पहले डेंगू-मलेरिया से की सनातन धर्म की तुलना, अब हिंदी भाषा को लेकर जताया एतराज

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तमिलनाडु सरकार में मंत्री और डीएमके के नेता उदयनिधि स्टालिन ने पहले सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही अब हिंदी भाषा को लेकर हमलावर है। दरअसल, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया है।

सनातन को मिटाने की बात करने वाले उदयनिधि स्टालिन अब वह हिंदी दिवस पर गृह मंत्री अमित शाह के 'हिंदी प्रेम' पर सवाल उठा रहे हैं। इस बार हिंदी दिवस पर गृह मंत्री अमित शाह ने एक संदेश जारी कर कहा कि हिंदी ने न कभी दूसरी भारतीय भाषाओं के साथ प्रतिस्पर्धा की है और न ही करेगी। कोई देश तभी मजबूत होकर उभर सकता है जब उसकी सभी भाषाएं मजबूत हों। गृह मंत्री ने विश्वास जताया कि हिंदी सभी स्थानीय भाषाओं को सशक्त बनाने का माध्यम बनेगी।

अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट किया,' हिंदी दिवस के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं देता हूं। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की भाषाओं की विविधता को एकता के सूत्र में पिरोने का नाम 'हिंदी' है। स्वतंत्रता आन्दोलन से लेकर आजतक देश को एकसूत्र में बांधने में हिंदी की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। आइए, ‘हिंदी दिवस’ के अवसर पर राजभाषा हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं को सशक्त करने का संकल्प लें।'

हिंदी भाषा को लेकर शाह पर साधा निशाना

हालांकि, उदयनिधि स्टालिन को अमित शाह की ये बात रास नहीं आई और उन्होंने पलटवार किया। अमित शाह की टिप्पणी पर उदयनिधि स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तमिल में लिखा, ''केंद्रीय मंत्री ने ये टिप्पणी करके हमेशा की तरह हिंदी के प्रति अपना प्रेम दिखाया है कि हिंदी ही लोगों को एकजुट करती है और क्षेत्रीय भाषाओं को मजबूत बनाती है। ये नजरिए हिंदी के प्रति मचे शोर का ही बदला हुआ रूप है।डीएमके नेता ने आगे सवाल किया कि तमिलनाडु में ये तमिल है और पड़ोसी राज्य केरल की भाषा मलयालम है। हिंदी कैसे इन दो राज्यों को जोड़ रही है? कैसे ये सशक्त बना रही है? उन्होंने स्टापहिंदीइम्पोजिशन हैशटैग लगाते हुए लिखा अमित शाह को गैर-हिंदी भाषाओं को प्रांतीय भाषा कहकर उनका अपमान करना बंद करना चाहिए।

डेंगू-मलेरिया से की थी सनातन धर्म की तुलना

इससे पहले उदयनिधि स्टालिन ने हाल ही में सनातन धर्म को जड़ से मिटाने का आह्वान किया। डीएमके चीफ और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने एक कार्यक्रम में सनातन की तुलना बीमारियों से करते हुए कहा 'हमें मच्छर, डेंगू बुखार, मलेरिया, कोरोना वायरस इत्यादि का विरोध नहीं करना चाहिए। हमें इसका उन्मूलन करना चाहिए। सनातन धर्म भी ऐसा ही है। हमें इसका विरोध नहीं करना है, बल्कि इसका उन्मूलन करना है।' बयान पर विवाद बढ़ा लेकिन उदयनिधि उस पर कायम रहे।

*मुंबई हवाई अड्डे के रनवे से फिसला चार्टर्ड प्लेन, खराब मौसम के कारण हादसा, सभी यात्री सुरक्षित

