*जिले में डेंगू के मिले मरीज, दो की रिपोर्ट पॉजिटिव*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। स्वास्थ्य विभाग के लाख कवायद के बाद भी जिले में डेंगू की इंट्री हो गई। भदोही के घमहापुर के एक व सुरियावां के एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिले से आठ लोगों का सैंपल बीएचयू में एलाईजा टेस्ट के लिए गया था। जिले में डेंगू की दस्तक होते ही स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। बृहस्पवितार को विभाग ने गांव में पहुंच कर दवाओं का छिड़काव कराया।स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में डेंगू, मलेरिया जैसी संक्रामक बीमारियों से निपटने के पुख्ता इंतजाम किए जाने का दावा किया जा रहा है।

इसके बाद निजी चिकित्सालयों में बढ़ी मरीजों का दबाव और गांवों में लगातार बढ़ रहे संक्रामक मरीजों की संख्या विभागीय दावाें की पोल खोल रहे थे। बीते साल जिले में डेंगू के रिकॉर्ड 101 और मलेरिया के 22 केस मिले थे। इस बीच इस साल भी दो केस मिल चुके हैं। कुछ दिन पहले सुरियावां निवासी एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अब भदोही घमहापुर निवासी एक और व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है।

जिला मलेरिया अधिकारी राम आसरे पाल ने बताया कि भदोही के घमहापुर से शनिवार को डेंगू के पांच संदिग्ध मरीज मिले थे। जांच के लिए सैंपल बीएचयू भेजा गया था। उसी में एक व्यक्ति की रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव आई है। सोमवार को भदोही नगर से डेंगू के तीन संदिग्ध मरीजों का सैंपल लेकर जांच के लिए बीएचयू भेजा गया था। इन सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। डेंगू के मरीज की स्थित सामान्य है। गांव में दवा का छिड़काव कर दिया गया है। रैपिड रिस्पांस टीम द्वारा गांव की मॉनिटरिंग की जा रही है।

*शिक्षकों का इंतजार खत्म, स्कूल आवंटन की तिथि तय*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सूबे के अलग-अलग जिलों से स्थानांतरित होकर आए शिक्षकों के स्कूल आवंटन का इंतजार खत्म हो गया। सचिव बेसिक शिक्षा का पत्र आने पर बेसिक शिक्षा विभाग स्कूल आवंटन की कवायद में जुट गया है।

16 सितंबर को 209 शिक्षक-शिक्षिकाओं को स्कूल आवंटित हो जाएगा।जिले में 892 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। इसमें एक लाख 55 हजार बच्चे पंजीकृत हैं। बच्चों को पढ़ाने के लिए करीब 3800 शिक्षक, 500 अनुदेशक और आठ सौ शिक्षामित्र तैनात हैं।

पिछले महीने अंतरजनपदीय स्थानांतरण के तहत दो चरणाें में 209 शिक्षक जिले में आए। स्कूल आवंटन के लिए शिक्षक और शिक्षिकाओं ने आवेदन किया है। अगस्त में होने वाला स्कूल आवंटन अपरिहार्य कारणों से रुक गया था।

इससे अस्थायी तौर पर ही शिक्षक भेजे गए स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे हैं। करीब एक महीने बाद सचिव बेसिक शिक्षा प्रताप सिंह बघेल ने पत्र भेजकर स्कूल आवंटन की प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए। आवंटन के लिए मिर्जापुर मंडल में शामिल भदोही में 16 सितंबर की तिथि तय की गई है।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि स्कूल आवंटन को लेकर पत्र आ गया है। 16 सितंबर को जिले में आए शिक्षकों को विद्यालय आवंटित हो जाएंगे।

सबकुछ बेसिक शिक्षा परिषद से ही तय होगा। महिला, दिव्यांग को प्राथमिकता दी जाएगी। जिन स्कूलों में एक या दो शिक्षक हैं, पहले उन्हें भरा जाएगा।

