 18830 सृजित व रिक्त पद, माध्यमिक शिक्षक के 18880 सृजित व रिक्त पद व 6 से 8 तक के 31982 सृजित व रिक्त पद को प्रत्यार्पित करते हुए 11 से 12 तक के अध्यापक के लिए 18830, वर्ग 9 से 10 तक के लिए विद्यालय अध्यापक के 18880 पद व वर्ग 6 से 8 के लिए 31982 पदों की स्वीकृति दी गयी है।

इतनी नियुक्ति 

वर्ग  शिक्षक

6-8:  31982

9-10:  18880

11-12:   1883

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज सुबह 9.30 बजे अचानक पहुंचे मुख्य सचिवालय, अधिकारियों के चेंबर बंद देख किया यह एलान

डेस्क : आज सुबह-सुबह मुख्य सचिवालय में उस वक्त हड़कंप मच गया जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सचिवालय पहुंच गए। दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज सुबह साढ़े नौ बजे ही अचानक वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ मुख्य सचिवालय पहुंच गए। इस दौरान उन्होने घूम-घूमकर अधिकारियों और मंत्रियों के चेंबर को देखा। 

सबसे बड़ी बात यह रही कि दफ्तर का समय 9.30 बजे होने का बावजूद अधिकांश अफसर के चैंबर बंद पाए गए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कई मंत्रियों के चेंबर जाकर देखा, भी कोई नहीं दिखा। 

वहीं सीएम के आने की खबर मिलने के बाद सूबे के आलाधिकारी भागते-दौड़ते हुए सचिवालय पहुंचने लगे। तकरीबन डेढ़ घंटे तक सचिवालय में बैठने के बाद नीतीश जब बाहर निकले तो कहा कि अधिकारियों को समय से दफ्तर आना होगा। 

वहीं उन्होंने कहा कि अब सप्ताह में तीन दिन वे 9.30 बजे मुख्य सचिवालय में पहुंच जायेंगे। बाकी के दो दिन मुख्यमंत्री सचिवालय में सुबह सुबह पहुचेंगे।

महिला आरक्षण बिल पर बोलीं पूर्व सीएम राबड़ी देवी, बस झाल बजाने और शोर मचाने के लिए केन्द्र सरकार ने छोड़ा है शिगूफा

डेस्क : केन्द्र सरकार द्वारा संसद में लाए गए महिला आरक्षण बिल का देश के तकरीबन सभी दलों द्वारा स्वागत किया गया है। हालांकि इस बिल को लेकर सभी अपना-अपना श्रेय लेने में जुटे है। 

इधर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जहां इस बिल का स्वागत किया है। वहीं सत्ता मे शामिल राजद नेत्री व बिहार पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने इसे केन्द्र सरकार द्वारा एक शिगूफा करार दिया गया है। 

महिला आरक्षण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने कहा है कि यह बील बस झाल बजाने और शोर मचाने के लिए शिगूफा छोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक में जो 33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है उसमें एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित नहीं की गयी हैं।

एससी/एसटी वर्गों के लिए जो प्रावधान किया है वह उन वर्गों के लिए पहले से ही आरक्षित सीटों में से 33 प्रतिशत मिलेगा। यानी यहां भी एससी/एसटी को धोखा। उन्होंने कहा कि एससी/एसटी, पिछड़े/ अतिपिछड़े एवं अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं को ठेंगा दिखाने वाला महिला आरक्षण परिसीमन के बाद लागू होगा। परिसीमन जनगणना के बाद होगा। और जातिगत जनगणना करवाने के दबाव में केंद्र ने जनगणना को ठंडे बस्ते में ही डाल दिया है। मतलब बस झाल बजाने और शोर मचाने के लिए शगूफा छोड़ा गया है।

उन्होंने मांग की है कि महिला आरक्षण के अंदर वंचित, उपेक्षित, खेतिहर एवं मेहनतकश वर्गों की महिलाओं की सीटें आरक्षित हों। मत भूलो, महिलाओं की भी जाति है। अन्य वर्गों की तीसरी/चौथी पीढ़ी की बजाय वंचित वर्गों की महिलाओं की अभी पहली पीढ़ी ही शिक्षित हो रही है, इसलिए आरक्षण के अंदर आरक्षण होना अनिवार्य है।

पटना में लगातार बढ़ रहा डेंगू का प्रकोप, 121 नये मरीजों के साथ संक्रमितों की संख्या पहुंची 850 के पार