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मुंबई एयरपोर्ट पर गुरुवार को हादसा हो गया। एक प्राइवेट एयरक्राफ्ट रनवे पर फिसल गया। ये हादसा लैंडिंग के वक्त हुआ।विमान में आठ लोग सवार थे। फिलहाल किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।बीएमसी के मुताबिक, चार्टर्ड विमान में सवार लोगों में से तीन को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने बताया कि विशाखापत्तनम से मुंबई आया वीएसआर वेंचर्स लियरजेट 45 विमान वीटी-डीबीएल विमान मुंबई हवाई अड्डे के रनवे 27 पर उतरते समय फिसल (वेर ऑफ) गया। विमान में छह यात्री और दो चालक दल के सदस्य सवार थे। भारी बारिश के साथ दृश्यता 700 मीटर थी। फिलहाल किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

यह हादसा एयरपोर्ट के रनवे 27 पर हुआ। इस विमान के रनवे से फिसलने के बाद दो टुकड़े हो गए और इसमें आग भी लग गई थी। जिस पर तुरंत काबू पा लिया गया।ये प्राइवेट चार्टर्ड विमान कनाडा स्थित बॉम्बार्डियर एविएशन के एक डिवीजन की ओर से निर्मित नौ सीटों वाला सुपर-लाइट बिजनेस जेट है

पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे ने सोशल मीडिया पर शेयर किया चीन का असली नक्शा, ड्रैगन को दिखाई औकात

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चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है। चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों के लिए कुख्यात है। अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों और अक्साई चिन पर दावा पेश करते हुए चीन ने 28 अगस्त को नक्शा पेश किया था, जिस पर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई थी। इस नए नक्शे में चीन ने ताइवान को भी अपना हिस्सा बताया था। अब पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे ने सोशल मीडिया पर एक नक्शा शेयर किया है। नरवणे ने इस नक्शे को चीन का असली नक्शा बताया है। इस नक्शे के जरिए चीन द्वारा कब्जाए इलाकों को भी दिखाया है।

पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे ने चीन का नक्शा शेयर करते हुए कहा कि चीन का असली नक्शा मिल गया। पूर्व सेना प्रमुख ने चीन के जिस नक्शे को शेयर किया है उस नक्शे में ताइवान,हांगकांग, तिब्बत,यूनान जैसे अन्य चीन की सीमा से लगे हुए देशों पर चीन के कब्जे के तौर पर दिखाया गया। पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे ने चीन का नक्शा शेयर करते हुए लिखा 'आखिरकार किसी को चीन का असली नक्शा मिल गया।'

नक्शे में हांगकांग (CoHK), तिब्बत (CoT), दक्षिण मंगोलिया (CoSM) और यूनान (CoT), पूर्वी तुर्कमेनिस्तान (CoET) और मनचुरिया (CoM) देशों को चीन के कब्जे वाले देशों के तौर पर दिखाया गया है. Co का मतलब चाइना ऑक्यूपाइड है. वहीं, ताइवान को रिपब्लिक ऑफ चाइना ताइवान के तौर पर पेश किया गया। चीन हमेशा से इन सभी देशों पर अपना दावा करता रहा है। वहीं, भारत के अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों और अक्साई चिन पर भी उसने दावा पेश किया है।

बता दें कि चीन के नए नक्शे को लेकर देश में बवाल मचा हुआ है। चीन ने 28 अगस्त को देश का नया नक्शा जारी किया था। तब काफी विवाद मचा था। तब ताइवान, अक्साईचिन और भारत के अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताने की करतूत चीन ने की थी। तब भारत ने कड़ा विरोध कार चीन को आईना दिखाया था।

भारतीय-अमेरिकी विवेक रामास्वामी का बड़ा बयान, कहा- राष्ट्रपति बना तो 75 प्रतिशत सरकारी कर्मचरियों को हटा दूंगा, बंद होगा एफबीआई

#vivek_ramaswamy_says_he_would_fire_75_per_cent_of_federal_workforce_if_elected 

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवारी का दावा ठोंक रहे भारतीय मूल के अमेरिकी विवेक रामास्वामी ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है। विवेक रामास्वामी के बयान ने अमेरिका चुनावी महौल को गरम कर दिया है। रामास्‍वामी ने कहा है कि अगर वह 2024 का चुनाव जीत जाते हैं तो संघीय सरकार के 75 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों को हटा देंगे और एफबीआई जैसी कई प्रमुख एजेंसियों को बंद कर देंगे।