*एक करोड़ से 30 आंगनबाड़ी केंद्रों की सुधरेगी सेहत*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। करीब एक करोड़ खर्च कर जिले के 30 आंगनबाड़ी केंद्रों की सेहत सुधारी जाएगी। सीडीओ के निर्देश पर हर ब्लॉक से पांच-पांच केंद्र का चयन कर ब्लॉकों को प्रस्ताव भेजा गया है।

एक-एक केंद्र पर तीन-तीन लाख रुपये खर्च होंगे।जिले में 1496 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इसमें सवा लाख बच्चे पंजीकृत हैं। एक से दो दशक पूर्व बने आंगनबाड़ी केंद्र निगरानी एवं देखरेख न होने से जर्जर हो चुके हैं। जिले के 747 आंगनबाड़ी केंद्र प्राथमिक विद्यालयों के भवनों और 174 पंचायत भवन में चल रहे हैं।

इसके अलावा 450 आंगनबाड़ी केंद्र खुद के भवन में और 150 किराये के कमरे में संचालित हो रहे हैं। कई भवन तो बैठने लायक तक नहीं हैं। अब इन भवनों की सुधि प्रशासन ने ली है।

मुख्य विकास अधिकारी यशवंत कुमार सिंह के निर्देश पर बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग ने हर ब्लॉक से पांच-पांच केंद्रों की सूची ब्लॉकों पर भेजी है। इसमें सुरियावां ब्लॉक के अबरना, बहुता चकडाही, मधुपट्टी, तुलापुर, महुआपुर, औराई में भरतपुर, सायर, कैयरमऊ, दिघवट, बरजीकला, अभोली में अभोली, भीखापुर, नागमलपुर, जगतपुर, कुढ़वा सहित अन्य शामिल हैं।

जिला कार्यक्रम अधिकारी मंजू वर्मा ने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर छह ब्लॉक से 30 केंद्रों की सूची भेजी गई है। पंचायत निधि और मनरेगा से ही मरम्मत कार्य होगा। उन्होंने बताया कि एक-एक केंद्र पर ढाई से तीन लाख रुपये खर्च होंगे।

जिले में हर वर्ष नए भवन स्वीकृत हो रहे हैं, लेकिन उनकी संख्या सीमित है। 2021 में सात, 2022 में 11 भवन स्वीकृत हुए। इससे मरम्मत कर पुराने भवनों को बेहतर किया जाएगा।

केंद्रों की हालत यह है कि 439 केंद्रों में पेयजल की व्यवस्था नहीं है और 628 में शौचालय की सुविधा तक नहीं है। डीपीओ मंजू वर्मा का कहना है कि हर साल नए भवन सीमित संख्या में बन रहे हैं।

*भदोही में गैंगस्टर-एक्ट में 6 अभियुक्तों की संपत्ति होगी कुर्क*

बाहुबली विजय मिश्रा के बेटे-बहू की प्रॉपर्टी भी शामिल, जिलाधिकारी ने जारी किया आदेश

नितेश श्रीवास्तव

भदोही के जिला मजिस्ट्रेट गौरांग राठी ने गैंगस्टर के 6 अभियुक्तों की 69 लाख की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है।

 जल्द ही प्रशासन-पुलिस की टीम उनकी संपत्तियों को कुर्क करेगी। इसमें बाहुबली विजय मिश्रा के बेटे-बहू की भी 25.35 लाख की संपत्ति कुर्क करने का आदेश भी शामिल है। गैंगस्टर एक्ट के तहत पूर्व विधायक विजय मिश्रा के बेटे विष्णु मिश्रा व बहू रुपा मिश्रा की कंपनी के नाम क्रय किया डंपर कुर्क किया जायेगा।

भदोही के अपर पुलिस अधीक्षक राजेश भारती ने कहा कि गैंगस्टर अभियुक्तों की संपत्ति कुर्क करने का आदेश जिला मजिस्ट्रेट ने दिया है। जल्द ही प्रशासन की टीम कुर्की की कार्रवाई करेगी। पूर्व विधायक विजय मिश्र के बेटे व बहू की संपत्ति के अलावा अन्य थाना क्षेत्रों के गैंग लीडर विपुल सिंह का 25 लाख रुपए की कीमत का मकान, वाजिद खान का 5 लाख की कीमत का चार पहिया वाहन।

