नई रेल लाईन बिछने से 90 मिनट में औरंगाबाद से पहुंचेंगे पटना
औरंगाबाद : भारतीय रेल ने औरंगाबाद, अरवल और पटना(दक्षिणी ग्रामीण इलाके) के लोगों के लिए चिर प्रतीक्षित प्रस्तावित औरंगाबाद-बिहटा रेल लाइन परियोजना को नया लुक दिया। अब नये कलेवर में रेल लाइन परियोजना के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएंगी।
नई बोतल में पुरानी शराब पर अलग एसेंस वाला हाल-
रेलवे बोर्ड द्वारा औरंगाबाद-बिहटा रेल लाइन के नया लुक और कलेवर देने की योजना को नई बोतल में पुरानी शराब डालने और उसमें नया एसेंस मिलाकर परोसने जैसा ही माना जा सकता है।
इस बारे में पूर्व मध्य रेल के हाजीपुर स्थित मुख्यालय के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) वीरेंद्र कुमार ने बताया कि भारतीय रेल ने प्रदेश की राजधानी पटना के बिहटा से औरंगाबाद के बीच सीधी रेल लाइन बिछाने की पूर्व की योजना के स्थान पर नई योजना बनाई है। कहा कि नई औरंगाबाद-बिहटा प्रस्तावित रेल लाइन परियोजना के लिए सर्वे का काम भी शुरू कर दिया गया है। इसके तहत नया रेल ट्रैक बिछाने के लिए सुलभ रूट और संभाव्यसता का भी पता लगाया जाएगा। यह भी भी पता लगाया जाएगा कि प्रस्तावित रूट के बीच कितने और कौन कौन से गांव, शहर या कस्बेंए आएंगे। प्रस्ताबवित रूट पर कितनी संख्या और किन-किन स्थानों पर पुल-पुलियों का निर्माण कराने की जरूरत होगी। इसी के आधार पर प्रस्तावित रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी।
अभी औरंगाबाद से पटना की दूरी 150 किमी. के सफर में लगते है 4 घंटे-गौरतलब है कि औरंगाबाद से पटना की दूरी वाया एनएच-139 करीब 150 किमी. है। इस दूरी को तय करने में 4 घंटे लगते है। हालांकि पहले जब सड़क अच्छी नही थी और यह सड़क एनएच के रूप में अधिसूचित नही हुआ था, तब इस मार्ग से पटना का सफर तय करने में छः घंटे लगा करते थे।
नई रेल लाईन बिछने से 90 मिनट में औरंगाबाद से पहुंचेंगे पटना-
प्रस्तावित औरंगाबाद रेल लाइन इलाकें में संभावनाओं के द्वार खोलने वाली परियोजना है। इससे इलाके में विकास की गति तेज होगी और पटना के सफर में लगने वाला समय भी कम होगा। नई रेल लाइन बिछने और इस पर ट्रेनों का परिचालन शुरू होने के बाद औरंगाबाद से पटना का सफर महज डेढ़ से 2 घंटे में तय हो सकेगा।
3 करोड़ की राशि से हो रहा नया सर्वे-
पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ ने बताया कि प्रस्तावित औरंगाबाद-बिहटा रेल लाइन परियोजना के सर्वे के लिए रेलवे बोर्ड द्वारा 3 करोड़ की राशि आवंटित की गई है। साथ ही बोर्ड ने 120.77 किमी. लंबें औरंगाबाद -बिहटा औरंगाबाद रेल लाइन परियोजना के लिए पुनः नये सिरे से सर्वे करने का आदेश दिया था। सर्वे के बाद परियोजना का विस्तृत प्रतिवेदन यानी डीपीआर (डिटेल्डन प्रोजेक्टस रिपोर्ट) तैयार किया जाएगा. डीपीआर तैयार होगा। इसके बाद परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। उन्होने कहा कि परियोजना के लिए पहले हुआ सर्वे वर्तमान में व्यावहारिक नही रह गया था। इसी वजह से रेलवे बोर्ड परियोजना का नये सिरे से सर्वे करा रहा है।
4075 करोड़ के खर्च का अनुमान-
उल्लेखनीय है कि औरंगाबाद-बिहटा रेल लाइन परियोजना 15 साल से अधिक समय पुरानी है। इस परियोजना का तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने 16 अक्टूनबर 2007 को बिहटा के पास शिलान्याजस भी किया था। इसके बाद से यह परियोजना अटकती, लटकती और भटकती रही है। पुरानी योजना के तहत पूर्व में मात्र 10 किमी. ही सर्वे का काम पूरा हुआ है। वर्तमान में इस परियोजना पर 4075 करोड़ की लागत आने 14 स्टेशन प्रस्तावित-सीपीआरओ ने बताया कि नये रेल रूट पर 14 स्टे शन प्रस्ता.वित हैं। फिलहाल इस रेल परियोजना के लिए रेलवे बोर्ड ने 87 करोड़ रुपये आवंटित कर रखे है और नये सर्वे मे रेल लाइन के रूट में नाम मात्र का बदलाव किया गया है। अब यह रेल लाइन बिहटा से नही निकलकर बिहटा और कोइलवर के बीच से निकलेगी।
अरसे से लोगों को इंतजार-प्रस्तावित औरंगाबाद-बिहटा रेल लाइन परियोजना का धरातल पर उतरने का इलाके के लोग अरसे से इंतजार हो रहा है। शिलान्यास के बाद से इंतजार के 16 साल बीत चुके है। अभी और कितने साल बीतेंगे, यह भी फिलहाल कहना मुश्किल है।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र
Aug 22 2023, 16:52