अमेरिकी समाचार वेबसाइट एक्सियोस के साथ एक साक्षात्कार में, रामास्वामी ने कहा कि 'हम पहले दिन से शुरुआत करेंगे और हम पहले साल के अंत तक 50 प्रतिशत कटौती करना चाहते हैं। रामास्वामी ने कहा, "ध्यान रहे कि इनमें से 30 प्रतिशत कर्मचारी अगले पांच साल की अवधि में सेवानिवृत्ति के पात्र हैं।" उन्होंने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है लेकिन यह उतना पागलपन नहीं है जितना लगता है।"

समाचार वेबसाइट ‘एक्सियोस’ को दिए साक्षात्कार में रामास्वामी ने कहा कि उनके निशाने पर शिक्षा विभाग, एफबीआई, आबकारी, तंबाकू, शस्त्र और विस्फोटक ब्यूरो, परमाणु नियामक आयोग, (आंतरिक राजस्व सेवा) आईआरएस और वाणिज्य विभाग होंगे। वेबसाइट के अनुसार रामास्वामी ने कहा है कि उनका लक्ष्य 4 साल में 22 लाख कर्मचारियों में से 75 फीसदी को हटाना है।

‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के अनुसार संघीय सरकार में लगभग 22 लाख 50 हजार लोग काम करते हैं। 75 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों को हटाने के परिणाम स्वरूप 16 लाख से अधिक लोगों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा, जिससे संघीय बजट में अरबों डॉलर की बचत होगी। हालांकि इससे सरकार के महत्वपूर्ण कामकाज भी रुक जाएंगे।

आपके काम की खबर, क्या आपने भी नहीं बनवाया है जन्म प्रमाणपत्र ? तो जल्द ही बनवा लें, 1 अक्टूबर से देशभर में होने जा रहा बड़ा बदलाव

यदि आप भी जन्म प्रमाणपत्र

को हल्के में लेते हैं, या आपने नहीं बनवाया है या घर में बच्चों के भी जन्म प्रमाणपत्र नहीं हैं, तो यह जरूरी खबर आपके लिए ही है। दरअसल, अब 1 अक्टूबर से देशभर में एक अनिवार्य नियम लागू होने वाला है, जिसके बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में बर्थ सर्टिफिकेट की भूमिका काफी बढ़ जाएगी। अब 'बर्थ सर्टिफिकेट' कई बातों को प्रमाणित करने के लिए एक एकल दस्तावेज होगा। अब नए नियमों के अनुसार, जन्म और मृत्यु का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है।

दरअसल, 1 अक्टूबर से देशभर में जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 लागू हो रहा है। इस नियम के तहत जन्म और मृत्यु के लिए पंजीकरण करवाना अनिवार्य हो जाएगा। इसे लेकर गृह मंत्रालय ने बुधवार (13 सितंबर) को आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है।, जिसके तहत इन नियमों के कार्यान्वयन पर अपडेट दिया गया है। बता दें कि, इस कानून का प्रमुख उद्देश्य पंजीकृत जन्म और मृत्यु के लिए राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय डेटाबेस तैयार करना है। कानून जन्म प्रमाण पत्र को किसी व्यक्ति की जन्म तिथि और स्थान के निश्चित प्रमाण के तौर पर स्थापित करेगा। जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 के शुरू होने या उसके बाद पैदा हुए लोगों पर ये नियम प्रभावी होगा। 

बता दें कि, प्रमाणपत्र स्कूलों में एडमिशन, ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने, मतदाता सूची तैयार करने, विवाह पंजीकरण, सरकारी रोजगार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, पासपोर्ट और आधार नंबर जारी करने समेत कई प्रक्रियाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो जाएगा। इसके अलावा गोद लिए गए (दत्तक),

 अनाथ, परित्यक्त और सरोगेट बच्चों के साथ-साथ एकल माता-पिता या अविवाहित माताओं के बच्चों के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को ये कानून सरल बनाएगा।