शकील अहमद उर्फ पप्पू व मोहम्मद फैजान की 4 लाख 85 हजार रुपए की कीमत की कार, 6 लाख 75 हजार की कीमत का ट्रक, मोहम्मद सलमान की 1 लाख 80 हजार रुपए की कीमत की बुलेट मोटरसाइकिल ,सौरभ चौबे 80 हजार रुपए की कीमत की मोटरसाइकिल कुर्क की जाएगी। इन गैंगस्टर के अभियुक्तों ने आपराधिक कृत्य से अर्जित धन से यह संपत्ति बनाई थी।

*नगर पंचायत के खुले मेनहोल दे रहे हादसे को दावत*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। निकाय क्षेत्रों में जगह-जगह खुले मेनहोल हादसे को दावत दे रहे हैं। इससे विभागीय अधिकारी अंजान बन बैठे हैं। कहीं पर खुले मेनहोल के ढक्कन गायब है तो क‌ई जगहों पर ढक्कन ही टूट ग‌ए है। यही हाल नाली पर रखे गए पटिया की है। मेनहोल और नालियों में आए दिन साइकिल व बाइक सवार गिरते रहते हैं।

नाला खुला होने के कारण उसमें प्लास्टिक सहित अन्य सामग्री लोग डंप कर देते हैं। निकायों के विकास के लिए हर साल लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं। इसमें सुंदकीरण जल निकासी, सफाई व्यवस्था,कचरा उठान, मरम्मत कार्य समेत अन्य मदों में खर्च किए जाते हैं।

मानसून सीजन से पहले नालियों की सफाई भी कराई जाती है। इस बार भी सफाई कार्य कराया गया, लेकिन सभी सीवर साफ नहीं हो सका। इस बीच क‌ई जगहों पर खुले मेनहोल के कारण अक्सर दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है।

ज्ञानपुर नगर पंचायत में क‌ई क‌ई स्थानों पर मेनहोल खुले हुए हैं। इसमें वार्ड नंबर नौ से होकर चकटोडर मार्ग, बालीपुर पीडब्ल्यूडी के पीछे का मार्ग, वार्ड संख्या संख्या पांच यादव बस्ती, पुरानी देहाती समेत आधा दर्जन क्षेत्रों में मेनहोल व नालियां खुली है।

क‌ई बार लोग अंजाने में इसमें गिर जाते हैं। ईओ राजेन्द्र दूबे ने कहा कि बजट का अभाव है। कर्मचारियों को वेतन देने में दिक्कत आती है। इसके बाद भी ज्ञानपुर नगर में विकास कार्य चल रहे हैं। क‌ई स्थानों पर टूटे हुए मेनहोल, नालियों को दुरुस्त करा दिए गए हैं।

*19 हजार किसानों की सम्मान निधि पर संकट*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने वाले 19 हजार किसानों ने एक साल बाद भी ई-केवाईसी नहीं कराई है।

कृषि विभाग के गांवों में चलाए गए विशेष अभियान में भी इन्होंने दिलचस्पी नहीं दिखाई। इससे विभाग अब इनका नाम पोर्टल से हटाने की कवायद में जुट गया है। 15 सितंबर तक ई-केवाईसी कराने पर ही किसान 15वीं किस्त पाने के हकदार होंगे।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की पहली किस्त दिसंबर 2019 में जारी हुई थी। शुरुआती दौर में जिले में 1.71 लाख किसानों को योजना का लाभ मिला था। इसके बाद से किसानों की संख्या लगातार बढ़ती गई।

मार्च 2022 तक किसानों की संख्या 2,26,280 तक पहुंच गई, हालांकि सत्यापन शुरू होने पर 45 हजार से अधिक अपात्र मिले। इनको 12वीं किस्त के बाद योजना का लाभ नहीं दिया गया। पात्रों के चयन के लिए एक साल में कृषि विभाग ने ब्लॉक, गांव, तहसील स्तर पर शिविर लगाकर नए लोगों का नाम जोड़ा। इस अभियान में भी 19 हजार किसानों ने ई-केवाईसी नहीं कराया।

