सरायकेला:चांडिल के दलमा सेंचुरी की तराई काठजोड़ में अवैध देशी शराब भट्ठी ध्वस्त,30 लीटर महुआ शराब जब्त
सरायकेला :- कोल्हान के जिला पुलिस अधीक्षक डॉ० विमल कुमार के निर्देश पर सभी थाना प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में तेजी से अभियान चलाने के दिया गया निर्देश।
नशा मुक्ति अभियान के तहत चांडिल थाना की पुलिस ने गुरुवार की रात में छापामारी अभियान चलाया गया । अभियान के दौरान चांडिल थाना प्रभारी दिनेश ठाकुर के नेतृत्व में पुलिस ने शुक्रवार की सुबह दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी गज परियोजना के तराई में बसे काठजोड़ बहुल आदिवासी गांव में अवैध शराब भट्ठी को ध्वस्त किया गया।
काठजोड़ गांव में बड़े पैमाने पर अवैध महुआ शराब फल फूल रहा था । जहां पुलिस की छापामारी की भनक लगते ही शराब भट्ठी संचालक भाग गए।
600 से 800 किलो जावा महुआ किया गया नष्ट ।
पुलिस ने अपने अभियान के दौरान काठजोड़ में अवैध शराब भट्टी से 25/ 30 लीटर महुआ शराब बरामद किया है. वहीं भट्ठी में 600 से 800 किलो जावा महुआ को नष्ट किया गया। इसके साथ भट्ठी को पूरी तरह से ध्वस्त कर शराब बनाने के उपयोग में लाए जाने वाले सभी सामग्रियों को नष्ट कर दिया गया ।
हालांकि इस दौरान किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस के अनुसार सभी की पहचान कर गिरफ्तारी की जाएगी। विदित हो कि जिला पुलिस इन दिनों नशे के खिलाफ अभियान चला रही है। इसका परिणाम भी देखने को मिल रहा है।
इस संबंध में चांडिल थाना प्रभारी ने कहा कि जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर नशे के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी रहेगा। उन्होंने नशा का कारोबार करने वालों को इस गौरखधंधे को छोड़ने की हिदायत दी है। थाना प्रभारी ने कहा कि नशा जहां समाज को धीरे-धीरे खोखला कर रहा है।
वहीं आने वाली पीढ़ी को भी कमजोर और पंगु बना रहा है। उन्होंने समाज के गणमान्यों से भी इस दिशा में पहल करते हुए नशा मुक्ति अभियान को मुकाम तक पहुंचाने में सहयोग करने की अपील की है,नशा का कारोबार चाहे किसी भी प्रकार को थाना क्षेत्र में चलने नहीं दिया जाएगा।
सूत्र के अनुसार : जिला मद उत्पादन विभाग द्वारा देशी शराब भाटी चलाने वाले माफिया के ऊपर कारवाई करता था ।लेकिन स्थानीय थाना पुलिस वल की सहयोग नही मिलने के कारण संचालक देशी महुआ उत्पादन करने वाले माफिया भाग जाता और मद उत्पादन विभाग द्वारा बदले में भाटी की उपकरण को जब्त करके ले जाते थे। ओर एक छोटा केस पर माफिया जिला में जाकर हजार पांच हजार रुपया जुर्माना देकर पूर्ण रूप से दुबारा देशी शराब की चुलाई जारी रहता।
एक दशक था जब दलमा जंगल क्षेत्र का बोलबाला था उस समय इस क्षेत्र में देशी शराब बनाने पर प्रतिबंध लगा था और उस पर नक्सली द्वारा उन शराब बनाने वाले पर कारवाई करता था ।जिसका डर से कोई ग्रामीण शारव चुलाने पर डरता था।आज बेखोप से देशी दारू का भाटी सुचारू रूप चल रहा हे।
देशी शराब की चुलाई होने से दलमा सेंचुरी खतरे में धड़ल्ले से पेड़ की कटाई और शराब भाटी ने जलकर राख होता हे।साथ सेंचुरी हाथी महुआ और जावा खा कर मदहोश होकर गांव में प्रवेश करके उत्पात मचाते हे । जिसके कारण हाथी की झुंड भोजन और महुआ जावा की तलास में तराई क्षेत्र गांव में पहुंच जाते हे ओर उत्पात मचाते हे।जिसे जनजीवन हाथी की डर से साम होते ही मनुष्य घर से नही निकलते है। कई बार वन क्षेत्र पदाधिकारी द्वारा जिला पुलिस को सूचना भी दिए हे।लेकिन कोई कारवाई नही होता था।
Sep 15 2023, 18:38