अनंतनाग मुठभेड़ के बाद भड़के वीके सिंह, बोले- पाकिस्तान को अलग-थलग करने की जरूरत, क्रिकेट-फिल्म समेत सब रिश्ते खत्म करो

#endallrelationswithpakistanvksingh

जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों और सेना के बीच मुठभेड़ में देश ने अपने तीन जांबाज खो दिए हैं। जम्मू-कश्मीर में तीन जवानों की शहादत पर केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने पाकिस्तान को लेकर बड़ा दिया है। वीके सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान पर दबाव बनाना होगा। इसके लिए उसे अलग-थलग करना होगा, नहीं तो बॉलीवुड और क्रिकेट खेलने वाले आते रहेंगे।वीके सिंह ने इंदौर संभाग में निकल रही जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान यह बातें कहीं।

पाकिस्तान को अलग-थलग करना होगा- सिंह

केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा, "जब तक हम पाकिस्तान को अलग-थलग नहीं करेंगे उनके लिए यह सामान्य बात की तरह चलता रहेगा। वो कहेंगे ठीक है। बॉलीवुड वाले आ जाएंगे हमारे यहां, क्रिकेट खेलने वाले आ जाएंगे हमारे यहां। कहेंगे सब ठीक है। चंगा है जी, कोई दिक्कत नहीं है। अगर उसके ऊपर दबाव डालना है तो उसको अलग-थलग करना होगा। जनरल वीके सिंह ने कहा कि उन्हें (पाकिस्तान) यह जानने की जरूरत है कि जब तक आप खुद सामान्य नहीं हो जाते, कोई भी सामान्य रिश्ता कायम नहीं रह सकता।

कल कहा था-पीओके खुद भारत में शामिल हो जाएगा

इससे पहले वीके सिंह कल राजस्थान के दौसा में परिवर्तन यात्रा निकाल रहे थे। इस दौरान उनसे पीओके को लेकर जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पीओके खुद भारत में शामिल हो जाएगा। उन्होंने कथित रूप से शिया मुस्लिम द्वारा पीओके में सीमा खोलने की मांगों को लेकर सवाल पूछा था, उन्होंने कहा कि बस कुछ समय की बात है, पीओके खुद हिंदुस्तान का हिस्सा बन जाएगा।

अनंतनाग मुठभेड़ में कमांडिंग अफसर समेत तीन जवान शहीद

बता दें कि बुधवार को अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके के गडोले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत, मेजर आशीष और पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं भट शहीद हो गए थे।आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के छद्म समूह प्रतिबंधित रेजिस्टेंस फ्रंट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने पुलिस और सेना के बहादुर अधिकारियों की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक संदेश में कहा कि दोषियों को जल्द ही न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।

ये क्या बोल गए यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के सलाहकार? भारत, चीन के लोगों की बुद्धिमता पर उठाया सवाल, ड्रैगन ने तो लगा दी क्लास