उप निदेशक कृषि डॉ. अश्वनी कुमार सिंह ने बताया कि ई- केवाईसी कराना अनिवार्य हो गया है। 19 हजार लाभार्थियों ने अब भी ई-केवाईसी नहीं कराया है। इससे आगामी किस्त से पूर्व इनका नाम हटा दिया जाएगा।

*तीन कस्तूरबा गांधी विद्यालय भी बनेंगे परीक्षा केंद्र*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले के तीन कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में साल 2024 की बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्र बनाए जाएंगे।

187 माध्यमिक और इंटर कॉलेजों संग इन विद्यालयों को भी आधारभूत सूचनाओं को परिषद की वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं। कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में वर्ष 2023 के सत्र में नौवीं कक्षा में अब तक 500 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है।

आगामी सत्र से इंटर की कक्षाएं भी शुरू हो जाएंगी।वर्ष 2024 के फरवरी-मार्च में संभावित यूपी बोर्ड परीक्षा की तैयारी शुरू हो गई है। माध्यमिक शिक्षा परिषद के निर्देश पर 187 माध्यमिक व इंटर कॉलेजों की आधारभूत सूचनाएं वेबसाइट पर अपलोड कराई जा रही हैं।

कस्तूरबा गांधी आवसीय विद्यालय सुरियावां, ज्ञानपुर और भदोही में नौवीं की कक्षा शुरू होने से अब वहां की आधारभूत सूचनाओं को वेबसाइट पर अपडेट करना है। इससे केंद्र निर्धारण में सहूलियत होगी।

जिला विद्यालय निरीक्षक विकायल भारती ने बताया कि संसाधनों को देखकर परिषद केंद्र का निर्धारण करता है। उसके बाद जिला कमेटी से केंद्रों को फाइनल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उच्चीकृ़त कस्तूरबा विद्यालय में आगामी सत्र से इंटर की कक्षाएं भी चलने लगेंगी। जिले में 187 राजकीय, वित्तपोषित और वित्तविहीन विद्यालय संचालित हैं।

माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से वरीयता क्रम में पहले राजकीय माध्यमिक विद्यालय, फिर सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय और इसके बाद वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों को परीक्षा केंद्र निर्धारित करने का नियम है।यूपी बोर्ड परीक्षा के केंद्र निर्धारित करने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने नया मोबाइल एप विकसित किया है।

इसके माध्यम से विद्यालय का फोटो क्लिक करते ही स्कूल की जियो लोकेशन, विद्यालयों के मध्य दूरी आदि परिषद की वेबसाइट पर दर्ज हो जाएंगी। इससे जियो लोकेशन में की जाने वाली हेराफेरी नहीं हो सकेगी।

परीक्षा के केंद्रों के निर्धारण में पारदर्शिता लाने के लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने नया एपीआई युक्त मोबाइल एप विकसित कराया है। इसके प्रयोग से अब केंद्र निर्धारण में होने वाली हीलाहवाली पर अंकुश लग सकेगा। केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया को अधिक सुदृढ़ और पारदर्शी बनाने के लिए इस एप का उपयोग किया जाएगा।

*एमबीएस चिकित्सालय में टूटा रिकॉर्ड, अगस्त में 16 हजार मरीजों की ओपीडी*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। बदलते मौसम का असर लोगों की सेहत पर देखने को मिल रहा है। आलम यह है कि ओपीडी में मरीजों की बाढ़ आ गई है। उमस, भीषण गर्मी और अनियमित खान-पान के कारण बड़ी संख्या में लोग बीमार पड़ रहे हैं।

महाराजा बलवंत सिंह राजकीय चिकित्सालय में बीते तीन महीने के मुकालबे में अगस्त महीने में 35 फीसदी अधिक ओपीडी हुई। सोमवार को भी 897 नए मरीजों की ओपीडी हुई। इसके अलावा 400 मरीज दोबारा चिकित्सक को दिखाने पहुंचे थे।