डेस्क : पटना में डेंगू का प्रकोप खतरनाक रुप ले रहा हैं। बीते मंगलवार को डेंगू के 121 मरीज मिले। इस मौसम में पहली बार एक दिन में 100 से अधिक डेंगू के मरीज मिले हैं। जिले में अब कुल डेंगू पीड़ितों की संख्या 877 हो गई है।

मंगलवार को सर्वाधिक पाटलिपुत्र अंचल में 53, बांकीपुर 23, एनसीसी 13, कंकड़बाग चार, अजीमाबाद अंचल दो और पटना सिटी में एक पीड़ित मिले। वहीं फुलवारी, दानापुर, पुनपुन, बख्तियारपुर में एक-एक पीड़ित मिले। 

गौरतलब है कि पटना में पिछले 10 दिनों में 549 से अधिक डेंगू पीड़ित मिले हैं। इनमें सबसे अधिक पाटलिपुत्रा अंचल में 250, बांकीपुर में लगभग 120 संक्रमित मिले। शेष पटना के अन्य अंचलों में मिले हैं। इस महीने के चार सितंबर तक पटना में डेंगू पीड़ितों की संख्या 100 थी। इसके बाद के 15 दिनों में 777 डेंगू पीड़ित मिले हैं। पाटलिपुत्रा और बांकीपुर अंचल के मोहल्ले डेंगू के हॉट स्पॉट बने हुए हैं।

वहीं पटना के अलग-अलग अस्पतालों में 12 नए डेंगू पीड़ित भर्ती हुए हैं। चार बड़े सरकारी अस्पतालों में कुल भर्ती डेंगू पीड़ितों की संख्या 54 हो गई है। एक दिन पहले अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या 42 थी। पीएमसीएच, एम्स और आईजीआईएमएस के डेंगू वार्ड में 16-16 जबकि एनएमसीएच में छह मरीज भर्ती हैं।

जिला संक्रामक रोग पदाधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र प्रसाद ने बताया कि मच्छरों का प्रकोप बढ़ने पर डेंगू पीड़ितो की संख्या और बढ़ सकती है। उन्होंने लोगों को अपने आसपास के जलजमाव से बचने की सलाह दी। कहा कि कहीं पानी जमा है तो उसमें किरासन तेल अथवा रसायन का का छिड़काव करें।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संसद में लाए गए महिला आरक्षण बिल का किया स्वागत, कही यह बात

डेस्क : केन्द्र सरकार द्वारा संसद में लाए गए महिला आरक्षण बिल का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि संसद में जो महिला आरक्षण बिल लाया गया है, वह स्वागत योग्य कदम है। 

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ट्वीट कर इस बिल को लेकर अपनी बात कही है। उन्होंने लिखा है...हम शुरू से ही महिला सशक्तीकरण के हिमायती रहे हैं। बिहार में हमलोगों ने कई ऐतिहासिक कदम उठाये हैं। वर्ष 2006 से हमने पंचायती राज संस्थाओं और वर्ष 2007 से नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। 

उन्होंने आगे लिखा है कि बिहार में वर्ष 2006 से ही प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50 प्रतिशत और वर्ष 2016 से सभी सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। वर्ष 2013 से बिहार पुलिस में भी महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। आज बिहार पुलिस में महिला पुलिसकर्मियों की भागीदारी देश में सर्वाधिक है। बिहार में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग नामांकन में न्यूनतम 33 प्रतिशत सीटें छात्राओं के लिये आरक्षित हैं। ऐसा करनेवाला बिहार देश का पहला राज्य है। 

हमलोगों ने वर्ष 2006 में राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों के गठन के लिए परियोजना शुरू की जिसका नामकरण ‘जीविका’ किया। बाद में तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसकी तर्ज पर आजीविका कार्यक्रम चलाया। बिहार में अब तक 10 लाख 47 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन हो चुका है जिसमें एक करोड़ 30 लाख से भी अधिक महिलाएं जुड़कर जीविका दीदियां बन गई हैं।

सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की हुई बैठक, इन 45 अहम एजेंडो पर लगी मुहर

डेस्क : आज मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। मंत्रिपरिषद की बैठक में कई अहम एजेंडों पर मुहर लगी। बैठक में कुल 45 प्रस्ताव कैबिनेट से पास हुए हैं.

शिक्षा सेवक एवं तालिमी मरकज के मानदेय 11000 प्रति माह से बढ़कर ₹22000 किया गया है. साथ ही ईपीएफ के लिए अनिवार्य अंशदान की वृद्धि के साथ ही 1 जुलाई से हर साल 5% की वार्षिक वृद्धि की स्वीकृति दी गई है.

बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के अंतर्गत पूर्व से स्वीकृत गोदाम चौकीदार के 16 पद एवं वित्तीय सलाहकार के एक पद को प्रत्यर्पित किया गया है. साथ ही कुल 10 पदों को सृजित किया गया है.

बिहार पुलिस में अनुबंध पर कार्यरत सैप जवानों के मासिक मानदेय में 15 फ़ीसदी की वृद्धि की गई है. जूनियर कमीशंड ऑफिसर का मानदेय 20700 से 28800 रू, सैप जवानों का मानदेय 17250 से 19800रू एवं रसोईया का मानदेय 13110 से 15100 किया गया है.

ग्रामीण कार्य विभाग के तहत मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना की स्वीकृति दी गई है. राज्य आपदा रिस्पांस फोर्स बिहटा परिसर में स्थाई निर्माण के लिए 100 करोड रुपए की स्वीकृति बिहार आकस्मिकता निधि से दी गई है.

पंचायती राज एवं नगर निकाय संस्था के तहत पूर्व से उच्च माध्यमिक शिक्षक के 18830 सृजित एवं रिक्त पद, हाई स्कूल के 18880 पद, साथ ही वर्ग 6 से 8 तक के 31922 पद को प्रत्यर्पित कर दिया गया है. साथ ही वर्ग 11 से 12 तक की पढ़ाई के लिए शिक्षा विभाग के नियंत्रणाधीन विद्यालय अध्यापक के 18830 पद, 9 से 10 तक के कक्षा के लिए भी 18880 पद एवं कक्षा 6 से 8 तक की पढ़ाई के लिए 31982 पद के सृजन की स्वीकृति दी गई है. बिहार राज्य उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रधानाध्यापक नियमावली 2023 की स्वीकृति दी गई है.

जदयू एमएलसी राधाचरण सेठ के बेटे कन्हैया प्रसाद को ईडी ने किया गिरफ्तार, आज विशेष अदालत में किया जा सकता है पेश

डेस्क : जदयू एमएलसी राधाचरण सेठ की गिरफ्तारी के बाद अब ईडी ने उनके बेटे कन्हैया प्रसाद को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले उन्हें ईडी ने पटना स्थित कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था। 

ईडी सूत्रों के अनुसार, कई संदिग्ध दस्तावेजों, लेनदेन और अवैध निवेश से जुड़े मामलों में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर इनकी गिरफ्तारी हुई है। ईडी मंगलवार को कन्हैया को विशेष अदालत में पेश कर सकता है। साथ ही रिमांड पर लेने के लिए अपील भी संभव है। 

बता दें ईडी ने राधाचरण को 13 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें कोर्ट ने 28 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा है। 16 सितंबर को उन्हें 6 दिनों की रिमांड पर सौंपा गया है। अब दोनों से एक साथ और बारी-बारी से पूछताछ संभव है। राधाचरण और कन्हैया ब्रॉडसन्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक हैं।

कंटेनर से टकराई बीजेपी राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे की गाड़ी : बाल-बाल बचे सांसद, ड्राइवर और बॉडीगार्ड की हालत गंभीर

डेस्क : राजधानी पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां बीते रात गंगा सेतू पर बीजेपी के राज्य सभा सांसद सतीश चंद्र दुबे की गाड़ी एक्सीडेंट हो गया। 

इस घटना में घायल सांसद और उनके ड्राइवर और बॉडी गार्ड को इलाज के लिए अस्पताल मे भर्ती कराया गया है। जहां सांसद की हालत खतरे से बाहर हैं। वहीं ड्राइवर और बॉडीगार्ड की हालत गंभीर बनी हुई है। इस बात की जानकरी पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने दी है।

बताया जा रहा है कि कंटेनर से सांसद की गाड़ी टकराई थी, टक्कर इतनी जोरदार थी कि गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। खिड़की-दरवाजे सब चकनाचूर हो गए। इस दुर्घटना में सांसद सतीश दुबे बाल-बाल बच गए। फिलहाल उनकी स्थिति खतरे के बाहर है। घटना गया घाट के पास हुई है। जानकारी के मुताबिक गाड़ी के ड्राइवर ने कंटेनर में पीछे से टक्कर मारी थी। जिसके चलते ये हादसा हुआ, फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है। 

वहीं पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि, सांसद की गाड़ी का एक्सीडेंट हुआ है, इसकी जांच की जा रही है फिलहाल राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं। हालांकि अभी उनका इलाज पटना के एक निजी अस्पताल में चल रहा है।