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यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के सलाहकार मिखाइलो पोडोल्याक ने बुधवार को एक ऐसा बयान दिया जिससे हंगामा खड़ा हो गया। मिखाइलो पोडोल्याक ने न्यूज़ एजेंसी स्पुतनिक को दिए इंटरव्यू में भारत और चीन के लोगों की बुद्धिमता पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि, जब विवाद बढ़ा तो यूक्रेन के विदेशी मंत्रालय ने उनके बयान से खुद को किनारा कर लिया जिसके बाद पोडोल्याक अपने बयान से ही पलट गए।उनकी ये टिप्पणी भारत में हल ही में संपन्न हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के कुछ दिनों बाद आई है।इस टिप्‍पणी को भारत में हुए जी20 की प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है। इस सम्‍मेलन के बाद जो घोषणा पत्र जारी हुआ, उसमें रूस का जिक्र नहीं था लेकिन यूक्रेन युद्ध का जिक्र हुआ था। वहीं, मायखाइलो पोडोल्याक के बयान पर चीन काफी नाराज है और उसने पोडोल्‍याक से सफाई मांगी है।हालांकि, भारत की तरफ से अभी पोडोल्‍याक की टिप्‍पणी पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्‍की के सलाहकार मायखाइलो पोडोल्याक ने “स्पुतनिक” को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारत, चीन के साथ समस्या यह है कि वे अपने कदमों के परिणामों का विश्लेषण नहीं कर रहे हैं, दुर्भाग्य से इन देशों की बौद्धिक क्षमता कमजोर है।’ मायखाइलो पोडोल्याक इतने पर नहीं रूके, बल्कि उन्होंने भारत के स्पेस मिशन चंद्रयान-3 को लेकर भी कुछ ऐसा कहा जिससे विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा, हां, वे विज्ञान में निवेश करते हैं, भारत ने चंद्रयान भी लॉन्च किया है, और उसका रोवर चंद्रमा की सतह पर ट्रैकिंग कर रहा है। लेकिन इससे यह नहीं तय हो जाता कि ये देश पूरी तरह समझ चुके हैं कि आधुनिक दुनिया किसे कहते हैं।

भारत में यूक्रेनी दूतावास ने बयान से किया किनारा

हालांकि भारत की तरफ से इस बयान पर कोई जवाब नहीं दिया गया है। लेकिन भारत में यूक्रेनी दूतावास ने मायखाइलो पोडोल्याक ने इस बयान से किनारा कर लिया है। दिल्ली में स्थित यूक्रेनी दूतावास ने कहा, 'मायखाइलो पोडोल्याक के बयान उनके निजी विचार हैं और उनके विचार यूक्रेन के विदेश मंत्रालय और राष्ट्रपति कार्यालय को नहीं दर्शाते हैं। 

पोडोल्याक के बयान पर चीन सख्त

वहीं, यूक्रेनी राष्‍ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्‍की के सलाहकार मायखाइलो पोडोल्याक के बयान पर चीन ने सख्ती से जवाब दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने पोडोल्याक के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उस बयान पर स्पष्टीकरण मांगा है। निंग ने एक और रूसी न्‍यूज एजेंसी से कहा कि यूक्रेन के अधिकारी को अपनी टिप्पणी के लिए सफाई देनी होगी। उन्‍होंने कहा कि यूक्रेन संकट पर, चीन हमेशा शांति के लिए बातचीत को बढ़ावा देने और राजनीतिक समाधान की सुविधा के लिए जिम्मेदार तरीके से काम करता आया है। निंग ने पोडोल्याक का जिक्र करते हुए कहा, 'जिस व्यक्ति का आपने हवाला दिया है उसे सटीक व्याख्या के आधार पर चीन की स्थिति को सही ढंग से देखना चाहिए।

दिल्ली घोषणापत्र पर यूक्रेन ने आपत्ति जताई

मायखाइलो पोडोल्याक का बयान तब सामने आया है जब भारत ने जी-20 समिट के दौरान यूक्रेन युद्ध मुद्दे पर भी 'न्यू दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन' को सर्वसम्मति से मंजूर किया। डिक्लेरेशन (घोषणापत्र) पर यूक्रेन ने आपत्ति जताई है। 'न्यू दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन' में रूस का जिक्र न होने पर यूक्रेन ने आपत्ति जताई. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने यूरोपीय देशों के रुख को लेकर हैरानी भी जताई. यूक्रेन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओलेग निकोलेंको ने डिक्लेरेशन को लेकर कहा कि घोषणापत्र में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे लेकर गर्व किया जा सके. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर हमें मौका मिलता तो हम स्थिति को कहीं बेहतर तरीके से सामने ला सकते थे.