इस प्रकार सोमवार को कुल 1297 में लोगों की ओपीडी हुई।जिले में बीते दस दिनों से भी अधिक समय से उमस भरी गर्मी का मौसम बना हुआ है। दिन में तीखी धूप और दिनभर उसम भरे मौसम के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है। जिसका सीधा असर लोगों की सेहत पर देखने को मिल रहा है।

भदोही के कई इलाकों में संक्रामक बीमारियों की भी आशंका है। दूसरी तरफ चिकित्सालय प्रशासन लगातार बढ़ते मरीजों की संख्या को लेकर कहना है कि चिकित्सालय में सुविधाएं बढ़ने और मौसम तथा खानपान के असर के कारण मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।

आंकड़ों पर गौर करें तो मई में 11834, जून में 12282, जुलाई में 12095 ओपीडी हुई थी। दूसरी तरफ अगस्त माह में ओपीडी में अचानक इजाफा हुआ और यह संख्या 16 हजार तक पहुंच गई। अगस्त महीने में 16073 लोगों की ओपीडी हुई। इसी तरह आईपीडी (इन पेशेंट डिपार्टमेंट) में कोई खास फर्क नहीं दर्ज की गई है।

मई में 488, जून में 614, जुलाई में 601 आईपीडी के मुकाबले अगस्त माह में 421 आईपीडी ही हुई। इससे साफ है कि भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या अभी भी सामान्य ही है। बुखार, उल्टी, सर दर्द, दस्त, पेट दर्द, अपच, ऐंठन आदि से पीड़ित ही आ रहे हैं।

सीएमएस डॉ. संजय तिवारी ने कहा कि गर्मी, उमस में खानपान में सावधानी बरतना भी जरूरी है। बीमारी बताकर नहीं आएकी, लेकिन उचित खानपान से खुद को और बच्चों को स्वस्थ रखा जा सकता है। दावा किया कि अस्पताल में सुविधाएं बेहतर हुई है। इसलिए यह संख्या बढ़ी दिखाई दे रही है।नहीं हैं कई प्रमुख विशेषज्ञ चिकित्सक

भदोही। भदोही क्षेत्र बुनकर और मजदूर बहुल क्षेत्र है। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए यहां की बड़ी आबादी महाराजा बलवंत सिंह राजकीय अस्पताल पर आश्रित है, लेकिन समस्या यह है कि यहां कई प्रमुख विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद खाली हैं।

यदि यहां कुछ चिकित्सक बढ़ा दिया जाएं तो निश्चित रूप से हजारों लोग लाभान्वित होंगे। सीएमएस ने बताया कि चर्म रोग, स्त्री रोग, ईएनटी और कार्डियोलॉजिस्ट की तैनाती नहीं है।

इस संबंध में शासन से समय समय पर पत्राचार होता है, लेकिन अब तक किसी को भेजा नहीं गया है। संवाद

*जिले में 50 किमी के दायरे में बनेगा डबल सेफ्टी डिवाइडर*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में रेल खंड की पूर्वी-पश्चिमी सीमा में लगभग 50 किमी का दायरा शामिल होगा। वहीं वाराणसी से प्रयागराज तक कुल 120 किमी तक डबल सेफ्टी डिवाइडर बनाया जाएगा।

संयुक्त तकनीकी टीम ने एक सप्ताह पहले सर्वे पूरा कर वाराणसी रेल मंडल प्रशासन को रिपोर्ट सौंपी है।

मुख्यालय गोरखपुर की स्वीकृति मिलने पर लगभग 50 करोड़ की लागत से डबल सेफ्टी डिवाइडर बनाया जाएगा।माधोसिंह-प्रयागराज रेल खंड दोहरीकरण-विद्युतीकरण परियोजना का लगभग 80 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। इस रेलखंड पर हर दिन 25 जोड़ी के आसपास अप-डाउन ट्रेनें गुजरती हैं।

