सरायकेला: नीमडीह थाना क्षेत्र में हाथी की आतंक से जन–जीवन परेशान, फसल नष्ट का मुआवजा अभी तक नहीं मिला
सरायकेला :जिला के निमडीह थाना क्षेत्र के तिल्ला
पंचायत के कुशपुतुल गांव एवम गुंडा पंचायत गांव सीमा के साथ दर्जनों गांव में हाथी के आतंक से जनजीवन परेशान रहने लगा है।
सूर्य ढलते ही हाथी का झुंड जंगल छोड़कर गांव में प्रवेश करके उत्पात मचाने लगता है। घरेलू सामग्री ,अनाज , धान के साथ खड़ी फसलों को अपना निवाला बना लेते है। पांच बर्ष से इन पंचायत के गरीब किसानो की हाथी की झुंड द्वारा क्षत्रि पूर्ति का मुआवजा की राशि बन विभाग द्वारा अबतक नही मिला ।
चांडिल वन क्षेत्र के पदाधिकारी कार्यालय को ग्रामीणों द्वारा हाथी की आतंक और क्षत्रि पूर्ति की मुआवजा की राशि के लिए कार्यालय को घेराव किया था । रेंजर द्वारा आश्वासन के बाद भी नहीं मिला मुआवजा की राशि ।दूसरी ओर हाथी की आतंक जारी रहा ।
दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी की हाथी की झुंड सेंचुरी छोड़कर भोजन की तलाश में चांडिल वन क्षेत्र के अधीन नीमडीह थाना के गुंडा और तिल्ला जंगल में तीन ग्रुप में हाथी की झुंड बांटे हुए हे।एक झुंड 15 दूसरी झुंड में 4 ओर एकेले में एक ट्रास्कर विशाल हाथी घूम रहा हे । प्रत्येक दिन हाथी की झुंड शाम होते ही ।कुशपुतूल ओर सीमा गांव में जंगल से नीचे उतरकर गरीब किसान द्वारा जंगल की तराई में धान की रोपनी करके धान की खेती किए ।भूखा जंगली हाथी की झुंड खेत में घुसकर दूध भरी खड़ी धान को नोचकर और पैर तले रोध डालते हे।जिसे किसान की धान की फसल हाथी से बचाना मुस्किल हो गया घर लाना दूर की बाते है।
कुशपुतूल गांव यूपीएस स्कूल के बच्चे ने कहा हमने देखा।गांव में जब जंगल से उतरकर जंगली हाथी हमारे खेत खलियान और घर में घुसकर फसल और रखे अनाज को अपना निवाला बनाते हे। हमने करीब से देखा हाथी डर के साथ।हाथी देखा मजा ही कुछ ही है।हमारे फसल धान ,मकाई, लावकी, बैगन,टमाटर आदि फसल को खा जाते है।
चांडिल वन क्षेत्र पदाधिकारी को कोई बार सूचना दिया गया ।एक महीना से हाथी का झुंड इस जंगल में डेरा डाला हुआ ।वन एवम पर्यावरण विभाग द्वारा ना जंगली हाथी से कोई सुरक्षा उपकरण आज तक हमलोग को नही दिया गया। न एलिफेंड ड्राईव टीम बुलाकर झुंड को दलमा सेंचुरी की भगाने की कार्य किया । न हम ग्रामीणों की बीच प्रशिक्षण दिया गया ।जो ग्रामीणों हाथी की झुंड से सुरक्षा कर पाए। शाम पांच बजते ही और सुबह चार बजे हाथी की झुंड खेत बाड़ी आदि जगह पर प्रवेश जाते हे ओर उत्पात मचाने लगते ।ग्रामीण साम होते ही घर में घुस जाते हे।ओर सुबह सूर्य उठने के प्रश्चात् घर से निकलता हे।कोई लोग। आज सुबह एक दैनिक भोगी मजदूर सुबह चार बजे घर से काम करने के निकला तो देखा।
हाथी की झुंड गांव के सामने धान की खेती हेलकर खड़ी फसल के रोध रहा हे। डर के कारण बापस घर में घुस गया ।कोई ग्रामीण सुबह घर से बाहर सोच करने के लिए डराता है।ना जाने कब हाथी की झुंड मौत बनकर चौखट के सामने खड़े हो।जिसका डर जनजीवन बना रहा ।इस क्षेत्र में बारों महीना हाथियों की झुंड भ्रमण करते हे।इस संबंध में वन क्षेत्र पदाधिकारी पूछे जाने पर मौन बना लिया ।
Sep 20 2023, 19:47