'ये रियाज अहमद की मौत का बदला..', कश्मीर के अनंतनाग में मुठभेड़ के दौरान कर्नल-मेजर और DSP की शहादत पर आतंकियों ने उगला जहर

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग में आतंकवादियों के साथ भीषण मुठभेड़ में भारतीय सेना के कर्नल, मेजर सहित एक पुलिस उपाधीक्षक (DSP) वीरगति को प्राप्त हो गए। सूत्रों के मुताबिक, हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने कहा कि यह इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में उनके दिग्गज नेता की हत्या का बदला लेने की कार्रवाई थी।

बता दें कि, लश्कर कमांडर रियाज अहमद, जिसका कोडनेम कासिम था, की 8 सितंबर को PoK के रावलकोट क्षेत्र में अल-कुदुस मस्जिद के अंदर करीब से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सूत्रों के अनुसार, उसकी मौत से उसके अनुयायियों में आक्रोश फैल गया था, जिसके कारण कोकेरनाग में जवाबी हमला हुआ। अहमद का अब्बू भी एक आतंकवादी था, जो 2005 में मारा गया था। कोकेरनाग में मुठभेड़ जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना के संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान हुई। गोलीबारी में अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए और तत्काल सुदृढीकरण के बावजूद, वहां घेरा लगाए बैठे आतंकवादियों की भारी गोलीबारी के कारण उन्हें निकाला नहीं जा सका।

शहीद अधिकारियों की पहचान कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और डीएसपी हुमायूं भट के रूप में की गई है। कर्नल सिंह, जो 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर थे, ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था, जबकि मेजर धोनैक और डीएसपी भट की साँसें कुछ समय बाद थमी। इस बीच, कल के हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए आज गुरुवार (14 सितंबर) को अनंतनाग में आतंकवाद विरोधी अभियान जारी था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुरुवार को कहा कि उसने लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को "घेर" लिया है। इनमें से एक आतंकी की पहचान उजैर खान के तौर पर हुई है। 

कश्मीर जोन पुलिस ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि, कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनक और डीएसपी हुमायूं भट की अटूट वीरता को सच्ची श्रद्धांजलि, जिन्होंने इस चल रहे ऑपरेशन के दौरान सामने से नेतृत्व करते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया। हमारी सेनाएं अटूट संकल्प के साथ कायम हैं और उन्होंने उजैर खान सहित लश्कर के 2 आतंकवादियों को घेर लिया है।

कुछ टीवी चैनलों के एंकरों का भी 'बहिष्कार' करेगा I.N.D.I.A. गठबंधन! लिस्ट तैयार करने के लिए समिति गठित

भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A.) की समन्वय समिति ने मिलकर चुनाव लड़ने की रणनीति तैयार करने के लिए 13 सितंबर को दिल्ली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार के आवास पर एक बैठक की। 28 सदस्य पार्टियों में से समन्वय समिति में 14 सदस्य हैं और उनमें से 12 ने बैठक में भाग लिया। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता और सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी बैठक में शामिल नहीं हो सके, क्योंकि उन्हें शिक्षक भर्ती घोटाले में ED ने पूछताछ के लिए बुलाया था, जबकि CPIM ने अभी तक अपने प्रतिनिधि का नाम नहीं बताया था। बैठक के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि गठबंधन ने चुनाव के लिए सीट बंटवारे की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है। समन्वय समिति की बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि सदस्य दल देश के विभिन्न स्थानों पर संयुक्त सार्वजनिक रैलियां करेंगे।

 

गठबंधन की ऐसी पहली सार्वजनिक बैठक अक्टूबर के पहले सप्ताह में भोपाल में होगी। कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने कहा कि पहली सार्वजनिक बैठक बढ़ती कीमतों, बेरोजगारी और भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के मुद्दों पर केंद्रित होगी। इसके साथ ही I.N.D.I.A. जाति जनगणना का मुद्दा उठाने पर भी सहमत हुआ है। वहीं, एक दिलचस्प निर्णय में, गठबंधन समन्वय समिति ने गठबंधन द्वारा बहिष्कार किए जाने वाले टीवी एंकरों के नामों पर निर्णय लेने के लिए मीडिया पर उप-समिति को अधिकृत किया है। यानी विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल तमाम पार्टियाँ अपने प्रवक्ताओं को उप-समिति द्वारा चयनित एंकरों द्वारा आयोजित शो में नहीं भेजेंगी।