खास बात है कि इस रेलखंड से वंदेभारत जैसी महत्वपूर्ण ट्रेन भी रफ्तार भरती है। रेलखंड पर जिले की पूर्वी सीमा कटका से पश्चिमी सीमा अतरौरा हॉल्ट तक है। बीच में माधोसिंह, ज्ञानपुर रोड, अहिमनपुर, अलमऊ, सरायजगदीश, जंगीगंज हॉल्ट का क्षेत्र पूरी तरह से खुला है। जहां अक्सर दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ती रहती है।

कई बार ट्रैकों पर बेजुबान जानवरों के आने से दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है। वहीं कई बार रेलखंड से गुजरने वाले वंदेभारत जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनों पर पथराव इत्यादि की भी शिकायत मिलती है। ऐसे में रेलखंड पर डबल सेफ्टी डिवाइडर बनने से इस तरह की घटनाएं रुक सकेंगी।

वंदेभारत पर अक्सर होती है पथराव की घटना

माधोसिंह-प्रयागराज रेलखंड से होकर गुजरने वाले वंदेभारत एक्सप्रेस पर अक्सर पथराव का मामला सामने आता है। इसको लेकर रेलवे की ओर से एसआईबी व आरपीएफ की संयुक्त टीम का गठन हुआ है, जो वंदेभारत के अप-डाउन के दौरान सक्रिय रहती है।

लगभग चार माह पहले ऊंज मुंगरहा के पास रेलवे ट्रैक पर किसी अराजक तत्व ने लोहे की कुर्सी रख दी थी। इससे वंदेभारत दुर्घटनाग्रस्त होने से बची थी। इस मामले में आरपीएफ ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया था।

*संतान की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने की ललही छठ की पूजा*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। ललही छठ का का पर्व क्षेत्र में मंगलवार को धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर महिलाओं ने व्रत रख पुत्र के दीर्घायु होने की कामना की। कृष्ण पर्व की षष्ठी के दिन होने वाले इस त्योहार पर व्रती महिलाएं दिनभर व्रत कर पूजा आरती करने के बाद नदी या तालाब में उगने वाले, बिना हल चलाए पैदा होने वाले चावल और दही खाकर व्रत तोड़ती हैं। जन्माष्टमी से पहले हर साल हलषष्ठी या ललही छठ का त्योहार मंगलवार को जिले में धूमधाम से मनाया गया।जगह-जगह छीउल व कुस को जमीन में गाड़कर सामूहिक रूप से पूजा की गई।

 पुत्रों की दीर्घायु व पुत्र प्राप्ति के लिए विवाहिता महिलाओं ने व्रत भी रखा। आचार्य संतोष महाराज ने बताया कि भाद्रप्रद कृष्ण पक्ष की षष्ठी को मनाए जाने वाले इस पर्व के दिन भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था। इस दिन महिलाएं व्रत रखते हुए कथा सुनती हैं। आचार्य संतोष महाराज ने बताया कि इसके पीछे मान्यता है कि जब कंस को पता चला कि वासुदेव और देवकी की संतान उसकी मृत्यु का कारण बनेगी तो उसने उन्हें कारागार में डाल दिया। छह संतानों का कंस ने वध कर डाला। सातवां पुत्र होना था, तब उनकी रक्षा के लिए नारद मुनि ने उन्हें हलष्ठी माता की व्रत करने की सलाह दी, जिससे उनका पुत्र कंस के कोप से सुरक्षित हो जाए।

देवकी ने व्रत किया और इसके प्रभाव से भगवान ने योगमाया से कहकर देवकी के गर्भ में पल रहे बच्चे को रानी के गर्भ में स्थानांतरित कर दिया। इससे कंस भी धोखा खा गया। उसने समझा कि देवकी का सातवां पुत्र जिंदा नहीं है। उधर, रोहिणी के गर्भ से बलराम का जन्म हुआ। देवकी को आठवें पुत्र के रूप में श्रीकृष्ण की प्राप्ति हुई। देवकी के व्रत से दोनों पुत्रों की रक्षा हुई। तभी से ललही छठ त्योहार पर महिलाएं व्रत रखकर कथा सुनती है।