 

बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि, "समन्वय समिति ने मीडिया पर उप-समूह को उन एंकरों के नाम तय करने के लिए अधिकृत किया है, जिनके शो में भारत की कोई भी पार्टी अपने प्रतिनिधियों को नहीं भेजेगी।" उल्लेखनीय है कि मीडिया के लिए बने वर्किंग ग्रुप में 19 सदस्य हैं। बैठक के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) नेता जावेद अली खान ने कहा कि गठबंधन में सीट बंटवारे को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) के राघव चड्ढा जैसे अन्य सदस्यों ने भी यही बात कही और आश्वासन दिया कि पार्टियां जल्द ही सीट बंटवारे पर चर्चा शुरू करेंगी। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना के मामले पर सभी दलों में आम सहमति है। वहीं, CPI नेता डी राजा ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों सहित आगामी चुनावों के लिए सीट बंटवारे के मुद्दे पर राज्य स्तर पर बातचीत की जाएगी।

कुछ टीवी चैनलों के एंकरों का भी 'बहिष्कार' करेगा I.N.D.I.A. गठबंधन! लिस्ट तैयार करने के लिए समिति गठित

भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A.) की समन्वय समिति ने मिलकर चुनाव लड़ने की रणनीति तैयार करने के लिए 13 सितंबर को दिल्ली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार के आवास पर एक बैठक की। 28 सदस्य पार्टियों में से समन्वय समिति में 14 सदस्य हैं और उनमें से 12 ने बैठक में भाग लिया। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता और सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी बैठक में शामिल नहीं हो सके, क्योंकि उन्हें शिक्षक भर्ती घोटाले में ED ने पूछताछ के लिए बुलाया था, जबकि CPIM ने अभी तक अपने प्रतिनिधि का नाम नहीं बताया था। बैठक के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि गठबंधन ने चुनाव के लिए सीट बंटवारे की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है। समन्वय समिति की बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि सदस्य दल देश के विभिन्न स्थानों पर संयुक्त सार्वजनिक रैलियां करेंगे।

 

गठबंधन की ऐसी पहली सार्वजनिक बैठक अक्टूबर के पहले सप्ताह में भोपाल में होगी। कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने कहा कि पहली सार्वजनिक बैठक बढ़ती कीमतों, बेरोजगारी और भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के मुद्दों पर केंद्रित होगी। इसके साथ ही I.N.D.I.A. जाति जनगणना का मुद्दा उठाने पर भी सहमत हुआ है। वहीं, एक दिलचस्प निर्णय में, गठबंधन समन्वय समिति ने गठबंधन द्वारा बहिष्कार किए जाने वाले टीवी एंकरों के नामों पर निर्णय लेने के लिए मीडिया पर उप-समिति को अधिकृत किया है। यानी विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल तमाम पार्टियाँ अपने प्रवक्ताओं को उप-समिति द्वारा चयनित एंकरों द्वारा आयोजित शो में नहीं भेजेंगी।

 

बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि, "समन्वय समिति ने मीडिया पर उप-समूह को उन एंकरों के नाम तय करने के लिए अधिकृत किया है, जिनके शो में भारत की कोई भी पार्टी अपने प्रतिनिधियों को नहीं भेजेगी।" उल्लेखनीय है कि मीडिया के लिए बने वर्किंग ग्रुप में 19 सदस्य हैं। बैठक के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) नेता जावेद अली खान ने कहा कि गठबंधन में सीट बंटवारे को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) के राघव चड्ढा जैसे अन्य सदस्यों ने भी यही बात कही और आश्वासन दिया कि पार्टियां जल्द ही सीट बंटवारे पर चर्चा शुरू करेंगी। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना के मामले पर सभी दलों में आम सहमति है। वहीं, CPI नेता डी राजा ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों सहित आगामी चुनावों के लिए सीट बंटवारे के मुद्दे पर राज्य स्तर पर बातचीत की जाएगी।